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MP Cabinet: सीएम मोहन यादव ने पहली कैबिनेट में ही लिए कई कड़े निर्णय, खुले में मांस-मछली बिक्री और आदतन अपराधियों पर होगा एक्शन
MP Cabinet: प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज शपथ लेने के बाद मंत्रालय में पदभार ग्रहण कर लिया। इसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पहली कैबिनेट बैठक में कई कड़े फैसले लिए हैं। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे कानून व्यवस्था को लेकर काफी कड़ाई करने के मूड में हैं। मुख्यमंत्री ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि फूड सेफ्टी नियम लागू होने के बाद खुले में मांस-मछली की बिक्री पर भारत सरकार द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। आने वाले दिनों में उनका कड़ाई से पालन किया जाएगा। इसमें यह ध्यान रखा जाएगा, कि मांस-मछली की बिक्री में नियमों का पालन कड़ाई से किया जाए और बिना अनुमति बिक्री न हो।
आदतन अपराधियों की जमानत होगी निरस्त
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पहली कैबिनेट में प्रदेश की कानून व्यवस्था में बेहतर के लिए एक अहम निर्णय लिया। मुख्यमंत्री ने मंत्री परिषद की प्रथम बैठक में ही गंभीर अपराधों एवं आदतन अपराधियों की पूर्व अपराधों में माननीय न्यायालय से प्राप्त जमानत को सीआरपीसी की धारा 437, 438, 439 के प्रावधान अनुसार माननीय न्यायालय से निरस्त कराए जाने के संबंध में कार्यवाही हेतु गृह विभाग को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि आदतन अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की जा सके। इसके अलावा प्रदेश में ध्वनि विस्तारक यंत्रों ( लाउड स्पीकर/डीजे/संबोधन प्रणाली) के अनियंत्रित व नियम विरुद्ध प्रयोग को प्रतिबंधित करने हेतु गृह विभाग को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
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MP News: मजदूरों से भरे ऑटो पर पलटा हाइवा, 3 बच्चों समेत 7 की मौत
Jabalpur: मध्यप्रदेश के जबलपुर में बुधवार शाम को ऑटो पर हाइवा पलटने से 7 लोगों की मौत हो गई। शाम करीब 4.30 बजे हुई इस भीषण दुर्घटना में 10 लोग घायल हुए हैं। हादसा जबलपुर से करीब 70 किलोमीटर दूर सिहोरा-कटनी स्टेट हाइवे पर नुंजी गांव के पास चरगंवा रोड पर हुआ। घायलों को सिहोरा के अस्पताल लाया गया। यहां से गंभीर हालत में 3 को जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। पुलिस ने हाईवा के ड्राइवर को हिरासत में ले लिया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक सोयाबीन की कटाई कर मजदूर ऑटो में अपने गांव लौट रहे थे। इसी दौरान बगल से निकल रहा तेज रफ्तार हाईवा अनियंत्रित होकर हाईवा पर पलट गया। मृतकों के परिजन को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा 2-2 लाख रुपए, सड़क दुर्घटना निधि से 15000 रुपए, घायलों को निःशुल्क उपचार एवं सड़क दुर्घटना निधि से 7500 रुपए की सहायता दी गई है। इसके साथ ही संबल योजना के हितग्राही होने की स्थिति में मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता अलग से दी जाएगी। सिहोरा विधायक संतोष सिंह वरकडे ने मृतक के परिजनों को 5000₹ की तात्कालिक सहायता भी दी है।
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MP News: 10 लाख टन तक पहुंचाया जायेगा उज्जैन दुग्ध संघ का उत्पादन- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
Ujjain: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ की क्षमता में वृद्धि की जाएगी। शासन का प्रयास है कि दुग्ध संघ के माध्यम से दुग्ध उत्पादक किसान अधिकाधिक रूप से लाभान्वित हों। प्रत्येक किसान परिवार के पास कम से कम 50 हजार रुपए बोनस राशि पहुंचे। उज्जैन दुग्ध संघ की उत्पादन क्षमता को 10 लाख टन तक बढ़ाया जाएगा। साथ ही दुग्ध संघ की भूमिका को धरातल स्तर तक प्रभावी बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव उज्जैन में रविवार को सहकारी दुग्ध संघ के कर्मचारी संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सभी क्षेत्रों में समान रूप से प्रगति के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। कृषि आधारित मध्यप्रदेश में किसानों की आय में और अधिक वृद्धि हो इसके लिए शासन कृत-संकल्पित है। प्रदेश की कृषि विकास दर को और आगे ले जाना है। इसमें पशुपालक दुग्ध उत्पादक किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। शासन का प्रयास है कि दुग्ध उत्पादन में और अधिक वृद्धि हो। इसमें दुग्ध सहकारिता की बड़ी भूमिका रहेगी। दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के साथ बढ़ी हुई मात्रा की खपत के लिये भी कार्य किया जाएगा। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के माध्यम से दुग्ध खपत के लिये दुग्ध संघ की क्षमता में वृद्धि की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दुग्ध सहकारी संघ को मजबूत बनाने के साथ किसानों के लिए जितनी भी राशि चाहिए वह दी जाएगी। धरातल स्तर तक दुग्ध सहकारी संघ की भूमिका को प्रभावी बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन दुग्ध संघ मेरा अपना परिवार है। वर्तमान में उज्जैन दुग्ध संघ की ढाई लाख टन की क्षमता में वृद्धि कर 10 लाख टन तक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके प्रॉफिट को भी बढ़ाकर 100 करोड़ रुपए तक ले जाना है। साथ ही कर्मचारी हितों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।
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MP News: इंदौर में एयरपोर्ट की तर्ज पर बन रहा ISBT दिसंबर में होगा शुरू, 24 घंटे में आएंगी लगभग 1500 बसें
Bhopal/lndore: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इंदौर के कुमेड़ी में एयरपोर्ट की तर्ज पर बन रहे सर्वसुविधायुक्त, वातानुकूलित तथा मध्यप्रदेश के सबसे बड़े अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल (ISBT) की सुविधा दिसंबर माह से मिलना शुरू हो जायेगी। इस बस टर्मिनल से इंदौर और मध्यप्रदेश का देश में गौरव बढ़ेगा। उन्होंने यह बात शनिवार को यहां बस टर्मिनल के निरीक्षण के दौरान कही। उन्होंने बताया कि इंदौर के कुमेड़ी क्षेत्र में 15 एकड़ क्षेत्रफल में 101 करोड़ रुपये की लागत से इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल (ISBT) बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के चहुंमुखी विकास की ओर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह बस टर्मिनल सिंहस्थ के लिये भी बड़ी सौगात होगा। इससे यात्रियों को बेहतर आवागमन सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने टर्मिनल से जुड़े जन-प्रतिनिधियों, जिला प्रशासन तथा इंदौर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के कार्यों की सराहना कर बधाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने टर्मिनल के सामने ही बन रहे मेट्रो रेल स्टेशन का भी निरीक्षण किया। उन्होंने मेट्रो का कार्य भी तेज गति से करते हुए पूरा करने के निर्देश दिये।
बस टर्मिनल की विशेषताएं
इंदौर के नवनिर्मित अन्तर्राज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) पर लगभग 1440 बसें 24 घंटे में आयेंगी। बस टर्मिनल पूर्णतः वातानुकूलित व सर्वसुविधायुक्त बनेगा। यात्रियों की सुविधा के लिए 14 टिकट काउन्टर रहेंगे। लगभग 1000 वाहनों की पार्किंग सुविधा भी रहेगी। यहाँ से गुजरात, राजस्थान, भोपाल, जबलपुर, छिंदवाड़ा, सागर आदि स्थानों के लिए बसें जाएंगी। कुल 43 बस प्लेटफार्म निर्मित किये गये हैं, जिसमें 28 प्लेटफार्म जाने वाली बसों के लिए एवं 15 प्लेटफार्म आने वाली बसों के लिए निर्धारित हैं। टर्मिनल बिल्डिंग में प्रतिदिन 80 हजार यात्रियों का आवागमन प्रस्तावित है, जिसमें व्यस्ततम समय में भी लगभग 8 हजार व्यक्ति एक साथ आवागमन कर सकेंगें। यात्री बसों के आगमन एवं निर्गमन के लिये पृथक-पृथक द्वार बनाये गये हैं।
आईएसबीटी परिसर में लगभग 600 दो पहिया वाहन, 160 टैक्सी कार, 150 आटो-रिक्शा एवं लगभग 50 प्रायवेट कारों के लिए पृथक से पार्किंग की व्यवस्था की गयी है। इसके अतिरिक्त लगभग 315 चार पहिया वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था तल घर में भी है। पार्किंग स्थल पर दो सुलभ शौचालय का निर्माण भी किया गया है।
यात्रियों की सुविधाओं का रखा गया विशेष ध्यान
टर्मिनल बिल्डिंग में 500 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है एवं एयरपोर्ट के समान वीआईपी लाउंज का भी निर्माण किया गया है। टर्मिनल ब्लॉक में टिकिट काउंटर, पूछताछ कार्यालय, पुलिस चौकी, मेडिकल रूम एवं क्लॉक रूम की व्यवस्था गई है। संपूर्ण टर्मिनल बिल्डिंग में एयरपोर्ट की तरह एयर कुलिंग सिस्टम रहेगा जो कि प्रदेश के किसी भी आईएसबीटी में नहीं है। यात्रियों की सुविधा के लिये 16 रेस्टोरेन्ट, 37 दुकानें, 33 कार्यालय भवन एवं 2 एटीएम का भी निर्माण किया गया है। आईएसबीटी को मेट्रो स्टेशन से भी सीधे जोड़ा गया है, जिससे मेट्रो के यात्री सीधे बस स्टैण्ड परिसर में एवं बस के यात्री सीधे मेट्रो स्टेशन पहुंच सकेंगें। आवागमन की सुविधा के लिये आईएसबीटी के सामने 75 मीटर चौड़ा एमआर-10 एवं तीन तरफ 30 मीटर चौड़े रोड बनाये गये हैं। परिसर में वर्षा जल के रिचार्जिंग की व्यवस्था भी की गई है।
