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Mahtari Vandan Yojana: अब तक 60 लाख महिलाओं ने भरा आवेदन, रायपुर से आए सबसे अधिक आवेदन

Mahtari Vandan Yojana: छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन भरने का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। बीते 5 फरवरी से इस योजना के तहत अब तक 59 लाख 82 हजार 844 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। राज्य शासन द्वारा इस योजना के लिए ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यमों से स्वीकार किए जा रहे हैं। आवेदन भरने की अंतिम तारीख 20 फरवरी निर्धारित की गई है। योजना अंतर्गत औसतन प्रतिदिन 5 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो रहे हैं।
शिविरों में उमड़ रही महिलाओं की भीड़
आवेदन के लिए जिलों में जिला प्रशासन द्वारा आयोजित शिविरों में बड़ी संख्या में महिलाएं आवेदन जमा करने के लिए पहुंच रही हैं। इस योजना का लाभ पात्र महिलाओं को आगामी मार्च महीने से मिलने लगेगा। फिलहाल योजना से लाभान्वित करने के लिए पात्र महिलाओं से फॉर्म भरवाए जा रहे हैं। सभी जिलों में पंचायत और आंगनबाड़ी स्तर पर फॉर्म भरवाने के लिए आयोजित किए जा रहे शिविरों में महिलाओं की काफी भीड़ उमड़ रही हैै।
आवेदन पत्र की स्थिति जानने की मिली सुविधा
महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा हितग्राहियों के लिए महतारी वंदन योजना के ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन पत्र की स्थिति ज्ञात करने की सुविधा प्रदान की गई है। mahtarivandan.cgstate.gov.in लिंक की सहायता से हितग्राही अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या आधार नंबर दर्ज कर अपने आवेदन पर की गई कार्यवाही के संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। गौरतलब है कि महतारी वंदन योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष महिलाओं को 12 हजार रुपए दिए जाएंगे।
रायपुर जिले से प्राप्त हुए सबसे अधिक आवेदन
- महतारी वंदन योजना के अंतर्गत अब तक रायपुर जिले से सबसे अधिक 6 लाख 72 हजार 576 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा रायगढ़ जिले में 02 लाख 06 हजार 238, जांजगीर-चांपा में 02 लाख 47 हजार 017, बलरामपुर में 01 लाख 67 हजार 816, बलौदाबाजार में 02 लाख 02 हजार 385, कोण्डागांव 01 लाख 15 हजार 988, कवर्धा 01 लाख 87 हजार 053, सूरजपुर में 01 लाख 74 हजार 953 आवेदन आए हैं।
- इसी तरह मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 48 हजार 623, गरियाबंद में 01 लाख 38 हजार 322, बेमेतरा में 02 लाख 18 हजार 851, सारंगढ़-बिलाईगढ़ से 01 लाख 61 हजार 594, , राजनांदगांव से 01 लाख 98 हजार 193, सक्ती से 01 लाख 32 हजार 971, खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई से 80 हजार 529, मुंगेली से 01 लाख 94 हजार 812, बालोद से 01 लाख 02 हजार 758, दंतेवाड़ा से 63 हजार 944, धमतरी से 1 लाख 64 हजार 882 महिलाओं ने योजना के लिए आवेदन किया है।
- जशपुर से 01 लाख 60 हजार 063, कोरबा से 01 लाख 87 हजार 349, कांकेर से 1 लाख 27 हजार 060, बस्तर से 01 लाख 52 हजार 269, दुर्ग में 02 लाख 75 हजार 119, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर से 64 हजार 191, बिलासपुर से 02 लाख 60 हजार 254, सरगुजा से 01 लाख 96 हजार 156, कोरिया से 52 हजार 848, सुकमा से 43 हजार 061, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही से 75 हजार 459, महासमुंद से 03 लाख 7 हजार 383, नारायणपुर से 19 हजार 160, बीजापुर से 21 हजार 161 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
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Chhattisgarh: सुरक्षाबलों को नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी कामयाबी, 31 नक्सली ढेर, 2 जवान शहीद, 2 घायल

