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ब्रेकिंग न्यूज़: पीएम किसान सम्मान निधि को लेकर मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश, 15 दिन का दिया समय
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Chhattisgarh: सीएम ने दिए लोहारीडीह गांव की घटना की मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश, एसपी-कलेक्टर भी हटाए गए
Kawardha: मुख्यमंत्री विष्ण देव साय ने कवर्धा जिले में ग्राम लोहारीडीह में 15 सितंबर को शिवप्रसाद साहू की मृत्यु के उपरांत घटित आगजनी में रघुनाथ साहू की मृत्यु की दुर्भाग्यजनक घटना के मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने इस घटना के परिप्रेक्ष्य में पुलिसकर्मियों द्वारा ग्रामीणों से मारपीट किए जाने की घटना के चलते रेंगाखार थाने के निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक सहित वहां पदस्थ कुल 23 पुलिसकर्मियों को भी हटा दिया है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर कबीरधाम जिले के कलेक्टर और एसपी को हटा दिया गया है। कबीरधाम के कलेक्टर जन्मेजय महोबे के स्थान पर गोपाल वर्मा को कबीरधाम जिले का कलेक्टर नियुक्त किया गया है। कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव को हटाकर उनके स्थान पर राजेश कुमार अग्रवाल को पुलिस अधीक्षक पदस्थ किया गया है। बता दें कि कबीरधाम जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ आईपीएस विकास कुमार को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा दिए गए मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश के परिपालन में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कबीरधाम द्वारा अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी निर्भय कुमार साहू को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है तथा उन्हें 30 दिवस के भीतर निर्धारित बिन्दुओं पर जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में इस तरह की किसी भी प्रकार की घटना में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा संबंधितों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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CG Cabinet: पांचों विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन को कैबिनेट की मंजूरी, अब सभी मंत्री होंगे सदस्य
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण तथा बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। कैबिनेट ने राज्य में गठित पांचों विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन आदेश में आंशिक रूप से संशोधन की मंजूरी दी है। इस संशोधन से पांचों प्राधिकरणों में जनप्रतिनिधित्व का दायरा काफी विस्तृत किया गया है।
पांचों विकास प्राधिकरणों में अब राज्य मंत्रिमण्डल के सभी मंत्रीगणों को सदस्य के रूप में शामिल करने के साथ ही संबंधित क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद एवं प्राधिकरण क्षेत्रों के जिला पंचायत अध्यक्षों को अब इसका सदस्य बनाया गया है। पांचों प्राधिकरणों में प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। शेष सभी सदस्य यथावत रहेंगे।
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में प्रस्तावित संशोधन को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। जिसके तहत मुख्यमंत्री प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं क्षेत्र के विधायक उपाध्यक्ष होंगे। इस प्राधिकरण में सदस्य के रूप में शामिल पूर्व में मात्र तीन विभागों के मंत्री के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त माननीय मंत्रीगणों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण क्षेत्र के जिला पंचायत अध्यक्ष प्राधिकरण के सदस्य होंगे। प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को प्राधिकरण के सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुसार पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल 35 विधायकगणों को और अन्य सदस्यों को यथावत रखा गया है।
सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन किया गया है। माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं क्षेत्र के विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) उपाध्यक्ष होंगे। पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्री एवं वित्त मंत्री के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगण प्राधिकरण के सदस्य होंगे। प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण क्षेत्र के जनजाति बाहुल्य जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष भी अब प्राधिकरण के सदस्य होंगे। आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुसार इसमें सदस्य के रूप में शामिल 14 विधायकगणों को यथावत शामिल किया गया है।
अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण
माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा विधायक (अ.जा. आरक्षित) प्राधिकरण के उपाध्यक्ष होंगे। राज्य मंत्रिमण्डल के दो मंत्रियों के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के सभी मंत्रीगणों, संबंधित क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण के जिला पंचायत अध्यक्ष (अ.जा.), अनुसूचित जाति विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव इस प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे। अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुरूप सदस्य के रूप में शामिल किए गए 10 विधायकों को यथावत रखा गया है।
मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा क्षेत्र के विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) उपाध्यक्ष होंगे। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में किए गए संशोधन के अनुसार अब दो मंत्रीगणों के स्थान पर राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगणों तथा प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद एवं जिला पंचायत अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इस प्राधिकरण में आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को सदस्य के रूप मंे तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। इस प्राधिकरण में पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल 12 विधायकों को यथावत रखा गया है।
बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष और प्राधिकरण क्षेत्र के निर्वाचित विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) इसके उपाध्यक्ष होंगे। पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल मात्र दो मंत्रियों के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगणों, प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद तथा प्राधिकरण क्षेत्र के जनजातीय बाहुल्य जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग इस प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण में सदस्य के रूप में पूर्व में शामिल 12 विधायकगणों को यथावत सदस्य रखा गया है।
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
1.राज्य के शहरों के सुव्यवस्थित विकास और राज्य की विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा एक बड़ा निर्णय लिया गया। जिसके तहत भूखण्डों का पुनर्गठन और प्रदेश में स्वीकृत विकास योजना के क्रियान्वयन हेतु शहरी विकास नीति (टीडीएस) का अनुमोदन किया गया। इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने हेतु आवास एवं पर्यावरण विभाग को अधिकृत किया गया है।
2.प्रदेश में विकास योजनाओं में प्रस्तावित जनोपयोगी भूमि के समुचित रूप से विकास करने, अतिक्रमण तथा अवैध निर्माणों को हतोत्साहित करने एवं शहरी आबादी को आधुनिक नागरिक सुविधाओं के अभाव और असुविधाओं के निराकरण के लिए इस शहरी विकास नीति का निर्धारण किया गया है। नगर विकास योजना आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक अथवा अन्य प्रयोजन हेतु क्रियान्वित की जा सकेगी।
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Chhattisgarh: भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री का जीरो टॉलरेंस, पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक को किया निलंबित
Raipur: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कलेक्टर कान्फ्रेंस में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस को लेकर सख्त निर्देश अधिकारियों को दिए थे। मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार को लेकर कड़ाई जमीनी स्तर पर भी उतनी ही सख्त नजर आ रही है। इसकी बानगी एक बार फिर सरकार की त्वरित कार्रवाई से दिखती है। बीते दिनों छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा छापी गई शैक्षणिक सत्र 2024-25 की नई किताबों को कबाड़ में बेचे जाने का मामला सामने आया था।
मुख्यमंत्री साय ने सिलयारी स्थित रियल बोर्ड पेपर मिल में छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा छापी गई वर्ष 2024-25 सत्र की नई किताबें के कबाड़ में बेचे जाने की घटना के प्रकाश में आने पर तत्काल गंभीरतापूर्वक संज्ञान लेते हुए अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले को इस घटना की जांच के निर्देश दिए थे। जांच के उपरांत छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर प्रेम प्रकाश शर्मा की प्रथम दृष्टया लापरवाही परिलक्षित होने पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत् तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस में कड़े तेवर दिखाने के बाद मुख्यमंत्री ने निलंबन की इस कार्यवाही से यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रशासनिक लापरवाही उन्हें बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं होगी। छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम का मामला सामने आने पर इस घटना की जांच का दायित्व मुख्य सचिव के पश्चात सबसे वरिष्ठ अधिकारी को देना यह स्पष्ट करता है कि इस राज्य में अब प्रशासनिक ढिलाई के दिन बीत चुके हैं । यदि किसी ने लापरवाही या भ्रष्टाचार किया, तो उस पर कार्यवाही अवश्य होगी।
सीएम शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों में बिलकुल भी लापरवाही नहीं चाहते। मुख्यमंत्री साय ने शासकीय दायित्वों के निर्वहन में उदासीनता बरतने वाले लापरवाह अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कारवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि यह सुशासन की सरकार है और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस है। किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के द्वारा अपने शासकीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा लापरवाह अधिकारियों पर तत्काल कड़ी कारवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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Chhattisgarh: स्वास्थ्य विभाग में 650 पदों पर होगी जल्द भर्ती, वित्त विभाग ने दी अनुमति
