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MP News: मुख्यमंत्री की पहल पर हुई ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने सर्वदलीय बैठक, सर्वसम्मति से संकल्प पारित किया गया

Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का विषय सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। प्रदेश में सभी राजनीतिक दल अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए सहमत हैं। विभिन्न पक्षों के अधिवक्ता इस विषय में न्यायालय के सामने अपने-अपने बिन्दु रख रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण विषय पर 22 सितम्बर से प्रतिदिन सुनवाई करेगा। इस विषय पर सभी दलों की सहमति हो, इस संबंध में गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर सर्वदलीय बैठक हुई।
बैठक में सर्वसम्मति से संकल्प पारित किया गया कि इस विषय में सभी दल एकजुट होकर एक फोरम पर आएंगे और विभिन्न पक्षों के अधिवक्तागण भी 10 सितम्बर तक एक साथ बैठक करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के संबंध में मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में हुई सर्वदलीय बैठक के बाद जारी अपने संदेश में यह बात कही।
बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी राजनीतिक दल एक मत से राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के सदस्यों को 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए कटिबद्ध हैं। प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के सदस्यों को राज्य शासन और उसके विभिन्न घटकों द्वारा की गई चयन प्रक्रिया में विभिन्न न्यायिक आदेशों के फलस्वरूप नियुक्ति आदेश जारी किए जाने से वंचित शेष 13 प्रतिशत अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी किए जाने सभी दल एकजुट होकर इसे क्रियान्वित करने के लिए विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका के सभी फोरम पर मिलकर प्रयास करेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुसार हरसंभव प्रयास किए हैं। जिन विभागों में गुंजाइश थी उन सभी विभागों में आरक्षण देने में सरकार पीछे नहीं रही। कई विभाग जिनमें स्टे नहीं था, जैसे लोक निर्माण विभाग आदि में 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। इस विषय में राज्य सरकार वरिष्ठतम अधिवक्ताओं की सलाह लेने और राज्य सरकार का पक्ष रखने में उनका सहयोग लेने के लिए वर्तमान में भी सहमत और तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग को उनका हक दिलाने में प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर हो रही जातिगत जनगणना से भी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा इस विषय पर सर्वदलीय बैठक आयोजित करने की पहल की राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने सराहना की। सर्वदलीय बैठक में शामिल सभी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों और सदस्यों ने अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष एवं विधायक उमंग सिंघार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस अरूण यादव, प्रदेश अध्यक्ष बहुजन समाज पार्टी रमाकांत पिप्प्ल, प्रदेश अध्यक्ष समाजवाद पार्टी मनोज यादव, प्रदेश अध्यक्ष गोंडवाना गणतंत्र पार्टी एवं विधायक तलेश्वर सिंह मरकाम, प्रदेश अध्यक्ष आम आदमी पार्टी एवं महापौर नगर पालिक निगम सिंगरौली रानी अग्रवाल, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के जे.पी दुबे, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल तथा अधिवक्ता वरूण ठाकुर उपस्थित थे।
बैठक में पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग रामकृष्ण कुसमारिया, विधायक एवं प्रदेश अध्यक्ष भाजपा हेमंत खंडेलवाल, सतना सांसद गणेश सिंह तथा विधायक प्रदीप शामिल हुए। बैठक में एडवोकेट जनरल प्रशांत सिंह ने वर्चुअली सहभागिता की। मुख्य सचिव अनुराग जैन, प्रमुख सचिव विधि एन.पी. सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सर्वदलीय बैठक को स्वागत योग्य पहल बताया। समाजवाटी पार्टी के मनोज यादव ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग को उनका अधिकार मिलना चाहिए। पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडलवाल तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जे.पी. दुबे ने भी अपने विचार रखे।
अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए शिक्षा एवं सेवाओं में आरक्षण 27 प्रतिशत किए जाने संबंधी जानकारी
