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सूरजपुर में 3 और कोरोना पॉजिटिव मिले, प्रदेश में कुल एक्टिव केस की संख्या 7 हुई
रायपुर: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में 3 और लोगों को कोविड-19 वायरस से संक्रमित पाया गया है। शुक्रवार देर शाम आई रिपोर्ट में सूरजपुर जिले के जजावल क्वारंटाइन सेंटर में तैनात एक पुलिसकर्मी, 1 रसोइया और 1 पंचायत सचिव के कोरोना वायरस संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इसी के साथ ही अब प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 7 हो गई है।
3 नए मरीज सामने आने के बाद सूरजपुर जिले से कुल 6 मरीज हो गए हैं। इससे पहले जजावल क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए 3 मजदूरों को कोरोना संक्रमित पाया गया था। वहीं अब प्रदेश में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 43 हो गई है। इसमें सबसे अधिक कोरबा जिले से 28, रायपुर और सूरजपुर जिले से 6-6, दुर्ग, राजनांदगांव और बिलासपुर से 1-1 मरीज मिले हैं। अब तक कुल 36 मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं।
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Chhattisgarh: मुख्यमंत्री साय ने किया प्रदेश के पहले ट्राइबल म्यूजियम का लोकार्पण, सीएम बोले- पर्यटन और शोध का बनेगा बड़ा केन्द्र

Raipur: आदिवासी बाहुल्य राज्य छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने ट्राइबल म्यूजियम बनाकर आदिवासी संस्कृति, सभ्यता और उनकी जीवनशैली को आमजन तक पहुँचाने के लिए अभिनव पहल किया है। इसके लिए नवा रायपुर अटल नगर में करीब 10 एकड़ क्षेत्र में भव्य एवं आकर्षक आदिवासी संग्रहालय (ट्राइबल म्यूजियम) बनाया गया है। राज्य के पहले ट्राइबल म्यूजियम का लोकार्पण आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया।
मुख्यमंत्री साय ने लोकार्पण कार्यक्रम में सबसे पहले आदिवासी परम्परा अनुरूप मुख्य द्वार पर द्वार पूजा व श्रीफल तोड़कर नवनिर्मित ट्राइबल म्यूजियम में प्रवेश किया। वहीं प्रवेश गैलेरी में पंचतत्व के साथ प्रकृति शक्ति की पूजा करते हुए मंगलकामना की। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने उद्बोधन में छत्तीसगढ़ के निर्माता तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी को धन्यवाद देते हुए कहा कि, अटल जी ने आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ को पृथक राज्य बनाया। अटल जी के कार्यकाल में ही जनजाति विकास के लिए केन्द्र सरकार में आदिम जनजाति कल्याण मंत्रालय का गठन हुआ। वहीं यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान और विशेष पिछड़ी जनजाति समूह के लिए पीएम जनमन योजना लागू किया है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ राज्य की विशेष पहचान हमारी सुंदर जनजातीय संस्कृति से है। छत्तीसगढ़ में जनजातीय संस्कृति में विविधता है और हर जनजातीय समुदाय की अपनी विशिष्ट पहचान है। प्रदेश 43 जनजातीय समुदाय हैं और इनकी अनेकों उपजातियाँ हैं। इसके साथ ही हमारे राज्य में विशेष पिछड़ी जनजातियाँ भी हैं। जनजातीय समुदाय का सुंदर संसार, इनका खानपान, पहनावा, संगीत, लोककला, वाद्ययंत्र, नृत्य इन सबकी झलक म्यूजियम में दिखेगी। इसमें 14 गैलरी हैं और हर गैलरी एक विशेष थीम पर बनाई गई है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह संग्रहालय न केवल आदिवासी समाज की परंपराओं, कला और संस्कृति को संरक्षित करेगा, बल्कि युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने में भी अहम भूमिका निभाएगा। संग्रहालय में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जनजातीय समुदायों की जीवनशैली, वेशभूषा, लोककला, रीति-रिवाज और धार्मिक मान्यताओं को दृश्य और डिजिटल माध्यमों से दर्शाया गया है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस म्यूजियम में हमारे जनजातीय क्षेत्रों की बहुरंगी संस्कृति की झलक दिखाई गई है। यह झलक दर्शकों को इस बात के लिए प्रेरित करेगी कि वे बस्तर और सरगुजा घूमने जाएं और जिन चीजों को उन्होंने इस म्यूजियम में महसूस किया है उसे वहां प्रत्यक्ष रूप में देख सकें।
