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मुख्यमंत्री बघेल ने प्रवासी श्रमिकों की वापसी के लिए मांगी 28 ट्रेनें, रेल मंत्री से निशुल्क व्यवस्था करने का किया आग्रह
रायपुर:मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों की वापसी के लिए देश के विभिन्न शहरों से 28 ट्रेन चलाने का अनुरोघ किया है। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा मजदूरों की घर वापसी के लिए ट्रेन चलाने के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने मानवीय आधार पर ट्रेनों के संचालन की व्यवस्था को निशुल्क करने और जल्द से जल्द तारीख और समय तय करने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि देश भर में पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई तेज हो गई है। छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा भी कोविड-19 का बहादुरी से मुकाबला किया जा रहा है। हमने अपने राज्य में इस महामारी के संक्रमण को रोकने में काफी हद तक सफलता पाई है। इस समय छत्तीसगढ़ के बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं। हेल्पलाइन और अन्य माध्यमों से प्राप्त सूचना के अनुसार लगभग 1.17 लाख से भी अधिक प्रवासी कामगार देश के 21 राज्यों और 4 केन्द्र शासित प्रदेशों में फंसे होने की जानकारी है। परिवहन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद संख्या बढ़ सकती है। यदि प्रवासी श्रमिकों के अलावा अन्य लोगों जैसे छात्र, पर्यटक आदि को जोड़ते हैं, तो यह संख्या और भी ज्यादा होगी।
मानवीय आधार पर निशुल्क हो व्यवस्था- मुख्यमंत्री बघेल
मुख्यमंत्री ने कहा है कि देश भर में फंसे हुए लोगों के लिए जो ट्रेनें विशेष रूप से संचालित की जा रही हैं, उनसे फंसे हुए मजदूरों और व्यापक लाॅकडाउन से प्रभावित लोगों को बिना किसी परेशानी के आगे की यात्रा के लिए निःशुल्क संचालित की जानी चाहिए। रेल्वे बोर्ड के द्वारा एक मई को जारी पत्र के अनुसार स्लीपर मेल एवं एक्सप्रेस ट्रेन के लिए शुल्क निर्धारित किया गया है, जो कि उचित नहीं है। क्योंकि सभी प्रवासी श्रमिक लाॅकडाउन के कारण फंसे हुए हैं और पीड़ित हैं। मानवीय आधार पर रेलवे द्वारा निःशुल्क व्यवस्था की जानी चाहिए। इस संबंध में आपसे अनुरोध करता हूं कि प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों एवं नागरिकों की वापसी हेतु पर्याप्त संख्या में ट्रेनों का संचालन करने का कष्ट करें।
इन रूटों पर ट्रेन चलाने का किया अनुरोध
प्रवासी श्रमिकों के लिए मुख्यमंत्री बघेल ने जम्मू से रायपुर-बिलासपुर 7 ट्रेनें, लखनऊ से रायपुर-बिलासपुर 3 ट्रेनें, कानपुर से रायपुर-बिलासपुर 2 ट्रेनें, चेन्नई से रायपुर-बिलासपुर 1 ट्रेन, बंगलौर से रायपुर-बिलासपुर 1 ट्रेन, पुणे से रायपुर-बिलासपुर 2 ट्रेनें, इलाहाबाद से बिलासपुर 1 ट्रेन, दिल्ली से रायपुर-बिलासपुर 3 ट्रेनें, हैदराबाद-सिकंदराबाद से रायपुर-बिलासपुर 3 ट्रेनें, विशाखापट्नम से रायपुर 1 ट्रेन, सूरत-अहमदाबाद से रायपुर 1 ट्रेन, कोलकाता से रायपुर 1 ट्रेन, जयपुर से रायपुर 1 ट्रेन, पटना से दुर्ग 1 ट्रेन के संचालन का आग्रह किया है।
लौटने के इच्छुक संबंधित राज्य के लिए नामांकित नोडल अधिकारी से कर सकते हैं संपर्क
छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर जाने हेतु संबंधित जिला कलेक्टर कार्यालय से अनुमति प्राप्त कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ राज्य वापसी हेतु मांग कर रहे श्रमिक, व्यक्तियों के लिए राज्य शासन द्वारा ट्रेन की मांग की गई है। ट्रेन की अनुमति मिलने पर चलायी जाएगी।
सभी राज्यों के लिए (24×7) स्टेट हेल्पलाईन नंबर
(1) 0771-2443809
(2) 91098-49992
(3) 75878-21800
(4) 75878-22800
(5) 96858-50444
(6) 91092-83986
(7) 88277-73986
राज्य का नाम- हेल्पलाइन नंबर सीमित अवधि के लिए (प्रातः 9.00 बजे से शाम 7.00 बजे तक)
- उत्तर प्रदेश- 75878-21800, 96858-50444
- दिल्ली और हरियाणा- 74772-13986
- बिहार- 88199-53807
- पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्वी राज्य- 83494-68006
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CG News: मोबाइल के लिए जलाशय से पानी बहाने का मामला, फूड इंस्पेक्टर, SDO समेत 3 पर FIR

