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UP News: यूपी में जाति आधारित रैलियों पर रोक, पुलिस FIR, वाहनों और साइन बोर्ड्स में भी नहीं होगा इस्तेमाल

Lucknow: उत्तर प्रदेश में जातिगत भेदभाव को खत्म करने के लिए सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर जाति का उल्लेख करने पर रोक लगा दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस रिकॉर्ड और सार्वजनिक स्थलों पर नाम के साथ जाति का उल्लेख नहीं किया जाएगा। जाति आधारित रैलियों पर भी प्रतिबंध रहेगा जिससे राजनीतिक दलों पर असर पड़ेगा। कार्यवाहक मुख्य सचिव दीपक कुमार ने आदेश जारी किए हैं। जिसके मुताबिक, एफआईआर, गिरफ्तारी मेमो आदि में जाति का उल्लेख हटेगा और माता-पिता के नाम जोड़े जाएंगे। जारी आदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट के 16 सितंबर के आदेश का हवाला दिया गया है।
SC/ST एक्ट जैसे मामलों में छूट रहेगी
कार्यवाहक मुख्य सचिव दीपक कुमार ने अपने 10 सूत्रीय आदेश में लिखा कि एफआईआर, गिरफ्तारी मेमो आदि में जाति का उल्लेख हटाया जाएगा। इसकी जगह माता-पिता के नाम जोड़े जाएंगे। थानों के नोटिस बोर्ड, वाहनों और साइनबोर्ड्स से जातीय संकेत और नारे हटाए जाएंगे। इसके अलावा जाति आधारित रैलियों पर पूर्ण प्रतिबंध, सोशल मीडिया पर भी सख्त निगरानी रखी जाएगी। हालांकि SC-ST एक्ट जैसे मामलों में छूट रहेगी और आदेश के पालन के लिए SOP और पुलिस नियमावली में संशोधन किया जाएगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा था?
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से केंद्रीय मोटर वाहन नियमों (सीएमवीआर) में संशोधन करने के लिए एक रेगुलटरी फ्रेमवर्क तैयार करने को कहा था ताकि सभी निजी और सार्वजनिक वाहनों पर जाति-आधारित नारों और जाति-सूचक चिह्नों पर स्पष्ट रूप से प्रतिबंध लगाया जा सके। कोर्ट ने यह भी कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के प्रावधानों को “सोशल मीडिया पर जाति-प्रशंसा और घृणा फैलाने वाली सामग्री” को चिह्नित करने और उसके विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
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Ayodhya: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर लहराई धर्म ध्वजा, पीएम मोदी बोले- आज 500 साल के यज्ञ की पूर्णाहुति है

Ayodhya: राम मंदिर का निर्माण आज संपूर्ण हो गया है। 500 वर्षों का इंतजार खत्म हुआ और 25 नवंबर को धर्म ध्वजारोहण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर पर धर्म ध्वज फहराई। मंदिर निर्माण की शुरुआत 9 नवंबर 2019 को SC के फैसले के बाद हुई। पीएम मोदी ने शुभ मुहूर्त में 22 फीट लंबे, 11 फीट चौड़े और लगभग 3 किलो वजनी धर्म ध्वजा को फहराया। कार्यक्रम में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सहित देशभर से आए करीब 7000 मेहमान इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने। ध्वजारोहण से पूर्व पीएम मोदी ने सप्तमंदिर में सप्त ऋषियों के दर्शन और भगवान राम की आरती की।
ध्वजारोहण के बाद पीएम मोदी बोले, भाव-विहोर करने वाला अनुभव
अयोध्या राम मंदिर में ध्वरोहण कार्यक्रम के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी भावनाएं जाहिर की हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या के पावन धाम में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में ध्वजारोहण समारोह का हिस्सा बनना मेरे लिए अत्यंत भावविभोर करने वाला अनुभव रहा। शुभ मुहूर्त में संपन्न हुआ यह अनुष्ठान हमारे सांस्कृतिक गौरव और राष्ट्रीय एकता के नए अध्याय का उद्घोष है। राम मंदिर का गौरवशाली ध्वज, विकसित भारत के नवजागरण की संस्थापना है। ये ध्वज नीति और न्याय का प्रतीक हो, ये ध्वज सुशासन से समृद्धि का पथ प्रदर्शक हो और ये ध्वज विकसित भारत की ऊर्जा बनकर इसी रूप में सदा आरोहित रहे…..भगवान श्री राम से यही कामना है। जय जय सियाराम।
भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज- पीएम मोदी
अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजारोहण के बाद अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, ‘आज सदियों के घाव भर रहे हैं। सदियों की वेदना विराम पा रही है और संकल्प सिद्धि को प्राप्त हो रहा है। राम मंदिर के शिखर पर फहरा रहा ये ध्वज भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ‘ध्वज’ है। ये ध्वज सदियों से चले आ रहे सपनों का साकार स्वरूप है।’
500 साल चले यज्ञ की पूर्णाहुति है- प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आज पूरा भारत, पूरा विश्व राम-मय है। हर राम भक्त के दिल में अद्वितीय संतोष है। असीम कृतज्ञता है। अपार अलौकिक आनंद है। आज उस यज्ञ की पूर्णाहुति है, जिसकी अग्नि 500 साल तक प्रज्वलित रही। आज भगवान राम की ऊर्जा भव्य राम मंदिर के शिखर पर इस धर्म ध्वजा के रूप में स्थापित है।’
यह धर्म ध्वज निर्माण के संघर्ष की एक कहानी है- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा ‘राम मंदिर के शिखर पर फहरा रहा यह ध्वज केवल एक ध्वज नहीं है। यह पूरी तरह से भारतीय सभ्यता के कायाकल्प का ध्वज है। भगवा रंग, सूर्यवंश का निशान, ओम शब्द और कोविदारा वृक्ष राम राज्य की महिमा दिखा रहे हैं। ऐसा राम राज्य जहां सत्य ही धर्म है, कोई भेदभाव या दर्द न हो, शांति और खुशी हो, कोई गरीबी न हो और कोई लाचार न हो। यह ध्वज एक संकल्प है, एक सफलता है, निर्माण के संघर्ष की एक पूरी कहानी है, सैकड़ों सालों के संघर्ष का एक साकार रूप है। हमारी आने वाली हजारों सदियों तक यह ध्वज भगवान राम के मूल्यों का प्रचार-प्रसार करेगा।’
भगवान राम के मूल्यों को प्रसारित करेगा ध्वज- पीएम मोदी
अयोध्या के राम मंदिर से पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा, ‘हमारे शास्त्रों में लिखा है कि जो लोग किसी वजह से मंदिर नहीं आ पाते और दूर से ही मंदिर के ध्वज को प्रणाम कर लेते हैं, उन्हें भी वही पुण्य मिलता है, जो मंदिर में दर्शन से प्राप्त होता है। यह ध्वज दूर से ही रामलला के जन्मस्थान के दर्शन कराएगा और आने वाली कई सदियों तक भगवान श्री राम के मूल्यों और आदर्शों को प्रसारित करेगा।’
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UP News: ‘फंडिंग नहीं जनसहयोग से चलता है आरएसएस’, संघ प्रमुख की मौजूदगी में सीएम योगी का बयान

