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राजस्थान की सियासी तस्वीर आज होगी साफ, सचिन पायलट का 30 विधायकों के साथ होने का दावा
नई दिल्ली/जयपुर: राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बागी तेवरों के बाद अशोक गहलोत की सरकार के भविष्य पर सवालिया निशान लग गए हैं। यूं तो जोर सियासी जोरआजमाइश अभी जारी रहने वाली है, लेकिन अशोक गहलोत की सरकार पर संकट कितना बड़ा है, इसके साफ-साफ संकेत आज सुबह साढ़े दस बजे होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक में विधायकों की संख्या देखकर मिल जाएंगे। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की रविवार रात बुलाई बैठक में 107 विधायकों में से सिर्फ 75 विधायकों की ही मौजूदगी रही।
सचिन का दावा-30 विधायक हैं साथ
ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी दोस्त सचिन पायलट उनकी लाइन पर ही आगे बढ़ते दिख रहे हैं। उनका दावा है कि कांग्रेस के करीब 30 विधायकों का उन्हें समर्थन है और सभी विधायक राजस्थान से बाहर हैं। ख़बरें हैं कि सभी विघायक हरियाणा के किसी बड़े होटल में मौजूद हैं।
सचिन-ज्योतिरादित्य की मुलाकात से बढ़ा सस्पेंस
राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने रविवार को कांग्रेस के अपने पूर्व साथी और जिगरी दोस्त ज्योतिरादित्य सिंधिया से करीब 40 मिनट लंबी मुलाकात की। ऐसे में अटकलें लग रही हैं, कि वे भी सिंधिया की तरह बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। संभावना जताई जा रही है कि वे आज पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ले लेंगे।
कर्नाटक और मध्यप्रदेश की तरह आगे बढ़ रहा पूरा घटनाक्रम
राजस्थान में भी लगभग वैसे ही दांवपेंच देखने को मिल रहे हैं, जैसे कि कर्नाटक और मध्यप्रदेश में देखने को मिले थेे। राजनीती के जानकारों का मानना है कि राजस्थान में भी यही गणित काम कर रहा है। हालांकि राजस्थान में सबकुछ इतना आसान भी नहीं है, जितना दिख रहा है।
नंबर गेम में कौन भारी?
राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं। जिनमें से कांग्रेस के पास 107 विधायक और बीजेपी के पास 72 विधायक हैं। फिलहाल कांग्रेस के पास प्रदेश में अपने दम पर बहुमत है, लेकिन सरकार को कुछ अन्य निर्दलीय और छोटे दलो का भी समर्थन प्राप्त है। अब अगर सचिन पायलट के दावे के मुताबिक, 30 विधायक पाला बदलते हैं औहर इस्तीफा दे देते हैं, तो अशोक गहलोत सरकार पर संकट आ सकता है।
पायलट को एसओजी नोटिस ने बिगाड़ा खेल!
