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Budget 2023-24: आज पेश होगा केंद्रीय बजट, GST कलेक्शन में बना नया रिकॉर्ड

Aam Budget 2023-24: केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सुबह 11 बजे पेश करेंगी। एक तरफ मोदी सरकार इस बजट से कोई ऐसी छाप छोड़ना चाहेगी, जो उसे इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में जनता के बीच दमदारी से उतरने में मदद करे। तो दूसरी तरफ विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी, ओल्ड पेंशन स्कीम जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। वहीं मोदी सरकार के लिए दुनिया में मंदी की आहट के बीच अर्थव्यवस्था को पटरी पर बरकरार रखना भी बड़ी चुनौती होगा।
जीएसटी कलेक्शन के मोर्च पर आई बड़ी खुशख़बरी
बजट से ठीक पहले अर्थव्यवस्था के लिए एक सुखद ख़बर आई है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने जीएसटी कलेक्शन के जनवरी (January 2023) महीने के मंगलवार 31 जनवरी को आंकड़े जारी किए हैं। इसमें सरकार के खाते में जनवरी 2023 में 1,55,922 करोड़ का जीएसटी राजस्व दर्ज हुआ है। वहीं बीते महीने दिसंबर 2022 में सरकार को जीएसटी से 1,49,507 करोड़ रुपए का जीएसटी कलेक्शन रिकॉर्ड हुआ था। वित्त मत्रांलय की तरफ से जारी आकड़ों के मुताबिक, सीजीएसटी (CGST) के रूप में सरकार को 28,963 करोड़ रुपए, एसजीएसटी (SGST) से 36,730 करोड़ रुपए और आईजीएसटी (IGST) के रूप में 79,599 करोड़ रुपए का कलेक्शन प्राप्त हुआ है।
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RBI: चेक क्लियरेंस के लिए नहीं करना पड़ेगा इंतजार, आज से RBI का नया क्लियरेंस सिस्टम लागू

RBI Cheque Clearance New Rules: बैंक कस्टमर्स को अब अपने चैक के भुगतान के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(RBI) का नया चेक क्लियरेंस सिस्टम आज (4 अक्टूबर) से लागू हो गया है। अब चेक जमा करने के कुछ ही घंटों के अंदर पैसा आपके खाते में आ जाएगा। पहले ग्राहकों को चैक भुगतान के लिए कम से कम दो दिन का समय लगता था। नया सिस्टम ‘कंटीन्युअस क्लियरिंग एंड सेटलमेंट’ है। इसमें बैंक चेक को स्कैन करेंगे, प्रेजेंट करेंगे और कुछ ही घंटों में पास कर दिया जाएगा। ये सारा काम बैंक के कामकाजी घंटों में ही होगा।
₹50,000 से ज्यादा की चेक पर 24 घंटे पहले देनी होगी डिटेल्स
बैंकों ने अपने ग्राहकों से कहा है कि सिक्योरिटी बढ़ाने के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम यूज करें। इसके तहत 50,000 रुपए से ज्यादा के चेक जमा करने से पहले कुछ जरूरी डिटेल्स बैंक को देनी होंगी। इसमें आपको अपना अकाउंट नंबर, चेक नंबर, तारीख, अमाउंट और जिसको चेक दे रहे हैं, उसका नाम कम से कम 24 घंटे पहले (बैंक वर्किंग आवर्स में) बताना होगा। बैंक चेक मिलने पर इन डिटेल्स को चेक करेगा। अगर सब कुछ सही हुआ तो चेक क्लियर हो जाएगा, नहीं तो रिजेक्ट हो जाएगा। ऐसे में आपको डिटेल्स दोबारा देनी होंगी।
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Maruti Suzuki Price: GST कटौती से मारुति सुजुकी के ग्राहकों को बंपर फायदा, 1.29 लाख तक कम हो जाएंगे दाम

