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Budget 2024: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री साय ने की बजट की सराहना, कहा-बजट में हर वर्ग का रखा ख्याल
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट आज प्रस्तुत हुआ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन जी का सांतवां बजट दूरदृष्टि और दृढ निश्चय का बजट है। यह सबका बजट है, सबके लिए, सबके विकास का बजट है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बजट में कृषि और रोजगार पर सबसे अधिक ध्यान देना इसे ऐतिहासिक बनाता है। छत्तीसगढ़ के लिए सबसे विशेष बात यह है कि जहां 1.52 लाख करोड़ रूपये कृषि क्षेत्र के लिए रखे गये हैं, कृषि क्षेत्र का ऐतिहासिक पैकेज देश में एक नयी हरित क्रांति लाकर किसानों को समृद्ध बनायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय उन्नत ग्राम योजना लांच हुई है। इससे जनजाति समाज के 63 हजार गांव और 5 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा। छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों को इससे काफी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप और इंटर्नशिप के दौरान पांच हजार रूपए महीना देने का प्रावधान रखा गया है। रोजगार कौशल के लिए 2 लाख करोड़ की स्कीम शुरू की जा रही है। इसके साथ ही मुद्रा लोन की रकम 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए की गयी है, जिससे युवाओं को स्टार्ट-अप में मदद मिल सकेगी। इस योजना से छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। वहीं, बजट में घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख तक का एजुकेशन लोन प्रावधान किया गया है। जिससे शिक्षा व स्किल को नई ऊंचाई मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2.66 लाख करोड़ ग्रामीण विकास के लिए प्रस्तावित कर प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार गांव, गरीब, किसान और युवाओं के हित में कल्याणकारी कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि यह बजट मोदी जी के 2047 में भारत को विकसित बनाने का संकल्प सिद्ध करने वाला बजट है। यह बजट एक आदर्श कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को सामने लाता है। भारत को विकसित बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा बजट में कृषि व संबंधित क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है। इससे छत्तीसगढ़ के किसानों को वित्तीय सुरक्षा और कृषि के लिए आवश्यक संसाधन मिलेंगे। इसके अलावा 6 करोड़ किसानों की जानकारी लैंड रजिस्ट्री पर लाई जाएगी जिससे जमीन संबंधी विवादों का जल्द निपटारा हो सकेगा। उन्होंने कहा कृषि में रिसर्च को ट्रांसफॉर्म करना, एक्सपर्ट की निगरानी, और जलवायु के मुताबिक नई वैरायटी को बढ़ावा देने की योजनाएँ छत्तीसगढ़ के किसानों को नई तकनीकों और संसाधनों का लाभ प्रदान करेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा बजट में सरकार द्वारा रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन दिये गए हैं। 1 लाख रुपए से कम सैलेरी होने पर ईपीएफओ में पहली बार रजिस्टर करने वाले लोगों को 15 हजार रुपए की मदद तीन किश्तों में मिलेगी। नए कर्मचारियों को एक महीने का वेतन, विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन, नियोक्ताओं को सहायता दी गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में सैलरीड लोगों को बड़ी राहत मिली है। टैक्स स्लैब में बदलाव लाया गया है, इससे करदाताओं को बचत होगी। उन्होंने कहा बजट में शहरों के क्रिएटिव री-डेवलपमेंट के लिए पॉलिसी लाई जाएगी और पोलावरम सिंचाई परियोजना को पूरा करने की बात कही गई है। इसके अलावा बजट में नवाचार, अनुसंधान और विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है।
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Breaking News: कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस की दूसरे दिन की समीक्षा बैठक शुरू, कानून-व्यवस्था सहित तमाम मुद्दों पर होगी चर्चा
Collector-SP conference Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में कलेक्टर्स-पुलिस अधीक्षक कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन की समीक्षा बैठक शुरू हो गई है। इसमें मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, संभागायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हैं। बैठक में जिलों में कानून और व्यवस्था सहित अपराधों की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा होगी। साथ ही भविष्य में पुलिसिंग को और अधिक विश्वसनीय, पारदर्शी व उत्तरदायी बनाने की दिशा में किए जा सकने वाले सुझावों पर भी चर्चा की जाएगी।
