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Collector Conference: पुरानी शैली बदलें, पूरी संवेदनशीलता के साथ जनता की समस्याओं का निराकरण करें- मुख्यमंत्री साय
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में दो दिवसीय कलेक्टर कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कहा कि बीते 9 महीने में यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी की गारंटी के अनुरूप प्रदेश को संवारने की दिशा में प्रयास किया गया है, किन्तु विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए हम सबको और अधिक कठिन परिश्रम करना होगा। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि शासन की योजनाएं पूरी पारदर्शिता के साथ क्रियान्वित की जाए और इसका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी फ्लैगशिप योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य करें। उन्होंने कुछ जिलों में आम जनता और स्कूली छात्रों से शासकीय अधिकारियों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अधिकारी पूरी संवेदनशीलता और सहृदयता के साथ आम जनता की समस्याओं को सुने और उसका यथासंभव शीघ्र निराकरण करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों-कर्मचारियों की भाषा-शैली मर्यादित होनी चाहिए। उन्होंने कलेक्टरों को जनसामान्य से संयमित लहजे में बातचीत करने की हिदायत दी और कहा कि यदि आपके अधीनस्थ अधिकारी भाषा संयम न रखें, तो उन पर तत्काल सख्त कार्यवाही करें।
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि स्थानीय स्तर की समस्याएं वहीं निपटे, छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर लोगों को राजधानी न आना पड़े। इस बात का ध्यान जिला प्रशासन को रखना चाहिए। जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान में लाई गई जन समस्याओं के त्वरित निदान के लिए प्रभावी कदम उठाएं जाएं।
मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान साफ तौर पर कहा कि इस विभाग का आम लोगों और किसानों से ज्यादा वास्ता है। राजस्व के प्रकरणों का निराकरण बिना किसी लेट-लतीफी के किए जाने से शासन-प्रशासन की छबि बेहतर होती है। उन्होंने अधिकारियों को जनसामान्य की भूमि संबंधी छोटी-छोटी त्रुटियों एवं समस्याओं का निदान पूरी संवेदनशीलता के साथ समय-सीमा में करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने सारंगढ़-बिलाईगढ़, बस्तर, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में राजस्व मामलों के निराकरण की धीमी गति पर अप्रसन्नता जताई। उन्होंने जिलेवार कलेक्टरों से अविवादित और विवादित नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, त्रुटि सुधार, डायवर्सन, असर्वेक्षित ग्रामों की जानकारी, नक्शा बटांकन की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में ऐसे जिले जिनकी प्रगति 70 प्रतिशत से कम है, उन्हें इस मामले में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। विवादित बटवारा के प्रकरण 6 माह से ज्यादा लंबित न हो। सीमांकन के प्रकरणों को भी तेजी से निराकृत किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सभी कमिश्नरों को अधीनस्थ जिलों का नियमित दौरा कर राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को प्रधानमंत्री ने अभी पीएम आवास के अंतर्गत 8 लाख 46 हजार 931 आवासों को स्वीकृति दी है। पूर्ववर्ती सरकार के दौरान पीएम आवास का काम काफी पिछड़ गया था। हमें तेजी से इस पर काम करना है। यह सर्वाेच्च प्राथमिकता का कार्य है। इसके साथ ही हमने चिन्हांकित किये गये लगभग 47 हजार आवासहीन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास देने का निर्णय भी लिया है। इस पर भी जुट कर काम करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्वच्छता सर्वे अभी चल रहा है। छत्तीसगढ़ के गांव और ग्राम पंचायतें स्वच्छता सर्वे को सभी मानदंडों को पूरा करती हों, इस पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत हैं। मनरेगा रोजगार सृजन का सबसे अच्छा माध्यम है। इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोगी अधोसंरचनाएं तैयार करें। मनरेगा में भुगतान संबंधी दिक्कतों का समाधान