ख़बर देश
Chandrayaan-3: लॉन्चिंग से पहले भगवान की शरण में पहुंचे वैज्ञानिक, मॉडल के साथ की पूजा-अर्चना

Chandrayaan-3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (चइसरो) शुक्रवार 14 जुलाई को दोपहर 2.35 बजे चंद्रयान-3 को लॉन्च करने जा रहा है। इससे पहले मिशन की कामयाबी के लिए इसरो वैज्ञानिक की एक टीम द्रयान-3 के छोटे मॉडल (miniature model) को लेकर भगवान तिरुपति वेंकटचलपति मंदिर पहुंची। वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 के मॉडल के साथ पूजा-अर्चना कर सफलता की कामना की। बता दें कि इसरो कल चंद्रयान-3 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 14 जुलाई दोपहर 2.35 बजे लॉन्च करेगा। इससे पहले इसरो ने दो मिशनों चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 को लॉन्च किया था, लेकिन दोनों ही सतह पर लैंड करने में कामयाब नहीं हुए थे।
https://twitter.com/ANI/status/1679305173108404225?s=20
चंद्रयान-3 की पूरी ABCD…
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्री हरिकोटा से चंद्रयान-3 को लॉन्च व्हीकल मार्क-III द्वारा लॉन्च किया जाएगा। इस बार चंद्रयान के साथ आर्बिटर नहीं भेजा जा रहा है। चंद्रयान-2 का आर्बिटर पहले से ही चंद्रमा के चक्कर लगा रहा है, उसी का इस्तेमाल चंद्रयान-3 के लिए किया जाएगा। चंद्रयान-3 मिशन में मॉड्यूल के तीन हिस्से हैं, जिसमें से प्रोप्लशन मॉड्यूल यान को उड़ाने वाला हिस्सा है। जबकि लैंडर मॉड्यूल स्पेस शिप को चंद्रमा की सतह पर उतारने का काम करेगा। वहीं रोवर मॉड्यल चंद्रमा की सतह पर घूमकर जानकारियां जुटाने का काम करेगा।
भारत का मिशन चंद्रयान
इसरो ने चंद्रमा के बारे में जानकारी जुटाने के लिए साल 2008 में चंद्रयान-1 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग की थी। इसके बाद साल 2019 में चंद्रयान-2 मिशन लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर के फेल होने की वजह से अपने उद्देश्यों को पूरी तरह हासिल करने में असफल हुआ था। चंद्रयान-2 के सतह पर उतरने से पहले लैंडर विक्रम से उसका संपर्क टूट गया था। अंतिम क्षणों में आई इस खराबी की वजह से मिशन पूरी तरफ सफल नहीं हुआ, हालांकि मिशन को नाकाम नहीं कहा जा सकता। क्योंकि चंद्रयान-2 का आर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में पूरी तरह कार्य कर रहा है। अब चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्री हरिकोटा से होने जा रही है।
ख़बर देश
Rafale M: भारत-फ्रांस के बीच 26 राफेल मरीन विमानों के लिए डील साइन, 2028 में पहुंचेगा पहला फाइटर जेट

Rafale Marine: पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से जारी तनाव के बीच सोमवार को भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल मरीन फाइटर जेट की डील साइन हो गई। इसमें फ्रांस से भारत को 22 सिंगल सीटर विमान और 4 डबल सीटर विमान मिलेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक फ्रांस के साथ ये डील करीब 63,000 करोड़ रुपए में हो रही है। भारत की तरफ से डील पर रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने साइन किए।
भारत को राफेल मरीन विमानों की पहली खेप 2029 तक मिलने की उम्मीद है। जबकि पूरी डिलीवरी 2031 तक होने की संभावना है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में 23 अप्रैल को विमानों की खरीद को मंजूरी मिली थी।
राफेल मरीन फाइटर जेट्स परमाणु बम दागने की क्षमता से लैस होंगे। इन्हें विमानवाहक पोतों (Aircraft Carriers) जैसे INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य पर तैनात किया जाएगा। राफेल मरीन जेट्स न केवल समुद्री निगरानी और हवाई हमलों में सक्षम हैं, बल्कि जहाज-रोधी युद्ध (Anti-Ship Warfare) और परमाणु निरोध (Nuclear Deterrence) जैसे मिशनों को बखूबी अंजाम देने में सक्षम हैं। इनके भारतीय नौसेना में शामिल होने से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की क्षमताओं में इजाफा होगा।
ख़बर देश
Pahalgam Attack: शोएब अख्तर के यूट्यूब चैनल समेत 16 चैनल ब्लॉक, भारत सरकार का बड़ा एक्शन

