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सीएम बघेल ने PFRDA को निर्देशित करने पीएम मोदी को लिखा पत्र, पूरी तरह OPS लागू करने में आ रही दिक्कत
रायपुर: छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल करने के सरकार के फैसले में एक बड़ी तकनीकी दिक्कत खड़ी हो गई है। दरअसल न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में राज्य के कर्मचारियों का अंशदान लौटाने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव की स्थिति है। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेव्लहपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) ने एनपीएस (NPS) में जमा राशि लौटने से इनकार कर दिया है। अब मुख्यमंत्री बघेल ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भेजकर न्यू पेंशन स्कीम के अंशदान की राशि मांगी है। सीएम ने एनएसडीएल में जमा 17,240 करोड़ रुपये छत्तीसगढ़ को वापस करने पीएफआरडीए को निर्देशित की मांग की है।
20 मई को वित्त सचिव ने लिखी थी चिट्ठी
छत्तीसगढ़ के वित्त सचिव अलरमेलमंगई डी. ने 20 मई को पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेव्लहपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) नई दिल्ली के चेयरमैन को चिट्ठी भेजी थी, जिसमें उन्होंने नवीन पेंशन स्कीम (NPS) में राज्य सरकार के योगदान की कुल राशि (नियोक्ता और कर्मचारी संयुक्त हिस्सेदारी) का वर्तमान बाजार मूल्य 17,240 करोड़ रुपये छत्तीसगढ़ शासन को लौटाने कहा था। जिस पर 26 मई को पीएफआरडीए का जवाब आया है, जिसमें कहा गया है कि पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेव्लहपमेंट अथॉरिटी एक्ट-2013, सहपठित पीएफआरडीए (राष्ट्रीय पेंशन योजना अंतर्गत निकासी एवं प्रत्याहरण) विनियमन, 2015 तथा अन्य सुसंगत नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसमें राज्य सरकार को कर्मचारी एवं नियोक्ता अंशदान की जमा राशि वापस की जा सके।
एनपीएस ट्रस्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं: सीएम
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेव्लहपमेंट अथॉरिटी के इस पत्र के बाद सीएम भूपेश ने लिखा कि राज्य सरकार द्वारा एनपीएस ट्रस्ट तथा एनएसडीएल के साथ किए गए अनुबंध में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो राज्य शासन को एनपीएस अनुबंध से बाहर जाने तथा पुरानी पेंशन योजना (OPS) शुरू करने से रोकता हो। संघीय ढांचे में यह राज्य सरकार का संप्रभु निर्णय है। प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने राज्य की बजट घोषणा व कैबिनेट के निर्णय को लागू करने से रोका जाना उचित भी नहीं है।
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Chhattisgarh Rajyotsav 2024: निःस्वार्थ सेवा के नाम पर हमारी श्रद्धा को परिवर्तन करने का प्रयास किया जा रहा- उपराष्ट्रपति धनखड़
Raipur: छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय राज्योत्सव के समापन तथा राज्य अलंकरण समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने धर्म परिवर्तन पर निशाना साधा है। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान बिरसा मुंडा, शहीद वीरनारायण सिंह जैसे महापुरुषों ने निःस्वार्थ भाव से समाज की सेवा की। सेवा निःस्वार्थ होना चाहिए, इसमें कोई स्वार्थ नहीं होना चाहिए। निःस्वार्थ सेवा के नाम पर या आड़ पर हमारी श्रद्धा को परिवर्तन करने का प्रयास किया जा रहा है। हमारी संस्कृति हजारों साल पुरानी है उस पर प्रहार किया जा रहा है। इस पर हमें सजग होना चाहिए। यह धनबल के आधार पर हो रहा है। भोलेपन के आधार पर हो रहा है। भारत की आत्मा को जीवंत रखने के लिए ऐसी ताकतों को कुचलने की आवश्यकता है। आपसे आग्रह है कि इनसे सचेत रहिये। इन प्रयत्नों में खासतौर पर हमारे आदिवासियों भाइयों को निशाना बनाया जाता है। हमारे भारत की संस्कृति सबको समेटने वाली