Connect with us

ख़बर मध्यप्रदेश

MP Cabinet: प्रदेश के हर जिले में बनेगा पुलिस बैंड, 932 नए पद सृजित, सरकारी भवनों में सोलर रूफ टॉप संयंत्रों की स्वीकृति

Published

on

MP Cabinet: Police band will be formed in every district of the state, 932 new posts created, approval of solar roof top plants in government buildings

Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई। प्रदेश को वर्ष 2028 तक गरीबी मुक्त बनाने का महत्वाकांक्षी निर्णायक कदम उठाते हुए मंत्रि-परिषद ने ‘गरीब कल्याण मिशन’ के क्रियान्वयन की स्वीकृति दी। मिशन का उद्देश्य राज्य के गरीब और वंचित वर्गों का आर्थिक उत्थान करते हुये उनकी आय को न्यूनतम आय के स्तर तक लाना है। गरीब कल्याण मिशन संयुक्त रूप से पंचायत एवं ग्रामीण विकास और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा अन्य विभागों के सहयोग से क्रियान्वित किया जायेगा।

गरीब कल्याण मिशन मुख्यतः तीन घटकों यथा बहु-आयामी गरीबी इण्डेक्स में सुधार, आजीविका सुदृढ़ीकरण और विद्यमान संगठनों के सशक्तिकरण पर केन्द्रित है। बहु आयामी गरीबी इण्डेक्स के मुख्य बिन्दु महिलाओं और बच्चों का पोषण सुनिश्चित करना, शिशु मृत्यु दर कम करना, गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य सुनिश्चित करना, माध्यमिक शिक्षा सुनिश्चित करना, माध्यमिक कक्षा तक के छात्रों की स्कूल में उपस्थिति, भोजन पकाने के लिए समुचित ईंधन उपलब्धता, स्वच्छता, पेयजल उपलब्धता, विद्युत कनेक्शन, आवास निर्माण, परिवारों के पास संसाधन उपलब्धता, बैंक खाता की उपलब्धता के साथ वित्तीय समावेश में सुधार किया जायेगा।

गरीब कल्याण मिशन-2028, स्थानीय समुदाय के सशक्तिकरण के माध्यम से वर्तमान शासकीय योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करते हुये राज्य की जनता को आत्मनिर्भरता और समृद्धि के पथ पर अग्रसर करने में सहायक सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वर्ष-2024 के स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर ‘गरीब कल्याण मिशन-2028’ की घोषणा की थी।

प्रत्येक जिले में पुलिस बैण्ड की स्थापना के लिए नवीन पदों के सृजन की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश के जिलों में पुलिस बैण्ड की स्थापना के लिए कुल 932 नवीन पदों के सृजन की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसमें 10 निरीक्षक बैण्ड, 38 उप निरीक्षक बैण्ड, 72 सहायक उप निरीक्षक बैण्ड, 170 प्रधान आरक्षक बैण्ड और 642 आरक्षक बैण्ड के पद शामिल हैं।

Advertisement

शासकीय भवनों में सोलर रूफ टॉप संयंत्रों की स्थापना की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा “पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना” अंतर्गत प्रदेश के शासकीय भवनों में सोलर रूफ टॉप संयंत्रों की स्थापना की स्वीकृति दी है। सोलर रूफ टॉप संयंत्रों की स्थापना मिशन मोड में वर्ष 2025-26 तक की जाना है। जिला स्तर पर 20 किलोवॉट और उससे अधिक क्षमता वाले शासकीय भवनों को एग्रीगेट कर निविदा के माध्यम से रेस्को पद्धति या कैपेक्स मोड में म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड द्वारा योजना का क्रियान्वयन किया जायेगा। केन्द्र सरकार द्वारा “पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना” प्रारम्भ की गई है। इस योजना के विभिन्न घटकों में घरेलू क्षेत्र में सोलर रूफ टॉप की स्थापना के साथ ही प्रदेश के शासकीय भवनों में सोलर रूफ टॉप संयंत्रों की स्थापना की जाना है।

सभी शासकीय भवनों में सोलर रूफ टॉप संयंत्र की स्थापना एवं संचालन की मॉनिटरिंग “पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना” के अंतर्गत निर्मित की गई “राज्य स्तरीय समन्वय समिति” एवं “जिला स्तरीय समिति” द्वारा की जायेगी। सभी विभाग अपने भवनों पर और सभी जिला कलेक्टर जिले के शासकीय भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिये एक्शन प्लान तैयार कर “राज्य स्तरीय समन्वय समिति” के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। इस योजना के सफल एवं दक्षतापूर्ण क्रियान्वयन से निश्चित ही प्रदेश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होगा।

डायल-100 सेवा के द्वितीय चरण के संचालन के लिए 1565 करोड़ रूपये की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा एकीकृत पुलिस कॉल सेन्टर एवं नियंत्रण कक्ष तंत्र (डायल-100) सेवा के द्वितीय चरण अप्रैल-2025 से सितम्बर-2030 तक (5 वर्ष 06 माह) के संचालन के लिए 1200 फर्स्ट रिस्पांस व्हीकल (एफआरवी) के साथ कुल अनुमानित राशि 1565 करोड़ रुपए की परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गयी।

Advertisement

“मुख्यमंत्री मछुआ समृद्धि योजना” को वर्ष 2025-26 तक निरंतर रखे जाने का निर्णय

मंत्रि-परिषद द्वारा “मुख्यमंत्री मछुआ समृद्धि योजना” को आगामी 2 वर्षों (वर्ष 2024-25 एवं वर्ष 2025-26) में निरंतर रखे जाने का निर्णय लिया गया है। योजना में ग्रामीण तालाबों में मत्स्य बीज उत्पादन/ मत्स्यपालन, ग्रामीण तालाबों में झींगा पालन, मत्स्यपालकों को प्रशिक्षण, किसान क्रेडिट कार्ड (ब्याज अनुदान), स्मार्ट फिश पार्लर की स्थापना, एकीकृत सूचना प्रणाली का विकास, राज्य मछली महाशीर का संरक्षण आदि कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए राशि 100 करोड़ रुपए राज्यांश स्वीकृत किया गया है।

ख़बर मध्यप्रदेश

MP News: ग्वालियर में शक्कर कारोबारी के बेटे का अपहरण, घेराबंदी से घबराकर बच्चे को छोड़ा

Published

on

MP News: Sugar businessman's son kidnapped in Gwalior, scared of siege, child left

Gwalior: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में गुरुवार सुबह एक मासूम बच्चे के अपहरण का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आज सुबह करीब 8 बजे एक कारोबारी के बच्चे का उस समय अपहरण कर लिया गया, जब वह अपनी मां के साथ स्कूल बस पकड़ने के लिए जा रहा था। हालांकि ख़बर है कि पुलिस की घेराबंदी से घबराकर अपहरणकर्ता गुरुवार रात मुरैना के काजी बसई के पास बच्चे को मजदूरों के पास छोड़कर भाग गए। बच्चा को सकुशल बरामद कर लिया गया है। पुलिस ने भी शुरुआती जांच में मुरैना की गैंग पर संदेह जताया था।

