अर्थ जगत
GDP: देश की अर्थव्यवस्था को लेकर अच्छी ख़बर, दूसरी तिमाही में शानदार जीडीपी ग्रोथ दर्ज
GDP: भारत की अर्थव्यवस्था का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। इस साल दूसरी तिमाही में जुलाई से सितंबर 2023 के बीच देश की अर्थव्यवस्था 7.6 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ी है। जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में ये 6.3% रही थी। यानी वित्तीय वर्ष 2022-2023 की दूसरी तिमाही की जीडीपी ग्रोथ की तुलना में इस वित्तीय वर्ष (2023-2024) की दूसरी तिमाही में 1.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं वित्तीय वर्ष 2023-2024 की पहली तिमाही अप्रैल से जून में यह 7.8% पर थी।
RBI के अनुमान से ज्यादा रही जीडीपी ग्रोथ
भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान लगाया था। जबकि कुछ अन्य एक्सपर्ट्स का मानना था कि भारत की जीडीपी दूसरी तिमाही के दौरान 7 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। जबकि दूसरी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था ने सारे अनुमानों से बेहतर प्रदर्शन किया और जीडीपी ग्रोथ एक फीसदी ज्यादा 7.6% रही।
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Tata Trust: नोएल टाटा बने टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन, रतन टाटा के सौतेले भाई हैं नोएल
Tata Trust New Chairman: देश के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार की रात निधन हो गया। जिसके बाद अब टाटा ट्रस्ट की बैठक में उनके भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है। मुंबई में आज हुई टाटा ट्रस्ट के पदाधिकारियों की बैठक में रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा के नाम पर सहमति बनी। नोएल टाटा पहले से ही सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। अब ग्रुप के सबसे बड़े स्टेक होल्डर ‘टाटा ट्रस्ट’ की कमान सौतेले भाई नोएल टाटा को मिल गई है।
रतन टाटा के सौतेले भाई हैं नोएल
रतन टाटा के पिता नवल टाटा ने दो शादियां की थीं। नवल टाटा की पहली शादी सूनी टाटा से हुई। इससे उन्हें दो बेटे रतन और जिम्मी टाटा हुए। सूनी टाटा से तलाक के बाद नवल टाटा ने स्विट्जरलैंड की एक बिजनेसवुमेन सिमोन से साल 1955 में दूसरी शादी की। नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे ही नोएल टाटा हैं। नोएल टाटा ट्रेंट, वोल्टास, टाटा इन्वेस्टमेंट और टाटा इंटरनेशनल के चेयरमैन हैं। टाटा स्टील और टाइटन के वाइस चेयरमैन भी हैं।
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Forex Reserves: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 700 अरब डॉलर के पार, पहली बार छुआ ये आंकड़ा
Forex Reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बीते सप्ताह भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पहली बार देश का फॉरेक्स रिजर्व 700 अरब डॉलर के पार चला गया है। शुक्रवार को आरबीआई की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 27 सितंबर को समाप्त हफ्ते के दौरान 12.5 बिलियन डॉलर बढ़कर 704.89 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार 7वें सप्ताह बढ़ोतरी हुई है। बता दें कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2024 में अब तक 87.6 अरब डॉलर बढ़ चुका है।
700 अरब डॉलर का आंकड़ा पार करने वाला भारत चौथा देश
फॉरेक्स रिजर्व के मामले में चीन, जापान और स्विटजरलैंड के बाद भारत 700 अरब डॉलर के भंडार को पार करने वाली विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था बन गया है। देश 2013 से अपने विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने पर जो दे रहा है। यह चलन तब शुरू हुआ था, जब कमजोर वृहद आर्थिक परिदृश्य के कारण विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से पैसा निकालता शुरू कर दिया था।
फॉरेन करेंसी एसेट्स भी खूब बढ़ा
रिजर्व बैंक की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार भारत की विदेशी मुद्रा आस्तियां (Foreign Currency Asset) भी खूब बढ़ी हैं। 27 सितंबर 2024 को समाप्त सप्ताह के दौरान अपने Foreign Currency Assets (FCAs) में $10.468 Billion की बढ़ोतरी हुई है। अब अपना एफसीए भंडार बढ़ कर 616.154 Billion डॉलर का हो गया है। उल्लेखनीय है कि कुल विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा आस्तियां या फॉरेन करेंसी असेट (FCA) एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
गोल्ड रिजर्व भी बढ़ा है
बीते सप्ताह देश का गोल्ड रिजर्व या स्वर्ण भंडार भी बढ़ा है। 27 सितंबर 2024 को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत के स्वर्ण भंडार (Gold reserves) में 2.184 Billion डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। अब अपना सोने का भंडार 65.796 Billion डॉलर का हो गया है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, बीते सप्ताह भारत के स्पेशल ड्रॉइंग राइट या विशेष आहरण अधिकार (SDR) भी 8 Million डॉलर बढ़ कर 18.547 बिलियन डॉलर हो गया है।
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RBI: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा, 2024 में 66 अरब डॉलर की बढ़ोतरी