दिनांक 8 मार्च 2019 को म.प्र. शासन द्वारा अध्यादेश जारी कर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए शिक्षा एवं सेवाओं में आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया गया। दिनांक 14 अगस्त 2019 को विधानसभा में विधेयक पारित कर इसे कानून के रूप में लागू किया गया।
वर्तमान में 19 मार्च 2019 को दायर WP 5901/ 2019 (आशिता दुबे विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन) सहित 40 से अधिक प्रकरण उच्चतर न्यायालयों में प्रचलन में हैं, जिनमें मूलतः अंतरिम आदेश द्वारा अध्यादेश/अधिनियम में 14 प्रतिशत से अधिक आरक्षण के क्रियान्वयन पर रोक लगाई गई है, परंतु अधिनियम की वैधानिकता पर न्यायालय द्वारा कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की गई है। अतः उपरोक्त अधिनियम आज की स्थिति में वैधानिक है एवं इसकी वैधानिकता पर वर्तमान में उच्चतम न्यायालय में याचिका क्रमांक Writ Petition (s) (Civil) No(s). 606/2025 में अंतिम सुनवाई 22 सितंबर 2025 से प्रारंभ होना नियत है।
दिनांक 19 मार्च 2019 को दायर याचिका WP 5901/2019 (आशिता दुबे विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन) में अंतरिम आदेश द्वारा अध्यादेश के आधार पर 14 प्रतिशत से अधिक आरक्षण महाविद्यालय में प्रवेश के दौरान न देने के निर्देश दिये। (चिकित्सा शिक्षा विभाग) WP No.-25181/2019, WP No.-8923/2020 एवं 40 अन्य याचिकाओं में 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ प्रकाशित विज्ञापनों (यथा MPPSC, PEB, TET आदि) पर रोक लगाई गई। उपरोक्त प्रकरणों में समय-समय पर पारित अंतरिम आदेश के कारण प्रावधानित 27 प्रतिशत अन्य पिछडा वर्ग आरक्षण का क्रियान्वयन प्रायोगिक रूप से संभव नहीं हो पाया है।
शासन द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रचलित WP No.-25181/2019, WP No.-8923/2020 एवं 40 अन्य याचिकाओं को WP 5901/2019 के साथ सम्मिलित कराया गया। उपरोक्त याचिकाओं में पारित अंतरिम आदेशों के मद्देनजर महाधिवक्ता के माध्यम से मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रभावी प्रतिरक्षण की कार्यवाही सुनिश्चित की गई।
दिनांक 29 सितंबर 2022 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को परीक्षा परिणाम दो भागों में, 87 प्रतिशत पदों पर मुख्य तथा 13 प्रतिशत पदों पर प्रावधिक परिणाम घोषित करने के निर्देश जारी किये गए।
दिनांक 27 जनवरी 2024 को सामान्य प्रशासन विभागद्वारा मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड को परीक्षा परिणाम दो भागों में, 87 प्रतिशत पदों पर मुख्य तथा 13 प्रतिशत पदों पर प्रावधिक परिणाम घोषित करने के निर्देश जारी किये गए।
50 प्रतिशत की उपरोक्त सीमा के संबंध में विद्यमान असाधारण परिस्थितियों (Extra ordinary circumstances) का विवरण/विश्लेषण का आधार अधिनियम में स्पष्ट नहीं है। अधिनियम के प्रभावी प्रतिरक्षण का सशक्त प्रयास मध्यप्रदेश शासन द्वारा महाधिवक्ता के माध्यम से किया जा रहा है।
दिनांक 02 सितंबर 2021 को मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन किया गया। मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के उद्देश्य अनुसार – पिछड़े वर्गों की सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक प्रस्थिति, इस वर्ग के पिछड़ेपन के कारणों के अध्ययन हेतु शासन आदेश दिनांक 06/10/2023 द्वारा दो सदस्यों की नियुक्ति की गई। अन्य असाधारण परिस्थितियों का चिन्हांकन भी उद्देश्यों में शामिल है।
दिनांक 05 मई 2022 को मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग द्वारा म.प्र. शासन को प्रथम प्रतिवेदन एवं दिनांक 12 मई 2022 को द्वितीय प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
सुरेश महाजन बनाम म.प्र. शासन WP 278/2022 केस में दिनांक 18 मई 2022 को उच्चतम न्यायालय द्वारा स्थानीय निर्वाचन (ग्रामीण एवं नगरीय निकाय), अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण (35 प्रतिशत तक) के साथ चुनाव करवाने हेतु अनुमति प्रदान की गई। अन्य पिछड़ा वर्ग के राजनैतिक प्रतिनिधित्व के लिए यह अभूतपूर्व कदम था।
विभिन्न राज्यों में अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण और कुल आरक्षण की सापेक्ष स्थिति के दृष्टिगत भी राज्य सरकार अपना पक्ष रख रही है।
उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के संबंध में विचाराधीन समस्त याचिकाएँ उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली, स्थानांतरित की गयी। वर्तमान में उच्चतम न्यायालय में याचिका क्रमांक Writ Petition(s) (Civil) No(s). – 606/2025 में अंतिम सुनवाई 22 सितंबर 2025 से प्रारंभ होना नियत है।
