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Chhattisgarh: भूपेश बघेल बनाए गए AICC महासचिव, सिंहदेव को लेकर अटकलें तेज

Raipur: कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को अपने राष्ट्रीय संगठन में बड़ा फेरबदल किया। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को AICC महासचिव बनाया गया है। साथ ही उन्हें पंजाब का प्रदेश प्रभारी भी नियुक्त किया गया है। कांग्रेस पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से नोटिस जारी करते हुए कहा गया है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ये नियुक्तियां की हैं। भूपेश बघेल को बड़ी जिम्मेदारी मिलने के साथ ही अब टीएस सिंहदेव को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपेे जाने की चर्चाएं तेज हो गई हैं।
कांग्रेस के लिए पंजाब अहम
पंजाब में दो साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं जहां आम आदमी पार्टी की सत्ता को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ही मुख्य दावेदार मानी जा रही है। दिल्ली के चुनाव में आप की हार के बाद कांग्रेस की उम्मीदें पंजाब को लेकर बढ़ने लगी हैं। इसीलिए पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता बघेल को सूबे की जिम्मेदारी देकर नेतृत्व ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं।
ये रहा आदेश
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Chhattisgarh: सातों दिन 24 घंटे खोल सकेंगे दुकान, नए दुकान एवं स्थापना अधिनियम को आमजन और कारोबारियों से मिल रहा समर्थन

Raipur: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू किए गए नये दुकान एवं स्थापना अधिनियम को व्यापारिक जगत और नागरिकों का व्यापक समर्थन मिल रहा है। इस ऐतिहासिक फैसले से रोजगार के अवसरों में वृद्धि, व्यापारिक गतिविधियों के सुगमतापूर्वक संचालन के साथ ही राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। खासतौर पर, दुकानों को बिना समय सीमा के संचालित करने की अनुमति मिलने से कारोबारियों के लिए व्यापार सुविधाजनक होगा और उपभोक्ताओं को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। हालांकि, यह अधिनियम शराब दुकानों पर लागू नहीं होगा।
व्यापार और रोजगार की संभावनाओं को मिलेगी नई गति
सरकार का यह निर्णय ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। नए नियमों से छोटे दुकानदारों को राहत, पंजीयन प्रक्रिया में सरलता, और कर्मचारियों के अधिकारों का बेहतर संरक्षण सुनिश्चित किया गया है। पहले से पंजीकृत दुकानों को 6 महीने के भीतर श्रम पहचान संख्या (LIN) प्राप्त करने के लिए आवेदन करना होगा, लेकिन इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। यदि 6 महीने के बाद आवेदन किया जाता है, तो नियमानुसार शुल्क अनिवार्य होगा।
सातों दिन 24 घंटे दुकान संचालन की स्वतंत्रता
नए अधिनियम के तहत, व्यापारी अब अपनी दुकानें सप्ताह के सातों दिन और 24 घंटे खोलने के लिए स्वतंत्र होंगे। हालांकि, यह निर्णय पूरी तरह से व्यापारियों की इच्छा पर निर्भर करेगा। इस पहल से व्यवसायिक गतिविधियां बढ़ेंगी, जिससे नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। पुरानी व्यवस्था के अनुसार, सप्ताह में एक दिन दुकान बंद रखना अनिवार्य था, लेकिन अब यह प्रतिबंध हटा दिया गया है। हालांकि, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाए और किसी भी कर्मचारी से 8 घंटे से अधिक कार्य न कराया जाए।
श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा प्राथमिकता
सरकार ने व्यापारिक स्वतंत्रता देने के साथ ही श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा है। दुकानदारों को श्रम कल्याण से संबंधित सभी प्रावधानों का पूर्ववत पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। इसके तहत साप्ताहिक अवकाश का प्रावधान अनिवार्य होगा, किसी भी कर्मचारी से 8 घंटे से अधिक कार्य नहीं कराया जा सकेगा और श्रम कल्याण योजनाओं का पालन सुनिश्चित करना होगा।
आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम
यह अधिनियम राज्य की आर्थिक गतिविधियों को नए आयाम देने के साथ-साथ व्यापारियों को अधिकतम स्वतंत्रता और सुविधा प्रदान करता है। इसके प्रभावी क्रियान्वयन से न केवल छत्तीसगढ़ में व्यापारिक गतिशीलता बढ़ेगी, बल्कि राज्य के राजस्व में भी वृद्धि होगी। छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम न केवल व्यापार और उद्योग के लिए एक बड़ा सुधार है, बल्कि एक मजबूत और समावेशी आर्थिक प्रणाली की नींव भी रखता है।
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Chhattisgarh: अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन की तैयारियां जोरों पर, 5,000 से अधिक प्रतिभागियों की होगी भागीदारी
