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ऑनलाइन होंगी विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं, घर से कॉपी लिखकर लाएंगे परीक्षार्थी

रायपुर: कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं अब केंद्रों में नहीं, बल्कि ऑनलाइन या ब्लेंडेड मोड में होंगी। परीक्षार्थी कॉपी घर से लिखकर विश्वविद्यालय अथवा कॉलेजों में जमा करेंगे। परीक्षाएं कैसे होगी इसका निर्धारण विश्वविद्यालयों की कार्य परिषद द्वारा किया जाएगा। बता दें कि पिछले साल भी विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं ब्लेंडेड मोड पर कराई गई थीं। परीक्षार्थी को वॉट्सएप या मेल के जरिए प्रश्नपत्र भेजे गए। उन्होंने घर पर ही उनका उत्तर लिखा और बाद में कॉलेजों, अध्ययनशालाओं में उन्हें जमा किया गया।
राज्य शासन ने प्रदेश के सभी सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों, शासकीय तथा प्राइवेट कॉलेजों में पढ़ाई, लिखाई और परीक्षा के संबंध में गुरुवार को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जारी निर्देश के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2021-22 के सेमेस्टर पद्धति वाले सभी पाठ्यक्रमों की प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं ऑनलाइन, ब्लेंडेड मोड में आयोजित की जाएंगी।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश में विद्यार्थियों की कॉलेजों में भौतिक उपस्थिति तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित करते हुए सभी कक्षाओं की पढ़ाई ऑनलाइन पद्धति से करने कहा गया है। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में केवल विद्यार्थियों के आने की मनाही है। प्राध्यापक और कर्मचारी एक तिहाई उपस्थिति वाले रोस्टर पद्धित में आएंगे।
कॉलेज आने वाले प्राध्यापक यहीं से ऑनलाइन कक्षाएं लेंगे। वहीं घर पर रहने वाले प्राध्यापकों को घर से ही ऑनलाइन कक्षाएं लेनी होंगी। प्राध्यापक ऑनलाइन कक्षाएं महाविद्यालय की समय-सारिणी अनुसार नियत समय पर ही लेंगे।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि महाविद्यालय के गैर-शैक्षणिक कार्य रोस्टर पद्धित अनुसार उपस्थित कर्मचारियों द्वारा कॉलेज में उपस्थित होकर किया जाएगा। वहीं शेष समस्त कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम पद्धति से मोबाइल तथा ऑनलाइन प्रक्रिया से कार्यों में सहयोग करेंगे। आदेश में यह भी कहा गया है कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी समक्ष अधिकारी द्वारा अनुमति लेकर ही मुख्यालय से बाहर जाएंगे।
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Chhattisgarh: कांकेर में जो है वो प्रदेश में कहीं नहीं, इस मामले में इकलौता जिला बना कांकेर

Kanker News: कांकेर जिले के लोगों के लिए आज का दिन स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से काफी बड़ा रहा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांकेर जिला अस्पताल में एमआरआई मशीन का शुभारंभ किया। इसी के साथ कांकेर का जिला अस्पताल प्रदेश का पहला ऐसा जिला अस्पताल बन गया, जहां जांच के लिए एमआरआई मशीन की सुविधा है। अस्पताल में 6 करोड़ 49 लाख की लागत से स्थापित की गई एमआरआई मशीन की मदद से विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों का कई बीमारियों में सटीक इलाज कर सकेंगे।
आधुनिक चिकित्सा में एमआरआई मशीन है जरूरी
कांकेर जिला अस्पताल में एमआरआई मशीन की सुविधा शुरू होने से मरीजों को MRI के लिए बड़े शहरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। आधुनिक चिकित्सा में एमआरआई मशीन एक विशेष चिकित्सा जांच उपकरण है, जिससे अनेकों बीमारियों की त्वरित जांच कर उसके निदान में सफलता पाई जा सकती है। एमआरआई स्कैन का इस्तेमाल मस्तिष्क, हड्डियों व मांसपेशियों, सॉफ्ट टिश्यू, चेस्ट, ट्यूमर-कैंसर, स्ट्रोक, डिमेंशिया, माइग्रेन, धमनियों के ब्लॉकेज और जेनेटिक डिसऑर्डर का पता लगाने में होता है। बीमारी की सटीक जानकारी और इलाज की दिशा तय करने के लिए यह जांच होती है।

