ख़बर मध्यप्रदेश
MP Cabinet: पीएम आवास योजना 2.0 को स्वीकृति, एमपी सेमीकंडक्टर पॉलिसी-2025 लागू करने की स्वीकृति
Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के प्रदेश में क्रियान्वयन करने की स्वीकृति दी गई। योजना अनुसार प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर, निम्न तथा मध्यम आय वर्ग के पात्र हितग्राही परिवारों को योजना के चार घटकों के माध्यम से लाभान्वित करने के लिए 5 वर्षों की योजना अवधि में 10 लाख आवासों का निर्माण किया जायेगा। इसमें 50 हजार करोड़ रुपए व्यय होंगे। बेनेफिसयरी लेड कंस्ट्रक्शन (बी.एल.सी.) घटक अंतर्गत ईडब्ल्यूएस वर्ग के पात्र हितग्राही को अपनी स्वयं की भूमि पर स्वयं आवास का निर्माण करने के लिए अनुदान प्रदान किया जायेगा।
एफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनशिप (ए.एच.पी.) घटक अंतर्गत ईडब्ल्यूएस वर्ग के पात्र हितग्राहियों को नगरीय निकायों, राज्य की अन्य निर्माण एजेंसियों तथा निजी बिल्डर/डेवलपर के द्वारा आवासों का निर्माण कर प्रदान किया जायेगा। इस घटक अंतर्गत निजी डेवलपर द्वारा क्रियान्वित व्हाइट लिस्टेड/ओपन मार्केट परियोजनाओं में हितग्राहियों द्वारा आवास क्रय करने के लिए रिडीमेबल हाऊसिंग वाउचर (आरएचवी) प्रदान किए जाने की स्वीकृति दी गयी है। एफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनशिप (ए.आर.एच.) घटक अंतर्गत कामकाजी महिलाओं / औद्योगिक श्रमिकों / शहरी प्रवासियों बेघर निराश्रितों /छात्रों एवं अन्य पात्र हितग्राहियों के लिए किराये के आवास बनाकर उपलब्ध किया जायेगा। इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम (आई.एस.एस.) घटक अंतर्गत ईडब्ल्यूएस, एलआईजी एवं एमआईजी वर्ग के पात्र परिवारों को आवास ऋण पर ब्याज अनुदान बैंक/एचएफसी के माध्यम से प्रदान किया जायेगा
योजना अनुसार कल्याणी महिलाओं, सिंगल वूमेन, दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडर्स, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों तथा समाज के अन्य कमजोर एवं वंचित वर्गों के व्यक्तियों को वरीयता दी जाएगी। साथ ही सफाई कर्मियों, पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत चिन्हित स्ट्रीट वेंडरों, पीएम विश्वकर्मा योजना के विभिन्न कारीगरों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिकों, तथा मलिन बस्ती/चॉल के निवासियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
बी.एल.सी. घटक के लिए अनुदान राशि 2.50 लाख प्रति आवास तथा ए.एच.पी. घटक की परियोजनाओं के लिए अनुदान राशि 2.50 लाख प्रति आवास की स्वीकृति प्रदान की गई। 10 लाख आवासों के निर्माण के लिए अनुमानित राशि 50,000 करोड़ रूपये का निवेश संभावित है। इसमें केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार से अनुमानित अनुदान राशि 23,025 करोड़ रूपये प्रदान किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। योजना अंतर्गत पात्र हितग्राही परिवारों के लिए हर मौसम अनुकूल आवासों के निर्माण के साथ साथ समुचित अधोसंरचना जैसे सड़क, जल प्रदाय, मल-जल निकासी, पार्क तथा सामाजिक अधोसंरचना जैसे आंगनवाड़ी, प्राथमिक शाला एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आदि विकसित किये जायेंगे। शासन सभी पात्र हितग्राही परिवारों को आवास प्रदान किया जाना सुनिश्चित करेगा।
शहरी अवास योजना में बड़े शहरों को मलिन बस्ती मुक्त करने की दिशा में भूमि को संसाधन के रूप में उपयोग करते हुए पीपीपी मॉडल पर परियोजनाओं के क्रियान्वयन की स्वीकृति दी गई। ईडब्ल्यूएस वर्ग के हितग्राहियों का अंशदान कम करने के लिए पूर्वानुसार क्रॉस सब्सिडी मॉडल को क्रियान्वित करने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग की श्रेणी के आवासों के निर्माण के साथ निम्न आय वर्ग तथा मध्यम आय वर्ग के लिए भी मिश्रित रूप से आवासों, व्यवसायिक इकाइयों का निर्माण तथा भूखंड विकसित करने की स्वीकृति दी गई। एएचपी-लोक परियोजनाओं में हितग्राही अंश की व्यवस्था के लिए हितग्राही, नगरीय निकाय तथा बैंक/एचएफसी के मध्य पूर्वानुसार त्रिपक्षीय अनुबंध के माध्यम से ऋण उपलब्ध किये जाने एवं भूमिहीन पात्र हितग्राही परिवारों को आवासीय भूमि का पट्टा प्रचलित प्रावधान अनुसार उपलब्ध किये जाने की भी स्वीकृति दी गई, जिससे भूमिहीन गरीबों को भी बीएलसी घटक का लाभ प्राप्त हो सके।
