ख़बर उत्तर प्रदेश
Raja Bhaiya: राजा भैया ने पत्नी भानवी सिंह से मांगा तलाक, आरोप- ससुराल आने तैयार नहीं ‘रानी’
Raja Bhaiya: उत्तरप्रदेश (UP News) के कद्दावर नेता और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raghuraj Pratap Singh Raja Bhaiya) ने पत्नी भानवी सिंह (Bhanvi Singh) से तलाक मांगा है। दिल्ली की साकेत फैमली कोर्ट में राजा भैया (Raja Bhaiya) की ओर से तलाक की अर्जी दाखिल की गई है। कोर्ट ने राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। सोमवार 10 अप्रैल को मामले की सुनवाई थी, लेकिन जज शुनाली गुप्ता छुट्टी पर थीं, इस वजह से 23 मई तक के लिए सुनवाई टल गई है। वहीं भानवी सिंह के वकील ने लिंक मजिस्ट्रेट के समक्ष जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है।
राजा भैया ने पत्नी पर लगाए गंभीर आरोप
साकेत कोर्ट में 2022 में दाखिल की गई तलाक याचिका में रघुराज प्रताप सिंह ने पत्नी भानवी पर आरोप लगाया कि उन्होंने ससुराल छोड़ दिया है और वापस आने के लिए राजी नहीं हैं। राजा भैया की तरफ से पत्नी भानवी पर परिवार के सदस्यों पर झूठे आरोप लगाने और बच्चों की परवरिश में उपेक्षा का भी आरोप लगाया है। बता दें कि भानवी सिंह की तरफ से राजा भैया के बेहद करीबी और एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह पर जोर बाग थाने में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई गई थी। भानवी सिंह का आरोप है कि अक्षय प्रताप सिंह ने फर्जी हस्ताक्षर के जरिए कंपनी के ज्यादातर शेयर हथिया लिए थे।
शादी के 28 साल बाद टूटने के कगार पर रिश्ता
यूपी की भदरी रियासत के राजा उदय प्रताप सिंह के बेटे रघुराज प्रताप सिंह और यूपी के बस्ती राजघराने के कुंवर रवि प्रताप सिंह की तीसरी बेटी भानवी सिंह की शादी 1995 में हुई थी। कुंडा विधायक राजा भैया हमेशा मीडिया की लाइम लाइट में रहते हैं। लेकिन एक साल पहले तक शायद ही कभी उनकी पत्नी भानवी और बच्चों का नाम मीडिया में ख़बरों में आया हो। फिर अचानक से संबंधों में इतनी खटास कैसे आ गई, इस पर सभी हैरान हैं। भानवी सिंह एक सफल कारोबारी हैं, लेकिन अब तक उन्होंने राजनीति से भी खुद को दूर ही रखा है।
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Ramlala: रामलला के ललाट पर सूर्य देव ने किया तिलक, 5 मिनट तक हुआ सूर्य किरणों से अभिषेक
Ramlala Surya tilak: रामनवमी के पावन पर्व पर अयोध्या में रामलला का सूर्य तिलक हुआ। दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से शुरू हुआ यह सूर्य अभिषेक करीब पांच मिनट तक होता रहा। करीब 75 मिमी का टीका रामलला के ललाट पर बना। दुनिया भक्ति और विज्ञान के अद्भुत संगम को भक्तिभाव से निहारती रही। इससे पहले जगद्गुरु राघवाचार्य ने 51 कलशों से भगवान रामलला का अभिषेक किया। आज सुबह 3.30 बजे मंदिर के कपाट खुल गए, आम दिनों में यह 6.30 बजे खुलते हैं। श्रद्धालु रात 11.30 बजे तक, यानी 20 घंटे दर्शन कर सकेंगे। अब तक 6 लाख श्रद्धालु अयोध्या पहुंच चुके हैं। राम जन्मभूमि परिसर में लंबी लाइनें लगी हैं। राम पथ, भक्ति पथ और जन्मभूमि पथ पर काफी भीड़ है।
पांच मिनट तक सूर्य किरणों से हुआ अभिषेक
आज दोपहर में जैसे ही घड़ी में 12 बजकर 01 मिनट हुए सूर्य की किरणें सीधे राम के ललाट पर पहुंच गईं। 12 बजकर एक मिनट से 12 बजकर 6 मिनट तक सूर्य अभिषेक होता रहा। पूरे पांच मिनट तक यह प्रक्रिया चली। रामलला के सूर्य तिलक के लिए अष्टधातु के 20 पाइप से 65 फीट लंबा सिस्टम बनाया गया है। इसमें 4 लेंस और 4 मिरर के जरिए गर्भ गृह तक रामलला के मस्तक तक किरणें पहुंचाई गईं। इस सूर्य तिलक के लिए वैज्ञानिकों ने कई महीने से तैयारी की थी। इसके लिए कई ट्रायल किए गए थे।
