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UP News: तैनाती की जगह ही निवास करें एसडीएम और तहसीलदार, यूपी सरकार का आदेश
Lucknow: उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने समस्याओं के निराकरण में तेजी लाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने प्रदेश भर की विभिन्न तहसीलों में तैनात उपजिलाधिकारी (एसडीएम) एवं तहसीलदार को अब उसी तहसील में निवास करने का आदेश जारी किया है।मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।
7 दिन के अंदर जमा करना होगा सर्टिफिकेट
मुख्य सचिव की ओर से मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को जो निर्देश दिए गए हैं, उसके अनुसार संबंधित जिलाधिकारी व मंडलायुक्तगण यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित तहसीलदार व उपजिलाधिकारी जिस तहसील में तैनात किए गए हैं, वहीं निवास करें। सभी जिलाधिकारी ईमेल आईडी पर 7 दिन के अंदर इस आशय का सर्टिफिकेट उपलब्ध कराएंगे।
आक्समिक जांच में कमी पाए जाने पर होगी कठोर कार्रवाई
जारी निर्देशों का पालन कड़ाई से हो रहा है या नहीं, इसको देखने के लिए संबंधित मंडलायुक्त एवं शासन स्तर से आकस्मिक निरीक्षण व जांच भी की जाएगी। संबंधित तहसीलदार व उपजिलाधिकारी यदि तहसील में निवासरत नहीं पाए गए तो उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही संबंधित जिलाधिकारी का भी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाएगा। इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
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Mahakumbh Fire: शास्त्री ब्रिज के नीचे पंडालों में लगी आग, कोई जनहानि नहीं, सीएम योगी ने लिया जायजा
Mahakumbh Fire: प्रयागराज में महाकुंभ मेला क्षेत्र में शास्त्री ब्रिज के नीचे पंडालों में आग लग गई थी। यह आग मेले क्षेत्र के सेक्टर 19 में लगी, जिसमें 18 टेंट आग में जल गए। आग पर काबू पाने के लिए तुरंत दमकल की 15-16 गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया है। आग लगने का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं है। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि खाना बनाते समय हुए सिलेंडर ब्लास्ट में आग लगी।
आग की इस घटना में किसी के भी हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटनास्थल का जायजा लेने के लिए मौके पर पहुंच गए हैं। उन्होंने प्रभावित क्षेत्र का मुआयना करके अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सीएम योगी से बात की है और घटना को लेकर जानकारी ली।
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Maha Kumbh 2025: कठोर परीक्षा से गुजरकर बनते हैं नागा साधु,रहस्मयी है इनकी दुनिया
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ पर 13 अखाड़े अपने-अपने साधुओं के समूह को भ्रमण कराते हुए महाकुंभ स्थल में उपस्थित होते हैं, इसे अखाड़ों का छावनी प्रवेश, पेशवाई भी कहते हैं। इसमें सबकी नजरें नागा साधुओं पर टिकी रहती हैं। महाकुंभ में होने वाले अमृत स्नानों (शाही स्नान) में भी सबसे पहले नागा साधु ही स्नान करते हैं। महाकुंभ के आयोजन में प्रमुख अखाड़ों से जुड़े नागा साधु भी आते हैं। ये नागा साधु कुंभ में विशेष आकर्षण का केंद्र होते हैं, लेकिन कुंभ के बाद ये नजर नहीं आते। इनके शरीर पर लगी भस्म और लंबी जटाएं इन्हें भीड़ से अलग बनाती हैं। हालांकि, कुंभ की समाप्ति के बाद लाखों की संख्या में आने वाले नागा साधु कहां चले जाते हैं, ये सभी के लिए कौतुहल का विषय है।
कुंभ में दिगंबर स्वरूप में क्यों आते हैं नागा साधु
कुंभ में हिस्सा लेने वाले ज्यादातर नागा साधु दो विशेष अखाड़ों से आते हैं। एक अखाड़ा है वाराणसी का महापरिनिर्वाण अखाड़ा और दूसरा है पंच दशनाम जूना अखाड़ा। इन दोनों अखाड़ों के नागा साधु कुंभ का हिस्सा बनते हैं। हाथों में त्रिशूल, शरीर पर भस्म, रुद्राक्ष, की माला और कभी-कभी जानवरों की खाल को शरीर पर लपेटे ये साधु कुंभ आते हैं। कुंभ का पहला शाही स्नान नागा साधु करते हैं और उसके बाद ही अन्य श्रद्धालुओं को कुंभ स्नान की अनुमति होती है। नागा साधु अन्य दिनों में दिगंबर स्वरूप यानी निर्वस्त्र नहीं रहते हैं। समाज में दिगंबर स्वरूप स्वीकार्य नहीं है इसीलिए यह साधु कुंभ (Kumbh) के बाद गमछा पहनकर आश्रमों में निवास करते हैं। दिगंबर का अर्थ है धरती और अम्बर। नागा साधुओं का मानना है कि धरती उनका बिछौना और अम्बर उनका ओढ़ना है। इसीलिए वे कुंभ की अमृत वर्षा के लिए नागा स्वरूप में आते हैं।