सेमी कंडक्टर नीति से 14,400 रोजगार होंगे सृजित
मंत्रि-परिषद द्वारा “मध्यप्रदेश सेमी कंडक्टर नीति 2025” लागू किये जाने की स्वीकृति दी गयी। उत्कृष्टता केंद्रों के लिए सकारात्मक भूमिका में सहयोगी, ‘स्किल इंडिया जैसी पहल और वैश्विक तकनीकी उन्नत कंपनियों के साथ साझेदारी भारतीय कार्य बल को चिप डिजाइन, निर्माण, और सिस्टम एकीकरण में उन्नत कौशल तथा इस क्षेत्र में लाखों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित कर आर्थिक विकास को बढ़ावा देने राज्य को इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर निर्माण केंद्र के रूप में विकसित किये जाने की आवश्यताओं के दृष्टिगत राज्य शासन द्वारा “मध्यप्रदेश सेमीकंडक्टर नीति-2025” जारी करने का निर्णय लिया गया है।
कैबिनेट में हुए निर्णय अनुसार प्रदेश में निवेश के प्रति निर्मित अनुकूल वातारण को बढ़ावा मिलेगा। मध्यप्रदेश में एक स्थायी इको-सिस्टम का विकास होगा। उत्कृष्टता केंद्र के माध्यम से कौशल विकसित होगा। प्रदेश में सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में निवेश आकर्षित होगा। इससे प्रदेश में रोजगार की संभावनाएँ भी बढ़ेगी। इस नीति से राज्य को उच्च तकनीक से जुड़े कुशल कार्यबल का विकास करने का अवसर मिलेगा। राज्य को दीर्घकालिक औद्योगिक विकास की दिशा में अग्रसर करने के लिए सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षेत्र सार्थक होगा। वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनने का अवसर प्राप्त होंगे। स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। घरेलू और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में सुदृढ़ होगी। उद्योगों और स्टार्टअप्स को सहयोग मिलेगा नवाचार को बढ़ावा देकर सेमी कंडक्टर डिज़ाइन, आर एंड डी और विनिर्माण क्षेत्रों को सहायता मिलेगी। निर्यात वृद्धि से राजस्व में राज्य की वैश्विक बाजार में पकड़ मजबूत होगी।
देश में ‘मेक इन इंडिया और ‘डिजिटल इंडिया’ की दिशा में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और सेमी कंडक्टर डिजाइन में निवेश के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाया गया है। भारत की युवा और तकनीकी रूप से कुशल जनसंख्या अनुसंधान और विनिर्माण के लिए एक विशाल प्रतिभा पूल प्रदान करती है। इसके अलावा, अमेरिका, जापान, और ताइवान जैसे देशो के साथ भारत के सहयोग ने सेमीकंडक्टर विनिर्माण में इसकी स्थिति को और मजबूत किया है। भारत का तेजी से बढ़ता स्टार्ट-अप इको-सिस्टम, विशेष रूप से एआई, आईओटी और रोबोटिक्स में, सेमीकंडक्टर अनुप्रयोगों में नवाचार को प्रोत्साहित कर रहा है। अकादमिक और उद्योग के बीच सहयोग स्वदेशी डिजाइन और विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे आयात पर निर्भरता कम हो रही है और आत्मनिर्भरता बढ़ रही है।
“मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025” की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा राज्य को ड्रोन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी बनाने” मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025″ की स्वीकृति दी गयी हैं। स्वीकृति अनुसार मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025″ के लाभ मिलेंगे। आर्थिक विकास ड्रोन नीति से राज्य में निवेश आकर्षित होगा, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की समृद्धि में वृद्धि होगी। रोजगार सृजन ड्रोन उद्योग में नई नौकरियों का सृजन होगा, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। तकनीकी प्रगति ड्रोन प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे राज्य की तकनीकी क्षमताओं में वृद्धि होगी। कृषि सुधार ड्रोन का उपयोग सटीक कृषि, फसल निगरानी और सिंचाई प्रबंधन में किया जाएगा, जिससे कृषि उत्पादन में सुधार होगा। आपदा प्रबंधन में ड्रोन का उपयोग तेजी से प्रतिक्रिया और राहत कार्यों में मदद करेगा। मानव सुरक्षा एवं सार्वजनिक सुरक्षा ड्रोन का उपयोग निगरानी, भीड़ नियंत्रण और अपराध जांच में किया जाएगा, जिससे सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार होगा। बुनियादी ढांचों पुलों, सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे के निरीक्षण में किया जाएगा, जिससे रख-रखाव और सुरक्षा में सुधार होगा। पर्यावरण संरक्षणः ड्रोन का उपयोग वन्यजीव निगरानी, प्रदूषण निगरानी और व्रन प्रबंधन में किया जाएगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। शिक्षा और कौशल विकास ड्रोन प्रौद्योगिकी को शैक्षिक कार्यक्रमों में शामिल किया जाएगा, जिससे छात्रों और पेशेवरों को नई तकनीकों का ज्ञान और कौशल मिलेगा। पर्यटन संवर्धन ड्रोन का उपयोग राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता को प्रदर्शित करने के लिए किया जाएगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इस प्रकार, नई ड्रोन नीति से मध्यप्रदेश को बहुआयामी लाभ प्राप्त होंगे, जिससे राज्य की समग्र प्रगति और विकास को अप्रत्याशित बढ़ावा मिलेगा।
नवाचार, आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी का उपयोग कृषि, बुनियादी ढांचे, आपदा प्रबंधन, सार्वजनिक सुरक्षा और अन्य क्षेत्रों में किया जाकर सेवा वितरण में सुधार एवं ड्रोन निर्माण और प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख केंद्र बनाने तथा ड्रोन क्षेत्र में प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025″ जारी किये जाने की स्वीकृति दी गयी है।
हुकुमचंद मिल (परिसमापन के अंतर्गत) की देनदारियों के निपटान एवं नवीन परियोजना क्रियान्वयन की मंजूरी
मंत्रि-परिषद द्वारा हुकुमचंद मिल, इंदौर की 17.52 हेक्टर भूमि पर परियोजना के सफल क्रियान्वयन एवं अन्य दायित्वों के लिए नगर पालिक निगम, इंदौर तथा म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल एवं प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास के मध्य त्रिपक्षिय अनुबंध हस्ताक्षरित किया गया। इंदौर शहर में इस परियोजना से शहर के लिए शापिंग मॉल, मार्केट, ऑफिस स्पेस, रहवासी क्षेत्र एवं बगीचे आदि सुविधाएँ उपलब्ध होगी। योजना से नगर पालिक निगम, इंदौर को भी संपत्ति कर एवं अन्य राजस्व की प्राप्ति होगी, जिसका उपयोग शहर की अधोसंरचनाओं के लिए होगा। योजना में पर्यावरण संरक्षण एवं नए वृक्षारोपण का विशेष ध्यान दिया जाएगा।
5100 करोड़ रूपये के निवेश से लगभग 10 हजार रोजगार सृजन हो सकेगा
इंदौर शहर की प्रचलित नगर विकास योजना 2021 एवं राज्य शासन द्वारा स्वीकृत किये जा रहे अतिरिक्त 0.5 एफ.ए.आर. के अनुसार कुल 2.08 लाख वर्ग मीटर आवासीय बिल्ट-अप एरिया निर्मित होगा, जिसमें लगभग 1400 करोड़ रूपये का निवेश आयेंगा। इसी प्रकार वाणिज्यिक क्षेत्र में लगभग 3 लाख वर्ग मीटर बिल्ट-अप एरिया निर्मित होगा, जिसमें लगभग रूपये, 3700 करोड़ निवेश आयेंगा। साथ ही, इस परियोजना में लगभग रूपये, 2332 करोड़ के निर्माण कार्य किये जायेगें, जिससे शहर की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा एवं नए रोजगार सृजित होंगे। परियोजना से प्रत्यक्ष जी.एस.टी. से राजस्व लगभग 400 करोड़ रूपये, निर्मित क्षेत्रफल के विक्रय से 650 करोड़ रूपये स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन शुल्क एवं अन्य कर सहित लगभग 1200 करोड़ रूपये राजस्व शासन को प्राप्त होने का अनुमान है। योजना से निर्माण के दौरान लगभग 83 लाख मानव-दिवस एवं योजना उपरांत नियमित रूप से लगभग 8000 से 10,000 रोजगार सृजित होंगे। परियोजना में ग्रीन बिल्डिंग, जीरो डिस्चार्ज, ऊर्जा दक्षता, पर्यावरण एवं जल संरक्षण के विभिन्न मापदण्डों का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
