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Ayodhya: रामलला सरकार के श्री विग्रह के रूप में प्रतिष्ठित होगी अरुण योगीराज की मूर्ति, जानें मूर्ति की विशेषताएं

Ayodhya: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा है। आज श्री राम जन्मभूर्मि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जानकारी दी कि कर्नाटक के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज की मूर्ति रामलला के दरबार में विराजेगी। कर्नाटक के मैसूर के अरुण योगीराज के परिवार में एक से बढ़कर एक मूर्तिकार रहे हैं। उनकी पांच पीढि़यां मूर्ति बनाने या तराशने का काम कर रही हैं। अरुण ने रोजाना 18 घंटे तक काम करने करीब सात महीने में रामलला की अचल मूर्तिि गढ़ी है। वे काम शुरू करने से पहले प्रतिदिन राम जी की आरती-पूजा व हनुमान चालीसा का पाठ करते थे। मूर्ति निर्माण के दौरान अरुण योगीराज मौन रहते थे और कई बार 15-15 दिन तक परिवार से बात नहीं करते थे।
अरुण योगीराज की चयनित मूर्ति की विशेषताएं
- कष्ण शिला की आयु हजारों साल होती है।
- यह जल रोधी होती है, चंदन, रोली आदि लगाने से मूर्ति की चमक प्रभावित नहीं होगी।
- रामलला की मूर्ति की कुल ऊंचाई 51 इंच है।
- मूर्ति का वजन करीब 150 से 200 किलो है।
- मूर्ति के ऊपर मुकुट व आभामंडल होगा।
- श्रीराम की भुजाएं घुटनों तक लंबी हैं।
- मस्तक सुंदर, आंखे बड़ी और ललाट भव्य है।
- कमल दल पर खड़ी मुद्रा में मूर्ति, हाथ में तीर व धनुष होगा।
- मूर्ति में पांच साल के बच्चे की बाल सुलभ कोमलता झलकेगी।
अरुण योगीराज बना चुके हैं ये मूर्तियां
- इंडिया गेट पर लगी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा
- केदारनाथ में 12 फीट ऊंची आदि शंकराचार्य की प्रतिमा
- मैसूर में स्वामी रामकृष्ण परमहंस की प्रतिमा
- मैसूर के चुंचनकट्टे में हनुमान जी की 21 फीट ऊंची प्रतिमा
- मैसूर के राजा की 14़ 5 फीट ऊंची सफेद अमृत शिला प्रतिमा
- संविधान निर्माता डॉ़ बीआर आंबेडकर की 15 फीट ऊंची प्रतिमा
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Principal Murder: गुरु पूर्णिमा पर दो छात्रों ने चाकू मारकर प्रिंसिपल की हत्या की, बाल काटकर आने की दी थी सलाह

Hisar: हरियाणा के हिसार के बास बादशाहपुर गांव में स्थित एक स्कूल के प्रिंसिपल की दो छात्रों ने कथित तौर पर चाकू मारकर हत्या कर दी। गुरु पूर्णिमा के दिन हुई इस घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। जानकारी के अनुसार, गुरुवार सुबह करतार मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब दो छात्रों ने प्रिंसिपल जगबीर सिंह पर चाकू से ताबड़तोड़ वार करना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि छात्रों के अचानक किए इस हमले में जगबीर सिंह को गंभीर चोटें आईं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी।
हांसी के एसपी ने जानकारी दी है कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि प्रिंसिपल जगबीर सिंह ने दोनों छात्रों को स्कूल में बाल काटकर आने और अनुशासन में रहने की सलाह दी थी। इस बात से नाराज होकर दोनों नाबालिग छात्रों ने प्रिंसिपल पर चाकू से हमला कर उनकी हत्या कर दी। उन्होंने आगे कहा कि दोनों आरोपी छात्र नाबालिग हैं और अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं की गई है।
पुलिस ने स्कूल परिसर के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। एसपी ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और विस्तृत जांच के बाद ही हत्या के सटीक कारणों और परिस्थितियों का खुलासा हो पाएगा।