Lucknow: राजधानी के जनेश्वर मिश्र पार्क में रविवार को आयोजित दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव कार्यक्रम में सीएम योगी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पहुंचे थे। इस दौरान सीएम योगी ने पहली बार खुले मंच से संघ की फंडिंग पर उठ रहे सवालों का करारा जवाब दिया है। सीएम योगी ने कहा कि आरएसएस की फंडिंग को लेकर दुनिया से आए विदेशी नेता और डिप्लोमेट हमसे पूछते हैं कि आरएसएस की फंडिंग कहा से आती है। इसपर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने पूरे सौ वर्षीय इतिहास में कभी भी सेवा के साथ सौदेबाजी नहीं की। संघ को कोई विदेशी देश, संस्था या बाहरी संगठन फंड नहीं करता है। आरएसएस समाज के सहयोग, लोगों की निःस्वार्थ भावना और राष्ट्रप्रेम से चलता है। सीएम योगी ने गीता के श्लोकों का उल्लेख करते हुए कहा कि जहां सत्य और धर्म का मार्ग होता है, वहीं विजय मिलती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधर्म के मार्ग पर चलने वालों की जीत कभी संभव नहीं होती है। गीता का ज्ञान केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन का मार्गदर्शक है। आज के परिवेश में भी श्रीमद्भगवद् गीता मानवता को सही दिशा देने में सक्षम है। सीएम ने कहा कि आरएसएस ने बीते 100 वर्षों में समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और बिना किसी स्वार्थ के सामाजिक उत्तरदायित्व को सर्वोच्च स्थान दिया है।
इस मौके पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि गीता मूल में पढ़नी चाहिए, समझ लेनी चाहिए, तो पता चलेगा। गीता का और एक गुण विशेष ऐसा है कि हर बार आप चिंतन करते हो, तो हर बार आपको नई बात मिलती है। जो भी स्थिति में आपको उपयोगी लगती है, क्योंकि वो सब कुछ है, उससे सदा-सर्वदा, सब परिस्थितियों के लिए सब उपाय मिलते है। मोहन भागवत ने कहा कि भगवान ने पहली बात बताई कि तुम समस्या को टालने का प्रयास कर रहे हो, भागने का प्रयास कर रहे हो।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि पहली बात है कि भागो मत, खड़े रहो, समस्या आई, उसका सामने से मुकाबला करो। समस्या का निदान पाना है, तो दाएं-बाएं नहीं देखना है। समस्या के अंदर घुसकर निदान करना पड़ता है और इसलिए खड़े रहो, भागो मत। वहीं सीएम योगी ने कहा कि दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव की जब हम बात करते हैं तो श्रीमद् भागवत गीता के 700 श्लोक जिन्हें हर भारत का सनातन धर्मावलंबी जीवन का मंत्र मानकर बड़ी पवित्रता के साथ, बड़े आदर भाव के साथ उन्हें आत्मसात करने का प्रयास करता है। वह हम सबके सामने 18 अध्यायों की 700 श्लोकों की श्रीमद् भागवत गीता हर सनातन धर्मावलंबी के सामने आती हुई और एक नई प्रेरणा देती हुई दिखाई देती है।
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UP News: फर्जी पैन कार्ड केस में आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला को 7-7 की सजा, MP-MLA कोर्ट का फैसला