Bijapur:छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर बीजापुर जिले में रविवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 31 नक्सली मारे गए है। मुठभेड़ में 2 जवान शहीद हो गए और 2 घायल हुए हैं। आईजी बस्तर पी सुंदरराज ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों के 4 जवान घायल हो गए, जिसमें से 2 जवानों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। अन्य दो जवानों की हालत खतरे से बाहर है। उन्हें बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया है। सर्चिंग के दौरान जवानों ने सभी 31 नक्सलियों के शव बरामद कर लिए हैं।
जानकारी के मुताबिक बीजापुर और नारायणपुर से लगी महाराष्ट्र की सीमा पर इंद्रावती नेशनल पार्क क्षेत्र के जंगल में रविवार सुबह सर्चिंग पर निकले जवानों का नक्सलियों से आमना-सामना हो गया। इसके बाद दोनों ओर से शुरू हुई फायरिंग में 31 नक्सली मारे गए। नक्सलियों की मौतों का आंकड़ा बढ़ भी सकता है। डीआरजी बीजापुर, एसटीएफ और सी-60 के करीब 1000 जवान इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।
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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में पेट्रोल पंपों पर भी होगी वाहनों की प्रदूषण जांच, परिवहन विभाग और पेट्रोलियम कंपनियों के बीच बैठक में फैसला

Raipur: पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए छत्तीसगढ़ में अब पेट्रोल पंपों पर वाहनों की प्रदूषण जांच के सेंटर (पीयूसी) स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए पेट्रोलियम कंपनियों ने अपनी सहमति दे दी है। पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित होने से वाहन चालकों को पीयूसी प्रमाण पत्र बनवाने में आसानी होगी और उन्हें अन्य केंद्रों की तलाश में भटकना नहीं पड़ेगा। इसके अलावा, यह पहल वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मददगार और राज्य में पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 4 फरवरी 2025 को परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में वाहनों के धुएं से होने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए थे। इसी के तहत 7 फरवरी 2025 को परिवहन सचिव एवं परिवहन आयुक्त एस. प्रकाश और अपर परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और रिलायंस इंडस्ट्रीज के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में पेट्रोलियम कंपनियों के प्रतिनिधियों ने अपने पेट्रोल पंपों में प्रदूषण जांच केंद्र (पीयूसी सेंटर) स्थापित करने पर सहमति जताई। यह निर्णय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) और केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे वायु प्रदूषण को नियंत्रित कर आमजन के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। बैठक में इंडियन ऑयल कॉर्पाेरेशन के मुख्य प्रबंधक उपेन्द्र गिरी, भारत पेट्रोलियम के चीफ मैनेजर बी. देवकुमार, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंधक श्रेयस गुप्ता और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के मुख्य प्रबंधक गौतम कुमार सहित परिवहन विभाग और पेट्रोलियम कंपनियों के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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Chhattisgarh: सभी विभागों में ई-आफिस का पूर्ण क्रियान्वयन 31 मार्च 2025 तक करें सुनिश्चित-मुख्यमंत्री साय