अशोक गहलोत और सचिन पायलट में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव से ही खींचतान चल रही है। लेकिन मौजूदा वक्त में विवाद तब गहरा गया, जब अशोक गहलोत ने बीजेपी पर सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाते हुए जांच के लिए एसओजी ग्रुप बनाया। लेकिन मामला तब बिगड़ गया, जब एसओजी ग्रुप ने पूछताछ के लिए उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को नोटिस भेज दिया। हालांकि, ऐसा नोटिस सीएम को भी गया था। इसी के बाद विवाद बढ़ता गया।
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Indian Railways: ट्रेन में यात्रा करने वालों के लिए बड़ी ख़बर, 1 जुलाई से बढ़ जाएगा किराया

Indian Railways: ट्रेन यात्रियों के लिए जरूरी खबर सामने आई है। 1 जुलाई 2025 से भारतीय रेलवे कुछ श्रेणियों के किराए को बढ़ाने जा रहा है। अब आपको एसी और एक्सप्रेस ट्रेनों में सफर करने के लिए थोड़ा ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। हालांकि, कुछ कैटेगरी में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। वहीं सामान्य द्वितीय श्रेणी (Second Class) में अगर आप 500 किलोमीटर तक यात्रा कर रहे हैं, तो किराए में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। लेकिन, अगर आपका सफर 500 किलोमीटर से ज्यादा का है, तो आपको प्रति किलोमीटर आधा पैसा ज्यादा देना होगा।
रेलवे ने नॉन एसी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनो के किराए में प्रति किलोमीटर 1 पैसे की वृद्धि की है। वहीं, वातानुकूलित श्रेणी (जैसे AC 2-tier, AC 3-tier) के टिकटों के लिए आपको प्रति किलोमीटर 2 पैसे ज्यादा देने होंगे। यानी अगर आपकी यात्रा 500 किलोमीटर तक की है, तो नॉन एसी में 5 और एसी में 10 रुपए ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे। वहीं 1000 किमी के सफर पर अब नॉन AC में 10 और AC में 20 रुपए ज्यादा लगेंगे।
इन यात्रियों को मिलेगी राहत
शहरी लोकल ट्रेनों के किराए में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिससे लाखों दैनिक यात्रियों को राहत मिलेगी। मासिक सीजन टिकट (मंथली पास) की दरों में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इससे पहले रेलवे ने टिकट बुकिंग के नए नियमों में भी बदलाव का फैसला लिया था। अभी तक आपको यात्रा से 4 घंटे पहले ही पता चल पाता था कि आपका टिकट कन्फर्म हुआ है या नहीं, लेकिन अब रेलवे एक नए सिस्टम पर काम कर रहा है। इसके तहत कन्फर्म सीटों वाला चार्ट यात्रा से 24 घंटे पहले जारी किया जाएगा। यह नया सिस्टम 6 जून से राजस्थान के बीकानेर डिविजन में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कुछ हफ्ते तक इसे आजमाया जाएगा।
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Delhi-NCR: 1 जुलाई से 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को नहीं मिलेगा ईंधन, NCR में जल्द लागू होगा

Delhi-NCR: दिल्ली-NCR में रहने वाले और यहां रोजाना आने-जाने वाले वाहन मालिकों और चालकों के लिए बड़ी खबर है। दिल्ली में 1 जुलाई से 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को फ्यूल नहीं मिलेगा। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने घोषणा की है कि 1 जुलाई से दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (ANPR) कैमरों के माध्यम से पहचाने गए सभी एंड-ऑफ-लाइफ (ईओएल) वाहनों को ईंधन भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यानी 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को दिल्ली में पेट्रोल/डीजल नहीं मिलेगा।
1 नवंबर से NCR में लागू होगा यह नियम