शासकीय पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालयों में अध्ययनरत इंटर्नशिप छात्रों को स्टायपेण्ड राशि में वृद्धि करने की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा जबलपुर, महू एवं रीवा के शासकीय पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालयों में वर्तमान में इंटर्नशिप छात्रों को स्टायपेण्ड राशि में वृद्धि करने की स्वीकृति दी गयी है। स्वीकृति अनुसार मध्यप्रदेश पशुपालन एवं डेयरी विभाग अंतर्गत पशु पालन विभाग अंतर्गत नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत शासकीय पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालयों में अध्ययनरत् स्नातक छात्रों के लिए इंटर्नशिप स्टायपेण्ड में 7600 (रूपये 3000 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अंश रूपये 4600 राज्य अंश) को बढ़ाकर 10000 (रुपये 3000 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अंश रूपये 7000 राज्य अंश) किये जाने के लिए राज्य अंश राशि रूपये 4600 में बढ़ोत्तरी कर राज्य अंश राशि रूपये 7000 किये जाने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय से भविष्य में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा इंटर्नशिप स्टायपेण्ड में वृद्धि किये जाने पर इंटर्नशिप स्टायपेण्ड में देय राज्यांश को तार्किक रूप से युक्तियुक्तकरण करने के लिये निर्णय मंत्री-परिषद से लिया जायेगा।
इंटर्नशिप स्टायपेण्ड राशि रूपये 7600 से बढ़ाकर 10 हजार रूपये की स्वीकृति
पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 के तहत नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय 3 नवम्बर 2009 को स्थापित किया गया है। मध्यप्रदेश में तीन डिग्री कॉलेज जबलपुर, महू एवं रीवा में संचालित है। इन महाविद्यालयों में कुल 300 छात्रों के प्रवेश की क्षमता है। वर्तमान में इंटर्नशिप छात्रों को स्टायपेण्ड राशि रूपये 7600 (रुपये 3000 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अंश+ रूपये 4600 राज्य अंश) प्रदाय किया जा रहा है।
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Panna: जेके सीमेंट प्लांट में गुरुवार सुबह निर्माणाधीन छत का स्लैब गिरा, 4 मौत की खबर
Panna: पन्ना में स्थित जेके सीमेंट प्लांट में गुरुवार सुबह निर्माणाधीन हिस्से में छत की स्लैब गिर गई। इस हादसे में अचानक भाड़ा (स्कैफोल्डिंग) गिर गया, जिसकी चपेट में आने से 4 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 15 मजदूर घायल हुए हैं। डीआईजी ललित शाक्यवार ने बताया कि चार मृतकों में तीन बिहार के रहने वाले हैं और एक पन्ना जिले के सिमरिया का रहने वाला है। हादसे में गंभीर घायलों का इलाज कटनी में चल रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक मृतकों को प्लांट प्रबंधन की तरफ से 18-18 लाख रुपए दिए जाएंगे। वहीं घायलों को एक-एक लाख रुपए दिए जाएंगे। घायल मजदूरों के इलाज का पूरा खर्च फैक्ट्री प्रबंधन उठाएगा। साथ ही जब तक मजदूर पूर्ण रूप से स्वस्थ्य नहीं हो जाते तब तक सभी को पूरी सैलरी भी दी जाएगी। प्रशासन की तरफ से हादसे की जांच के लिए टीम बनाई गई है। उसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
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MP News: प्रदेश में स्थानांतरण नीति (संशोधन)-2025 लागू, विभागीय मंत्री कर सकेंगे तबादले
MP Transfer Policy: मध्य प्रदेश में बुधवार को साामन्य प्रशासन विभाग की तरफ से स्थानांतरण नीति (संशोधन)-2025 जारी कर दी गई। सरकार ने कार्य की सुविधा से उपरोक्त नीति की कण्डिका 9 में संशोधन किया है। इसमें विभाग के मंत्री विशेष परिस्थिति में ट्रांसफर कर सकेंगे। वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त उच्च प्राथमिकता के प्रकरणों में सचिव प्राशसकीय अनुमोदन प्राप्त कर आदेश जारी कर सकेंगे।बता दें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षा में महेश्वर में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई थी। फिलहाल प्रदेश में राज्य और जिला स्तर पर स्थानांतरण पर प्रतिबंध है। शासन ने 24 जून 2021 को राज्य एवं जिला स्तर पर ट्रांसफर नीति जारी की थी।
नई संशोधित नीति में ऐसे ट्रांसफर प्रकरण जिनको करने में विभाग नीति के अनुरूप नहीं पाता है तो ऐसे प्रकरण विभागीय सचिव, विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद कारण समेत अपर मुख्य सचिव/ प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री कार्यालय को दोबारा प्रस्तुत कर अग्रिम आदेश प्राप्त करेंगे। इसके अलावा ट्रांसफर नीति के तहत ट्रांसफर करते हुए यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जिस स्थान से ट्रांसफर किया जा रहा है, उस स्थान पर रिक्त पदों का प्रतिशत ट्रांसफर किए जा रहे स्थान से अधिक तो नहीं हो रहा है। ऐसी स्थिति में ट्रांसफर नहीं किया जाएगा।