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SC: बिहार में वोटर लिस्ट में रिवीजन पर रोक नहीं, आधार, राशन कार्ड और वोटर आईडी को प्रूफ मानने का सुझाव

New Delhi: बिहार में वोटर लिस्ट के रिवीजन का काम जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह सुझाव भी दिया है कि वह इस प्रक्रिया में आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आई को भी प्रूफ माने। जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। अब अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, ‘‘हमारा प्रथम दृष्टया मानना है कि मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान आधार, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड पर दस्तावेज के तौर पर विचार किया जा सकता है।’’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 10 विपक्षी दलों के नेताओं सहित किसी भी याचिकाकर्ता ने चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया पर अंतरिम रोक की मांग नहीं की है। उसने संबंधित याचिकाओं पर जवाब मांगा और सुनवाई की अगली तारीख 28 जुलाई तय की।
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) यानी वोटर लिस्ट रिवीजन पर अदालत में करीब 3 घंटे सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि वोटर लिस्ट रिवीजन नियमों को दरकिनार कर किया जा रहा है। वोटर की नागरिकता जांची जा रही है। ये कानून के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्वाचन आयोग 21 जुलाई तक इन याचिकाओं पर जवाबी हलफनामा दाखिल करे और इन पर प्रत्युत्तर 28 जुलाई तक दाखिल किए जाएं। शीर्ष अदालत की बेंच ने कहा कि उसे चुनाव आयोग की विश्वसनीयता और ईमानदारी पर संदेह नहीं है, क्योंकि यह एक संवैधानिक दायित्व है, लेकिन इस प्रक्रिया का समय संदेह पैदा कर रहा है।
हमें आपकी ईमानदारी पर संदेह नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी से कहा, ‘‘हमें आपकी ईमानदारी पर संदेह नहीं है, लेकिन कुछ धारणाएं हैं। हम आपको रोकने के बारे में नहीं सोच रहे हैं क्योंकि यह एक संवैधानिक दायित्व है।’’ द्विवेदी ने कहा कि 60 प्रतिशत मतदाताओं ने अपनी पहचान सत्यापित कर दी हैं और उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि किसी को भी अपनी बात रखने का अवसर दिए बिना मतदाता सूची से बाहर नहीं किया जाएगा। पीठ ने कहा, ‘‘हम किसी संवैधानिक संस्था को वह करने से नहीं रोक सकते जो उसे करना चाहिए। साथ ही, हम उन्हें वह भी नहीं करने देंगे जो उन्हें नहीं करना चाहिए।’’
वोटर लिस्ट रिवीजन के समय पर सवाल
इससे पहले, पीठ ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के समय पर सवाल उठाते हुए निर्वाचन आयोग से कहा कि आपको पहले ही कदम उठाना चाहिए था, अब थोड़ी देर हो चुकी है। हालांकि, उसने इस दलील को खारिज कर दिया कि आयोग के पास इस कवायद को करने का कोई अधिकार नहीं है। अदालत ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण की कवायद महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो लोकतंत्र की जड़ों से जुड़ा है और यह मतदान के अधिकार से संबंधित है। चुनाव आयोग ने इस कवायद को न्यायोचित ठहराया और कहा कि आधार कार्ड ‘‘नागरिकता का प्रमाण’’ नहीं है।