CG News(Raipur): कांकेर(Kanker) जिले के पखांजुर के परलकोट जलाशय से फूड इंस्पेक्टर का मोबाइल निकालने के लिए 21 लाख लीटर पानी बहाने के मामले में शासन ने बड़ी कार्रवाई की है। फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास, जल संसाधन विभाग के एसडीओ राम लाल धीवर और सब इंजीनियर छोटे लाल ध्रुव पर पखांजुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में फूड इंस्पेक्टर विश्वास और एसडीओ धीवर को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।
बता दें कि 21 मई को परलकोट जलाशय में पिकनिक मनाने गए फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास का मोबाइल जलाशय में गिर गया था। इसके बाद ग्रामीणों और गोताखोरों के मोबाइल ढूंढ़ने में नाकाम रहने पर फूड इंस्पेक्टर ने पंप लगाकर 4 दिनों में जलाशय का 4 हजार 104 क्यूबिक मीटर पानी अनाधिकृत रूप से बहा दिया गया था। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद फूड इंस्पेक्टर को निलंबित कर रिकवरी की कार्रवाई भी की गई है। जबकि एसडीओ धीवर को पहले कारण बताओ नोटिस दिया गया था। जिन्हें आज निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास, एसडीओ धीवर और सब इंजीनियर के खिलाफ आज एफआईआर की कार्रवाई भी की गई है।

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CG News: मुख्यमंत्री ने बेरोजगारी भत्ते की दूसरी किश्त जारी की, एक लाख से ज्यादा के खातों में ट्रांसफर की राशि

