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Israel: गाजा पर कब्जे की हमारी योजना नहीं, हमास को खत्म करना जरूरी, इजरायल के राजदूत का बयान
Israel: इजरायल की सेना गाजा में किसी भी समय बड़ा जमीनी ऑपरेशन शुरू कर सकती है। गाजा के बॉर्डर पर इजरायल की सेना के तीन लाख से अधिक जवान इकट्ठा हैं और हमले के लिए ग्रीन सिग्नल का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने सीएनएन से बातचीत में कहा कि, ‘इजराइल को गाजा पर कब्जा करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। लेकिन हमास को खत्म करने के लिए जो भी जरूरी होगा वह करेगा।’ बता दें कि 7 अक्टूबर की सुबह हमास ने इजरायल पर अचानक हमला कर दिया था, इसके बाद से ही इजरायल जवाबी कार्रवाई में लगातार गाजा में हमास के ठिकानों में भीषण बमबारी कर रहा है।
बाइडेन ने भी गाजा पर कब्जे को लेकर दिया था बयान
गाजा पर कब्जे को लेकर इजरायल के यूएन में राजदूत का बयान ऐसे समय आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी गाजा पर कब्जे को लेकर एक इंटरव्यू के दौरान इजरायल को चेताया था। बाइडेन ने कहा था, कि ‘इजरायल को जवाब देना होगा। उन्हें हमास को खत्म करना ही होगा।’ लेकिन उन्होंने चेतावनी दी थी कि गाजा पर इजरायल का कब्जा ‘एक बड़ी गलती’ होगी। संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने सीएनएन से बातचीत में कहा कि, ‘हमें गाजा पर कब्जा करने या दोबारा कब्जा करने की कोई इच्छा नहीं है।’ हर्जोग ने कहा, हमें 20 लाख से अधिक फिलिस्तीनियों के जीवन पर शासन करने की कोई इच्छा नहीं है।
संघर्ष में अब तक 4000 से अधिक की मौत
7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद शुरू हुए संघर्ष में अब तक 1400 से अधिक इजरायलियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। जबकि 2670 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और 9600 से अधिक घायल हैं। हमास ने 150 से अधिक लोगों को बंधक भी बनाया हुआ है, जिसमें कई देशों के नागरिक शामिल हैं। इजरायल और हमास के बीच जारी सैन्य संघर्ष 1973 में मिस्र और सीरिया के साथ हुए संघर्ष के बाद से इजरायल के लिए सबसे घातक युद्ध है।
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Bangladesh: इस्कॉन मंदिर में हुई तोड़फोड़, ढाका में उपद्रवियों ने पेट्रोल डालकर लगाई आग
ISKCON: बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा। उपद्रवी कभी मंदिरों तो कभी उनके घरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कुछ दिनों पहले हिंदुओं के जाने-माने नेता चिन्मय कृष्ण दास को भी गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद से यहां लगातार तनाव जारी है। इस बीच, इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) के एक और मंदिर में अराजक तत्वों की ओर से तोड़ा गया और आग लगा दी गई। हमला शनिवार तड़के इस्कॉन नमहट्टा मंदिर पर किया गया था। इस घटना में अभी तक किसी के घायल होने की जानकारी नहीं है। यह घटना देश में हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर किया गया एक और हमला है।
आग में देवी-देवताओं की मूर्तियां जलीं
इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर यह दुखद जानकारी साझा की। उन्होंने आरोप लगाया कि पड़ोसी बांग्लादेश के ढाका जिले में स्थित उसके केंद्र को आज तड़के सुबह जला दिया। इतना ही नहीं उनके मुताबिक मंदिर में रखे देवी-देवताओं की मूर्तियां और अन्य सामान पूरी तरह जल गए। यह मंदिर ढाका के तुराग थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
आज तड़के सुबह दो से तीन बजे के बीच
