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MP Cabinet: पीएम आवास योजना 2.0 को स्वीकृति, एमपी सेमीकंडक्टर पॉलिसी-2025 लागू करने की स्वीकृति

Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के प्रदेश में क्रियान्वयन करने की स्वीकृति दी गई। योजना अनुसार प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर, निम्न तथा मध्यम आय वर्ग के पात्र हितग्राही परिवारों को योजना के चार घटकों के माध्यम से लाभान्वित करने के लिए 5 वर्षों की योजना अवधि में 10 लाख आवासों का निर्माण किया जायेगा। इसमें 50 हजार करोड़ रुपए व्यय होंगे। बेनेफिसयरी लेड कंस्ट्रक्शन (बी.एल.सी.) घटक अंतर्गत ईडब्ल्यूएस वर्ग के पात्र हितग्राही को अपनी स्वयं की भूमि पर स्वयं आवास का निर्माण करने के लिए अनुदान प्रदान किया जायेगा।
एफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनशिप (ए.एच.पी.) घटक अंतर्गत ईडब्ल्यूएस वर्ग के पात्र हितग्राहियों को नगरीय निकायों, राज्य की अन्य निर्माण एजेंसियों तथा निजी बिल्डर/डेवलपर के द्वारा आवासों का निर्माण कर प्रदान किया जायेगा। इस घटक अंतर्गत निजी डेवलपर द्वारा क्रियान्वित व्हाइट लिस्टेड/ओपन मार्केट परियोजनाओं में हितग्राहियों द्वारा आवास क्रय करने के लिए रिडीमेबल हाऊसिंग वाउचर (आरएचवी) प्रदान किए जाने की स्वीकृति दी गयी है। एफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनशिप (ए.आर.एच.) घटक अंतर्गत कामकाजी महिलाओं / औद्योगिक श्रमिकों / शहरी प्रवासियों बेघर निराश्रितों /छात्रों एवं अन्य पात्र हितग्राहियों के लिए किराये के आवास बनाकर उपलब्ध किया जायेगा। इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम (आई.एस.एस.) घटक अंतर्गत ईडब्ल्यूएस, एलआईजी एवं एमआईजी वर्ग के पात्र परिवारों को आवास ऋण पर ब्याज अनुदान बैंक/एचएफसी के माध्यम से प्रदान किया जायेगा
योजना अनुसार कल्याणी महिलाओं, सिंगल वूमेन, दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडर्स, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों तथा समाज के अन्य कमजोर एवं वंचित वर्गों के व्यक्तियों को वरीयता दी जाएगी। साथ ही सफाई कर्मियों, पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत चिन्हित स्ट्रीट वेंडरों, पीएम विश्वकर्मा योजना के विभिन्न कारीगरों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिकों, तथा मलिन बस्ती/चॉल के निवासियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
बी.एल.सी. घटक के लिए अनुदान राशि 2.50 लाख प्रति आवास तथा ए.एच.पी. घटक की परियोजनाओं के लिए अनुदान राशि 2.50 लाख प्रति आवास की स्वीकृति प्रदान की गई। 10 लाख आवासों के निर्माण के लिए अनुमानित राशि 50,000 करोड़ रूपये का निवेश संभावित है। इसमें केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार से अनुमानित अनुदान राशि 23,025 करोड़ रूपये प्रदान किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। योजना अंतर्गत पात्र हितग्राही परिवारों के लिए हर मौसम अनुकूल आवासों के निर्माण के साथ साथ समुचित अधोसंरचना जैसे सड़क, जल प्रदाय, मल-जल निकासी, पार्क तथा सामाजिक अधोसंरचना जैसे आंगनवाड़ी, प्राथमिक शाला एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आदि विकसित किये जायेंगे। शासन सभी पात्र हितग्राही परिवारों को आवास प्रदान किया जाना सुनिश्चित करेगा।