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Collector Conference: पुरानी शैली बदलें, पूरी संवेदनशीलता के साथ जनता की समस्याओं का निराकरण करें- मुख्यमंत्री साय
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में दो दिवसीय कलेक्टर कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कहा कि बीते 9 महीने में यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी की गारंटी के अनुरूप प्रदेश को संवारने की दिशा में प्रयास किया गया है, किन्तु विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए हम सबको और अधिक कठिन परिश्रम करना होगा। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि शासन की योजनाएं पूरी पारदर्शिता के साथ क्रियान्वित की जाए और इसका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी फ्लैगशिप योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य करें। उन्होंने कुछ जिलों में आम जनता और स्कूली छात्रों से शासकीय अधिकारियों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अधिकारी पूरी संवेदनशीलता और सहृदयता के साथ आम जनता की समस्याओं को सुने और उसका यथासंभव शीघ्र निराकरण करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों-कर्मचारियों की भाषा-शैली मर्यादित होनी चाहिए। उन्होंने कलेक्टरों को जनसामान्य से संयमित लहजे में बातचीत करने की हिदायत दी और कहा कि यदि आपके अधीनस्थ अधिकारी भाषा संयम न रखें, तो उन पर तत्काल सख्त कार्यवाही करें।
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि स्थानीय स्तर की समस्याएं वहीं निपटे, छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर लोगों को राजधानी न आना पड़े। इस बात का ध्यान जिला प्रशासन को रखना चाहिए। जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान में लाई गई जन समस्याओं के त्वरित निदान के लिए प्रभावी कदम उठाएं जाएं।
मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान साफ तौर पर कहा कि इस विभाग का आम लोगों और किसानों से ज्यादा वास्ता है। राजस्व के प्रकरणों का निराकरण बिना किसी लेट-लतीफी के किए जाने से शासन-प्रशासन की छबि बेहतर होती है। उन्होंने अधिकारियों को जनसामान्य की भूमि संबंधी छोटी-छोटी त्रुटियों एवं समस्याओं का निदान पूरी संवेदनशीलता के साथ समय-सीमा में करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने सारंगढ़-बिलाईगढ़, बस्तर, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में राजस्व मामलों के निराकरण की धीमी गति पर अप्रसन्नता जताई। उन्होंने जिलेवार कलेक्टरों से अविवादित और विवादित नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, त्रुटि सुधार, डायवर्सन, असर्वेक्षित ग्रामों की जानकारी, नक्शा बटांकन की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में ऐसे जिले जिनकी प्रगति 70 प्रतिशत से कम है, उन्हें इस मामले में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। विवादित बटवारा के प्रकरण 6 माह से ज्यादा लंबित न हो। सीमांकन के प्रकरणों को भी तेजी से निराकृत किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सभी कमिश्नरों को अधीनस्थ जिलों का नियमित दौरा कर राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को प्रधानमंत्री ने अभी पीएम आवास के अंतर्गत 8 लाख 46 हजार 931 आवासों को स्वीकृति दी है। पूर्ववर्ती सरकार के दौरान पीएम आवास का काम काफी पिछड़ गया था। हमें तेजी से इस पर काम करना है। यह सर्वाेच्च प्राथमिकता का कार्य है। इसके साथ ही हमने चिन्हांकित किये गये लगभग 47 हजार आवासहीन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास देने का निर्णय भी लिया है। इस पर भी जुट कर काम करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्वच्छता सर्वे अभी चल रहा है। छत्तीसगढ़ के गांव और ग्राम पंचायतें स्वच्छता सर्वे को सभी मानदंडों को पूरा करती हों, इस पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत हैं। मनरेगा रोजगार सृजन का सबसे अच्छा माध्यम है। इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोगी अधोसंरचनाएं तैयार करें। मनरेगा में भुगतान संबंधी दिक्कतों का समाधान करें। मुख्यमंत्री ने मनरेगा के तहत मानव दिवस सृजन कम होने पर बस्तर कलेक्टर पर नाराजगी जतायी। उन्होंने कलेक्टरों को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वसहायता समूहों को बढ़ावा देने के साथ ही ट्रेनिंग, बैंक लिंकेज आदि की व्यवस्था पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने पंचायतों का व्यापक निरीक्षण करने, वहां की समस्याओं को हल करने के निर्देश दिए। अमृत सरोवर योजना को जन अभियान का स्वरूप देने, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासों का तेजी से निर्माण कराए जाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता वाली योजना है। 