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Surya Grahan 2024: साल का पहला सूर्य ग्रहण आज, जानें कब से कब तक रहेगा सूर्य ग्रहण

Surya Grahan 2024: साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण आज लगेगा। यह सूर्य ग्रहण 50 वर्षों बाद सबसे लंबा चलने वाला ग्रहण होगा, जो करीब 5 घंटे और 25 मिनट तक चलेगा। भारतीय समय के अनुसार आज रात 09 बजकर 12 मिनट से सूर्य ग्रहण शुरू हो जाएगा जो देर रात 2 बजकर 22 मिनट तक चलेगा। इस दौरान जब सूर्य ग्रहण अपने चरम पर होगा तब 7 मिनट तक पृथ्वी के कई हिस्सों में अंधेरा छा जाएगा। आज जो सूर्य ग्रहण लगेगा वह भारत में नही दिखाई देगा, जिस कारण से इसका सूतक काल प्रभावी नहीं रहेगा।
दुनिया के 57 देशों में दिखेगा सूर्य ग्रहण
आज का ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। 54 वर्षों बाद इस तरह का संयोग बन रहा है। इसके पहले ऐसा संयोग 1970 में बना था। अमेरिका, कनाडा और मैक्सिकों जैसे 57 देशों में इसे देखा जा सकेगा। तीन देशों में पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देगा, जबकि बाकी के देशों में आंशिक सूर्य ग्रहण रहेगा। दुनिया के जिन-जिन हिस्सों में यह सूर्य ग्रहण लगेगा वहां सौर मंडल में मौजूद शुक्र और गुरु भी देखा जा सकेगा। सूर्य ग्रहण के दौरान धूमकेतु तारा भी साफ नजर आएगा।
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Shubhanshu Shukla: ISS से धरती के लिए रवाना हुए शुभांशु शुक्ला, 15 जुलाई को कैलिफोर्निया तट के पास समुद्र में उतरेगा स्पेसक्राफ्ट

Shubhanshu Shukla: इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में 18 दिन बिताने के बाद भारतीय अतंरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की धरती के लिए रिटर्न जर्नी शुरू हो चुकी है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की अनडॉकिंग सफल रही। एक्सिओम-4 मिशन के तहत शुभांशु शुक्ला समेत उनकी पूरी टीम ने पृथ्वी के लिए उड़ान भर दी है। शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम को लेकर ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट 22.5 घंटे की यात्रा के बाद यानी मंगलवार दोपहर 3:01 बजे IST पर कैलिफोर्निया के तट के पास समुद्र में स्प्लैशडाउन करेगा। यह पूरी प्रक्रिया स्वचालित होगी और उसमें किसी मैनुअल हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होगी।
भारत के शुभांशु शुक्ला 25 जून को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से फाल्कन 9 रॉकेट से ISS के लिए निकले थे। शुभांशु ड्रैगन अंतरिक्ष यान से 28 घंटे की यात्रा के बाद स्पेस 26 जून को ISS पहुंचे थे। रविवार को ISS पर एक्सपीडिशन-73 मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों ने एक्सिओम-4 मिशन दल के लिए विदाई समारोह आयोजित किया। इस मौके पर शुभांशु शुक्ला ने कहा कि जल्दी ही धरती पर मुलाकात करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इस यात्रा की शुरुआत में इतना कुछ अनुभव होगा, इसकी कल्पना नहीं थी। यह यात्रा उनके लिए अविस्मरणीय रही।
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Rajya Sabha: राष्ट्रपति मुर्मू ने राज्यसभा के लिए 4 सदस्यों को नॉमिनेट किया, मशहूर वकील उज्ज्वल निकम, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रंगला समेत 4 लोगों के नाम शामिल