Azam khan: यूपी के रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को सपा नेता आजम खां और उनके बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को दो पैन कार्ड मामले में दोषी ठहराते हुए 7-7 की कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा दोनों पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। फैसले के बाद दोनों को अदालत ने तुरंत कस्टडी में ले लिया। रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने फर्जी पैन कार्ड मामले में सोमवार को ही दोनों को दोषी करार देने के कुछ देर बाद सजा सुना दी। कोर्ट ने दोनों पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया है।फैसले को देखते हुए कचहरी परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। बाहर बड़ी संख्या में भाजपा और सपा कार्यकर्ता भी एकत्र हो गए थे। इससे परिसर के आसपास तनाव का माहौल बना रहा।
पूर्व मंत्री आजम खान को 23 सितंबर यानी 2 महीने पहले ही सीतापुर जेल से रिहा हुए थे। जबकि उनके बेटे अब्दुल्ला 9 महीने पहले हरदोई जेल से रिहा हुए थे। अब दोनों फिर से जेल जाएंगे। बता दें कि फर्जी पैन कार्ड का मामला 2019 का है। रामपुर में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस थाने में दोनों के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने आरोप लगाया था कि आजम ने बेटे अब्दुल्ला को चुनाव लड़वाने के लिए दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्रों के आधार पर दो पैन कार्ड बनवाए। असली जन्म तिथि यानी 1 जनवरी 1993 के मुताबिक, अब्दुल्ला 2017 में चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थे। उनकी उम्र 25 साल नहीं हुई थी। इसलिए आजम ने दूसरा पैन कार्ड बनवाया, जिसमें उन्होंने जन्म का साल 1990 दिखाया था।
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UP Encounter: मुरादाबाद में दो बदमाशों का एनकाउंटर, 24 घंटे में तीन बदमाश मारे गए

Moradabad Encounter: उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद में पुलिस और एसटीएफ के ज्वॉइंट ऑपरेशन में दो बदमाश एनकाउंटर में मारे गए हैं। मारे गए बदमाशों के नाम आसिफ उर्फ टिड्डा और दीनू उर्फ इलियास हैं। टिड्डा ने हरियाणा में 40 लाख की डकैती डाली, जिसमें उसे सजा भी हो चुकी थी। लेकिन वह फरार चल रहा था। उसने मुरादाबाद के एक व्यापारी से एक करोड़ की रंगदारी भी मांगी थी। आसिफ उर्फ टिड्डा पर हत्या-लूट और डकैती जैसे 65 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे। वह एक लाख का इनामी था, जबकि बदमाश दीनू उर्फ इलियास पर 50 हजार का इनाम था। उस पर 35 मुकदमे थे। मुठभेड़ में मुरादाबाद एसएसपी सतपाल अंतिल और मेरठ एसटीएफ यूनिट के एएसपी की बुलेटप्रूफ जैकेट में गोली लगी और धंस गई। दोनों अधिकारी बाल-बाल बचे।
पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से एक कार, कार्बाइन 30 बोर, तीन पिस्टल 32 बोर, भारी मात्रा में जिंदा कारतूस 30 बोर और 32 बोर बरामद किए हैं। ये मुठभेड़ सोमवार देर शाम भोजपुर थाना क्षेत्र में गोट रेलवे स्टेशन के पास हुई है। जानकारी के अनुसार एनकाउंटर में दोनों बदमाश गोली लगने के बाद गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया , जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बता दें कि बीते बीते 24 घंटे में उत्तरप्रदेश में तीन बदमाश एनकाउंटर में ढेर हुए हैं। रविवार देर रात हापुड़ में पुलिस ने गो-तस्कर हसीन को एनकाउंटर में मार गिराया था। हसीन पर 50 हजार का इनाम था। प्रदेश में 38 दिनों में 13 बदमाश एनकाउंटर में मारे गए हैं।
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UP News: दिल्ली ब्लास्ट के बाद अयोध्या में राम मंदिर की सुरक्षा बढ़ाई गई, पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां

Lucknow: दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम धमाका हो गया। इसमें 10 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद यूपी में सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर हैं। साथ ही राम मंदिर की सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई है। एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि डीजीपी के निर्देश पर प्रदेश के सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को संवेदनशील धार्मिक स्थलों, जिलों और सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के आदेश दिए गए हैं।
पूरे प्रदेश में गश्त, चेकिंग और निगरानी बढ़ा दी गई है। लखनऊ समेत प्रमुख शहरों में पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती की गई है। साथ ही रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और बाजारों में भी सुरक्षा बाढ़ की गई। अधिकारियों ने आम जनता से अपील की गई है कि वे किसी संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।













