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Ujjain Mahakal: महाशिवरात्रि पर महाकाल के भक्तों के लिए तगड़े इंतजाम, 50 मिनट में होंगे दर्शन

Mahashivratri Ujjain: देशभर में 18 फरवरी को धूमधाम से महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में भी शिवभक्तों के लिए महाशिवरात्रि पर खास इंतजाम किए गए हैं। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर में भी हर साल महाशिवरात्रि पर लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए उमड़ते हैं। इस साल भक्तों की सुविधा के लिए महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर सिंहस्थ महापर्व जैसे इंतजाम होंगे। भक्तों को चार गेट से 12 लाइनों के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा। निकासी के लिए तीन द्वार होंगे।
मंदिर प्रशासन का 50 मिनट में दर्शन कराने का दावा
महाशिवरात्रि पर बाबा महाकाल के दर्शन सुबह चार बजे से ही श्रद्धालु कर सकेंगे। इतना ही नहीं भस्म आरती के दौरान भी भक्तों को बाबा महाकाल के दर्शन मिलेंगे। भस्मारती में भक्तों को कार्तिकेय मंडपम से एंट्री मिलेगी। भक्त आरती के दौरान चलित दर्शन कर सकेंगे। मंदिर प्रशासन का दावा है कि बेहतर इंतजामों की वजह से भक्तों को सिर्फ 50 मिनट में महाशिवरात्रि पर भगवान महाकाल के दर्शन होंगे।
मंदिर तक जाने के ये रहेंगे इंतजाम
1.इंदौर, देवास, बड़नगर आदि क्षेत्रों से आने वाले लोगों के वाहनों के लिए शहर से दूर 14 पार्किंग सब स्टेशन बनाए गए हैं। यहां बसों व निजी चार पहिया वाहनों को पार्क कराया जाएगा। पार्किंग से महाकालेश्वर मंदिर तक पहुंचने के लिए 100 नि:शुल्क बसें चलाई जाएंगी। इनमें श्रद्धालु कर्क राज पार्किंग तक पहुंचेंगे। यहां जूता स्टैंड में अपने जूते-चप्पल उतारने के बाद श्रद्धालु दर्शन के लिए लाइन में लगेंगे।
2.चार धाम, त्रिवेणी संग्रहालय, महाकाल लोक होते हुए श्रद्धालु मानसरोवर गेट से मंदिर में प्रवेश करेंगे। यह पूरा रास्ता करीब तीन किलोमीटर का रहेगा। इसमें तीन कतार में लगाए गए बैरिकेड्स से श्रद्धालुओं को मानसरोवर गेट तक लाया जाएगा। पूरे मार्ग पर छांव के लिए शामियाने लगाए गए हैं। इसके बाद कारपेट बिछाया जाएगा। इससे भक्तों को पैदल चलने में कोई परेशानी नहीं होगी।
3.मानसरोवर गेट से मंदिर में प्रवेश करने के बाद भक्त महाकाल टनल होते हुए छह नंबर गेट से मंदिर परिसर में आएंगे। यहां से अलग-अलग कतार में भक्तों को कार्तिकेय व गणेश मंडपम से ही बाबा महाकाल के दर्शन कराए जाएंगे। इसके लिए कार्तिकेय मंडपम में वर्तमान प्रवेश द्वार के अलावा दो और द्वार बनाए गए हैं। इस व्यवस्था से अकेले कार्तिकेय मंडपम के तीन गेट से ही नौ कतारों के जरिए भक्तों को प्रवेश दिया जाएगा। नंदी हॉल के रेंप से भी तीन कतारें चलाई जाएंगी। इस तरह चार गेट से 12 लाइनों में भक्त अंदर एंट्री लेंगे।
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MP News: उज्जैन में क्षिप्रा नदी के 29 किमी के नए घाट बनेंगे, सीएम डॉ. यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान में लिया हिस्सा

Ujjain: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज उज्जैन में क्षिप्रा नदी के रामघाट पर जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत घाटों की सफाई की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सफाई के बाद क्षिप्रा में स्नान किया। उन्होंने मां क्षिप्रा का पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान हमारे प्रदेश के पुराने ऐतिहासिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने का विशेष अभियान है। इसमें नदियों को पुनः प्रवहमान बनने के लिए भी कार्य किया जा रहा है। भोपाल के पास बेतवा नदी के उद्गम स्थल को