शहरी अवास योजना में बड़े शहरों को मलिन बस्ती मुक्त करने की दिशा में भूमि को संसाधन के रूप में उपयोग करते हुए पीपीपी मॉडल पर परियोजनाओं के क्रियान्वयन की स्वीकृति दी गई। ईडब्ल्यूएस वर्ग के हितग्राहियों का अंशदान कम करने के लिए पूर्वानुसार क्रॉस सब्सिडी मॉडल को क्रियान्वित करने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग की श्रेणी के आवासों के निर्माण के साथ निम्न आय वर्ग तथा मध्यम आय वर्ग के लिए भी मिश्रित रूप से आवासों, व्यवसायिक इकाइयों का निर्माण तथा भूखंड विकसित करने की स्वीकृति दी गई। एएचपी-लोक परियोजनाओं में हितग्राही अंश की व्यवस्था के लिए हितग्राही, नगरीय निकाय तथा बैंक/एचएफसी के मध्य पूर्वानुसार त्रिपक्षीय अनुबंध के माध्यम से ऋण उपलब्ध किये जाने एवं भूमिहीन पात्र हितग्राही परिवारों को आवासीय भूमि का पट्टा प्रचलित प्रावधान अनुसार उपलब्ध किये जाने की भी स्वीकृति दी गई, जिससे भूमिहीन गरीबों को भी बीएलसी घटक का लाभ प्राप्त हो सके।
सेमी कंडक्टर नीति से 14,400 रोजगार होंगे सृजित
मंत्रि-परिषद द्वारा “मध्यप्रदेश सेमी कंडक्टर नीति 2025” लागू किये जाने की स्वीकृति दी गयी। उत्कृष्टता केंद्रों के लिए सकारात्मक भूमिका में सहयोगी, ‘स्किल इंडिया जैसी पहल और वैश्विक तकनीकी उन्नत कंपनियों के साथ साझेदारी भारतीय कार्य बल को चिप डिजाइन, निर्माण, और सिस्टम एकीकरण में उन्नत कौशल तथा इस क्षेत्र में लाखों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित कर आर्थिक विकास को बढ़ावा देने राज्य को इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर निर्माण केंद्र के रूप में विकसित किये जाने की आवश्यताओं के दृष्टिगत राज्य शासन द्वारा “मध्यप्रदेश सेमीकंडक्टर नीति-2025” जारी करने का निर्णय लिया गया है।
कैबिनेट में हुए निर्णय अनुसार प्रदेश में निवेश के प्रति निर्मित अनुकूल वातारण को बढ़ावा मिलेगा। मध्यप्रदेश में एक स्थायी इको-सिस्टम का विकास होगा। उत्कृष्टता केंद्र के माध्यम से कौशल विकसित होगा। प्रदेश में सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में निवेश आकर्षित होगा। इससे प्रदेश में रोजगार की संभावनाएँ भी बढ़ेगी। इस नीति से राज्य को उच्च तकनीक से जुड़े कुशल कार्यबल का विकास करने का अवसर मिलेगा। राज्य को दीर्घकालिक औद्योगिक विकास की दिशा में अग्रसर करने के लिए सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षेत्र सार्थक होगा। वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनने का अवसर प्राप्त होंगे। स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। घरेलू और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में सुदृढ़ होगी। उद्योगों और स्टार्टअप्स को सहयोग मिलेगा नवाचार को बढ़ावा देकर सेमी कंडक्टर डिज़ाइन, आर एंड डी और विनिर्माण क्षेत्रों को सहायता मिलेगी। निर्यात वृद्धि से राजस्व में राज्य की वैश्विक बाजार में पकड़ मजबूत होगी।