संस्कृति है। इस विशेषता को बरकरार रखना है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में शांति स्थापित करते हुए लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ की पुण्य भूमि में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। माओवाद के खिलाफ कड़ाई के साथ लड़ रहे हैं। राज्य में माओवाद अब अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर क्षेत्र के युवाओं को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने, बस्तर की खेल प्रतिभाओं को सामने लाने के उद्देश्य से हम बस्तर ओलंपिक का आयोजन कर रहे हैं। प्रदेश के किसानों, आदिवासियों, मजदूरों, महिलाओं, युवाओं सहित समस्त नागरिकों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक उन्नति में भागीदार बनें। आप सभी के प्रयासों से विकसित छत्तीसगढ़ के सपनों को साकार करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर क्षेत्र के युवाओं को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने, बस्तर की खेल प्रतिभाओं को सामने लाने के उद्देश्य से हम बस्तर ओलंपिक का आयोजन कर रहे हैं।प्रदेश के किसानों, आदिवासियों, मजदूरों, महिलाओं, युवाओं सहित समस्त नागरिकों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक उन्नति में भागीदार बनें। आप सभी के प्रयासों से विकसित छत्तीसगढ़ के सपनों को साकार करेंगे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री साय ने लोककलाकारों को प्रोत्साहित करने महत्वपूर्ण घोषणा भी की। उन्होंने छत्तीसगढ़ के लोक कलाकरों को प्रोत्साहित करने तथा लोक संस्कृति का देश विदेश में प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से बनाए गए ‘‘छत्तीसगढ़ कलाकार पंजीयन भुगतान नियम 2021’’ के संबंध में कला, संगीत, नृत्य, नाट्य एवं गायन के क्षेत्र में राज्य अलंकरण प्राप्त कलाकारों के लिए एक विशिष्ट ग्रेड ‘ए1’ निर्धारित करने की घोषणा की।
कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल रमेन डेका और सीएम साय ने 36 हस्तियों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम में समस्त ‘‘ए’’ श्रेणी के कलाकारों की अधिकतम कार्यक्रम स्वीकृति सीमा को 10 से बढ़ाकर 20, ‘‘बी’’ श्रेणी कलाकारों की अधिकतम सीमा 12 को बढ़ाकर 24 करने की घोषणा की। साथ ही ग्रेड निर्धारण समिति की प्रत्येक बैठक में अधिकतम 3 प्रतिष्ठित कला विशेषज्ञों को अशासकीय सदस्य के रूप में सम्मिलित करने की घोषणा की।
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Rajyotsav 2024: देशभर में दूसरे नंबर पर ट्रेंड कर रहा छत्तीसगढ़ का राज्योत्सव, एक्स पर छाया रहा छत्तीसगढ़ राज्योत्सव- 2024
Rajyotsav 2024: सोशल मीडिया एप एक्स पर आज छत्तीसगढ़ राज्योत्सव-2024 देशभर में दूसरे नंबर पर ट्रेंड करता रहा है। तीन दिवसीय इस राज्योत्सव का भव्य आयोजन 4 नवंबर से 6 नवंबर तक राज्योत्सव स्थल, नया रायपुर अटल नगर में किया गया। जहां देश के सुप्रसिद्ध कलाकारों ने छत्तीसगढ़ आकर अपनी प्रस्तुतियां दे रहे हैं। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़, राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह की मौजूदगी में समापन अवसर पर राज्य अलंकरण पुरस्कार भी दिए गए। राज्योत्सव में हुई सभी प्रस्तुतियों की लाइव स्ट्रीमिंग देश-विदेश के लोगों ने देखा और बढ़-चढ़कर राज्योसव के सभी कार्यक्रमों का हिस्सा भी बने। आज देशभर में दिन भर सोशल मीडिया एप एक्स पर छत्तीसगढ़ राज्योत्सव-2024 ट्रेंड करता रहा।
गौरतलब है कि आज राज्य अलंकरण समारोह एवं राज्योत्सव के समापन अवसर पर उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बतौर मुख्य आतिथ्य शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल रमेन डेका ने की। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। वहीं राज्य स्थापना दिवस का उद्घाटन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा किया गया था।
