अर्थ जगत
सरकार को पेट्रोल-डीजल से हुई कितनी कमाई? वित्त मंत्री ने दिया पिछले तीन सालों का हिसाब
नई दिल्ली: तेल निर्यात करने वाले देश मांग से कम सप्लाई कर रहे हैं, जिससे दुनियाभर में तेल की एक कृत्रिम कमी पैदा हुई है। डिमांड और सप्लाई में अंतर के चलते तेलों के दाम में तेजी देखी जा रही है। इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में बताया कि पेट्रोल-डीजल से सरकार को पिछले तीन वित्तीय वर्षों में कितनी कमाई हुई है। वित्त मंत्री के मुताबिक पिछले तीन वित्तीय वर्ष में सरकार ने पेट्रोल-डीजल के टैक्स से 8.02 लाख करोड़ रुपए की कमाई की है। सीतारमण ने कहा, वित्तीय वर्ष 2021 में ही सरकार को टैक्स से 3.71 लाख करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। एक सांसद के सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने यह जानकारी दी है।
कई देशों ने स्ट्रेटजिक रिजर्व से जारी किया था तेल
बाजार में तेल की सप्लाई बढ़े और कीमतों पर काबू रखा जाए, इसके लिए हाल में ही सरकार ने स्ट्रेटजिक रिजर्व से 50 लाख टन तेल जारी किया था। उसके पहले अमेरिका ने भारत और जापान सहित कई देशों से आग्रह किया था कि तेलों के दाम काबू में रखने के लिए रिजर्व से तेल निकाले जाएं। इस काम में चीन, जापान, अमेरिका और कोरिया साथ आए और सभी देशों ने अपने रिजर्व से इमरजेंसी तेल जारी किया।
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GDP India: अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 8.4 प्रतिशत रही भारत की GDP, मैन्युफैक्चरिंग-माइनिंग सेक्टर ने किया बेहतरीन प्रदर्शन
GDP India: भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर गुरुवार को एक अच्छी ख़बर आई। चालू वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2023) में भारत की विकास दर यानी जीडीपी 8.4 प्रतिशत दर्ज की गई है। ऐसा खासकर विनिर्माण, खनन और उत्खनन और निर्माण क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन के चलते संभव हो सका है। भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट को लेकर राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से गुरुवार को जारी आंकड़े में यह सामने आया है। रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, इसमें कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार वित्तीय वर्ष 2023-24 में 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। आंकड़ों के मुताबिक,यह वित्तीय वर्ष 2022-23 के संशोधित 7 प्रतिशत के आंकड़े से भी ज्यादा है।
अनुमान में किया गया बदलाव
खबर के मुताबिक, एनएसओ ने जनवरी 2024 में पहले जारी किए गए अपने पहले अग्रिम अनुमान में चालू वित्त वर्ष के लिए 7.3 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था। एनएसओ ने 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को 7.2 प्रतिशत के पहले अनुमान के मुकाबले 7 प्रतिशत तक संशोधित किया था। इससे पहले भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7.8% और अगली तिमाही के दौरान 7.6% की दर से बढ़ी। इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को अपने पूर्ण वित्तीय वर्ष 2023-24 के जीडीपी अनुमान को 6.5 प्रतिशत से संशोधित कर 7 प्रतिशत करना पड़ा।
दुनिया में बजेगा भारत का डंका
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वित्त वर्ष 2024 में भारत के लिए 6.7 प्रतिशत जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया है। पिछली तिमाही में धीमी वृद्धि के बावजूद, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखने की संभावना है। आईएमएफ ने अनुमान लगाया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था चीन (4.6%), अमेरिका (2.1%), जापान (0.9%), फ्रांस (1%), यूके (0.6%) और जर्मनी (-0.5%) जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर प्रदर्शन करेगी। फिलहाल भारत दुनिया का पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है।
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EPFO: कर्मचारियों के लिए खुशख़बरी, ईपीएफओ ने 2023-24 के लिए ब्याज दर बढ़ाई
EPFO: ईपीएफओ ने शनिवार को साल 2023-24 के लिए ब्याज दर तय कर दी है। यह ब्याज दर 8.25 प्रतिशत रहेगी, जो कि बीते तीन वर्षों में सबसे ज्यादा है। मार्च 2023 में कर्मचारी भविष्य निधि फंड में सरकार ने 2022-23 के लिए ब्याज दर 8.15 प्रतिशत तय की थी। वहीं 2021-22 के लिए यह दर 8.10 प्रतिशत थी।
सीबीटी की बैठक में हुआ निर्णय
मार्च 2022 में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने 2021-22 के लिए ब्याज दर को बीते चार दशकों के मुकाबले कम करते हुए 8.1 प्रतिशत कर दिया था। यह 1977-78 के बाद सबसे कम था। ईपीएफओ में फैसले लेने वाली निकाय सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) ने शनिवार को हुई बैठक में कर्मचारी भविष्य निधि के लिए 2023-24 में ब्याज दर 8.25 प्रतिशत करने का फैसला किया है। सीबीटी ने मार्च 2021 में ईपीएफ पर ब्याज दर 8.5 प्रतिशत तक तय की थी।
क्या है ईपीएफ का गणित?
