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Mathura: SC ने ईदगाह के सर्वे पर रोक से किया इंकार, HC के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज
Mathura Idgah survey: मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह परिसर मामले में सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष को तगड़ा झटका लगा है। सर्वोच्च अदालत ने हाईकोर्ट के 14 दिसंबर के उस आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है, जिसमें उसने शाही ईदगाह परिसर का कोर्ट कमिश्नर सर्वे कराने के आदेश दिए थे। बता दें कि हाईकोर्ट ने अपने फैसले में श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह परिसर का तीन कोर्ट कमिश्नर की टीम द्वारा सर्वे करने का आदेश दिया था। हालांकि सर्वे कब शुरू होगा, इसकी तारीख आनी अभी बाकी है। अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 9 जनवरी को सुनवाई करेगा।
हाईकोर्ट में 18 दिसंबर को होने वाली सुनवाई अहम
श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह परिसर की 13.37 एकड़ जमीन का कोर्ट कमिश्नर सर्वे वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की तरह होगा। हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त कोर्ट कमिश्नर की टीम विवादित जमीन का सर्वे कर सबूत जुटाएगी और कोर्ट को उसके आधार पर रिपोर्ट देगी। इस मामले में हाईकोर्ट में 18 दिसंबर की सुनवाई काफी अहम मानी जा रही है। इस दिन हाईकोर्ट सर्वे के तरीके, कोर्ट कमिश्नर के नाम, सर्वे की तारीख के अलावा सर्वे की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कैसे होगी? इस पर निर्देश जारी कर सकता है।
जानें क्या है पूरा मामला?
मथुरा शहर में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर से शाही ईदगाह मस्जिद सटी हुई है। 12 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ एक समझौता किया। जिसमें 13.37 एकड़ विवादित जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों के बने रहने की बात है। विवादित 13.37 एकड़ जमीन में से 10.9 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण जन्मस्थान और 2.5 एकड़ जमीन शाही ईदगाह मस्जिद के पास है। अब हिंदू पक्ष पूरी 13.37 एकड़ जमीन पर कब्जे की मांग कर रहा है। हिंदू पक्षकारों ने 1968 में हुए समझौते को अवैध बताया है।
प्राचीन केशवनाथ मंदिर को नष्ट कर बनाई गई थी शाही ईदगाह मस्जिद- दावा
कई इतिहासकारों का दावा है कि 1669-70 में औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्म स्थली पर बने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को गिराकर उसी जगह शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था। 1770 में गोवर्धन में मुगलों और मराठाओं के बीच हुए युद्ध में मराठाओं की जीत हुई और उन्होंने फिर से मंदिर का निर्माण कराया। 1935 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूरी 13.37 एकड़ जमीन बनारस के राजा कृष्ण दास को आवंटित कर दी। 1951 में श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने पूरी 13.37 एकड़ जमीन अधिगृहित कर ली। इसके बाद 12 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के बीच हुए विवादित समझौते में 13.37 एकड़ जमीन में से 10.9 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण जन्मस्थान और 2.5 एकड़ जमीन शाही ईदगाह मस्जिद के पास रहने की बात मान ली।
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Gautam Adani: महाकुंभ में पत्नी के साथ पहुंचे उद्योगपति गौतम अडाणी, संगम में विधि विधान के साथ किया पूजन
Mahakumbh 2025: देश के मशहूर बिजनेसमैन गौतम अडाणी मंगलवार को महाकुंभ में पहुंचे। पत्नी प्रीति अडाणी के साथ महाकुंभ पहुंचे अडाणी ने करीब डेढ़ घंटे यहां रुके। उन्होंने इस्कॉन मंदिर में भगवान कृष्ण की आरती की। गौतम अडाणी ने इस्कॉन की रसोई में प्रसादम बनाया और लोगों को परोसा। उन्होंने खुद भी भंडारे में भोजन किया। अडाणी ने पत्नी के साथ संगम की आरती की और बड़े हनुमान की पूजा भी की।
