अर्थ जगत
GST Collection: अक्टूबर में त्योहारी सीजन के चलते जीएसटी कलेक्शन में बड़ा उछाल, सरकार का भरा खजाना

GST Collection: त्योहारी सीजन के चलते बाजार में हर सेक्टर में हरियाली छाई हुई है। इसके चलते शानदार जीएसटी कलेक्शन देखने को मिला है। अक्टूबर महीने में कुल जीएसटी कलेक्शन 1.72 लाख करोड़ रुपए रहा। पिछले साल यानी अक्टूबर 2022 के मुकाबले जीएसटी कलेक्शन में 13 फीसदी का उछाल देखने दर्ज किया गया है।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी डेटा के मुताबिक अक्टूबर 2023 में 1,72,003 करोड़ रुपए जीएसटी वसूली रही है। इसमें से 30,062 करोड़ रुपए सीजीएसटी, 38,171 करोड़ रुपए एसजीएसटी, 91,315 करोड़ रुपए आईजीएसटी है और 12,456 करोड़ रुपए सेस के जरिए वसूला गया है।
सरकार ने सीजीएसटी में 42,873 करोड़ रुपए सेटल किया है, जबकि आईजीएसटी में 36,614 करोड़ रुपए एसजीएसटी के तौर पर सेटल किया है। अक्टूबर महीने में केंद्र सरकार का रेवेन्यू 72,934 करोड़ रुपए सीजीएसटी के मद में रहा है, जबकि राज्यों को 74,785 करोड़ रुपए एसजीएसटी के तौर पर प्राप्त हुआ है।
अर्थ जगत
Niti Aayog: जापान को पीछे छोड़ते हुए भारत बना दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था, 2.5-3 साल में तीसरे नंबर पर होंगे

Niti Aayog: नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने देश की अर्थव्यव्सथा पर टिप्पणी की है। नीति आयोग के CEO बी वी आर सुब्रह्मण्यम ने 24 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। सुब्रह्मण्यम ने कहा, “हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। हम 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हैं। आज भारत जापान से बड़ा है। अब केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी ही भारत से बड़े हैं।” उन्होंने कहा कि ह मेरा डेटा नहीं है। यह आईएमएफ का डेटा है। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि अगर हम जो सोचा जा रहा है, उस पर टिके रहते हैं, तो अगले 2.5 से 3 वर्षों की बात है, हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।
जापान से आगे निकला भारत
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत जापान से आगे निकलकर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। आईएमएफ की अप्रैल 2025 की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की नॉमिनल जीडीपी 4.187 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई है, जो जापान की अनुमानित जीडीपी 4.186 ट्रिलियन डॉलर से थोड़ा ज्यादा है। भारत की यह उपलब्धि मजबूत घरेलू मांग, अनुकूल जनसांख्यिकीय रुझानों, और नीतिगत सुधारों के कारण है। भारत की अर्थव्यवस्था 6-7% की एनुअल ग्रोथ रेट बनाए हुए है, जबकि जापान की अर्थव्यवस्था को ग्लोबल ट्रेड टेंशन और पॉलिसी चेंज के कारण नुकसान हुआ है।
2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है भारत
IMF और अन्य वैश्विक संस्थानों के अनुमानों के अनुसार, यदि भारत की वर्तमान वृद्धि दर बनी रहती है, तो 2028 तक भारत जर्मनी (4.9 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी) को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। भारत की जीडीपी 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर और 2028 तक 5.58 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इसके बाद केवल अमेरिका (30.57 ट्रिलियन डॉलर) और चीन (19.231 ट्रिलियन डॉलर) ही भारत से आगे रहेंगे।
अर्थ जगत
PF Interest Rate: ईपीएफ अकाउंट होल्डर्स के लिए बड़ी खुशखबरी, इस साल भी 8.25% ब्याज मिलेगा