पुनर्जीवित कर दिया गया है, इस अभियान की यह विशेषता है कि हम अपनी ऐतिहासिक, पुरानी बावड़ी, कुएं, तालाब, जल स्त्रोत को पुनर्जीवित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश में और पूरे विश्व में हमारे मध्यप्रदेश की मां नर्मदा ऐसी नदी है, जिसकी परिक्रमा की जाती है। मध्यप्रदेश सरकार नर्मदा नदी के परिक्रमा स्थल को सुव्यवस्थित कर तीर्थ यात्रियों के लिए सुविधाजनक व्यवस्थाएं बनाएंगे और मां क्षिप्रा के घाटों को 29 किलोमीटर और बनाया जा रहा है, जिससे मां क्षिप्रा के परिक्रमा करने वाले यात्रियों को भी सुविधा होगी।
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में मां क्षिप्रा को अविरल बनाने के लिए सिलारखेड़ी सेवरखेड़ी जलाशय योजना, मां क्षिप्रा की स्वच्छता बनाए रखने के लिए खान डायवर्सन नदी परियोजना भी चल रही है। इसका 50% काम लगभग पूरा हो चुका है, आने वाले 2 वर्षों में मां क्षिप्रा कल-कल होकर बहेगी, इसी संकल्प के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं।
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MP News: छतरपुर जिला चिकित्सालय में मारपीट का आरोपी डॉक्टर और रेडक्रॉसकर्मी बर्खास्त, सिविल सर्जन निलंबित

Bhopal/Chhatarpur: छतरपुर जिला अस्पताल में 77 वर्षीय उद्धवलाल जोशी के साथ मारपीट के मामले में राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई की है। बुजुर्ग के साथ मारपीट और ड्यूटी में लापरवाही के आरोपी डॉ. राजेश मिश्रा और रेडक्रॉसकर्मी राघवेंद्र खरे को सेवा से पृथक कर दिया गया है। वहीं सिविल सर्जन डॉ. जी.एल. अहिरवार को निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय बालाघाट निर्धारित किया गया है। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा कि छतरपुर जिला चिकित्सालय में बुजुर्ग दंपत्ति के साथ हुई अमानवीय घटना अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
रविवार को वायरल हुआ था घटना का वीडियो
जिला चिकित्सालय छतरपुर में 17 अप्रैल 2025 को 77 वर्षीय उद्धवलाल जोशी एवं उनकी पत्नी के साथ अभद्रता एवं दुर्व्यवहार का वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। उक्त घटना की जांच तीन सदस्यीय समिति द्वारा की गई, जिसमें संविदा स्नातकोत्तर चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश कुमार मिश्रा द्वारा बुजुर्ग को अस्पताल परिसर में घसीटने एवं दुर्व्यवहार करना प्रमाणित पाया गया। जिसके बाद एमडी एनएचएम डॉ. सलोनी सिडाना ने उनका संविदा अनुबंध तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है। प्रकरण में डॉ. जी.एल. अहिरवार, प्रभारी सिविल सर्जन, छतरपुर को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
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MP News: कूनो के बाद गांधी सागर अभयारण्य बना चीतों का नया ठिकाना, प्रभास और पावक को मुख्यमंत्री ने खुले बाड़े में छोड़ा

Mandsaur: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज मालवा क्षेत्र के मंदसौर में गांधी सागर अभयारण्य में प्रभास और पावक चीतों को खुले बाड़े में छोड़ा। चीतों के फर्राटे के साथ 20 अप्रैल, रविवार का दिन मालवा की भूमि के लिए ऐतिहासिक दिन के रूप मे दर्ज हो गया। देश में पहली बार अंतर्राज्यीय स्तर पर चीतों का पुनर्वास हुआ है। यह दोनों चीते आज श्योपुर कूनो से मंदसौर के गांधी सागर अभयारण्य पहुंचे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समारोह पूर्वक इन चीतों को खुले बाड़े में छोड़ा। यहां पर्याप्त संख्या में चीतल चिंकारा और छोटे जानवर हैं। दोनों 6 वर्षीय युवा चीते कूनो राष्ट्रीय उद्यान में खुले में ही घूम कर शिकार कर रहे थे। इसलिए इन्हें सीधे खुले बाड़े में छोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चीता प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विश्व में सबसे अधिक सफल मध्यप्रदेश में हुआ है। पुनर्वास के बाद श्योपुर के कूनो में दुनिया में सबसे अधिक चीतों का जन्म हुआ है। मालवा की भूमि पर हम चीतों का स्वागत करते हैं। चीतों के आने से मंदसौर और नीमच जिलों मे पर्यटन की संभावनाओं को पंख लग जायेंगे। राजस्थान और मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिलों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय लोगों को रोजगार के नये अवसर मिलेंगे, उनके जीवन स्तर में भी सुधार होगा। पर्यटकों की संख्या बढ़ने से अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा। वन्य पर्यावरण की दृष्टि से मध्यप्रदेश की धरा पर चीतों का सफलतापूर्वक पुनर्वास किया गया है।
प्रभास और पावक का कूनो से गांधी सागर अभयारण्य का सफर
श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क से गांधीसागर अभयारण्य के लिए दो नर चीते प्रभास और पावक को 20 अप्रैल, रविवार की सुबह रवाना किया गया था। सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा और डॉक्टर ओंकार अचल सहित 20 लोगों की टीम चीतों के साथ गांधी सागर अभयारण्य पहुंची। यह टीम गांधी सागर में 7 दिन रुकेगी। इस दौरान वह स्थानीय स्टाफ को चीतों की देख-रेख के गुर सिखाएगी। इन चीतों को अलग-अलग वाहनों में लाया गया है, जो श्योपुर, बारां, कोटा और झालावाड़ होते हुए मंदसौर पहुंचे। वाहन और पिंजरे को कूनो नेशनल पार्क में सैनिटाइज किया गया था। गांधी सागर अभयारण्य में 37 किमी का एक बाड़ा बनाया गया है। आपात स्थिति से निपटने के लिए इमरजेंसी सुविधाओं वाला वाहन और मेडिकल टीम भी साथ रही।
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MP News: अनमोल ने जेईई मेन में हासिल किए 98.54 परसेंटाइल, बिना कोचिंग सेल्फ स्टडी से हासिल किया लक्ष्य

Sagar/Chhatarpur: जिंदगी में अगर कुछ हासिल करने का दृढ़ संकल्प हो, तो कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं है। आज के समय में जब युवा जेईई और नीट जैसी परीक्षाओं में सफलता के लिए बड़े-बड़े कोचिंग संस्थाओं का सहारा ढूंढ़ते हैं, वहीं अनमोल सिन्हा जैसे कुछ होनहार हैं, जो कड़ी मेहनत के दम पर पहले प्रयास में ही सेल्फ स्टडी के सहारे जेईई मेन में 98.54 परसेंटाइल हासिल करने में सफल हुए हैं। अनमोल का अगला लक्ष्य जेईई एडवांस में अच्छी रैंक लाकर किसी प्रतिष्ठित आईआईटी में कंप्यूटर साइंस ब्रांच में दाखिला लेना है।
बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहे हैं अनमोल
सागर की दीपक मेमोरियल अकेडमी के छात्र रहे अनमोल सिन्हा बचपन से ही मेधावी छात्र रहे हैं। उन्होंने साल 2022 में कक्षा 10वीं में 99.4% अंक हासिल कर सागर डिवीजन में टॉप किया था। वहीं कक्षा 12वीं में उन्होंने 86.4% अंक हासिल किए थे। जेईई मेन के सेशन-1 में अनमोल ने 98.17 परसेंटाइल अंक हासिल किए, जबकि जेईई मेन सेशन-2 में 98.54 परसेंटाइल अंक हासिल कर ऑल इंडिया में 22190 रैंक प्राप्त की है।
अनमोल की सफलता से परिवार में खुशी का माहौल
छतरपुर के पुलिस लाइन के सामने एमसीबीयू के गेट नंबर 1 के सामने रहने वाले सिन्हा परिवार और सागर के तिलक गंज में अनमोल के नाना के परिवार में भी खुशी का माहौल है। लोक निर्माण विभाग, छतरपुर कार्यालय में पदस्थ सीनियर क्लर्क गजेंद्र सिन्हा के इकलौते पुत्र अनमोल ने परिवार को अपनी सफलता से गौरवान्वित होने का मौका दिया है। अनमोल सिन्हा बेहतर शिक्षा के लिए सागर में अपने नाना डॉक्टर एसएन श्रीवास्तव के पास रह रहे हैं। वे अपनी सफलता के लिए विशेष तौर पर अपनी मां अवंतिका सिन्हा के मार्गदर्शन को मानते हैं। साथ ही समय-समय पर पिता से मिले संबल ने उन्हें अपना लक्ष्य हासिल करने में मदद की।