सीएक्यूएम के अनुसार, यह प्रतिबंध 1 नवंबर से गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और सोनीपत तक फैल जाएगा और 1 अप्रैल, 2026 से एनसीआर के बाकी हिस्सों को कवर करेगा। पुराने वाहनों को ईंधन नहीं देने के लिए दिल्ली भर में 500 पेट्रोल पंपों पर एएनपीआर कैमरे लगाए गए हैं, जिससे वाहनों के डेटा की वास्तविक समय पर ट्रैकिंग संभव हो सकेगी। अब तक, सिस्टम ने 3.63 करोड़ से अधिक वाहनों की जांच की है, जिनमें से 4.90 लाख को जीवन समाप्ति के रूप में चिह्नित किया गया है।
प्रदूषण कम करने की कवायद
दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पुराने बीएस मानक वाले वाहनों को हटाना बहुत जरूरी है। ये वाहन वायु प्रदूषण में बड़ी भूमिका निभाते हैं। एएनपीआर प्रणाली स्वचालित रूप से लाइसेंस प्लेट नंबरों को कैप्चर करती है, क्योंकि वाहन ईंधन स्टेशन में प्रवेश करते हैं। फिर यह डेटा को वाहन डेटाबेस के साथ क्रॉस-रेफ़रेंस करता है, जो पंजीकरण विवरण, ईंधन प्रकार और वाहन की आयु जैसी जानकारी संग्रहीत करता है। यदि कोई वाहन कानूनी आयु सीमा से अधिक पाया जाता है, तो उसे ईओएल के रूप में फ़्लैग किया जाता है। फ़्लैग किए जाने के बाद, ईंधन स्टेशन को ईंधन भरने से इनकार करने के लिए अलर्ट प्राप्त होता है। उल्लंघन को रिकॉर्ड किया जाता है और प्रवर्तन एजेंसियों को भेजा जाता है, जो वाहन को ज़ब्त करने या स्क्रैप करने जैसी आगे की कार्रवाई कर सकते हैं।
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Israel Iran War: ईरान ने भारत के लिए खोला एयर स्पेस, 1000 भारतीय छात्रों की होगी वतन वापसी

Operation Sindhu: ईरान-इजरायल के बीच जारी जंग के बीच भारत ने ईरान में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन सिंधु तेज कर दिया है। इसके लिए ईरान ने अपने एयर स्पेस को खास तौर पर भारतीय उड़ानों के लिए खोल दिया है। ईरान के इस कदम को भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है। दरअसल ईरान में इजराइल के मिसाइल और ड्रोन हमलों के चलते ज्यादातर ईरानी एयर स्पेस अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बंद कर दिए गए हैं। हालांकि, इसके बावजूद भारत को अपने छात्रों को निकालने के लिए एक विशेष गलियारा दिया गया है।
ईरान के विभिन्न शहरों में फंसे कम से कम 1,000 भारतीय छात्रों के ऑपरेशन सिंधु के तहत अगले दो दिनों में स्वदेश पहुंचने की उम्मीद है। पहली उड़ान आज रात शुक्रवार (20 जून, 2025) को 11:00 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी। दूसरी और तीसरी फ्लाइट शनिवार को एक सुबह और दूसरी शाम को आने की उम्मीद है।
बता दें कि ईरान में 4,000 से ज्यादा भारतीय रह रहे हैं। इनमें से आधे भारतीय छात्र हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय की आधिकारिक ब्रीफिंग के अनुसार इस हफ़्ते की शुरुआत में उत्तरी ईरान से 110 भारतीय छात्रों को निकाला गया और सड़क मार्ग से आर्मेनिया के येरेवन पहुंचाया गया।जहां से 18 जून को एक विशेष उड़ान में सवार होकर भारतीय छात्र 19 जून की सुबह नई दिल्ली पहुंचे।
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Fastag Pass: प्राइवेट कार मालिकों को बड़ा तोहफा, 3000 रुपए में मिलेगा एक साल के लिए फास्टैग

