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MP News: दिल्ली की घटना से सबक, मुख्यमंत्री ने बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण कर सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए
Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने शनिवार शाम 7 बजे के करीब दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राउ आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पानी भरने से तीन स्टूडेंट्स की मौत की घटना को दु:खद और दर्दनाक बताया है। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक में इस घटना को देखते हुए मध्यप्रदेश के बेसमेंट में संचालित कोचिंग केंद्रों के सर्वे के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रदेश में वर्षा की स्थिति और कुछ जिलों में बाढ़ की आशंका के संबंध में समीक्षा बैठक के दौरान ये निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री ने अनेक जिलों के कलेक्टर्स-कमिश्नर्स के साथ प्रदेश में अतिवर्षा की स्थिति में आवश्यक प्रबंधों के संबंध में चर्चा कर जरूरी निर्देश दिए।
बैठक में प्रमुख सचिव नगरीय विकास नीरज मंडलोई ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के परिपालन में प्रदेश में बेसमेंट में चल रहे कोचिंग के स्थानों में जल भराव होने पर जल निकासी की व्यवस्था देखने और सुरक्षित विद्युत व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा विभिन्न नगरों- कस्बों में निचली बस्तियों में भी आवश्यक सावधानियां बरतने एवं कच्चे मकानो में बिजली के करंट फैलने से वर्षा काल में उत्पन्न होने वाली समस्या के प्रति सजग रहने के निर्देश दिए गए हैं।
सेना की जरूरत हो तो कलेक्टर्स समय पर बताएं
बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि वर्षा काल में प्रदेश में कहीं भी जन हानि न हो, इसके लिए सभी कलेक्टर्स अपने नेतृत्व में जिलों में प्रशासनिक अमले को दायित्व सौंपे। बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्य करे। संबंधित अमला चैतन्य रहे और घटना-दुर्घटना के पूर्व आम जनता को आगाह भी किया जाए। अतिवर्षा या बाढ़ की चुनौती से निपटने के लिए समन्वय में कोई कमी नहीं रहना चाहिए। लोगों की जीवन रक्षा के लिए कहीं सेना की जरूरत हो तो कलेक्टर्स समय पर बताएं।
रपटों और पुलों पर सावधानी के निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि लोक निर्माण विभाग ऐसे पुल-पुलियों की जानकारी संकलित कर, जहां दुर्घटनाएं पूर्व में हुई हैं, ऐसे रपटों और पुलों पर प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करे। पुलों पर पानी का भराव हो तो लोगों को न जाने दें। बांधों से पानी छोड़ें तो प्रभावित होने वाले जिलों को अलर्ट करें। तैराक दल भी ऐसे स्थानों पर उपलब्ध रहें। स्थानीय स्तर पर तालमेल रहे। जिलों और तहसीलों की परस्पर जानकारी रहे। अति वर्षा की स्थिति और बाढ़ की चुनौती से प्रशासन को निपटना है।
कंट्रोल रूम में तैनात अफसर-कर्मचारी सजग रहें
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कोई जनहानि न हो, इसके लिए सजग रहें। निरंतर मानीटरिंग होती रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कंट्रोल रूम की ड्यूटी वाले अधिकारी- कर्मचारी 24 घंटे चैतन्य रहें। जरूरत के अनुसार स्काउट- गाइड और सेवा भावी संस्थाओं की सेवाएं अति वर्षा की स्थिति में प्राप्त करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षा के दिनों में पेयजल आपूर्ति में स्वच्छता का ध्यान रखें। वर्षाकाल में उत्पन्न समस्याओं के कारण मवेशियों की मृत्यु भी हो जाती है। कहीं मृत मवेशी न रखे रहें, उनको उठवाने का कार्य समय पर किया जाए।
मंदिरों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित करें