देश में ‘मेक इन इंडिया और ‘डिजिटल इंडिया’ की दिशा में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और सेमी कंडक्टर डिजाइन में निवेश के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाया गया है। भारत की युवा और तकनीकी रूप से कुशल जनसंख्या अनुसंधान और विनिर्माण के लिए एक विशाल प्रतिभा पूल प्रदान करती है। इसके अलावा, अमेरिका, जापान, और ताइवान जैसे देशो के साथ भारत के सहयोग ने सेमीकंडक्टर विनिर्माण में इसकी स्थिति को और मजबूत किया है। भारत का तेजी से बढ़ता स्टार्ट-अप इको-सिस्टम, विशेष रूप से एआई, आईओटी और रोबोटिक्स में, सेमीकंडक्टर अनुप्रयोगों में नवाचार को प्रोत्साहित कर रहा है। अकादमिक और उद्योग के बीच सहयोग स्वदेशी डिजाइन और विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे आयात पर निर्भरता कम हो रही है और आत्मनिर्भरता बढ़ रही है।
“मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025” की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा राज्य को ड्रोन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी बनाने” मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025″ की स्वीकृति दी गयी हैं। स्वीकृति अनुसार मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025″ के लाभ मिलेंगे। आर्थिक विकास ड्रोन नीति से राज्य में निवेश आकर्षित होगा, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की समृद्धि में वृद्धि होगी। रोजगार सृजन ड्रोन उद्योग में नई नौकरियों का सृजन होगा, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। तकनीकी प्रगति ड्रोन प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे राज्य की तकनीकी क्षमताओं में वृद्धि होगी। कृषि सुधार ड्रोन का उपयोग सटीक कृषि, फसल निगरानी और सिंचाई प्रबंधन में किया जाएगा, जिससे कृषि उत्पादन में सुधार होगा। आपदा प्रबंधन में ड्रोन का उपयोग तेजी से प्रतिक्रिया और राहत कार्यों में मदद करेगा। मानव सुरक्षा एवं सार्वजनिक सुरक्षा ड्रोन का उपयोग निगरानी, भीड़ नियंत्रण और अपराध जांच में किया जाएगा, जिससे सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार होगा। बुनियादी ढांचों पुलों, सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे के निरीक्षण में किया जाएगा, जिससे रख-रखाव और सुरक्षा में सुधार होगा। पर्यावरण संरक्षणः ड्रोन का उपयोग वन्यजीव निगरानी, प्रदूषण निगरानी और व्रन प्रबंधन में किया जाएगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। शिक्षा और कौशल विकास ड्रोन प्रौद्योगिकी को शैक्षिक कार्यक्रमों में शामिल किया जाएगा, जिससे छात्रों और पेशेवरों को नई तकनीकों का ज्ञान और कौशल मिलेगा। पर्यटन संवर्धन ड्रोन का उपयोग राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता को प्रदर्शित करने के लिए किया जाएगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इस प्रकार, नई ड्रोन नीति से मध्यप्रदेश को बहुआयामी लाभ प्राप्त होंगे, जिससे राज्य की समग्र प्रगति और विकास को अप्रत्याशित बढ़ावा मिलेगा।
नवाचार, आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी का उपयोग कृषि, बुनियादी ढांचे, आपदा प्रबंधन, सार्वजनिक सुरक्षा और अन्य क्षेत्रों में किया जाकर सेवा वितरण में सुधार एवं ड्रोन निर्माण और प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख केंद्र बनाने तथा ड्रोन क्षेत्र में प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025″ जारी किये जाने की स्वीकृति दी गयी है।
हुकुमचंद मिल (परिसमापन के अंतर्गत) की देनदारियों के निपटान एवं नवीन परियोजना क्रियान्वयन की मंजूरी
