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महासमुंद सामुहिक हत्याकांड मामले की जांच करेगी सीबीआई, हाईकोर्ट ने दिए आदेश
बिलासपुर: हाईकोर्ट ने महासमुंद के पिथौरा थाना क्षेत्र के गांव किशनपुर में चार साल पहले हुए सामूहिक हत्याकांड मामले में शनिवार सुनवाई करते हुए बड़ा आदेश किया है। कोर्ट ने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने के आदेश दिए हैं। बता दें कि महासमुंद में 2018 में एक ही परिवार के चार लोगों की बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस की कार्रवाई और जांच को लेकर मृतकों के परिजन असंतुष्ट थे। जिसके चलते उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सीबीआई जांच की मांग की थी। इस मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के जज गौतम भादुड़ी की बेंच ने फैसला सुनाया है।
2 मासूमों समेत 4 की हुई थी हत्या
महासमुंद इलाके के पिथौरा थाना क्षेत्र के गांव किशनपुर में 31 मई 2018 को योगमाया साहू उसके पति चैतन्य साहू और दो बच्चों सात वर्षीय तन्मय साहू और नौ वर्षीय कुणाल साहू की बड़ी बेरहमी से धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। घटना के अगले दिन चारों के शव घर से बरामद किए गए थे। मृतका योगमाया गांव में ही बने उप स्वास्थ केंद्र में काम करती थी और अपने परिवार के साथ उसी स्वास्थ्य केंद्र परिसर में बने अपने घर में रहती थी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस केस में अब तक कुल 5 लोगों को पकड़ा है। वहीं, अब हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच कराने के आदेश दिए हैं।
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Chhattisgarh: जनजातीय गौरव दिवस पर ‘माटी के वीर’ 7 किमी की भव्य पदयात्रा, जशपुर जिले में बनेगा स्पोर्ट्स स्टेडियम
Jashpur: केन्द्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में आज छत्तीसगढ़ के जशपुर नगर में जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में माटी के वीर पदयात्रा का भव्य आयोजन हुआ। पदयात्रा के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया ने युवाओं से विकसित भारत के सपने को पूरा करने का संकल्प लेने तथा सामाजिक सरोकार को बढ़ावा देने के लिए आगे आने का आह्वान किया। डॉ. मंडाविया ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय के आग्रह पर जशपुर नगर में सर्वसुविधायुक्त स्पोर्ट्स स्टेडियम का निर्माण कराए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री साय ने माटी के वीर पदयात्रा के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह छत्तीसगढ़ और जशपुर के लिए सौभाग्य की बात है कि भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती के उपलक्ष्य में यह कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। उन्होंने इस मौके पर भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को देश में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा के लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातियों को गौरव करने का एक और बड़ा अवसर प्रदान किया है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जब-जब संस्कृति पर हमला हुआ है, जनजातीय समाज ने इसका तीव्र प्रतिकार किया है। जनजातीय संस्कृति प्रकृति से प्रेम करने की संस्कृति है। यह संस्कृति सौहार्द्र, शांति और सद्भाव की संस्कृति है। कलाओं से प्रेम करने वाली यह संस्कृति हमारी जनजातीय सनातन संस्कृति का उद्गम है। जनजातीय संस्कृति को बचाने की चिंता सनातन संस्कृति को बचाने की चिंता ही है। जनजातीय संस्कृति का गौरवगान सनातन संस्कृति का गौरवगान ही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और पीएम जनमन अभियान जनजातीय समुदायों के कल्याण के लिए संचालित की जा रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने जनजातीय समुदायों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए एकलव्य विद्यालयों तथा आय में बढ़ोतरी के लिए वन-धन योजना प्रारंभ किया। आयुष्मान भारत योजना में जनजातीय समुदायों