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सभी विभागों को ई-ऑफिस प्रणाली को प्राथमिकता के साथ लागू करने के निर्देश दिए हैं, ताकि सरकार की कार्य प्रणाली को अधिक समयबद्ध, प्रभावी और पारदर्शी बनाया जा सके। इसी दिशा में, 1 जनवरी 2025 को विभागीय सचिवों की बैठक में सभी विभागों और कार्यालयों में ई-ऑफिस को लागू करने के निर्देश दिए गए थे। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग की अधिकांश फाइलें ई-ऑफिस के माध्यम से ही निपटाई जा रही हैं और सभी विभागों में इसका पूर्ण क्रियान्वयन 31 मार्च 2025 तक सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और कर्मचारियों को ई-ऑफिस के प्रशिक्षण की सुविधा देने की बात कही, ताकि सभी विभागों में इसे प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने और सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ई-ऑफिस प्रणाली को चरणबद्ध तरीके से लागू किया है। पहले इसे सामान्य प्रशासन विभाग में शुरू किया गया था और अब इसे मंत्रालय के सभी विभागों में विस्तारित कर दिया गया है। अब तक 16 विभागाध्यक्ष कार्यालयों को ई-ऑफिस प्रणाली से जोड़ा जा चुका है और जिला स्तर पर भी इसे लागू करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। सक्ती पहला ऐसा जिला है, जहां ई-ऑफिस पूरी तरह से लागू हो चुका है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली से सरकारी कार्यों की गति, दक्षता और पारदर्शिता में अभूतपूर्व सुधार होगा। इस पहल से सरकारी प्रक्रियाओं में स्वचालन (automation) आएगा, जिससे फाइलों की ट्रैकिंग आसान होगी, निर्णय लेने की गति तेज होगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि सभी विभागों में फाइलों की डिजिटल स्वीकृति सुनिश्चित की जाए, ताकि सरकारी कार्यों में अनावश्यक देरी समाप्त हो और प्रशासनिक निर्णयों को त्वरित रूप से लागू किया जा सके।
ई-ऑफिस प्रणाली के क्रियान्वयन से फाइलों के अनुमोदन में लगने वाला समय कम होगा, जिससे प्रशासनिक निर्णयों को शीघ्र लागू किया जा सकेगा। इसमें फाइलों की रियल-टाइम ट्रैकिंग, डिजिटल दस्तावेजों की सुरक्षा और डुप्लिकेशन रोकने के लिए केंद्रीकृत डेटा प्रबंधन की सुविधा शामिल है। कागजी कार्यवाहियों में कमी आने से सरकारी कार्यालयों की कार्यक्षमता में सुधार होगा और शासन अधिक प्रभावी एवं जवाबदेह बनेगा। ई-ऑफिस प्रणाली से कागज, मानव संसाधन और परिवहन लागत में भी बचत होगी, जिससे सरकारी खर्चों में भी कमी आएगी।
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Chhattisgarh: शाह बोले-आचार्य विद्यासागर ने हमें सिखाया कि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान, स्मृति में जारी किया सिक्का और विशेष लिफाफा

Dongargarh: केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी तीर्थ में आचार्य विद्यासागर जी महाराज की समाधि स्मारक के भूमिपूजन और विनयांजलि समारोह में शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की। केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने आचार्य विद्यासागर जी की स्मृति में ₹100 का स्मारक सिक्का, 5 रुपए का डाक टिकट, 108 चरण चिन्हों व चित्र का लोकार्पण और प्रस्तावित समाधि स्मारक ‘विद्यायतन’ का शिलान्यास किया। समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा कि जैन आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने हमें सिखाया कि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है। अगर हम अपनी संस्कृति को खो देते हैं, तो विश्व के समक्ष हमारी कोई पहचान नहीं रह जाती। आचार्य जी ने संप्रदायवाद, भाषावाद, जातिवाद आदि संकीर्णताओं से ऊपर उठकर मानवता एवं विश्व बंधुत्व का संदेश हम सभी को दिया है।