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MP Board: एमपी बोर्ड 10वीं-12वीं के रिजल्ट को लेकर बड़ा अपडेट, इस तारीख को हो सकता है जारी

MP Board 10th-12th Result: मध्य प्रदेश बोर्ड की 10वीं-12वीं कक्षा के छात्र अपने रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल, भोपाल (MPBSE) ने फिलहाल रिजल्ट को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, परिणामों की घोषणा मई के पहले या दूसरे सप्ताह तक हो सकती है। बता दें कि पिछले साल, कक्षा 10 वीं और 12 वीं के परिणाम 24 अप्रैल को शाम 4 बजे के बाद घोषित किए गए थे।
मिली जानकारी के अनुसार, एमपी बोर्ड फिलहाल उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लगा हुआ है। जब यह काम पूरा हो जाएगा, इसके बाद ही रिजल्ट जारी किया जाएगा। मई के पहले या दूसरे हफ्ते में छात्रों के स्कोरकार्ड आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किए जा सकते हैं। स्कोरकार्ड MP बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइटों mpbse.nic.in, mpbse.mponline.gov.in, mpresults.nic.in पर अपलोड किए जाएंगे।
ऐसे चेक करें रिजल्ट
स्टेप 1: एमपी बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट https://mpbse.nic.in और https://mpbse.mponline.gov.in/MPBSE/MPBSE पर जाएं।
स्टेप 2: होमपेज पर, ‘MPBSE Class 10th Inter Result 2025’ लिंक पर क्लिक करें।
स्टेप 3:कंप्यूटर स्क्रीन पर लॉगइन पेज खुल जाएगा, यहां जरूरी क्रेडेंशियल दर्ज करें।
स्टेप 4: आपका रिजल्ट स्क्रीन पर खुल जाएगा, इसे चेक करें।
स्टेप 5: स्टूडेंट्स, यहां से ‘MP Board 10th Result Marksheet’ की ऑनलाइन कॉपी डाउनलोड कर सकते हैं।
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MP News: गांधीसागर अभयारण्य 20 अप्रैल को छोड़े जाएंगे चीते, कूनो आने वाले पर्यटकों को जल्द मिलेगी रोड-टू-एयर कनेक्टिविटी

Bhopal:मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि इको सिस्टम के प्रॉपर डेवलपमेंट के लिए मध्यप्रदेश में वृहद स्तर पर काम हो रहा है। वन्य पर्यटन हमारी अर्थव्यवस्था को गति देता है और अब यही हमारी समृद्धि का प्रवेश द्वार बन रहा है। हमारी सरकार कूनो राष्ट्रीय उद्यान को एक आदर्श वन्य प्राणी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेगी। प्रदेश में सिर्फ कूनो ही नहीं, अब मंदसौर जिले का गांधीसागर अभयारण्य भी चीतों से गुलजार होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से आगामी 20 अप्रैल को गांधी सागर अभयारण्य में चीते छोड़े जाएंगे। कड़ी सुरक्षा में कूनो नेशनल पार्क से 2 चीते शिफ्ट कर गांधीसागर अभयारण्य में ले जाये जायेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शुक्रवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ मध्यप्रदेश में चीता प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन संबंधी समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही।
भारत में जन्मे चीता शावकों की सर्वाइवल रेट विश्व में है अधिकतम
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में जन्मे चीता शावकों की जीवन प्रत्याशा (सर्वाइवल रेट) पूरे विश्व में सर्वाधिक है। दूसरे देशों में चीता शावक जलवायु से अनुकूलन के अभाव में सर्वाइव नहीं कर पाते हैं। चीतों के लिए जरूरी जलवायु और वातावरण की दृष्टि से गांधीसागर अभयारण्य बेहद अनुकूल है, इसलिए सरकार यहां चीते छोड़कर इस अभयारण्य को भी चीतों से गुलजार करेगी।
कूनो जुड़ेगा रोड टू एयर कनेक्टिविटी से