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सावन के महीने में मंदिरों में श्रद्धालुओं का आना- जाना निरंतर होता है। इसका जिला वार आकलन किया जाए। त्यौहारों पर नागरिकों के धर्म स्थलों पर जाने के मार्ग और अथवा उन स्थानों पर भी आवश्यक सुरक्षा आवश्यक है, जो धर्मस्थल जल स्रोतों के पास या नदियों के पास हैं। ऐसी जगहों पर जहां जल स्तर बढ़ सकता है,वहां सुरक्षा की दृष्टि से निरंतर नजर रखी जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कमिश्नर उज्जैन, कलेक्टर शाजापुर ,कलेक्टर नर्मदा पुरम, कलेक्टर जबलपुर और कलेक्टर कटनी से वर्षा की स्थिति और बाढ़ की आशंका के संबंध में जानकारी प्राप्त कर निर्देश दिए।
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MP Cabinet: प्रदेश के हर जिले में बनेगा पुलिस बैंड, 932 नए पद सृजित, सरकारी भवनों में सोलर रूफ टॉप संयंत्रों की स्वीकृति
Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई। प्रदेश को वर्ष 2028 तक गरीबी मुक्त बनाने का महत्वाकांक्षी निर्णायक कदम उठाते हुए मंत्रि-परिषद ने ‘गरीब कल्याण मिशन’ के क्रियान्वयन की स्वीकृति दी। मिशन का उद्देश्य राज्य के गरीब और वंचित वर्गों का आर्थिक उत्थान करते हुये उनकी आय को न्यूनतम आय के स्तर तक लाना है। गरीब कल्याण मिशन संयुक्त रूप से पंचायत एवं ग्रामीण विकास और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा अन्य विभागों के सहयोग से क्रियान्वित किया जायेगा।
गरीब कल्याण मिशन मुख्यतः तीन घटकों यथा बहु-आयामी गरीबी इण्डेक्स में सुधार, आजीविका सुदृढ़ीकरण और विद्यमान संगठनों के सशक्तिकरण पर केन्द्रित है। बहु आयामी गरीबी इण्डेक्स के मुख्य बिन्दु महिलाओं और बच्चों का पोषण सुनिश्चित करना, शिशु मृत्यु दर कम करना, गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य सुनिश्चित करना, माध्यमिक शिक्षा सुनिश्चित करना, माध्यमिक कक्षा तक के छात्रों की स्कूल में उपस्थिति, भोजन पकाने के लिए समुचित ईंधन उपलब्धता, स्वच्छता, पेयजल उपलब्धता, विद्युत कनेक्शन, आवास निर्माण, परिवारों के पास संसाधन उपलब्धता, बैंक खाता की उपलब्धता के साथ वित्तीय समावेश में सुधार किया जायेगा।
गरीब कल्याण मिशन-2028, स्थानीय समुदाय के सशक्तिकरण के माध्यम से वर्तमान शासकीय योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करते हुये राज्य की जनता को आत्मनिर्भरता और समृद्धि के पथ पर अग्रसर करने में सहायक सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वर्ष-2024 के स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर ‘गरीब कल्याण मिशन-2028’ की घोषणा की थी।
प्रत्येक जिले में पुलिस बैण्ड की स्थापना के लिए नवीन पदों के सृजन की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश के जिलों में पुलिस बैण्ड की स्थापना के लिए कुल 932 नवीन पदों के सृजन की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसमें 10 निरीक्षक बैण्ड, 38 उप निरीक्षक बैण्ड, 72 सहायक उप निरीक्षक बैण्ड, 170 प्रधान आरक्षक बैण्ड और 642 आरक्षक बैण्ड के पद शामिल हैं।
शासकीय भवनों में सोलर रूफ टॉप संयंत्रों की स्थापना की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा “पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना” अंतर्गत प्रदेश के शासकीय भवनों में सोलर रूफ टॉप संयंत्रों की स्थापना की स्वीकृति दी है। सोलर रूफ टॉप संयंत्रों की स्थापना मिशन मोड में वर्ष 2025-26 तक की जाना है। जिला स्तर पर 20 किलोवॉट और उससे अधिक क्षमता वाले शासकीय भवनों को एग्रीगेट कर निविदा के माध्यम से रेस्को पद्धति या कैपेक्स मोड में म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड द्वारा योजना का क्रियान्वयन किया जायेगा। केन्द्र सरकार द्वारा “पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना” प्रारम्भ की गई है। इस योजना के विभिन्न घटकों में घरेलू क्षेत्र में सोलर रूफ टॉप की स्थापना के साथ ही प्रदेश के शासकीय भवनों में सोलर रूफ टॉप संयंत्रों की स्थापना की जाना है।