करें। मुख्यमंत्री ने मनरेगा के तहत मानव दिवस सृजन कम होने पर बस्तर कलेक्टर पर नाराजगी जतायी। उन्होंने कलेक्टरों को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वसहायता समूहों को बढ़ावा देने के साथ ही ट्रेनिंग, बैंक लिंकेज आदि की व्यवस्था पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने पंचायतों का व्यापक निरीक्षण करने, वहां की समस्याओं को हल करने के निर्देश दिए। अमृत सरोवर योजना को जन अभियान का स्वरूप देने, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासों का तेजी से निर्माण कराए जाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता वाली योजना है। 15 सितम्बर को प्रधानमंत्री जी द्वारा पहली किश्त जारी की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल विकास योजना के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की और खैरागढ़, सारंगढ़, सक्ती, रायगढ़ जिलों की शून्य प्रगति पर नाराजगी जताई और कहा कि यह स्थिति ठीक नहीं है।
मुख्यमंत्री साय ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति की समीक्षा के दौरान गरियाबंद जिले के सूपेबेड़ा में किडनी की बीमारी की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय करने और आवश्यकतानुसार दिल्ली से विशेषज्ञ बुलाकर सेवाएं लेने की बात कही। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम का सभी जिलों में संचालन तथा रोगियों को लाभ सुनिश्चित करने, आगामी 6 माह में शत प्रतिशत आयुष्मान पंजीयन करने, पीएम जनऔषधि केंद्रों का संचालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने टीबी उन्मूलन के तहत किये जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में रायपुर और बिलासपुर जिले में बेहतर स्थिति की सराहना की। उन्होंने अन्य जिलों को भी टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए सरस्वती सायकल योजना के वितरण में कुछ जिलों में हुई लेट-लतीफी को लेकर अप्रसन्नता जताई। उन्होंने कलेक्टरों को स्पष्ट तौर पर कहा कि सायकल का वितरण शिक्षा सत्र शुरू होते ही सुनिश्चित किया जाना चाहिए। सुकमा एवं बलरामपुर जिले में साइकिल वितरण अब तक न होने पर की स्थिति को देखते हुए कहा कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने आदिम जाति विकास विभाग की समीक्षा के दौरान हितग्राहियों को प्रधानमंत्री जन मन योजना का शत-प्रतिशत लाभ दिलाने पर जोर दिया। उन्होंने कबीरधाम जिले में वन अधिकार पट्टा के कार्य में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया और जिन जिलों में डिजिटलाइजेशन का कार्य 80 प्रतिशत से कम है, वहां तेजी से कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने आश्रम एवं छात्रावासों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने पर विशेष ध्यान देने को कहा और कलेक्टरों को स्वयं निरीक्षण करने के निर्देश दिए। साथ ही, छात्रावासों में भोजन मेन्यू के अनुसार उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा करते हुए महतारी वंदन योजना को सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना बताया। उन्होंने कहा कि इस योजना में कोई पात्र महिला वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने पीएम मातृ वंदन योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ से कुपोषण को जड़ से समाप्त करना हम सभी का लक्ष्य होना चाहिए और इसके लिए विभाग को विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है।
कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत और पी. दयानंद तथा सभी संबंधित विभागों के सचिव सहित सभी संभागों के आयुक्त, सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायतों के सीईओ और नगर निगमों के आयुक्त भी मौजूद थे।
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सशस्त्र सैन्य समारोह: जवानों के साहस, क्षमता और कौशल का अद्भुत प्रदर्शन, मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी को 7 अक्टूबर तक बढ़ाने की घोषणा