वारदात के सामने आए सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि जब बच्चा अपनी मां के साथ गली में जा रहा होता है, तभी एक बदमाश पीछे से दौड़ते हुए आता है और बच्चे की मां की आंख में कुछ फेंककर बच्चे को उठाकर दौड़ लगा देता है। मां अपने बच्चे को छुड़ाने के लिए बदमाश के पीछे दौड़ती है, लेकिन कुछ दूरी पर गिर पड़ती है और बदमाश एक अन्य बदमाश के साथ मोटरसाइकिल पर बच्चे को बिठाकर भाग जाता है।

मुरार थाना क्षेत्र की सीपी कॉलोनी में जैन मंदिर के सामने हुई अपहरण की इस सनसनीखेज वारदात से पुलिस विभाग में हड़कंप की स्थिति है। मिली जानकारी के अनुसार, 6 वर्षीय शिवाय लिटिल एंजेल स्कूल में यूकेजी का छात्र है और अपनी मां आरती गुप्ता के साथ स्कूल बस पकड़ने के लिए सुबह 8 बजे घर से निकला था। शिवाय के पिता राहुल गुप्ता शहर के एक बड़े चीनी कारोबारी हैं। बच्चे के पिता ने किसी के साथ भी दुश्मनी या विवाद होने से इंकार किया है।

पुलिस ने घटना के बाद बदमाशों की धरपकड़ के लिए चारों तरफ कड़ी घेराबंदी कर दी है। सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन के आधार पर बदमाशों का सुराग लगाने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। बच्चे की सकुशल बरामदी के बाद अब पुलिस का पूरा फोकस जल्द से जल्द बदमाशों  को पकड़ना है। भिंड एसपी ने आरोपियों पर 2 लाख का इनाम रखा है। वहीं, ग्वालियर आईजी अरविंद सक्सेना ने आरोपियों पर 30 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। इस बीच, मुरार के व्यापारियों और दुकानदारों ने अपहरण की घटना की निंदा करते हुए अपनी दुकानें बंद रखीं।

Continue Reading

ख़बर मध्यप्रदेश

MP News: माध्यमिक एवं प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा को लेकर बड़ा अपडेट, तारीख में हुआ बदलाव

Published

on

MP News: Big update regarding secondary and primary teacher selection examination, change in date

Bhopal: मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल ने माध्यमिक एवं प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा के लिए आवेदन की तारीखों में बदलाव किया है। अब अभ्यर्थी 20 फरवरी तक परीक्षा के लिए आवेदन कर सकेंगे। आवेदन फॉर्म में संशोधन 25 फरवरी तक किया जा सकेगा। इससे पहले परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार मंडल ने अभ्यर्थियों से 28 जनवरी से 11 फरवरी 2025 यानी आज तक आवेदन मांगे थे। अभ्यर्थी 16 फरवरी तक अपने आवेदन में संशोधन करा सकते थे।

माध्यमिक एवं प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा के लिए आवेदन की तारीख में बदलाव के पीछे की वजह MPedistrict पोर्टल में मेंटनेंस का  कार्य होना है। दरअसल इसकी वजह से अभ्यर्थी जरूरी दस्तावेज नहीं बनवा पा रहे थे। इस मुद्दे को इंडियन ईडब्ल्यूएस यूनियन ने उठाया और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर परीक्षा आवेदन जमा करने की तारीख बढ़ाने की मांग की थी। मंडल ने इसे जायज मांग मानते हुए मंगलवार देर शाम आवेदन जमा करने की तारीख में संशोधन कर दिया।

बता दें कि यह परीक्षा 20 मार्च से दो शिफ्ट (सुबह 9 से 11 बजे और दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक) तक आयोजित की जाएगी। इसमें 80 हजार से अधिक अभ्यर्थियों के शामिल होने की उम्मीद है।

Continue Reading

ख़बर मध्यप्रदेश

MP Cabinet: औद्योगिक संवर्धन नीति 2025 को मिली स्वीकृति, लगभग 20 लाख रोजगार होंगे सृजित

Published

on

MP Cabinet: Industrial Promotion Policy 2025 approved, about 20 lakh jobs will be created

Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश को विकसित एवं समृद्ध राज्य बनाने के लिए औद्योगिक संवर्धन नीति 2025 की स्वीकृति दी गयी है। इसके अंतर्गत 10 सेक्टर विशिष्ट नीतियों यथा कृषि, डेयरी एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति, टेक्सटाइल नीति, परिधान, फुटवियर, खिलौने और सहायक उपकरण नीति, एयरोस्पेस और रक्षा उत्पादन प्रोत्साहन नीति, फार्मास्यूटिकल्स नीति, बायोटेक्नोलॉजी नीति, मेडिकल डिवाईसेस नीति, ईव्ही विनिर्माण नीति, नवकरणीय ऊर्जा उपकरण विनिर्माण नीति और हाई वेल्यू-एड विनिर्माता नीति को स्वीकृति दी गयी है।

औद्योगिक संवर्धन नीति 2025 का उदेश्य मध्य प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने और राज्य की वर्तमान जीडीपी को 2.9 लाख करोड़ रूपये से बढ़ाकर वर्ष 2030 तक लगभग 6 लाख करोड़ रूपये करने में उद्योगों का योगदान बढ़ाना है। निवेशकों को एक समग्र औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने के लिए विश्व स्तरीय औद्योगिक अधोसंरचना का विकास करना, एनवायरनमेंटली सस्टेनेबल इंडस्ट्रियल ग्रोथ और संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना, राज्य में रोजगार के अवसरों को बढ़ाना, विशेष रूप से रोजगार-गहन क्षेत्रों पर जोर देते हुए अगले पाँच वर्षों में लगभग 20 लाख नवीन रोजगार के अवसर सृजित करना,निवेशक सुविधा में सुधार करना और राज्य में व्यापार करने की प्रक्रिया को सरल बनाना और प्रदेश की योजनाओं को उद्योगों की आवश्यकताओं के साथ संरेखित कर भविष्य के लिए प्रशिक्षित कार्यबल तैयार करना है। इसके अंतर्गत वृहद और मेगा स्तर की औद्योगिक इकाई को निवेश प्रोत्साहन सहायता, सामान्य सहायता और अतिरिक्त सहायता के प्रावधान शामिल किये गये है।

कृषि, डेयरी एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति में विद्युत टैरिफ प्रतिपूर्ति 1 रूपये प्रति यूनिट 5 वर्षों के लिए प्रदाय की जायेगी। गुणवत्ता प्रमाणन के लिए प्रोत्साहन, 50% अथवा 5 लाख जो भी कम हो 5 वर्षों के लिए प्रदाय किया जायेगा। इसके साथ ही 75 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाले खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टामाईज्ड पैकेज के लिए पात्र होंगी।

टैक्सटाइल नीति के अंतर्गत्‍संयंत्र और मशीनरी के लिए गए टर्मलोन पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान सुविधा 5 वर्षों के लिए अधिकतम, 50 करोड़ रूपये प्रदाय की जायेगी। अपेरल प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना पर 25 प्रतिशत सहायता अधिकतम 50 लाख रूपये वित्तीय सहायता प्रदाय की जायेगी। साथ ही 500 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी की इकाईयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टमाईज्ड पैकेज के लिए पात्र होंगी।

