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MP Cabinet: पीएम आवास योजना 2.0 को स्वीकृति, एमपी सेमीकंडक्टर पॉलिसी-2025 लागू करने की स्वीकृति

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MP Cabinet: Approval of PM Awas Yojana 2.0, approval to implement MP Semiconductor Policy-2025

Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के प्रदेश में क्रियान्वयन करने की स्वीकृति दी गई। योजना अनुसार प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर, निम्न तथा मध्यम आय वर्ग के पात्र हितग्राही परिवारों को योजना के चार घटकों के माध्यम से लाभान्वित करने के लिए 5 वर्षों की योजना अवधि में 10 लाख आवासों का निर्माण किया जायेगा। इसमें 50 हजार करोड़ रुपए व्यय होंगे। बेनेफिसयरी लेड कंस्ट्रक्शन (बी.एल.सी.) घटक अंतर्गत ईडब्ल्यूएस वर्ग के पात्र हितग्राही को अपनी स्वयं की भूमि पर स्वयं आवास का निर्माण करने के लिए अनुदान प्रदान किया जायेगा।

एफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनशिप (ए.एच.पी.) घटक अंतर्गत ईडब्ल्यूएस वर्ग के पात्र हितग्राहियों को नगरीय निकायों, राज्य की अन्य निर्माण एजेंसियों तथा निजी बिल्डर/डेवलपर के द्वारा आवासों का निर्माण कर प्रदान किया जायेगा। इस घटक अंतर्गत निजी डेवलपर द्वारा क्रियान्वित व्हाइट लिस्टेड/ओपन मार्केट परियोजनाओं में हितग्राहियों द्वारा आवास क्रय करने के लिए रिडीमेबल हाऊसिंग वाउचर (आरएचवी) प्रदान किए जाने की स्वीकृति दी गयी है। एफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनशिप (ए.आर.एच.) घटक अंतर्गत कामकाजी महिलाओं / औद्योगिक श्रमिकों / शहरी प्रवासियों बेघर निराश्रितों /छात्रों एवं अन्य पात्र हितग्राहियों के लिए किराये के आवास बनाकर उपलब्ध किया जायेगा। इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम (आई.एस.एस.) घटक अंतर्गत ईडब्ल्यूएस, एलआईजी एवं एमआईजी वर्ग के पात्र परिवारों को आवास ऋण पर ब्याज अनुदान बैंक/एचएफसी के माध्यम से प्रदान किया जायेगा

योजना अनुसार कल्याणी महिलाओं, सिंगल वूमेन, दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडर्स, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों तथा समाज के अन्य कमजोर एवं वंचित वर्गों के व्यक्तियों को वरीयता दी जाएगी। साथ ही सफाई कर्मियों, पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत चिन्हित स्ट्रीट वेंडरों, पीएम विश्वकर्मा योजना के विभिन्न कारीगरों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिकों, तथा मलिन बस्ती/चॉल के निवासियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

बी.एल.सी. घटक के लिए अनुदान राशि 2.50 लाख प्रति आवास तथा ए.एच.पी. घटक की परियोजनाओं के लिए अनुदान राशि 2.50 लाख प्रति आवास की स्वीकृति प्रदान की गई। 10 लाख आवासों के निर्माण के लिए अनुमानित राशि 50,000 करोड़ रूपये का निवेश संभावित है। इसमें केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार से अनुमानित अनुदान राशि 23,025 करोड़ रूपये प्रदान किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। योजना अंतर्गत पात्र हितग्राही परिवारों के लिए हर मौसम अनुकूल आवासों के निर्माण के साथ साथ समुचित अधोसंरचना जैसे सड़क, जल प्रदाय, मल-जल निकासी, पार्क तथा सामाजिक अधोसंरचना जैसे आंगनवाड़ी, प्राथमिक शाला एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आदि विकसित किये जायेंगे। शासन सभी पात्र हितग्राही परिवारों को आवास प्रदान किया जाना सुनिश्चित करेगा।