Rajya Sabha: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए चार नए सदस्यों को मनोनीत किया है। इन सदस्यों में मुंबई के जाने-माने वकील उज्ज्वल निकम, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, इतिहासकार डॉ. मीनाक्षी जैन और केरल के सामाजिक कार्यकर्ता सी. सदानंदन मास्टर शामिल हैं। ये नियुक्तियां उन रिक्त सीटों के लिए की गई हैं, जो पहले के नामित सदस्यों के सेवानिवृत्त होने से खाली हुई थीं।
निकम ने मुंबई हमले के पकड़े गए आरोपी अजमल कसाब को फांसी के तख्ते तक पहुंचाने में अहम रोल अदा किया था। वे कई हाई प्रोफाइल मामलों में सरकार का पक्ष रख चुके हैं। मुंबई में जन्मे पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रंगला इंडियन फॉरेन सर्विस के एक रिटायर्ड इंडियन डिप्लोमेट हैं। वे 1984 में IFS में शामिल हुए और 38 वर्षों तक देश के लिए अपनी सेवाएं दीं।
सदानंदन मास्टर शिक्षा और सामाजिक सेवा से लंबे समय से जुड़े रहे हैं। वे खुद केरल में राजनीतिक हिंसा का शिकार भी रह चुके हैं. इनमें से हर नाम अपने-अपने क्षेत्र में खास पहचान रखता है. उन्होंने गुवाहाटी विश्वविद्यालय से बी.कॉम और कालीकट विश्वविद्यालय से बी.एड की डिग्री हासिल की। वे 1999 से पेरमंगलम के श्री दुर्गा विलासम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सामाजिक विज्ञान पढ़ा रहे हैं।
इतिहासकार डॉ. मीनाक्षी जैन ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के गार्गी कॉलेज में इतिहास की एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में काम किया। दिसंबर 2014 में, उन्हें इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च के सदस्य के रूप में नामित किया गया था। साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें 2020 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
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Air India Plane Crash: ‘फ्यूल स्विच बंद होने की वजह से बंद हुए दोनों इंजन’, AAIB की रिपोर्ट में खुलासा

Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के क्रैश होने के एक महीने बाद शुरुआती जांच रिपोर्ट आ गई है। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने 12 जुलाई को 15 पेज की शुरुआती जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की है। रिपोर्ट के अनुसार, विमान ने 12 जून को दोपहर 1:38:39 बजे टेक-ऑफ किया। उस समय को-पायलट क्लाइव कुंदर विमान उड़ा रहे थे, जबकि कैप्टन सुमीत सभरवाल उसकी निगरानी कर रहे थे। टेक-ऑफ के कुछ ही सेकंड बाद दोनों इंजनों (इंजन 1 और इंजन 2) के फ्यूल कटऑफ स्विच एक-एक सेकंड के अंतर से रन से कटऑफ मोड में चले गए। इससे इंजनों को फ्यूल की सप्लाई रुक गई, और दोनों इंजनों की गति (N1 और N2) तेजी से कम होने लगी। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग से पता चला है कि एक पायलट ने पूछा, “आपने क्यों बंद (इंजन) किया?” दूसरे ने उत्तर दिया, “मैंने नहीं किया।”
तय सीमा के अंदर था प्लेन का वजन
एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, टेक-ऑफ के समय विमान में 54,200 किलोग्राम फ्यूल भरा गया था। लोड और ट्रिम शीट के अनुसार, विमान का टेक-ऑफ वजन 2,13,401 किलोग्राम था, जो कि अधिकतम अनुमति वजन 2,18,183 किलोग्राम से कम था। यानी वजन पूरी तरह से तय सीमा के अंदर था। इसके अलावा, विमान में कोई खतरनाक सामान (Dangerous Goods) भी नहीं था। अब तक की जांच में किसी भी प्रकार की साजिश या तकनीकी दोष की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
पायलटों ने इंजन दोबारा स्टार्ट करने की कोशिश की थी
रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे वाले विमान में दोनों इंजनों के फ्यूल स्विच बंद थे, जिसके बाद पायलटों ने इसे दोबारा चालू करने की कोशिश की थी।। N1 या इंजन 1 कुछ हद तक चालू हो गया, लेकिन इंजन 2 क्रैश होने से पहले स्टार्ट नहीं हो सका। विमान की ऊंचाई बहुत कम थी, इसलिए इंजनों को दोबारा ताकत पाने का समय नहीं मिल सका और विमान क्रैश हो गया। विमान केवल 32 सेकेंड के लिए हवा में रहा था।हालांकि ये सामने नहीं आया है कि फ्यूल स्विच बंद कैसे हुए थे।
12 जून को क्रैश हुआ था एयर इंडिया का विमान
गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को लंदन जा रही फ्लाइट AI 171 टेकऑफ के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गई थी। इसमें 270 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 241 यात्री और क्रू मेंबर शामिल थे। सिर्फ एक यात्री इस हादसे में जिंदा बचा है। फ्लाइट AI 171 ने दोपहर 1.38 बजे उड़ान भरी थी और 1.40 बजे हादसा हो गया। उस समय प्लेन 200 फीट की ऊंचाई पर था। रिपोर्ट के मुताबिक, टेकऑफ से लेकर हादसे तक की पूरी उड़ान करीब 30 सेकेंड ही चली।
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Ajit Doval: ऑपरेशन सिंदूर पर NSA अजीत डोभाल का बड़ा बयान, बोले- एक गिलास भी नहीं टूटा