दिनांक 23 जुलाई 2025 को पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के नए अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति की गई है।
मध्यप्रदेश पिछडा वर्ग कल्याण आयोग ने शासन स्तर पर अन्य पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक एवं राजनैतिक आंकड़ों को एकत्रित करने के साथ साथ उनके पिछड़ेपन के कारणों का सर्वेक्षण तथा वैज्ञानिक अध्ययन करने के लिए डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय (महू) एवं म.प्र. जन अभियान परिषद (योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग) को कार्य सौंपा है। साथ ही उपलब्ध आंकड़ों के सामाजिक-वैज्ञानिक अनुसन्धान एवं सांख्यिकीय विश्लेषण हेतु विशेषज्ञ संस्थाओं की सेवायें भी ली जा रही हैं।
मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग द्वारा उपरोक्त बिन्दुओं पर अनुभवजन्य एवं विश्लेषणात्मक प्रतिवेदन तैयार करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत शासन द्वारा आगामी कार्यवाही की जाएगी।
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MP News: ‘शाहगढ़ में बनेगा सिविल अस्पताल, बण्डा में बनेगा सर्वसुविधायुक्त स्टेडियम’, मुख्यमंत्री ने की घोषणा

Sagar: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रविवार को सागर जिले की तहसील बण्डा में सांदीपनि विद्यालय भवन का लोकार्पण किया। सीएम मोहन यादव ने 50.65 करोड़ रुपए के 16 निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। साथ ही सागर जिले की बहुप्रतीक्षित लांच नदी परियोजना की स्वीकृति की घोषणा की। शाहगढ़ में सिविल अस्पताल बनाने, बण्डा में सर्वसुविधा युक्त स्टेडियम, सिविल अस्पताल, बण्डा में पोस्टमार्टम हाउस, बण्डा क्षेत्र में राखसी, चकेरी, विनेयका में भवन विहीन स्कूलों के लिए भवन बनाने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि तहसील मुख्यालय बण्डा में आज लगभग 31 करोड़ रुपए की लागत से नव निर्मित सर्वसुविधा युक्त सांदीपनि विद्यालय भवन का लोकार्पण किया गया है। इस विद्यालय में सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा है कि बण्डा क्षेत्र में सर्वसुविधा युक्त स्कूल भवन के निर्माण से इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को सीधा लाभ होगा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि बण्डा में बने सांदीपनि विद्यालय का भवन बहुत ही अद्भुत और सर्व-सुविधा युक्त है। सांदीपनि विद्यालय परियोजना मध्यप्रदेश शासन की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जो गरीब वर्ग के विद्यार्थियों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के विज़न के साथ प्रारंभ की गई है।
समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना से बुंदेलखंड के हर खेत को पानी मिलेगा। इससे क्षेत्र में समृद्धि आएगी। किसान अपने खेतों को समृद्ध बनायें और किसी हालत में अपनी कृषि भूमि न बेचें। केन-बेतवा लिंक परियोजना से आने वाला समय कृषि के लिये बहुत लाभकारी होगा। उन्होंने कहा किशीघ्र ही कृषि के क्षेत्र में बुंदेलखंड पंजाब और हरियाणा को पीछे छोड़ देगा। सागर जिले सहित सागर संभाग के सभी जिलों में विकास की गंगा बहेगी।
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MP News: शहीद इंस्पेक्टर आशीष शर्मा का राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार, सीएम बोले- शहादत पर प्रदेश को गर्व

Narsinghpur: नक्सली मुठभेड़ में शहीद बालाघाट में हॉक फोर्स के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा को आज गुरुवार को उनके गृह ग्राम नरसिंहपुर जिले के बोहानी में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शर्मा के अंत्येष्टि कार्यक्रम में पहुंचकर शहीद की पार्थिक देह को कांधा भी दिया। सीएम ने इस मौके पर कहा कि इंस्पेक्टर आशीष शर्मा ने नक्सल विरोधी अभियान में अदम्य साहस का परिचय देते हुए कर्तव्य पथ पर सर्वोच्च बलिदान दिया है। परिजनों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि आशीष शर्मा की शहादत पर प्रदेश को गर्व है।
परिजनों को 1 करोड़ की सम्मान निधि, छोटे भाई को एसआई पद पर मिलेगी नियुक्ति