शहरी अवास योजना में बड़े शहरों को मलिन बस्ती मुक्त करने की दिशा में भूमि को संसाधन के रूप में उपयोग करते हुए पीपीपी मॉडल पर परियोजनाओं के क्रियान्वयन की स्वीकृति दी गई। ईडब्ल्यूएस वर्ग के हितग्राहियों का अंशदान कम करने के लिए पूर्वानुसार क्रॉस सब्सिडी मॉडल को क्रियान्वित करने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग की श्रेणी के आवासों के निर्माण के साथ निम्न आय वर्ग तथा मध्यम आय वर्ग के लिए भी मिश्रित रूप से आवासों, व्यवसायिक इकाइयों का निर्माण तथा भूखंड विकसित करने की स्वीकृति दी गई। एएचपी-लोक परियोजनाओं में हितग्राही अंश की व्यवस्था के लिए हितग्राही, नगरीय निकाय तथा बैंक/एचएफसी के मध्य पूर्वानुसार त्रिपक्षीय अनुबंध के माध्यम से ऋण उपलब्ध किये जाने एवं भूमिहीन पात्र हितग्राही परिवारों को आवासीय भूमि का पट्टा प्रचलित प्रावधान अनुसार उपलब्ध किये जाने की भी स्वीकृति दी गई, जिससे भूमिहीन गरीबों को भी बीएलसी घटक का लाभ प्राप्त हो सके।

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सेमी कंडक्टर नीति से 14,400 रोजगार होंगे सृजित

मंत्रि-परिषद द्वारा “मध्यप्रदेश सेमी कंडक्टर नीति 2025” लागू किये जाने की स्वीकृति दी गयी। उत्कृष्टता केंद्रों के लिए सकारात्मक भूमिका में सहयोगी, ‘स्किल इंडिया जैसी पहल और वैश्विक तकनीकी उन्नत कंपनियों के साथ साझेदारी भारतीय कार्य बल को चिप डिजाइन, निर्माण, और सिस्टम एकीकरण में उन्नत कौशल तथा इस क्षेत्र में लाखों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित कर आर्थिक विकास को बढ़ावा देने राज्य को इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर निर्माण केंद्र के रूप में विकसित किये जाने की आवश्यताओं के दृष्टिगत राज्य शासन द्वारा “मध्यप्रदेश सेमीकंडक्टर नीति-2025” जारी करने का निर्णय लिया गया है।

कैबिनेट में हुए निर्णय अनुसार प्रदेश में निवेश के प्रति निर्मित अनुकूल वातारण को बढ़ावा मिलेगा। मध्यप्रदेश में एक स्थायी इको-सिस्टम का विकास होगा। उत्कृष्टता केंद्र के माध्यम से कौशल विकसित होगा। प्रदेश में सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में निवेश आकर्षित होगा। इससे प्रदेश में रोजगार की संभावनाएँ भी बढ़ेगी। इस नीति से राज्य को उच्च तकनीक से जुड़े कुशल कार्यबल का विकास करने का अवसर मिलेगा। राज्य को दीर्घकालिक औद्योगिक विकास की दिशा में अग्रसर करने के लिए सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षेत्र सार्थक होगा। वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनने का अवसर प्राप्त होंगे। स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। घरेलू और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में सुदृढ़ होगी। उद्योगों और स्टार्टअप्स को सहयोग मिलेगा नवाचार को बढ़ावा देकर सेमी कंडक्टर डिज़ाइन, आर एंड डी और विनिर्माण क्षेत्रों को सहायता मिलेगी। निर्यात वृद्धि से राजस्व में राज्य की वैश्विक बाजार में पकड़ मजबूत होगी।

देश में ‘मेक इन इंडिया और ‘डिजिटल इंडिया’ की दिशा में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और सेमी कंडक्टर डिजाइन में निवेश के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाया गया है। भारत की युवा और तकनीकी रूप से कुशल जनसंख्या अनुसंधान और विनिर्माण के लिए एक विशाल प्रतिभा पूल प्रदान करती है। इसके अलावा, अमेरिका, जापान, और ताइवान जैसे देशो के साथ भारत के सहयोग ने सेमीकंडक्टर विनिर्माण में इसकी स्थिति को और मजबूत किया है। भारत का तेजी से बढ़ता स्टार्ट-अप इको-सिस्टम, विशेष रूप से एआई, आईओटी और रोबोटिक्स में, सेमीकंडक्टर अनुप्रयोगों में नवाचार को प्रोत्साहित कर रहा है। अकादमिक और उद्योग के बीच सहयोग स्वदेशी डिजाइन और विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे आयात पर निर्भरता कम हो रही है और आत्मनिर्भरता बढ़ रही है।

“मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025” की स्वीकृति

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मंत्रि-परिषद द्वारा राज्य को ड्रोन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी बनाने” मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025″ की स्वीकृति दी गयी हैं। स्वीकृति अनुसार मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025″ के लाभ मिलेंगे। आर्थिक विकास ड्रोन नीति से राज्य में निवेश आकर्षित होगा, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की समृद्धि में वृद्धि होगी। रोजगार सृजन ड्रोन उद्योग में नई नौकरियों का सृजन होगा, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। तकनीकी प्रगति ड्रोन प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे राज्य की तकनीकी क्षमताओं में वृद्धि होगी। कृषि सुधार ड्रोन का उपयोग सटीक कृषि, फसल निगरानी और सिंचाई प्रबंधन में किया जाएगा, जिससे कृषि उत्पादन में सुधार होगा। आपदा प्रबंधन में ड्रोन का उपयोग तेजी से प्रतिक्रिया और राहत कार्यों में मदद करेगा। मानव सुरक्षा एवं सार्वजनिक सुरक्षा ड्रोन का उपयोग निगरानी, भीड़ नियंत्रण और अपराध जांच में किया जाएगा, जिससे सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार होगा। बुनियादी ढांचों पुलों, सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे के निरीक्षण में किया जाएगा, जिससे रख-रखाव और सुरक्षा में सुधार होगा। पर्यावरण संरक्षणः ड्रोन का उपयोग वन्यजीव निगरानी, प्रदूषण निगरानी और व्रन प्रबंधन में किया जाएगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। शिक्षा और कौशल विकास ड्रोन प्रौद्योगिकी को शैक्षिक कार्यक्रमों में शामिल किया जाएगा, जिससे छात्रों और पेशेवरों को नई तकनीकों का ज्ञान और कौशल मिलेगा। पर्यटन संवर्धन ड्रोन का उपयोग राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता को प्रदर्शित करने के लिए किया जाएगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इस प्रकार, नई ड्रोन नीति से मध्यप्रदेश को बहुआयामी लाभ प्राप्त होंगे, जिससे राज्य की समग्र प्रगति और विकास को अप्रत्याशित बढ़ावा मिलेगा।

नवाचार, आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी का उपयोग कृषि, बुनियादी ढांचे, आपदा प्रबंधन, सार्वजनिक सुरक्षा और अन्य क्षेत्रों में किया जाकर सेवा वितरण में सुधार एवं ड्रोन निर्माण और प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख केंद्र बनाने तथा ड्रोन क्षेत्र में प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025″ जारी किये जाने की स्वीकृति दी गयी है।

हुकुमचंद मिल (परिसमापन के अंतर्गत) की देनदारियों के निपटान एवं नवीन परियोजना क्रियान्वयन की मंजूरी

मंत्रि-परिषद द्वारा हुकुमचंद मिल, इंदौर की 17.52 हेक्टर भूमि पर परियोजना के सफल क्रियान्वयन एवं अन्य दायित्वों के लिए नगर पालिक निगम, इंदौर तथा म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल एवं प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास के मध्य त्रिपक्षिय अनुबंध हस्ताक्षरित किया गया। इंदौर शहर में इस परियोजना से शहर के लिए शापिंग मॉल, मार्केट, ऑफिस स्पेस, रहवासी क्षेत्र एवं बगीचे आदि सुविधाएँ उपलब्ध होगी। योजना से नगर पालिक निगम, इंदौर को भी संपत्ति कर एवं अन्य राजस्व की प्राप्ति होगी, जिसका उपयोग शहर की अधोसंरचनाओं के लिए होगा। योजना में पर्यावरण संरक्षण एवं नए वृक्षारोपण का विशेष ध्यान दिया जाएगा।