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कूनो नेशनल पार्क में पर्यटन तेजी से बढ़े, इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार ग्वालियर से कूनो के लिए डायरेक्ट रोड और एयर कनेक्टिविटी भी विकसित करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर से कूनो नेशनल पार्क तक पक्की बारहमासी रोड बनाई जाएगी। कूनो में टेंट सिटी तैयार कर यहां आने वाले पर्यटकों को जंगल में प्रकृति के पास समय बिताने का सुनहरा अवसर उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वन मंत्री यादव की मंशा के अनुरूप हम कूनो प्रक्षेत्र में इंटरनेशनल लेवल का एक पशु चिकित्सालय और रेस्क्यू सेंटर भी खोलेंगे। इसके लिए केंद्र सरकार से भी मदद लेंगे। पशु चिकित्सालय के संचालन से कूनों के चीतों के इलाज के साथ-साथ इस पूरे क्षेत्र में गौवंश के उपचार में भी मदद मिलेगी।
बोत्सवाना से दो चरण में लाए जाएंगे 8 चीते
बैठक में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की ओर से बताया गया कि देश में चीता प्रोजेक्ट पर अब तक 112 करोड़ रुपए से अधिक राशि व्यय की जा चुकी है। इसमें से 67 प्रतिशत राशि मध्यप्रदेश में हुए चीता पुनर्वास पर व्यय हुई है। प्रोजेक्ट चीता के तहत ही अब गांधीसागर अभयारण्य में भी चीते चरणबद्ध रूप से विस्थापित किए जाएंगे। गांधीसागर अभयारण्य राजस्थान की सीमा से लगा हुआ है, इसलिए अंतर्राज्यीय चीता संरक्षण परिसर की स्थापना के लिए मध्यप्रदेश और राजस्थान राज्य के बीच सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। अभी कूनो और गांधीसागर अभयारण्य में चीता मित्रों की क्षमता संवर्धन के लिए उन्हें विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना तथा केन्या से और अधिक चीते भारत लाने के लिए प्रयास जारी हैं। दो चरण में 8 चीते भारत लाए जाएंगे। मई 2025 तक बोत्सवाना से 4 चीते भारत लेकर आने की योजना है। इसके बाद 4 और चीते लाये जाएंगे। फिलहाल भारत और केन्या के बीच अनुबंध पर सहमति बनाई जा रही है।
सैटेलाइट कॉलर आईडी हो रही चीतों की मॉनीटरिंग, चीता सफारी प्रारंभ करने की भी है तैयारी
बैठक में वन अधिकारियों ने बताया कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में वर्तमान में कुल 26 चीते हैं। इनमें से 16 चीते खुले जंगल में हैं और 10 पुनर्वास केंद्र में हैं। कूनो में चीतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां ज्वाला, आशा, गामिनी और वीरा मादा चीता ने शावकों को जन्म दिया है। चीतों की निगरानी के लिए सैटेलाइट कॉलर आईडी से 24 घंटे ट्रैकिंग की जा रही है। चीतों के पुनर्स्थापना के बाद कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों की संख्या बढ़कर 2 साल में दोगुनी हो चुकी है। राज्य सरकार ने कूनो में चीता सफारी शुरू करने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर मंजूरी मांगी है, क्योंकि वन क्षेत्र या इको सेंसिटिव जोन में सफारी प्रारंभ करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेनी जरूरी है। इस याचिका पर निर्णय होना अभी शेष है।
चीता मित्रों को प्रशिक्षित करने के लिए आईआईएफएम की लें सेवाएं : केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव
केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश के पर्यटन क्षेत्र में बड़ी क्षमताएं विद्यमान हैं। उन्होंने कूनो में चीतों के पुनर्वास और वन टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रयासों की प्रशंसा की। केंद्रीय मंत्री यादव ने वन्य प्राणियों के संरक्षण और पर्यटन को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में चल रहे वन्य प्राणियों की पुनर्वास परियोजनाओं की देखरेख के लिए वन, पर्यटन, पशु चिकित्सा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जनजातीय कार्य एवं परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का एक टास्क फोर्स बनाया जाए। यह टास्क फोर्स नियमित रूप से सभी प्रोजेक्ट्स की निगरानी करें। उन्होंने कहा कि श्योपुर जिले के 80 गांवों के 400 चीता मित्रों को प्रशिक्षित करने के