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ एवं बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। अस्पतालों में उन्नत चिकित्सकीय उपकरण के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती भी की जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश के परिपालन में स्वास्थ्य विभाग में रिक्त विभिन्न 650 पदों पर भर्ती की अनुमति दे दी गई है।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि वित्त विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग को स्टॉफ नर्स, टेक्नीशियन, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक, ड्रेसर, वार्ड व्वाय, वार्ड आया आदि के कुल 650 पदों पर भर्ती के लिए अनुमति प्रदान की गई है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मी भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर उक्त पदों की भर्ती की जाएगी।
वित्त विभाग द्वारा स्टॉफ नर्स के 225, सायकेट्रिक नर्स के 5, ओ.टी. टेक्नीशियन के 15, डेंटल टेक्नीशियन के 5, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक पुरूष एवं महिला के 100-100, सहायक ग्रेड-3 एवं फार्मासिस्ट ग्रेड-2 के 25-25, ड्रेसर ग्रेड-1 के 50, तथा वार्ड व्वॉय एवं वार्ड आया के 50-50 इस प्रकार कुल 650 पदों पर भर्ती के अनुमति स्वास्थ्य विभाग को दी गई है।
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Chhattisgarh: मुख्यमंत्री साय ने जनदर्शन में हजारों लोगों की सुनी समस्याएं, तत्काल मदद से चेहरों पर आई मुस्कान
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में आयोजित जनदर्शन कार्यक्रम में मरीजों को इलाज के लिए तत्काल आर्थिक सहायता मंजूर करने के साथ ही दिव्यांगों को मोटराईज्ड ट्राइसाइकिल, वॉकर सहित अन्य सहायक उपकरण प्रदान की। जनदर्शन कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न इलाकों से सभी आयु वर्ग एवं समाज के हजारों लोग अपनी समस्या एवं मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे। जनदर्शन कार्यक्रम दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ और शाम 7 बजे तक चला। मुख्यमंत्री साय ने इस दौरान एक-एक कर सभी लोगों की समस्याओं एवं मांगों को बड़ी तन्मयता के साथ सुना और निदान के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री साय ने जनदर्शन कार्यक्रम में इलाज के लिए मदद का आवेदन लेकर आई रायपुर आमापारा की उषा ठाकुर, जो कि ओरल कैंसर से पीड़ित हैं, उन्हें इलाज के लिए एक लाख रूपए का चेक प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने रायपुर के गुढ़ियारी निवासी रोशन साहू के 8 वर्षीय बीमार पुत्र के इलाज के लिए 25 हजार रूपए तथा दिव्यांग कलाकार विवेक भोंसले को वाद्ययंत्र खरीदने के लिए 15 हजार रूपए का चेक प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने जनदर्शन कार्यक्रम में दिव्यांग राजूराम वाचम और लीलाशंकर साहू को मोटराईज्ड ट्राइसायकिल, मोहम्मद रसीद कुरैशी को व्हीलचेयर, इंद्रसेन गोस्वमी को एल-बो क्रेच एवं विवेक शर्मा को वॉकर प्रदान किया।
जनदर्शन में आने वाले लोगों के लिए बैठने और स्वल्पाहार का विशेष प्रबंध मुख्यमंत्री साय के निर्देश के परिपालन में किया गया था। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में लोगों के प्रवेश की व्यवस्था को भी सहज रखा गया था, ताकि लोगों को किसी भी तरह की तकलीफ न हो। कार्यक्रम स्थल में मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य परीक्षण का भी प्रबंध किया गया है।
जनदर्शन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से जशपुर जिले के ग्राम कदेलकछार निवासी विनोद कुमार लकड़ा ने मुलाकात कर जुनाडीह से बरकानी सड़क निर्माण का मामला लंबित होने की जानकारी देने के साथ ही सड़क निर्माण शुरू कराए जाने का आग्रह किया। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के ग्राम माल्दी के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से गांव के जलाशय क्षेत्र को अतिक्रमण से बचाने तथा इसमें संलिप्त लोगों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से इस जलाशय को संरक्षित करने के साथ ही पूर्व की भांति इससे किसानों को सिंचाई के लिए जलापूर्ति किए जाने की मांग की। मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई का भरोसा ग्रामीणों दिलाया। बिलाईगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सक की अनुपस्थिति और इलाज के नाम पर खानापूर्ति किए जाने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए।
जनदर्शन कार्यक्रम में जशपुर से आई दृष्टिबाधित कुमारी रूपवर्षा ने पढ़ने में आ रही दिक्कत को दूर करने के लिए ऑर्बिट रीडर यन्त्र प्रदान किए जाने का आग्रह किया। रायगढ़ जिले की खरसिया की रहने वाले 45 वर्षीया दुर्गेश नंदिनी राठौर ने मुख्यमंत्री से सब्जी बाड़ी एवं मछली पालन के लिए भूमि पट्टे पर दिए जाने की मांग की। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कलेक्टर रायगढ़ को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए। एक दुर्घटना में बांया हाथ खो चुके दुर्ग निवासी श्री सागर देवांगन के आवेदन पर मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को निःशुल्क कृत्रिम हाथ लगवाए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बालिका खिलाड़ियों को हौसला बढ़ाया
दक्षिण कोरिया में 25-30 अगस्त तक आयोजित एशियन कप बीच वुडबॉल चैम्पियनशिप में ब्रॉज मेडल हासिल करने वाली महासमुंद की चैन कुमारी निषाद और रायपुर की रंजीता खलको भी मुख्यमंत्री से मुलाकात करने जनदर्शन कार्यक्रम में पहुंची थी। मुख्यमंत्री ने दोनों खिलाड़ियों को अपने पास मंच पर बुलाकर उनकी हौसला अफजाई की और उनके साथ फोटो भी खिंचाई।
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