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज एक युग पुरुष थे, जिन्होंने एक नए विचार और नए युग का प्रवर्तन किया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में जन्मे आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महामुनिराज अपने कर्मों से भारत, भारतीय संस्कृति, भारतीय भाषाएँ और भारत की पहचान के ज्योतिर्धर बने। शाह ने कहा कि शायद ही यह सम्मान किसी ऐसे धार्मिक संत को मिला होगा, जिन्होंने धर्म के साथ-साथ देश की पहचान की व्याख्या विश्व भर में की हो। उन्होंने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी के शरीर का कण-कण और जीवन का क्षण-क्षण धर्म, संस्कृति और राष्ट्र को समर्पित रहा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जैन आचार्यो और मुनियों ने संपूर्ण देश को एकसूत्र में बांधने का कार्य किया है। जैन संतों और मुनियों ने उत्तर प्रदेश के हस्तिनापुर से लेकर कर्नाटक के श्रवणबेलगोला तक और बिहार के राजगीर से गुजरात के गिरनार तक हर जगह पैदल भ्रमण कर ज्ञान का प्रकाश फैलाते हुए त्याग और तपश्चर्या से सन्मार्ग पर चलने के लिए लोगों को प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी ने एक कल्पवृक्ष की भांति जीवन जिया। उनके तप और त्याग से प्रत्येक क्षण देशवासियों को नई प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि आज इस स्थान पर सभी लोगों ने मिलकर आचार्य जी की भव्य समाधि का निर्माण करने का निर्णय लिया है, इसके लिए सभी साधुवाद के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पूज्य आचार्य विद्यासागर जी महाराज भौतिक देह से भले ही हमारे बीच उपस्थित नहीं है, लेकिन उनके उपदेश हमें प्रकाश स्तंभ की तरह युगों युगों तक हमेशा सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते रहेंगे। आचार्य जी ने धर्म की रक्षा और राष्ट्र की मजबूती के लिए मीलों पैदल सफर तय किया। आहार-विहार का ऐसा संयम रखा जिसे सोचकर ही हम सब चकित रह जाते हैं। आचार्य जी ने करोड़ों लोगों को अपने जीवन से प्रेरणा दी। वे एक राष्ट्र संत थे और स्वदेशी के प्रति उनका गहरा अनुराग था। वे हमेशा कहते थे कि हमें अपनी सांस्कृतिक जड़ों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए। मुख्यमंत्री साय ने पूज्य समता सागर जी महाराज और देशभर से आए सभी जैन मुनियों को प्रणाम करते हुए कहा कि संतों का आशीर्वाद छत्तीसगढ़ को सदैव मिलता रहे, ऐसी मेरी कामना है।
विनयांजलि समारोह में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, लोकसभा सांसद पाण्डेय, विधायक डोंगरगढ़ हर्षिता स्वामी बघेल, जैन समाज के अशोक पाटनी, महोत्सव के अध्यक्ष विनोद बड़जात्या, श्रीकांत प्रभात जैन, विनोद जैन, मनीष जैन एवं अन्य जनप्रतिनिधि सहित समाज के अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के नए डीजीपी बने अरुण देव गौतम, पुलिस मुख्यालय में जुनेजा को दी गई विदाई

CG New DGP:छत्तीसगढ़ को आज नया डीजीपी मिल गया है। 1992 बैच के आईपीएस अफसर अरुण देव गौतम प्रदेश के नए DGP (डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) नियुक्त हुए हैं। वे प्रदेश के छह जिलों (कोरिया, रायगढ़, जशपुर, राजनांदगांव, सरगुजा और बिलासपुर) के एसपी रह चुके हैं। अरुण देव गौतम को नगर सेना, नागरिक सुरक्षा का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है।
अरुण देव गौतम को यूएन मेडल के अलावा सराहनीय सेवाओं के लिए वर्ष 2010 में भारतीय पुलिस पदक और 2018 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष 2002 में संघर्षग्रस्त कोसोवा में सेवा देने के लिए अरुण देव गौतम को संयुक्त राष्ट्र पदक भी मिल चुका है।
रायपुर पुलिस मुख्यालय में डीजीपी अशोक जुनेजा को विदाई दी गई। उन्होंने अफसरों के बीच लास्ट स्पीच दी। अपने विदाई समारोह पर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था सुदृढ़ की गई, अपराध नियंत्रण किया गया जो सराहनीय है। जुनेजा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी चुनौती नक्सलवाद है। पहले हम नक्सलियों को ज्यादा डैमेज नहीं कर पाते थे। लेकिन, इस वर्ष हमने बड़े नक्सलियों को मार गिराया है। राष्ट्रपति कलर अवॉर्ड छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए अब तक का सबसे बड़ा अचीवमेंट है।