सभी शासकीय भवनों में सोलर रूफ टॉप संयंत्र की स्थापना एवं संचालन की मॉनिटरिंग “पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना” के अंतर्गत निर्मित की गई “राज्य स्तरीय समन्वय समिति” एवं “जिला स्तरीय समिति” द्वारा की जायेगी। सभी विभाग अपने भवनों पर और सभी जिला कलेक्टर जिले के शासकीय भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिये एक्शन प्लान तैयार कर “राज्य स्तरीय समन्वय समिति” के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। इस योजना के सफल एवं दक्षतापूर्ण क्रियान्वयन से निश्चित ही प्रदेश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होगा।
डायल-100 सेवा के द्वितीय चरण के संचालन के लिए 1565 करोड़ रूपये की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा एकीकृत पुलिस कॉल सेन्टर एवं नियंत्रण कक्ष तंत्र (डायल-100) सेवा के द्वितीय चरण अप्रैल-2025 से सितम्बर-2030 तक (5 वर्ष 06 माह) के संचालन के लिए 1200 फर्स्ट रिस्पांस व्हीकल (एफआरवी) के साथ कुल अनुमानित राशि 1565 करोड़ रुपए की परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गयी।
“मुख्यमंत्री मछुआ समृद्धि योजना” को वर्ष 2025-26 तक निरंतर रखे जाने का निर्णय
मंत्रि-परिषद द्वारा “मुख्यमंत्री मछुआ समृद्धि योजना” को आगामी 2 वर्षों (वर्ष 2024-25 एवं वर्ष 2025-26) में निरंतर रखे जाने का निर्णय लिया गया है। योजना में ग्रामीण तालाबों में मत्स्य बीज उत्पादन/ मत्स्यपालन, ग्रामीण तालाबों में झींगा पालन, मत्स्यपालकों को प्रशिक्षण, किसान क्रेडिट कार्ड (ब्याज अनुदान), स्मार्ट फिश पार्लर की स्थापना, एकीकृत सूचना प्रणाली का विकास, राज्य मछली महाशीर का संरक्षण आदि कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए राशि 100 करोड़ रुपए राज्यांश स्वीकृत किया गया है।
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MP News: अयोध्या की तरह होगा चित्रकूट धाम का विकास: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
Chitrakoot: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि चित्रकूट धाम का विकास अयोध्या की तरह ही जाएगा। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि चित्रकूट धाम में भगवान श्रीराम के ऐतिहासिक काल को जोड़ते हुए, यहां के वैभव को स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चित्रकूट के समग्र विकास का प्लान समेकित रूप से बने और सबके सहयोग से क्रियान्वित किया जाये। उन्होंने कहा कि चित्रकूट में अनेक सामाजिक संस्थाओं द्वारा समाज सेवा तथा अन्य विकास कार्य किये जा रहे हैं। धार्मिक स्थल में होने वाले मेले और अवसरों पर तीर्थ यात्रियों तथा पर्यटकों की सुविधाओं के लिए इन संस्थाओं के कार्यों से भी जोंडे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को चित्रकूट में चित्रकूट के समग्र विकास के लिये प्रगतिरत एवं प्रस्तावित कार्यों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चित्रकूट का समग्र विकास हमारी प्राथमिकता है। यहाँ बेहतर विकास हो और आध्यात्मिक वैभव के साथ चित्रकूट का मूल स्वरूप कायम रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मां मंदाकिनी की स्वच्छता और निर्मलता के साथ वाटर रिचार्ज का भी अभियान स्वयंसेवी संस्थाओं एवं जनभागीदारी से चलाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे आश्रम, संस्थाएं मिलकर भूगर्भ के जल संभरण और संरक्षण का अभियान चलाये। चित्रकूट में चल रहे विभिन्न प्रकल्पों को और कैसे मजबूत बनायें जिससे हमारा समाज और क्षेत्र स्वावलम्बी बन सके।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चित्रकूट विष्वविद्यालय और समाजसेवी संस्थाएँ स्वावलम्बी समाज बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। चित्रकूट की हमारी पुरातन संस्कृति और परंपरागत पहचान को कायम रखते हुए कई विषयों को जोडकर विकास के कार्य होने चाहिए। गौ-शालाएँ, गौ-पालन, स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में सबके सहयोग से कार्य हो। चित्रकूट के अमावस्या मेला और दीपावली मेले में भीड प्रबंधन के लिए रोप-वे के विकल्प की भी संभावनाएं तलाशी जा सकती है। मेले में वाहनों की पार्किंग के स्थानों के लिए कन्ट्रोल रूम बनाएं। उन्होंने कहा कि सडकों का चौडीकरण और सुदृढ़ीकरण का कार्य गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण हो। मुख्यमंत्री ने मोहकमगढ से पीली कोठी तक बनने वाली सड़क का कार्य दोनों सिरों से शुरू करने के निर्देश दिये।
नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि कामदगिरी परिक्रमा मार्ग में सुविधाओं के विकास की जरूरत है। परिक्रमा में साफ-सफाई के उचित प्रबंध भी होने चाहिए। दान दाताओं के लिए भी सुनियोजित स्थान तय करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चित्रकूट में मंगलवार को भगवान कामतानाथ के प्राचीन मुखारविंद के दर्शन कर पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री ने चित्रकूट में वन देवी मंदिर जाकर दर्शन और पूजा अर्चना की। उन्होंने वन देवी मंदिर में वन विभाग द्वारा किए जा रहे निर्माण और विकास कार्यों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राम पथ गमन से जुडे इस प्राचीन और पौराणिक स्थल की मान्यता है कि वन देवी शक्ति स्वरूपा मां पार्वती की शक्ति पीठ है। वन देवी मंदिर के विकास को भी राम वन गमन पथ के विकास प्लान में शामिल किया गया है।
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MP News: धार्मिक नगरों में लागू होगी शराबबंदी, सिंहस्थ-2028 में क्षिप्रा नदी के जल से ही होगा स्नान: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
Bhopal/Ujjain: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार नीति में सुधार कर, धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू करने पर विचार कर रही है। इस संबंध में साधु-संतों द्वारा दिए गए सुझावों पर राज्य सरकार गंभीर है। धार्मिक नगरों का वातावरण प्रभावित होने संबंधी शिकायतें प्राप्त होती रहती हैं। हमारा प्रयास है कि इन नगरों की पवित्रता अक्षुण्ण रहे। अत: राज्य सरकार जल्द ही निर्णय लेकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निवास से मीडिया के लिए जारी संदेश में यह विचार व्यक्त किए।
सिंहस्थ 2028 में श्रद्धालु क्षिप्रा जल से ही स्नान करेंगे
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोमवार को केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल के साथ उज्जैन में 614.53 लाख रुपए की सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का भूमि-पूजन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2028 के सिंहस्थ में श्रद्धालु क्षिप्रा जल से स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी और कान्ह क्लोज डक्ट परियोजनाओं के पूरा होने से यह संकल्प पूरा होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में विकास कारवां निरंतर चलता रहेगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह भी कहा कि सिंहस्थ 2028 को दृष्टिगत रखते हुए साढ़े 12 हजार बीघा क्षेत्र में हरिद्वार की तरह विकास कार्य किए जायेंगे।
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Indore: मुख्यमंत्री ने अष्टधातु से बनी मां नर्मदा की प्रतिमा का किया अनावरण, बोले-नर्मदा परिक्रमा पथ किया जायेगा विकसित
Indore: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शनिवार को इंदौर में अष्टधातु से निर्मित मां नर्मदा की प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मां नर्मदा के परिक्रमा पथ का श्रद्धालुओं की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए विकास किया जाएगा। इसके लिए मंत्रि-मंडलीय उप समिति का गठन किया गया है। परिक्रमा पथ के विकास के लिए सभी संबंधित विभागों के समन्वित प्रयासों से विशेष कार्य योजना तैयार कर विकास कार्य कराये जाएंगे। परिक्रमा पथ पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाटों के विकास, वृक्षारोपण, आवास निर्माण, अन्न