ट्राइबल म्यूजियम के लोकार्पण कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने ट्राइबल म्यूजियम के शुभारंभ को गौरव का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि आदिवासी बाहुल्य प्रदेश में आदिवासी संस्कृति को और उनकी जीवन पद्धति को सबके सामने रखने के लिए ट्राइबल म्यूजियम का निर्माण हुआ है। आदिवासी विकास मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि अब ट्राइबल म्यूजियम में एक स्थान पर ही छत्तीसगढ़ में निवास करने वाले हर आदिवासी समुदाय के बारे में संपूर्ण जानकारी लोगों को मिल जाएगी।
14 गैलरियों में दिखेगी जनजातीय संस्कृति :
जनजातीय संग्रहालय में कुल 14 गैलरियां हैं, जिनमें जनजातीय जीवनशैली के सभी पहलुओं का बहुत ही खूबसूरत ढ़ंग से जीवंत प्रदर्शन किया गया है। इनमें जनजातियों के भौगोलिक विवरण, तीज-त्यौहार, पर्व-महोत्सव तथा विशिष्ट संस्कृति, आवास एवं घरेलू उपकरण, शिकार उपकरण, वस्त्र (परिधान) एवं आभूषण, कृषि तकनीक एवं उपकरणों, जनजातीय नृत्य, जनजातीय वाद्ययंत्रों, आग जलाने, लौह निर्माण, रस्सी निर्माण, फसल मिंजाई (पौधों से बीज अलग करना), कत्था निर्माण, चिवड़ा-लाई निर्माण, मंद आसवन, अन्न कुटाई व पिसाई, तेल प्रसंस्करण हेतु उपयोग में लाने जाने वाले उपकरणो व परंपरागत तकनीकों, को दर्शाया गया हैं। वहीं सांस्कृतिक विरासत के अंतर्गत अबुझमाड़िया में गोटुल, भुंजिया जनजाति में लाल बंगला इत्यादि, जनजातीय में परम्परागत कला कौशल जैसे बांसकला, काष्ठकला, चित्रकारी, गोदनाकला, शिल्पकला आदि का एवं अंतिम गैलरी में विषेष रूप से कमजोर जनजाति समूह यथा अबूझमाड़िया, बैगा, कमार, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर एवं राज्य शासन द्वारा मान्य भुंजिया एवं पण्डो के विशेषीकृत पहलुओं का प्रदर्शन किया गया है। संग्रहालय में डिजिटल एवं एआई तकनीक के माध्यम से जनजातीय संस्कृति का भी प्रदर्शन किया गया है। क्यूआर कोड स्कैन करते ही सम्बंधित झांकी की सम्पूर्ण जानकारी मोबाइल पर उपलब्ध हो जाएगी।
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Raipur: तिरंगा यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, रायपुरियंस ने दिया एकजुटता और देशभक्ति का संदेश

Tiranga Yatra Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर में आयोजित तिरंगा यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा की जब भी बात आएगी हम सभी एक हैं और प्रधानमंत्री मोदी और अपनी सेना के साथ हैं। उन्होंने कहा कि तिरंगा यात्रा में सभी वर्गों के लोग, सेवानिवृत्त सैनिक, समाज सेवी संगठन, आम नागरिक, महिला एवं पुरुष, बच्चों ने बड़ी संख्या में शामिल होकर एकजुटता, देशभक्ति, राष्ट्रीय गौरव का संदेश दिया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भारतीय सेना ने आपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान में 9 आतंकवादी ठिकानों को पूरी तरह धराशायी कर दिया। हम सभी अपनी सेना के अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम को नमन करते हैं। आज का भारत नया भारत है, जो किसी भी दुस्साहस का मुंह तोड़ जवाब देने में सक्षम है। हमें सर झुकाने की जरूरत नहीं होगी, हमारा डंका पूरी दुनिया में बजेगा।
लोकसभा सांसद रायपुर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि तिरंगा यात्रा के माध्यम से आज हम एकजुटता का संदेश दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश एक नई ऊंचाइयों को छू रहा है। इस अवसर पर जगदलपुर विधायक किरण देव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नया भारत का नया पैमाना तय किया जा रहा है जिसमें देश के दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब दिया जा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और देश की आन, बान और शान, भारतीय सैनिकों के साहस, शौर्य और पराक्रम को नमन करते हुए आज निकली गई तिरंगा यात्रा में लगभग 10 हजार लोग शामिल हुए। तिरंगा यात्रा मरीन ड्राइव से नगर घड़ी चौक तक निकाली गई। जिसमें सभी धर्म, जाति, संप्रदाय और सभी वर्गों के लोग भारत माता की जय के गगनभेदी नारों के साथ हाथ में तिरंगा थामे शामिल हुए।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री आवास एवं शहरी मामले तोखन साहू, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वन मंत्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन, स्वास्थ मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा सहित विधायकगण, महापौर श्रीमती मीनल चौबे उपस्थित थीं।