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Rajyotsav 2024: राज्य की उन्नति के लिए शांति जरूरी- राज्यपाल, संस्कृति से मिलती है विकास के लिए सबसे बड़ी ताकत- मुख्यमंत्री
Raipur: राज्योत्सव कार्यक्रम के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल रमेन डेका ने शिरकत की। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने की। इस मौके पर अपने संबोधन में राज्यपाल डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक युवा राज्य है और युवा अवस्था में ही इस राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा और क्षमता का प्रदर्शन किया है। राज्यपाल डेका ने छत्तीसगढ़ के नागरिकों से अपील की, कि राज्योत्सव के मौके पर अपनी विरासत को सहेजें और छत्तीसगढ़ को अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प लें।
राज्यपाल डेका ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन हम सभी के लिए गौरव का दिन है। हमारे छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना को 24 वर्ष पूरे हो चुके हैं और यह हम सबके लिए ऐतिहासिक क्षण है। इन वर्षाे में हमने एक मजबूत आधार बनाया है और अपने लक्ष्य की ओर लगातार बढ़ने का संकल्प लिया है। उन्होंने इस अवसर पर राज्य निर्माण का स्वप्न देखने वाले और इसके लिए संघर्ष करने वाले पुरखों को भी नमन किया।
राज्यपाल ने कहा कि पिछले 23 वर्षों में छत्तीसगढ़ के विकास के लिए एक ठोस धरातल निर्मित हुआ है। इस दौर में राज्य की सांस्कृतिक रूप से भी एक अलग पहचान बनी है। छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक संसाधन पर्याप्त हैं, चाहे वन हो, खनिज हो या मानव संसाधन हो, सभी का उचित दोहन किया जाना अभी बाकी है। राज्यपाल ने कहा कि संसाधनों के दोहन के साथ ही हमें इस पर भी गहन चिंतन करना होगा कि विकास का पैमाना क्या हो। विकास की सतत् प्रक्रिया में प्रकृति के साथ संतुलन बना रहे, यह भी ध्यान रखना होगा।
राज्यपाल डेका ने कहा कि राज्य की उन्नति के लिए शांति जरूरी है, विगत कुछ वर्षों से नक्सल हिंसा से छत्तीसगढ़ का कुछ हिस्सा प्रभावित रहा है। इस हिंसा को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा लगातार साझा प्रयास किये जा रहे हैं। आशा है कि जल्द ही इस हिंसा से राज्य को मुक्ति मिलेगी और छत्तीसगढ़ तेजी से विकास की दौड़ में आगे बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्योत्सव समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जिन लोगों ने संयुक्त मध्यप्रदेश के समय छत्तीसगढ़ में जन्म लिया और बड़े हुए वे लोग तब और अब के फर्क को बहुत अच्छी तरह जानते हैं। उन्हें याद होगा कि किस तरह छत्तीसगढ़ में बार-बार अकाल पड़ता था। किसानों को रोजी-रोटी के लिए पलायन करना पड़ता था। सौभाग्य से जब अटल जी प्रधानमंत्री बने तो छत्तीसगढ़ की पीड़ा को समझा और अलग राज्य का निर्माण किया। 24 साल पूरे हो गये हैं। छत्तीसगढ़ विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने तीज त्योहारों, देव स्थलों, मड़ई मेलों को सहेज रहे हैं। विकास के लिए सबसे बड़ी ताकत संस्कृति से ही मिलती है। संस्कृति हमें बताती है कि विकास की दिशा क्या होनी चाहिए। प्राथमिकता क्या होनी चाहिए, सोच क्या होनी चाहिए, दृष्टिकोण क्या होना चाहिए और लक्ष्य क्या होना चाहिए। प्रत्येक नागरिक का आचार-विचार और व्यवहार संस्कृति ही तय करती है और इसी के अनुरूप नीति निर्धारण के लिए सरकार को प्रेरित करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री मोदी जी के लक्ष्य के अनुरूप विकसित छत्तीसगढ़ के लिए विजन डाक्यूमेंट तैयार किया है उसमें संस्कृति को सबसे ज्यादा तवज्जो दी है। संस्कृति ही समाज में ताकत पैदा करती है। छत्तीसगढ़ प्राकृतिक सौंदर्य के मामले में बेहद समृद्ध है। पर्यटन की यहां बड़ी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि किस तरह से भगवान श्रीराम से जुड़े तीर्थों का विकास किया जा रहा है। माता शबरी और माता कौशल्या के धाम को संवारा जा रहा है। राजिम, सिरपुर, मधेश्वर, भोरमदेव, बारसूर आदि अनेक ऐतिहासिक स्थल हैं, जिनका विकास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी शिल्प कला को सहेजा जा रहा है और प्रोत्साहित किया जा रहा है। खादी के वस्त्रों पर 25 प्रतिशत की छूट देकर इसे प्रोत्साहित किया जा रहा है। इन सबके साथ ही प्रदेश के खानपान की अपनी विशेषता है। संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता में शामिल है। यह राज्य हमने बनाया है संवारा है और आगे भी इसे हम ही संवारेंगे।
इस मौके पर छत्तीसगढ़ नैसर्गिक पर्यटन पत्रिका और संस्कृति विभाग की पत्रिका ‘बिहनिया‘ का विमोचन किया। इस मौके पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा सहित अन्य गणमान्य नागरिक एवं अधिकारीगण मौजूद थे।
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Chhattisgarh: मुख्यमंत्री साय ने मांदर बजाकर वादकों का उत्साह बढ़ाया, परंपरागत वाद्ययंत्रों को सुना
Rajyotsav 2024: छत्तीसगढ की संस्कृति को संजोकर रखने और उनका प्रचार प्रसार करने के लिए छत्तीसगढ के वाद्ययंत्रों की प्रदर्शनी भी राज्योत्सव में लगाई गई है l कलाकार रिखी क्षत्रीय ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को मांदर भेंट की। मुख्यमंत्री ने भी वादकों के साथ मांदर बजाकर उनका उत्साह वर्धन किया। रिखी क्षत्रीय ने मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ के वाद्ययंत्रों सारंगी, नगाड़ा, मृदुल,चिकारा, कोंडोडका, खनखना, कुतुर्गी, खेती, मुंडाबाजा, हुलकी, मोहरी, तुर्रा, रुंजू, तुरही, मांदरी मांदर, तोड़ी, चरहे, तम्बुरा, बांसबाजा, सींगबाजा, गतका, माडिया ढोल, दमउ, खर्रा, चरहे, चटका, झंडी डंडा, खल्लर, छडी, कोटेला, खडका , सिलफिली, खरताल, अलगोजा, गुदुम बाजा, झुनझुना, डफरा, टिमकी की जानकारी दी । छत्तीसगढ की परम्परागत वाद्ययंत्रों का उपयोग किए जाने और उसकी उपयोगिता से भी परिचित करायाl।
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Rajyotsava 2024: एमपी के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का किया शुभारंभ, सीएम साय बोले- छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश का प्रेम सगे भाईयों की तरह
Raipur: राज्य स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित राज्योत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि डबल इंजन की सरकारें छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश को तीव्र गति से विकास की राह पर लेकर जा रही है। डॉ. यादव ने छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में संचालित जनहितैषी योजनाओं और माओवादी आतंक के विरूद्ध संचालित अभियान की सफलता की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ से माओवाद समाप्ति की ओर है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की साझा संस्कृति है साझा विचार है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया, यह सम्मान ऐसे ही हासिल नहीं हुआ। छत्तीसगढ़ के लोग अपनी सहजता-सरलता के लिए, अपने धान के कटोरे के लिए और अपने प्राकृतिक संसाधनों के लिए जाना जाता है। रायपुर से बस्तर तक विकास का नया आयाम स्थापित हुआ है। यहां डबल इंजन की सरकार बहुत तेजी से विकास की राह पर बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान राम और भगवान कृष्ण के कारण से हमारा गौरवशाली अतीत बना है, उसे सहेजने के लिए हमारी सरकार काम करेगी। भगवान श्री कृष्ण की भी जिन जगहों पर लीलाएं हुई हैं वहां धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने का काम हम कर रहे हैं। राज्योत्सव का दीपोत्सव के साथ आयोजन हुआ। इससे इस आयोजन की कीर्ति बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां लाडली बहन योजना है, आपके यहां महतारी वंदन योजना है। हम सब तेजी से विकास के पथ पर बढ़ते रहेंगे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्योत्सव के शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारा सौभाग्य है कि राज्योत्सव के शुभारंभ के लिए मध्यप्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आये हैं। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन की शुरूआत छत्तीसगढ़ के शहीद वीरनारायण सिंह, वीर गुंडाधुर सहित अन्य शहीदों के नमन से की। देश भर में जनजातीय समुदाय के शौर्य के प्रतीक बिरसा मुंडा का भी उन्होंने स्मरण किया। उन्होंने गुरु बाबा घासीदास, मिनी माता और महाराजा चक्रधर सिंह जैसी विभूतियों को भी नमन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश का प्रेम सगे भाईयों की तरह है। दोनों राज्यों का स्थापना दिवस एक ही दिन है। मैं डॉ. मोहन यादव जी को भी स्थापना दिवस की बधाई देता हूं और मध्यप्रदेश के भी तीव्र विकास की कामना करता हूं। छत्तीसगढ़ आज 25 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इन 24 सालों की विकास यात्रा आपने देखी है। डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्रित्व का काल में छत्तीसगढ़ में हर क्षेत्र में विकास हुआ। यहां आईआईटी, आईआईएम, एम्स और लॉ यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान स्थापित हुए। धान खरीदी और पीडीएस की मजबूत व्यवस्था स्थापित हुई।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारी सरकार को दस महीने हुए हैं। इतने कम समय में ही हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी जी की अधिकांश गारंटी को पूरा कर दिया है। चाहे 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी का वायदा हो या माताओं-बहनों को एक हजार रुपए देने की बात हो, रामलला दर्शन योजना की बात हो, पीएससी परीक्षा की जांच हो। सभी काम दस महीनों में पूरे किये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें विकसित छत्तीसगढ़ की संकल्पना को पूरा करना है। हमने विजन डाक्यूमेंट तैयार किया है और इसके अनुरूप काम करेंगे।
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि अटल जी ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया। आज राज्य में जो विकास हुआ, वह अटल जी की वजह से हो पाया है। हमारा प्रदेश श्रीराम का ननिहाल है। यह भूमि का टुकड़ा नहीं, इसमें अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अद्भुत काम किया है।
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि जैसे दीपावली त्यौहार में परिवार के सभी सदस्य एकत्रित होते हैं वैसे ही परिवार के सदस्य और बड़े भाई मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी हमारे साथ खुशियां साझा करने आये हैं। छत्तीसगढ़ का निर्माण लोकतंत्र का सबसे अनूठा, सबसे अनुपम उदाहरण है।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मध्यप्रदेश के विकास की रफ्तार को तेज गति से बढ़ा रहे हैं। गौ संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। हमारे प्रदेश छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एक साथ कई बड़ी योजनाओं को अमलीजामा पहनाया, जिससे प्रदेश में तेजी से विकास हो रहा है।
कार्यक्रम में मंत्री दयालदास बघेल, श्याम बिहारी जायसवाल, टंकराम वर्मा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक राजेश मूणत, पुरंदर मिश्रा, गुरू खुशवंत साहेब, रोहित साहू, अनुज शर्मा, इन्द्रकुमार साहू, संपत अग्रवाल, अन्य जनप्रतिनिधि, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा सहित सभी विभागों के अधिकारी एवं बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे। इस अवसर पर माननीय अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।
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