कुंभ समाप्त होने के बाद कहां चले जाते हैं नागा साधु
जब कुंभ की समाप्ति हो जोती है, तो इसके बाद नागा साधु अपने-अपने अखाड़ों में लौट जाते हैं। इन अखाड़ों में नागा साधु ध्यान, तप और साधना करते हैं, साथ ही धार्मिक शिक्षा भी देते हैं। इनकी जीवनशैली काफी कठोर होती है। बहुत से नागा साधु हिमालयों, जंगलों और अन्य एकांत स्थानों में तपस्या करने चले जाते हैं। वहीं, बहुत से नागा साधु शरीर पर भभूत लपेटे हिमालय तपस्या करने जाते हैं। यहां वे कठोर तप करते हैं, फल व फूल खाकर जीवन निर्वाह करते हैं। नागा साधु कुंभ के बाद तीर्थ स्थलों पर भी रहते हैं। प्रयागराज, नासिक, हरिद्वार और उज्जैन में इनका बसेरा होता है। ये दीक्षा मांगकर अपना जीवन जीते हैं। इसके अलावा, नागा साधु धार्मिक यात्राएं करते हैं।
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Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में 3.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी, त्रिवेणी तट पर उमड़ा आस्था का जनसैलाब
Mahakumbh 2025: प्रयागराज के त्रिवेणी तट पर मंगलवार को मकर संक्रांति के दिन आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। दोपहर 3 बजे तक 3.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में पवित्र अमृत स्नान किया। जूना अखाड़ा समेत सभी 13 अखाड़ों के संत स्नान कर चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 3.5 करोड़ श्रद्धालु संगम में पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। श्रद्धालुओं पर हेलिकॉप्टर से लगातार फूल बरसाए जा रहे हैं। योगी सरकार ने प्रत्येक स्नान पर्व पर लगभग 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश करने की तैयारी है। इसी कड़ी में पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर सोमवार को श्रद्धालुओं पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाईं गई थीं, जबकि दूसरे दिन यानी आज मंगलवार को मकर संक्रांति पर अमृत स्नान के दौरान भी पुष्पवर्षा से श्रद्धालु अभिभूत नजर आए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकुंभ की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, कि-‘ महाकुंभ में भक्ति और अध्यात्म का अद्भुत संगम’
मकर संक्रांति महापर्व पर महाकुंभ में प्रथम अमृत स्नान में शामिल सभी श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने X पर लिखा, ‘आस्था, समता और एकता के महासमागम ‘महाकुम्भ-2025, प्रयागराज’ में पावन ‘मकर संक्रांति’ के शुभ अवसर पर पवित्र संगम में आस्था की पवित्र डुबकी लगाने वाले सभी पूज्य संतगणों, कल्पवासियों व श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन! प्रथम अमृत स्नान पर्व पर आज 3.50 करोड़ से अधिक पूज्य संतों/श्रद्धालुओं ने अविरल-निर्मल त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया।
सीएम योगी ने आगे लिखा, ‘ प्रथम अमृत स्नान पर्व के सकुशल संपन्न होने पर सनातन धर्म के आधार सभी पूज्य अखाड़ों, महाकुम्भ मेला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन, स्वच्छताकर्मियों, स्वयंसेवी संगठनों एवं धार्मिक संस्थाओं, नाविकों तथा महाकुम्भ से जुड़े केंद्र व प्रदेश सरकार के सभी विभागों को हृदय से साधुवाद तथा प्रदेश वासियों को बधाई! पुण्य फलें, महाकुम्भ चलें।
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Mahakumbh 2025: पौष पूर्णिमा के दिन पहले अमृत स्नान के दिन साध्वी हुई वायरल, संन्यास पर उठे सवाल
Prayagraj: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का भव्य-दिव्य शुभारंभ हो चुका है। पौष पूर्णिमा के दिन पहले अमृत स्नान के दिन करीब एक करोड़ 65 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। वहीं इस बार निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के दौरान एक साध्वी का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया। वीडियो में दिख रही एक खूबसूरत साध्वी को लेकर सोशल मीडिया में कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। साध्वी को महाकुंभ की सबसे खूबसूरत साध्वी के रूप में चर्चा मिल रही है।
जाने वीडियो में दिख रही साध्वी कौन है?