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CG Cabinet: साहित्यकारों-कलाकारों की पेंशन 5000 की गई, ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान’ शुरू होगा

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए राज्य के शासकीय विद्यालयों में ‘‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान का संचालन करने का अहम निर्णय लिया गया। इस अभियान के अंतर्गत शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, पालक-शिक्षक सहभागिता बढ़ाने और शैक्षणिक उपलब्धियों को उन्नत करने के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विशेष फोकस किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अभियान के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया जाएगा।
विद्यालयों को मिलेगी ग्रेडिंग
अभियान के तहत विद्यालयों का सामाजिक अंकेक्षण कर गुणवत्ता के आधार पर ग्रेडिंग की जाएगी। कमजोर शालाओं की नियमित मॉनीटरिंग विभिन्न विभागों के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सुनिश्चित की जाएगी। मॉडल शालाओं का चयन कर, कमजोर शालाओं के शिक्षकों को वहां शैक्षणिक भ्रमण कराया जाएगा। पालक-शिक्षक बैठकों (पीटीएम) के माध्यम से अभिभावकों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। विद्यार्थियों की शैक्षणिक उपलब्धियों में वृद्धि के लिए कक्षा शिक्षण प्रक्रियाओं में सुधार किया जाएगा।
कलाकारों और साहित्यकारों की पेंशन 5000 हुई
मंत्रिपरिषद ने साहित्य और कला के क्षेत्र में राज्य के अर्थाभावग्रस्त कलाकारों और साहित्यकारों के लिए एक बड़ी राहत देने का निर्णय लिया है। विधानसभा बजट सत्र में की गई घोषणा के परिपालन में अब कलाकारों को दी जाने वाली मासिक वित्तीय सहायता (पेंशन) को 2000 रुपए से बढ़ाकर 5000 रुपए प्रति माह कर दिया गया है। इसके लिए संस्कृति विभाग अंतर्गत संचालित वित्तीय सहायता योजना नियम-1986 में संशोधन के प्रस्ताव का मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन किया गया। यह योजना वर्ष 1986 में प्रारंभ की गई थी, लेकिन पिछले 12 वर्षों में कोई वृद्धि नहीं हुई थी। राज्य के खजाने पर इससे 58.32 लाख रुपये का अतिरिक्त वार्षिक भार आएगा।
औद्योगिक विकास नीति में संशोधन को मंजूरी
मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदेश में औद्योगिक विकास को और अधिक गति देने एवं भूमि आबंटन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इस संशोधन से औद्योगिक क्षेत्रों, लैंड बैंक तथा अन्य भूमि खंडों के आबंटन की प्रक्रिया में और अधिक स्पष्टता व पारदर्शिता आएगी। मंत्रिपरिषद ने राज्य की औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में कई महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दी है। नई नीति के तहत जिन कंपनियों में छत्तीसगढ़ के लोगों को नौकरी मिलेगी, उन्हें सरकार की तरफ से अनुदान मिलेगा। प्रस्तावित संशोधन से राज्य में रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे साथ ही आधुनिक खेती से लेकर खिलौना उद्योग तक को बढ़ावा मिलेगा।
- हाइटेक खेती को बढ़ावा-अब हाइड्रोपोनिक और ऐयरोपोनिक जैसी आधुनिक खेती को बढ़ावा मिलेगा। किसानों को नई तकनीक, जैसे ऑटोमेशन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स का फायदा मिलेगा।
- युवाओं के लिए ट्रेनिंग और खेल की सुविधाएं – राज्य में खेल अकादमी और निजी प्रशिक्षण केंद्रों को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे युवाओं को बेहतर ट्रेनिंग और करियर के अवसर मिलेंगे। गुणवत्ता पूर्ण विश्वविद्यालयों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा।
- ऑटोमोबाइल रिपेयरिंग और सर्विस सेंटर को सभी विकासखण्ड समूहों में मान्य किया जाएगा।