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Raipur: अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन 2025 शांति, फिटनेस, सामुदायिक भावना और बस्तर की अछूती सुंदरता का उत्सव मनाने के लिए आयोजित की जा रही है। इस मैराथन की तैयारियां जोरों पर हैं, जिसमें 5,000 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। स्थानीय प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने, शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता को उजागर करने के उद्देश्य से अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन 2025 का आयोजन 2 मार्च को नारायणपुर में किया जाएगा। बड़ी संख्या में प्रतिभागियों के पंजीकरण के साथ, यह मैराथन केवल एक दौड़ नहीं बल्कि आशा, एकता और बदलाव का प्रतीक बन चुकी है।
अबूझमाड़, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है, लंबे समय से नक्सली गतिविधियों के प्रकोप में रहा है। इस मैराथन के माध्यम से इस धारणा को बदलने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे सभी कौशल स्तरों के लोग एकता, प्रतिस्पर्धा और आपसी समझ की भावना के साथ भाग ले सकें। मैराथन में हाफ मैराथन (21 किमी), 10 किमी और 5 किमी की श्रेणियां शामिल होंगी, जिससे एथलीटों, पहली बार दौड़ने वालों और स्थानीय प्रतिभाओं को भाग लेने का अवसर मिलेगा। अत्याधुनिक टाइमिंग सिस्टम, पेसर्स, चिकित्सा सहायता और हाइड्रेशन स्टेशनों के साथ, यह आयोजन सभी प्रतिभागियों के लिए एक यादगार अनुभव साबित होगा।
मैराथन का उद्देश्य: स्वास्थ्य, एकता और शांति का संदेश
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस आयोजन को आशा का प्रतीक बताते हुए कहा कि खेल की सार्वभौमिक भाषा के माध्यम से लोगों को एक साथ लाकर, हम न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना चाहते हैं, बल्कि शांति और एकता का एक महत्वपूर्ण संदेश भी देना चाहते हैं। अबूझमाड़ को अब माओवाद से नहीं, बल्कि यहां के लोगों की क्षमता और प्रतिभा से पहचाना जाएगा।
प्रोमो मैराथन : सफल आयोजनों के साथ बढ़ता उत्साह
मुख्य कार्यक्रम से पहले आयोजन समिति ने 5 जनवरी को 5 किलोमीटर की प्रोमो मैराथन आयोजित की, जिसमें पुरुष वर्ग में तीजू पुजारी, लक्ष्मण पोयाम और बीरसिंह सलाम विजेता बने, जबकि महिला वर्ग में सोमराई गोटा, रीना उइके और भूमिका देवांगन शीर्ष स्थान पर रहीं। इसके बाद 19 जनवरी को नारायणपुर में 10 किलोमीटर की मिनी मैराथन हुई, जिसमें 800 से अधिक धावकों ने भाग लिया। इसमें पुरुष वर्ग में पुरकेश्वर लाल देशमुख, रस्सू कोरेस और बुधराम कुमेटी ने शीर्ष स्थान हासिल किया, जबकि महिला वर्ग में मुस्कान कुशवाहा, भूमिका देवांगन और सोंबाई गोटा विजेता रहीं।
प्रतिभागियों के लिए विशेष सुविधाएं
प्रतिभागियों की सुविधा के लिए कई व्यवस्थाएं की गई हैं। पार्किंग, आवास और भोजन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। मार्ग में सहायता केंद्रों की व्यवस्था होगी, जहां पीने का पानी, इलेक्ट्रोलाइट पेय, स्नैक्स, फल और प्राथमिक चिकित्सा किट उपलब्ध होंगे। धावकों के लिए रिकवरी/रेस्टिंग टेंट भी लगाए जाएंगे। लाइव ट्रैकिंग सिस्टम के माध्यम से प्रतिभागियों को रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त होंगे और मार्ग को एलईडी संकेतकों से स्पष्ट रूप से चिह्नित किया जाएगा। पूरे कार्यक्रम के दौरान चिकित्सा सहायता स्टेशनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी, जिससे प्रतिभागियों की सुरक्षा बनी रहे। अनुभवी पेसर्स प्रत्येक श्रेणी में धावकों को मार्गदर्शन देंगे, जिससे वे अपनी गति बनाए रख सकें और अपने लक्ष्य प्राप्त कर सकें।
मैराथन से पहले कुछ विशेष आयोजन भी किए जाएंगे। 28 फरवरी को ‘बैंड दायरा’ द्वारा जादू बस्तर कॉन्सर्ट आयोजित होगा। 1 मार्च को एक भव्य ड्रोन शो होगा, साथ ही अबूझमाड़ मल्लखंब टीम द्वारा अद्भुत करतबों का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, पारंपरिक नृत्य, स्थानीय कला प्रदर्शनियां और बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने वाले अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। खेल के महत्व के साथ-साथ, यह मैराथन अबूझमाड़ की अनछुई सुंदरता और इसकी क्षमता को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगी और क्षेत्र के विकास में सहायक होगी।
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Chhattisgarh: महाकुंभ जा रहे श्रद्धालुओं से भरी बस सड़क किनारे खड़े ट्रेलर से टकराई, 1 की मौत, 23 घायल