Fastag Annual Pass:देश में अपनी निजी कार से सफर करने के शौकीनों के लिए खुशख़बरी है। अब आपको टोल टैक्स के रूप में हजारों रुपए नहीं चुकाने होंगे। प्राइवेट कार ऑनर्स को सड़क परिवहन मंत्रालय ने बड़ी राहत दी है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एनुअल फास्टैग (FASTag) पास से जुड़ी नई योजना शुरू की है। यह योजना वार्षिक पास है, जो सिर्फ प्राइवेट गाड़ियों के लिए है। यह पास सेवा 15 अगस्त 2025 से शुरू होगी और इसकी कीमत 3,000 रुपए होगी। इसमें आप साल भर में 200 यात्राएं कर सकेंगे।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कि यह पास राजमार्ग यात्रा मोबाइल ऐप (Rajmarg Yatra Mobile App) पर मिलेगा। गडकरी ने एक्स पर लिखा- एक ऐतिहासिक पहल के तहत, 15 अगस्त 2025 से ₹3,000 की कीमत वाला FASTag आधारित वार्षिक पास शुरू किया जा है। यह पास सक्रिय होने की तिथि से एक वर्ष तक या 200 यात्राओं तक, जो भी पहले हो, वैध रहेगा। यह पास केवल गैर-व्यावसायिक निजी वाहनों (कार, जीप, वैन आदि) के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है और यह देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध यात्रा को संभव बनाएगा।
उन्होंने आगे लिखा-वार्षिक पास के सक्रियण/नवीनीकरण के लिए जल्द ही राजमार्ग यात्रा ऐप और NHAI / MoRTH की वेबसाइट्स पर एक अलग लिंक उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे प्रक्रिया सरल और सुगम होगी। यह नीति 60 किलोमीटर के दायरे में स्थित टोल प्लाज़ाओं को लेकर लंबे समय से चली आ रहें कन्सर्न्स को अधोरेखित करेगी और एक ही सुलभ लेनदेन के माध्यम से टोल भुगतान को सहज बनाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि वेटिंग टाइम घटाकर, भीड़ कम कर और टोल प्लाज़ाओं पर विवाद को समाप्त कर, वार्षिक पास नीति लाखों निजी वाहन चालकों के लिए तेज़, सुगम और बेहतर यात्रा अनुभव के लिए प्रतिबद्ध है।
निजी कार से ज्यादा यात्रा करने वालों के लिए फायदेमंद
सरकार की इस योजना का मकसद टोल प्लाजा पर होने वाली परेशानियों को कम करना है। यह उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होगा, जो टोल प्लाजा के 60 किलोमीटर के दायरे में रहते हैं। अक्सर ऐसा होता है कि आस-पास रहने वाले लोगों को भी टोल देना पड़ता है, जिससे उन्हें परेशानी होती है। इस नए सिस्टम से टोल का भुगतान करना आसान हो जाएगा। यूजर्स एक बार में पूरे साल के लिए भुगतान कर सकेंगे। इसका मतलब है कि लोगों को बार-बार टोल देने की जरूरत नहीं होगी। यह पहल सड़क सेवाओं को डिजिटल बनाने और आधुनिक बनाने की कोशिश का हिस्सा है। सरकार चाहती है कि लोगों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर बेहतर सुविधाएं मिलें। यह पास उसी दिशा में एक कदम है।
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Pune bridge Collapse: पुणे में इंद्रायणी नदी पर बना पुल ढहा, 2 की मौत, 25-30 के बहने की आशंका

Pune bridge Collapse: महाराष्ट्र के पुणे जिले के मावल तहसील के कुंडमाला गांव के पास में रविवार (15 जून) को दोपहर 3:30 बजे इंद्रायणी नदी पर बना पुल ढह गया। जिस समय ब्रिज गिरा, तब मौके पर कई लोग उसी पुल पर मौजूद थे। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि करीब 25 से 30 लोग नदी में बह गए हैं. घटनास्थल से दो शव निकाले गए हैं। पुल का हिस्सा जहां गिरा, वहां पत्थर भी मौजूद थे। जो लोग पत्थर पर गिरे हैं, उन्हें गंभीर चोटें आई हैं। वहीं, कई लोग नदी की धारा में बह गए हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पुणे जोन 2 के DCP ने 2 लोगों की मौत की पुष्टि की है। NDRF की टीमों ने 6 लोगों का रेस्क्यू किया है। बताया जा रहा है कि यह हादसा उस वक्त हुआ, जब कई लोग नदी के तेज बहाव को देखने के लिए खड़े थे। शुरुआती जानकारी के अनुसार, यह पुल पहले से ही जर्जर स्थिति में था। हादसे के समय पुल पर क्षमता से अधिक पर्यटक मौजूद थे। वहीं कुछ लोग टू-व्हीलर भी ले जा रहे थे। इसी वजह से पुल भार सहन नहीं कर सका।
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