उद्योगपति गौतम अडाणी ने महाकुंभ के बेहतर प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी को धन्यवाद दिया। अडाणी ने कहा कि महाकुंभ में मुझे जो अनुभव हुआ, वो अद्भुत है। यहां जो प्रबंधन है, मैं देशवासियों की तरफ से पीएम मोदी और योगी को धन्यवाद देना चाहता हूं। यहां जो प्रबंधन है-वो प्रबंधन संस्थानों के लिए शोध का विषय है। मेरे लिए मां गंगा के आशीर्वाद से बढ़कर कुछ नहीं है। गौतम अडाणी महाकुंभ में शामिल होने के बाद करीब 1:30 घंटे बाद प्रयागराज से रवाना हो गए।
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UP Encounter: शामली में STF ने मुठभेड़ में मार गिराए 4 बदमाश, इंस्पेक्टर को लगी गोली, हालत गंभीर
STF Shamli Encounter: उत्तरप्रदेश के शामली जिले में हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस और बदमाशों के बीच मंगलवार तड़के हुई मुठभेड़ में एक लाख का इनामी समेत चार बदमाश मारे गए हैं। झिंझाना इलाके में 40-45 मिनट चली इस मुठभेड़ में करीब 30-32 राउंड फायरिंग चली। मुठभेड़ में एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार के पेट में भी 4 गोलियां लगी हैं। इंस्पेक्टर की हालत गंभीर देखते हुए उन्हें इलाज के लिए गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल ले जाया गया है। पुलिस अफसरों का दावा है कि पिछले करीब 16 साल में पश्चिमी युपी की यह सबसे बड़ी मुठभेड़ है।
जानकारी के मुताबिक एसटीएफ को खूफिया इनपुट मिला था कि मुस्तफा कग्गा गैंग का एक लाख का इनामी बदमाश अरशद अपने साथियों के साथ झिंझाना थाना क्षेत्र से गुजरने वाला है। एसटीएफ ने घेराबंदी की और उन्हें रोकने की कोशिश की। इस पर अपराधियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने भी मोर्चा संभाला। करीब 40-45 मिनट तक चली इस मुठभेड़ में अरशद और उसके तीन साथी घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अरशद के अन्य 2 साथियों की पहचान मंजीत और सतीश के रूप में हुई है। जबकि एक की पहचान होना बाकी है।
मारे गए बदमाशों के पास से 1 ब्रेजा कार, 2 पिस्तौल, 1 कार्बाइन और 3 बंदूकें भी बरामद की गई हैं। एक लाख का इनामी अरशद मुस्तफा कग्गा गैंग का सक्रिय सदस्य था। उस पर हत्या के 5 मामलों समेत कुल 16 से अधिक मामले दर्ज हैं। वह जून 2024 में रिहा हुआ था। इसके बाद से अपराध में फिर से सक्रिय हो गया। उसने अपना खुद का गिरोह बनाया और लगातार हरियाणा और उत्तर प्रदेश के आस-पास के इलाकों में इस तरह की हरकतें कर रहा था।
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Mahakumbh Fire: शास्त्री ब्रिज के नीचे पंडालों में लगी आग, कोई जनहानि नहीं, सीएम योगी ने लिया जायजा
Mahakumbh Fire: प्रयागराज में महाकुंभ मेला क्षेत्र में शास्त्री ब्रिज के नीचे पंडालों में आग लग गई थी। यह आग मेले क्षेत्र के सेक्टर 19 में लगी, जिसमें 18 टेंट आग में जल गए। आग पर काबू पाने के लिए तुरंत दमकल की 15-16 गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया है। आग लगने का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं है। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि खाना बनाते समय हुए सिलेंडर ब्लास्ट में आग लगी।
आग की इस घटना में किसी के भी हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटनास्थल का जायजा लेने के लिए मौके पर पहुंच गए हैं। उन्होंने प्रभावित क्षेत्र का मुआयना करके अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सीएम योगी से बात की है और घटना को लेकर जानकारी ली।
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Maha Kumbh 2025: कठोर परीक्षा से गुजरकर बनते हैं नागा साधु,रहस्मयी है इनकी दुनिया
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ पर 13 अखाड़े अपने-अपने साधुओं के समूह को भ्रमण कराते हुए महाकुंभ स्थल में उपस्थित होते हैं, इसे अखाड़ों का छावनी प्रवेश, पेशवाई भी कहते हैं। इसमें सबकी नजरें नागा साधुओं पर टिकी रहती हैं। महाकुंभ में होने वाले अमृत स्नानों (शाही स्नान) में भी सबसे पहले नागा साधु ही स्नान करते हैं। महाकुंभ के आयोजन में प्रमुख अखाड़ों से जुड़े नागा साधु भी आते हैं। ये नागा साधु कुंभ में विशेष आकर्षण का केंद्र होते हैं, लेकिन कुंभ के बाद ये नजर नहीं आते। इनके शरीर पर लगी भस्म और लंबी जटाएं इन्हें भीड़ से अलग बनाती हैं। हालांकि, कुंभ की समाप्ति के बाद लाखों की संख्या में आने वाले नागा साधु कहां चले जाते हैं, ये सभी के लिए कौतुहल का विषय है।