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Chhattisgarh Bus Accident:महाकुंभ जा रहे श्रद्धालुओं को लेकर रायपुर से प्रयागराज के लिए निकली एक यात्री बस बुधवार सुबह छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश के सीमाई क्षेत्र में जीरो बॉर्डर पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। मिली जानकारी के मुताबिक तेज रफ्तार से जा रही बस का ड्राइवर नियंत्रण खो बैठा और बस सड़क किनारे खड़े कोयले से भरे एक ट्रेलर से टकरा गई। इस हादसे में बस कंडक्टर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 23 अन्य यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें मध्यप्रदेश के अनुपपुर जिले के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। घायलों में 5 की हालत गंभीर बताई जा रही है।
घटना की जानकारी मिलते ही मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की पुलिस- प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू कराया। बस के यात्रियों ने बताया कि रायपुर से रवाना होने के बाद से ही ड्राइवर काफी तेज रफ्तार में बस चला रहा था। यात्रियों ने उसे कई बार सावधानी से बस चलाने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माना और आखिरकार हादसा हो गया। घटना के बाद से बस चालक मौके से फरार हो गया है।
बस में सवार ज्यादातर यात्री रायपुर और सुकमा जिले के रहने वाले थे, जो रायपुर से शाम 5 बजे महिंद्रा ट्रेवल्स की यात्री बस में सवार होकर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के लिए वाना हुए थे। हादसे के बाद घटनास्थल पर लंबा जाम लगा गया। अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर कुछ देर में ही यातायात सामान्य करा दिया।
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Chhattisgarh: सुशासन को सुदृढ़ करने CEGIS और TRI के साथ हुआ MoU, मुख्यमंत्री की उपस्थिति में ऐतिहासिक समझौते पर हुए हस्ताक्षर
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Raipur: प्रदेश में शासन की पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री साय की उपस्थिति में सुशासन एवं अभिसरण विभाग ने सेंटर फॉर इफेक्टिव गवर्नेंस ऑफ इंडियन स्टेट्स (CEGIS) और ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया (TRI) के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी से प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि, योजनाओं की प्रभावी निगरानी एवं क्रियान्वयन को मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि संसाधनों का सही और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से हमने प्रदेश में ‘सुशासन एवं अभिसरण विभाग’ की स्थापना की है। यह 58वां विभाग न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा, बल्कि सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में भी मदद करेगा। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज हुए एमओयू से प्रशासनिक पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन और नीति-निर्माण में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे।
ई-गवर्नेंस और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि ई-गवर्नेंस, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, शिकायत निवारण तंत्र और योजनाओं की रियल-टाइम मॉनिटरिंग जैसी सुविधाओं को इस पहल से नया आयाम मिलेगा। इस एमओयू से न केवल सरकारी कर्मचारियों और युवाओं के कौशल विकास और क्षमता उन्नयन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि शासन की योजनाओं को अधिक प्रभावी और सुगम बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि भ्रष्टाचार पर सख्त लगाम लगेगी और आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के प्राप्त होगा।
सीईजीआईएस और टीआरआई के सहयोग से नीति निर्माण को मिलेगी नई दिशा
सीईजीआईएस के फाउंडर कार्तिक मुरलीधरन ने कहा कि हम छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिलकर राज्य की नीतियों और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तकनीकी, विश्लेषणात्मक और रणनीतिक सहयोग देंगे। साथ ही, रणनीतिक बजटिंग और वित्तीय प्रबंधन में शासन को सहयोग करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक स्तर की विशेषज्ञता और डेटा-ड्रिवन नीति निर्माण से छत्तीसगढ़ को व्यापक लाभ मिलेगा।
टीआरआई के सहयोग से ग्रामीण विकास को मिलेगा नया आयाम