परिधान, फुटवियर, खिलौने और सहायक उपकरण नीति में रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रति कर्मचारी 5 हजार रूपये प्रति माह 5 वर्षों तक, कुल 10 वर्षों की अवधि में प्रदान किये जायेंगे। प्रशिक्षण और कौशल विकास के लिए 13 हजार रूपये प्रति नए कर्मचारी के लिए 5 वर्षों तक प्रदान किया जायेगा। टर्मलोन पर 5% ब्याज अनुदान, अधिकतम 50 करोड़ रूपये दिया जायेगा। विकास शुल्क में 25% की रियायत देने के साथ स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क सहायता में 100 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। विद्युत टैरिफ रियायत के रूप में 1 रूपये प्रति यूनिट, अधिकतम 5 वर्षों के लिए प्रदान की जायेगी। अपेरल प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना पर 25 प्रतिशत सहायता अधिकतम 50 लाख रूपये प्रदाय की वित्तीय सहायता प्रदाय की जायेगी। इसके साथ ही 75 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी इकाइयां कस्टामाईज्ड पैकज के लिए पात्र होंगी।

Advertisement

एयरोस्पेस और रक्षा उत्पादन प्रोत्साहन नीति में विकास शुल्क में 25% की रियायत दी जायेगी। गुणवत्ता प्रमाणन के रूप मे 50% या 10 लाख रूपये की प्रतिपूर्ति, जो भी कम हो की जायेगी। साथ ही 500 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी इकाइयां कस्टामाईज्ड पैकज के‍लिए पात्र होंगी।

नवकरणीय ऊर्जा उपकरण विनिर्माण नीति में विकास शुल्क में 50% की रियायत दी जायेगी गुणवत्ता प्रमाणन लागत का 50% या 1 लाख रूपये जो भी कम हो, की प्रतिपूर्ति की जायेगी। 250 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी की इकाइयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टामाईज्ड पैकज के‍लिए पात्र होंगी।

फार्मास्यूटिकल्स नीति के अंतर्गत्‍गुणवत्ता प्रमाणन लागत का 50% या 1 करोड़ रूपये 5 वर्षों के लिए प्रदान किया जायेगा। अतिरिक्त निवेश पर 2 वर्षों का स्लैक अवधि प्रोत्साहन के रूप में दिया जायेगा। परीक्षण सुविधा की स्थापना में हुए व्यय का 50% पूंजी अनुदान अधिकतम 1 करोड़ रूपये प्रदान किया जायेगा। साथ ही 250 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी की इकाइयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टामाईज्ड पैकज के लिए पात्र होंगी।

बायोटेक्नोलॉजी नीति में इन-हाउस आर एंड डी के लिए यंत्र-संयंत्र एवं भवन का 50 प्रतिशत ईएफसीआई में सम्मिलित होगा। परीक्षण सुविधा की स्थापना में हुए व्यय का 50% पूंजी अनुदान अधिकतम 1 करोड़ रूपये प्रदान किया जायेगा। बायोटेक्नोलॉजी पार्क निजी औद्योगिक पार्क के समान सुविधा के लिए पात्र होंगे। 250 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी की इकाईयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टामाईज्ड पैकज के लिए पात्र होंगी।

मेडिकल डिवाइसेस नीति में आर एंड डी सुविधाएं विकसित करने के लिए 50 प्रतिशत ईएफसीआई में सम्मिलित होगा। परीक्षण सुविधा की स्थापना पर 50% पूंजी अनुदान अधिकतम 1 करोड़ रूपये प्रदान किया जायेगा। 500 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी इकाईयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टामाईज्ड पैकज के लिए पात्र होंगी।

Advertisement

ईव्ही विनिर्माण नीति के बैटरी परीक्षण सहित को ईएफसीआई अंतर्गत मान्य किया जायेगा। गुणवत्ता प्रमाणन के लिए 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति या 1 लाख रूपये प्रति मॉडल जो भी कम हो, अधिकतम 10 लाख रूपये प्रदान किये जायेंगे। एमपीआईडीसी द्वारा लगाए गए विकास शुल्क में 25% की रियायत दी जायेगी। 500 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी इकाइयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टामाईज्ड पैकज के लिए पात्र होंगी।

हाई वेल्यू-एड विनिर्माता नीति के अतंर्गत प्रशिक्षण और कौशल विकास के लिए सहायता के रूप में 13 हजार रूपये प्रति नए कर्मचारी 5 वर्षों तक प्रदान किया जायेगा। गुणवत्ता प्रमाणन लागत का 50% या 1 लाख रूपये की प्रतिपूर्ति, जो भी कम हो प्रदान की जायेगी। 75 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी की इकाईयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टमाईज्ड पैकज के लिए पात्र होंगी।

मेड इन मध्यप्रदेश बाजार विकसित करने “मध्य प्रदेश निर्यात नीति-2025” की स्वीकृति

प्रदेश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए “मध्य प्रदेश निर्यात नीति-2025” लागू करने की स्वीकृति दी गयी। यह नीति निर्यात अधोसंरचना में निजी डेवलपर्स की भागीदारी बढ़ाने के लिए, निर्यात क्षेत्रों के डेवलपर्स को प्रोत्साहित करती है। नीति अतर्गत प्रावधानित अन्य गैर-वित्तीय सहायता एवं आईसीडी को सुगम बनाने के निर्णयों से प्रदेश के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। नीति का उद्देश्य राज्य में बड़े निर्यातकों की भागीदारी में वृद्धि करना, निर्यात विविधीकरण को बढ़ावा देना, निर्यात मात्रा और निर्यात दक्षता बढ़ाना, प्रदेश में निर्यातोन्मुखी इकाइयों को उनके निर्यात मूल्य को बढ़ाने में सहायता करना, विश्व स्तर पर ‘मेड इन मध्यप्रदेश बाजार को विकसित करना और प्रदेश में रोजगार के अवसर को बढ़ाना है।

वृहद श्रेणी की विनिर्माता इकाइयों द्वारा अपने उत्पादन का 25% से अधिक निर्यात करने पर निर्यात प्रोत्साहन सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। इसमें पहली बार निर्यात करने वाली इकाइयों के लिए पंजीकरण सह-सदस्यता प्रमाणन की प्रतिपूर्ति अधिकतम 10 लाख रूपये तक और निर्यात बीमा प्रीमियम की प्रतिपूर्ति अधिकतम 25 लाख रूपये तक की जायेगी। निर्यात भाड़ा सहायता के रूप में फैक्टरी परिसर से बंदरगाह/ एयर कार्गों/ अंतरराष्ट्रीय सड़क मार्ग तक माल ले जाने के लिए किए गए व्यय की 50% तक प्रतिपूर्ति अधिकतम 2 करोड़ रूपये की जायेगी। निर्यात अधोसंरचना सहायता के अंतर्गत्‍परीक्षण प्रयोगशालाएं, अनुसंधान और विकास केंद्र, निर्यात इनक्यूबेशन केन्द्र आदि निर्यातोन्मुखी अधोसंरचना पर किये गये व्यय का 25% अधिकतम 1 करोड़ रूपये प्रदान किया जायेगा। प्रदेश से निर्यात करने वाली इकाई के लिए इन्क्रीमेंटल फ्री ऑनबोर्ड वेल्यू पर 10% की सहायता 5 वर्षों तक अधिकतम 2 करोड़ रूपये निर्यात टर्नओवर सहायता के रूप में प्रदान की जायेगी। निर्यात विपणन सहायता मे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों प्रदर्शनियों और केता-विक्रेता बैठकों में भाग लेने के लिए किये गये व्यय का 75% प्रतिपूर्ति अधिकतम 5 लाख रूपये प्रतिवर्ष प्रदान किया जायेगा। निर्यात ग्रीन दस्तावेज सहायता के रूप मंी निर्यात प्रलेखन लागत (सीबीएएम नेट-जीरो उत्सर्जन कार्बन ऑफसेटिंग आदि) पर किये गये व्यय का 50% प्रतिपूर्ति अधिकतम 20 लाख रूपये प्रतिवर्ष प्रति इकाई 5 वर्षों की अवधि के लिए किया जायेगा। निर्यात वित्तीय सहायता मे लिये गये ऋण पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान 5 वर्षों के लिए अधिकतम 50 लाख रूपये प्रदान किया जायेगा। एचजीवी सेक्टर्स (फर्नीचर ट्रांसपोर्ट, आदि) एवं वैश्विक बाजार स्तर पर निर्यात की गई वस्तुओं (एलेक्ट्रॉनिक्स मशीनरी, अप्लाइन्स आदि) के लिए Free Onboard Value का 5% की अतिरिक्त सहायता, अधिकतम 30 लाख रूपये प्रति वर्ष 5 वर्ष की अवधि में निर्यात विकास संवर्धन प्रोत्साहन सहायता के रूप मे प्रदान की जायेगी।