मंत्रि-परिषद द्वारा हुकुमचंद मिल, इंदौर की 17.52 हेक्टर भूमि पर परियोजना के सफल क्रियान्वयन एवं अन्य दायित्वों के लिए नगर पालिक निगम, इंदौर तथा म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल एवं प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास के मध्य त्रिपक्षिय अनुबंध हस्ताक्षरित किया गया। इंदौर शहर में इस परियोजना से शहर के लिए शापिंग मॉल, मार्केट, ऑफिस स्पेस, रहवासी क्षेत्र एवं बगीचे आदि सुविधाएँ उपलब्ध होगी। योजना से नगर पालिक निगम, इंदौर को भी संपत्ति कर एवं अन्य राजस्व की प्राप्ति होगी, जिसका उपयोग शहर की अधोसंरचनाओं के लिए होगा। योजना में पर्यावरण संरक्षण एवं नए वृक्षारोपण का विशेष ध्यान दिया जाएगा।
5100 करोड़ रूपये के निवेश से लगभग 10 हजार रोजगार सृजन हो सकेगा
इंदौर शहर की प्रचलित नगर विकास योजना 2021 एवं राज्य शासन द्वारा स्वीकृत किये जा रहे अतिरिक्त 0.5 एफ.ए.आर. के अनुसार कुल 2.08 लाख वर्ग मीटर आवासीय बिल्ट-अप एरिया निर्मित होगा, जिसमें लगभग 1400 करोड़ रूपये का निवेश आयेंगा। इसी प्रकार वाणिज्यिक क्षेत्र में लगभग 3 लाख वर्ग मीटर बिल्ट-अप एरिया निर्मित होगा, जिसमें लगभग रूपये, 3700 करोड़ निवेश आयेंगा। साथ ही, इस परियोजना में लगभग रूपये, 2332 करोड़ के निर्माण कार्य किये जायेगें, जिससे शहर की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा एवं नए रोजगार सृजित होंगे। परियोजना से प्रत्यक्ष जी.एस.टी. से राजस्व लगभग 400 करोड़ रूपये, निर्मित क्षेत्रफल के विक्रय से 650 करोड़ रूपये स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन शुल्क एवं अन्य कर सहित लगभग 1200 करोड़ रूपये राजस्व शासन को प्राप्त होने का अनुमान है। योजना से निर्माण के दौरान लगभग 83 लाख मानव-दिवस एवं योजना उपरांत नियमित रूप से लगभग 8000 से 10,000 रोजगार सृजित होंगे। परियोजना में ग्रीन बिल्डिंग, जीरो डिस्चार्ज, ऊर्जा दक्षता, पर्यावरण एवं जल संरक्षण के विभिन्न मापदण्डों का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
शासकीय पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालयों में अध्ययनरत इंटर्नशिप छात्रों को स्टायपेण्ड राशि में वृद्धि करने की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा जबलपुर, महू एवं रीवा के शासकीय पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालयों में वर्तमान में इंटर्नशिप छात्रों को स्टायपेण्ड राशि में वृद्धि करने की स्वीकृति दी गयी है। स्वीकृति अनुसार मध्यप्रदेश पशुपालन एवं डेयरी विभाग अंतर्गत पशु पालन विभाग अंतर्गत नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत शासकीय पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालयों में अध्ययनरत् स्नातक छात्रों के लिए इंटर्नशिप स्टायपेण्ड में 7600 (रूपये 3000 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अंश रूपये 4600 राज्य अंश) को बढ़ाकर 10000 (रुपये 3000 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अंश रूपये 7000 राज्य अंश) किये जाने के लिए राज्य अंश राशि रूपये 4600 में बढ़ोत्तरी कर राज्य अंश राशि रूपये 7000 किये जाने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय से भविष्य में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा इंटर्नशिप स्टायपेण्ड में वृद्धि किये जाने पर इंटर्नशिप स्टायपेण्ड में देय राज्यांश को तार्किक रूप से युक्तियुक्तकरण करने के लिये निर्णय मंत्री-परिषद से लिया जायेगा।