5100 करोड़ रूपये के निवेश से लगभग 10 हजार रोजगार सृजन हो सकेगा

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इंदौर शहर की प्रचलित नगर विकास योजना 2021 एवं राज्य शासन द्वारा स्वीकृत किये जा रहे अतिरिक्त 0.5 एफ.ए.आर. के अनुसार कुल 2.08 लाख वर्ग मीटर आवासीय बिल्ट-अप एरिया निर्मित होगा, जिसमें लगभग 1400 करोड़ रूपये का निवेश आयेंगा। इसी प्रकार वाणिज्यिक क्षेत्र में लगभग 3 लाख वर्ग मीटर बिल्ट-अप एरिया निर्मित होगा, जिसमें लगभग रूपये, 3700 करोड़ निवेश आयेंगा। साथ ही, इस परियोजना में लगभग रूपये, 2332 करोड़ के निर्माण कार्य किये जायेगें, जिससे शहर की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा एवं नए रोजगार सृजित होंगे। परियोजना से प्रत्यक्ष जी.एस.टी. से राजस्व लगभग 400 करोड़ रूपये, निर्मित क्षेत्रफल के विक्रय से 650 करोड़ रूपये स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन शुल्क एवं अन्य कर सहित लगभग 1200 करोड़ रूपये राजस्व शासन को प्राप्त होने का अनुमान है। योजना से निर्माण के दौरान लगभग 83 लाख मानव-दिवस एवं योजना उपरांत नियमित रूप से लगभग 8000 से 10,000 रोजगार सृजित होंगे। परियोजना में ग्रीन बिल्डिंग, जीरो डिस्चार्ज, ऊर्जा दक्षता, पर्यावरण एवं जल संरक्षण के विभिन्न मापदण्डों का विशेष ध्यान रखा जाएगा।

शासकीय पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालयों में अध्ययनरत इंटर्नशिप छात्रों को स्टायपेण्ड राशि में वृद्धि करने की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा जबलपुर, महू एवं रीवा के शासकीय पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालयों में वर्तमान में इंटर्नशिप छात्रों को स्टायपेण्ड राशि में वृद्धि करने की स्वीकृति दी गयी है। स्वीकृति अनुसार मध्यप्रदेश पशुपालन एवं डेयरी विभाग अंतर्गत पशु पालन विभाग अंतर्गत नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत शासकीय पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालयों में अध्ययनरत् स्नातक छात्रों के लिए इंटर्नशिप स्टायपेण्ड में 7600 (रूपये 3000 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अंश रूपये 4600 राज्य अंश) को बढ़ाकर 10000 (रुपये 3000 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अंश रूपये 7000 राज्य अंश) किये जाने के लिए राज्य अंश राशि रूपये 4600 में बढ़ोत्तरी कर राज्य अंश राशि रूपये 7000 किये जाने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय से भविष्य में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा इंटर्नशिप स्टायपेण्ड में वृद्धि किये जाने पर इंटर्नशिप स्टायपेण्ड में देय राज्यांश को तार्किक रूप से युक्तियुक्तकरण करने के लिये निर्णय मंत्री-परिषद से लिया जायेगा।

इंटर्नशिप स्टायपेण्ड राशि रूपये 7600 से बढ़ाकर 10 हजार रूपये की स्वीकृति

पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 के तहत नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय 3 नवम्बर 2009 को स्थापित किया गया है। मध्यप्रदेश में तीन डिग्री कॉलेज जबलपुर, महू एवं रीवा में संचालित है। इन महाविद्यालयों में कुल 300 छात्रों के प्रवेश की क्षमता है। वर्तमान में इंटर्नशिप छात्रों को स्टायपेण्ड राशि रूपये 7600 (रुपये 3000 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अंश+ रूपये 4600 राज्य अंश) प्रदाय किया जा रहा है।

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MP News: ऐशबाग ROB मामले में 8 इंजीनियर्स पर एक्शन, 2 सीई सहित 7 इंजीनियर्स निलंबित, रिटायर्ड एसई की होगी विभागीय जांच

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MP News: Action taken against 8 engineers in Ashbagh ROB case, 7 engineers including 2 CEs suspended, departmental inquiry to be conducted against retired SE

Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐशबाग आरओबी के निर्माण में हुई गंभीर लापरवाही मामले में संज्ञान लेकर जांच के आदेश दिये थे। जांच रिपोर्ट के आधार पर लोक निर्माण विभाग के आठ इंजीनियर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मामले में दो चीफ इंजीनियर (सीई) सहित सात इंजीनियर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। एक सेवानिवृत सुपरिटेंडेंट इंजीनियर (एसई) के खिलाफ विभागीय जांच प्रारंभ की जायेगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर कहा कि इस प्रोजेक्ट में आरओबी का त्रुटिपूर्ण डिजाईन प्रस्तुत करने पर निर्माण एजेंसी एवं डिजाईन कंसल्टेंट, दोनों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेल्वे ओवर ब्रिज (आरओबी) में आवश्यक सुधार के लिए एक कमेटी बनाई गयी है। सुधार के बाद ही इस आरओबी का लोकार्पण किया जाएगा।