Advertisement

न्यूनतम 25 एकड़ तथा 70% से अधिक निर्यात उन्मुखी इकाइयां जिनके द्वारा पिछले 3 वर्षों में 25% से अधिक उत्पादन निर्यात किया गया हो वह डेडीकेटेड एक्सपोर्ट पार्क्स (DEP) डेव्हलपर्स के लिए सहायता के लिए पात्र होंगी। इसमें स्टांप शुल्क एवं पंजीकरण शुल्क पर 100% प्रतिपूर्ति, स्थाई अधोसंरचना (भूमि एवं आवासीय इकाइयों को छोड़कर) पर 50% प्रतिपूर्ति या 20 लाख रूपये प्रति एकड़, जो भी कम हो, अधिकतम 40 करोड रूपये तक प्रदान किया जायेगा। कॉमन प्रोसेसिंग फेसिलिटी पर 25% पूंजीगत सहायता, अधिकतम 25 करोड़ रूपये प्रदान कि जायेगी। हरित औद्योगीकरण मे अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 50% पूंजीगत अनुदान, अधिकतम 5 करोड़ रूपये और जीरो लिक्विड डिस्चार्ज के लिए अधिकतम 10 करोड़ रूपये का पूंजीगत अनुदान सहायता दी जायेगी।

नीति अंतर्गत्‍निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्टअप और नए निर्यातकों के लिए समर्पित निर्यात इनक्यूबेशन हब तैयार किए जायेगें। व्यावसायिक संस्थानों में उद्योग-संस्थान इंटरफेस में वृद्धि के साथ तकनीकी पाठ्यक्रमों का उन्नयन किया जाएगा। प्रदेश के छात्रों के लिए ऑन जाब ट्रेनिंग प्रदान करने के लिए संस्थानों के साथ भागीदारी की जायेगी। प्रदेश में व्यापार सहायता सुविधा स्थापित किया जाएगा।। निर्यात के लिए प्राथमिकता क्षेत्र केंद्रित विशेष आर्थिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा। केंद्र सरकार के सहयोग से 20+ गति शक्ति कार्गो टर्मिनलों का विकास किए जाने का प्रयास किया जाएगा। भंडारण और परिवहन अधोसंरचना को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त एमएमएलपी, एयर कार्गो हब और हवाई अड्डों का विकास किया जाएगा। साथ ही जिला स्तर पर ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। पर्यावरण अनुपालन प्राप्त करने और जेडईडी (जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट) प्रमाणन प्राप्त करने में एमएसएमई की सहायता के लिए एक लक्षित कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। स्थापित उद्यमियों और क्षेत्रीय विशेषज्ञों के सहयोग से एक राज्यव्यापी परामर्श कार्यक्रम शुरू किए जाएगें। Minimum inspection and speedy clearance हेतु ग्रीन कार्ड स्कीम स्थापित की जायेगी। निर्यातक आयातक इकाईयों के डेटाबेस को स्टेट पोर्टल पर अपडेट किया जायेगा। प्रदेश के गतिशक्ति पोर्टल को नेशनल मास्टर प्लान से संरेखित किया जायेगा।

”मध्यप्रदेश लॉजिस्टिक नीति 2025” की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में लॉजिस्टिक अधोसंरचना विकसित करने और समग्र विकास के लिए मध्यप्रदेश लॉजिस्टिक नीति 2025 की स्वीकृति दी हैं। नीति का उद्देश्य प्रदेश में दक्ष धारणीय, विश्वसनीय एवं अनुकूल लॉजिस्टिक अधोसंरचना का विकास करना और वर्ष 2030 तक वैश्विक बेंचमार्क के अनुरूप लॉजिस्टिक लागत को कम करना एवं डेटा संचालित निर्णय समर्थन तंत्र स्थापित करना हैं।

लॉजिस्टिक एवं वेयरहाउस अधोसरंचना अंतर्गत लॉजिस्टिक पार्क, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क, इन्लैंड कंटेनर डिपो और ड्राय पोर्टस् की स्थापना के लिए निवेश सहायता प्रदान की जायेगी। इसके अंतर्गत लॉजिस्टिक पार्क की सुविधा 25 एकड़ से 75 एकड़ क्षेत्र मे विकसित करने पर अधिकतम 50 करोड़ रूपये और 75 एकड़ से अधिक क्षेत्र पर विकसित करने पर अधिकतम 75 करोड़ रूपये की सहायता राशि दी जायेगी। आईजीबीसी ग्रीन लॉजिस्टिक्स पार्क और गोल्ड एवं प्लैटिनम प्रमाणन के लिए वेयरहाउस सर्टिफिकेशन के लिए 50% तक की सहायता, अधिकतम 20 लाख रुपये तक प्रदाय की जायेगी। परियोजना अंतर्गत्‍बाह्य सड़क/रेल अधोसंरचना विकास (परियोजना स्थल तक पहुंचने हेतु) के लिए व्यय की गई राशि की 50% प्रतिपूर्ति, अधिकतम 5 करोड़ रूपये की सीमा तक प्रदान की जायेगी।

Advertisement

प्रायवेट फ्रीट टर्मीनल,गति शक्ति कार्गो टर्मिनल,कंटेनर फ्रीट स्टेशन और एयर कार्गों कॉम्पलेक्स के निर्माण पर भी वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी। 5 से 10 एकड़ तक के क्षेत्र पर निर्माण पर अधिकतम 5 करोड़ रूपये, 10 से 50 एकड़ के क्षेत्र पर निर्माण पर अधिकतम 15 करोड़ रूपये और 50 एकड़ से अधिक क्षेत्र पर निर्माण पर अधिकतम 25 करोड़ रूपये की सहायता राशि प्रदाय की जायेगी।

कृषि वेयरहाउस से औद्योगिक वेयरहाउस में उन्नयन करने पर किये गये व्यय की 40% प्रतिपूर्ति, अधिकतम 1 करोड़ रूपये प्रदान किये जायेंगे। साथ ही परियोजना अंतर्गत बाह्य सड़क/रेल अधोसंरचना विकास (परियोजना स्थल तक पहुंचने हेतु) के लिए व्यय की गई राशि की 50% प्रतिपूर्ति, अधिकतम 3 करोड़ रूपये की सहायता प्रदान की जायेगी।