Maruti Suzuki Car Price: देश में नई जीएसटी दरें 22 सितंबर से लागू हो रही हैं। New GST Reforms से अब सभी वस्तुएं सिर्फ 5%, 18% और 40% के स्लैब में आएंगी। इसके चलते देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने गुरुवार को नए जीएसटी स्लैब के हिसाब से अपनी कई गाड़ियों के दामों में बड़ी कटौती का ऐलान किया है। मारुति सुजुकी इंडिया अपनी गाड़ियों के दाम 22 सितंबर से 46,400 रुपए से लेकर 1.29 लाख रुपए तक कम करेगी। कंपनी ने यह कदम सरकार द्वारा जीएसटी दरों में कटौती का फायदा सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए उठाया है। कंपनी के मुताबिक एंट्री लेवल मॉडल्स पर सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा।
जीएसटी दर में बदलाव का मिलेगा फायदा
इस बदलाव का सीधा फायदा अब ग्राहकों को मिलेगा।
मारुति के इन मॉडल्स के दामों में होगी बड़ी कटौती
- एस-प्रेसो- 1,29,600 रुपए तक की कटौती।
- ऑल्टो K10- 1,07,600 रुपए तक होगी सस्ती।
- सेलेरियो– 94,100 रुपए तक की राहत।
- वैगन-आर- 79,600 रुपए तक की कमी।
- इग्निस- 71,300 रुपए तक का फायदा।
प्रीमियम और पॉपुलर मॉडल्स भी सस्ते
- स्विफ्ट- 84,600 रुपए तक कम।
- बलेनो- 86,100 रुपए तक की राहत।
- डिजायर– 87,700 रुपए तक सस्ती।
- फ्रॉन्क्स– 1,12,600 रुपए तक की कटौती।
- ब्रेजा– कीमत 1,12,700 रुपए तक घटाई गई।
- ग्रैंड विटारा – 1.07 लाख रुपए तक की राहत।
- जिम्नी– 51,900 रुपए तक सस्ती।
- अर्टिगा– 46,400 रुपए तक की कटौती।
- XL6– कीमत 52,000 रुपए तक कम।
अन्य मॉडल्स की नई कीमतें
- इनविक्टो– 61,700 रुपए तक सस्ती।
- ईको – 68,000 रुपए तक की राहत।
- सुपर कैरी LCV- कीमत 52,100 रुपए तक कम।
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GST: 5% और 18% की दो टैक्स स्लैब को मंजूरी, वित्त मंत्री बोलीं- लाइफ-हेल्थ इंश्योरेंस टैक्स फ्री, 22 सितंबर से लागू होंगी नई दरें

GST Council Meeting 2025: देश में जीएसटी व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। जीएसटी काउंसिल की लगभग 10 घंटे 30 मिनट तक चली 56वीं मैराथन बैठक में बुधवार को 12 और 28 प्रतिशत के स्लैब को समाप्त कर दो-स्तरीय टैक्स स्लैब को मंजूरी दे दी है। जीएसटी काउंसिल ने बुधवार को अधिकांश वस्तुओं को इन स्लैब से हटाकर क्रमशः 5 और 18 प्रतिशत के स्लैब में लाने का निर्णय लिया।
नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। अब जीएसटी के 4 की जगह केवल दो स्लैब 5% और 18% होंगे। इससे आम जरूरत की चीजें जैसे साबुन, शैंपू, एसी, बाइक- स्कूटर और कार सस्ती हो जाएंगी। इसके अलावा लक्जरी और हानिकारक वस्तुओं (जैसे शराब, तंबाकू आदि) पर 40% जीएसटी लगाया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि दूध, रोटी, पिज्जा ब्रेड, छेना समेत कई फूड आइटम GST फ्री होंगे। इसके अलावा इंडिविजुअल हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर टैक्स नहीं लगेगा। बैठक के खत्म होने के बाद वित्त मंत्री ने बताया कि नए स्लैब नवरात्रि के पहले दिन यानी 22 सितंबर से लागू हो जाएंगे। इससे पहले 15 अगस्त 2025 को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी में संसोधन की बात कही थी।
‘डिमेरिट गुड्स’ पर अभी फैसला नहीं
