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2000 Rupee Note: आज से बैंकों में बदले जाएंगे 2000 रुपए के नोट, ये रहेंगे नियम
2000 Rupee Note: RBI के 2000 रुपए के नोट सर्कुलेशन से वापस लेने के फैसले के बाद आज यानी मंगलवार से दो हजार रुपए के नोट बदले जाएंगे। देश के सभी बैंकों और भारतीय रिजर्व बैंक की 19 क्षेत्रीय शाखाओं में आप 2000 रुपए के नोट अन्य मूल्य वर्ग के नोटों से बदल सकते हैं। हालांकि नॉन अकाउंट होल्डर के लिए एक बार में अधिकतम 10 नोट यानी 20,000 रुपए के नोट ही बदले जा सकेंगे। वहीं अकाउंट होल्डर अपने खाते में कितनी भी राशि के 2000 रुपए के नोट जमा कर सकते हैं। हालांकि सभी को बैंकों में कैश डिपॉजिट के पहले से तय नियमों का पालन करना होगा।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, कि सभी के पास चार महीने का (30 सितंबर 2023 तक) पर्याप्त वक्त है। जिन्हें नोट बदलना है, वो आराम से बैंक जाएं और नोट बदलें। घबराने की कोई जरूरत नहीं है। बैंकों के पास पर्याप्त नगदी है। गवर्नर दास ने कहा, नोट बदलवाने के लिए जल्दबाजी न करें और न ही भीड़ लगाएं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया, कि कारोबारी समेत कोई भी संस्थान दो हजार का नोट लेने से मना नहीं कर सकता।
नोट बदलने की प्रक्रिया पर RBI गवर्वर के बयान
1.देश में 2000 रुपए नोट के वापस लेने के फैसले से आर्थिक गतिविधियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह नोट प्रचलन में कुल मुद्रा का केवल 10.8% हैं। इसलिए, इन्हें वापस लेने से आर्थिक गतिविधियां अप्रभावित रहेंगी।
2.आरबीआई गवर्नर दास ने कहा, 2000 रुपए के नोट बदलने के लिए 30 सितंबर तक की समयसीमा तय की है। 30 सितंबर के बाद क्या होगा, इस पर अभी कोई जवाब नहीं दे सकता। इस दौरान अधिकांश नोट वापस आने की उम्मीद है। आगे का फैसला 30 सितंबर को ही करेंगे।
3.गवर्नर दास ने 1000 रुपए के नोट जारी करने को लेकर चल रही ख़बरों पर कहा, कि यह बस अटकलबाजी है। फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।
4.आरबीआई गवर्नर ने कहा, कि ऐसे लोग जो लंबे समय से विदेश यात्रा पर हैं या वर्क वीजा पर विदेश में रह रहे हैं, आरबीआई उनकी कठिनाइयों के प्रति संवेदनशील है।
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Modi Cabinet: 70+ के सभी बुजुर्गों को मिलेगा ‘आयुष्मान योजना’ का लाभ, 5 लाख तक मिलेगा मुफ्त इलाज
Modi Cabinet: केंद्र सरकार ने बुधवार को 70 साल से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। सरकार ने कहा कि अब 70 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों को ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के तहत बीमा कवर दिया जाएगा। मोदी कैबिनेट ने आज इस फैसले को मंजूरी दी। कैबिनेट में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि शुरुआत में योजना के लिए 3,437 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। जैसे-जैसे लोग इस योजना से जुड़ेंगे, इसका दायरा भी बढ़ाया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस योजना के तहत करीब 4.5 करोड़ परिवारों को कवर किया जाएगा। जिनमें छह करोड़ वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि योजना के तहत 70 साल और उससे ऊपर के सभी वरिष्ठ नागरिकों को सरकार नया कार्ड जारी करेगी। फिर चाहे उनकी आर्थिक स्थिति कैसी भी हो, वे इस लाभ का फायदा उठा सकेंगे। सभी बुजुर्ग हर साल 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज करवा सकेंगे।PM
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JK Encounter: उधमपुर-कठुआ के जंगलों में सुरक्षाबलों ने दो आतंकी किए ढेर, ऑपरेशन जारी