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शहीद के परिवार को एक करोड़ रुपये की सम्मान निधि प्रदान की जाएगी। साथ ही, बोहानी गांव में शहीद आशीष शर्मा के नाम से एक पार्क और स्टेडियम भी विकसित किया जाएगा, ताकि भावी पीढ़ियों को राष्ट्रप्रेम की प्रेरणा मिलती रहे और उनकी स्मृति अक्षुण्ण बनी रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद आशीष शर्मा के छोटे भाई को शासकीय नियमों में शिथिलता बरतते हुए सब-इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय परिवार को संबल देने और शहीद के अदम्य साहस को सदैव याद रखने और आमजन में राष्ट्रप्रेम के लिए प्रेरित करने के योगदान को सम्मान देने के उद्देश्य से लिया गया है।
अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब
गुरुवार सुबह शहीद आशीष शर्मा की पार्थिव देह बालाघाट से बोहानी ग्राम लाई गई। जिले की सीमा सिवनी खापा में कैबिनेट मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरते समय जगह-जगह बड़ी संख्या में नागरिकों ने नम आंखों से शहीद शर्मा के अंतिम दर्शन किए। गृह ग्राम बोहानी पहुंचने पर ग्रामवासियों ने अपने लाल का अश्रुपूर्ण स्वागत किया। घर से लेकर राघव नगर ग्राउंड तक अंतिम यात्रा भारी भीड़ के बीच निकाली गई। शहीद को राजकीय सम्मान सहित गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। राघव नगर ग्राउंड में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार संपन्न हुआ।
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MP News: नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में हॉक फोर्स के इंस्पेक्टर शहीद, दो बार मिल चुका था वीरता पदक

Balaghat: मध्यप्रदेश के बालाघाट में पदस्थ हॉक फोर्स के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा 19 नवंबर को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए। बुधवार को मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की ज्वॉइंट फोर्स द्वारा छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के जंगलों में नक्सल विरोधी ऑपरेशन के दौरान मुठभेड़ में इंस्पेक्टर शर्मा गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
जानकारी के मुताबिक, नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में हॉक फोर्स के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा को जांघ और कंधे में गोली लगी थी। इसके बाद उन्हें एंबुलेंस से गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया। यहां इलाज के दौरान शर्मा ने दम तोड़ दिया। शहीद इंस्पेक्टर आशीष शर्मा मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के रहने वाले थे। वे साल 2016 में विशेष सशस्त्र बल में शामिल हुए थे। उन्होंने साल 2018 में हॉक फोर्स जॉइन की थी। उनकी बहादुरी और काम को देखते हुए सरकार ने दो बार आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी दिया था।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने X पर इंस्पेक्टर शर्मा को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, ‘आज म.प्र. हॉक फोर्स के निरीक्षक आशीष शर्मा नक्सलियों से मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए। मैं उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं।मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की संयुक्त टीम द्वारा छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के जंगलों में नक्सल विरोधी ऑपरेशन के दौरान उन्होंने अभूतपूर्व वीरता और साहस का प्रदर्शन किया। नक्सल उन्मूलन के राष्ट्रीय अभियान में उनका सर्वोच्च बलिदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा।उन्हें पूर्व में कर्तव्य के दौरान अदम्य साहस, असाधारण बहादुरी प्रदर्शित करने के लिए दो बार भारत सरकार द्वारा वीरता पदक से सम्मानित किया गया था। ॐ शांति!
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MP News: प्रदेश के कई जिलों में पड़ रही कड़ाके की ठंड, 23 जिलों में शीतलहर का अलर्ट

Bhopal: उत्तर भारत में हुई बर्फबारी के चलते नवंबर में ही प्रदेश में दिसंबर–जनवरी जैसी गलन महसूस हो रही है। उत्तर से आ रही शुष्क और ठंडी हवाओं ने कई जिलों में कड़ाके की ठंड बढ़ा दी है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हुई ताजा बर्फबारी के बाद मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ सकती है और न्यूनतम तापमान में और गिरावट देखने को मिलेगी। रविवार को राजगढ़ और शाजापुर जिले के गिरवर में रात का तापमान 6°C दर्ज किया गया, जो प्रदेश में सबसे कम रहा।
23 जिलों में शीतलहर का अलर्ट
मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि राज्य के उत्तरी और पश्चिमी जिलों में तीव्र शीतलहर की स्थिति रहने की संभावना है। भोपाल, सीहोर, राजगढ़, इंदौर, शाजापुर, सतना, शहडोल, जबलपुर, मैहर, बैतूल, धार, देवास, शिवपुरी, रीवा, उमरिया, कटनी, पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी के साथ ही छिंदवाड़ा और बालाघाट में शीतल दिन का अलर्ट जारी हुआ है।
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MP Cabinet: लाड़ली बहनों को 1500 रुपए मिलेंगे, सरकारी भवनों पर सोलर रूफटॉप संयंत्र लगेंगे

Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक सोमवार को मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में 250 रुपये की वृद्धि कर नवंबर 2025 से 1500 रुपये मासिक आर्थिक सहायता राशि दिए जाने की स्वीकृति दी गयी है। योजना में 250 रुपये की वृद्धि किए जाने पर वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1,793 करोड़ 75 लाख रुपये के अतिरिक्त बजट की आवश्यकता होगी। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 20,450 करोड़ 99 लाख रुपये संभावित व्यय होगा। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना मार्च 2023 से 1000 रुपये मासिक आर्थिक सहायता राशि के साथ प्रारंभ की गई थी। सितंबर 2023 से 1,250 रुपये मासिक आर्थिक सहायता राशि दी जा रही है।
ओंकारेश्वर परियोजना की बढ़ी लागत को दी मंजूरी
कैबिनेट ने ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर संग्रहालय “अद्वैत लोक” के निर्माण की पुनरीक्षित लागत 2424 करोड़ 369 लाख रुपए को मंजूरी दी। पहले जून 2025 में इस परियोजना के लिए 2195 करोड़ 54 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी। यह परियोजना एकात्म धाम के अंतर्गत विकसित की जा रही है, जिसमें 108 फीट ऊंची आचार्य शंकर की बहुधातु प्रतिमा, शंकर संग्रहालय, अंतर्राष्ट्रीय वेदान्त संस्थान और अद्वैत निलयम का निर्माण एमपी टूरिज्म कॉरपोरेशन द्वारा किया जाएगा।
शासकीय भवनों पर रेस्को पद्धति से सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापना की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में जिले के सभी शासकीय भवनों पर रेस्को पद्धति से सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापना की स्वीकृति प्रदान की गयी। प्रदेश में राज्य शासन के भवनों की छतों पर रेस्को पद्धति अंतर्गत सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाए जाएंगे। शासकीय विभागों को इन सौर परियोजनाओं में कोई निवेश नहीं करना होगा। शासकीय कार्यालयों द्वारा ऊर्जा के उपयोग के लिए रेस्को विकासक को प्रति यूनिट भुगतान करना होगा। यह दर डिस्कॉम की दरों से कम होना अपेक्षित हैं, जिससे शासकीय संस्थानों को बचत होगी। रेस्को मोड में शासकीय विभागों/ संस्थाओं के भवन पर विकासक इकाई द्वारा 25 वर्ष की अवधि के लिए सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित किये जायेंगे। इस पूरी अवधि तक सोलर रूफटॉप संयंत्र का रख-रखाव RESCO इकाई द्वारा किया जाएगा।
मंत्रि-परिषद के निर्णय अनुसार भोपाल में 211 साइट्स पर कुल 15 हजार 695 किलोवॉट, बुरहानपूर में 14 साइट्स पर कुल 348 किलोवॉट, छिंदवाड़ा में 31 साइट्स पर कुल 1661 किलोवॉट, देवास में 14 साइट्स पर कुल 284 किलोवॉट, ग्वालियर में 97 साइट्स पर कुल 5267 किलोवॉट, इंदौर में 106 साइट्स पर कुल 3128 किलोवॉट, जबलपुर में 49 साइट्स पर कुल 1432 किलोवॉट, कटनी में 14 साइट्स पर कुल 383 किलोवॉट, खंडवा में 16 साइट्स पर कुल 311 किलोवॉट, मुरैना में 14 साइट्स पर कुल 364 किलोवॉट, रतलाम में 29 साइट्स पर कुल 1229 किलोवॉट, रीवा में 20 साइट्स पर कुल 535 किलोवॉट, सागर में 35 साइट्स पर कुल 847 किलोवॉट, सतना में 11 साइट्स पर कुल 444 किलोवॉट, सिंगरौली में 15 साइट्स पर कुल 413 किलोवॉट और उज्जैन में 24 साइट्स पर 714 किलोवॉट कि क्षमता वाले सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित किये जायेंगे।
मांधाता में व्यवहार न्यायाधीश, कनिष्ठ खण्ड के न्यायालय के लिए नवीन पदों की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा खण्डवा की मांधाता तहसील में व्यवहार न्यायाधीश, कनिष्ठ खण्ड के न्यायालय के लिए व्यवहार न्यायाधीश, कनिष्ठ खण्ड श्रेणी का एक नवीन पद तथा अमले अतर्गत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के 6 पद, इस तरह कुल 7 नवीन पदों के सृजन एवं अनुमानित वित्तीय भार 52 लाख 76 हजार रुपए प्रतिवर्ष की स्वीकृति दी गयी है। मंत्रि-परिषद की बैठक वंदे-मातरम गायन के साथ शुरू हुई।