सामान्य प्रोत्साहन में वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक गतिविधियों को कलेक्टर गाइड लाइन दर अनुसार अविकसित भूमि आवंटित करने के लिए प्रचलित भूमि प्रबंधन नियम में प्रावधान किया जायेगा। लॉजिस्टिक हब/पार्क की स्थापना के लिए भूमि के क्रय पर 100 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क (अधिकतम 5 करोड़ रूपये) की प्रतिपूर्ति की जाएगी। साथ ही अन्य गैर वित्तीय सहायता जैसे एक्जिम कार्गो के लिए ग्रीन चैनल का विकास, फास्ट-ट्रैक भवन अनुमति, सिंगल विडो सिस्टम, 24×7 निरंतर संचालन की अनुमति ग्राउंड कवरेज में रियायत लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग अधोसंरचना को 70% तक के उच्च ग्राउंड कवरेज की अनुमति प्रदान की जायेगी।

म.प्र. सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) पॉलिसी नेटवर्क विकास एवं विस्तार नीति, 2025 की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) पॉलिसी नेटवर्क के विस्तार के लिए म.प्र. सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) पॉलिसी नेटवर्क विकास एवं विस्तार नीति, 2025 लागू किए जाने का निर्णय लिया गया। मध्यप्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में सम्मिलित है जहां सीजीडी पॉलिसी लागू की जा रही है। मध्यप्रदेश में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) पॉलिसी नेटवर्क के अंतर्गत् घरेलू उपयोग के लिए, वाणिज्यक एवं औद्यौगिक इकाइयों में पाईपलाईन के माध्यम से पाईप्ड नेचुरल गैस की आपूर्ति की जायेगी। सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) पॉलिसी नेटवर्क का उदेश्य घरों और उद्योगों के लिये स्वच्छ और किफायती ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित कराना है। सीएनजी गैस स्टेशन के माध्यम से वाहनों में ईधन के रूप में सीएनजी की आपूर्ति की जायेगी। यह ईंधन पेट्रोल एवं डीजल की अपेक्षा सस्ता होता है और इसमें प्रदूषण का स्तर कम होता है। इस पॉलिसी का उदेश्य राज्य में सीजीडी बुनियादी ढांचे का विकास एवं क्रियान्वयन शीघ्रतापूर्वक किया जाना है। इसके लिये सभी आवश्यक अनुमतियां समय-सीमा में उपलब्ध करा दिये जाने और भूमि आवंटन की प्रक्रिया का निर्धारण स्पष्ट किया गया है।

Advertisement

नीति के माध्यम से घरों में स्वच्छ ईधन का उपयोग होने से महिलाओं का स्वास्थ्य बेहतर होगा साथ ही घरों में गैस सिलेण्डर के स्थान पर पाईप के माध्यम से घरेलू गैस उपलब्धता में सुविधा होगी। यह गैस सिलेण्डर में उपलब्ध गैस की अपेक्षाकृत सस्ती होगी, जिससे प्रदेश के विभिन्न परिवारों को आर्थिक लाभ के साथ ही जीवन स्तर में सुधार होगा। नीति के अंतर्गत् विभिन्न अनुमतियां सिंगल विण्डो सिस्टम के माध्यम से डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से प्राप्त करने के लिए अधिकतम कार्य दिवस 60 दिन एवं पाईप लाईन विछाने की अनुमति के लिए अधिकतम कार्य दिवस 77 दिन निर्धारित किये गये हैं। प्रावधान ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत् कारोबार करने में आसानी के लिए किये गये हैं। साथ ही पॉलिसी में सीएनजी वाहनों को बढावा देने के उद्देश्य से एक प्रतिशत जीवनकाल मोटरयान कर में छूट दी जायेगी। वाहनों का पंजीयन शुल्क यथावत् रहेगा। यह छूट पॉलिसी लागू होने के एक वर्ष तक लागू रहेगी।

प्रदेश को फिल्म पर्यटन अनुकूल राज्य बनाने के लिए फिल्म पर्यटन नीति 2025 की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद ने प्रदेश को फिल्म पर्यटन अनुकूल राज्य बनाने और राज्य में फिल्म उद्‌योग के माध्यम से अधिकाधिक निवेश एवं रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के उद्धेश्य से मध्यप्रदेश फिल्म पर्यटन नीति 2025 की स्वीकृति दी। मध्यप्रदेश फिल्म पर्यटन नीति 2025 के तहत समग्र सिनेमा उद्यो ग का विकास, स्थानीय प्रतिभाओं, क्षेत्रीय भाषाओं, महिलाओं के सशक्तिकरण और बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी गयी है। नीति अंतर्गत फिल्म शूटिंग अनुमतियों को सिंगल विण्डो सिस्टम अंतर्गत किया जाकर पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के तहत शामिल किया गया है। स्थानीय और जनजातीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए मालवी, बुंदेलखंडी, बघेलखंडी, निमाडी, गोंडी, भीली, कोरकू जैसी स्थानीय भाषाओं पर आधारित फिल्मों के लिए 10% अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान किया गया है। बच्चों के सिनेमा को बढ़ावा देने के लिए बच्चों के विषयों पर आधारित फिल्मों के लिए विशेष अनुदान 10% दिया जायेगा। महिला केंद्रित फिल्मों के लिए 10% अतिरिक्त अनुदान की व्यवस्था की गयी हैं। क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने के लिए मराठी, बंगाली, आदि क्षेत्रीय भाषाओं मे फिल्म निर्माण पर 10% अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जायेगा। साथ ही ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक व्यक्तित्वों पर आधारित फिल्मों के लिए अतिरिक्त अनुदान, शॉर्ट फिल्मों के लिए वित्तीय सहायता, नवीन एकल सिनेमाघरों के निर्माण और मौजूदा सिनेमाघरों के उन्नयन के लिए विशेष अनुदान प्रावधान और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के लिए अनुदान प्रदान किया जायेगा।

राज्य में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने तथा रोजगार एवं आर्थिक गतिविधियों में वृ‌द्धि एवं फिल्म निर्माण संबंधी अधोसंरचना निवेश को आकर्षित करने के लिए विशेष वित्तीय अनुदान प्रदान किये जायेंगे। फीचर फिल्म के लिए अनुदान अधिकतम रु. 2 करोड़ रूपये तक, वेब सीरीज के लिए अनुदान अधिकतम 1 करोड़ 50 लाख रूपये तक, टीवी-शो/सीरियल्स के लिए अनुदान अधिकतम 1 करोड़ रूपये तक, डॉक्युमेंट्री के लिए अनुदान अधिकतम 40 लाख रूपये तक, अंतर्राष्ट्रीय फिल्म के लिए अनुदान अधिकतम 1.3 मिलियन USD (INR 10 करोड़ रूपये तक) और शॉर्ट फिल्मों के लिए अधिकतम अनुदान 15 लाख रुपये तक प्रदान किया जायेगा। वित्तीय अनुदान तब दिया जायेगा जब कुल शूटिंग दिवसों में 75% शूटिंग दिवस मध्य प्रदेश में किया गया हो।