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MP News: प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश से बाढ़ के हालात, डबरा में फंसे 125 को निकाला गया
MP Flood News: प्रदेश के कई जिलों में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। 15 जिलों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को आपात बैठक कर बाढ़ के हालातों की समीक्षा की और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। बाढ़ से उपजे हालातों से निपटने के लिए विभिन्न एजेंसियों को तैनात किया गया है। ग्वालियर जिले की डबरा तहसील के ग्राम सेंकरा और खेड़ीरायमल में बाढ़ के कारण फंसे 125 लोगों को गुरुवार को सुरक्षित निकाल लिया गया। ग्वालियर जिला प्रशासन, जनपद पंचायत और एसडीआरएफ की संयुक्त टीमों ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया। हालांकि, 400 लोग अब भी विभिन्न स्थानों पर बाढ़ में फंसे होने की सूचना है।
हैदराबाद से पहुंची एनडीआरएफ टीम
एनडीआरएफ की टीम मदद के लिए विमान से हैदराबाद से पहुंची है। ग्वालियर जिले के अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अब तक कुल 525 से अधिक लोगों को बचाया जा चुका है। इन सभी लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में सुरक्षित आश्रय प्रदान किया गया है, जहां उनके लिए खाने-पीने के सामान और दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। एनडीआरएफ की एक टीम टीकमगढ़ से डबरा, ग्वालियर पहुंची है। एक टीम छतरपुर से राहत बचाव कार्य के बाद टीकमगढ़ पहुंच गई है। एक टीम जबलपुर से बालाघाट पहुंच कर राहत एवं बचाव का कार्य कर रही है। एक टीम डिंडौरी और एक टीम भोपाल के लिए आरक्षित है।
इन जिलों में बाढ़ की स्थिति
गुरुवार को प्रदेश के 15 जिलों पन्ना, श्योपुर, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, भिंड, छिंदवाड़ा, शिवपुरी, गुना, सागर, बालाघाट, राजगढ़, रायसेन, नरसिंहपुर तथा दमोह में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई। इन जिलों में एसडीईआरएफ द्वारा खोज एवं बचाव ऑपरेशन किया जा रहा है। प्रशासन द्वारा जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर भ्रमण किया जा रहा है।
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MP News: प्रदेश में बाढ़-अतिवर्षा की स्थिति देख अफसरों की छुट्टी पर रोक, सीएम बोले- बाढ़ में फंसे लोगों को तत्काल एयरलिफ्ट करें
Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में 30 सितम्बर तक वर्षा की संभावना है। अतिवर्षा और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए अधिकारी-कर्मचारी छुट्टी पर नहीं जाएं। अतिवर्षा के बावजूद भी जनजीवन सामान्य रहे, इसके लिए समय रहते आवश्यक सावधानियां बरतते हुए बचाव के कार्य किए जाएं। लोगों के जीवन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए, जनहानि के लिए संबंधित अधिकारी को जिम्मेदार माना जाएगा। अतिवर्षा और बाढ़ से प्रभावित लोगों को सुरक्षा व सुविधा प्रदान करने के लिए राहत शिविर लगाएं और इसमें सामाजिक संस्थाओं का सहयोग भी सहयोग लिया जाए। बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान का आंकलन और पशु हानि की जानकारी भी यथाशीघ्र लेना आरंभ किया जाए। राहत राशि के वितरण में विलंब न हो, बाढ़ और अतिवृष्टि से पीड़ितों को राहत के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध है। राहत शिविरों में स्वच्छ पेयजल, दवाई आदि की व्यवस्था सुनिश्चित हो। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में अति वर्षा से निर्मित स्थिति और बचाव के लिए समत्व भवन में ली गई आपात बैठक में उक्त निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिलों की स्थिति की समीक्षा की। वी.सी. में समस्त संभागीय आयुक्त, आईजी, कमिश्नर आफ पुलिस, जिला कलेक्टर, एसपी जुडे।
निचली बस्तियों में रहने वालों को समय रहते सतर्क किया जाए
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि वर्षा का चक्र बदलने के कारण सितंबर माह में जितनी वर्ष होनी चाहिए उससे अधिक हो रही है। निचली बस्तियों में रहने वालों को समय रहते सतर्क किया जाए और आवश्यकता अनुसार उन्हें राहत शिविरों में शिफ्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि जिन रपटों और पुलों पर पानी है, वहाँ तत्काल आवश्यक सावधानी व सतर्कता बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अति वर्षा के प्रभाव से हुई जनहानि और पशु हानि की स्थिति में राहत उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी कलेक्टरों को जनहानि की स्थिति में चार-चार लाख रुपए की सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा कर कलेक्टरों को तत्काल राशि परिजन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