लिए भारतीय वन प्रबंधन संस्थान (आईआईएफएम), भोपाल के साथ अनुबंध कर सकते हैं। चीता मित्रों को होम स्टे के लिए प्रशिक्षित कर उन्हें नेचर टूरिज्म के लिए तैयार करने की दिशा में भी कार्य किए जाएं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही कूनो के आसपास स्थित ऐतिहासिक धरोहरों को पर्यटकों के लिए विकसित किया जाए। कूनो में मौजूद एक पुराने किले को हेरिटेज वॉक के रूप में विकसित किया जा सकता है। मगरमच्छ और घड़ियाल के दीदार के लिए व्यू प्वाइंट्स बने, वन्य प्राणियों के रेस्क्यू के लिए सेंटर और पर्यटकों के लिए आयुर्वेदिक सेंटर तैयार किए जाएं।
सांपों की बढ़ती संख्या को काबू करने किंग कोबरा जंगलों में छोड़े जाएंगे
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार किंग कोबरा, घड़ियाल और दुर्लभ प्रजाति के कछुओं के संरक्षण के लिए भी प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि सरकार किंग कोबरा संरक्षण के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। प्रदेश के जंगलों में जहरीले सांपों की संख्या नियंत्रित करने के लिए किंग कोबरा को बसाना आवश्यक है। पहले चरण में 10 किंग कोबरा मध्यप्रदेश लाने पर विचार हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वन अधिकारियों को चंबल नदी से घड़ियाल और कछुओं को प्रदेश की 4 बड़ी नदियों और जलाशयों में पुर्नवासित करने के निर्देश दिए।
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Mandla: प्रदेश की 1.27 करोड़ बहनों के खाते में आए 1552 करोड़ रुपए, मंडला को दी 232 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की सौगात

Mandala: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को मंडला जिले के टिकरवारा गांव में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सिंगल क्लिक के जरिए प्रदेश की 1.27 करोड़ बहनों के खातों में 1552.38 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की। इसके अलावा 56.68 लाख सामाजिक सुरक्षा पेंशन हितग्राहियों को 340 करोड़ रुपए, प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना में पात्र 25 लाख बहनों को 450 रुपए में सिलेंडर रिफिलिंग के लिए 57 करोड़ रुपए की राशि भी ट्रांसफर की गई। सरकार द्वारा अब तक लाड़ली बहनों को 36 हजार 500 करोड़ रुपए से अधिक की सम्मान राशि प्रदान की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के अंतर्गत सामूहिक विवाह समारोह में परिणय-सूत्र में बंधे 1100 से अधिक नवविवाहित दंपत्तियों पर पुष्प वर्षा कर आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होंने कहा कि आज नवविवाहित दंपत्तियों को 49-49 हजार की राशि प्रदान की गई है। उन्होंने भारतीय महिला क्रिकेट टीम में चयनित होने के लिए शुचि उपाध्याय का मंच से अभिनंदन भी किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभिन्न योजनाओं में हितलाभ और युवाओं को नियुक्ति-पत्र भी वितरित किये।
मंडला को मिली 232 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंडला के विकास को गति देने के लिए 232 करोड़ रुपए की लागत वाले 66 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन किया। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके की मांग पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंडला जिले में सुरखी-इंद्री मार्ग पर 16 करोड़ 61 लाख रुपए की लागत से नया पुल बनाने और बंजर नदी में नवनिर्मित एक अन्य पुल का लोकार्पण कर इसका नामकरण अमर शहीद शंकर शाह रघुनाथ शाह सेतु करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मंडला के विकास में सरकार कोई भी कमी नहीं छोड़ेगी।
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MP Cabinet: एमपी कृषक कल्याण मिशन प्रारंभ करने की सैद्धांतिक स्वीकृति, लाड़ली बहनों के खाते में इस तारीख को ट्रांसफर होगी राशि

Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में संपन्न हुई। कैबिनेट द्वारा प्रदेश के किसानों के समन्वित विकास के लिए किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण विभाग, मत्स्य पालन विभाग, पशु पालन एवं डेयरी विभाग, सहकारिता विभाग, खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग में प्रचलित योजनाओं को एक मंच पर लाकर मध्यप्रदेश किसान कल्याण मिशन को प्रारंभ करने की सैद्धांतिक अनुमति दी गयी।
मप्र कृषक कल्याण मिशन का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि, कृषि को जलवायु-अनुकूल बनाना, धारणीय कृषि पद्धतियों को अपनाना, जैव विविधता और परंपरागत कृषि ज्ञान संरक्षण, पोषण एवं खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, किसानों की उपज के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करना है। मध्यप्रदेश कृषक कल्याण मिशन की साधारण सभा के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। मिशन क्रियान्वयन की कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे। मिशन क्रियान्वयन जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में किया जायेगा।
किसानों की आय में वृद्धि- कृषि तथा उद्यानिकी के अंतर्गत फसलों की उत्पादकता में वृद्धि, उच्च मूल्य फसलों की खेती, गुणवत्तापूर्ण आदानों की उपलब्धता-बीज, रोपण सामग्री, उर्वरक, कीटनाशक, और कृषि विस्तार एवं क्षमता विकास, सस्ती ब्याज दरों पर ऋण की आसान उपलब्धता, खाद्य प्र-संस्करण और कृषि आधारित उद्योग, वैल्यू-चैन विकास और मौजूदा वैल्यू-चैन का सुदृढ़ीकरण, मप्र की विशिष्ट समस्याओं के लिए अनुसंधान एवं विकास है।
बंद नहीं होगी लाड़ली बहना योजना
मध्य प्रदेश में चल रही लाड़ली बहना योजना को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया है, कि योजना बंद नहीं होगी। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने साफ किया कि महिलाओं को योजना के तहत पैसे मिलते रहेंगे। उन्होंने बताया कि अब हर महीने की 10 से 15 तारीख के बीच पात्र महिलाओं के खाते में 1250 रुपए की राशि डाली जाएगी। अप्रैल महीने की राशि बुधवार (16 अप्रैल) को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंडला में कार्यक्रम के दौरान लाड़ली बहनों के खाते में ट्रांसफर करेंगे।
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
1.चिकित्सा महाविद्यालय, सतना से संबंद्ध नवीन चिकित्सालय के निर्माण के लिए राशि 383 करोड़ 22 लाख रूपये की स्वीकृति।
2.मंत्रि-परिषद द्वारा लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत गांधी चिकित्सा महाविद्यालय एवं संबद्ध चिकित्सालय में पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी, पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी एवं नियोनेटोलॉजी विभाग में नियमित स्थापना के कुल 12 नवीन पदों का सृजन किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इन पदों में प्राध्यापक के 3 पद, सह प्राध्यापक के 3 पद, एवं सहायक प्राध्यापक के 3 पद एवं सीनियर रेसीडेंट के 3 पद शामिल हैं।
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MP News: सहकारी समितियां अब पेट्रोल पंप और गैस एजेंसियों का संचालन भी करेंगी- शाह, NDDB और एमपी दुग्ध संघ के बीच MoU

Bhopal: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह रविवार को भोपाल में राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन में शामिल हुए। रविन्द्र भवन में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की। इस दौरान राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) एवं मध्यप्रदेश डेयरी फेडरेशन (MPCDF) तथा दुग्ध संघ के MoU हुआ। अमित शाह ने इस मौके पर कहा कि मध्यप्रदेश में कृषि, पशुपालन और सहकारिता तीनों क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। हमें इनका शत प्रतिशत दोहन करने के लिए बहुत कार्य करने की आवश्यकता है।