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश को 2022 में ‘मोस्ट फिल्म-फ्रेंडली स्टेट का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। पिछले 5 वर्षों में राज्य में 350 से अधिक फिल्म परियोजनाए सफलतापूर्वक पूर्ण हो चुकी हैं। अब तक 10 हिंदी फीचर फिल्मे 1 तेलुगु फीचर फिल्म और 4 वेबसीरीज को लगभग 21 करोड़ रुपये की वित्तीय अनुदान सहायता दी गई है। विगत वर्षों में प्रदेश में फिल्मांकित विभिन्न फिल्म परियोजनाओं दवारा राज्य में अनुमानित रूप से 700 करोड़ रुपये व्यय गये है और एक लाख पचास हजार से अधिक अस्थायी रोजगार दिवसो का सृजन हुआ है। भूल भुलैया-3. सिक्सर, लव की अरेंज मैरेज, गुल्लक, धड़क-2, स्त्री, पंचायत, कोटा फैक्ट्री, पोन्नियिन सेल्वन, सिटीडेल (हनी बन्नी), औरों में कहा दम था, डंकी, पटना शुक्ला, तिवारी, फुकरे 3, द रेलवे मेन, सेल्फी, लापता लेडीज, युद्ध, एवं जरा हटके जरा बचके जैसी प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय फिल्म परियोजनाएं प्रदेश में फिल्मांकित हुई है।

Advertisement

प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गंतव्य के रूप मे स्थापित करने के लिए पर्यटन नीति 2025 की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गंतव्य के रूप मे स्थापित करने के लिए पर्यटन नीति 2025 की स्वीकृति दी है। इसका उद्धेश्य प्रदेश की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक विरासत को वैश्विक पहचान दिलाना है। साथ ही पर्यटन स्थलों में विश्व स्तरीय अधोसरंचना का निर्माण कर पर्यटकों को अविस्मरणीय अनुभव प्रदान कराना हैं। नीति के अंतर्गत्‍गोल्फ, कन्वेंशन सेंटर, वेलनेस रिसोर्ट, क्रूज, अंर्तप्रदेशीय वायु सेवा, हेरिटेज होटल, रोप-वे, म्यूजियम, लाइट एंड साउंड शो आदि के निर्माण को प्रोत्साहन दिया जायेगा।

नीति अंतर्गत अल्ट्रा मेगा परियोजनाओं (निवेश 100 करोड़ रूपये से अधिक) को कलेक्टर गाइडलाइन दर पर 90 वर्षों के लिए उपलब्ध विभागीय भूमि का सीधा आवंटन किया जायेगा। राज्य में किसी भी स्थान पर पर्यटन परियोजनाओं के लिए 15% से 30% अधिकतम रुपये 90 करोड़ तक का पूंजी अनुदान प्रदाय किया जायेगा। इलेक्ट्रिक कूज को प्रोत्साहित करने के लिए 5% का अतिरिक्त अनुदान दिया जायेगा। दुर्गम दूरस्थ नवीन क्षेत्रों में पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना पर 5% का अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जायेगा। मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड में निवेश प्रोत्साहन सेल की स्थापना की गई है। पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से निजी निवेशकों को लैंड पार्सल मार्ग सुविधा केन्द्रों और हेरिटेज संपतियों का आवंटन किया जायेगा। वाइल्ड लाइफ रिसॉर्टस के लिए विशेष अनुदान दिया जायेगा। पर्यटन सम्भावित अविकसित नवीन क्षेत्रों में निवेश कर पर्यटन परियोजनाएं स्थापित की जाएगी। नवीन पर्यटन सम्भावना वाले क्षेत्रों का विकास कर निजी निवेश का मार्ग प्रशस्त किया जायेगा।

निवेशक, पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना के लिये विभिन्न विभागों से अनुमतियाँ/अनापत्ति समयसीमा में प्राप्त करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम से प्राप्त कर सकेंगे। पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना के लिए आवश्यक अनुमतिया/अनापत्ति को समयसीमा के साथ नीति में अधिसूचित किया गया है। ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस की अवधारणा अंतर्गत अनुमतियां/अनापत्तियों को लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत लाया जायेगा। गोल्फ टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल अंतर्गत निजी निवेश को अनुबंध पर दिया जायेगा। निजी निवेशकों को गोल्फ टूरिज्म की स्थापना के लिए विभागीय भूमि में से अधिकतम 10 प्रतिशत भूमि का सब-लीज पर व्यवसायिक उपयोग करने की अनुमति दी जा सकेगी। आवंटित मार्ग सुविधा केन्द्र को कम हुई भूमि के बदले समतुल्य मूल्य की भूमि उपलब्ध करायी जा सकेगा। नर्मदाघाटी विकास प्राधिकरण, जल संसाधन विभाग, लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाऊस, गेस्ट हाऊस, डॉक बंगला, सर्किट हाऊस आदि को पर्यटन परियोजना की स्थापना के लिए निजी निवेशकों को लीज पर दिया जायेगा। स्टार्टअप उद्यमियों को निविदाओं में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा ।

शिवपुरी में विमान संचालन के लिए 292 एकड़ भूमि की स्वीकृति

Advertisement

मंत्रि-परिषद द्वारा शिवपुरी स्थित शासकीय हवाई पट्टी में ATR-72 विमानों के संचालन के लिए भाविप्रा को 292 एकड़ भूमि की स्वीकृति दी गयी है। इसके लिए भूमि अधिग्रहित करने एवं मुआवजा राशि का भुगतान किये जाने का निर्णय लिया गया हैं।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश राज्य का शिवपुरी शहर एक ऐतिहासिक एवं पर्यटन की दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है, जहाँ माधव एवं कूनो राष्ट्रीय उद्यान स्थित है। कूनों की पहचान देश ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी है। शिवपुरी में काफी अधिक संख्या में देश-विदेश के पर्यटकों का आवागमन होता रहता है। शिवपुरी में विमान संचालन से पर्यटकों को आवागमन में सहुलियत होगीं।

पम्प हाईड्रो स्टोरेज परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए योजना की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा “मध्यप्रदेश में पम्प हाईड्रो स्टोरेज परियोजनाओं के क्रियांवयन के लिए योजना 2025” को स्वीकृति दी है। उल्लेखनीय है कि सौर तथा पवन ऊर्जा स्त्रोतों से मिलने वाली ऊर्जा, स्थाई प्रकृति की नहीं होने के कारण पम्प हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाओं का विकास महत्वपूर्ण है। देश में 96 हजार मेगावाट की क्षमता उपलब्ध है जिसके विरूद्ध वर्तमान में मात्र 8 पंप हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाएं तैयार है। इस परियोजना मुख्यतः तीन प्रकार की होती है ऑन स्ट्रीम पीएसपी, सेमी ऑफ स्ट्रीम और ऑफ स्ट्रीम पीएसपी। पम्प हाइड्रो स्टोरेज परियोजना के साईट आवंटन के लिए चार श्रेणियां निर्धारित है।

Advertisement
Continue Reading

ख़बर मध्यप्रदेश

Mahakumbh 2025: प्रयागराज जाने वाले रास्तों पर जाम, मुख्यमंत्री की अपील- स्थिति सामान्य होने पर एक-दो दिन बाद जाएं

Published

on

Mahakumbh 2025: Jam on the roads leading to Prayagraj, Chief Minister's appeal - go after a day or two when the situation becomes normal