Ajit Doval: पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सेनाओं के ऑपरेशन सिंदूर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ऑपरेशन की आलोचना करने वालों को करारा जवाब दिया है। डोभाल ने आईआईटी मद्रास के 62वें दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत को किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। एनएसए ने कहा कि अगर कोई दावा करता है कि देश को नुकसान हुआ है तो उसकी एक तस्वीर दिखा दीजिए।
सिर्फ 23 मिनट में पूरा हुआ ऑपरेशन
एनएसए अजीत डोभाल ने कहा- ”तकनीक और वॉरफेयर का कनेक्शन अहम है. हमें ऑपरेशन सिंदूर पर गर्व है. ऑपरेशन के दौरान हमने स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया. हमने नौ आतंकी ठिकानों पर हमले का फैसला किया था. हमारे सभी निशाने सटीक रहे। यह उस बिंदु तक सटीक था जहां हमें पता था कि कौन कहां है। पूरे ऑपरेशन में सिर्फ 23 मिनट लगे।”
विदेशी मीडिया पर भड़के NSA डोभाल
अजीत डोभाल ने ने कहा- “विदेशी मीडिया में बहुत कुछ कहा गया। पाकिस्तान ने ये किया, वो किया। आप मुझे एक भी तस्वीर बताइए। आज का दौर सैटेलाइट का है, आप मुझे एक भी तस्वीर दिखाइए जिसमें भारत की तरफ हुआ कोई नुकसान दिखाई दे। यहां तक कि एक गिलास भी टूटा हो।”
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Mohan Bhagwat: ’75 की उम्र में पद छोड़ देना चाहिए, दूसरों को मिले मौका’, मोहन भागवत ने किसकी ओर किया इशारा?

Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि नेताओं को 75 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ’75 साल का होने पर जब किसी नेता को शॉल ओढ़ाई जाती है, तो इसका एक मतलब है। ये मतलब यह है कि उनकी उम्र हो चुकी है। आपको बाकियों को मौका देना चाहिए।’ आरएसएस प्रमुख ने यह बयान 9 जुलाई को नागपुर में आरएसएस के एक विचारक दिवंगत मोरोपंत पिंगले को समर्पित एक किताब के विमोचन के मौके पर दिया है।
संघ प्रमुख ने ‘मोरोपंत पिंगले: द आर्किटेक्ट ऑफ हिंदू रिसर्जेंस’नाम के पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा कि एक बार पिंगले ने कहा था, ’75 वर्ष के होने के बाद अगर आपको शॉल देकर सम्मानित किया जाता है, इसका मतलब है कि आपको अब रुक जाना चाहिए, आपकी आयु हो चुकी है; हट जाइए और दूसरों को आगे आने दीजिए।’
दरअसल 2014 में जब से नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार बनी है, पार्टी ने एक अघोषित परंपरा रही है। परंपरा यह है कि 75 वर्ष के हो जाने पर इसके नेता रिटायरमेंट ले लेते हैं। लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर, जसवंत सिंह जैसे बड़े नेताओं के नाम इस लिस्ट में शामिल हैं। पार्टी के कई पूर्व सांसदों, राज्यपालों को इसी वजह से न तो टिकट मिला और ना ही उनका कार्यकाल बढ़ाया गया। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में इसी विचार के तहत एक ऐसी टिप्पणी कर दी है, जिसे पीएम मोदी के रिटायरमेंट से जोड़ा जा रहा है।
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