कर्मचारी भविष्य निधि, बीस या अधिक कर्मचारियों वाले संगठनों में वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए एक अनिवार्य योगदान है। इसके तहत कर्मचारी के वेतन से मासिक आधार पर 12 प्रतिशत हिस्सा ईपीएफ खाते में डाला जाता है और उतना ही योगदान नियोक्ता द्वारा दिया जाता है। नियोक्ता के हिस्से में से 3.67 प्रतिशत हिस्सा ईपीएफ खाते में और बाकी का 8.33 प्रतिशत हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में जमा किया जाता है।
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Jio: जियो प्लेटफॉर्म्स का नया मशीन लर्निंग प्लेटफॉर्म ‘जियो-ब्रेन’, 6जी तकनीक के विकास में आएगा काम
Jio-Brain: जियो प्लेटफॉर्म्स ने एक नया 5G इंटीग्रेटेड मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ‘जियो-ब्रेन’ लॉन्च किया है। जियो ब्रेन सभी तरह के उद्योगों और व्यवसायों को एक इंटीग्रेटिड मशीन लर्निंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता है। जियो ब्रेन प्लेटफॉर्म आसानी से कंपनियों के मौजूदा नेटवर्क से जुड़ कर काम करने की काबिलियत रखता है। इसके इस्तेमाल के लिए कंपनियों को अपने मौजूदा नेटवर्क को बदले की जरूरत नहीं पड़ती। फिर चाहे वह टेलीकॉम नेटवर्क हो, एंटरप्राइज नेटवर्क या फिर किसी भी तरह का आईटी नेटवर्क, जियो ब्रेन सभी तरह के नेटवर्क से जुड़ कर काम कर सकता है।
कंपनी का दावा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस यह इनोविटिव प्लेटफॉर्म, सैकड़ों इंजीनियरों के प्रयासों और दो वर्षों के अनुसंधान के बाद विकसित हुआ है। मशीन लर्निंग को आसान बनाने के लिए जियो ब्रेन प्लेटफॉर्म्स 500 से अधिक एप्लिकेशन्स से लैस है। इमेज़, वीडियो, टैक्स्ट, डॉक्यूमेंट्स के लिए एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फीचर मौजूद है। वहीं इन-बिल्ट एआई एल्गोरिदम जैसी सुविधाएं भी जियो ब्रेन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं।
जियो प्लेटफॉर्म्स इसे 5G और भविष्य की तकनीक 6G की उत्पाद श्रृंखला के लिए मील का पत्थर मान रही है। उद्यमों में बदलाव और नेटवर्क के ऑप्टिमाइजेशन में जियो ब्रेन मदद करेगा, साथ ही 6जी विकास के लिए भी मंच तैयार करेगा, जहां मशीन लर्निंग को एक महत्वपूर्ण क्षमता माना जाता है। जियो ब्रेन इनोवेशन इकोसिस्टम का दायरा बढ़ाने के लिए समान विचार वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग रिसर्चर्स के साथ हाथ मिलाने को तैयार है।
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JIO: जियो ट्रू 5जी नेटवर्क से जुड़े 9 करोड़ से अधिक ग्राहक, जियो ने 47 करोड़ ग्राहकों का आंकड़ा पार किया
Jio: रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने जब अक्टूबर 2022 में रिलायंस जियो के ट्रू 5जी नेटवर्क के रोलआउट की घोषणा की थी, तब किसी को भी इसका अंदाजा भी नहीं रहा होगा, कि रिलायंस जियो का 5जी रोलआउट दुनिया का सबसे तेज 5जी रोलआउट साबित होगा। देश भर में उपलब्ध रिलायंस जियो के ट्रू 5जी नेटवर्क से 9 करोड़ से अधिक ग्राहक जुड़े हुए हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज के तिमाही नतीजों में यह बात सामने आई।
