अर्थ जगत
दुनिया के रईसों के 100 क्लब में शामिल हुए मुकेश अंबानी, मार्क जुकरबर्ग और बिल गेट्स को देंगे टक्कर!

मुंबई:(Reliance Industries Limited) रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के मालिक मुकेश अंबानी ने 100 अरब डॉलर की संपत्ति वाले वेल्थ क्लब में अपनी जगह बना ली है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स (Bloomberg Billionaires Index) के अनुसार, इस साल मुकेश अंबानी की संपत्ति में 23.8 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, अब उनकी नेटवर्थ बढ़कर 100.1 अरब डॉलर हो गई है। ब्लूमबर्ग की लिस्ट में मुकेश अंबानी 11वें नंबर पर हैं।
100 अरब डॉलर वेल्थ क्लब(स्रोत: Bloomberg)
- एलन मस्क- 222 अरब (टेस्ला, स्पेस एक्स)
- जेफ बेजोस- 191 अरब (अमेजन)
- बर्नार्ड अर्नाट- 156 अरब (LVMH)
- बिल गेट्स- 128 अरब (माइक्रोसॉफ्ट)
- लैरी पेज- 125 अरब (गूगल)
- मार्क जुकरबर्ग-123 अरब (फेसबुक)
- सर्जी ब्रिन- 120 अरब (गूगल)
- लैरी एलिसन- 108 अरब (ऑरेकल)
- स्टीव वाल्मर- 106 अरब (माइक्रोसॉफ्ट)
- वॉरेन बफेट- 103 अरब (बर्कशायर हैथवे)
- मुकेश अंबानी-100.6 अरब (रिलायंस)
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EPFO: ईपीएफओ ग्राहकों के लिए खुशखबरी, ऑटो सेटलमेंट की सीमा 1 लाख से बढ़कर 5 लाख हुई

EPFO: ईपीएफओ ने अग्रिम दावों के लिए ऑटो-सेटलमेंट सीमा को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया है। इस फैसले से ईपीएफओ खाताधारकों को अचानक जरूरत पड़ने पर तेजी से पैसे मिल सकेंगे। विभाग की ओर से दी गई इस सुविधा का लाभ लाखों सदस्यों को मिलने की उम्मीद है। केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि EPFO ने सदस्यों को त्वरित वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान पहली बार अग्रिम दावों के ऑटो-सेटलमेंट की शुरुआत की थी।
दूसरी ओर, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सदस्यों के लिए एक और अच्छी खबर है। अब भुगतान की राशि का दावा करना पहले की तुलना में आसान हो गया है और इसके लिए चेक लीफ या पासबुक की जरूरत नहीं रह गई है। श्रम विभाग ने अपने एक्स हैंडल पर भी इससे जुड़ी जानकारी साझा की है।
विभाग ने लिखा है, “सदस्यों के लिए बड़ी खुशखबरी! अब अपना दावा दाखिल करना हुआ आसान – अब चेक लीफ या बैंक पासबुक की तस्वीरें अपलोड करने की जरूरत नहीं। नई सरलीकृत ऑनलाइन प्रक्रिया के साथ, अब आप बस कुछ ही क्लिक में अपने दावे प्रस्तुत कर सकते हैं। यह तेज, परेशानी मुक्त है, और आपका समय बचाने के लिए डिजाइन किया गया है।”
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Repo Rate: आरबीआई ने रेपो रेट में 0.50% की कटौती की, 5.5% हुआ रेपो रेट, घट सकती है आपकी EMI