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MP News: गांधीसागर अभयारण्य 20 अप्रैल को छोड़े जाएंगे चीते, कूनो आने वाले पर्यटकों को जल्द मिलेगी रोड-टू-एयर कनेक्टिविटी

Bhopal:मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि इको सिस्टम के प्रॉपर डेवलपमेंट के लिए मध्यप्रदेश में वृहद स्तर पर काम हो रहा है। वन्य पर्यटन हमारी अर्थव्यवस्था को गति देता है और अब यही हमारी समृद्धि का प्रवेश द्वार बन रहा है। हमारी सरकार कूनो राष्ट्रीय उद्यान को एक आदर्श वन्य प्राणी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेगी। प्रदेश में सिर्फ कूनो ही नहीं, अब मंदसौर जिले का गांधीसागर अभयारण्य भी चीतों से गुलजार होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से आगामी 20 अप्रैल को गांधी सागर अभयारण्य में चीते छोड़े जाएंगे। कड़ी सुरक्षा में कूनो नेशनल पार्क से 2 चीते शिफ्ट कर गांधीसागर अभयारण्य में ले जाये जायेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शुक्रवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ मध्यप्रदेश में चीता प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन संबंधी समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही।
भारत में जन्मे चीता शावकों की सर्वाइवल रेट विश्व में है अधिकतम
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में जन्मे चीता शावकों की जीवन प्रत्याशा (सर्वाइवल रेट) पूरे विश्व में सर्वाधिक है। दूसरे देशों में चीता शावक जलवायु से अनुकूलन के अभाव में सर्वाइव नहीं कर पाते हैं। चीतों के लिए जरूरी जलवायु और वातावरण की दृष्टि से गांधीसागर अभयारण्य बेहद अनुकूल है, इसलिए सरकार यहां चीते छोड़कर इस अभयारण्य को भी चीतों से गुलजार करेगी।
कूनो जुड़ेगा रोड टू एयर कनेक्टिविटी से
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कूनो नेशनल पार्क में पर्यटन तेजी से बढ़े, इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार ग्वालियर से कूनो के लिए डायरेक्ट रोड और एयर कनेक्टिविटी भी विकसित करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर से कूनो नेशनल पार्क तक पक्की बारहमासी रोड बनाई जाएगी। कूनो में टेंट सिटी तैयार कर यहां आने वाले पर्यटकों को जंगल में प्रकृति के पास समय बिताने का सुनहरा अवसर उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वन मंत्री यादव की मंशा के अनुरूप हम कूनो प्रक्षेत्र में इंटरनेशनल लेवल का एक पशु चिकित्सालय और रेस्क्यू सेंटर भी खोलेंगे। इसके लिए केंद्र सरकार से भी मदद लेंगे। पशु चिकित्सालय के संचालन से कूनों के चीतों के इलाज के साथ-साथ इस पूरे क्षेत्र में गौवंश के उपचार में भी मदद मिलेगी।
बोत्सवाना से दो चरण में लाए जाएंगे 8 चीते
बैठक में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की ओर से बताया गया कि देश में चीता प्रोजेक्ट पर अब तक 112 करोड़ रुपए से अधिक राशि व्यय की जा चुकी है। इसमें से 67 प्रतिशत राशि मध्यप्रदेश में हुए चीता पुनर्वास पर व्यय हुई है। प्रोजेक्ट चीता के तहत ही अब गांधीसागर अभयारण्य में भी चीते चरणबद्ध रूप से विस्थापित किए जाएंगे। गांधीसागर अभयारण्य राजस्थान की सीमा से लगा हुआ है, इसलिए अंतर्राज्यीय चीता संरक्षण परिसर की स्थापना के लिए मध्यप्रदेश और राजस्थान राज्य के बीच सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। अभी कूनो और गांधीसागर अभयारण्य में चीता मित्रों की क्षमता संवर्धन के लिए उन्हें विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना तथा केन्या से और अधिक चीते भारत लाने के लिए प्रयास जारी हैं। दो चरण में 8 चीते भारत लाए जाएंगे। मई 2025 तक बोत्सवाना से 4 चीते भारत लेकर आने की योजना है। इसके बाद 4 और चीते लाये जाएंगे। फिलहाल भारत और केन्या के बीच अनुबंध पर सहमति बनाई जा रही है।