15 सितम्बर को प्रधानमंत्री जी द्वारा पहली किश्त जारी की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल विकास योजना के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की और खैरागढ़, सारंगढ़, सक्ती, रायगढ़ जिलों की शून्य प्रगति पर नाराजगी जताई और कहा कि यह स्थिति ठीक नहीं है।
मुख्यमंत्री साय ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति की समीक्षा के दौरान गरियाबंद जिले के सूपेबेड़ा में किडनी की बीमारी की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय करने और आवश्यकतानुसार दिल्ली से विशेषज्ञ बुलाकर सेवाएं लेने की बात कही। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम का सभी जिलों में संचालन तथा रोगियों को लाभ सुनिश्चित करने, आगामी 6 माह में शत प्रतिशत आयुष्मान पंजीयन करने, पीएम जनऔषधि केंद्रों का संचालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने टीबी उन्मूलन के तहत किये जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में रायपुर और बिलासपुर जिले में बेहतर स्थिति की सराहना की। उन्होंने अन्य जिलों को भी टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए सरस्वती सायकल योजना के वितरण में कुछ जिलों में हुई लेट-लतीफी को लेकर अप्रसन्नता जताई। उन्होंने कलेक्टरों को स्पष्ट तौर पर कहा कि सायकल का वितरण शिक्षा सत्र शुरू होते ही सुनिश्चित किया जाना चाहिए। सुकमा एवं बलरामपुर जिले में साइकिल वितरण अब तक न होने पर की स्थिति को देखते हुए कहा कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने आदिम जाति विकास विभाग की समीक्षा के दौरान हितग्राहियों को प्रधानमंत्री जन मन योजना का शत-प्रतिशत लाभ दिलाने पर जोर दिया। उन्होंने कबीरधाम जिले में वन अधिकार पट्टा के कार्य में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया और जिन जिलों में डिजिटलाइजेशन का कार्य 80 प्रतिशत से कम है, वहां तेजी से कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने आश्रम एवं छात्रावासों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने पर विशेष ध्यान देने को कहा और कलेक्टरों को स्वयं निरीक्षण करने के निर्देश दिए। साथ ही, छात्रावासों में भोजन मेन्यू के अनुसार उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा करते हुए महतारी वंदन योजना को सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना बताया। उन्होंने कहा कि इस योजना में कोई पात्र महिला वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने पीएम मातृ वंदन योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ से कुपोषण को जड़ से समाप्त करना हम सभी का लक्ष्य होना चाहिए और इसके लिए विभाग को विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है।
कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत और पी. दयानंद तथा सभी संबंधित विभागों के सचिव सहित सभी संभागों के आयुक्त, सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायतों के सीईओ और नगर निगमों के आयुक्त भी मौजूद थे।
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Chhattisgarh: मेडिकल कॉलेजों के सीनियर रेसीडेंट से लेकर प्राध्यापकों के वेतन में हुई ऐतिहासिक वृद्धि, 1 सितंबर से प्रभावी होगा आदेश
Raipur: मुख्यमंत्री साय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा निर्णय लिया है। इस निर्णय के अंतर्गत शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के सीनियर रेसीडेंट व प्रदर्शक (पीजी), सहायक प्राध्यापक, सह प्राध्यापक एवं प्राध्यापक के वेतन में ऐतिहासिक वृद्धि का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश 1 सितंबर 2024 से पूरे राज्य के शासकीय मेडिकल कालेजों के लिए प्रभावी होगा।
छत्तीसगढ़ शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग के द्वारा जारी आदेश के अनुसार गैर अनुसूचित क्षेत्रों के मेडिकल कालेज में पदस्थ प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 55 हजार से बढ़ाकर 1 लाख 90 हजार रूपए कर दिया गया है। इसी तरह से सह प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 35 हजार से 1 लाख 55 हजार, सहायक प्राध्यापक का वेतन 90 हजार से 1 लाख तथा सीनियर रेसीडेंट व प्रदर्शक (पीजी) का वेतन 65 हजार रूपए से बढ़ाकर 75 हजार रूपए कर दिया गया है।