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MP News: अक्षरु माता लोक निर्माण के लिए मुख्यमंत्री ने 5 करोड़ राशि देने की घोषणा की, सिमरा से पृथ्वीपुर मार्ग का किया जाएगा दोहरीकरण

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MP News: Chief Minister announced to give Rs 5 crore for the construction of Achhru Mata Lok, Simra to Prithvipur road will be doubled

Niwari: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार को निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर में देवी अहिल्याबाई नारी शक्ति सम्मेलन में शामिल हुए।इस समारोह में मुख्यमंत्री ने विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। साथ ही लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों को हितलाभ वितरित किये। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बुंदेलखंड की अक्षरु माता मंदिर के लोक निर्माण के लिए 5 करोड़ की राशि देने और सिमरा से पृथ्वीपुर मार्ग के दोहरीकरण के लिए 25 करोड़ रुपए की राशि देने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि निवाड़ी जिले में किसान हल्दी, अदरक, लहसुन की खेती करते हैं। इसके लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि निवाड़ी जिले में मछली उत्पादन करने वाले मछुआरों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा की आने वाला समय अब बुंदेलखंड का है। यहां के किसानों के खेतों तक समुचित पानी पहुंचेगा हर हाथ को कम मिलेगा, इसके प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जन्माष्टमी का पर्व आने वाला है। हम जन्माष्टमी के पर्व पर माता यशोदा मैया को स्मरण करेंगे। भगवान श्रीकृष्ण और यशोदा मैया के प्यार को दुनिया समझती है यह हमारे अतीत का गौरवशाली पृष्ठ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने तय किया है कि भगवान श्रीकृष्ण की जहां-जहां लीलाएं हुई हैं उन स्थानों को तीर्थ का दर्जा दिया जाएगा।

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MP Rise-2025 Conclave: रतलाम में आए 30,402 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव, 35 हजार से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार

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MP Rise-2025 Conclave: Investment proposals worth Rs 30,402 crore came in Ratlam, more than 35 thousand people will get employment

Ratlam: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि देश के साथ-साथ अब मध्यप्रदेश भी बदल रहा है। यहां विकास के सभी क्षेत्रों में नवाचार हो रहे हैं। हर क्षेत्र में निवेश का अच्छा माहौल बना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक विकास का यह कारवां रूकेगा नहीं, बल्कि अब और तेज गति से आगे बढ़ेगा। रतलाम पहले सेव, साड़ियों और सोने के लिए जाना जाता था लेकिन अब यही रतलाम स्किल, स्केल और स्टार्टअप्स के लिए जाना जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रतलाम की राइज कॉन्क्लेव में 30402 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे 35 हजार 520 रोजगार का सृजन होगा। उन्होंने कहा कि निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए वे 29 जून को सूरत में रोड-शो करने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को रतलाम में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री, स्किल एंड एम्प्लॉयमेंट (राईस) कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की प्रमुख घोषणाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत ग्रीन एनर्जी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पूर्व स्थापित एमएसएमई इकाइयों द्वारा यदि केवल नवकरणीय संयंत्र की स्थापना के लिये पृथक से निवेश किया जाता है, तो इन इकाइयों को भी नवकरणीय ऊर्जा संयंत्र में किये गये निवेश पर उद्योग विकास अनुदान की सहायता दी जायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रतलाम में मेगा इन्वेस्टमेंट रीजन से लगे लगी 6 ग्राम बिबड़ौद, पलसोड़ी, रामपुरिया, सरवनीखुर्द, जामथुन एवं जुलवानिया क्षेत्र एवं आबादी में स्थानीय निवासियों की सुविधा के लिये मार्ग निर्माण, सामुदायिक भवन एवं आवश्यक अधोसंरचना विकास के लिये प्रति ग्राम पंचायत 50 लाख की राशि स्वीकृत करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने निवेश क्षेत्र इण्डस्ट्रीयल पार्क एवं रतलाम क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों की सुविधा के लिये नवीन क्षेत्र में 220 केवी विद्युत लाईन की व्यवस्था करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि रतलाम के पोलो ग्राउंड में अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर हॉकी का एस्ट्रो टर्फ बनाया जायेगा। साथ ही रतलाम में बड़ी हवाई पट्टी का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि कालिका माता परिसर के विकास के लिये सैटेलाइट टाउन बनाया जायेगा।