के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा शुरू की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अब अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। लोकतंत्र की जड़ें दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंच रही हैं। अंदरूनी गांवों में भी नियद नेल्ला नार योजना के तहत सड़क, पेयजल, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार जैसी मूलभूत अधोसंरचनाएं पहुंच रही हैं। हमने विकसित भारत के निर्माण के लिए विकसित छत्तीसगढ़़ निर्माण का संकल्प लिया है। सभी की सहभागिता से इस लक्ष्य को हासिल किया जाएगा। जनजातीय समुदायों की अधिक से अधिक सहभागिता इस कार्य में सुनिश्चित की जाएगी।
माटी के वीर पदयात्रा के शुभारंभ कार्यक्रम में धरती के आबा भगवान बिरसा मुंडा के जीवन वृत्त पर आधारित वीडियो फिल्म का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में खेलकूद सहित अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले जनजातीय युवाओं तथा माई भारत से जुड़े वॉलेंटियर को सम्मानित किया गया। मुंडा समाज के अध्यक्ष श्री शंकर राम बारला ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। माटी के वीर पदयात्रा कार्यक्रम के शुभारंभ स्थल पुरना नगर मैदान में जनजातीय नायकोें के जीवन गाथा, जनजातीय संस्कृति एवं परंपराओं पर आधारित भव्य प्रदर्शनी लगाई गई।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव, आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम, वित्त मंत्री एवं जशपुर जिले के प्रभारी मंत्री ओ.पी. चौधरी, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंक राम वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद राधेश्याम राठिया एवं चिंतामणी महराज, विधायक गोमती साय, रायमुनि भगत, राम कुमार टोप्पो, सुशांत शुक्ला, राज्य महिला आयोग की सदस्य प्रियंवदा सिंह जूदेव सहित प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, रणविजय सिंह जूदेव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में युवा और नागरिकगण उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: राजधानी में दो दिनों तक बिखरेगी आदिवासी लोक नृत्यों की छटा, पूर्वोत्तर राज्यों के कलाकार दिखाएंगे अपनी संस्कृति की झलक
Raipur: राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में दो दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस के भव्य आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों के साथ पूर्वोत्तर राज्यों के कलाकार भी अपनी संस्कृति की झलक बिखेरेंगे। 14-15 नवंबर को आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुति देने पूर्वोत्तर भारत के पांच राज्यों मेघालय, मिजोरम, असम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के कलाकार रायपुर पहुंच चुके हैं। रायपुर रेलवे स्टेशन पर कलाकारों का पुष्पाहार और तिलक लगाकर स्वागत किया गया। पूर्वोत्तर राज्यों से आए ये कलाकार वांगला-रुंगला, रेट-किनॉन्ग, गेह पदम ए ना-न्यी ई, सोलकिया जैसे लोक नृत्यों की प्रस्तुति से अपनी संस्कृति के विविध रंग बिखेरेंगे।
फसल कटाई के बाद गारो आदिवासी करते हैं वांगला-रुंगला नृत्य, देवता मिस्सी सालजोंग का करते हैं धन्यवाद
जनजातीय गौरव दिवस पर प्रस्तुति देने मेघालय से 20 सदस्यों की टीम रायपुर आई है। यह दल गारो जनजाति द्वारा फसल कटाई के बाद किया जाने वाला वांगला-रुंगला लोक नृत्य प्रस्तुत करेगी। इसके कलाकार मेघालय की राजधानी शिलांग से करीब 200 किलोमीटर दूर नॉर्थ कर्व हिल्स (North Curve Hills) से आए हैं। दल का नेतृत्व कर रहे मानसेन मोमिन ने बताया कि वांगला गारो जनजाति का लोकप्रिय त्योहार है। यह जनजाति कृषि अर्थव्यवस्था पर निर्भर है। फसल कटाई के बाद उर्वरता (Fertility) के देवता मिसी सालजोंग को धन्यवाद देने के लिए वे यह नृत्य करते हैं। वे फसल उपलब्ध कराने के लिए भगवान को धन्यवाद देते हैं, उनकी पूजा कर नाच-गाकर प्रार्थना करते हैं और नई फसल का भोग लगाते हैं। देवता मिसी सालजोंग को धन्यवाद देने से पहले किसी भी कृषि उत्पाद का उपयोग नहीं किया जाता है।