Forex Reserves India: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कुछ महीनों से लगातार बढ़ रहा है। इस साल अब तक भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में 66 अरब डॉलर की बढ़ोतरी देखी गई है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 689.235 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है। RBI की ओर से जारी हालिया आंकड़ों के मुताबिक, भारत की विदेशी मुद्रा संपत्ति (एफसीए) अब 604.144 अरब डॉलर के स्तर पर है। यह विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा हिस्सा है। इसके साथ ही, सोने के भंडार की कीमत वर्तमान में 61.988 अरब डॉलर है। अनुमानों के मुताबिक, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अब करीब एक वर्ष की अनुमानित आयात लागत को कवर करने के लिए पर्याप्त है।
विदेशी मुद्रा भंडार को फॉरेक्स रिजर्व भी कहा जाता है। यह हर देश के केंद्रीय बैंक या मौद्रिक प्रधिकरण द्वारा रखी गईं संपत्तियां होती हैं। ये आमतौर रिजर्व मुद्राओं में रखी जाती हैं, जैसे अमेरिकी डॉलर, यूरो, जापानी येन, पाउंड आदि। एक दशक पहले भारतीय रुपया एशिया की अस्थिर मुद्राओं में से था। लेकिन अब, यह सबसे स्थिर मुद्राओं में से एक बन चुका है। यह बदलाव भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत और भारतीय रिजर्व बैंक के प्रभावी प्रबंध का प्रमाण है।
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UPI: भारत ने अमेरिका और चीन को छोड़ा पीछे, ऑनलाइन पेमेंट के मामले में बनाया नया रिकॉर्ड
UPI: भारतीय UPI पेमेंट प्लेटफॉर्म ने चीन के Alipay और अमेरिका के PayPal को पछाड़कर नया रिकॉर्ड अपने नाम किया है। इस साल अप्रैल से जुलाई के दौरान कुल 81 लाख करोड़ का यूपीआई लेनदेन हुआ है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसमें पिछले साल के मुकाबले में करीब 37 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। बता दें कि Alipay के ओनर चीन के मशहूर बिजनेसमैन जैकमा हैं। साथ ही PayPal अमेरिका का फेमस ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म है।
ग्लोबल पेमेंट हब पेसिक्योर की मानें, तो इस साल अप्रैल से जुलाई के दौरान यूपीआई प्लेटफॉर्म पर हर एक सेकेंड 3,729.1 लेनदेन हुए हैं, जो साल 2022 पहले तक 2,348 प्रति सेकेंड हुआ करता था। ऐसे में इसमें 58 फीसद की ग्रोथ दर्ज की गई है। इसके अलावा यूपीआई ने लगातार तीसरे माह में 20 लाख करोड़ के आंकड़े को पार किया है।
डिजिटल लेनदेन में भारत दुनिया में सबसे आगे हैं। भारत में 40 फीसद से ज्यादा पेमेंट डिजिटली होते हैं और उनमें से सबसे ज्यादा UPI पेमेंट है। एनपीसीआई के सीईओ दिलीप असबे का मानना है कि UPI अगले 10 साल में 100 बिलियन के आंकड़ो को पार कर जाएगा। UPI को भारत के साथ संयुक्त अरब अमीरात और मलेशिया जैसे देशों में शुरू किया गया है।
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GDP: वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.7% रही, 15 महीने में सबसे कम
GDP: सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि दर के नतीजे शुक्रवार यानी आज जारी कर दिए। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जीडीपी ग्रोथ रेट घटकर 6.7% पर आ गई है। जीडीपी वृद्धि दर का यह आंकड़ा पिछले 15 महीने का सबसे निचला स्तर है। पिछले वित्तीय वर्ष 2024 की समान तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8.2% रही थी। जीडीपी वृद्धि दर घटने का मुख्य कारण कृषि क्षेत्र का खराब प्रदर्शन है। हालांकि, भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है, क्योंकि अप्रैल-जून तिमाही में चीन की जीडीपी वृद्धि 4.7 प्रतिशत रही है।
विनिर्माण और ऊर्जा क्षेत्र में 8.4% की सालाना वृद्धि
विनिर्माण और बिजली उद्योगों से युक्त द्वितीयक क्षेत्र ने वार्षिक आधार पर 8.4 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की। वित्त वर्ष 2023 में समान तिमाही में द्वितीयक क्षेत्र की वृद्धि दर 5.9 प्रतिशत रही। विनिर्माण में वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में वार्षिक आधार पर 7.0 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, यह संख्या वित्त वर्ष 23 में दर्ज 5.0 प्रतिशत की तुलना में अधिक है। अप्रैल-जून तिमाही के आंकड़े महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह मूल्यांकन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मई में केंद्र में सरकार बनाने के लिए तीसरा कार्यकाल हासिल करने के बाद आया है।
रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 23 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 7.023 अरब डॉलर बढ़कर 681.688 अरब डॉलर के नए उच्च स्तर को छू गया। आरबीआई ने शुक्रवार इससे जुड़े आंकड़े जारी किए। पिछले समीक्षाधीन सप्ताह में समग्र भंडार 4.546 अरब डॉलर बढ़कर 674.664 अरब डॉलर हो गया था। समग्र भंडार का पिछला सर्वकालिक उच्च स्तर 2 अगस्त को 674.919 अरब डॉलर दर्ज किया गया था। शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार 23 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा आस्तियां, जो भंडार का एक प्रमुख घटक हैं, 5.983 अरब डॉलर बढ़कर 597.552 अरब डॉलर हो गई।
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