4 लाख से अधिक हितग्राहियों को मिला 3861 करोड़ रूपए का ऋण

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रीजनल इंडस्ट्री, स्किल एंड एम्प्लॉयमेंट (राईस) कॉन्क्लेव में प्रदेश के 4 लाख से अधिक हितग्राहियों को स्व-रोजगार के लिए 3861 करोड़ रूपए की ऋण राशि सिंगल क्लिक के जरिए उनके खातों में हस्तांतरित की। मुख्यमंत्री ने 6000 करोड़ रूपए से अधिक निवेश करने और 17600 से अधिक रोजगार प्रदान करने वाली 35 वृहद औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन पत्र भी प्रदान किए। साथ ही 2012 करोड़ रूपए से अधिक लागत की 94 औद्योगिक इकाइयों और क्लस्टर्स का भूमिपूजन और लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक के जरिए ही 288 एमएसएमई इकाइयों को 270 करोड़ रूपए की प्रोत्साहन राशि और 140 वृहद औद्योगिक इकाइयों को 425 करोड़ रूपए की वित्तीय सहायता राशि हस्तांतरित की। मुख्यमंत्री ने 538 एमएसएमई इकाइयों को भू-खंड आवंटन पत्र भी प्रदान किए।

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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश में हर महीने इन्वेस्टर समिट के साथ उद्योग और रोजगार को बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम हो रहे हैं। राज्य सरकार प्रदेश और देश के अलग-अलग शहरों में निवेशकों के लिए रोड शो और अन्य कार्यक्रम आयोजित कर रही है। सरकार व्यापार-व्यवसाय के लिए अपनी नीतियों के बल पर ठोस कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि रतलाम के महालक्ष्मी मंदिर में दीवाली पर हर व्यापारी लाखों की संपत्ति रखते हैं आज यहां भी निवेश की बारिश हो गई।

अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस के अवसर पर उद्यमियों और अधिकारियों का अभिनंदन है। बदलते दौर में प्रदेश को प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा अनेक सौगातें मिल रही हैं। रतलाम की कनेक्टिविटी अन्य राज्यों के साथ बेहतर है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस के माध्यम से यहां से 6 घंटे में दिल्ली और 6 घंटे में मुंबई पहुंच सकते हैं। आगामी वर्षों में व्यापारियों को माल परिवहन के लिए एयर कार्गों सेवा प्रदान करेंगे। गुड्स को हवाई मार्ग से बाहर भेजेंगे। महाराष्ट्र सरकार से पोर्ट पर मध्यप्रदेश के व्यापारियों के लिए सुविधाएं शुरू करने के लिए चर्चा की है। सरकार के लिए छोटे से छोटा निवेशक अहम है। दुनिया हमारी अर्थव्यवस्था को देखकर दंग है। आपके कारखानों से कई लोगों के घरों का चूल्हा जलता है। फैक्ट्रियां भगवान के मंदिर की तरह है।

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MP News: CM के काफिले की गाड़ियां अचानक हुईं खराब, डीजल में मिली पानी की बड़ी मात्रा, पेट्रोल पंप सील

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MP News: Vehicles of CM's convoy suddenly broke down, large amount of water found in diesel, petrol pump sealed

Ratlam: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के रतलाम दौरे से पहले गुरुवार शाम रतलाम जा रही सीएम के काफिले की 19 गाड़ियां अचानक बंद पड़ गई। जिससे ड्राइवरों को गाड़ियों से उतरकर धक्का लगाना पड़ गया। जब जांच हुई तो सामने आया कि इन गाड़ियों में पानी मिला डीजल भरा गया था। घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित पेट्रोल पंप को सील कर दिया गया है और डीजल के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। बता दें कि सीएम मोहन यादव इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव में शामिल होने शुक्रवार यानि आज रतलाम आ रहे हैं। इ