CG News: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बेरोजगारी भत्ता योजना के एक लाख 5 हजार 395 हितग्राहियों के खाते में 32 करोड़ 35 लाख 25 हजार रुपए की राशि ऑनलाइन ट्रांसफर की। इन हितग्राहियों में 66 हजार 185 हितग्राहियों को, जिन्हें माह अप्रैल में प्रथम किश्त की राशि जारी की गई थी, उन्हें आज द्वितीय किश्त के रूप में 16 करोड़ 54 लाख 62 हजार 500 रुपए ट्रांसफर किए गए। वहीं 24 हजार 15 हितग्राहियों को जिन्होंने 30 अप्रैल 2023 तक आवेदन किया था, उन्हें माह अप्रैल और मई दोनों माह की बेरोजगारी भत्ते की किश्त के रूप में 12 करोड़ 75 हजार रुपए की राशि जारी की गई। इसी प्रकार 15 हजार 195 हितग्राहियों को जिन्होंने मई 2023 में आवेदन किया था, उन्हें आज प्रथम किश्त की राशि के रूप में 3 करोड़ 79 लाख 87 हजार 500 रुपए की राशि जारी की गई। बेरोजगारी भत्ता योजना के हितग्राहियों को प्रथम और द्वितीय किश्त के रूप में कुल 48 करोड़ 89 लाख 87 हजार 500 रुपए की राशि जारी की गई है।
ज्यादा खुशी तब होगी जब आपके हाथ में रोजगार होगा-मुख्यमंत्री बघेल
बेरोजगारी भत्ते (Chhattisgarh Berojgari Bhatta Yojana) की दूसरी किश्त जारी करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने युवाओं से कहा कि आपको बेरोजगारी भत्ते से सहायता मिल रही है, लेकिन मुझे बेरोजगारी भत्ता देने से ज्यादा खुशी तब होगी जब आपके हाथ में रोजगार होगा। सरकारी नौकरी के लिए हम लगातार वेकेंसी निकाल रहे हैं इसके साथ ही आपको कौशल प्रशिक्षण भी दे रहे हैं ताकि आप अपना काम भी शुरू कर सकें। बेरोजगारी भत्ता एक छोटा सा सहयोग भर है, जिसके माध्यम से आप अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकें।
बेरोजगारी भत्ता योजना में बालोद जिला अव्वल
बेरोजगारी भत्ता योजना के तहत बालोद जिले में सर्वाधिक 8 हजार 832 हितग्राहियों को बेराजगारी भत्ते की किश्त दी गई। दुर्ग जिले में 8 हजार 664, बिलासपुर जिले में 5 हजार 809, धमतरी जिले में 5 हजार 751, जांजगीर-चांपा जिले में 5 हजार 395, रायपुर जिले में 4 हजार 501, कांकेर में 4 हजार 524, राजनांदगांव जिले में 4 हजार 494, बलौदा बाजार जिले में 4 हजार 307, कबीरधाम जिले में 4 हजार 168, महासमुंद जिले में 4 हजार 284, मुंगेली जिले में 4 हजार 232, बेमेतरा जिले में 3 हजार 875, गरियाबंद जिले में 3 हजार 419, सक्ति जिले में 3 हजार 295, सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में 3 हजार 138 हितग्राहियों को बेरोजगारी भत्ते की किश्त अंतरित की गई है।
इसी तरह बस्तर जिले में 2 हजार 461, कोण्डागांव जिले में 2 हजार 935, कोरबा जिले में 2 हजार 624, जशपुर जिले में 2 हजार 573, रायगढ़ जिले में 2 हजार 306, सूरजपुर जिले में 2 हजार 290, सरगुजा जिले में 2 हजार 997, बलरामपुर जिले में 1 हजार 911, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में एक हजार 245, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में एक हजार 230, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में 951, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में 950, कोरिया जिले में 892, दंतेवाड़ा में 468, बीजापुर जिले में 377, नारायणपुर जिले में 369, सुकमा जिले में 376 हितग्राहियों के खाते में बेरोजगारी भत्ते की किश्त अंतरित की गई।

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CG News: राष्ट्रीय रामायण महोत्सव की तैयारियां पूरी, अरण्य कांड की थीम पर सज रहा मंच