इस बीच, अदालत ने याचिकाकर्ताओं के वकीलों की इस दलील को खारिज कर दिया कि चुनाव आयोग के पास बिहार में ऐसी किसी कवायद का अधिकार नहीं है। पीठ ने कहा कि निर्वाचन आयोग जो कर रहा है वह संविधान के तहत आता है और पिछली बार ऐसी कवायद 2003 में की गयी थी। याचिकाकर्ताओं की दलीलों का उल्लेख करते हुए पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग को तीन प्रश्नों का उत्तर देना होगा, क्योंकि बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया ‘‘लोकतंत्र की जड़ से जुड़ी है और यह मतदान के अधिकार से संबंधित है।’’
तीन मुद्दों पर जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से तीन मुद्दों पर जवाब मांगा कि क्या उसके पास मतदाता सूची में संशोधन करने, अपनायी गयी प्रक्रिया और कब यह पुनरीक्षण किया जा सकता है, उसका अधिकार है। द्विवेदी ने कहा कि समय के साथ-साथ मतदाता सूची में नामों को शामिल करने या हटाने के लिए उनका पुनरीक्षण आवश्यक होता है और SIR ऐसी ही कवायद है। उन्होंने पूछा कि अगर चुनाव आयोग के पास मतदाता सूची में संशोधन का अधिकार नहीं है तो फिर यह कौन करेगा? बहरहाल, निर्वाचन आयोग ने आश्वस्त किया कि किसी को भी अपनी बात रखने का अवसर दिए बिना मतदाता सूची से बाहर नहीं किया जाएगा।
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Gujrat Bridge Collapse: वडोदरा में महिसागर नदी पर बना ब्रिज ढहा, पांच गाड़ियां नदी में गिरीं, 9 लोगों की मौत

Gujrat Bridge Collapse: गुजरात के वडोदरा जिले में बुधवार सुबह करीब 7.30 बजे महिसागर नदी पर बना ब्रिज का एक हिस्सा ढह गया। हादसे के समय ब्रिज से गुजर रहीं पांच गाड़ियां (दो ट्रक, दो कार और एक रिक्शा) नदी में गिर गईं। एक टैंकर टूटे सिरे पर फंस गया। इस हादसे में 9 लोगों की मौत हुई है, जबकि 8 लोगों को स्थानीय लोगों ने बचा लिया। बता दें कि 900 मीटर लंबा गंभीरा पुल वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ता है और करीब चार दशक पुराना है। फायर ब्रिगेड की तीन टीमें रेस्क्यू के लिए भेजी गई हैं।
पुल टूट जाने की वजह से वडोदरा और आणंद के बीच संपर्क प्रभावित हुआ है। दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लगी है। पुलिस ने यातायात को डायवर्ट कर दिया है। अब भरूच, सूरत, नवसारी, तापी और वलसाड जैसे दक्षिण गुजरात के शहरों से सौराष्ट्र पहुंचने में ज्यादा समय लगेगा। अब इसके लिए अहमदाबाद होते हुए लंबा रास्ता लेना पड़ेगा।
वडोदरा में हुए हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है और PMNRF (प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष) से मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए और घायलों को 50,000 रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।
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Fighter Plane Crashed: राजस्थान के चुरु में IAF का जगुआर फाइटर प्लेन क्रैश, दोनों पायलट की मौत

Fighter Plane Crashed: राजस्थान के चुरु जिले में रतनगढ़ कस्बे के पास भारतीय वायुसेना का जगुआर ट्रेनिंग फाइटर प्लेन एक खेत में क्रैश हो गया है। इस हादसे में विमान में सवार दोनों पायलटों की मौत हो गई। भारतीय वायुसेना ने हादसे पर दुख जताते हुए जगुआर क्रैश की वजह पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (आंतरिक जांच) के आदेश दे दिए गए हैं। भारतीय वायुसेना ने X पर एक पोस्ट के जरिए कहा कि वह इस कठिन समय में शोकाकुल परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है। वायुसेना ने कहा कि हम बहादुर पायलटों की शहादत को सलाम करते हैं और उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। वहीं, भारतीय वायुसेना ने कहा कि हादसे के वक्त विमान ट्रेनिंग पर था।
साल 2025 में तीसरा जगुआर फाइटर जेट क्रैश