- पर्यटन और होटल व्यवसाय को बढ़ावा – बस्तर और सरगुजा संभाग में होटल और रिसॉर्ट बनाने के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा घटा दी गई है, जिससे इन इलाकों में पर्यटन बढ़ेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
- कपड़ा उद्योग को दोगुना प्रोत्साहन – टेक्सटाइल सेक्टर में निवेश करने पर अब 200 प्रतिशत तक का प्रोत्साहन मिलेगा। इससे सिलाई, कढ़ाई और बुनाई जैसे काम करने वालों को भी फायदा मिलेगा।
- लॉजिस्टिक हब बनेगा छत्तीसगढ़ – अब राज्य के हर हिस्से में माल ढुलाई और व्यापार को आसान बनाने के लिए नई लॉजिस्टिक नीति लाई जाएगी। इससे व्यापारियों को फायदा होगा और बाजारों तक पहुंच आसान होगी। ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर को विशेष पैकेज, निजी औद्योगिक पार्क के लिए अधोसंरचना अनुदान में बढ़ोत्तरी तथा प्लग एंड प्ले फैक्ट्री निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा।
- दिव्यांगजनों को विशेष लाभ – दिव्यांगजनों की परिभाषा को नया रूप दिया गया है ताकि उन्हें ज्यादा योजनाओं का लाभ मिल सके।
- प्रदेश में इज आफ लिविंग को बढ़ावा देने हेतु, न्यूनतम 500 विद्यार्थी क्षमता के कक्षा पहली से 12वीं निजी सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूल एवं मल्टिप्लेक्स युक्त मिनी मॉल से वंचित प्रदेश के नगरीय क्षेत्र एवं नगरीय क्षेत्र से भिन्न विकासखण्ड मुख्यालय से 10 किलोमीटर की परिधि तक के क्षेत्र में प्रथम तीन इकाई को थ्रस्ट सेक्टर की भांति सम्मिलित किया जाएगा।
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Chhattisgarh: केंद्रीय मंत्री शिवराज ने सीएम साय को सौंपा 3 लाख 700 पीएम आवासों का स्वीकृति पत्र, मनरेगा में छत्तीसगढ़ का लेबर बजट बढ़ाने की घोषणा

Ambikapur: केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि व किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान आज अंबिकापुर में आयोजित “मोर आवास मोर अधिकार” कार्यक्रम में शामिल हुए। सरगुजा संभाग के मुख्यालय अंबिकापुर के पीजी कॉलेज मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री साय ने की। केन्द्रीय मंत्री चौहान ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और पीएम जनमन के आवास हितग्राहियों को उनके पूर्ण हो चुके आवास की चाबी सौंपी और उन्हें शुभकामनाएं दी। केन्द्रीय मंत्री ने आवास का निर्माण प्रारंभ करने वाले हितग्राहियों के आवास का भूमिपूजन कर उन्हें आवास स्वीकृति पत्र भी प्रदान किया। केंद्रीय मंत्री चौहान ने प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के नवनिर्मित 51 हजार आवासों में हितग्राहियों को गृह प्रवेश भी करवाया और उत्कृष्ट कार्य करने वाली स्व सहायता समूह की दीदियों, लखपति दीदियों को सम्मानित किया तथा अमृत सरोवर पोर्टल का शुभारंभ किया।
केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोई गरीब कच्चे मकान में नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि नया सर्वे हो रहा है और जिनके कच्चे मकान हैं, उनके पक्के मकान बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में तीन लाख लखपति दीदी बनी हैं। आने वाले समय में 4 लाख लखपति दीदी बनाएंगे। महिला स्व-सहायता से जुड़ी हर दीदी को लखपति बनाएंगे। गांव के हर एक गरीब को रोजगार से जोड़कर उसकी आमदनी बढ़ाएंगे। केंद्रीय मंत्री शिवराज ने कहा कि प्रदेश में नक्सल प्रभावित जिले में 15 हजार आवास की स्वीकृति दी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में लेबर बजट बढ़ा दिया जाएगा। घर बनाने के लिए हितग्राहियों को 90 दिन की मजदूरी भी दी जाती है।
खेती को बनाएंगे फायदे का धंधा-केंद्रीय मंत्री शिवराज
केन्द्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि खेती को फायदे का धंधा बनाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में धान की फसल 3100 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से खरीद रहे हैं। किसानों की आय को बढ़ा रहे हैं। मेरे पास 16000 से अधिक कृषि वैज्ञानिक है। 29 मई से 12 जून तक कृषि वैज्ञानिक गांवों में आएंगे और 15 से 20 गांवों के किसी सेंटर पर किसानों के साथ बैठकर कृषि को फायदे का धंधा बनाने के लिए चर्चा करेंगे। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए क्या-क्या किया जाए, वे आपके बीच जाएंगे, आपकी समस्या को सुनेंगे, आपके खेत को देखेंगे, मिट्टी-मिट्टी का परीक्षण करेंगे कि खेत किस प्रकार की फसल के लिए उपयुक्त है। खरीफ फसलों की तैयारी के लिए सुझाव देंगे। खेती के साथ पशुपालन, उद्यानिकी जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित करेंगे।