वांगला-रुंगला आदिवासी लोक नृत्य में महिला और पुरुष दोनों हिस्सेदारी करते हैं। पुरुष नर्तक अपना परंपरागत ढोल लेकर नृत्य करते हैं जिसे दामा कहा जाता है। वांगला-रुंगला लोक नृत्य में नर्तकों का नेतृत्व करने वाले को ग्रिकगिपा या तोरेगिपा कहा जाता है। इसमें महिलाएं संगीत की धुन पर अपने हाथ हिलाती हैं, जबकि पुरुष अपने परंपरागत ढोल को बजाकर नृत्य करते हैं।
दुश्मनों पर जीत के जश्न का नृत्य है सोलकिया, मंत्रोच्चार जैसे स्वर संगीत के साथ होता है नृत्य
मिजोरम की राजधानी आईजोल से रायपुर पहुंची लोक नृत्य दल यहां सोलकिया नृत्य की प्रस्तुति देगी। इसके 20 सदस्यों के दल में 11 पुरूष और नौ महिलाएं शामिल हैं। यह नृत्य मुख्यतः मिजोरम की मारा जनजाति द्वारा किया जाता है। ‘सोलकिया’ का अर्थ दुश्मन के कटे हुए सिर से है। सोलकिया नृत्य मूल रूप से दुश्मनों पर जीत का जश्न मनाने के लिए किया जाता था। खासकर उस मौके पर जब विजेता द्वारा दुश्मन का सिर ट्रॉफी के रूप में घर लाया जाता था। लेकिन अब यह सभी महत्वपूर्ण अवसरों पर मिजो समुदायों के पुरुषों और महिलाओं द्वारा किया जाता है।
मिजोरम के कलाकारों के दल का नेतृत्व कर रहे जोथमजामा ने बताया कि सोलकिया नृत्य की शुरुआत पिवी और लाखेर समुदायों द्वारा की गई थी। इस लोक नृत्य के साथ आने वाला स्वर संगीत गायन की तुलना में मंत्रोच्चार के अधिक निकट है। ताल संगीत एक जोड़ी घडि़यों द्वारा प्रदान किया जाता है, जो एक दूसरे से बड़े होते हैं, जिन्हें डार्कहुआंग कहा जाता है। संगीत को बेहतर बनाने के लिए कई जोड़ी झांझ भी बजाए जाते हैं। जोथमजामा ने इस नृत्य को करने वाली मारा जनजाति के बारे में बताया कि यह एक कुकी जनजाति है जो मिजोरम की लुशाई पहाड़ियों और म्यांमार की चिन पहाड़ियों में रहती है। इन्हें लाखेर, शेंदु, मारिंग, ज़ु, त्लोसाई और खोंगज़ई नामों से भी जाना जाता है।
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Raipur: कोरिया में बाघ की मृत्यु की घटना पर सीएम साय के कड़े तेवर, वनरक्षक राजवाड़े और वनपाल सिंह निलंबित
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कोरिया जिले में बाघ की मौत की घटना को गंभीरता से लेते हुए इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही के निर्देश प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव को दिए थे। इन निर्देशों के परिपालन में कोरिया वनमंडल बैकुण्ठपुर अंतर्गत परिक्षेत्र सोनहत के रामगढ़ सर्किल के वनरक्षक पिताम्बर लाल राजवाड़े और वनपाल रामप्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है। इसी तारतम्य में परिक्षेत्राधिकारी सोनहत के वन क्षेत्रपाल विनय कुमार सिंह से बाघ की मृत्यु के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया है।
मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों से वनों की रक्षा और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए मुस्तैदी से कर्तव्यों का पालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी भी लापरवाही पर संबंधितों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।
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Chhattisgarh: समिति प्रबंधकों और कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त, 6 साल से लंबित मांग 24 घंटे के अंदर हुई पूरी
Raipur: प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के प्रबंधकों और कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त हो गई। मुख्यमंत्री साय की पहल पर समिति कर्मचारियों की 6 वर्षों से लंबित वेतन वृद्धि की मांग को पंजीयक सहकारी संस्थाएं द्वारा 24 घंटे के भीतर पूर्ण करते हुए समिति कर्मचारियों के वेतन और भत्ते में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गयी। इसके साथ ही अन्य 2 मांगों के संबंध में शासन स्तर पर अंतर्विभागीय समिति का गठन कर उचित कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री साय की पहल पर वर्ष 2018 के बाद पहली बार सहकारी समितियों के लगभग 13 हजार कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