कुंभ में दिगंबर स्वरूप में क्यों आते हैं नागा साधु
कुंभ में हिस्सा लेने वाले ज्यादातर नागा साधु दो विशेष अखाड़ों से आते हैं। एक अखाड़ा है वाराणसी का महापरिनिर्वाण अखाड़ा और दूसरा है पंच दशनाम जूना अखाड़ा। इन दोनों अखाड़ों के नागा साधु कुंभ का हिस्सा बनते हैं। हाथों में त्रिशूल, शरीर पर भस्म, रुद्राक्ष, की माला और कभी-कभी जानवरों की खाल को शरीर पर लपेटे ये साधु कुंभ आते हैं। कुंभ का पहला शाही स्नान नागा साधु करते हैं और उसके बाद ही अन्य श्रद्धालुओं को कुंभ स्नान की अनुमति होती है। नागा साधु अन्य दिनों में दिगंबर स्वरूप यानी निर्वस्त्र नहीं रहते हैं। समाज में दिगंबर स्वरूप स्वीकार्य नहीं है इसीलिए यह साधु कुंभ (Kumbh) के बाद गमछा पहनकर आश्रमों में निवास करते हैं। दिगंबर का अर्थ है धरती और अम्बर। नागा साधुओं का मानना है कि धरती उनका बिछौना और अम्बर उनका ओढ़ना है। इसीलिए वे कुंभ की अमृत वर्षा के लिए नागा स्वरूप में आते हैं।
कुंभ समाप्त होने के बाद कहां चले जाते हैं नागा साधु
जब कुंभ की समाप्ति हो जोती है, तो इसके बाद नागा साधु अपने-अपने अखाड़ों में लौट जाते हैं। इन अखाड़ों में नागा साधु ध्यान, तप और साधना करते हैं, साथ ही धार्मिक शिक्षा भी देते हैं। इनकी जीवनशैली काफी कठोर होती है। बहुत से नागा साधु हिमालयों, जंगलों और अन्य एकांत स्थानों में तपस्या करने चले जाते हैं। वहीं, बहुत से नागा साधु शरीर पर भभूत लपेटे हिमालय तपस्या करने जाते हैं। यहां वे कठोर तप करते हैं, फल व फूल खाकर जीवन निर्वाह करते हैं। नागा साधु कुंभ के बाद तीर्थ स्थलों पर भी रहते हैं। प्रयागराज, नासिक, हरिद्वार और उज्जैन में इनका बसेरा होता है। ये दीक्षा मांगकर अपना जीवन जीते हैं। इसके अलावा, नागा साधु धार्मिक यात्राएं करते हैं।
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Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में 3.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी, त्रिवेणी तट पर उमड़ा आस्था का जनसैलाब
Mahakumbh 2025: प्रयागराज के त्रिवेणी तट पर मंगलवार को मकर संक्रांति के दिन आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। दोपहर 3 बजे तक 3.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में पवित्र अमृत स्नान किया। जूना अखाड़ा समेत सभी 13 अखाड़ों के संत स्नान कर चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 3.5 करोड़ श्रद्धालु संगम में पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। श्रद्धालुओं पर हेलिकॉप्टर से लगातार फूल बरसाए जा रहे हैं। योगी सरकार ने प्रत्येक स्नान पर्व पर लगभग 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश करने की तैयारी है। इसी कड़ी में पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर सोमवार को श्रद्धालुओं पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाईं गई थीं, जबकि दूसरे दिन यानी आज मंगलवार को मकर संक्रांति पर अमृत स्नान के दौरान भी पुष्पवर्षा से श्रद्धालु अभिभूत नजर आए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकुंभ की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, कि-‘ महाकुंभ में भक्ति और अध्यात्म का अद्भुत संगम’
मकर संक्रांति महापर्व पर महाकुंभ में प्रथम अमृत स्नान में शामिल सभी श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने X पर लिखा, ‘आस्था, समता और एकता के महासमागम ‘महाकुम्भ-2025, प्रयागराज’ में पावन ‘मकर संक्रांति’ के शुभ अवसर पर पवित्र संगम में आस्था की पवित्र डुबकी लगाने वाले सभी पूज्य संतगणों, कल्पवासियों व श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन! प्रथम अमृत स्नान पर्व पर आज 3.50 करोड़ से अधिक पूज्य संतों/श्रद्धालुओं ने अविरल-निर्मल त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया।
सीएम योगी ने आगे लिखा, ‘ प्रथम अमृत स्नान पर्व के सकुशल संपन्न होने पर सनातन धर्म के आधार सभी पूज्य अखाड़ों, महाकुम्भ मेला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन, स्वच्छताकर्मियों, स्वयंसेवी संगठनों एवं धार्मिक संस्थाओं, नाविकों तथा महाकुम्भ से जुड़े केंद्र व प्रदेश सरकार के सभी विभागों को हृदय से साधुवाद तथा प्रदेश वासियों को बधाई! पुण्य फलें, महाकुम्भ चलें।