CG News (Raigarh): ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के रंग में रायगढ़ पूरी तरह रंग गया है। युद्धस्तर पर चलने वाली प्रशासनिक तैयारियों के साथ ही आम जनता में भी महोत्सव को लेकर गजब का उत्साह नजर आ रहा है। आयोजन की सबसे खास बात यह है कि इसकी थीम रामायण के अरण्य कांड पर आधारित है। इसके चलते मंच को भी अरण्य कांड की थीम पर ही सजाया जा रहा है। मुख्यमंत्री बघेल की पहल पर आयोजित इस महोत्सव में अरण्य कांड पर आधारित रामकथा की प्रस्तुति राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय दलों द्वारा होगी। अरण्य कांड तुलसीदास कृत रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण का ऐसा हिस्सा है जिसमें भगवान श्रीराम के वनवास के दिनों का वृतांत है, जिसमें माता सीता और भ्राता लक्ष्मण ने भी उनके साथ वनवास किया था।
छत्तीसगढ़ में ऐसी 9 पुण्यभूमि हैं, जो राम-वन-गमन परिपथ में शामिल हैं, जिस पथ से श्रीराम गुजरे थे। दंडक वन में हुई इन घटनाओं को वाल्मीकि रामायण और इसके बाद अनेक भाषाओं में लिखी गई रामायण में अंकित किया गया है। साथ ही विभिन्न कलारूपों में भी यह शामिल हैं। महोत्सव में इंडोनेशिया और कंबोडिया के रामायण दलों द्वारा मंचन भी होगा। कंबोडिया के अंकोर वाट मंदिर और इंडोनेशिया के जावा के मंदिरों में रामायण के रूपों का अंकन किया गया है। इसी के साथ इन्हें ललित कलाओं में भी प्रस्तुत किया गया। रामायण महोत्सव के दौरान दक्षिण पूर्वी एशिया के इन देशों में रामायण के प्रचलित रूपों की झलक मिलेगी।
अंतरराज्यीय रामायण मंडलियों के मध्य होगी प्रतिस्पर्धा
रामकथा की बहुत सुंदर प्रस्तुति भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कलारूपों में होती है। सभी कलारूप बहुत आकर्षक है और सुंदर रामलीला प्रस्तुत करते हैं। विभिन्न राज्यों में कुछ रामायण मंडलियों ने अपनी खास प्रस्तुति से अपना अलग ही मुकाम बनाया है। अरण्य कांड पर इनकी भव्य प्रस्तुति आयोजन की सबसे खास विशेषता होगी। पहले दिन अरण्य कांड पर उत्तराखंड, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ राज्यों में प्रतियोगिता होगी। दूसरे दिन झारखंड, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओडिशा, असम, हिमाचल प्रदेश, गोवा और छत्तीसगढ़ राज्य के बीच प्रतियोगिता होगी। समापन समारोह पर विजेता दलों को पुरस्कृत किया जाएगा।
कंबोडिया और इंडोनेशिया के दल देंगे प्रस्तुति
महोत्सव के दौरान रामकथा का विस्तृत फलक देखने दर्शकों को मिलेगा। सागर पार इंडोनेशिया और कंबोडिया में फैले राम कथा के विविध रूपों की झलक दर्शकों को मिलेगी। रामकथा इन देशों के कलाकारों ने अपने खास कलारूपों में प्रस्तुत करते हुए अपनी धरोहर को अब तक कायम रखा है। रामायण महोत्सव के दौरान इन कलारूपों को देखना दर्शकों के लिए चकित करने वाला अनुभव होगा।
सामूहिक हनुमान चालीसा का होगा पाठ
महोत्सव के दौरान तीनों दिन सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ होगा। समापन समारोह के दिन केलो महाआरती और दीपदान का आयोजन भी होगा। कार्यक्रम के औपचारिक शुरूआत के पश्चात हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ होगा। हनुमान चालीसा का पाठ स्थानीय कलाकारों एवं पुरोहितों के द्वारा किया जाएगा। इस मौके पर विदेशी एवं अंतरराज्यीय कलाकारों द्वारा मार्च पास्ट भी किया जाएगा।
दिग्गज कलाकार लेंगे हिस्सा
राष्ट्रीय स्तर के दिग्गज कलाकार कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। समारोह के पहले दिन राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इंडियन आइडल कलाकार शण्मुख प्रिया तथा सारे गामा के कलाकार शरद शर्मा अपनी प्रस्तुति देंगे। कार्यक्रम के दूसरे दिन बाबा हंसराज रघुवंशी तथा लखबीर सिंह लक्खा भजन संध्या की प्रस्तुति करेंगे। समापन समारोह के दिन मैथिली ठाकुर भजन संध्या की प्रस्तुति करेंगी। अंतिम कार्यक्रम कुमार विश्वास का अपने-अपने राम म्यूजिक नाइट होगा।

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Raipur News: मुख्यमंत्री बने थे जिनके मेहमान, अब मुख्यमंत्री बने उनके मेजबान