सोशल मीडिया में वायरल हो रही खूबसूरत साध्वी का असली नाम हर्षा रिछारिया है। वह निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज की शिष्या हैं। उनके इंस्टाग्राम पर साढ़े सात लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। अपने प्रोफाइल पर हर्षा मुख्य रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों से जुड़े कंटेंट साझा करती हैं। सोशल मीडिया पर उनके इंटरव्यू के वीडियो वायरल होने के बाद उनके पुराने वीडियो को अब वायरल किया जा रहा है। इसमें वे मॉडर्न कपड़ों में दिख रही हैं।
संन्यास के दावे पर उठ रहे सवाल
महाकुंभ में प्रवेश के दौरान एक मीडियाकर्मी ने साध्वी से उनकी सुंदरता और साध्वी बनने को लेकर सवाल किया। इस पर साध्वी हर्षा ने जवाब दिया कि मैंने सुकून की तलाश में संन्यास की राह चुनी। साध्वी ने दावा किया कि उन्होंने दो साल पहले ही संन्यास लिया था। वहीं कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि वह महज प्रसिद्धि पाने के लिए यह छवि बना रही हैं। सोशल मीडिया एक्स पर एक यूजर ने उनकी इवेंट होस्टिंग से जुड़ी तस्वीरें साझा करते हुए लिखा कि वह दो महीने पहले इवेंट होस्ट कर रही थीं। ऐसे में साध्वी हर्षा का दो साल पहले संन्यास लेने का दावा झूठा है। इसके अलावा, साध्वी के मेकअप और धार्मिक कंटेंट वाले वीडियो को भी विवाद का कारण बताया जा रहा है।
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Mahakumbh 2025: आस्था, भक्ति के महाकुंभ का हुआ शुभारंभ, पौष पूर्णिमा पर डेढ़ करोड़ से अधिक ने लगाई डुबकी
Prayagraj: प्रयागराज में संगम तट पर लगने वाला दुनिया का सबसे बड़ा धर्म और आस्था का महासागर यानी महाकुंभ सोमवार को पौष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर पहले प्रमुख स्नान अनुष्ठान के साथ शुरू हो गया। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम स्थल पर होने वाले आस्था के इस महा आयोजन में अगले 45 दिनों के दौरान देश-दुनिया के करोड़ों लोग आस्था, भक्ति और आध्यात्मिक एकता के इस अद्भुत आयोजन से एकाकार होने गंगा तट पर जुटेंगे। महाकुंभ 144 साल में दुर्लभ खगोलीय संयोग में हो रहा है।
पौष पूर्णिमा पर पहले अमृत स्नान में डेढ़ करोड़ से अधिक ने लगाई डुबकी
पौष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर शाही स्नान के लिए स्थायी और अस्थायी घाटों पर भारी भीड़ है। दोपहर 2 बजे तक डेढ़ करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं। दो दिन पहले ही लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान करना शुरू कर दिया था, जो दर्शाता है कि 45 दिवसीय महाकुंभ 2025 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए भीड़ के अनुमान को पार कर सकता है। डुबकी लगाते समय श्रद्धालु हर-हर महादेव, जय श्री राम और जय बजरंग बली के जयकारे लगाते नजर आए।
आस्था और आध्यात्मिकता के महाकुंभ पहुंचे विदेशी मंत्रमुग्ध
महाकुंभ की भव्यता और आध्यात्मिकता ने न केवल भारतीय श्रद्धालुओं, बल्कि दुनिया भर से आए पर्यटकों को भी मंत्रमुग्ध कर दिया। संगम घाट पर सोमवार को रूस-अमेरिका समेत यूरोप के विभिन्न देशों से आए अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रियों और आध्यात्मिक साधकों ने भी आस्था की डुबकी लगाई और सनातन के दिव्य और भव्य स्वरूप को आत्मा की गहराईयों से अनुभव किया। विदेशी भक्त न केवल इस आयोजन को देखने के लिए आकर्षित हुए, बल्कि अनुष्ठानों में सक्रिय रूप से हिस्सा लेते हुए भी देखे।