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Chhattisgarh: नक्सलवाद के खात्मे के साथ लौटेंगे बस्तर के सुनहरे दिन- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

Dantewada: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर पंडुम उत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि बस्तर अब बदल रहा है, और यह बदलाव स्थायी होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि बस्तर के लोग अब नक्सलवाद से मुक्ति चाहते हैं और विकास की मुख्यधारा से जुड़कर आगे बढ़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर पंडुम और बस्तर ओलंपिक जैसे आयोजन इस जनभावना के प्रतीक हैं।
नक्सलवाद के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई: केंद्र और राज्य की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद को समाप्त करने का संकल्प लिया है। छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बल के जवानों की मजबूत कार्रवाई के कारण निरंतर सफलता मिल रही है। मुख्यमंत्री साय ने आशा जताई कि मां दंतेश्वरी की कृपा से यह संकल्प अवश्य पूरा होगा।
बस्तर: प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विरासत का संगम
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर एक प्राकृतिक स्वर्ग है – यहां अनेक जलप्रपात और अबूझमाड़ के घने जंगल हैं। यहां फिर से देश-दुनिया के पर्यटक आएंगे और बस्तर को उसका गौरवमय स्थान मिलेगा। बस्तर पंडुम में 47 हजार कलाकारों और बस्तर ओलंपिक में 1.65 लाख युवाओं की भागीदारी इस परिवर्तन की सबसे बड़ी गवाही है।
‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का प्रतीक बना बस्तर पंडुम
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर पंडुम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के सपने को साकार किया है। इस आयोजन में ओड़िशा, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश जैसे 6 पड़ोसी राज्यों के 47 हजार कलाकारों ने भाग लिया। इस उत्सव में आदिवासी संस्कृति, वेशभूषा, खानपान और परंपराओं का जीवंत प्रदर्शन हुआ।
डबल इंजन सरकार की योजनाएं बदल रही हैं जिंदगी
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पिछले 15 महीनों से राज्य में डबल इंजन की सरकार है। प्रधानमंत्री आवास योजना, किसानों से जुड़ी योजनाएं, और 70 लाख माताओं और बहनों को हर महीने 1000 रुपए देने वाली महतारी वंदन योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से मोदी की गारंटी को पूरा किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री जनमन योजना से आदिवासी समुदायों को नया जीवन
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई पीएम जनमन योजना के माध्यम से अबुझमाड़िया, कोरवा, बिरहोर, पंडो जैसी विशेष पिछड़ी जनजातियों तक सड़क, बिजली, पानी और अन्य सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं।
धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना: 80,000 करोड़ की ऐतिहासिक पहल
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 6,500 जनजातीय गांवों में सर्वांगीण विकास होगा। यह योजना ग्रामीण समृद्धि और सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम है।
नियद नेल्लानार योजना: सुरक्षा से सेवा तक का सफर
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि 100 से अधिक गांवों में सुरक्षा कैंप खोले जा चुके हैं। इन कैंपों के माध्यम से सड़क, बिजली, पानी, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, और स्कूल-अस्पताल जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जहां पहले गोलियों की आवाज आती थी, अब वहां स्कूल की घंटी बज रही है।
छत्तीसगढ़ का भविष्य: समृद्धि, शिक्षा और शांति