जानकारी के मुताबिक, खराब हुए सभी वाहनों में डोसीगांव स्थित एक पेट्रोल पंप से डीजल भरवाया गया था। घटना के बाद प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित पेट्रोल पंप को सील कर दिया गया है और डीजल के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि जिन गाड़ियों में 20 लीटर डीजल डलवाया गया था, उनमें लगभग 10 लीटर पानी निकला। सभी वाहनों में लगभग यह स्थिति पाई गई।

प्रशासन की शुरुआती जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि बारिश के चलते डीजल टैंक में पानी का रिसाव हो सकता है। हालांकि विस्तृत जांच के बाद ही हकीकत सामने आएगी। फिलहाल, कलेक्टर और जिला प्रशासन की टीम पूरे मामले की जांच में जुट गई है। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही गई है।

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MP News: पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एमपी और यूपी के बीच हुआ एमओयू, गंगा-नर्मदा कॉरिडोर से खुलेगी पर्यटन की नई राह

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MP News: MoU signed between MP and UP to promote tourism, Ganga-Narmada corridor will open new path for tourism

Lucknow: मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बीच हमेशा से सांस्कृतिक रूप से जुड़ाव रहा है। दोनों प्रदेशों के रीति–रिवाज, त्यौहार, खान–पान, रिश्ते–नाते एक जैसे हैं। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के पर्यटन में भी काफी समानता है। बाबा महाकाल और बाबा काशी विश्वनाथ दुनियाभर के श्रृद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। आज लखनऊ में श्रीराम पथ गमन, श्रीकृष्ण पाथेय और बुद्ध सर्किट के अनुसंधान और विकास की दृष्टि से मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बीच एमओयू किया गया।

मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के पर्यटन व्यवसायियों, टूर ऑपरेटर्स, ट्रेवल एजेंट्स और होटल व्यवसाय से जुड़े हितधारकों के बीच सहयोग और साझेदारी को बढ़ावे के उद्देश्य से मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा लखनऊ में पर्य़टन रोड शो का आयोजन किया गया। यह रोड शो आगामी माह में होने वाले मध्यप्रदेश ट्रैवल मार्ट और रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव की तैयारियों के दृष्टिगत किया गया।

उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल लखनऊ के होटल ताज महल में पर्य़टन रोड शो में पर्यटन व्यवसायियों, टूर ऑपरेटर्स, ट्रेवल एजेंट्स और होटल व्यवसाय से जुड़े हितधारकों को संबोधित किया। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में तीव्र गति से विकास 3 क्रांतियों से होता है। औद्योगिक क्रांति, हरित क्रांति और पर्यटन क्रांति। इन तीनों क्रांतियों से स्वरोजगार और रोज़गार के अवसर सृजित होते हैं। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश दोनों प्रदेश इन तीनों क्रांतियो के लिये सबसे उपयुक्त प्रदेश हैं।

गंगा-नर्मदा कॉरिडोर से दोनों प्रदेशों के पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के पर्यटन में काफी समानता है। इसको देखते हुए गंगा और नर्मदा पर्यटन कॉरिडोर प्रस्तावित परियोजना के तहत मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ा जाएगा। प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर से गुजरने वाले इस गलियारे में दोनों राज्यों के बीच पर्यटन सहयोग को बढ़ावा के साथ पर्यटकों को एक समृद्ध और विविध अनुभव मिलेगा। धार्मिक, सांस्कृतिक, स्वास्थ्य और विरासत पर्यटन को आकर्षित करने में सहयोग भी प्राप्त होगा।

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मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बीच है सहज कनेक्टिविटी

उत्तरप्रदेश से मध्यप्रदेश की यात्रा पहले से कहीं अधिक सुविधाजनक हो गई है। उत्तरप्रदेश के प्रमुख शहरों जैसे लखनऊ, वाराणसी, आगरा, कानपुर और प्रयागराज मध्यप्रदेश के ग्वालियर, खजुराहो, भोपाल, इंदौर और जबलपुर से हवाई यात्रा सुलभ है। इसके साथ ही रेल मार्ग से रीवा, ओरछा, ग्वालियर खजुराहो जुड़े हुए हैं। मध्यप्रदेश पहुंचने के बाद पर्यटकों के लिए मजबूत और सुगम सड़क नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध है, जिससे राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों तक सरल एवं कम समय में सुविधापूर्वक यात्रा की जा सकती है।

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