बाढ़ में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट करने की तत्काल व्यवस्था की जाए
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जहां पर भी बाढ़ के पानी में लोग फंसे हैं उन्हें हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट करने की तत्काल व्यवस्था की जाए। पुराने जीर्ण-शीर्ण भवनों को चिन्हित कर सुरक्षात्मक व्यवस्था की जाए और आवश्यकता होने पर निवासियों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए। समत्व भवन में हुई बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर कुमार सक्सेना सहित, प्रमुख सचिव, जल संसाधन, गृह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक निर्माण विभाग, नगरीय विकास एवं आवास, राजस्व, लोक स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा उपस्थित थे।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम बचाव कार्य में सक्रिय
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में गुना, दतिया, ग्वालियर, शिवपुरी, राजगढ़, टीकमगढ़ के कलेक्टर से जिले में अति वर्षा और बाढ़ संबंधी जानकारी प्राप्त की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अवगत कराया गया कि दतिया जिले के भांडेर के निकट पोहुच नदी में 18 लोग फंसे हैं, डबरा में भी लोगों के पानी में फंसे होने की सूचना है। मुरैना में पेड़ के नीचे दबने से एक व्यक्ति की मृत्यु और तीन लोगों के घायल होने का समाचार है। बैठक में बताया गया कि बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए झांसी, बरेली और गोरखपुर से हेलीकॉप्टरों को रवाना किया जा रहा है। टीकमगढ़ में बचाव व राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम बुला ली गई है। ग्वालियर चंबल क्षेत्र में एसडीआरएफ की टीम बोट व अन्य बचाव सामग्री के साथ सक्रिय है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में आगामी दिनों में वर्षा की संभावनाओं को देखते हुए बाढ़ की पूर्व सूचना और प्रचार-प्रसार की समुचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने आवश्यक वस्तुओं के पर्याप्त भंडारण के निर्देश दिए।
अब तक प्रदेश में औसत से 14 प्रतिशत अधिक हुई वर्षा
बैठक में बताया कि प्रदेश में 11 सितम्बर तक 991.9 मिली मीटर वर्षा हो चुकी है यह औसत से 14 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश के 12 जिलों राजगढ़, खरगोन, भोपाल, सिवनी, मंडला, भिंड, श्योपुर, छिंदवाड़ा, बड़वानी, शिवपुरी, सिंगरौली, नीमच, अलीराजपुर, ग्वालियर और गुना में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। आगामी 2 दिनों में भी प्रदेश के अधिकांश जिलों में मानसून सक्रिय रहने का अनुमान है। इसके बाद वर्षा में कमी की संभावना है। मौसम विभाग द्वारा भिंड, दतिया, ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर कला, आगर-मालवा, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, निवाड़ी और राजगढ़ में भारी वर्षा का पूर्वानुमान जारी किया गया है। वर्तमान में प्रदेश के 54 में से 31 बांधों के गेट खुले हैं। विभिन्न जिलों में राहत शिविर संचालित हैं।
भीड़ भरे आयोजनों में इलेक्ट्रिक सेफ्टी सहित सावधानी बनाए रखने के लिए दिए निर्देश
बैठक में नदियों, बांधों और जलाशयों के जल स्तर पर लगातार नजर रखने, बचाव के लिए आवश्यक सामग्री, राहत शिविरों की उचित व्यवस्था, जिन शालाओं के भवन जीर्ण-शीर्ण हैं, उन्हें चिन्हित करते हुए बच्चों की पढ़ाई की वैकल्पिक व्यवस्था करने, गणेश पंडालों तथा अन्य सामाजिक, धार्मिक और भीड़ भरे आयोजनों में इलेक्ट्रिक सेफ्टी सुनिश्चित करने, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता, पर्याप्त दवाओं की आपूर्ति बनाए रखने के भी निर्देश दिए गए। आगामी दिनों में भी वर्षा की संभावना को देखते हुए अनंत चतुर्दशी पर विसर्जन स्थलों पर प्रकाश, नाव, गोताखोरों, चिकित्सा दल, साफ-सफाई, बचाव दल की व्यवस्था करते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रखने के लिए भी जिले के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया।
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