मुख्यमंत्री साय ने विश्वास जताया कि जल्द ही छत्तीसगढ़ नक्सलवाद मुक्त होगा और एक विकसित, खुशहाल राज्य के रूप में प्रतिष्ठित होगा। हर घर में खुशहाली और समृद्धि आएगी।
बस्तर पंडुम: सांस्कृतिक समरसता का महोत्सव
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर पंडुम आयोजन 45 दिन चला और ब्लॉक से लेकर संभाग स्तर तक इसका आयोजन हुआ है। मुख्यमंत्री साय ने इस आयोजन में शामिल सभी कलाकारों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर बदल रहा है, और यह बदलाव सरकार के प्रयासों के साथ ही जनता के विश्वास का परिणाम है।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह केवल दिल्ली से नीतियां नहीं बनाते, वे बस्तर की पीड़ा को महसूस करने स्वयं यहां आते हैं, पीड़ितों से मिलते हैं, उनके साथ भोजन करते हैं। यह बस्तर के प्रति सच्ची संवेदना और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
उन्होंने मुख्यमंत्री साय को छत्तीसगढ़ के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री के रूप में बस्तर की मिट्टी से जुड़ा हुआ बताया और कहा कि उनके नेतृत्व में आज सड़क, बिजली, पानी, मोबाइल टावर, स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी, सिंचाई जैसी सुविधाएं तीव्र गति से गांव-गांव पहुंच रही हैं।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि बस्तर पंडुम में जनजातीय समाज की वस्त्र, वाद्ययंत्र, भोजन, लोकगीत, पारंपरिक जीवनशैली की जीवंत झांकी प्रस्तुत की गई, जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में स्थान भी प्राप्त हुआ है। यह पूरे राज्य के लिए गर्व का विषय है।
कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि यह दिन बस्तर के लिए इतिहास रचने का दिन है। उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में ही जनघोषणा पत्र के वादों को वास्तविकता में बदला जा रहा है और जनजातीय समाज को मुख्यधारा में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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Sushasan Tihar 2025: शासन पहुंचा जनता के द्वार, समस्याओं का हो रहा त्वरित समाधान

Raipur: छत्तीसगढ़ में 8 अप्रैल से 31 मई तक तीन चरणों में आयोजित हो रहा ‘सुशासन तिहार 2025’ शासन को सीधे जनता से जोड़ने का माध्यम बन गया है, जहां समस्याओं का प्राथमिक स्तर पर निराकरण हो रहा है। सुशासन तिहार के दौरान ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों के कार्यालयों में आवेदन पेटियां स्थापित की गई हैं, जिनमें नागरिक अपनी समस्याओं से संबंधित आवेदन सीधे जमा कर रहे हैं। इस प्रयास ने शासन और नागरिकों के बीच संवाद और विश्वास को एक नई दिशा दी है। कोंडागांव की लक्ष्मीबाई विश्वकर्मा जैसे अनेक परिवारों को पहली बार योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हुआ है।
‘सुशासन तिहार 2025’ से जिंदगी को मिली एक नई उम्मीद
कोंडागांव जिले में वर्षों से पॉलिथीन की छत के नीचे जीवन बिता रहे लक्ष्मीबाई के परिवार को न केवल राशन कार्ड और पेंशन योजना का लाभ मिला, बल्कि अटल आवास योजना के तहत पक्के मकान स्वीकृति की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए लक्ष्मीबाई ने कहा कि आज हमें लग रहा है कि शासन बहुत संवेदनशीलता से हमारी मांगे पूरी करने तत्पर है। राजनांदगांव में भी सुशासन तिहार के दौरान श्रमिकों की समस्याओं का गुणवत्तापूर्ण समाधान किया गया। भारती देवांगन को श्रमिक पंजीयन के बाद तत्काल श्रमिक कार्ड प्रदान किया गया, वहीं डुप्लीकेसी के कारण रद्द किए गए कार्डों को पुनर्जीवित कर शुन्नी बाई और टीकम सिंह सेवता को भी राहत दी गई। श्रम विभाग ने संगीता साहू के बच्चे के लिए छात्रवृत्ति आवेदन पर भी तत्परता से कार्रवाई की।
‘सुशासन तिहार’ में समस्याओं के त्वरित निराकरण से खिले चेहरे
