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Income Tax Raid: कांग्रेस सांसद और उनके करीबियों के ठिकानों पर IT की रेड में 210 करोड़ कैश बरामद, गिनती अभी भी जारी
Income Tax Raid: आयकर विभाग की 40 सदस्यीय टीम की कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी में 210 करोड़ रुपए कैश बरामद किया है। झारखंड-ओडिशा और बंगाल के 10 ठिकानों पर हुई इस छापेमारी के दौरान 9 अलमारियों में 500, 200 और 100 रुपए के नोटों की गड्डियां भरी हुईं थीं। आयकर की टीम ने बरामद कैश को 157 बैगों और बोरियों में भरकर भारी सुरक्षा के बीच बैंक पहुंचाया है। नोटों की गिनती चल रही है, ऐसे में जब्त रकम का आंकड़ा अभी बढ़ सकता है। राज्यसभा सांसद धीरज साहू की घोषित संपत्ति की बात करें, तो 2018 में राज्यसभा चुनाव के वक्त दिए शपथपत्र में उन्होंने 30 करोड़ रुपए बताई थी और 2.36 करोड़ रुपए कर्ज घोषित किया था।
देशी शराब बनाने वाली कंपनी से जुड़े हैं कांग्रेस सांसद
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू और उनका परिवार देशी शराब बनाने वाली कंपनी बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज से जुड़े हैं।आयकर विभाग ने ग्रुप के झारखंड-ओडिशा और बंगाल के 10 ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की है। इसमें कंपनी के बोलांगीर स्थित कार्यालय से 30 किलोमीटर दूर सतपुड़ा ऑफिस में छापेमारी में 200 करोड़ रुपए कैश बरामद किए हैं। आयकर विभाग की 40 सदस्यीय टीम ने बुधवार सुबह साढ़े 6 बजे ओडिशा के बौध, बोलांगीर, रायगढ़ा और संबलपुर, झारखंड के रांची-लोहरदगा और कोलकाता में एक साथ छापेमारी शुरू की थी।
पश्चिमी ओडिशा की सबसे बड़ी देशी शराब निर्माता कंपनी है बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज
आयकर की छापेमारी के बाद चर्चा में आई बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज पश्चिमी ओडिशा की सबसे बड़ी देशी शराब निर्माता और विक्रेता कंपनियों में से एक है। इस कंपनी में कांग्रेस सांसद धीरज साहू के अलावा उनके परिवार के राजकिशोर साहू, स्वराज साहू और परिवार के अन्य सदस्य शामिल हैं। ओडिशा का कारोबार उनके भाई संजय साहू और दीपक साहू संभालते हैं। बता दें कि धीरज साहू के परिवार के स्वामित्व वाले इस ग्रुप में बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड (बीडीपीएल) के अलावा बलदेव साहू इंफ्रा लिमिटेड, क्वालिटी बॉटलर्स और किशोर प्रसाद-विजय प्रसाद बेवरेज लिमिटेड कंपनियां शामिल हैं। इसमें बलदेव साहू इंफ्रा लिमिटेड फ्लाई ऐश ब्रिक्स बनाने का काम करती है और बाकी तीन कंपनियां शराब कारोबार से जुड़ी हैं।
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Sahara Refund: सहारा के निवेशकों के लिए अच्छी ख़बर, अगले 10 दिनों में मिलेंगे 1000 करोड़
Sahara Refund: सहारा ग्रुप की कोऑपरेटिव सोसाइटीज के निवेशकों के लिए एक राहत भरी ख़बर है। सहारा में अपनी जमापूंजी लगाने वाले छोटे जमाकर्ताओं के लिए रिफंड की सीमा को केंद्र सरकार ने 10,000 रुपए से बढाकर 50000 रुपए कर दिया है। सरकार ने सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के 4.29 लाख से अधिक जमाकर्ताओं को 370 करोड़ रुपये जारी किए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक रिफंड राशि की सीमा 50,000 रुपए तक बढ़ने से अगले 10 दिन में लगभग 1,000 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा। सरकार रिफंड जारी करने से पहले जमाकर्ताओं के दावों की जांच कर रही है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने 18 जुलाई, 2023 को CRCS-Sahara रिफंड पोर्टल लॉन्च किया गया था। इसमें सहारा ग्रुप की चार कोऑपरेटिव सोसाइटीज के निवेशक अपने रिफंड का दावा कर सकते हैं। इनमें सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (लखनऊ), सहारयन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड (भोपाल), हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव लिमिटेड (कोलकाता) और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपेरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (हैदराबाद) शामिल हैं।
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One Nation One Election: केंद्रीय कैबिनेट ने वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को दी मंजूरी, शीतकालीन सत्र में पेश हो सकता है बिल
One Nation One Election:मोदी कैबिनेट ने बुधवार (18 सितंबर 2024) को वन नेशन वन इलेक्शन पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। कहा जा रहा है कि सरकार शीतकालीन सत्र यानी नवंबर-दिसंबर में इसे संसद में पेश कर सकती है। कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ‘पहले फेज में विधानसभा और लोकसभा चुनाव साथ होंगे। इसके बाद 100 दिन के भीतर दूसरे फेज में निकाय चुनाव साथ कराए जाएंगे।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर 14 मार्च 2024 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति की अगुआई वाली समिति ने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर देश की 62 राजनीतिक पार्टियां से संपर्क किया था, जिसमें से उन्हें 32 पार्टियों का समर्थन मिला था। जबकि 15 पार्टियों ने वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन नहीं किया था,तो वहीं 15 पार्टियों ने कोई जवाब नहीं दिया।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसलों की ब्रीफिंग करते हुए कहा कि देश में 1951 से 1967 तक एक साथ चुनाव होते थे। उन्होंने कहा, समाज के सभी वर्गों से राय मांगी गई। अगले कुछ महीनों में आम सहमति बनाने की कोशिश करेंगे। समिति ने 191 दिन इस विषय पर काम किया। इस विषय पर समिति को 21 हजार 558 रिएक्शन मिले। इसमें से 80 फीसदी ने एक देश एक चुनाव का समर्थन किया।