एक्स पर तस्वीर साझा करते हुए राधारमण दास ने कहा, ‘बांग्लादेश में एक और इस्कॉन नमहट्टा केंद्र को जला दिया गया। श्री श्री लक्ष्मी नारायण की मूर्तियां और मंदिर के अंदर का सारा सामान पूरी तरह जल गया। यह केंद्र ढाका में स्थित है। आज तड़के सुबह दो से तीन बजे के बीच, अराजक तत्वों ने श्री श्री राधा कृष्ण मंदिर और श्री श्री महाभाग्य लक्ष्मी नारायण मंदिर को आग के हवाले कर दिया, जो हरि कृष्णा नमहट्टा संघ के अंतर्गत आता है। यह मंदिर ढाका जिले के धौर गांव में स्थित है और तुराग थाना क्षेत्र के तहत आता है।’
बांग्लादेश सरकार बनी मूकदर्शक
राधारमण दास ने यह भी कहा कि आग मंदिर के पीछे लगी टिन की छत को उठाकर पेट्रोल या ऑक्टेन का इस्तेमाल करके लगाई गई। इतना ही नहीं उन्होंने दावा किया कि हमले जारी हैं और इस्कॉन द्वारा बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का ध्यान इस ओर खिंचने के बावजूद पुलिस-प्रशासन द्वारा उनकी शिकायतों को दूर करने और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए बहुत कुछ नहीं किया जा रहा है।
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Russia-Ukraine War: यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की रूस के साथ सीज फायर करने को तैयार, शांति के लिए जमीन छोड़ने तैयार
Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन सैन्य संघर्ष में अब नया मोड़ आ गया है। ढाई वर्ष से अधिक समय से चल रहे युद्ध में सीजफायर के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की तैयार हो गए हैं। द टेलीग्राफ ने दावा किया है कि जेलेंस्की शांति के लिए नाटो की निगरानी में रूस को यूक्रेनी क्षेत्र भी देने को तैयार हो गए हैं। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार ज़ेलेंस्की ने कह दिया है कि “मैं शांति हासिल करने के लिए यूक्रेनी क्षेत्र रूस को छोड़ दूंगा। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने पहली बार कहा कि उनका देश ‘नाटो की छत्रछाया’ में यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्र को रूस के लिए अस्थायी रूप से छोड़ने को तैयार हैं, बशर्ते वह नाटो की सुरक्षा में होना चाहिए।
रूस के सामने रखी सिर्फ एक शर्त
रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि उनका देश रूस को “नाटो की छत्रछाया” में यूक्रेन पर रूस के कब्जे वाले क्षेत्र की जमीन को अस्थायी रूप से छोड़ने को तैयार है। उन्होंने कहा कि युद्धविराम पर सहमति बनने के बाद कीव बाद में “कूटनीतिक रूप से” नाटो की मदद से उस क्षेत्र की वापसी के लिए बातचीत कर सकता है जो वर्तमान में रूसी नियंत्रण में है। मगर अभी युद्ध में शांति के लिए यह जरूरी हो गया है।
कीव के रुख में आया बड़ा बदलाव
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की यह टिप्पणियां उनकी स्थिति में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दिखाती हैं। दरअसल कीव ने पहले कहा था कि वह तब तक रूस से लड़ना जारी रखेगा जब तक कि यूक्रेन अपनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं पर वापस नहीं आ जाता, जिसमें 2022 में व्लादिमीर पुतिन द्वारा कब्जा किए गए चार क्षेत्रों के साथ-साथ क्रीमिया भी शामिल है।
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Russia-Ukraine War: रूस ने यूक्रेन पर किया बड़ा हमला, पहली बार ICBM मिसाइलें दागीं
Russia-Ukraine War: रूस ने गुरुवार 21 नवंबर की सुबह 5 से 7 बजे के बीच यूक्रेन के Dnipro शहर पर ICBM मिसाइलों से ताबड़तोड़ हमला किया। यह पहली बार है, जब रूस ने इस तरह की शक्तिशाली और लंबी दूरी वाली मिसाइल का इस्तेमाल किया। यूक्रेनी वायुसेना ने यह जानकारी दी। रूस ने यूक्रेन पर अपने दक्षिण आस्त्रखान क्षेत्र से अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिलाइल दागीं। ऐसी संभावना है कि हमले के लिए रूस ने RS-26 Rubezh मिसाइलों का इस्तेमाल किया हो।