महासमुंद जिले के ग्राम जंघोरा निवासी मनोहर सिंह पटेल ने आयुष्मान कार्ड के लिए वर्षों से प्रतीक्षा की थी। सुशासन तिहार के तहत उनका आवेदन गंभीरता से लिया गया और मात्र 24 घंटे में उन्हें कार्ड प्रदाय किया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “अब हम पैसे की चिंता किए बिना इलाज करवा सकते हैं।” इसी तरह तिल्दा (रायपुर) निवासी मुकेश वर्मा ने ड्राइविंग लाइसेंस हेतु आवेदन किया था। सुशासन तिहार के अंतर्गत उनका आवेदन विभाग द्वारा गंभीरता से लिया गया। औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद उन्हें उनका लर्निंग लाइसेंस प्रदान किया गया। ‘सुशासन तिहार’ को लेकर विभिन्न जिलों से मिल रहे सकारात्मक फीडबैक और नागरिकों के चेहरे पर उभरी संतुष्टि इस बात का संकेत है कि छत्तीसगढ़ में सुशासन अब सिर्फ शब्द नहीं, एक सुखद अनुभव बनने की ओर अग्रसर है।
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CG Cabinet: PSC, Vyapam और JSSB अभ्यर्थियों की फीस वापस करेगी सरकार, नवा रायपुर में NIFT कैंपस को मंजूरी

CG Cabinet Decision: मुख्यमंत्री साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में हुई कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कैबिनेट ने परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के हित में निर्णय लिया गया कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल एवं विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड, सरगुजा/बस्तर/बिलासपुर द्वारा आयोजित परीक्षाओं में छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासी अभ्यर्थी जो परीक्षा अथवा साक्षात्कार में उपस्थित होंगे उन्हें उनके द्वारा दी गई परीक्षा शुल्क की राशि वापस की जाएगी।इससे सीरियस कैंडिडेट की परीक्षा में उपस्थिति का प्रतिशत बढ़ेगा, वहीं नॉन सीरियस कैंडिडेट और इन एलिजिबल कैंडिडेट परीक्षा फॉर्म नहीं भरेंगे और इनके कारण राज्य शासन को होने वाली आर्थिक क्षति भी कम होगी।
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
1.कैबिनेट की बैठक में राज्य के छोटे व्यापारियों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए छत्तीसगढ़ बकाया कर, ब्याज एवं शास्ति के निपटान (संशोधन) अध्यादेश-2025 के प्रारूप में निहित संशोधन का अनुमोदन किया गया। जिसके अनुसार राज्य सरकार छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहित करेगी और 10 साल से अधिक पुराने लंबित मामलों में 25 हजार रुपए तक की वैट देनदरियों को माफ करेगी। इससे 40 हजार से अधिक व्यापारियों को लाभ होगा और 62 हजार से अधिक मुकदमेबाजी के मामलों में कमी आएगी।
2.कैबिनेट की बैठक में नवा रायपुर, छत्तीसगढ़ में एनआईएफटी (NIFT) के कैंपस को मंजूरी प्रदान की गई। राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (NIFT) का नया कैंपस छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में स्थापित किया जाएगा। कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार के अनुसार इस परियोजना की कुल संभावित लागत करीब 271.18 करोड़ रुपए होगी। इसमें भूमि क्रय हेतु 21.18 करोड़, भवन निर्माण के लिए 200 करोड़ और मशीनरी, फर्नीचर आदि के लिए 50 करोड़ रुपए का व्यय शामिल है। NIFT संस्थान की स्थापना से फैशन शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश के युवाओं को नए अवसर मिलेंगे और फैशन उद्योग को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित मानव संसाधन भी उपलब्ध हो सकेंगे। रा
3. मंत्रिपरिषद ने राज्य के नगरीय निकायों में जैव अपशिष्ट सह कृषि अपशिष्ट के प्रसंस्करण हेतु स्थापित किये जा रहे बायो-सीएनजी संयंत्रों हेतु रियायती लीज (Lease) दरों पर शासकीय भूमि आबंटन किये जाने की सहमति प्रदान करते हुए आगे की कार्यवाही के लिए नगरीय प्रशासन विभाग एवं संबंधित नगर निगमों को अधिकृत किया है।