PF Interest Rate:पीएफ अकाउंट होल्डर्स के लिए खुशखबरी है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार ने पीएफ पर 8.25% ब्याज देने की मंजूरी दे दी है। EPFO ने फरवरी में इस ब्याज दर का प्रस्ताव भेजा था, जिसे अब वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। इस फैसले के बाद अब देश के 7 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों के PF अकाउंट में ब्याज की रकम ट्रांसफर की जाएगी।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ब्याज दर पर निर्णय फरवरी 2024 में ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में लिया गया था, जिसमें श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता थी। इस बैठक में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 8.25% ब्याज दर बनाए रखने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बाद इसे वित्त मंत्रालय को अंतिम मंजूरी के लिए भेजा गया, जिसने इस पर अब मंजूरी दे दी है।
इस तरह, लगातार दूसरे साल ईपीएफ पर 8.25% की ब्याज दर रहेगी, जो भारत में फिक्स्ड इनकम सेविंग्स के लिए सबसे अच्छी दरों में से एक है। इससे लंबी अवधि तक बचत करने वाले निवेशकों को लाभ मिलेगा, खासकर जब बाजार में ब्याज दरें उतार-चढ़ाव का सामना कर रही हों। इससे पहले, 2022-23 के लिए यह दर 8.15% थी, जिसे फरवरी 2024 में 8.25% तक बढ़ाया गया। वहीं, 2020-21 में यह दर 8.1% थी, जो पिछले करीब 40 वर्षों में सबसे कम ब्याज दर थी।
PF जमा पर घोषित 8.25% ब्याज दर के हिसाब से अगर आपके EPF अकाउंट में 1 लाख रुपए जमा हैं, तो इस पर साल में 8,250 रुपए का ब्याज मिलेगा। वहीं PF अकाउंट में 1 अप्रैल 2024 तक (वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ओपनिंग बैलेंस) कुल 5 लाख रुपए जमा हैं। ऐसे में आपको 8.25% की ब्याज दर के हिसाब से 5 लाख पर 41,250 रुपए ब्याज के रूप में मिलेंगे।
अर्थ जगत
GST Collection: अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छी ख़बर, जीएसटी कलेक्शन के टूटे सारे रिकॉर्ड

GST Collection: अर्थव्यवस्था के मोर्च पर भारत के लिए मई का महीना एक अच्छी ख़बर लेकर आया है। भारत का जीएसटी कलेक्शन अप्रैल 2025 में रिकॉर्ड स्तर पर बढ़कर 2.37 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया, जो पिछले साल इसी महीने के कलेक्शन से 12.6 फीसदी ज्यादा है। भारत सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2024 में जीएसटी कलेक्शन 2.10 लाख करोड़ रुपया था। 2017 के बाद से पहली बार जीएसटी कलेक्शन में इतनी बड़ी उछाल आई है।
भर गया सरकार का खजाना
मार्च 2025 के दौरान जीएसटी कलेक्शन की बात करें, तो यह पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 9.9 फीसदी बढ़कर 1.96 लाख करोड़ रुपया हो गया था। चरणबद्ध तरीके से जीएसटी कलेक्शन इस साल फरवरी में दर्ज 1.84 लाख करोड़ रुपये के टैक्स से 6.8 फीसदी अधिक था। मार्च में ग्रॉस जीएसटी रेवेन्यू में सीजीएसटी (सेंट्रल जीएसटी) से 38,100 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी से 49,900 करोड़ रुपये, इंटीग्रेटेड जीएसटी से 95,900 करोड़ रुपये, कंपनसेशन सेस से 12,300 करोड़ रुपये शामिल थे।
पांच राज्यों ने दिया सबसे ज्यादा टैक्स
मार्च में जीएसटी कलेक्शन में महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश टॉप पांच राज्यों में शामिल रहे। महाराष्ट्र ने मार्च में 31,534 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जो पिछले साल मार्च की तुलना में 14 फीसदी अधिक है। कर्नाटक से 13,497 करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ, जो सालाना आधार पर 4 फीसदी की बढ़ोतरी है। गुजरात ने 12,095 करोड़ रुपए का योगदान दिया, जो मार्च 2024 से 6 फीसदी की बढ़ोतरी है। तमिलनाडु ने 11,017 करोड़ रुपये का जीएसटी भरा, जो 7 फीसदी अधिक है। उत्तर प्रदेश से 9,956 करोड़ रुपये को जीएसटी कलेक्शन हुआ, जो सालाना आधार पर 10 फीसदी की बढ़ोतरी है।
अर्थ जगत
India’s Forex Reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में उछाल, गोल्ड रिजर्व भी बढ़ा