मुख्यमंत्री साय ने कर्मचारियों की मांगों पर स्वयं संज्ञान लेकर इनके निराकरण के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये थे, इस संबंध में मुख्यमंत्री के समक्ष 10 नवम्बर को विभागीय अधिकारियों के साथ सहकारी समितियों के कर्मचारियों की मांगों को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों की मांगों के शीघ्र निराकरण के संबंध में निर्देश दिये थे।
समिति के कर्मचारियों के वेतन एवं भत्तों में 25 प्रतिशत की वृद्धि
मुख्यमंत्री के निर्देशों के परिपालन में आयुक्त सहकारिता विभाग द्वारा सहकारी समिति कर्मचारी सेवा नियम में संशोधन किए जाने के आदेश 11 नवंबर 2024 को जारी कर दिये गए। इसमें समिति के कर्मचारियों के वेतन एवं भत्तों में 25 प्रतिशत की वृद्धि स्वीकृत कर दी गई है, जिसमें सभी कर्मचारियों में हर्ष एवं उल्लास व्याप्त है। खाद्य विभाग द्वारा इस आशय का पत्र भी जारी कर दिया गया है कि धान उपार्जन समाप्त होने के एक माह के अंदर धान का उठाव राइस मिलर्स एवं विपणन संघ द्वारा किया जाएगा, यदि इसके पश्चात् भी उपार्जन केन्द्रों में धान शेष रहता है तो खाद्य विभाग द्वारा सहकारी समितियों को धान की सूखत दिये जाने संबंधी प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रेषित किया जाएगा।
अन्य मांगों पर विचार के लिए अंर्तविभागीय समिति का हुआ गठन
कर्मचारियों की अन्य मांग के निराकरण के संबंध में खाद्य विभाग, वित्त विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग एवं विपणन संघ को शामिल करते हुए एक अंर्तविभागीय समिति का गठन किया गया है, जो कर्मचारी संघ की मांग पर विचार कर निराकरण हेतु प्रस्ताव शासन को प्रेषित करेगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा संवेदनशीलता के साथ सहकारी समितियों के कर्मचारियों की मांगों के निराकरण करने पर कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया है।
काम पर वापस लौटे कर्मचारी
छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ द्वारा 4 नवंबर 2024 से की जा रही हड़ताल आज समाप्त घोषित कर दी गई है। छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष नरेन्द्र साहू ने समिति कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त घोषित करते हुए कहा है कि समस्त समिति कर्मचारी शासन की समस्त योजनाओं का समिति स्तर से क्रियान्वयन किए जाने हेतु प्रतिबद्ध हैं। हड़ताल खत्म होने के बाद सभी कर्मचारी अपनी-अपनी समितियों में कार्य में वापस आ गए हैं तथा 14 नवंबर 2024 से प्रारंभ हो रही धान खरीदी की समुचित व्यवस्था में लग गए हैं। कर्मचारियों द्वारा यह भी आश्वस्त किया गया है कि किसानों को धान उपार्जन के दौरान किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं होगी। धान उपार्जन केन्द्रों में सभी आवश्यक तैयारी 13 नवंबर 2024 तक पूर्ण कर ली जाएंगी।
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Chhattisgarh: केंद्रीय मंत्री मांडविया एवं सीएम साय 13 नवंबर को जशपुर में ‘माटी के वीर‘ पदयात्रा में होंगे शामिल
Raipur: भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर 13 नवंबर को जनजातीय गौरव यात्रा ‘माटी के वीर पदयात्रा’ का आयोजन किया गया है। इस पदयात्रा में केंद्रीय युवा कार्यक्रम, खेल, श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ 10 हज़ार से अधिक माई भारत यूथ वालंटियर्स पदयात्रा करेंगे। पदयात्रा 13 नवंबर को सुबह 10 बजे से शुरू होगी। इस पदयात्रा में पूरे संभाग की जनजातीय संस्कृति, नृत्यों, आभूषण, व्यंजन एवं परम्पराओं का प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें पुरनानगर पेट्रोल पंप के निकट बस्तर के आये गौर सिंग नाचा दल द्वारा स्वागत के साथ संभाग के सभी जिलों के हस्तशिल्प से बने आभूषणों का प्रदर्शन किया जाएगा। जिसमें जशपुर के बांस के पीढ़ा, छिन्द की चटाई, छोपी माहुल पत्ती की टोपी, छिन्द एवं कांसा की टोकरी, खोमरा (गुंगु), अम्बिकापुर की काष्टकला, बांसशिल्प कला, गोदना कला, सूरजपुर की बांस कला, बलरामपुर की वाद्ययंत्र, देवगुड़ी, जनजातीय आभूषण, मनेन्द्रगढ़ कोरिया की लकड़ी की बनी वस्तुओं का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके साथ ही सभी जिलों के बने जनजातीय व्यंजनों का भी प्रदर्शन होगा।