शाह ने कहा कि शाह ने कहा कि पहले छोटे-मोटे फाइनेंस के कार्य करने वाले अपैक्स अब 20 से ज्यादा कार्य कर रहे हैं। अपैक्स जल वितरण और सीएससी का कार्य भी करेंगे। 300 से ज्यादा योजनाएं अपैक्स के माध्यम से संचालित हो रही हैं। यहां से रेलवे टिकट, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र तक मिल जाता है। अपैक्स अब पेट्रोल पंप संचालन, गैस एजेंसी और दवाई की दुकान भी चलाएगा।
अमित शाह ने इस मौके पर कहा कि आजादी के 75 साल बाद पहली बार सहकारिता मंत्रालय बनाया और इसका पहला मंत्री होने के नाते हमने बीते साढ़े तीन साल में इस क्षेत्र में बड़े बदलाव किए। सहकारिता मंत्रालय ने अपना पहला काम किया- कृषि समितियों के लिए आदर्श बायलॉज बनाए और इन्हें राज्यों को भेजा। आज संपूर्ण भारत ने इस मॉडल बायलॉज को स्वीकार कर लिया है। जब आपकी नीयत ठीक हो तो नजीते भी अनुकूल आते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि अंबेडकर जयंती पर हमने कामधेनु गोपालन योजना को शुरू की है। कल से सेवा योजना शुरू हो जाएगी। यदि कोई 25 गौ माता पालेगा तो उसे 25%अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी कृषि विकास दर में अद्भुत पहचान बनी है, लेकिन दूध उत्पादन 9% से बढ़ाकर 24% करना है। यदि खेती के लिए जमीन नहीं है तो पशुपालन तो बहुत अच्छे से हो सकता है।
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MP News: राशन कार्डधारियों की ई-केवाईसी अनिवार्य, नहीं कराई तो 1 मई से राशन नहीं मिलेगा

feaBhopal: प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मिलने वाले राशन का लाभ बिना रुकावट जारी रखने के लिए पात्र हितग्राहियों को 30 अप्रैल तक ई-केवायसी कराना अनिवार्य कर दिया गया है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ग्राम और मोहल्लों में विशेष कैंप लगाकर ई-केवायसी कार्य तेजी से पूरा किया जाए। मंत्री राजपूत ने बताया कि राज्य में 543.31 लाख पात्र हितग्राहियों में से अब तक लगभग 108.27 लाख लोगों की ई-केवायसी बाकी है। केंद्र सरकार ने इस कार्य को 30 अप्रैल तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं। समय सीमा के भीतर यह प्रक्रिया पूरी नहीं होने पर संबंधित हितग्राहियों को राशन वितरण में दिक्कत आ सकती है।
9 अप्रैल से चल रहा विशेष अभियान
प्रदेशभर में 9 अप्रैल से 30 अप्रैल तक ई-केवायसी अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान शेष रह गए लाभार्थियों की सूची पीओएस मशीन, स्थानीय निकायों और जेएसओ लॉगिन के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा नगरीय प्रशासन विभाग भी इस कार्य में सहयोग कर रहे हैं।
कैम्प के जरिए होगा कार्य, टीमों को मिले सख्त निर्देश
मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि कैंप ग्रामवार और मोहल्लेवार लगाए जाएं और किसी नए क्षेत्र में तब तक न जाया जाए जब तक पहले क्षेत्र के सभी लाभार्थियों की ई-केवायसी पूरी न हो जाए। साथ ही, यदि किसी लाभार्थी की मृत्यु हो चुकी हो, वह स्थायी रूप से बाहर चला गया हो, या नाम डुप्लीकेट हो, तो इसे “एम राशन मित्र” पोर्टल पर हटाने के लिए प्रविष्ट किया जाए।
कलेक्टर्स करें जिलावार ई-केवायसी की निगरानी
अपर मुख्य सचिव रश्मि अरुण शमी ने सभी संभागायुक्तों और कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि जिलावार ई-केवायसी की निगरानी कर, प्रतिदिन निर्धारित लक्ष्य के अनुसार कार्य पूरा किया जाए। साथ ही, इस अभियान को लेकर जनजागरूकता फैलाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
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