ग्रामीण क्षेत्रों के सतत विकास के लिए TRI के साथ हुए समझौते के तहत, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और जल संरक्षण को नई दिशा मिलेगी। TRI के एसोसिएट डायरेक्टर श्रीश कल्याणी ने बताया कि हम छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिलकर स्थानीय शासन को सशक्त बनाने, सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने और ग्रामीण विकास को तेज गति देने में सहयोग करेंगे। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि-आधारित आजीविका और जलवायु अनुकूलन जैसे क्षेत्रों में व्यापक सुधार लाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री साय ने इस महत्वपूर्ण समझौते के लिए सुशासन एवं अभिसरण विभाग, सीईजीआईएस और टीआरआई के प्रतिनिधियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस साझेदारी से छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक सुधारों की नई राह खुलेगी और राज्य की जनता को योजनाओं का त्वरित और प्रभावी लाभ मिलेगा।
इस ऐतिहासिक समझौते के अवसर पर वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी ने कहा कि इस एमओयू की छत्तीसगढ़ में सुशासन की परिकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सुशासन एवं अभिसरण विभाग के सचिव राहुल भगत, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजू एस, तथा सीईजीआईएस और टीआरआई के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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Panchayat Elections: नक्सलवाद पर लोकतंत्र की ऐतिहासिक जीत, सीएम साय ने कहा- जनता ने चुना विकास का मार्ग, हिंसा को दिखाया बाहर का रास्ता
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Raipur: छत्तीसगढ़ में त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन के प्रथम चरण में लोकतंत्र ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। बस्तर संभाग, जो दशकों तक नक्सलवाद के साए में रहा, अब लोकतंत्र के उजाले की ओर बढ़ रहा है। सुकमा और बीजापुर जिले के अनेक मतदान केंद्रों पर पहली बार अनेक दशकों के बाद ग्रामीण पंचायत चुनाव में मतदान कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर में जनता ने विकास का मार्ग चुना है और हिंसा को बाहर का रास्ता दिखाया है। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन राज्य और केंद्र सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति, सतत विकास कार्यों और सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था का परिणाम है। यह केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोकतंत्र के प्रति बढ़ते विश्वास और भयमुक्त समाज की दिशा में बढ़ते कदमों का प्रमाण है।
बस्तर में पंचायत चुनावों का नक्सलियों द्वारा कोई विरोध नहीं किया जाना क्षेत्र में 40 से अधिक नवीन सुरक्षा कैंपों की स्थापना और सरकार द्वारा ग्रामीणों में विश्वास बहाल करने की रणनीति का परिणाम है। उल्लेखनीय है कि बस्तर में नक्सली कमांडर हिड़मा के गांव पूवर्ती में भी इस बार ग्रामीण मतदान के लिए उत्साहित हैं। यह एक ऐतिहासिक बदलाव है और लोकतांत्रिक मूल्यों की जीत को दर्शाता है।
राज्य में मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, दंतेवाड़ा और गरियाबंद जिलों में भी मतदान को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया। बीजापुर के पुसनार, गंगालूर, चेरपाल, रेड्डी, पालनार जैसे क्षेत्रों में ग्रामीणों ने निर्भीक होकर मतदान किया।
बस्तर में लोकतंत्र की मजबूत जड़ें, नक्सलवाद के अंत की ओर ऐतिहासिक कदम
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे की प्रक्रिया अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प के अनुरूप मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य सरकार बस्तर के नागरिकों को विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं से जोड़ने के लिए संकल्पित है। बस्तर में सड़कें, पुल, स्कूल, अस्पताल और रोजगार परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे ग्रामीणों का शासन और लोकतंत्र पर विश्वास बढ़ा है।
मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर कहा कि बस्तर में गनतंत्र के ऊपर गणतंत्र की विजय हो रही है। यह उन सभी ग्रामीणों की जीत है, जिन्होंने भय को त्यागकर लोकतंत्र को अपनाया। यह सुरक्षाबलों के परिश्रम, सरकार की दूरदृष्टि और जनभागीदारी का प्रतिफल है। लोकतंत्र की इस जीत में प्रत्येक नागरिक की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी मतदान प्रक्रिया का सफल और शांतिपूर्ण आयोजन यह साबित करता है कि लोकतंत्र के प्रति आमजन की आस्था दिनों-दिन मजबूत हो रही है। लोकतंत्र की इस सफलता में हर नागरिक की भागीदारी महत्वपूर्ण है, और राज्य के मतदाताओं ने यह दिखा दिया कि वे अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति पूरी तरह जागरूक हैं।
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