कंपनी ने बताया कि जियो नेटवर्क पर कुल डेटा खपत 31.5% बढ़कर 38.1 अरब जीबी तक जा पहुंची है और साथ ही रिलायंस जियो के पूरे डेटा ट्रैफिक का करीब एक चौथाई ट्रैफिक अब जियो ट्रू 5जी नेटवर्क पर शिफ्ट हो गया है। इस हिसाब से 9 अरब जीबी से अधिक का डेटा ट्रैफिक लोड अब जियो का 5जी नेटवर्क संभाल रहा है। रिलायंस जियो पर बात करने का समय भी बढ़कर 1.37 ट्रिलियन मिनट हो गया है।
रिलायंस जियो इन्फोकॉम के चेयरमैन आकाश एम अंबानी ने इस मौके पर कहा “जियो ने दुनिया का सबसे तेज़ 5जी रोलआउट पूरा कर लिया है और अब यह पूरे भारत में उपलब्ध है। JioAirFiber को लेकर ग्राहकों ने अच्छी प्रतिक्रिया दी है, खासतौर पर टियर 3 और 4 के कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में JioAirFiber को मजबूत शुरुआत मिली है। अगली पीढ़ी के नेटवर्क, डिजिटल प्रौद्योगिकियों और सभी ग्राहक समूहों के लिए विशेष रूप से निर्मित उत्पादों में जियो का निवेश आने वाले वर्षों में स्थायी वृद्धि सुनिश्चित करेगा।”
रिलायंस जियो ने आर्थिक मोर्चे पर भी शानदार नतीजे पेश किए हैं। जियो का शुद्ध लाभ बढ़कर 5,445 करोड़ रु हो गया है। हालांकि कंपनी की प्रति ग्राहक प्रति महीने औसत राजस्व में कोई खास बढ़त देखने को नहीं मिली। परंतु इंडस्ट्री के जानकार इसका मुख्य कारण 5जी नेटवर्क पर की जा रही टेस्टिंग को मानते हैं जिसके लिए ग्राहकों से कोई पैसा नही वसूला जा रहा है। जियो का ग्राहक बेस भी 47 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है।
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Jio: भारत में जियो बना देश का सबसे मजबूत ब्रांड, एसबीआई और एलआईसी को छोड़ा पीछे
Number one brand in India: रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) की टेलीकॉम कंपनी जियो (Jio) देश का सबसे मजबूत ब्रांड बन गई है। ब्रांड फाइनेंस द्वारा जारी की गई ‘ग्लोबल-500 2024’ रिपोर्ट के अनुसार जियो साल 2023 में भी सबसे मजबूत ब्रांड के रूप में उभरी है। जियो ने इस मामले में एसबीआई और एलआईसी जैसे ब्रांड को भी पीछे छोड़ दिया है। वहीं दुनिया के सबसे मजबूत ब्रांड की लिस्ट में जियो ब्रांड मजबूती इंडेक्स 88.9 के साथ 17वें स्थान पर है। जबकि वीचैट, यूट्यूब, गूगल, डेलॉयट, कोका-कोला और नेटफ्लिक्स ने इस लिस्ट में टॉप किया है।
लगातार मजबूत हो रहा ब्रांड जियो
टेलीकॉम सेक्टर की देश की सबसे बड़ी कंपनी जियो पर लगातार लोगों का भरोसा बढ़ रहा है। साल 2016 में जियो ने भारत में टेलीकॉम सर्विस में कदम रखा और पिछले कुछ सालों में ही अपने क्षेत्र का सबसे बड़ा ब्रांड बन चुकी है। ‘ग्लोबल-500 2024’ रिपोर्ट के अनुसार जियो की ब्रांड वैल्यू में 14 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है और यह बढ़कर 6.1 अरब डॉलर तक पहुंच गई है। इसका ब्रांड इंडेक्स स्कोर भी बढ़कर 89 तक पहुंच गया है। इसे AAA ब्रांड रेटिंग दी गई है।
एलआईसी और SBI को मिला ये स्थान
‘ग्लोबल-500 2024’ की सबसे मजबूत ब्रांड की लिस्ट में एलआईसी (LIC) दुनिया में 23वें स्थान पर है। वहीं भारत का सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई का नाम इस लिस्ट में 24वें स्थान पर है। इन दोनों भारतीय ब्रांड्स ने इंस्टाग्राम को पीछे छोड़ दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक विश्व के 25 सबसे मजबूत ब्रांड की लिस्ट में टॉप पर WeChat, यूट्यूब, गूगल, होटल ब्रांड Marina Bay, रोलेक्स, बैंक ऑफ चाइना, Swisscom, Chanel, State Grid, EY जैसे कई बड़े ब्रांड्स का नाम है।