बालाछापर में पदयात्रा का स्वागत मुंडा नृत्य द्वारा किया जाएगा। वहीं गम्हरिया स्थित काष्ठागार के समीप काष्ठ कला के लाइव प्रदर्शन के साथ माई भारत कियोस्क पंजीयन, एवं जनजातीय खेलों का आयोजन होगा। इसके साथ ही करमा नृत्य द्वारा पदयात्रा का स्वागत किया जाएगा। गम्हरिया में दिया, खप्पर एवं हवनकुंड के निर्माण का प्रदर्शन किया जाएगा। अघोर पीठ के निकट गहिरा गुरु के भक्तों द्वारा गहिरा भजनों का पाठ किया जाएगा। इसके साथ ही मुंडारी नृत्य दल द्वारा नृत्य करते हुए पदयात्रा की अगुवाई की जाएगी।
रंगोली ढाबा के निकट जनजातीय दलों द्वारा जयद्रा नाचा एवं करमा नृत्य के अतिरिक्त सरगुजा संभाग में रहने वाली विशेष पिछड़ी जनजातीय समुदाय पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, पंडों एवं बैगा जनजाति के लोगों के द्वारा अपनी पारम्परिक वेशभूषा एवं संस्कृति का प्रदर्शन किया जाएगा।
डोड़काचौरा बस्ती में कोरिया जिले के दल द्वारा शैला नृत्य एवं करमा नृत्य करते हुए पदयात्रा की अगुवाई करते हुए छिन्द की टोकरी, बांस की कलाकृति बनाने की जनजातीय कला का प्रदर्शन किया जाएगा।
बांकी नदी पर स्थित पुल पर अम्बिकापुर के शैला नृत्य दल द्वारा पदयात्रा की अगुवाई करते हुए जनजातीय खेलों जैसे कबड्डी एवं खोखो का प्रदर्शन किया जाएगा। जैन मंदिर के समीप महादेवनाचा करते हुए बगीचा के दल के द्वारा पदयात्रा की अगुवाई की जाएगी जहां बांस की कलाकृति निर्माण के प्रदर्शन के साथ शास्त्रीय भजन संगीत का प्रदर्शन किया जाएगा।
बिरसा मुंडा चौक पर भगवान बिरसा मुंडा को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनकी जीवन पर प्रकाश डालती आकर्षक प्रदर्शनी के साथ बगीचा के दल द्वारा मुण्डारी नृत्य द्वारा पदयात्रा का स्वागत किया जाएगा। महाराजा चौक पर करमा नृत्य एवं गुदुम बाजा के साथ सिहार पताई की टोपी निर्माण का प्रदर्शन किया जाएगा। ऐतिहासिक काली मंदिर एवं बालाजी मंदिर के निकट कैशव रामायण मण्डली के द्वारा रामायण पाठ द्वारा लोगों को अभिभूत किया जाएगा। वहीं जनजातीय दलों द्वारा अगरबत्ती एवं फूल माला निर्माण का प्रदर्शन किया जाएगा।
बाला साहब देशपाण्डे उद्यान के निकट सूरजपुर के बायर नाचा दल द्वारा एवं अम्बेडकर चौक में मनेंद्रगढ़ के सुआ दल द्वारा पदयात्रा की अगुवाई की जाएगी। कुमार दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा के पास नगाड़ा बाजा के साथ नारायणपुर जिले के नृत्य दल द्वारा ककसार नृत्य का प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं रणजीता स्टेडियम में जनजातीय समाज के युवाओं एवं माई भारत युवा स्वयंसेवकों को संबोधित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री साय का 13 नवंबर को जशपुर में शेड्यूल
मुख्यमंत्री साय 13 नवंबर को जशपुर जिले के दौरे पर रहेंगे। वहां वे भगवान बिरसा मुण्डा ‘माटी के वीर‘ पदयात्रा में शामिल होंगे। सीएम साय जिंदल एयरस्ट्रिप रायगढ़ से हेलीकॉप्टर द्वारा सुबह 8.10 बजे प्रस्थान कर सुबह 8.50 बजे पुलिस लाइन हेलीपैड, जशपुर पहुंचेंगे। वहां से कार द्वारा सुबह 9 बजे जशपुर के गम्हरिया रेस्ट हाउस पहुंचेंगे। सीएम साय सुबह 10 बजे पुरना नगर, जशपुर में आयोजित भगवान बिरसा मुंडा ‘माटी के वीर‘ पदयात्रा में शामिल होंगे। दोपहर 12.25 बजे बिरसा मुंडा चौक से प्रस्थान कर दोपहर 12.30 बजे कल्याण आश्रम, जशपुर पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री साय कल्याण आश्रम से दोपहर 2 बजे प्रस्थान कर 2.05 बजे विवेकानंद कॉलोनी, जशपुर में होटल वृंदावन इंटरनेशनल का शुभारंभ करेंगे। दोपहर 3.00 बजे विवेकानंद कॉलोनी से प्रस्थान कर दोपहर 3.05 बजे रेस्ट हाउस, गम्हरिया पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री शाम 4 बजे आगडीह एयरस्ट्रिप जशपुर से स्टेट प्लेन द्वारा प्रस्थान कर शाम 5 बजे स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर पहुंचेंगे।
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