#WATCH राम नवमी के अवसर पर अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में राम लला के माथे पर 'सूर्य तिलक' लगाया गया।
(सोर्स: डीडी) pic.twitter.com/Ne0uocZcWX
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 17, 2024
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Ayodhya: रामनवमी पर रामलला का होगा सूर्य तिलक, माथे पर बनेगा 75 मिमी का टीका
Ayodhya: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद बुधवार को पहली बार भव्य दिव्य राम मंदिर में रामनवमी मनाई जाएगी। इस बार राम जन्मोत्सव का विशेष आकर्षण रामलला का सूर्य तिलक होगा। रामलला के सूर्य किरणों से महामस्तकाभिषेक की तैयारी पूरी कर ली गई है। जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर मंगलवार 16 अप्रैल को वैज्ञानिकों ने एक बार फिर सूर्य तिलक का सफल ट्रायल किया। कई बार के ट्रायल के बाद जो समय निश्चित किया गया है वह दोपहर 12:16 बजे का है। हालांकि यह समय भी सूर्य की गति और दिशा पर निर्भर है।
वैज्ञानिकों की 20 वर्षों की कोशिशों का परिणाम
अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के पीछे वैज्ञानिकों की 20 वर्ष की मेहनत है। वैज्ञानिकों ने बीते 20 वर्षों में अयोध्या के आकाश में सूर्य की गति अध्ययन किया है। सटीक दिशा आदि का निर्धारण करके मंदिर के ऊपरी तल पर रिफ्लेक्टर और लेंस स्थापित किया है। सूर्य रश्मियों को घुमा फिराकर रामलला के ललाट तक पहुंचाया जाएगा।
बेंगलुरु की कंपनी ने दान किया सिस्टम
रामलला के सूर्य तिलक के लिए अष्टधातु से निर्मित एक खास सिस्टम बेंगलुरु की कंपनी ने तैयार किया है। कंपनी ने 1.20 करोड़ का ये सिस्टम मंदिर को दान किया है। बताया जा रहा है कि सूर्य की किरणें सबसे पहले ऊपरी तल के लेंस पर पड़ेंगी। फिर तीन लेंस से होती हुई दूसरे तल के दर्पण पर आएंगी। अंत में रामलला के ललाट पर 75 मिलीमीटर के टीके के रूप में सूर्य की किरणें लगभग चार मिनट तक दैदीप्तिमान होंगी।
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Ram Mandir: सोमवार से चार दिन तक वीआईपी दर्शन पर रोक, ऑनलाइन पास भी हुए कैंसिल
Ram Mandir: चैत्र शुक्ल सप्तमी यानी सोमवार से अयोध्या में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने की संभावना है। इसी देखते हुए राममंदिर ट्रस्ट ने वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। रामलला के दरबार में 15 से 18 अप्रैल तक वीआईपी दर्शन पर रोक रहेगी। ट्रस्ट ने गाइडलाइन जारी करते हुए बताया है कि सोमवार से चार दिनों तक वीआईपी दर्शन की कोई व्यवस्था नहीं रहेगी। जिन लोगों ने 15 से 18 अप्रैल के बीच के वीआईपी पास बनवाए हैं, उनके पास भी निरस्त माने जाएंगे।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अपील की है कि इन तिथियों पर वीआईपी प्रोटोकाल धारक अयोध्या न आएं। भीड़ में वीआईपी दर्शन कराना संभव नहीं होगा। पहले से बने विशिष्ट व सुगम पास 18 अप्रैल तक मान्य नहीं होंगे। ऐसे में पास धारकों को भी वीआईपी सुविधा नहीं दी जाएगी।
रामलला के दर्शन अवधि में बदलाव को लेकर भी मंथन चल रहा है। रविवार को ट्रस्ट व पुलिस अधिकारियों के बीच परिसर में बैठक हुई। तय हुआ है कि रामलला के दर्शन अवधि में 16 अप्रैल से बदलाव किए जाएगा। भीड़ की स्थिति को देखते हुए 16 अप्रैल से मंदिर को 20 घंटे खोलने की योजना है।