India’s Forex Reserves: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार फिर बढ़ गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को इस बारे में ताजा आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक, 11 अप्रैल को खत्म सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.567 बिलियन डॉलर बढ़कर 677.835 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। यह लगातार छठवां हफ्ता है, जब देश के विदेशी मुद्रा भंडा में वृद्धि हुई है। इससे पहले सितंबर 2024 में विदेशी मुद्रा भंडार 704.885 अरब अमेरिकी डॉलर के अब तक के सबसे टॉप लेवल को छू गया था।
विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में भी हुई बढ़ोतरी
शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा आस्तियां, जो विदेशी मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, 892 मिलियन डॉलर बढ़कर 574.98 बिलियन डॉलर हो गईं। सितंबर 2024 में विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर 704.885 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया था। डॉलर के संदर्भ में व्यक्त विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं का घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है।
गोल्ड रिजर्व में भी हुआ इजाफा
आरबीआई ने कहा कि इस दौरान देश का गोल्ड रिजर्व भी बढ़ा है, जो 638 मिलियन डॉलर बढ़कर 79.997 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है। हालांकि, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 6 मिलियन डॉलर घटकर 18.356 बिलियन डॉलर रह गए हैं। आरबीआई के आंकड़ों में कहा गया है कि समीक्षाधीन सप्ताह में आईएमएफ के साथ भारत की आरक्षित स्थिति 43 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.502 बिलियन डॉलर हो गई है।
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार का महत्व?
विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के लिए बहुत जरूरी होता है। इसके उपयोग अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व अन्य लेनदेन के भुगतान के लिए किया जाता है। इसके अलावा, देश की आर्थिक स्थिरता और अपनी करेंसी के मूल्य को बनाए रखने के लिए भी इसका उपयोग होता है। विदेशी मुद्रा भंडार में दूसरे देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी किए जाने वाले मुद्राओं के साथ बॉन्ड, ट्रेजरी बिल, अन्य सरकारी प्रतिभूतियों, स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकार (SDR) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास जमा राशि को शामिल किया जाता है।
अर्थ जगत
RBI: रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती, आपके लोन की EMI में हो सकती है कटौती

RBI: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी, RBI ने रेपो रेट को 0.25% घटाकर 6% कर दिया है। पहले ये 6.25% थी। यानी, आने वाले दिनों में आपके लोन की ईएमआई कम हो सकती है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट में तत्काल प्रभाव से 0.25 फीसदी की कटौती का फैसला सर्वसम्मति से लिया है। ये मीटिंग 7 अप्रैल को शुरू हुई थी।
फरवरी में भी रेपो रेट में हुई थी 0.25% की कटौती
इससे पहले वित्त वर्ष 2024-25 की आखिरी मीटिंग में RBI ने रेपो रेट में 0.25% की कटौती की थी। फरवरी में हुई मीटिंग में ब्याज दरों को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया था। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की ओर से ये कटौती करीब 5 साल बाद की गई थी।रेपो रेट घटने के बाद बैंक भी हाउसिंग और ऑटो जैसे लोन्स पर अपनी ब्याज दरें कम कर सकते हैं।
रेपो रेट क्या है, इससे लोन कैसे सस्ता होता है?
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन देते हैं। रेपो रेट कम होने का मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के कर्ज, जैसे होम लोन, कार लोग अब सस्ते हो जाएंगे। हालांकि बैंक ईएमआई में कब तक और कितनी कटौती करेंगे यह उन पर निर्भर करता है।
-
ख़बर छत्तीसगढ़23 hours ago
Chhattisgarh: हजारों की संख्या में स्कूल बंद होने की बातें भ्रामक और तथ्यहीन, सिर्फ 166 स्कूलों का होगा समायोजन
-
ख़बर छत्तीसगढ़20 hours ago
Sushasan tihar: सीएम साय ने धमतरी में की सौगातों की बारिश, 213 करोड़ रुपए की लागत के विकास कार्याें की घोषणा
-
ख़बर छत्तीसगढ़17 hours ago
Sushasan tihar: ‘आम जनता को देरी से न्याय मिलना, न्याय नहीं मिलने के बराबर’, समस्याओं का समाधान निरंतर जारी रहे- मुख्यमंत्री साय
-
ख़बर उत्तर प्रदेश14 hours ago
UP DGP: राजीव कृष्ण बने यूपी के नए कार्यवाहक DGP, प्रशांत कुमार को नहीं मिला सेवा विस्तार