Pakistani YouTube Channels Banned: पहलगाम हमले के बाद गृह मंत्रालय की सिफारिश पर भारत सरकार ने 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों को बैन कर दिया है। इन चैनलों में पूर्व क्रिकेटर शोएब अख्तर के यूट्यूब चैनल समेत डॉन न्यूज, समा टीवी और जियो न्यूज जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं। पत्रकार इरशाद भट्टी, अस्मा शिराजी, उमर चीमा और मुनीब फारूक के यूट्यूब चैनल भी प्रतिबंधित किए गए हैं। प्रतिबंधित किए गए अन्य हैंडल में द पाकिस्तान रेफरेंस, समा स्पोर्ट्स, उजैर क्रिकेट और रजी नामा शामिल हैं।
सरकार ने आतंकी हमले पर रिपोर्टिंग में दहशतगर्दों को ‘उग्रवादी’ कहने पर बीबीसी को एक औपचारिक पत्र भी भेजा है। भारत सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि ये चैनल भारत, उसकी सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ, झूठी और भ्रामक बातें फैला रहे थे।
यूट्यब पर क्या संदेश दिखाई दे रहा?
अगर कोई इन प्रतिबंधित यूट्यूबी चैनलों पर जाने का प्रयास करता है, तो उसे कुछ ऐसा संदेश दिखाई देगा- ‘राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित सरकार के आदेश की वजह से यह सामग्री वर्तमान में इस देश में उपलब्ध नहीं है। सरकार की ओर से हटाए जाने के अनुरोधों के बारे में अधिक जानकारी के लिए गूगल पारदर्शिता रिपोर्ट (transparencyreport.google.com) पर जाएं।’
ख़बर देश
Pahalgam Attack: सुरक्षाबलों ने अब तक 9 आतंकियों के घर विस्फोट से उड़ाए, कश्मीर घाटी में 1500 से अधिक संदिग्ध पकड़े गए

Pahalgam Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का बड़ा एक्शन जारी है। इसी कड़ी में रविवार सुबह बांदीपोरा की नाज कॉलोनी में आतंकी जमील अहमद शीर गोजरी पुत्र अब्दुल अहद शीर गोजरी के दो मंजिला मकान को सुरक्षा बलों ने ध्वस्त कर दिया है। इससे पहले सेना ने शनिवार रात को वंडिना, जैनापोरा निवासी आतंकी अदनान शफी का भी घर ध्वस्त कर दिया था। अदनान एक साल पहले आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुआ था और पिछले एक साल से घाटी में सक्रिय था। शनिवार को ही कुपवाड़ा में सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी फारूक अहमद के घर को ब्लास्ट कर उड़ा दिया था। फारूक फिलहाल पाकिस्तान में है और वहीं से आतंकी गतिविधियों में लगा हुआ है। सुरक्षाबलों ने पहलगाम हमले के बाद अब तक 9 आतंकियों के घरों को मिट्टी में मिला दिया है।
कश्मीर घाटी में 1500 से अधिक संदिग्ध हिरासत में लिए गए
हमले के बाद से पूरी कश्मीर घाटी में 63 आतंकी ठिकानों पर सुरक्षाबलों ने छापेमार कार्रवाई की है। जिसमें 1,500 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। अकेले अनंतनाग से ही करीब 175 संदिग्ध पकड़े गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने श्रीनगर समेत कई अन्य जगहों पर भी आतंकियों व उनके समर्थकों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापे मारकर संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इस बीच, जम्मू-कश्मीर में सक्रिय 14 स्थानीय आतंकियों की सूची जारी की गई है। ये आतंकी पाकिस्तानी दहशतगर्दों को रसद व जमीनी सहायता के अलावा सुरक्षित पनाह भी मुहैया कराते हैं। इनमें तीन हिजबुल मुजाहिदीन, आठ लश्कर और तीन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हैं।
ख़बर देश
Kailash Manasarovar Yatra: विदेश मंत्रालय ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर दिया बड़ा अपडेट, जून से अगस्त तक चलेगी