मॉस्को की ओर से अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल से हमला उस समय हुआ है, जब यूक्रेन ने इस हफ्ते अमेरिका और ब्रिटेन की मिसाइलों का उपयोग करके रूस के अंदर कुछ लक्ष्यों को निशाना बनाया, जिसके बारे में मॉस्को ने महीनों पहले चेतावनी दी थी कि यह तनाव को बहुत अधिक बढ़ा सकता है। बता दें कि आईसीबीएम की रेंज हजारों किलोमीटर होती है और इन्हें परमाणु वारहेड भेजने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
आईसीबीएम मिसाइल का वजन 36 हजार किलोग्राम होता है। इसमें एक साथ 150/300 किलोटन के 4 हथियार लगाए जा सकते हैं। यानी ये मिसाइल MIRV तकनीक से लैस है. यानी एक साथ चार टारगेट्स पर हमला कर सकती है। यह मिसाइल Avangard हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल को ले जाने में भी सक्षम है। यानी हमला और भी तगड़ा हो सकता है।
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Pakistan: टीटीपी के आत्मघाती हमले में पाक के 17 फौजियों की मौत, सैनिकों के सिर काटकर ले गए हमलावर
Pakistan TTP Attack: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के मालीखेल इलाके में एक आत्मघाती बम विस्फोट और गोलीबारी में 17 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी टीटीपी के सहयोगी हाफिज गुल बुहादुर ग्रुप (एचजीबी) ने ली है। एचजीबी ने पाकिस्तानी सैनिकों के सिर भी काट दिए, इसका वीडियो भी जारी किया है। बन्नू जिले में कार में सवार होकर आए आत्मघाती हमलावरों ने सेना के एक चेकपोस्ट को निशाना बनाकर विस्फोटों से भरी गाड़ी से हमला किया। इसके बाद फायरिंग में सुरक्षाबलों ने छह हमलावरों को मार गिराने का दावा किया है।
पाक सेना की ओर से बुधवार को जारी बयान में कहा गया है कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे वाहन को संयुक्त जांच चौकी से टकरा दिया। बयान में कहा गया है कि पाक सेना अपने जवानों की मौत को भूलेगी नहीं और इस जघन्य कृत्य के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। बता दें कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में सुरक्षा बलों, पुलिस और सुरक्षा चौकियों को निशाना बनाकर किए जाने वाले हमलों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
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Pakistan: बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा रेलवे स्टेशन पर ब्लास्ट, 21 लोगों की मौत, कई घायल
Explosion in Pakistan: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा रेलवे स्टेशन में शनिवार को बड़ा धमाका हो गया। इस धमाके में 21 लोगों की मौत की मौत हो गई है, जबकि 30 से ज्यादा घायल हैं। बताया जा रहा है कि घायलों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। मौके पर बम निरोधक दस्ता और स्थानीय पुलिस की टीम पहुंच गई हैं। इस हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (ऑपरेशन) मुहम्मद बलूच ने बताया, “विस्फोट रेलवे स्टेशन के अंदर उस समय हुआ जब पेशावर जाने वाली एक्सप्रेस अपने गंतव्य के लिए रवाना होने वाली थी।” धमाके की सूचना पर पुलिस और बचाव कर्मी विस्फोट स्थल पर पहुंच गए हैं। इसके अलावा क्वेटा के सिविल अस्पताल में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। वहीं, अतिरिक्त डॉक्टरों व सहायक कर्मचारियों को घायलों के इलाज के लिए बुला लिया गया है।