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Bulldozer Action: सुप्रीम कोर्ट ने देश में बुलडोजर एक्शन पर लगाई रोक, सिर्फ इन मामलों में कार्रवाई की छूट
Bulldozer Action: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा आदेश देते हुए पूरे देश में 1 अक्टूबर तक बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। बुलडोजर एक्शन के खिलाफ दाखिल जमीयत उलेमा ए हिंद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में ये निर्देश दिया गया है। जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने ये निर्देश दिया है। हालांकि ये आदेश पब्लिक रोड, गली, वाटर बॉडी, फुटपाथ, रेलवे लाइन आदि पर अवैध कब्जों पर लागू नहीं होगा।
वहीं सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि डिमोलिशन की कार्रवाई जहां भी हुई है, वो पूरी तरह क़ानूनी प्रकिया का पालन करके हुई है। एक समुदाय विशेष को टारगेट करने का आरोप ग़लत है। यह गलत नरेटिव फैलाया जा रहा है। इस पर जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि कोर्ट के बाहर जो बातें हो रही है, वो हमें प्रभावित नहीं करती। हम इस बहस में नहीं जाएंगे कि किसी खास समुदाय को टारगेट किया जा रहा है या नहीं।
अवैध निर्माण को संरक्षण देने के पक्ष में नहीं- सुप्रीम कोर्ट
सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई ने कहा कि हम ये साफ कर चुके हैं कि हम अवैध निर्माण को संरक्षण देने के पक्ष में नहीं है। इसके बाद जस्टिस बीआर गवई ने आदेश में लिखवाया कि सड़कों, गलियों, फुटपाथ या सार्वजनिक जगहों पर किए अवैध निर्माण को समुचित प्रक्रिया के साथ ढहाने की छूट रहेगी। सुनवाई के दौरान जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि इस कार्रवाई का इकलौता मकसद बुलडोजर एक्शन की कार्रवाई को व्यवस्थित करना है।
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Delhi CM: दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री होंगी आतिशी, केजरीवाल के प्रस्ताव पर विधायक दल की बैठक में फैसला
Delhi CM: देश की राजधानी नई दिल्ली को एक और नया मुख्यमंत्री मिल गया है। आम आदमी पार्टी की सरकार में शिक्षामंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहीं आतिशी दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री होंगी। आतिशी को अरविंद केजरीवाल का करीबी सहयोगी और भरोसेमंद माना जाता है। आतिशी अन्ना आंदोलन के समय से ही संगठन में सक्रिय रही हैं। मौजूदा समय में आतिशी के पास सबसे अधिक मंत्रालय हैं।
मंगलवार को केजरीवाल के आवास पर विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में आतिशी के नाम का प्रस्ताव केजरीवाल ने सभी विधायकों के सामने रखा। जिसका सभी विधायकों ने समर्थन किया। रेस में उनका नाम सबसे आगे भी चल रहा था। आतिशी पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखती है। उनकी प्रारंभिक पढ़ाई दिल्ली में हुई है। वे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं।
आतिशी के सीएम बनने के बाद अब केजरीवाल शाम 4:30 बजे उपराज्यपाल विनय सक्सेना को इस्तीफा सौंपेंगे। नई सरकार बनाने का प्रस्ताव पेश किया जाएगा। दिल्ली सरकार 26 और 27 सितंबर को 2 दिन का विधानसभा सत्र बुलाया है। 13 सितंबर को शराब नीति केस में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने 15 सितंबर को मुख्यमंत्री पद छोड़ने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था, “अब जनता तय करे कि मैं ईमानदार हूं या बेईमान। जनता ने दाग धोया और विधानसभा चुनाव जीता तो फिर से कुर्सी पर बैठूंगा।”
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Tripura: ‘केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी जरूरी’, सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान
Tripura: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को त्रिपुरा में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आप धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म भी आपकी रक्षा करेगा। अपने भाषण में योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘जब भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति हमारे सामने आती है तो भगवान श्रीकृष्ण के एक हाथ में मुरली है तो दूसरे हाथ में सुदर्शन भी तो है। केवल मुरली से काम नहीं चलेगा बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है।’ उन्होंने कहा, ‘सुदर्शन जब आपके सामने होगा तो फिर किसी श्री श्री शांतिकाली महाराज को अपना बलिदान नहीं देना होगा।’
पाकिस्तान को कैंसर बताया, बोले-ऑपरेशन जरूरी
त्रिपुरा में अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, कि 1947 के पहले कौन लोग थे, जो भारत के दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन के लिए जिम्मेदार थे। उन लोगों के बारे में सही जानकारी देने की आवश्यकता है। याद रखना,1905 में अंग्रेजों की जो बंग-भंग की साजिश थी, उस समय के समाज ने उसे विफल किया था, ऐसे ही मुस्लिम लीग की साजिशों को विफल करने के लिए उस समय का कांग्रेस नेतृत्व और जोगेंद्र नाथ मंडल ने मिलकर पानी फेरने का काम करते तो कभी भी पाकिस्तान जैसा नासूर नहीं बनता है। पाकिस्तान एक नासूर है। जब तक इसका ऑपरेशन नहीं होगा। तब तक इस कैंसर की समस्या का समाधान नहीं होने वाला है।
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