Raipur: राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित भव्य सैन्य समारोह एवं प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री साय को जैकेट पहनाकर सेना ने अपने अंदाज में स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने भारतीय सेना के करतब को देखकर रोमांचित हुए और उनकी कौशल और क्षमता को सराहा। मुख्यमंत्री साय ने दो दिवसीय सैन्य प्रदर्शनी को आम नागरिकों के उत्साह को देखते हुए एक दिन बढ़ाने की घोषणा की। अब प्रदर्शनी का आयोजन 5 एवं 6 अक्टूबर के अलावा 7 अक्टूबर तक किया जाएगा। प्रदर्शनी सुबह 8 बजे से 10 बजे तक एवं शाम को 6 बजे से रात 8 बजे तक आयोजित की जायेगी।
सैन्य प्रदर्शनी समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस प्रदर्शनी में अपनी सेना की ताकत, उनकी क्षमता और हमारे वीर जवानों के शौर्य को देखकर रोमांचित और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों में देशभक्ति का जज्बा जगाने के लिए सेना का एक अकेला जवान ही काफी होता है। सेना की वर्दी में किसी चुस्त-दुरूस्त जवान को देखकर ही हमारे भीतर जोश आ जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर जब हम कर्तव्य-पथ पर अपने सैनिकों को परेड करते हुए देखते हैं, तब हर भारतीय के मन में विचार अवश्य आता है कि काश हम भी भारतीय सेना का हिस्सा होते। उन्होंने कहा कि हमारी यह सेना संख्या दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाओं में गिनी जाती है। हमारी यह सेना अपने अनुशासन और दक्षता के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा आजादी के बाद देश पर जब-जब खतरा मंडराया, हमारी सेना ने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया है। आज किसी भी देश की हिम्मत नहीं होती कि वह भारत की ओर आंख उठाकर देखें। इसी तरह हमारे इन जवानों ने देश की आंतरिक सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जब कोई प्राकृतिक आपदा होती है, तब भी हमें सबसे पहले हमारी सेना की याद आती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रदर्शनी में भीष्म टी-90 टैंक, बीएमपी, एल-70 और अन्य आधुनिक सैन्य उपकरणों का अवलोकन कर सकेंगे, जिनका उपयोग हमारे सशस्त्र बलों ने दुश्मनों के खिलाफ विजय प्राप्त करने में किया है। इसके साथ-साथ आप पैरा जंपिंग, खुखरी डांस, डेयर डेविल मोटरसाइकलिंग और घुड़सवारी जैसे हैरतअंगेज और अद्भुत प्रदर्शन का आनंद भी ले पाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस प्रदर्शनी को देखने के लिए युवा साथी बड़ी संख्या में आए हैं। बहुत अच्छी बात है कि लोग अपने बच्चों को लेकर भी यहां आए हैं, इससे निश्चित रूप से ये बच्चे भी प्रेरित होंगे और सेना में शामिल होकर देश सेवा का अवसर मिले तो इसे अपने हाथों से जाने न दें। सैन्य समारोह की प्रदर्शनी में मुख्यमंत्री साय को ब्रिगेडियर अमन आनंद ने भारतीय सेना द्वारा उपयोग किए जाने वाले हथियारों और टैंक की विस्तृत जानकारी दी। साय ने प्रदर्शनी के मुख्य आकर्षण में से एक टैंक टी-90 भीष्म का भी अवलोकन किया और इसकी क्षमता और विशेषता की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने सेना में उपयोग होने वाले अत्याधुनिक हथियारों, ड्रोन, रायफल सहित भूतपूर्व सैनिकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं, अग्निपथ योजना, छत्तीसगढ़ हर्बल्स के स्टाल का अवलोकन किया। गौरतलब है कि सैन्य प्रदर्शनी के दौरान भारतीय सेना द्वारा युद्ध में उपयोग किए गए तथा वर्तमान में उपयोग किये जा रहे विभिन्न हथियारों, टैंक, रायफल आदि का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनी में ऐसे टैंक और हथियार भी शामिल हैं, जो वर्तमान में उपयोग में नहीं है और सेना ने इसे एक धरोहर के रूप में संजो कर रखा है। साथ ही मुख्यमंत्री ने सभी स्टालों का अवलोकन किया और सेना के अधिकारियों से जानकारी ली।
इस समारोह में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक पुरंदर मिश्रा, मोतीलाल साहू, खुशवंत सिंह साहेब, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, डीजीपी अशोक जुनेजा, लेफ्टिनेंट जनरल पदम सिंह शेखावत, ब्रिगेडियर अमन आनंद (विशिष्ट सेवा मेडल), अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, कर्नल सुदीप बोस, रायपुर संभागायुक्त महादेव कावरे, कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह, एसएसपी डॉ. संतोष सिंह समेत बड़ी संख्या में सेना के जवान और नागरिक उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: मुख्यमंत्री ने एंटी नक्सल ऑपेरशन पर देर रात ली उच्च-स्तरीय बैठक, जवानों के अदम्य साहस की सराहना की