4.मंत्रिपरिषद ने राज्य में सहकारिता को प्रोत्साहन दिये जाने के उद्देश्य से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत शक्कर वितरण हेतु अप्रैल 2025 से मार्च 2026 तक आवश्यक शक्कर का क्रय राज्य के सहकारी शक्कर कारखानों से करने का निर्णय लिया है। इस हेतु शक्कर का क्रय मूल्य 37,000 रू. प्रति टन (एक्स फैक्ट्री, जी.एस.टी. अतिरिक्त) निर्धारित किया गया है।
5.मंत्रिपरिषद ने स्थानीय रोजगार और सूक्ष्म-लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) को राज्य में हैवी अर्थ मूविंग इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग संयंत्र स्थापित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी है। इसके लिए 100 एकड़ भूमि को टोकन दर पर आबंटित करने का निर्णय लिया है।
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Chhattisgarh: सर्वाधिक निवेश वाले टॉप-10 राज्यों में प्रदेश शामिल, वर्ष 2025 में 1,63,738 करोड़ का निवेश

Raipur: छत्तीसगढ़ इस वर्ष निवेश के मामले में देश के टॉप-10 राज्यों में शामिल हो गया है। प्रोजेक्ट टूडे सर्वे के मुताबिक वर्ष 2025 में छत्तीसगढ़ 1,63,738 करोड़ के निवेश के साथ दशवें स्थान पर जगह बनायी है। ये आंकड़े केवल वर्ष 2025 के हैं। वर्ष 2024 के आंकड़ों को मिलाकर निवेश का कुल आकार 4.4 लाख करोड़ हो जाता है। मुख्यमंत्री साय द्वारा छत्तीसगढ़ में निवेश आकर्षित करने के लिए लगातार किए रोड शो और राज्य की आकर्षक औद्योगिक नीति के कारण यह संभव हो पाया है।
प्रोजेक्ट टूडे सर्वे के मुताबिक वर्ष 2025 में देशभर में जो नए निवेश हुए हैं, उनमें छत्तीसगढ़ ने भी अपनी खास जगह बनाई है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में 218 नई परियोजनाएं शुरू हुई हैं, जिनमें कुल ₹1,63,748.95 करोड़ का निवेश आया है। यह देश के कुल निवेश का 3.71 प्रतिशत हिस्सा है, जो एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इस सफलता के पीछे छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति का बड़ा योगदान है।
छत्तीसगढ़ अब कारोबार का नया हब बन रहा है। पिछले एक साल में किए गए 300 से ज़्यादा सुधारों ने इसे छोटे व्यापारियों से लेकर बड़े उद्योगपतियों तक के लिए आसान, पारदर्शी और फायदेमंद बना दिया है। अब कागज़ी झंझट कम है काम ज्यादा तेज होता है और हर प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी बन गई है। प्रोजेक्ट टूडे सर्वे के अनुसार टॉप -10 राज्यों में महाराष्ट्र पहले स्थान पर है। इस सूची में छत्तीसगढ़ सहित गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, ओडिशा, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और तेलंगाना शामिल हैं।
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Chhattisgarh: मुख्यमंत्री साय ने की बस्तर संभाग में विकास कार्यों की समीक्षा, जनकल्याणकारी योजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन के दिए निर्देश

Jagdalpur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज बस्तर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष ‘प्रेरणा’ में संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्यमंत्री साय ने विभिन्न योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा करते हुए अधिकारियों को हितग्राहीमूलक योजनाओं का सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करते हुए प्राथमिकता से निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर के विकास की यात्रा अब ठहराव नहीं, निरंतर गति की मांग करती है। हमारा प्रयास है कि अंतिम छोर तक योजनाओं का लाभ पहुंचे और हर हितग्राही तक शासन की पहुंच सुनिश्चित हो।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर अब पिछड़ेपन का प्रतीक नहीं, नए भारत की संभावनाओं का प्रवेश द्वार बन रहा है। यहां का हर गाँव, हर परिवार विकास की मुख्यधारा से जुड़े — यही हमारा लक्ष्य है। आयुष्मान, आधार, आवास और विद्युतीकरण जैसी योजनाएं केवल सरकारी परियोजनाएं नहीं, बल्कि आम जन की गरिमा और सुरक्षा की गारंटी हैं।