Raipur News: भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश की विधानसभाओं में लोगों से प्रत्यक्ष मुलाकात कर शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी स्थिति जानी थी। साथ ही विधानसभा क्षेत्र के ही ग्रामीण परिवारों के साथ भोजन भी किया था। इन ग्रामीण परिवारों ने पारंपरिक तरीकों से मुख्यमंत्री का स्वागत किया था और उनसे भोजन के दौरान सुख-दुख की चर्चा की थी। मुख्यमंत्री ने इन ग्रामीण परिवारों को अपने घर भोज पर आमंत्रित किया। पिछली बार जिन ग्रामीणों के पहुना मुख्यमंत्री बने थे, वे ग्रामीण अब मुख्यमंत्री के पहुना बन रहे हैं। रायपुर संभाग से इसकी शुरूआत हुई है। रविवार 28 मई को रायपुर संभाग के 19 विधानसभाओं से ग्रामीण परिवार और सरपंच रात्रि भोज करने मुख्यमंत्री निवास आए। इस मौके पर नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया समेत संबंधित क्षेत्र के विधायकगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री बघेल बने ग्रामीणों और सरपंचों के मेजबान
मुख्यमंत्री ने भेंट-मुलाकात के अनुभवों को किया साझा
मुख्यमंत्री निवास में सभी मेहमानों का सीएम बघेल ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि जब मैं आप मन के पहुना रहेंव, तब आप मन ह बढ़िया स्वागत करेंव अउ बहुत बढ़िया भोजन कराएव, ये दरी आप मोर पहुना हव। इस तरह मुख्यमंत्री ने अतिथियों से कहा कि भेंट-मुलाकात के दौरान मेरे सबसे अच्छे अनुभवों में आप लोगों के घरों में खाना, खाना रहा। हम सभी छत्तीसगढ़ की परंपरा के मुताबिक जमीन पर बैठे। घर की महिलाओं ने हमें भोजन परोसा। भोजन के दौरान कितनी सुंदर चर्चा होती रही। पूरे भेंट-मुलाकात के दौरान मुझे महसूस होता रहा कि छत्तीसगढ़ में कितने अलग-अलग तरह की खानपान की परंपरा है और कितने सारे व्यंजन है। बस्तर में अलग तरह की भाजियां, रायपुर में अलग तरह की भाजियां। पकवानों को बनाने का तरीका भी अलग-अलग। पूरी यात्रा के दौरान मुझे इस बात पर भी गर्व होता रहा कि आप लोगों ने पुरखों से सीखी हुई खानपान की परंपराएं कायम रखी हैं। हर जगह खाना इतना बढ़िया बनाया गया था कि मुझे लगा कि भोजन के दौरान मैं कहीं बाहर नहीं हूं। अपने घर में ही हूं।

मुख्यमंत्री की मेजबानी और अपनेपन से ग्रामीण हुए गदगद
भेंट-मुलाकात के दौरान बना रिश्ता रहेगा कायम-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने चर्चा में कहा कि कई बार मैं सोचता हूं कि खाने का स्वाद इस पर भी निर्भर करता है कि खिलाने वाला कितनी रुचि से और स्नेह से इसे बना रहा है। जब हर जगह स्वादिष्ट भोजन मुझे मिला तो मैंने यह भी महसूस किया कि लोग मुझसे कितना स्नेह करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी से भेंट-मुलाकात के दौरान जो आत्मीय रिश्ता बना है। वो हमेशा कायम रहेगा। आप सभी मेरे परिवार के सदस्य हैं। इस मौके पर अतिथियों ने मुख्यमंत्री से कहा कि हमें तो यही लगा था कि हमें मुख्यमंत्री के साथ समय बिताने का एकमात्र अवसर मिल सका है। जब आपका आमंत्रण मिला तो बहुत खुशी हुई। आप हम सबका बहुत ध्यान रखते हैं। रायपुर संभाग से आए अतिथियों के लिए विशेष तौर पर ऐसे पकवान तैयार किए गए थे, जो स्थानीय स्तर पर बहुत शौक से खाए जाते हैं। इसमें किस्म-किस्म की भाजी, चावल से बने हुए पकवान और तरह-तरह की चटनी आदि शामिल रही।
आज और कल इन संभाग के ग्रामीण बनेंगे सीएम के मेहमान
सरगुजा संभाग में मुख्यमंत्री ने जिन ग्रामीण परिवारों के साथ भोजन किया था, उन्हें भी उन्होंने दोपहर के भोजन के लिए 29 मई यानी आज आमंत्रित किया है। 30 मई मंगलवार को मुख्यमंत्री बस्तर संभाग के ऐसे ग्रामीणों के साथ भोजन करेंगे, जिनके घर उन्होंने भेंट-मुलाकात के दौरान भोजन किया था।