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार देर रात यहां अपने निवास कार्यालय में नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिलों की सीमा पर अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों और माओवादी आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ की घटना को लेकर उच्च-स्तरीय बैठक ली। बैठक में पुलिस महानिदेशक और मुख्यमंत्री सचिवालय के वरीष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री साय ने बैठक में घटनाक्रम की विस्तार से जानकारी ली और माओवादी आतंकियों के विरुद्ध सफल ऑपेरशन पर सुरक्षाबलों के शौर्य तथा अदम्य साहस की सराहना करते हुए बड़ी कामयाबी के लिए उन्हें बधाई दी। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान सुरक्षाबलों के जवानों का कुशल-क्षेम भी पूछा। उन्होंने डीजीपी को निर्देशित किया कि छत्तीसगढ़ में माओवादी आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में कोई ढिलाई ना बरती जाए। साथ ही नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में जवानों के लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था में कमी ना हो।
मुख्यमंत्री को इस दौरान पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि उक्त ऑपेरशन में अभी तक की सर्चिंग में 28 से ज्यादा माओवादियों के मारे जाने की सूचना मिली है। माओवादियों के खिलाफ ये देश का अब तक का सबसे सफल ऑपेरशन होगा। मुख्यमंत्री को बताया गया कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के सफाया के लिए एंटी नक्सल अभियान लगातार जारी है। सुरक्षाबलों के जवानों द्वारा माओवादियों का पूरे साहस के साथ डटकर मुकाबला किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बैठक में स्पष्ट तौर पर कहा कि छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त करने हमारी सरकार दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने कहा कि बीजापुर में मैंने पुलिस जवानों और माओवादी आतंकवाद प्रभावित लोगों से मुलाकात की। उन सभी को अब यह विश्वास हो गया है कि इस हिंसा का अंत होने वाला है। बस्तर आज विकास और शांति की ओर तेजी से अग्रसर है। सरकार के कार्यों से बस्तर की जनता में नई आस जगी है। जनता में विश्वास बढ़ा है कि जल्द ही छत्तीसगढ़ माओवादी आतंकवाद से मुक्त होगा।
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Bijapur: मुख्यमंत्री ने सुरक्षा बलों के जवानों के साथ किया संवाद, बोले- बस्तर अब शांति की ओर हो रहा अग्रसर
Bijapur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बीजापुर प्रवास के दौरान विश्रामगृह में आत्मसमर्पित नक्सली एवं नक्सली हिंसा से पीड़ित युवाओं से संवाद किया। ये युवा छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास नीति के तहत पुलिस विभाग में भर्ती होकर माओवादियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नक्सल संगठन को छोड़कर पुनर्वास नीति से लाभान्वित होने वाले युवाओं से मिलकर खुशी जाहिर की और कहा कि बस्तर अब शांति की ओर अग्रसर है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विगत दिवस नक्सलियों की हिंसा के शिकार 55 से ज्यादा नक्सल पीड़ितों ने दिल्ली जाकर महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु एवं केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिले और नक्सलवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सली हिंसा के शिकार लोगों की बातों को सुनकर बहुत ही दुख लगा कि निर्दाेष लोग हिंसा के शिकार हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री साय से संवाद के दौरान नक्सली पीड़ित नव आरक्षक सुमित्रा ने बताया कि उनके पिता की नक्सलियों द्वारा हत्या कर दी गई थी। छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास नीति के तहत वे आरक्षक के पद पर नियुक्त हुए है। शासन के पुनर्वास नीति नक्सल पीड़ित परिवार के लिए वरदान साबित हो रही है।