इंटर्नशिप स्टायपेण्ड राशि रूपये 7600 से बढ़ाकर 10 हजार रूपये की स्वीकृति
पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 के तहत नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय 3 नवम्बर 2009 को स्थापित किया गया है। मध्यप्रदेश में तीन डिग्री कॉलेज जबलपुर, महू एवं रीवा में संचालित है। इन महाविद्यालयों में कुल 300 छात्रों के प्रवेश की क्षमता है। वर्तमान में इंटर्नशिप छात्रों को स्टायपेण्ड राशि रूपये 7600 (रुपये 3000 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अंश+ रूपये 4600 राज्य अंश) प्रदाय किया जा रहा है।
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MP News: सम्पत्ति कर, जल प्रभार एवं अन्य उपभोक्ता प्रभार के अधिभार में छूट, नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने जारी किये निर्देश

Bhopal: नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की अवधि में सम्पत्ति कर, जल प्रभार एवं अन्य उपभोक्ता प्रभार के अधिभार में उपभोक्ताओं को छूट देने का निर्णय लिया है। यह छूट उपभोक्ताओं को 31 मार्च 2025 तक ऑनलाइन भुगतान की दशा में की जायेगी। इस संबंध में विभाग ने नगर पालिक निगम, नगरपालिका परिषद और नगर परिषद को पत्र लिखकर निर्देश जारी किए हैं।
आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास ने बताया कि वर्ष 2024-25 वित्तीय वर्ष की कर वसूली 31 मार्च 2025 तक ही हो सकेगी। वर्तमान में 15वें वित्त आयोग की शर्तों के अनुसार प्रतिवर्ष सम्पत्ति कर की वसूली में राज्य की ग्रास स्टेट डॉमिस्टिक प्रोडक्ट (जीएसडीपी) की औसत वृद्धि के अनुरूप वृद्धि किया जाना अनिवार्य है। इस स्थिति को देखते हुए वृद्धि न किये जाने की स्थिति में संबंधित नगरीय निकायों को 15वें वित्त आयेाग के अनुदान से वंचित होना पड़ सकता है।
नगरीय निकायों को अपने क्षेत्र के उपभोक्ताओं को समस्त प्रकार के करों की वसूली नियत समय में किये जाने के लिये जागरूक करने के लिये कहा गया है। नागरिक इस संबंध में विस्तृत जानकारी अपने क्षेत्र के नगरीय निकाय के वार्ड कार्यालय से भी प्राप्त कर सकते हैं।
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Gwalior: ग्वालियर में आधी रात लोगों को डरा रही संदिग्ध ‘Stree’, दहशत में लोग

Gwalior: ग्वालियर थाना क्षेत्र के राजा की मंडी इलाके के लोग एक संदिग्ध महिला की वजह से दहशत में जी रहे हैं। दरअसल इलाके की गलियों में इन दिनों एक अनजान महिला आधी रात को घरों की डोर बेल बजाकर आराम से चली जाती है। इसके चलते लोग ठीक से सो भी नहीं पा रहे हैं और डरे हुए हैं।
संदिग्ध स्त्री से परेशान होकर लोगों ने जब सीसीटीवी की जांच की तो एक संदिग्ध महिला सफेद कपड़ों में पूरी तरह चेहरा ढकी हुई गली में लोगों के डोर बेल बजाती हुई दिखाई दी। सीसीटीवी में यह भी दिख रहा है कि उस महिला को देखकर जानवर भी भाग रहे हैं। इस कारण क्षेत्र में कई तरह की अफवाहें फैलने लगी हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, डोर बेल बजने पर जब घर के अंदर से आवाज दी, तो महिला की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। वह सिर्फ घंटी बजाकर आराम से आगे बढ़ जाती है। संदिग्ध महिला के सीसीटीवी के आधार पर पुलिस कार्रवाई में जुट गई है। पुलिस पता लगा रही है कि आखिरकार यह महिला कौन है और उसका मकसद क्या है?