चिंता की बात ये है कि आज हुए हादसे को मिलाकर इस साल भारतीय वायुसेना के कुल तीन जगुआर फाइटर जेट क्रैश हो चुके हैं। सबसे पहले 7 मार्च 2025 को IAF का एक जगुआर लड़ाकू विमान नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान हरियाणा के अंबाला एयरबेस से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। फाइटर जेट के सिस्टम में खराबी आने के कारण ये दुर्घटना हुई थी। वहीं, इसी साल दो अप्रैल को गुजरात के जामनगर जिले में भी भारतीय वायुसेना का एक जगुआर फाइटर प्लेन क्रैश हुआ था। इस हादसे में फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव की मौत हो गई थी।
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Maharashtra: भाषा विवाद पर बोले CM फडणवीस- मराठी पर गर्व गलत नहीं, लेकिन गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं

Marathi Hindi Language Row: महाराष्ट्र में मराठी-हिंदी विवाद के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया है। फडणवीस ने कहा कि राज्य में मराठी भाषा पर गर्व करना गलत नहीं है। लेकिन अगर कोई भाषा के नाम पर गुंडागर्दी करता है, तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर किसी के साथ भाषा के आधार पर कोई मारपीट करता है, तो इसे भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने आगे कहा, पुलिस ने इस घटना पर प्राथमिकी दर्ज की है और कार्रवाई भी की है। अगर भविष्य में कोई इस तरह का भाषा विवाद खड़ा करता है, तो उस पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हमें अपनी मराठी भाषा पर गर्व है, लेकिन भारत की किसी भी भाषा के साथ इस तरह का अन्याय नहीं किया जा सकता, यह बात हमें ध्यान में रखनी होगी।
‘अंग्रेजी को गले लगाते हैं, हिंदी पर विवाद खड़ा करते हैं’
मुख्यमंत्री फडणवीस ने आगे कहा, कभी-कभी मुझे आश्चर्य होता है कि ये लोग अंग्रेजी को तो गले लगाते हैं, लेकिन हिंदी को लेकर विवाद खड़ा करते हैं। यह किस तरह की सोच है और यह किस तरह का व्यवहार है? इसलिए जो लोग कानून अपने हाथ में लेते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई मराठी व्यक्ति असम जाकर कारोबार करता है और उसे असम की भाषा नहीं आती, तो क्या उसकी पिटाई होनी चाहिए?
‘मराठी बोलने की अपील कर सकते हैं, लेकिन जबरदस्ती नहीं’
उन्होंने कहा, अगर मराठी को लेकर अभिमान है, तो मराठी सिखाओ, क्लास शुरू करो। मराठी पर अभिमान है तो लोगों को मराठी बोलने के लिए प्रेरित करो। मराठी पर अभिमान है तो अपने बच्चों को मराठी पढ़ाओ, उन्हें ऐसे स्थानों पर क्यों पढाते हैं, जहां मराठी तीसरी भाषा है? हम लोगों से मराठी बोलने की अपील कर सकते हैं, लेकिन जबरदस्ती नहीं कर सकते। मुझे मराठी बोलना है तो बोलूंगा, लेकिन अगर नहीं आती, तो क्या मारपीट करना ठीक है क्या?
‘पड़ोसी राज्यों का नहीं किया जा सकता तिरस्कार’
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, हम एक भारत के लोग हैं। हम सारे लोग भारतीय हैं। हमको पहला अभिमान महाराष्ट्र पर होना चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि दूसरे राज्यों के प्रति हमको कोई गुस्सा हो या उनके प्रति हमारा कोई तिरस्कार हो। पाकिस्तान के प्रति तिरस्कार समझा जा सकता है। पर बाजू के राज्यों के प्रति तिरस्कार तो नहीं हो सकता है ना। इसलिए मुझे लगता है कि कहीं भी इस वाकिये के माध्यम से शिंदे के महाराष्ट्र प्रेम पर अगर कोई प्रश्नचिह्न लगाता है तो बहुत संकुचित विचार वह रख रहा है।’
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