उन्होंने कहा कि बस्तर के युवा हमारी सबसे बड़ी पूंजी हैं। हम उन्हें सिर्फ कौशल नहीं, स्वाभिमान देना चाहते हैं। अब हमारा मंत्र है — हर घर में उजाला, हर हाथ में रोजगार और हर दिल में विश्वास। यही बस्तर की नई पहचान होगी, और यहीं से छत्तीसगढ़ की विकास गाथा को नई ऊँचाई मिलेगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आज की बैठक अत्यंत उपयोगी रही और इसमें बस्तर संभाग के विकास, शांति स्थापना और योजनाओं की प्रगति को लेकर गहन विचार-विमर्श हुआ। यह देखकर संतोष होता है कि बस्तर संभाग में शासन और प्रशासन की टीम युवा, ऊर्जावान और संकल्पबद्ध दिख रही है। जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और समस्त अधिकारियों की उपस्थिति यह प्रमाणित करती है कि हम सब विकास के प्रति गंभीर हैं और बस्तर में शांति स्थापना के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री साय ने निर्देश दिए कि नक्सलवाद के समूल उन्मूलन हेतु सरकार पूरी ताक़त और समर्पण के साथ काम कर रही है। केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में नक्सल उन्मूलन का कार्य तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है और यह लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक पूर्ण करने का संकल्प है। हमारे सुरक्षा बलों का साहस, समर्पण और रणनीति के साथ काम करना इस दिशा में बड़ी उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर में अपूर्ण योजनाओं को शीघ्र पूर्ण करने के प्रयास किए जा रहे हैं और जगदलपुर एयरपोर्ट से नियमित उड़ानें प्रारंभ करने की दिशा में कार्य प्रगति पर है। राष्ट्रीय राजमार्गों सहित अन्य अधोसंरचना परियोजनाओं पर भी गति लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि मोबाइल नेटवर्क की समस्याओं के कारण कई बार आधार, राशन, बैंकिंग जैसी सेवाएं बाधित होती हैं। संबंधित एजेंसियों से समन्वय कर इसका शीघ्र समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क और संचार उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ करने के सम्बन्ध में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित बसें चलाने की आवश्यकता है ताकि जनता को सुरक्षित व सुलभ आवागमन का साधन मिल सके।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों में जनता की जबरदस्त भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि लोग विकास से जुड़ना चाहते हैं और नक्सलवाद की विचारधारा से दूर होना चाहते हैं। हमें इसी विश्वास को और मजबूत करना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनप्रतिनिधियों की शिकायतों को गंभीरता से लें, उन्हें सम्मान दें, और धैर्यपूर्वक उनकी बातों को सुनें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों में प्रशासनिक कुशलता के साथ मानवीय संवेदनशीलता भी आवश्यक है। बस्तर संभाग की जनता का विश्वास हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और हमें पूरी निष्ठा के साथ उनके कल्याण के लिए कार्य करना है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में समूचा बस्तर अलग ही परिदृश्य में दिखाई दे रहा है, बस्तर उन्नति की कहानी लिख रहा है। यह सभी के परिश्रम का परिणाम है। बस्तर की आवश्यकता का ध्यान रखते हुए कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी निर्माण कार्यो को समयावधि में पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बारिश के पहले ही निर्माण कार्य पूर्ण हो।
बैठक के दौरान बस्तर संभाग के आयुक्त डोमन सिंह ने क्षेत्र में हुए विकास कार्यों की प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 87.24 प्रतिशत और आधार कार्ड निर्माण में 96.37 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री साय ने आयुष्मान कार्ड और आधार कार्ड में शतप्रतिशत लक्ष्यपूर्ति के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए।