Kailash Manasarovar Yatra: विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कैलाश मानसरोवर यात्रा की तारीखों का ऐलान कर दिया है। 2019 के बाद पहली बार यह यात्रा 30 जून से अगस्त 2025 के बीच होने जा रही है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इस साल पांच बैच, जिनमें से प्रत्येक में 50 यात्री होंगे, उत्तराखंड से लिपुलेख दर्रे को पार करते हुए यात्रा करेंगे। ऐसे ही 10 बैच, जिनमें से प्रत्येक में 50 यात्री होंगे, सिक्किम से नाथू ला दर्रे को पार करते हुए यात्रा करेंगे। इच्छुक श्रद्धालु यात्रा के आवेदन करने के लिए वेबसाइट http://kmy.gov.in पर जा सकते हैं। आवेदकों में से यात्रियों का चयन निष्पक्ष, कंप्यूटर से तैयार, रैंडम और जेंडर बैलेंस सिलेक्शन प्रोसेस के माध्यम से किया जाएगा।
30 जून से शुरू होगी यात्रा
कैलाश मानसरोवर यात्रा 30 जून से शुरू होगी। यात्रा का संचालन प्रदेश सरकार और विदेश मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से किया जाएगा। बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा कोविड महामारी के कारण वर्ष 2020 से संचालित नहीं हो पाई थी। हालांकि, पांच साल बाद शुरू हो रही कैलाश मानसरोवर यात्रा पर भी महंगाई की मार पड़ेगी।
35,000 की जगह 56 हजार रुपये चुकाने पड़ेंगे
श्रद्धालुओं को यात्रा के लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) को 35,000 की जगह 56 हजार रुपए चुकाने पड़ेंगे। केएमवीएन इस धनराशि से यात्रियों के आने-जाने, ठहरने और भोजन आदि का प्रबंध करेगा। इसके अलावा, मेडिकल जांच, चीन का वीजा, कुली, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और चीन सीमा में अलग से खर्च करना पड़ेगा। कुमाऊं मंडल विकास निगम लिपुलेख दर्रे के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा का प्रबंध करता है। इस बार पंजीकरण के साथ श्रद्धालुओं को भोजन, आने-जाने और ठहरने के लिए केएमवीएन को 56000 रुपए देने होंगे।
प्रत्येक दल की 22 दिनों की यात्रा की जाएगी
उत्तराखंड की ओर से कैलाश मानसरोवर यात्रा का संचालन कुमाऊं मंडल विकास निगम करेगा। यह यात्रा दिल्ली से प्रारंभ होकर पिथौरागढ़ के लिपुलेख पास मार्ग से संचालित की जाएगी। पहला दल 10 जुलाई को लिपुलेख पास से होते हुए चीन में प्रवेश करेगा। अंतिम यात्रा दल 22 अगस्त को चीन से भारत के लिए प्रस्थान करेगा। प्रत्येक दल दिल्ली से प्रस्थान कर टनकपुर, धारचूला में एक-एक रात, गुंजी व नाभीढांग में दो रात रुकने के बाद (तकलाकोट) चीन में प्रवेश करेगा। कैलाश दर्शन के बाद वापसी में चीन से प्रस्थान कर बूंदी, चौकोड़ी, अल्मोड़ा में एक-एक रात रुकने के बाद दिल्ली पहुंचेगा। प्रत्येक दल की 22 दिनों की यात्रा की जाएगी।
ख़बर देश
Pahalgam Attack: केंद्र सरकार ने मीडिया चैनलों के लिए जारी किए निर्देश, सेना के मूवमेंट का सीधा प्रसारण न करें

Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों की गतिविधियां बढ़ गई हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने शनिवार को देश के मीडिया चैनलों से रक्षा अभियानों और सेना के मूवमेंट का सीधा प्रसारण करने से बचने की सलाह दी है और कहा कि इस तरह की रिपोर्टिंग से जाने-अनजाने में दुश्मनों को मदद मिल सकती है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से जारी एडवाइजरी में कहा गया है, कि ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सभी मीडिया प्लेटफॉर्म, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे रक्षा और अन्य सुरक्षा-संबंधी अभियानों से संबंधित मामलों पर रिपोर्टिंग करते समय अत्यधिक जिम्मेदारी बरतें और मौजूदा कानूनों और विनियमों का सख्ती से पालन करें।’
-
ख़बर देश7 hours ago
Rafale M: भारत-फ्रांस के बीच 26 राफेल मरीन विमानों के लिए डील साइन, 2028 में पहुंचेगा पहला फाइटर जेट
-
ख़बर देश13 hours ago
Pahalgam Attack: शोएब अख्तर के यूट्यूब चैनल समेत 16 चैनल ब्लॉक, भारत सरकार का बड़ा एक्शन
-
ख़बर छत्तीसगढ़6 hours ago
Chhattisgarh: नक्सल उन्मूलन केवल एक अभियान नहीं, बल्कि बस्तर और छत्तीसगढ़ के भविष्य को सुरक्षित करने का मिशन- मुख्यमंत्री साय