इन विशेष परिस्थितियों में ही किए जा सकेंगे ट्रांसफर
1.स्वास्थ्य कारण- कैंसर, लकवा, दिल का दौरा जैसी गंभीर बीमारियों के कारण तत्काल स्थानांतरण की आवश्यकता हो।
2. न्यायालय के आदेश- यदि किसी न्यायालय का आदेश हो और उस आदेश का पालन करना आवश्यक हो, लेकिन स्थानांतरण के दौरान कर्मचारी पर कोई विभागीय कार्रवाई लंबित न हो।
3.गंभीर शिकायत या अनियमितता- यदि शासकीय कर्मचारी के खिलाफ गंभीर शिकायत या लापरवाही हो और विभाग ने उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की हो।
4.आपसी अपराध मामला- यदि लोकायुक्त या पुलिस ने कर्मचारी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया हो और जांच में कोई रुकावट न हो, तो इस कारण भी स्थानांतरण किया जा सकता है।
5.रिक्त पदों की पूर्ति- यदि किसी कर्मचारी के निलंबन, त्यागपत्र, सेवानिवृत्ति या मृत्यु के कारण पद खाली हो और विभाग को लगे कि उस पद को भरना जरूरी है, तो भी स्थानांतरण किया जा सकता है।
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MP Board Exam: एमपी बोर्ड 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा 2025 के लिए एडमिट कार्ड जारी, यहां से करें डाउनलोड
MP Board Exam Admit Card 2025: मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने कक्षा 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा 2025 के लिए प्रवेश पत्र जारी कर दिए हैं। माशिमं कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र अपने संबंधित एडमिट कार्ड आधिकारिक वेबसाइट (mpbse.mponline.gov.in) पर जाकर ऑनलाइन चेक और डाउनलोड कर सकते हैं। बता दें कि एमपी बोर्ड में एडमिट कार्ड मंगलवार 28 जनवरी को जारी कर दिए थे और यह 31 मार्च 2025 तक वेबसाइट पर उपलब्ध रहेंगे।
ऐसे डाउनलोड करें एडमिट कार्ड
1.सबसे पहले उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट mpbse.mponline.gov.in पर जाएं।
2.होमपेज पर, ‘परीक्षा/नामांकन फॉर्म’ पढ़ने वाले लिंक पर क्लिक करें।
3.स्क्रीन पर एक नया पेज दिखाई देगा।
4.’मुख्य परीक्षा एडमिट कार्ड 2025 प्रिंट करें’ पढ़ने वाले लिंक पर क्लिक करें।
5.पूछे गए क्रेडेंशियल दर्ज करें और सबमिट पर क्लिक करें।
6.इसके बाद, आपका MPBSE बोर्ड एडमिट कार्ड 2025 स्क्रीन पर दिखाई देगा।
7. नीचे दिए गए स्टेप्स का पालन कर सकते हैं।
कक्षा 10वीं की 27 फरवरी और 12वीं की 25 फरवरी से शुरू होगी परीक्षा
एमपी बोर्ड 10वीं की परीक्षा 27 फरवरी से चालू होगी और 21 मार्च, 2025 को समाप्त होगी। परीक्षा एक ही पाली में सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित की जाएगी। वहीं कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा 25 फरवरी से शुरू होगी और 25 मार्च, 2025 को समाप्त होगी। यह परीक्षा भी एक ही पाली में सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित की जाएगी। परीक्षार्थियों को सभी परीक्षा दिवसों पर सुबह 8.30 बजे तक परीक्षा केंद्र पर पहुंचना अनिवार्य है। परीक्षा हॉल के गेट सुबह 8.45 बजे बंद हो जाएंगे। उम्मीदवारों को उत्तर पुस्तिकाएं सुबह 8:50 बजे और प्रश्न पत्र सुबह 8:55 बजे दिए जाएंगे। अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार एमपीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट देख सकते हैं।
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MP News: एमपी में 42 आईएएस अफसरों के तबादले, 12 जिलों को मिले नए कलेक्टर
Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के चार दिवसीय जापान यात्रा पर रवाना होने के कुछ देर बाद प्रदेश के 42 आईएएस अधिकारियों के ट्रांसफर आदेश जारी किए गए। सोमवार रात को सामान्य प्रशासन विभाग से जारी आदेश में 42 आईएएस अफसरों की नवीन पदस्थापना आदेश जारी किए गए है।
जारी आदेश में मुख्यमंत्री के सचिव भरत यादव को प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम भोपाल बनाया गया है। सचिव, मुख्यमंत्री, अविनाश लवानियो को प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी जबलपुर बनाया गया है। वहीं आयुक्त-सह-संचालक, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण सिबि चक्रवर्ती को सचिव मुख्यमंत्री बनाया गया है।