जारी आदेश के अनुसार अनुसूचित क्षेत्रों के मेडिकल कालेज में पदस्थ प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 90 हजार रूपए से बढ़ाकर 2 लाख 25 हजार रूपए कर दिया गया है। इसी तरह से सह प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 55 हजार से 1 लाख 85 हजार, सहायक प्राध्यापक का वेतन 90 हजार से 1 लाख 25 हजार तथा सीनियर रेसीडेंट व प्रदर्शक (पीजी) का वेतन 65 हजार रूपए से बढ़ाकर 95 हजार रूपए कर दिया गया है।
शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के संविदा चिकित्सकों के लिए जारी पुनरीक्षित संविदा वेतनमान के अनुसार अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 46 फीसदी तथा गैर अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 23 फीसदी की वेतन वृद्धि की गयी है। इस ऐतिहासिक वेतन वृद्धि को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को लेकर कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में पढ़ने वाले भावी डाक्टरों का ये अधिकार है कि उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाला शिक्षक और शिक्षा मिले और वेतन वृद्धि का ये आदेश राज्य शासन की स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करने की मंशा को स्पष्ट जाहिर करता है।
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Chhattisgarh: राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के कड़े तेवर, राजस्व मामलों के निराकरण की धीमी गति पर जताई नाराजगी
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में कड़े तेवर दिखाए। उन्होंने सारंगढ़ ,बस्तर, खैरागढ़ में राजस्व मामलों की धीमी गति पर नाराजगी जताई। उन्होंने सभी कलेक्टरों को राजस्व मामलों को तेज गति से निपटाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व संबंधित सभी कार्य समय-सीमा पर पूरे हों। मुख्यमंत्री साय ने अफसरों से अविवादित और विवादित नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, त्रुटि सुधार, डायवर्सन, असर्वेक्षित ग्रामों की जानकारी, नक्शा बटांकन की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने अफसरों को निर्देश दिए कि अविवादित नामांतरण के केस को समय सीमा पर पूरा करें। इसमें 70 प्रतिशत से कम निराकरण वाले जिले ज्यादा फोकस करें। उन्होंने कहा कि विवादित विभाजन के प्रकरण 6 माह से ज्यादा लंबित न हों। सीमांकन जनता से जुड़ा विषय है, जो आदेश है उसका सीमांकन हो जाये। नागरिक छोटे छोटे त्रुटि के लिए भटकते रहते हैं। जल्द से जल्द निराकरण हो इसका ख्याल रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डायवर्शन में जिलों का प्रदर्शन अच्छा है। सीएम साय ने कहा कि समय सीमा में निराकरण करने से सरकार की छवि बनती है। आपके अधीनस्थ समय और कोर्ट पहुंचे इसका ध्यान रखें। साथ ही सभी कमिश्नर भी कामकाज की मॉनिटरिंग करते रहें।
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Chhattisgarh: रायपुर में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री की चेतावनी- भाषा का संयम रखें, नहीं तो सख्त कार्यवाही की जाएगी
Collector conference Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में राजधानी रायपुर में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई है। शुरुआती उद्बोधन में मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शासन की योजनाएं पूरी पारदर्शिता के साथ अंतिम पात्र व्यक्ति तक पहुंचे। सभी फलैगशिप योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर काम करें। उन्होंने कहा कि बीते 9 महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के अनुरूप प्रदेश को संवारने की दिशा में प्रयास किया गया है, किन्तु विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कुछ जिलों में आम जनता और स्कूली छात्रों से दुर्व्यवहार की घटनाओं पर सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने भाषा के संयम को लेकर दी विशेष हिदायत, कहा आपके अधिकारियों से भाषा का संयम नहीं हो तो सख्त कार्यवाही की जाए। कलेक्टर स्तर पर ऐसी गलती हुई तो मैं स्वयं कारवाई करूंगा l
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि स्थानीय स्तर की समस्याएं वहीं निपटे, छोटी छोटी समस्याओं को लेकर लोगों को राजधानी न आना पड़े।
जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई जन समस्याओं पर त्वरित और प्रभावी कदम उठाया जाए।
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