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Raipur Development Authority: एकमुश्त राशि जमा करने पर सरचार्ज राशि में छूट, इस तारीख तक मिलेगा लाभ

Raipur: रायपुर विकास प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में बकायादारों के लिए अच्छी ख़बर है। यदि आप 31 मार्च 2023 तक एकमुश्त राशि जमा करेंगे, तो सरचार्ज राशि में छूट मिलेगी। इसमें सबसे ज्यादा बकाया राशि पुरानी योजनाओं बॉम्बे मार्केट, बोरियाखुर्द, हीरापुर, रायपुरा और ट्रांसपोर्ट नगर रांवाभाठा के आवंटितियों पर है। नई स्कीम के तहत आवंटितियों को एक मुश्त राशि जमा करने पर उन्हें बड़ी राहत मिल सकती है।
आरडीए के सीईओ धर्मेश कुमार साहू के अनुसार नियमित भुगतान नहीं करने के कारण सरचार्ज की राशि लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण की ओर से 31 मार्च तक दी जा रही छूट पर एकमुश्त राशि का भुगतान करने पर आवंटितियों को 50 प्रतिशत और 30 प्रतिशत की छूट से काफी लाभ हो रहा है। RDA के सीईओ ने सभी बकायादारों से अपील की है कि वे रायपुर विकास प्राधिकरण की ओर से दी जा रही इस छूट के शानदार मौके का लाभ उठाएं। इससे उन्हें आर्थिक लाभ होगा और बचत भी होगी।

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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में दस नए खेलो इंडिया केन्द्रों की मंजूरी, प्रतिभाओं को निखारने में मिलेगी मदद

Khelo India: भारतीय खेल प्राधिकरण साई ने छत्तीसगढ़ में खेलो इंडिया स्कीम के तहत दस नए खेलो इंडिया लघु केन्द्रों की स्थापना की मंजूरी दी है। ये दसों केन्द्र अलग-अलग जिलों में एक-एक खेल के लिए खोले जाएंगे। इन नए खेलो इंडिया लघु केंद्रों में हॉकी, कुश्ती, फुटबाल, कबड्डी और तीरंदाजी का प्रशिक्षण दिया जाएगा और इन केन्द्रों को साई वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। नए केंद्रों को मिलाकर अब प्रदेश में खेलो इंडिया स्कीम के तहत कुल केंद्रों की संख्या 24 हो गई है।
भारतीय खेल प्राधिकरण ने बस्तर में हॉकी, धमतरी में कुश्ती, जांजगीर चांपा में हॉकी, कोरबा में फुटबॉल, बलरामपुर में फुटबॉल, बेमेतरा में कबड्डी, दंतेवाड़ा में तीरंदाजी, महासमुंद में तीरंदाजी, मुंगेली में फुटबॉल और सूरजपुर में फुटबॉल खेल के लिए नए खेलो इंडिया लघु केंद्र स्वीकृत किए गए हैं। इससे पहले जिला नारायणपुर में मलखम्भ, बीजापुर में तीरंदाजी, शिवतराई बिलासपुर में तीरंदाजी, गरियाबंद में वालीबॉल, सरगुजा में फुटबॉल, जशपुर में हॉकी एवं राजनांदगांव में हॉकी की खेलो इण्डिया लघु केन्द्र खोलने की कार्यवाही प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में 10 नए खेलो इंडिया केन्द्र की मंजूरी मिलने पर कहा कि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को अपनी खेल प्रतिभा को निखारने का अच्छा अवसर प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन केन्द्रों में प्रशिक्षण से आने वाले समय में ये खिलाड़ी न सिर्फ राज्य में बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रदेश और देश का नाम रौशन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह ‘खेलबो जीतबो गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की परिकल्पना को साकार करने में एक और सार्थक कदम सिद्ध हुआ है।

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Raipur: अपराधी अब दिल में दफन नहीं रख सकेंगे राज, एम्स में खुल जाएगी पूरी पोल