वहीं चेरकंटी निवासी मंगल मोड़ियम पूर्व में 19 वर्षों तक नक्सल संगठन में शामिल था। माओवादियों के खोखली विचारधारा को छोड़कर आत्मसमर्पण किया, जिन्हें पुनर्वास नीति के तहत पुलिस विभाग में नियुक्ति मिली। मंगल मोड़ियम ने बताया कि बस्तर, बीजापुर में शांति स्थापित होना जरूरी है। भोले-भाले आदिवासियों का नक्सलियों द्वारा जल, जंगल, जमीन के नाम पर गुमराह किया जाता है।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, जिले के प्रभारी मंत्री केदार कश्यप, बस्तर सांसद महेश कश्यप, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, बस्तर कमिश्नर डोमन सिंह बस्तर आईजी सुंदरराज पी, कलेक्टर संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव, सीईओ जिला पंचायत हेमंत रमेश नंदनवार उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: नारायणपुर-दंतेवाड़ा जिले के बॉर्डर में सुरक्षाबलों का बड़ा ऑपरेशन, 31 नक्सली ढेर, एके-47 समेत बड़ी संख्या में हथियार बरामद
Narayanpur Encounter: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर-दंतेवाड़ा जिले के बॉर्डर पर शुक्रवार को सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली। अबूझमाड़ क्षेत्र में हुई इस मुठभेड़ में जवानों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया। मिली जानकारी के मुताबिक सुरक्षाबलों मुठभेड़ के बाद सर्चिंग के दौरान एके-47 समेत बड़ी संख्या में स्वचलित हथियार मिले हैं। एनकाउंटर में सभी जवान सुरक्षित हैं और फिलहाल इलाके में सर्चिंग की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिले की सीमा में स्थित अबूझमाड़ क्षेत्र में माओवादियों की उपस्थिति की सूचना मिलने पर सुरक्षाबलों की संयुक्त पार्टी को ऑपरेशन के लिए रवाना किया गया था। दोपहर लगभग एक बचे नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग खोल दी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की। करीब 2 घंटे तक रुक-रुक कर फायरिंग होती रही। जब गोलीबारी रुकी, तो सर्च ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों के शव और बड़ी मात्रा में हथियार बरामद हुए।
मुख्यमंत्री ने दी जवानों को बधाई
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जवानों को मिली यह बड़ी कामयाबी सराहनीय है। उनके हौसले और अदम्य साहस को मैं नमन करता हूं। नक्सलवाद के खात्मे के लिए शुरू हुई हमारी लड़ाई अब अपने अंजाम तक पहुंचकर ही दम लेगी, इसके लिए हमारी डबल इंजन की सरकार दृढ़ संकल्पित है। प्रदेश से नक्सलवाद का खात्मा ही हमारा लक्ष्य है। नक्सलवाद के खात्मे तक हमारी यह लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि हम पहले से ही माओवादियों को कहते आए हैं कि वे हिंसा का रास्ता छोड़ दें और विकास की मुख्य धारा से जुड़ें। अब हम लोग डबल इंजन सरकार के कारण मजबूती से नक्सलियों से लड़ रहे हैं। माओवाद अपनी अंतिम सांस गिन रहा है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह विगत 9 महीने में नक्सलवाद की समीक्षा हेतु दो बार छत्तीसगढ़ आ चुके हैं और उनका संकल्प है कि मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद समाप्त हो जाए। उनकी सोच के अनुरूप हमारे जवान छत्तीसगढ़ में भी माओवादियों से मुकाबला कर रहे हैं।
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Chhattisgarh: मुख्यमंत्री साय ने दंतेवाड़ा में 167 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का किया लोकार्पण एवं भूमिपूजन
Dantewada: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज दंतेवाड़ा जिले के प्रवास के दौरान जिले में 167 करोड़ 21 लाख रुपए के विकास कार्यों की लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इसमें लोकार्पण के तहत जिला दन्तेवाड़ा के विकासखण्ड कुआकोण्डा में शासकीय उपाधि महाविद्यालय में अध्ययनरत् छात्रों हेतु 100 सीटर कन्या छात्रावास भवन निर्माण कार्य 272.450 लाख रू., दन्तेवाड़ा में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण 99.000 लाख रू., 100 सीटर छात्रावास भवन का निर्माण कार्य दन्तेवाड़ा 160.000 लाख रू., बुढ़ा तालाब बारसूर में सौंदर्यीकरण कार्य विकासखण्ड-गीदम 453.000 लाख रू., शंकनी-डंकनी नदी तट पर घाट निर्माण 3659.700 लाख रू., 500 सीटर आवासीय विद्यालय कारली के भवन निर्माण कार्य विद्युतीकरण सहित वि.ख.-गीदम 487.150 लाख रू., एनीकट निर्माण कार्य कटेकल्याण पुजारी पारा डुमाम नदी पर 350.000 लाख रू., दुगेली एनीकट निर्माण कार्य 372.940 लाख रू., प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छिन्दनार का निर्माण कार्य 75.000 लाख रू., उप स्वास्थ्य केन्द्र हिड़पाल का निर्माण कार्य 28.510 लाख रू. के विभिन्न कार्यों का लोकार्पण शामिल है।