Repo Rate: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रेपो रेट में बड़ी कटौती की है। आरबीआई ने इस बार रेपो रेट में सीधे-सीधे 50 बेसिस पॉइंट्स यानी 0.50 प्रतिशत की कटौती की है। बुधवार 4 जून से शुरू हुई मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद फैसलों की जानकारी RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने आज 6 जून को सुबह 10 बजे दी। आज के इस ताजा फैसले के बाद रेपो रेट अब 6.00 प्रतिशत से घटकर 5.50 प्रतिशत हो गया है।
इस साल रेपो रेट में हुई कुल 1% की कटौती
आरबीआई एमपीसी की इस साल फरवरी में हुई मीटिंग में ब्याज दरों को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया था। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की ओर से ये कटौती करीब 5 साल बाद की गई थी। फिर अप्रैल में हुई मीटिंग में भी ब्याज दर 0.25% घटाई गई। अब तीसरी बार दर घटाई गई है। यानी, मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने इस साल तीन बार में ब्याज दर को 1% घटाया गया है।
रेपो रेट के घटने से आम आदमी को किस तरह फायदा मिलेगा ?
रेपो रेट घटने के बाद बैंकों को आरबीआई से सस्ता लोन मिलेगा, तो वो भी आपके लिए हाउसिंग और ऑटो लोन्स पर ब्याज दरें कम कर सकते हैं। बैंक लोन पर ब्याज दरें कम होंगी, तो हाउसिंग डिमांड बढ़ेगी। ज्यादा लोग रियल एस्टेट में निवेश कर सकेंगे। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट मिलेगा।
आरबीआई रेपो रेट बढ़ाता और घटाता क्यों है?
किसी भी सेंट्रल बैंक के पास पॉलिसी रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है। जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है, तो सेंट्रल बैंक पॉलिसी रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। पॉलिसी रेट ज्यादा होगी तो बैंकों को सेंट्रल बैंक से मिलने वाला कर्ज महंगा होगा। बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देते हैं। इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होता है। मनी फ्लो कम होता है तो डिमांड में कमी आती है और महंगाई घट जाती है। इसी तरह जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में सेंट्रल बैंक पॉलिसी रेट कम कर देता है। इससे बैंकों को सेंट्रल बैंक से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है और ग्राहकों को भी सस्ती दर पर लोन मिलता है।
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GST Collection: मई में सरकार को जीएसटी से हुई बंपर कमाई, 2 लाख करोड़ के पार हुआ कलेक्शन

GST Collection: केंद्र सरकार ने रविवार को मई 2025 के लिए वस्तु एवं सेवा कर (GST) कलेक्शन के आंकड़े जारी कर दिए हैं। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक इस महीने कुल GST कलेक्शन 2.01 लाख करोड़ रुपए रहा, जो पिछले साल की तुलना में 16.4 फीसदी अधिक है। हालांकि मासिक आधार पर इसमें कमी दर्ज की गई है, क्योंकि अप्रैल 2025 में यह आंकड़ा 2.37 लाख करोड़ रुपए था, जो अब तक का ऑल टाइम हाई रहा है। यानी अप्रैल की तुलना में मई में GST कलेक्शन में करीब 36,000 करोड़ रुपए की गिरावट आई है।
राज्य सरकारों को कितना राजस्व मिला
आज जारी हुए सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मई 2025 में केंद्र सरकार को 35,434 करोड़ रुपए, जबकि राज्य सरकारों को 43,902 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। इसके अलावा 1.09 लाख करोड़ रुपए का इंटीग्रेटेड GST (IGST) और 12,879 करोड़ का उपकर (cess) संग्रहित हुआ है। इस बार GST रेवेन्यू में घरेलू लेनदेन से प्राप्त राशि 13.7 फीसदी की वृद्धि के साथ 1.50 लाख करोड़ रुपए रही है, जबकि आयात से मिलने वाला राजस्व 25.2 फीसदी की भारी बढ़ोतरी के साथ 51,266 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
इन राज्यों में हुआ शानदार जीएसटी कलेक्शन
राज्यों के स्तर पर बात करें तो महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे बड़े राज्यों में GST कलेक्शन में 17 से 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं, गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में यह वृद्धि अपेक्षाकृत कम रही और करीब 6 फीसदी रही। मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में औसतन 10 फीसदी की वृद्धि देखी गई है।
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Niti Aayog: जापान को पीछे छोड़ते हुए भारत बना दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था, 2.5-3 साल में तीसरे नंबर पर होंगे