पात्र हितग्राहियों को उपलब्ध कराएंगे आवास-मुख्यमंत्री साय
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अभी आवास प्लस-प्लस का सर्वे चल रहा है। सभी से आग्रह है कि 15 मई तक सर्वेक्षण में अपना नाम जुड़वा लें। इस बार आवास के लिए पात्रता में कई छूट दी गई हैं। जिनके पास पांच एकड़ असिंचित जमीन या ढाई एकड़ सिंचित जमीन है, जिनकी मासिक आय 15 हजार रूपए तक है, जिनके पास मोटर साइकिल हैं, उन्हें भी प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए पात्र माना गया है।
आम जनता की समस्या के समाधान के लिए प्रदेश में चल रहा है सुशासन तिहार
सीएम साय ने कहा कि आम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए 3 चरणों में सुशासन तिहार चल रहा है। पहले चरण में लोगों से आवेदन लिए गए, दूसरे चरण में उनका समाधान किया गया और तीसरे चरण में समाधान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं और मंत्रिगण समाधान शिविर में शामिल हो रहे हैं। विकास कार्यों का औचक निरीक्षण किया जा रहा है और समीक्षा बैठक आयोजित किया जा रहा है। अभी तक मैं 11 जिले का दौरा कर चुका हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने मोदी की अधिकांश गारंटियों को पूरा कर लिया है।
कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, कृषि मंत्री राम विचार नेताम, लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, राज्य सभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, सांसद चिंतामणि महाराज, सरगुजा संभाग के सभी विधायकगण सहित अन्य जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज ने की जशप्योर ब्रांड के उत्पादों की सराहना, बोले- इसमें है छत्तीसगढ़ी माटी की सोंधी महक

Raipur: केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और स्वावलंबन की भावना से ओतप्रोत “जशप्योर” ब्रांड के उत्पादों की सराहना की। केंद्रीय मंत्री चौहान ने “जशप्योर” के उत्पादों की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ‘जशप्योर’ न केवल एक ब्रांड है, यह छत्तीसगढ़ी माटी की महक, आदिवासी बहनों की मेहनत और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ का प्रतीक बन चुका है।
उल्लेखनीय है कि मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उन्हें जशपुर जिले के स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा तैयार की गई जशप्योर ब्रांड की खाद्य पदार्थों से सुसज्जित विशेष परंपरागत टोकरी भेंट की। छत्तीसगढ़ की पहचान बन चुके “जशप्योर” ब्रांड की यह टोकरी केवल उपहार नहीं थी, बल्कि आत्मनिर्भरता, परिश्रम और स्वदेशी कौशल का एक जीवंत प्रतीक थी।
छींद कांसा की हस्तनिर्मित टोकरी में सजाए गए उत्पादों में डेकी, कुटा, जवां फूल चावल, टाऊ पास्ता, महुआ कुकीज, रागी, मखाना लड्डू, महुआ गोंद लड्डू, महुआ च्यवनप्राश, ग्रीन टी, शहद और हर्बल सिरप जैसे विविध उत्पाद शामिल थे। केंद्रीय मंत्री चौहान ने उत्पादों में गहरी रुचि दिखाई और प्रत्येक वस्तु की जानकारी बड़े उत्साह से ली। उन्होंने कहा कि इन उत्पादों में केवल स्वाद ही नहीं, बल्कि हमारे जनजातीय समुदाय का परिश्रम और गौरव झलकता है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को आत्मसात करते हुए, ऐसे लोकल ब्रांड्स को सशक्त बना रही है, जो न केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हैं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवंत बनाए रखते हैं। उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ की स्व सहायता समूहों की महिलाएं केवल उत्पाद नहीं बना रहीं, बल्कि आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ की नींव गढ़ रही हैं।
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