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MP News: उज्जैन और शिवपुरी में नए हवाई अड्डे के विकास के लिए कार्यवाही तेज, मई 2026 से सरकार के हवाई बेड़े में शामिल होगा नया विमान

Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में पर्यटन को नए आयाम प्रदान करने के लिए सहज हवाई यातायात (एयर कनेक्टिविटी) एक बुनियादी जरूरत है। हरसंभव तरीके से एयर कनेक्टिविटी बढ़ाएं, ताकि पर्यटक मध्यप्रदेश आकर यहां की समृद्ध ऐतिहासिक विरासतों का आसानी से अवलोकन कर सकें। इसके लिए आपसी सामंजस्य बेहद जरूरी है। विमानन विभाग, संस्कृति, पर्यटन और चिकित्सा विभाग के साथ मिलकर एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में प्रयास करें। सरकार मध्यप्रदेश को क्षेत्रीय विमानन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए हर जरूरी सुविधा और मदद मुहैया कराएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में विमानन विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए।
मंत्रालय और सीएम हाउस के पास बनेंगे नए हेलीपैड
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वीवीआईपी और वीआईपी मूवमेंट के दौरान यातायात रोकने से जनसामान्य को परेशानी होती है। इसलिए इस कठिनाई के स्थायी निदान के लिए मंत्रालय (वल्लभ भवन) और मुख्यमंत्री निवास के समीप ही नए हेलीपैड का निर्माण किया जाए। इससे समय की बचत भी होगी और सबकी कठिनाई भी दूर होगी। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव विमानन संजय कुमार शुक्ला, आयुक्त विमानन चंद्रमौली शुक्ला, उपसचिव डॉ. कैलाश बुंदेला, दिनेश सोनकेसरिया, कैप्टन विश्वास राय सहित विमानन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
नए पायलटों की भर्ती करें- मुख्यमंत्री
बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में धार्मिक पर्यटन, मेडिकल टूरिज्म, सांस्कृतिक पर्यटन और जनजातीय संस्कृति से जुड़ाव के लिए होम स्टे प्रोत्साहन के रूप में सेल्फ फीलिंग/हीलिंग टूरिज्म की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को विमानन क्षेत्र में नए रोजगार सृजन की संभावनाओं के अनुरूप इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और युवाओं के कौशल विकास के लिए पायलट-क्रू मेंबर्स के प्रशिक्षण संस्थानों में रोजगारपरक डिप्लोमा एवं डिग्री कोर्सेस चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बढ़ती विमानन आवश्यकताओं के लिए पायलटों की संख्या बढ़ाएं। नए पायलटों की भर्ती करें, उन्हें प्रशिक्षित भी करें।
सतना एवं दतिया एयरपोर्ट का जल्द होगा लोकार्पण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार सतना एवं दतिया एयरपोर्ट को भी शीघ्र ही लोकार्पित करने जा रही है। यह दोनों शहर धार्मिक पर्यटन के प्राचीन केन्द्र हैं। यहां एयरपोर्ट होने से प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को प्रदेश में उपलब्ध सभी इन एक्टिवेट हेलीपैड्स को जल्द से जल्द एक्टिवेट करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एयर एम्बुलेंस और हेली सेवा का लाभ सबको मिले, इसके लिए सभी प्रयास किए जाएं।
उज्जैन और शिवपुरी में एयरपोर्ट के लिए भू-अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू
मुख्यमंत्री डॉ. यादव को बताया गया कि उज्जैन और शिवपुरी में नए हवाई अड्डे के विकास के लिए भू-अधिग्रहण की कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि प्रदेश में ग्रेड-1 में उच्च क्षमता/व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य पाई गईं हवाई पट्टी में उज्जैन, सिंगरौली, सागर (ढ़ाना), नीमच, शिवपुरी, छिंदवाड़ा, मंडला, खण्डवा एवं रतलाम तथा ग्रेड-2 में बिरवा (बालाघाट), पचमढ़ी, गुना, खरगौ न, मंदसौर, सिवनी, सीधी, पन्ना, झाबुआ, शहडोल एवं उमरिया में उपलब्ध आकांक्षी हवाई पट्टियों के विकास एवं विस्तार के लिए भी कार्यवाही चल रही है।
सभी जिलों में करें हवाई पट्टियों और हेलीपेड का विकास
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश को क्षेत्रीय विमानन केंद्र बनाने के लिए और प्रदेश के हर जिले को देश-विदेश के हवाई यातायात से जोड़ने के लक्ष्य के लिए ही सरकार ने नवीन नागर विमानन नीति- 2025 लागू की है। इसके लिए सभी जिलों में हवाई अड्डे/हवाई पट्टियां/हेलीपैड विकसित किए जाएंगे। साथ ही कृषि एवं उद्योग क्षेत्र को गति प्रदान करने के लिए एयर कार्गो की सुविधाओं के विकास पर भी विशेष जोर दिया जाएगा। इससे प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास को तेज गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि हवाई यात्रा के विस्तार से नागरिकों को आधुनिक, सस्ता, सुलभ, सुरक्षित और अनुकूल हवाई सफर का आनंद प्राप्त होगा। हम प्रदेश में नए पायलट प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित करेंगे, जिससे विमानन क्षेत्र में जरूरत के अनुसार प्रशिक्षित कार्यबल की पूर्ति हो सके और मध्यप्रदेश के युवाओं को रोजगार मिले।
सरकार के हवाई बेड़े में शामिल होगा नया विमान और हेलीकॉप्टर
अपर मुख्य सचिव विमानन शुक्ला ने बताया कि प्रदेश की नवीन नागर विमानन नीति-2025 के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। नई-नई एविएशन कंपनियों और प्रशिक्षण संस्थान प्रदेश से जुड़कर यहां अपनी सेवाओं का विस्तार करना चाह रहे हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल शासकीय बेड़े में कोई विमान उपलब्ध नहीं है। नवीन डबल इंजन जेट विमान क्रय करने के लिए निर्माता कंपनी को क्रय आदेश दिया जा चुका है। नया विमान मई 2026 तक उपलब्ध हो जाएगा। इसी प्रकार प्रदेश में नवीन डबल इंजन हेलीकॉप्टर की आपूर्ति के लिए निर्माता कंपनी से 6 मार्च 2025 को अनुबंध कर लिया गया है। नवीन हेलीकॉप्टर जनवरी 2027 सरकार को उपलब्ध हो जाएगा।
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Mauganj Violence: आदिवासियों के हमले में पुलिस ASI की मौत, तहसीलदार के हाथ-पैर तोड़े, बंधक युवक को भी मारा

Mauganj Violence: मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले में शनिवार को शाहपुरा थाना क्षेत्र के गड़रा गांव में आदिवासी परिवार ने एक युवक को बंधक बना लिया। सूचना पर शनिवार शाम को युवक को रेस्क्यू करने पहुंची पुलिस-प्रशासन की टीम पर आदिवासी परिवार और उनके साथ जुटी आस-पास के गांव की भीड़ ने हमला कर दिया। आरोपियों ने लाठी-डंडों और धारदार हथियार से मारकर पुलिस एएसआई रामचरण गौतम की हत्या कर दी। जबकि टीआई संदीप भारती के सिर पर गंभीर चोट आई है।
भीड़ के हमले में 8 अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हैं। वहीं तहसीलदार हनुमना कुमारे लाल पनका के हाथ-पैर में फ्रैक्चर हैं। आदिवासियों की भीड़ ने बंधक युवक सनी द्विवेदी की भी हत्या कर दी। एसडीओपी अंकिता शूल्या और एसआई आरती वर्मा ने किसी तरह खुद को बचाते हुए गांव में ही एक कमरे में बंद कर लिया। सूचना पर अतिरिक्त पुलिस फोर्स पहुंची और हवाई फायरिंग करते हुए गांव के अंदर घुसी और बंधक बनी एसआई-एसडीओपी को बाहर लाई। बंधक युवक सनी द्विवेदी के शव और दूसरे घायलों को भी निकालकर हॉस्पिटल भेजा गया।