सैटेलाइट कॉलर आईडी हो रही चीतों की मॉनीटरिंग, चीता सफारी प्रारंभ करने की भी है तैयारी
बैठक में वन अधिकारियों ने बताया कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में वर्तमान में कुल 26 चीते हैं। इनमें से 16 चीते खुले जंगल में हैं और 10 पुनर्वास केंद्र में हैं। कूनो में चीतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां ज्वाला, आशा, गामिनी और वीरा मादा चीता ने शावकों को जन्म दिया है। चीतों की निगरानी के लिए सैटेलाइट कॉलर आईडी से 24 घंटे ट्रैकिंग की जा रही है। चीतों के पुनर्स्थापना के बाद कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों की संख्या बढ़कर 2 साल में दोगुनी हो चुकी है। राज्य सरकार ने कूनो में चीता सफारी शुरू करने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर मंजूरी मांगी है, क्योंकि वन क्षेत्र या इको सेंसिटिव जोन में सफारी प्रारंभ करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेनी जरूरी है। इस याचिका पर निर्णय होना अभी शेष है।
चीता मित्रों को प्रशिक्षित करने के लिए आईआईएफएम की लें सेवाएं : केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव
केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश के पर्यटन क्षेत्र में बड़ी क्षमताएं विद्यमान हैं। उन्होंने कूनो में चीतों के पुनर्वास और वन टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रयासों की प्रशंसा की। केंद्रीय मंत्री यादव ने वन्य प्राणियों के संरक्षण और पर्यटन को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में चल रहे वन्य प्राणियों की पुनर्वास परियोजनाओं की देखरेख के लिए वन, पर्यटन, पशु चिकित्सा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जनजातीय कार्य एवं परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का एक टास्क फोर्स बनाया जाए। यह टास्क फोर्स नियमित रूप से सभी प्रोजेक्ट्स की निगरानी करें। उन्होंने कहा कि श्योपुर जिले के 80 गांवों के 400 चीता मित्रों को प्रशिक्षित करने के लिए भारतीय वन प्रबंधन संस्थान (आईआईएफएम), भोपाल के साथ अनुबंध कर सकते हैं। चीता मित्रों को होम स्टे के लिए प्रशिक्षित कर उन्हें नेचर टूरिज्म के लिए तैयार करने की दिशा में भी कार्य किए जाएं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही कूनो के आसपास स्थित ऐतिहासिक धरोहरों को पर्यटकों के लिए विकसित किया जाए। कूनो में मौजूद एक पुराने किले को हेरिटेज वॉक के रूप में विकसित किया जा सकता है। मगरमच्छ और घड़ियाल के दीदार के लिए व्यू प्वाइंट्स बने, वन्य प्राणियों के रेस्क्यू के लिए सेंटर और पर्यटकों के लिए आयुर्वेदिक सेंटर तैयार किए जाएं।
सांपों की बढ़ती संख्या को काबू करने किंग कोबरा जंगलों में छोड़े जाएंगे
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार किंग कोबरा, घड़ियाल और दुर्लभ प्रजाति के कछुओं के संरक्षण के लिए भी प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि सरकार किंग कोबरा संरक्षण के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। प्रदेश के जंगलों में जहरीले सांपों की संख्या नियंत्रित करने के लिए किंग कोबरा को बसाना आवश्यक है। पहले चरण में 10 किंग कोबरा मध्यप्रदेश लाने पर विचार हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वन अधिकारियों को चंबल नदी से घड़ियाल और कछुओं को प्रदेश की 4 बड़ी नदियों और जलाशयों में पुर्नवासित करने के निर्देश दिए।
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