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि शराब, तंबाकू और लग्जरी कार जैसी ‘डिमेरिट गुड्स’ पर टैक्स दरों को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। वर्तमान में इन पर 40% जीएसटी लगता है। सुरेश खन्ना ने आगे कहा, ’40 प्रतिशत टैक्स के ऊपर अतिरिक्त लेवी लगाने का निर्णय बाद में किया जाएगा।’ इसका मतलब है कि इन उत्पादों की कीमत में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होगा।
खाद्य पदार्थों पर बड़ी राहत
दूध (यूएचटी), छेना, पनीर (प्री-पैकेज्ड और लेबल वाले) पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा।
रोटी, चपाती, पराठा और पिज्जा ब्रेड को भी जीएसटी से पूरी तरह मुक्त।
मक्खन, घी, बटर ऑयल, चीज, कंडेंस्ड मिल्क, कोको पाउडर, चॉकलेट, आटा-मैदा से बने तैयार खाद्य उत्पाद, पास्ता, नूडल्स, केक, बिस्किट, आइसक्रीम आदि पर टैक्स 18% या 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
खजूर, अंजीर, आम, संतरा, नींबू जैसे सूखे फलों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया।
ड्राईफ्रूट्स जैसे बादाम, पिस्ता, हेजलनट, पाइन नट्स आदि पर भी अब सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा।
चीनी, गुड़, शुगर सिरप पर 12 फीसदी से टैक्स घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है।
मिठाई, नमकीन, जैम, जेली, आचार, सॉस, आइसक्रीम जैसी चीजों पर भी अब केवल 5% जीएसटी।
5 से 0 में जाने वाले खाद्य पदार्थ
यूएचटी दूध, छेना और पनीर, सभी भारतीय ब्रेड्स, रोटी, पराठा, चपाती पर कोई टैक्स नहीं।
12-18 से पांच फीसदी पर आने वाले
खाने के आइटम- सॉस, पास्ता, कॉर्नफ्लेक्स, घी, बटर, इंस्टैंट नूडल्स, चॉकलेट, कॉफी और प्रीजर्व्ड मीट शामिल हैं।
मांस, मछली और समुद्री उत्पाद, अन्य पदार्थ
सॉसेज, मीट प्रोडक्ट्स, फिश कैवियार, समुद्री भोजन पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया।
तेंदू पत्ता, काथा, और अन्य हर्बल उत्पादों पर टैक्स 18% से घटकर 5%।
माल्ट, स्टार्च, सब्जियों से बने थिकनर, और ग्लिसरॉल पर भी जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया।
एनीमल फैट्स, मछली का तेल, घी जैसे पशु तेलों पर अब केवल 5% टैक्स लगेगा।
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India GDP: ट्रंप को मिला तगड़ा जवाब, पहली तिमाही में 7.8% दर्ज की गई GDP ग्रोथ

India’s GDP Growth: भारतीय अर्थव्यवस्था को डेड कहने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को तगड़ा जवाब मिल गया है। टैरिफ टेंशन के बावजूद घरेलू मोर्चे पर भारतीय अर्थव्यवस्था ने शानदार प्रदर्शन किया है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत की GDP ग्रोथ सालाना आधार पर 6.5% से बढ़कर 7.8% पर पहुंच गई है। जबकि ऐसा अनुमान लगाया गया था कि FY 25-26 की पहली तिमाही के दौरान जीडीपी 6.7 प्रतिशत रह सकती है। वहीं यह आंकड़ा पिछले साल इसी तिमाही में हुई 6.5 प्रतिशत वृद्धि से भी कहीं बेहतर है। साथ ये पिछली 5 तिमाही में भी सबसे ज्यादा है। इससे पहले 31 जुलाई को भारत पर 25% टैरिफ लगाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत और रूस को डेड इकोनॉमी कहा था।
क्यों बेहतर रही विकास दर?