गांव में धारा 163 लगाई गई, भारी पुलिसबल की तैनाती
शाहपुरा थाना क्षेत्र के गड़रा गांव में भारी तनाव की स्थिति है। गांव में धारा 163 (आपातकालीन स्थिति में) लगाई गई है। यहां भारी पुलिस फोर्स तैनात है। घटना में गंभीर घायल शाहपुर थाना प्रभारी संदीप भारती, हनुमना तहसीलदार कुमारे लाल पनका, एएसआई जवाहर सिंह यादव, राम केवट, राम लखन मिश्रा को रीवा रेफर किया गया है। बताया जा रहा है कि शनिवार दोपहर करीब 1:30 बजे सनी द्विवेदी घूमते हुए आरोपियों के मोहल्ले में चला गया था। इसी दौरान अशोक कोल के परिवार वालों ने उसे पकड़कर बंधक बनाकर मारपीट की। जिसमें उसकी मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस-प्रशासन की टीम पर आरोपी परिवार और आसपास के गांव के आदिवासी समाज के करीब 250 लोगों ने प्राणघातक हमला कर दिया।
सड़क हादसे में आदिवासी युवक की मौत से जुड़ा है विवाद
स्थानीय लोगों के मुताबिक मृतक सनी द्विवेदी के पिता रजनीश द्विवेदी के नाम पर गड़रा गांव में जमीन है। गांव का ही रहने वाला एक युवक अशोक कोल इसी जमीन को बटाईदारी पर लिया हुआ था। कुछ महीने पहले उसने द्विवेदी परिवार की जमीन के बगल में जमीन खरीद ली। लोगों का कहना है कि अशोक कोल के जमीन खरीदने से द्विवेदी परिवार उससे नाराज था। इस बीच अशोक कोल खरीदी हुई जमीन की रजिस्ट्री कराने हुनमना गया था। बाइक से लौटते समय भैंस से टकराकर अशोक कोल गंभीर रूप से घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई। लेकिन मृतक अशोक कोल के परिवार ने दुर्घटना को द्विवेदी परिवार की साजिश मानकर उनसे दुश्मनी ठान ली।
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MP News: मध्यप्रदेश में आज से शुरू हुई गेहूं की खरीदी, भोपाल में बनाए गए 60 सेंटर

Bhopal: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने शनिवार को गेहूं खरीदी की सरकारी नीति जारी की। इस दौरान सरकार ने बताया कि समर्थन मूल्य पर 15 मार्च यानी आज से 5 मई तक गेहूं खरीदी की जाएगी। आज से मध्य प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभागों से गेहूं की खरीदी शुरू होगी, जबकि बाकी के सभी संभागों से 17 मार्च से गेहूं की खरीदी की शुरुआत की जाएगी। किसानों को अपना गेहूं बेचने के लिए ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग करनी होगी। यह सुविधा www.meuparjan.nic.in पर उपलब्ध होगी। बता दें कि पहले 1 मार्च से खरीदी शुरू होनी थी, लेकिन गेहूं की कटाई नहीं होने की वजह से सरकार ने खऱीदी की तारीख बढ़ाकर 15 मार्च कर दी थी।
किसानों को प्रति क्विंटल मिलेंगे 2600 रुपए
प्रदेश सरकार इस बार गेहूं पर 175 रुपए का अतिरिक्त बोनस दे रही है। जबकि गेहूं का समर्थन मूल्य 2425 रुपए प्रति क्विंटल है। इस तरह किसानों को एक क्विंटल गेहूं के 2600 रुपए मिलेंगे। खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया, प्रदेश में लगभग 80 लाख टन गेहूं उपार्जन अनुमानित है। इस उपार्जन पर समर्थन मूल्य की राशि 19 हजार 400 करोड़ रुपए और बोनस की राशि 1400 करोड़ रुपए का किसानों को भुगतान किया जाना संभावित है।
भोपाल में 60 सेंटरों पर होगी खरीदी
भोपाल में गेहूं की खरीदी के लिए कुल 60 केंद्र बनाए गए हैं। बैरसिया मंडी समेत प्रमुख गांवों में खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। ताकि, किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। हालांकि, पहले दिन 20 सेंटरों के लिए 269 स्लॉट बुक हुए हैं। ऐसे में इन्हीं सेंटरों पर किसानों के आने का अनुमान है।
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