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NITI Aayog: गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल हुए CM बघेल, राज्यहित में रखी कई मांगें

NITI Aayog: प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की आठवीं बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बैठक से संबंधित एजेंडा बिन्दुओं के अतिरिक्त राज्यहित से जुड़ी विभिन्न योजनाओं और विषयों पर अपनी बात रखी। बैठक के एजेंडे पर बात करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2047 का विकसित भारत, टीम इंडिया की भूमिका पर कहा देश की एकता और अखंडता अक्षुण्ण बनाए रखने में राज्यों की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा केंद्र सरकार राज्यों के अधिकारों का सम्मान करे और उसके हिस्से के संसाधनों को भी हस्तांतरित करने की प्रणाली को और मजबूत बनाए।
मुख्यमंत्री ने एनएमडीसी द्वारा राज्य में स्थित इकाइयों को 25-30 प्रतिशत आयरन ओर ही उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने समुचित आयरन ओर राज्य की इकाइयों के लिए उपलब्ध कराने का आग्रह किया। सीएम बघेल ने कहा छत्तीसगढ़ के एमएसएमई उद्योगों को एसईसीएल से विगत 2-3 वर्षों से राज्य की आवश्यकता अनुरूप कोल नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने इस विषय पर कार्यवाही कर छत्तीसगढ़ का हित सुरक्षित करने का आग्रह किया।
सीएम बघेल ने मीटिंग में 20 हजार से कम आबादी के शहरों में मनरेगा लागू करने का सुझाव भी दिया। मुख्यमंत्री ने रायपुर एयरपोर्ट से अंतर्राष्ट्रीय विमान सेवा शीघ्र शुरू करने व समन्वय हेतु नोडल अधिकारी की नियुक्ति का अनुरोध भी किया। बैठक में उन्होंने छत्तीसगढ़ के 10 आकांक्षी जिलों में सोलर पावर प्लांट की स्थापना के साथ ही 5 मेगावाट तक के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना को हरित गतिविधियों के रूप में मान्य करते हुए वन संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत वन व्यपवर्तन से छूट प्रदान करने की मांग की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं व शिशुओं की देखभाल के सभी कार्यक्रमों के लिए एकीकृत एमआईएस प्रणाली होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत केंद्र-राज्य वित्त पोषण का हिस्सा 75ः25 करने का अनुरोध किया। इसके अलावा उन्होंने बैठक में नवीन पेंशन योजना में जमा 19 हजार करोड़ की राशि की वापसी का मुद्दा भी उठाया। वहीं, उन्होंने जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान की भरपाई की मांग भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी कर प्रणाली से राज्यों को राजस्व की हानि हुई है। छत्तीसगढ़ जैसे उत्पादक राज्यों के राजस्व हानि की भरपाई की कोई स्थायी व्यवस्था अतिशीघ्र की जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा कम प्राप्त हो रहा है। उन्होंने 2659 करोड़ की राशि इस वित्तीय वर्ष में राज्य को उपलब्ध कराने की मांग की। मुख्यमंत्री बघेल ने खनिजों से मिलने वाली एडिशनल लेवी की 4 हजार 170 करोड़ राशि छत्तीसगढ़ को हस्तांतरण करने का आग्रह किया। वहीं, इस मामले में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सर्वाेच्च न्यायालय में प्रस्तुत सिविल सूट याचिका में केंद्र सरकार की ओर से जल्द जवाब प्रस्तुत कर निराकरण करने का अनुरोध किया।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कोयला एवं अन्य प्रमुख खनिजों की रॉयल्टी दरों में संशोधन की मांग की। उन्होंने कहा संशोधन नहीं होने से राज्य के वित्तीय हितों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय बलों की तैनाती पर हुए सुरक्षा व्यय 11 हजार 828 करोड़ रुपए को केंद्र सरकार द्वारा वहन करते हुए राज्य को इस बकाया से मुक्त करने का आग्रह भी किया।

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