JK Encounter: जम्मू-कश्मीर के उधमपुर और कठुआ जिलों के जंगलों में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में दो आतंकियों को ढेर कर दिया है। सुरक्षा बलों ने मारे गए आतंकियों के पास से एक एम 4 राइफल, एके राइफल और पिस्टल समेत विभिन्न हथियार बरामद किए हैं। मुठभेड़ की शुरुआत के बाद से ही सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर ली थी और गहन तलाशी अभियान शुरू किया था।
इलाके में भारी बारिश और दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद सुरक्षाबल आतंकवादियों को ढूंढने में सफल रहे। उधमपुर और कठुआ जिलों के संवेदनशील क्षेत्रों में गहन तलाशी अभियान शुरू किया गया है। इलाके में अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है और नागरिकों से किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने की अपील की गई है।
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Train Conspiracy: कानपुर के बाद अब अजमेर में ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश, ट्रैक पर मिले सीमेंट ब्लॉक
Ajmer: उत्तरप्रदेश के कानपुर के बाद अब राजस्थान के अजमेर में ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश रची गई। अजमेर जिले के लमाना गांव में रेलवे ट्रैक पर सीमेंट के भारी भरकम ब्लॉक मिले हैं। हालांकि गनीमत ये रही कि फुलेरा से अहमदाबाद जा रही मालगाड़ी का इंजन सीमेंट ब्लॉक से टकराया तो, लेकिन उन्हें तोड़ते हुए आगे निकल गया। यह घटना रविवार रात करीब 10:30 बजे की है। हालांकि, इसकी FIR सोमवार देर रात दर्ज की गई और आज यानी मंगलवार को जानकारी सामने आई। पुलिस ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है।
देश के अलग-अलग हिस्सों में रची जा रही ट्रेनों को बेपटरी करने की साजिश
अजमेर में ट्रैक पर मिले एक सीमेंट ब्लॉक का वजन करीब 70 किलो बताया जा रहा है। राज्य में पिछले 17 दिनों के अंदर यह तीसरा मामला है। इससे पहले 28 अगस्त को राजस्थान में ही बारां के छबड़ा में मालगाड़ी के ट्रैक पर बाइक का स्क्रैप फेंका गया था। इंजन बाइक के कबाड़ से टकरा गया था। वहीं, 23 अगस्त को पाली में अहमदाबाद-जोधपुर वंदे भारत ट्रैक पर रखे सीमेंट के ब्लॉक से टकरा गई थी। इस तरह की घटनाओं का सिलसिला चल पड़ा है। पिछले तीन महीने में कुल 9 घटनाएं हो चुकी हैं।
यूपी में भी एक महीने में हो चुकी हैं तीन घटनाएं
उत्तरप्रदेश के कानपुर में इसी महीने 8 सितंबर को ट्रैक पर गैस सिलेंडर रख कालिंदी एक्सप्रेस को बेपटरी या धमाके से पलटने की कोशिश की गई। ट्रैक के आसपास कई ऐसी चीजें मिली हैं जो संकेत देती हैं कि साजिशकर्ता ट्रेन को पलटा कर या बेपटरी कर आग के हवाले करना चाहते थे। इससे पहले 16 अगस्त को साबरमती एक्सप्रेस कानपुर के गोविंदपुरी में ट्रैक पर रखे बोल्डर से टकराई थी। 24 अगस्त को फर्रुखाबाद से कासगंज जा रही पैसेंजर ट्रेन के ट्रैक पर लकड़ी का बड़ा टुकड़ा रखा था। स्पीड कम होने से हादसा नहीं हुआ था।
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SC: 69000 शिक्षक भर्ती पर HC के नई मेरिट लिस्ट तैयार करने के आदेश पर रोक, 23 सितंबर को SC में होगी अगली सुनवाई
New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें उसने (हाईकोर्ट) यूपी सरकार से 69 हजार सहायक शिक्षकों की नई मेरिट लिस्ट तैयार करने को कहा था। देश की सर्वोच्च अदालत ने जून 2020 और जनवरी 2022 में जारी उत्तर प्रदेश के शिक्षकों की चयन सूचियों को रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश पर भी रोक लगा दी। इसमें 6,800 उम्मीदवार शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया है और कहा कि हम इस पर फाइनल सुनवाई करेंगे। SC ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के अध्ययन के लिए समय चाहिए। अब अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।