Niti Aayog: नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने देश की अर्थव्यव्सथा पर टिप्पणी की है। नीति आयोग के CEO बी वी आर सुब्रह्मण्यम ने 24 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। सुब्रह्मण्यम ने कहा, “हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। हम 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हैं। आज भारत जापान से बड़ा है। अब केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी ही भारत से बड़े हैं।” उन्होंने कहा कि ह मेरा डेटा नहीं है। यह आईएमएफ का डेटा है। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि अगर हम जो सोचा जा रहा है, उस पर टिके रहते हैं, तो अगले 2.5 से 3 वर्षों की बात है, हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।
जापान से आगे निकला भारत
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत जापान से आगे निकलकर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। आईएमएफ की अप्रैल 2025 की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की नॉमिनल जीडीपी 4.187 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई है, जो जापान की अनुमानित जीडीपी 4.186 ट्रिलियन डॉलर से थोड़ा ज्यादा है। भारत की यह उपलब्धि मजबूत घरेलू मांग, अनुकूल जनसांख्यिकीय रुझानों, और नीतिगत सुधारों के कारण है। भारत की अर्थव्यवस्था 6-7% की एनुअल ग्रोथ रेट बनाए हुए है, जबकि जापान की अर्थव्यवस्था को ग्लोबल ट्रेड टेंशन और पॉलिसी चेंज के कारण नुकसान हुआ है।
2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है भारत
IMF और अन्य वैश्विक संस्थानों के अनुमानों के अनुसार, यदि भारत की वर्तमान वृद्धि दर बनी रहती है, तो 2028 तक भारत जर्मनी (4.9 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी) को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। भारत की जीडीपी 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर और 2028 तक 5.58 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इसके बाद केवल अमेरिका (30.57 ट्रिलियन डॉलर) और चीन (19.231 ट्रिलियन डॉलर) ही भारत से आगे रहेंगे।
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PF Interest Rate: ईपीएफ अकाउंट होल्डर्स के लिए बड़ी खुशखबरी, इस साल भी 8.25% ब्याज मिलेगा

PF Interest Rate:पीएफ अकाउंट होल्डर्स के लिए खुशखबरी है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार ने पीएफ पर 8.25% ब्याज देने की मंजूरी दे दी है। EPFO ने फरवरी में इस ब्याज दर का प्रस्ताव भेजा था, जिसे अब वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। इस फैसले के बाद अब देश के 7 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों के PF अकाउंट में ब्याज की रकम ट्रांसफर की जाएगी।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ब्याज दर पर निर्णय फरवरी 2024 में ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में लिया गया था, जिसमें श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता थी। इस बैठक में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 8.25% ब्याज दर बनाए रखने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बाद इसे वित्त मंत्रालय को अंतिम मंजूरी के लिए भेजा गया, जिसने इस पर अब मंजूरी दे दी है।
इस तरह, लगातार दूसरे साल ईपीएफ पर 8.25% की ब्याज दर रहेगी, जो भारत में फिक्स्ड इनकम सेविंग्स के लिए सबसे अच्छी दरों में से एक है। इससे लंबी अवधि तक बचत करने वाले निवेशकों को लाभ मिलेगा, खासकर जब बाजार में ब्याज दरें उतार-चढ़ाव का सामना कर रही हों। इससे पहले, 2022-23 के लिए यह दर 8.15% थी, जिसे फरवरी 2024 में 8.25% तक बढ़ाया गया। वहीं, 2020-21 में यह दर 8.1% थी, जो पिछले करीब 40 वर्षों में सबसे कम ब्याज दर थी।
PF जमा पर घोषित 8.25% ब्याज दर के हिसाब से अगर आपके EPF अकाउंट में 1 लाख रुपए जमा हैं, तो इस पर साल में 8,250 रुपए का ब्याज मिलेगा। वहीं PF अकाउंट में 1 अप्रैल 2024 तक (वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ओपनिंग बैलेंस) कुल 5 लाख रुपए जमा हैं। ऐसे में आपको 8.25% की ब्याज दर के हिसाब से 5 लाख पर 41,250 रुपए ब्याज के रूप में मिलेंगे।
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