क्षेत्र निर्माण आदि कार्य किये जाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मां नर्मदा आध्यात्मिक रूप से विशेष महत्व रखती है। यह एकमात्र ऐसी नदी है जिसकी श्रद्धालुओं द्वारा पूरी परिक्रमा की जाती है। इसके तट तपोभूमि और साधना स्थली है। उन्होंने कहा कि मां नर्मदा की परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा, इसके लिए हम योजना तैयार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े सभी स्थलों को तीर्थ स्थल के रूप में भी विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मां नर्मदा का इंदौर में विशेष महत्व एवं आशीर्वाद है। इंदौर की लोकमाता देवी अहिल्याबाई पर मां नर्मदा का विशेष आशीर्वाद रहा है। इस नदी का जगत गुरु शंकराचार्य ने नर्मदा तट पर ही दीक्षा ग्रहण की। इंदौर में नर्मदा का भरपूर पेयजल मिल रहा है। इससे इंदौर के विकास को नई गति मिली है।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने नर्मदा चौराहे के विकास के संबंध में किए गए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चौराहे के सौंदर्यीकरण अन्तर्गत किये गये कार्यों में माँ नर्मदा की प्रतिकृति, शंख फाउंटेन और महेश्वर का किला आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। इस चौराहे पर मां नर्मदा की 8 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित की गई है। इसकी चौड़ाई 8 फीट है। इसके नीचे मगर की प्रतिकृति भी है। मां नर्मदा की यह मूर्ति अष्ट धातु से बनी है, जिसे ग्वालियर के आर्टिस्ट अनुज राय ने तैयार किया है।
महापौर भार्गव ने बताया कि चौराहे का निर्माण दो चरणों में किया जा रहा है और इसे अलग-अलग थीम पर तैयार किया जा रहा है। एक आइलैंड पर महेश्वर का किला और दूसरे आइलैंड पर भेड़ाघाट की प्रतिकृति, शंख फाउंटेन और अन्य आकर्षक आकृतियां दिखाई देंगी। इन आकृतियों और ढांचा को एमएस धातु से तैयार किया गया है। एक खास बात यह है कि यह पूरा ढांचा चलित है, यानी यदि भविष्य में चौराहे को स्थानांतरित करने की आवश्यकता पड़ी, तो इसे आसानी से स्थातांरित किया जा सकता है। नर्मदा परिक्रमा की जानकारी को भी चौराहे पर आकर्षक रूप से प्रदर्शित किया गया है। कार्यक्रम के प्रारंभ में विधायक मधु वर्मा ने स्वागत उद्बोधन दिया।
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Ujjain: महाकाल लोक के पास बुलडोजर एक्शन की तैयारी, इतने मकानों होंगे ध्वस्त
Ujjain: बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में शनिवार की सुबह से बड़े बुलडोजर एक्शन की तैयारी है। इसके लिए पुलिस प्रशासन ने शुक्रवार रात से ही महाकाल लोक के पास तकिया मस्जिद क्षेत्र में मुनादी करा दी है। इस क्षेत्र में बसी निजामुद्दीन कॉलोनी में करीब 257 मकान बने हुए हैं। महाकाल मंदिर विस्तारीकरण कार्य के तहत इन सभी 257 मकानों को हटाया जाना है। शनिवार सुबह से प्रशासन की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
प्रशासन ने मकानों की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने से पहले सभी तरह की कानूनी और प्रशासनिक औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। प्रभावितों को दिए गए नोटिस की भी समय सीमा समाप्त हो चुकी है। हाईकोर्ट भी यहां के रहवासियों की याचिका खारिज कर चुका है। प्रशासन को यहां के रहवासियों को कुल 66 करोड़ रुपए मुआवजा बांटना है। जिसमें से 32 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जा चुका है।
मामले में एसडीएम लक्ष्मी नारायण गर्ग ने कहा कि यहां महाकाल विस्तारीकरण योजना के तहत कार्य होना है। लोगों को मुआवजा भी दिया जा रहा है। हाई कोर्ट ने भी रहवासियों की अपील खारिज कर दी है। लोगों ने स्वेच्छा से अपना सामान निकालना भी शुरू कर दिया है। यह पूरा क्षेत्र करीब सवा दो हेक्टेयर का है जिसे खाली करवाना है। मामले में एडिशनल एसपी नितेश भार्गव ने कहा कि सभी लोगों से अपील की गई है कि वह निर्देशों का पालन करें और शांति बनाए रखें।