बता दें कि 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर लखनऊ में बीते 10 दिनों से लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकार जल्द नई मेरिट लिस्ट जारी करे। दरअसल 16 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69000 शिक्षकों की भर्ती की जून और 2020 और जनवरी 2022 की मेरिट लिस्ट रद्द कर दी थी। बेंच ने सरकार को सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट नए सिरे से जारी करने का आदेश भी दिया था। बेसिक शिक्षा विभाग को 3 महीने में नई चयन सूची जारी करनी थी।
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Mpox: क्या भारत पहुंच गया मंकीपॉक्स?, संदिग्ध को किया गया आइसोलेट, हालत स्थिर
Mpox: अफ्रीकी देशों में कहर मचाने के बाद मंकीपॉक्स का संक्रमण दुनिया के कई देशों में फैल चुका है। अमेरिका-ब्रिटेन सहित कई एशियाई देशों में भी मंकीपॉक्स का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। इस बीच, भारत में भी मंकीपॉक्स के एक संदिग्ध रोगी की पहचान हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। हालांकि संदिग्ध रोगी के बारे में बहुत ज्यादा नहीं बताया गया है। लेकिन मंत्रालय ने जानकारी दी है कि संदिग्ध ने हाल ही में मंकीपॉक्स का संक्रमण झेल रहे एक देश की यात्रा की थी। फिलहाल उसे मंकीपॉक्स के लिए तय किए गए एक अस्पताल में आइसोलेट किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि फिलहाल संदिग्ध रोगी की हालत स्थिर है। एमपॉक्स की मौजूदगी की पुष्टि के लिए उसके नमूनों का परीक्षण किया जा रहा है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि उसके लक्षण एनसीडीसी द्वारा पहले से बताए गए लक्षणों के अनुरूप ही हैं। मंत्रालय ने यह भी साफ किया कि इसे लेकर पर्याप्त सावधानी बरती जा रही है और सभी प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जा रहा है। देश ऐसे अलग यात्रा-संबंधी मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
बता दें कि मंकीपॉक्स से मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के देश सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कांगो में अब तक 18 हजार से अधिक संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जबकि कम से कम 610 लोगों की इससे जान जा चुकी है। मंकीपॉक्स संक्रमण को चूंकि कई मामलों में गंभीर और जानलेवा माना जाता है इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे ‘ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित’ कर दिया था। मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत में भी बीते दिनों अलर्ट जारी किया गया था।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स संक्रमण?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक पोस्ट में बताया था, एमपॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो संक्रमित वस्तुएं, निकट संपर्क, और शरीर के तरल पदार्थों से फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई वस्तुएं जैसे कपड़े, चादर, तौलिए आदि के इस्तेमाल से बचें। संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थ या घाव के संपर्क में आने से भी संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। सामुदायिक तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
कितने दिनों तक रहता है असर?
मंत्रालय ने कहा था, कुछ स्थितियों में संक्रमण का असर दो-चार सप्ताह तक रह सकता है। हालांकि अगर मरीजों का समय पर निदान होकर सहायक उपचार मिल जाए तो उनके ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा यदि किसी में लक्षण दिखाई दें या संक्रमित रोगियों के संपर्क में आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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