रामजन्मोत्सव को लेकर राममंदिर को भव्य रूप से सजाया जा रहा है। रामजन्मभूमि पथ पर 80 अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लग रहे हैं। पथ पर जर्मन हैंगर लगने की वजह से कुछ कैमरे दूर के ही दृश्यों को कैद कर पा रहे हैं। ऐसे में नजदीकी दृश्यों को भी कैद करने के लिए अतिरिक्त कैमरे लग रहे हैं। पथ पर करीब 50 स्थानों पर वॉटर कूलर भी स्थापित कराए जा रहे हैं।
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UP News: सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशख़बरी, चुनाव ड्यूटी से इन्हें मिलेगी राहत
Lucknow: देश में होने वाले चुनावों को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में सरकारी कर्मचारियों और सुरक्षाबलों की कड़ी मेहनत शामिल होती है। लोकसभा चुनाव 2024 में सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश के कार्यालय से निर्देश जारी हुए हैं। इसमें पति और पत्नी दोनों के सरकारी सेवा में होने पर एक को चुनाव ड्यूटी से मुक्ति मिल सकेगी। सरकारी सेवा में तैनात पति-पत्नी दोनों में से किसी एक की ही चुनावी ड्यूटी लगेगी। इसके लिए कर्मचारी के आवेदन के आधार पर जिला निर्वाचन अधिकारी निर्णय लेंगे।
जारी निर्देशों में स्पष्ट है कि यदि पति/पत्नी दोनों सरकारी सेवा में हैं तो उनकी समस्या को देखते हुए दोनो में से किसी एक को प्रार्थना पत्र के आधार पर चुनाव ड्यूटी से मुक्ति किये जाने हेतु पूर्व की भांति समस्त जिला निर्वाचन अधिकारी/सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्देशित किये जाने का अनुरोध किया गया है।
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UP News: ताजमहल नहीं रहा अब लोगों की पहली पसंद, पर्यटकों को लुभा रहे यूपी के ये शहर
UP News: उत्तरप्रदेश में आने वाले पर्यटकों की पसंद में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। अब पर्यटक आगरा में ताजमहल देखने की बजाय अयोध्या में राम मंदिर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ के दर्शन को प्राथमिकता दे रहे हैं। पर्यटकों की पहली पसंद अब ताज महल नहीं, बल्कि काशी विश्वनाथ और राममंदिर बन चुके हैं। उत्तरप्रदेश पर्यटन विभाग के आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। पिछले साल यूपी में आने वाले पर्यटकों में काशी के बाद सबसे ज्यादा लोग अयोध्या पहुंचे हैं।
हजारों करोड़ की विकास परियोजनाओं से बदली तस्वीर
रामनगरी अयोध्या में हाल के वर्षों में 34 हजार करोड़ की विकास परियोजनाएं आकार ले रही हैं। जिससे अयोध्या की पूरी तस्वीर बदल चुकी है। घाटों के सुंदरीकरण, राम की पैड़ी की भव्यता, प्राचीन मंदिरों का सौंदर्यीकरण, भक्ति का अहसास कराते रास्ते आदि विभिन्न योजनाओं से अयोध्या की सुंदरता बढ़ी है, जिसने श्रद्धालुओं को आकर्षित किया है। अयोध्या अब धार्मिक पर्यटन का हब बन चुकी है। दीपोत्सव जैसे आयोजन ने भी अयोध्या को ग्लोबल पहचान दिलाई है। वहीं काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद से वाराणसी आने वाले स्वदेशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।
आगरा से करीब पांच गुना अधिक पर्यटक काशी-अयोध्या पहुंचे
टेंट से निकलकर भव्य-दिव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या का गौरव लौटने लगा है। अयोध्या के आकर्षण का आलम यह है कि पिछले साल अयोध्या में काशी के बाद सबसे ज्यादा 5,75,15,423 श्रद्धालु पहुंचे। आगरा में जहां हर साल 90 लाख से एक करोड़ लोग पहुंच रहे हैं, वहीं अयोध्या और काशी में पांच करोड़ से अधिक लोग पहुंच रहे हैं।
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