Mahakumbh 2025: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रयागराज का जो क्षेत्र मध्यप्रदेश से सटा हुआ है, विशेष रूप से रीवांचल इलाका, यहां से अन्य राज्यों के श्रद्धालु बड़ी संख्या में महाकुंभ पहुंच रहे हैं। इसलिए वाहनों के आवागमन से सड़कों पर यातायात का कुछ दबाव बना हुआ है। राज्य सरकार एवं स्थानीय प्रशासन सभी श्रद्धालुओं के संपर्क में है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महाकुंभ यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं से अपील की है कि स्थिति सामान्य होने तक वे एक-दो दिन इस मार्ग से आगे बढ़ने से बचें। महाकुंभ श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा है, उससे व्यवस्थाओं को बनाने में चुनौतियां सामने आ रही हैं। इनसे निपटने के लिए मध्यप्रदेश सरकार पूरी तरह से तैयार है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जिला प्रशासन को निर्देश दिये हैं कि सीमा क्षेत्रों में जहां भी जाम है, वहां यात्रियों के लिए पानी, भोजन और आवास व्यवस्थाएं सुनिश्चत हो।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मीडिया को जारी संदेश में मध्यप्रदेश से प्रयागराज जाने वाले सभी यात्रियों का स्वागत करते हुए कहा कि श्रद्धालु महाकुंभ जाने से पहले पूछताछ कर सुनिश्चित कर लें, कि आगे का रास्ता क्लीयर है या नहीं। यदि जाम की स्थितियां न हो, तभी आगे बढ़ें।

Continue Reading

ख़बर मध्यप्रदेश

MP News: विश्व की सबसे बड़ी ग्राउण्ड वाटर रीचार्ज परियोजना होगी “ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज”, एमपी और महाराष्ट्र के बीच शीघ्र होगा करार

Published

on

MP News: "Tapti Basin Mega Recharge" will be the world's largest ground water recharge project, agreement will be signed between MP and Maharashtra soon

Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज योजना विश्व की सबसे बड़ी ग्राउण्ड रीचार्ज परियोजना है। इस अंतर्राज्यीय संयुक्त परियोजना का अवरोध अब दूर हो गया है तथा हम शीघ्र ही महाराष्ट्र सरकार के साथ चर्चा कर करार करने की ओर बढ़ रहे हैं। जल्द ही केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को भोपाल आमंत्रित कर करार की कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को मंत्रालय में ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज एवं कन्हान उप कछार परियोजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिये।

उन्होंने कहा कि इन दोनों ही परियोजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन के लिए हम तेजी से प्रयास कर रहे हैं। ताप्ती मेगा रिचार्ज योजना के जरिए हम महाऱाष्ट्र सरकार के साथ मिलकर ताप्ती नदी की तीन धाराएं बनाकर राष्ट्रहित में नदी जल की बूंद-बूंद का उपयोग सुनिश्चित कर कृषि भूमि का कोना-कोना सिंचित करेंगे। बैठक में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, विधायक अर्चना चिटनीस, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा और मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र के जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज योजना को राष्ट्रीय जल परियोजना घोषित कराने के लिए केन्द्र सरकार से चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि ताप्ती बेसिन और कन्हान उप कछार में मध्यप्रदेश द्वारा प्रस्तावित कन्हान (जामघाट) बहुउद्देशीय परियोजना में मध्यप्रदेश के जल हितों का विशेष ध्यान रखा जाए। इसके लिए महाराष्ट्र राज्य से सतत संवाद कर दोनों परियोजनाओं के‍क्रियान्वयन में तेजी लाएं। उन्होंने कहा कि ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज योजना में कुल 31.13 टी.एम.सी. जल का उपयोग होगा। इसमें से 11.76 टी.एम.सी मध्यप्रदेश को और 19.36 टी.एम.सी जल महाराष्ट्र राज्य के हिस्से में आएगा। इस परियोजना में प्रस्तावित बांध एवं नहरों से मध्यप्रदेश कुल 3 हजार 362 हेक्टेयर भूमि उपयोग में लाई जाएगी। परियोजना के अंतर्गत कोई गांव प्रभावित नहीं होगा। अत: इसमें पुनर्वास की भी आवश्यकता नहीं होगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश अपने विकास की यात्रा में सभी सेक्टर्स में लगातार काम कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में उनकी भावना के अनुसार हम मध्यप्रदेश की नदियों का आसपास के राज्यों से सुखद और दोनों राज्यों के हितों के बंटवारे के क्रम को लगातार बनाए हुए हैं। हमारे राज्य के किसानों के खेतों में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिले, पीने के पानी के साथ-साथ औद्योगीकरण के लिए भी पर्याप्त पानी दिया जा सके और राज्यों के बीच में भी हमारा सुखद और सौहार्द्र बना रहे, इस निमित्त से हम वर्षों से लंबित जल बंटवारे के मसलों को हल करते हुए इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में आज हम महाराष्ट्र के साथ नदी जल बंटवारे के मसले के निराकरण के लिए प्राथमिक चरण की चर्चा के लिए आगे बढ़े हैं। महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री की भी यही भावना है। वे भी चाहते हैं कि मध्यप्रदेश के साथ ताप्ती और कन्हान नदी की जो नदी जल परियोजनाएं वर्षों से लंबित थीं, उनके निराकरण के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री के मार्गदर्शन और उनके परामर्श से इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना के पूरा होने पर मध्यप्रदेश के 1 लाख 23 हजार 82 हेक्टेयर भू-क्षेत्र और महाराष्ट्र के 2 लाख 34 हजार 706 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की स्थाई सुविधा उपलब्ध होगी। इस परियोजना से म.प्र. के बुरहानपुर एवं खण्डवा जिले की बुरहानपुर, नेपानगर, खकनार एवं खालवा की कुल चार तहसीलें लाभान्वित होंगी।

Advertisement

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इसी प्रकार कन्हान उपकछार में जल उपयोगिता के लिए मध्यप्रदेश द्वारा प्रस्तावित छिंदवाड़ा कॉम्पलेक्स बहुउद्देशीय परियोजना के माध्यम से महाराष्ट्र के नागपुर शहर को भी पानी मिलेगा और हमारे छिंदवाड़ा जिले के कृषि क्षेत्र में भी पर्याप्त जल उपलब्ध होगा। हम प्रदेश की एक-एक नदी के एक-एक बूंद जल का समुचित उपयोग राष्ट्र और राज्य के हित में करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जिस तरह पिछले दिनों हमने पार्वती-काली सिंध-चंबल परियोजना का राजस्थान के साथ कार्य प्रारंभ किया है, उसी प्रकार उत्तर प्रदेश के साथ केन-बेतवा नदी जोड़ो की बड़ी राष्ट्रीय परियोजना पर काम किया जा रहा है। इसी अनुक्रम में अब हमने इस तीसरी राष्ट्रीय नदी जल परियोजना के जरिए महाराष्ट्र राज्य के साथ आगे बढ़ने का निर्णय लिया है। इस परियोजना से महाराष्ट्र के उत्तर क्षेत्र एवं मध्यप्रदेश के दक्षिण क्षेत्र के हिस्से को पर्याप्त जल उपलब्ध कराएंगे। साथ ही बल्कि नागपुर जैसे बड़े शहर में पीने के पानी की समस्या और छिंदवाड़ा जिले में भी सिंचाई जल की समुचित आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे।

ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज योजना

ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज योजना मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र राज्यों की संयुक्त परियोजना के रूप में प्रस्तावित है। इस योजना से मध्यप्रदेश के 1,23,082 हेक्टेयर क्षेत्र में एवं महाराष्ट्र के 2,34,706 सेक्टर में सिंचाई प्रस्तावित है. योजना में भूजल भंडारण का विस्तार किया जाएगा, जिससे प्रदेश के बुरहानपुर एवं खंडवा जिलों की बुरहानपुर, नेपानगर, खकनार एवं खालवा तहसीलें लाभान्वित होंगी.