पीटीआई की खबर के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही की यह ग्रोथ अमेरिका द्वारा भारत पर ऊंचे टैरिफ लगाए जाने से पहले की है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस वृद्धि में खेती-किसानी (कृषि क्षेत्र) का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कृषि क्षेत्र ने इस तिमाही में 3.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जो कि पिछले वर्ष की समान अवधि में 1.5 प्रतिशत थी। सरकार का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ आगे बढ़ेगी, हालांकि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और मानसून की स्थिति पर भी नजर रखी जा रही है।
सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत
भारत ने एक बार फिर दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था का तमगा बरकरार रखा है। भारतीय इकोनॉमी के ताजा प्रदर्शन के साथ तुलना करें तो चीन की जीडीपी ग्रोथ इसी अवधि में 5.2 प्रतिशत रही। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने मामूली सुधार दिखाया और 7.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही में 7.6 प्रतिशत थी। पिछली सबसे ऊंची जीडीपी ग्रोथ जनवरी-मार्च 2024 में देखी गई थी, जब अर्थव्यवस्था 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी।
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Online Gaming Bill: लोकसभा में पास हुआ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025, ड्रीम-11 जैसे कई एप्स पर लग सकता है बैन

Online Gaming Bill: लोकसभा ने बुधवार को पैसे से खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाने से जुड़ा बिल पास कर दिया। इसका मकसद इन गेम्स की लत, धन शोधन और वित्तीय धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाना है। प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025, ऑनलाइन मनी गेम्स से संबंधित विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ऐसे किसी भी गेम के लिए धन की सुविधा देने या स्थानांतरित करने से रोकता है।
सदन में विपक्ष के विरोध के बीच इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव की संक्षिप्त टिप्पणी के बाद विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। विधेयक पारित होने के बाद लोकसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। ऑनलाइन मनी गेम वह गेम है, जिसे यूजर पैसा और अन्य फायदे जीतने की उम्मीद में पैसा जमा करके खेलता है।
प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 सभी ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ (सट्टा और जुआ) गतिविधियों को गैरकानूनी घोषित करता है। ऑनलाइन फैंटेसी खेलों से लेकर ऑनलाइन जुआ (जैसे पोकर, रम्मी और अन्य कार्ड गेम) और ऑनलाइन लॉटरी तक इस बिल के कानून बनने के बाद अवैध हो जाएंगे। संसद के दोनों सदनों की ओर से विधेयक पारित हो जाने के बाद, ऑनलाइन मनी गेमिंग की पेशकश या सुविधा प्रदान करने पर तीन वर्ष तक की कैद और/या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
सरकार के इस कदम से ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों की नींद उड़ गई है। ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF), ई-गेमिंग फेडरेशन (EGF) और फेडरेशन ऑफ इंडियन फंतासी स्पोर्ट्स (FIFS) ने केंद्रीय गृह मंत्री शाह को पत्र लिखा है और विधेयक पर हस्तक्षेप करने की मांग की है। इंडस्ट्री से जुड़े बड़े अधिकारियों ने सरकार के साथ तत्काल बैठक करने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि अगर बिल पास हो जाता है, तो इससे भारतीय यूजर्स को काफी नुकसान होगा।
द फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, AIGF ने तर्क दिया है कि इससे करोड़ों गेमर्स दूसरे अवैध बेटिंग प्लेटफॉर्म और ऑपरेटर्स का रूख करेंगे। इसके अलावा, यह तेजी से बढ़ती इस इंडस्ट्री के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है, जिससे करोड़ों लोगों को रोजगार मिलता है। इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि इससे 4 लाख कंपनियां, 2 लाख नौकरी, 25000 करोड़ का निवेश और सालाना 20000 करोड़ के जीएसटी कलेक्शन के लिए भी खतरा पैदा हो सकता है।
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