12 जिलों के कलेक्टर बदले
सोमवार रात जारी आदेश में प्रदेश के 12 जिलों को नए कलेक्टर मिले हैं। इसमें देवास, सीहोर, रायसेन, बड़वानी, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, डिंडौरी, सतना, टीकमगढ़, गुना और श्योपुर जिले के कलेक्टर बदले गए हैं। 2011 बैच की आईएएस अधिकारी नेहा मारव्या सिंह को लंबे इंतजार के बाद आखिरकार कलेक्टरी मिल गई है। उन्हें डिंडौरी कलेक्टर पदस्थ किया गया है। इसी तरह भोपाल जिला पंचायत सीईओ ऋतुराज सिंह को देवास कलेक्टर बनाया गया है। वे भी लंबे समय से कलेक्टर बनने का इंतजार कर रहे थे।
यह रहा तबादला आदेश
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Republic Day 2025: सीएम डॉ. यादव इंदौर में फहरायेंगे ध्वज, भोपाल में राज्यपाल गणतंत्र दिवस पर फहरायेंगे तिरंगा
Bhopal: देश के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल भोपाल में राज्य स्तरीय कार्यक्रम में झंडा फहराएंगे। वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इंदौर में ध्वज फहरायेंगे। विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर मुरैना जिले में और जिला मुख्यालयों पर मंत्रीगण एवं कलेक्टर ध्वज फहराकर मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन करेंगे।
उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा देवास, उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल रीवा, पंचायत और ग्रामीण विकास, श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल सागर, जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह झाबुआ, नगरीय विकास एवं आवास, संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय धार, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह छिंदवाड़ा, राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा सिवनी, परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रतापसिंह कटनी में झंडा फहराएंगे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सम्पतिया उईके अलीराजपुर, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ग्वालियर, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना दतिया, महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया नीमच, खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत नरसिंहपुर, खेल एवं युवा कल्याण, सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग हरदा, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह निवाडी में ध्वज फहराएंगे।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान उमरिया, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर शिवपुरी, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला श्योपुर, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य काश्यप रतलाम, उच्च शिक्षा, आयुष एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार पन्ना, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर टीकमगढ़, कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल सीधी में ध्वज फहराएंगे।
कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल उज्जैन, पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन सिंह पटैल दमोह, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नारायण सिंह पंवार रायसेन, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल बैतूल, नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी सतना, वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार अनूपपुर एवं पंचायत और ग्रामीण विकास राज्यमंत्री राधा सिंह मैहर में ध्वज फहराकर मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन करेंगे।
जिला मुख्यालय जबलपुर, खरगौन, बड़वानी, सिंगरौली, बुरहानपुर, गुना, अशोकनगर, भिंड, मऊगंज, छतरपुर, सीहोर, खंडवा, राजगढ़, नर्मदापुरम, मंडला, बालाघाट, पांढुर्णा, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, शहडोल, विदिशा और डिंडौरी में जिला कलेक्टर ध्वज फहराकर मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन करेंगे।
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