इसी प्रकार भूमिपूजन के अन्तर्गत आस्था विद्या मंदिर किरन्दुल हेतु भवन निर्माण, कर्मचारी हेतु आवास, छात्रावास भवन सड़क नाली बाउंड्री निर्माण आदि 4219.000 लाख रू, जिला दन्तेवाड़ा के रानीबाग में भवन निवास के भूतल एवं प्रथम तल का निर्माण कार्य 326.570 लाख रू, मड़कामीरास में 50 सीटर आदिवासी प्री. मे. कन्या छात्रावास निर्माण कार्य 191.510 लाख रू, जंगमपाल में 50 सीटर कन्या आश्रम का निर्माण कार्य 162.760 लाख रू, बड़ेगुडरा में 100 सीटर आदिवासी पो. मै.कन्या छात्रावास का निर्माण कार्य 288.590 लाख रू, मारजूम में 50 सीटर कन्या आश्रम का निर्माण कार्य 162.760 लाख रू, समेली में 100 सीटर आदिवासी पो. मै. कन्या छात्रावास का निर्माण कार्य 191.510 लाख रू, पालनार में 100 सीटर आदिवासी पो. मै. कन्या छात्रावास का निर्माण कार्य 288.590 लाख रू, ग्राम जावंगा में स्वीमिंग पुल निर्माण कार्य 221.040 लाख रू, जोगिंग ट्रैक एवं बाउंड्रीबॉल निर्माण कार्य 47.130 लाख रू, सामुदायिक भवन गीदम जावंगा में पार्क एवं ट्यूबवेल निर्माण कार्य 49.510 लाख रू, आदिवासी बालक आश्रम बोदली में कार्य 162.760 लाख रू, आदिवासी बालक आश्रम समेली में कार्य 162.760 लाख रू, आदिवासी बालक आश्रम नहाड़ी में कार्य 162.760 लाख रू शामिल हैं।
आदिवासी बालक आश्रम बुरगुग 162.760 लाख रू, आदिवासी बालक आश्रम पोटाली 162.760 लाख रू, आदिवासी बालक आश्रम कौरगांव 162.760 लाख रू, आदिवासी बालक आश्रम मुस्तलनार 162.760 लाख रू, आदिवासी बालक आश्रम गुमलनार 162.760 लाख रू, आदिवासी पो. मै. बालक छात्रावास गीदम 191.510 लाख रू, आदिवासी नवीन पो. मै. बालक छात्रावास गीदम 191.510 लाख रू, आदिवासी पो. मै. बालक छात्रावास कुआकोण्डा 191.510 लाख रू, आदिवासी पो.मे. बालक छात्रावास कासोली 191.510 लाख रू, आदिवासी पो. मै. कन्या छात्रावास कासोली 191.510 लाख रू, आदिवासी पो. मै. बालक छात्रावास दन्तेवाड़ा 191.510 लाख रू, आदिवासी पो. मै. कन्या छात्रावास दन्तेवाड़ा 191.510 लाख रू, कैडियापारा एनीकट (ग्राम पंचायत भूसारास) निर्माण कार्य 260.460 लाख रू, फरसपाल जलाशय योजना का जीर्णोद्धार एवं नहर लाईनिंग कार्य 255.770 लाख रू, चेक डेम निर्माण कार्य ग्राम झिरका पण्डेवार 49.990 लाख रू के विभिन्न कार्यों का भूमिपूजन शामिल हैं।
भूमिपूजन कार्यों में झोडि़याबाड़म नदी पर एनीकट निर्माण कार्य 390.310 लाख रू, कामालूर से बासनपुर मार्ग पर पुलिया निर्माण 18.450 लाख रू, आर. सी. सी. स्लेब पुलिया निर्माण 03 स्पान 06 मी. स्पान बालूद से कुआपारा 49.560 लाख रू, पुलिया निर्माण कामालुर से बासनपुर आर. डी. 4. 05 मी. 41.300 लाख रू, आर. सी. सी. स्लेब पुलिया निर्माण 06 मी. स्पान बालूद से मंझारपारा 25.180 लाख रू, पुलिया निर्माण बालूद से टोटापारा मार्ग 30.160 लाख रू, डंकनी नदी पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण कार्य कि. मी. पोन्दुम से दाबपाल मार्ग पर 445.700 लाख रू, जिला दन्तेवाड़ा के ग्रामीण महिला एवं युवाओं के लिये आर्थिक अवसरों को उप्रेरित करने के लिये युवा हब संचालन कार्य 59.800 लाख रू, ग्राम पंचायत नहाड़ी के आश्रित ग्राम मुलेर में विद्युतीकरण कार्य 345.000 लाख रू के कार्य शामिल भी हैं।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमनसिंह और वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद बस्तर महेश कश्यप, विधायक दंतेवाड़ा चैतराम अटामी, राज्य महिला आयोग के सदस्य ओजस्वी मण्डावी, डीआईजी कमलोचन कश्यप, कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी, एसपी गौरव राय तथा जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों मौजूद रहे।
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