Raipur AIIMS: छत्तीसगढ़ में अब अपराध की दुनिया की अनसुलझी गुत्थियों को सुलझाना ज्यादा आसान हो जाएगा। दरअसल रायपुर एम्स में अपराधियों के अंदर छुपे रहस्य को उजागर करने के लिए नारको टेस्ट की मंजूरी मिल गई है। विधानसभा में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने यह जानकारी दी है। गृहमंत्री साहू ने कहा कि अब बड़े अपराधों में इस्तेमाल किए जाने वाले नारको टेस्ट के लिए देश के बड़े राज्यों में नंबर नहीं लगाना पड़ेगा। राज्य सरकार ने नारको टेस्ट के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं और रायपुर एम्स के साथ मिलकर इसके लिए जरूरी मशीनें भी मंगा ली गयी हैं।
दुर्ग में खुलेगा एफएसएल कॉलेज
विधानसभा में अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने जानकारी दी है कि छत्तीसगढ़ पुलिस अपराधियों पर लगाम कसने के लिए लगातार नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है। बढ़ते हुए साइबर अपराधों पर नकेल कसने के लिए सभी पांच रेंज मुख्यालयों में साइबर थानों की स्थापना की जा रही है। अपराधों पर लगाम लगे इसके लिए दुर्ग में फारेंसिंक साइंस लेबोरेट्री कॉलेज की स्थापना भी की जाएगी। वर्तमान में प्रदेश के 11 जिलों में डायल 112 की सुविधा थी जिसमें अब 17 अन्य जिलों को भी शामिल कर लिया गया है।

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Chhattisgarh: बेरोजगारी भत्ता के लिए आदेश हुए जारी, 1 अप्रैल से हर महीने 2500 रुपए मिलेगा भत्ता

Unemployment Allowance Chhattisgarh: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 6 मार्च को बजट में शिक्षित बेरोजगार युवाओं को हर महीने 2500 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की थी। अब सरकार ने बजट घोषणा पर अमल करते हुए इसके आदेश जारी कर दिए हैं। राज्य के पात्र युवाओं को 1 अप्रैल से हर महीने अधिकतम 2 साल तक सरकार ढाई हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता देगी। हालांकि इसके लिए सरकार ने कुछ क्राइटेरिया तय किए हैं। जो भी बेरोजगार युवा इस दायरे में आएगा, उसे ही भत्ता दिया जाएगा।
बेरोजगारी भत्ता किन युवाओं को मिलेगा?
1.राज्य के मूल निवासी 18 से 35 वर्ष के युवाओं को अधिकतम 2 साल के लिए बेरोजगारी भत्ता मिलेगा।
2.पात्रता के लिए परिवार की वार्षिक आय ढाई लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
3.परिवार के केवल एक युवक को ही बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा।
4.आवेदन का नाम रोजगार पंजीयन कार्यालय में दर्ज होना चाहिए। साथ ही पंजीयन दो साल पुराना होना चाहिए।
5.भत्ता पाने के लिए कम से कम 12वीं पास होना जरूरी है।
6.परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी (ग्रुप डी या चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरी छोड़कर) में है, तो भत्ता नहीं मिलेगा।
7.पेंशन भोगी (10 हजार रुपए या उससे अधिक की मासिक पेंशन वाले) हैं, तो उनके परिवार के सदस्य को भत्ता नहीं मिलेगा।
8. इनकम टैक्स भर चुके परिवार के बेरोजगार युवा को भत्ता नहीं मिलेगा।
9. पूर्व एवं वर्तमान मंत्री, राज्य मंत्री, सांसद, पूर्व एवंं वर्तमान विधायक, निगम के पूर्व या वर्तमान मेयर, जिला पंचायत के पूर्व एवं वर्तमान अध्यक्ष के परिवार के सदस्य बेरोजगारी भत्ता के पात्र नहीं होंगे।
10. डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, सीए,आर्किटेक्ट पेशे वाले परिवार के युवाओं को भत्ता नहीं मिलेगा।
11. बेरोजगारी भत्ता लेने पर युवाओं को स्वरोजगार के लिए कौशल विकास की ट्रेनिंग मिलेगी। इंकार करने पर भत्ता नहीं दिया जाएगा।
12. हर 6 महीने में भत्ता लेने वालों की जांच होगी।

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