बैठक में अंदरूनी क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या के समाधान के लिए मोबाइल टावर लगाने की कार्ययोजना पर भी चर्चा हुई। बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में 93.37 प्रतिशत प्रगति हुई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी पात्र हितग्राही आवास से वंचित न रहे, और सभी निर्माण कार्य आगामी दिसंबर माह तक पूर्ण कर लिए जाएँ। आवश्यक निर्माण सामग्री की आपूर्ति पंचायतों के माध्यम से एकसाथ करने की रणनीति पर भी जोर दिया गया।
बैठक में जानकारी दी गई कि विद्युतीकरण के क्षेत्र में बस्तर संभाग ने उल्लेखनीय प्रगति की है। अब तक 95.89 प्रतिशत घरों में बिजली पहुंच चुकी है। कांकेर जिले में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है, वहीं बस्तर और कोंडागांव में यह आँकड़ा 99 प्रतिशत के पार पहुँच गया है। शेष जिलों में दिसंबर 2025 तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना में 91.55 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया गया है। मुख्यमंत्री साय ने सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जैसे जिलों में गति लाने के निर्देश दिए। इसी तरह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 82.88 प्रतिशत किसानों को लाभ मिल रहा है। जनधन खातों में 90.79 प्रतिशत पात्र हितग्राही पंजीकृत हैं। राजस्व संबंधी प्रकरणों जैसे नामांतरण, सीमांकन, त्रुटि सुधार के मामलों में त्वरित एवं समयबद्ध निराकरण के निर्देश दिए गए।
बैठक में मुख्यमंत्री साय ने स्थानीय युवाओं को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कौशल विकास योजनाओं से जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने प्रशिक्षित युवाओं को शतप्रतिशत प्लेसमेंट दिलाने और स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।
समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, डीजीपी अरूण देव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, पीसीसीएफ श्रीनिवास राव, बस्तर संभाग के आयुक्त, आईजी पुलिस, सभी जिलों के कलेक्टर्स, पुलिस अधीक्षक, डीएफओ, जिला पंचायत सीईओ, नगर निगम आयुक्त सहित सभी विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: कोंडागांव-नारायणपुर बॉर्डर पर दो नक्सली ढेर, एके-47 समेत विस्फोटक बरामद

Naxal Encounter:छत्तीसगढ़ में कोंडागांव और नारायणपुर जिले की सीमा पर हुई मुठभेड़ में 2 नक्सली मारे गए हैं। मारे गए नक्सलियों की शिनाख्त हो गई है। सुरक्षाबलों को पूर्वी बस्तर के खूंखार नक्सली कमांडर डिवीसीएम हलदर और एसीएम रामे को मार गिराने में कामयाबी मिली है। मारे गए नक्सलियों पर 8 लाख एवं 5 लाख करीब 13 लाख का इनाम घोषित था। मुठभेड़ स्थल से एक एके-47 राइफल समेत अन्य हथियार, विस्फोटक एवं नक्सली सामग्री बरामद हुई है। इलाके में अभी भी सर्च ऑपरेशन जारी है।
मिली जानकारी के मुताबिक जिला कोंडागांव व नारायणपुर के सीमा से सटे किलम-बरगुम क्षेत्र में नक्सलियों के आने का खूफिया इनपुट मिला था। इसके बाद कोंडागांव डीआरजी, बस्तर फाइटर्स की टीम सर्च ऑपरेशन पर रवाना हुई थी। इसी दौरान 15 अप्रैल की शाम को सुरक्षा बल और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में जवानों को भारी पड़ता देख नक्सली भाग खड़े हुए। सर्चिंग के दौरान जवानों ने अब तक दो नक्सली कैडरों के शव बरामद किए हैं। आईजीपी बस्तर रेंज, सुंदरराज पी. ने जानकारी दी कि सुरक्षा बलों की सतर्कता और बहादुरी से इस बड़ी सफलता को अंजाम दिया गया है। इलाके में सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है।
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