इस योजना के अंतर्गत पूर्व में पारंपरिक भंडारण हेतु 66 टीएमसी क्षमता का जल भराव बाँध प्रस्तावित किया गया था, जिससे 17 हज़ार हेक्टेयर से अधिक भूमि प्रभावित हो रही थी, जिसमें वन भूमि एवं बाघ अभ्यारण की भूमि भी शामिल थी। इसके अलावा 73 गांव की लगभग 14 हजार जनसंख्या भी प्रभावित हो रही थी। अब इस अवरोध को दूर करते हुए पारंपरिक जल भंडारण के स्थान पर भूजल पुनर्भरण योजना द्वारा जल भंडारण प्रस्तावित किया गया है।

ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज योजना के अंतर्गत मुख्य रूप से चार जल संरचनाएं प्रस्तावित हैं

Advertisement

खरिया गुटीघाट बांध स्थल पर लो डायवर्सन वियर :- यह वियर दोनों राज्यों की सीमा पर मध्य प्रदेश की खंडवा जिले की खालवा तहसील एवं महाराष्ट्र की अमरावती तहसील में प्रस्तावित है. इसकी जल भराव क्षमता 8.31 टीएमसी प्रस्तावित है।

दाई तट नहर प्रथम चरण :- प्रस्तावित खरिया गुटीघाट वियर क़े दाएं तट से 221 किलोमीटर लंबी नहर प्रस्तावित है, जो मध्य प्रदेश में 110 किलोमीटर बनेगी. इस नहर से मध्य प्रदेश के 55 हज़ार 89 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी।

बाईं तट नहर प्रथम चरण :- प्रस्तावित खरिया गुटीघाट वियर के बाएं तट से 135.64 किलोमीटर लंबी नहर प्रस्तावित है जो मध्यप्रदेश में 100.42 किलोमीटर बनेगी। इस नहर से मध्यप्रदेश के 44 हज़ार 993 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है।

बाईं तट नहर द्वितीय चरण :- यह नहर बाईं तट नहर प्रथम चरण के आर डी 90.89 कि मी से 14 किलोमीटर लम्बी टनल के माध्यम से प्रवाहित होगी. इसकी लंबाई 123.97 किलोमीटर होगी, जिससे केवल महाराष्ट्र के 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है1

कन्हान उप कछार में प्रस्तावित छिंदवाड़ा कॉम्प्लेक्स बहुउद्देशीय परियोजना

Advertisement
  • योजना की प्रशासकीय स्वीकृति राशि रुपए 5470.95 करोड़ की वर्ष 2019 में जारी की गई।
  • इसके अंतर्गत संगम एक, संगम दो, रामघाट एवं पांढुर्णा बांध का निर्माण कार्य होगा।
  • इसका सिंचाई क्षेत्र एक लाख 90 हजार 500 हेक्टेयर होगा।
  • लाभान्वित विकासखंड में जुन्नारदेव, उमरेठ, छिंदवाड़ा, मोहखेड, पांढुर्णा, सोंसर एवं बिछुआ शामिल है।
  • औद्योगिक क्षेत्र के लिए 20 मिलियन घन मीटर जल आरक्षित होगा।
  • जल विद्युत उत्पादन 30 मेगावाट होगा।
Continue Reading

ख़बर उत्तर प्रदेश

Mahakumbh 2025: Mahasnan continues on Maghi Purnima, 1.83 crore people took holy dip till 2 pm Mahakumbh 2025: Mahasnan continues on Maghi Purnima, 1.83 crore people took holy dip till 2 pm
ख़बर उत्तर प्रदेश1 day ago

Mahakumbh 2025: माघी पूर्णिमा पर महास्नान जारी, दोपहर 2 बजे तक 1.83 करोड़ ने लगाई पवित्र डुबकी

Prayagraj: महाकुंभ में माघी पूर्णिमा पर महास्नान जारी है। प्रयागराज में घाटों पर करोड़ों श्रद्धालु हैं। प्रशासन के मुताबिक, दोपहर 2...

Mahakumbh 2025: President Murmu took a dip in Sangam, performed darshan and worship at Lete Hanuman Temple and Akshayvat Dham Mahakumbh 2025: President Murmu took a dip in Sangam, performed darshan and worship at Lete Hanuman Temple and Akshayvat Dham
ख़बर उत्तर प्रदेश3 days ago

Mahakumbh 2025: संगम में राष्ट्रपति मुर्मू ने लगाई डुबकी, लेटे हनुमान मंदिर और अक्षयवट धाम में किए दर्शन-पूजन

Mahakumbh 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को महाकुंभ पहुंचीं। उन्होंने संगम में भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और वैदिक मंत्रोच्चारण के...

UP Constable Recruitmenmt: Physical efficiency test for UP police constable recruitment will be held from Monday, these things will remain banned UP Constable Recruitmenmt: Physical efficiency test for UP police constable recruitment will be held from Monday, these things will remain banned
ख़बर उत्तर प्रदेश4 days ago

UP Constable Recruitment: यूपी पुलिस सिपाही भर्ती के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा सोमवार से होगी, ये चीजें रहेंगी बैन

Lucknow: उत्तरप्रदेश पुलिस में सिपाही के 60,244 पदों पर भर्ती के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET) सोमवार से शुरू होगी। भर्ती...

Milkipur byelection 2025: BJP on the way to historic victory in Milkipur seat of Ayodhya, SP candidate lost his booth Milkipur byelection 2025: BJP on the way to historic victory in Milkipur seat of Ayodhya, SP candidate lost his booth
ख़बर उत्तर प्रदेश5 days ago

Milkipur byelection 2025: अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर बीजेपी की ऐतिहासिक जीत, सपा प्रत्याशी अपना बूथ हारे

Milkipur byelection 2025: अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान ने बड़े अंतर से जीत...

Mahakumbh 2025: More than 40 crore devotees have taken bath in Mahakumbh, Bihar Governor also took a dip in Sangam Mahakumbh 2025: More than 40 crore devotees have taken bath in Mahakumbh, Bihar Governor also took a dip in Sangam
ख़बर उत्तर प्रदेश6 days ago

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु कर चुके स्नान, बिहार के राज्यपाल ने भी संगम में लगाई डुूबकी

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में अब तक 40 करोड़ से ज्यादा भक्त स्नान कर चुके हैं। शुक्रवार 7 जनवरी को बिहार...

अभी तक की बड़ी खबरें

WEBSITE PROPRIETOR & EDITOR DETAILS

Editor/ Director :- Somesh Singh Senger
Web News Portal: Khabritaau.com
Website : www.khabritaau.com
Company : Khabritaau News
Publication Place: Raipur (CG), Bhopal (MP) & Lucknow (UP)
Email:- khabritaau@gmail.com
Mob: +91 6264 084 601

DPR Links

Trending