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छत्तीसगढ़ के निलंबित आईपीएस जीपी सिंह गिरफ्तार, राजद्रोह, आय से अधिक संपत्ति का मामला है दर्ज

नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) जीपी सिंह को राज्य के आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने मंगलवार को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। जीपी सिंह अभी सस्पेंड चल रहे हैं। छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के चीफ रह चुके IPS जीपी सिंह पर राजद्रोह, आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज है। इसके अलावा कई और आरोप जीपी सिंह पर लगे हैं। पुलिस बुधवार को उन्हें कोर्ट में पेश करेगी। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में जीपी सिंह के गुरुग्राम से गिरफ्तार होने का दावा किया जा रहा है।
बता दें कि ईओडब्ल्यू में जीपी सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं में जुलाई 2021 में मामला दर्ज किया गया था। इसके साथ ही उन्हें निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद ईओडब्ल्यू ने कई बार उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया, लेकिन वह कभी पेश नहीं हुए। इस बीच सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट से राहत के लिए प्रयास जारी रखा। जीपी सिंह पिछले छह महीन से फरार चल रहे थे। पुलिस उसे गिरफ्तार करने लगातार छापेमारी भी कर रही थी।
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Jashpur: मुख्यमंत्री साय ने कुनकुरी छठ घाट में सूर्य को दिया अर्घ्य, श्री जगन्नाथ मंदिर पहुंचकर विधि-विधान से की पूजा अर्चना

Jashpur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उनकी धर्मपत्नी कौशल्या साय ने आज छठ महापर्व के पावन अवसर पर जशपुर जिले के कुनकुरी छठ घाट में उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। मुख्यमंत्री साय ने प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हुए प्रदेशवासियों को छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि छठ पूजा सूर्य उपासना और सामाजिक समरसता का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह उनके लिए अत्यंत सौभाग्य का अवसर है कि उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र में छठ महापर्व जैसे आस्था और श्रद्धा से जुड़े पर्व में शामिल होने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि कुनकुरी छठ घाट के सौंदर्यीकरण के लिए लगभग 5 करोड़ 17 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिससे श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का विस्तार होगा। इस अवसर पर कलेक्टर रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह, जनप्रतिनिधिगण तथा बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
महाप्रभु श्री जगन्नाथ का लिया दर्शन लाभ
सीएम साय ने कुनकुरी स्थित भगवान श्री जगन्नाथ मंदिर पहुंचकर महाप्रभु श्री जगन्नाथ, माता सुभद्रा और बलराम जी के दर्शन किए। मुख्यमंत्री साय ने अपनी धर्मपत्नी कौशल्या साय के साथ विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि, शांति और कल्याण की मंगलकामना की। उन्होंने मंदिर परिसर में श्री जगन्नाथ सेवा समिति कुनकुरी द्वारा आयोजित तुलसी अर्चन कार्यक्रम में भी भाग लिया। इस अवसर पर सीएम ने भगवान श्री जगन्नाथ को 51 हजार तुलसी दल अर्पित कर विशेष पूजन किया। उन्होंने प्रदेश की निरंतर प्रगति, सामाजिक समरसता और जनकल्याण के लिए आशीर्वाद मांगा।
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Jashpur: मुख्यमंत्री साय ने जशपुर में दुलदुला छठ घाट में सूर्य को दिया अर्घ्य, घाट के सौन्दर्यीकरण की घोषणा की

Jashpur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं उनकी धर्मपत्नी कौशल्या साय ने आज छठ महापर्व के अवसर पर दुलदुला छठ घाट में पहुंचकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया और प्रदेश की सुख-समृद्धि तथा खुशहाली की कामना की। सीएम साय ने प्रदेशवासियों को छठ पूजा की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत सौभाग्य का अवसर है कि मुझे छठ पर्व में सम्मिलित होने का अवसर मिला।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जनता के विश्वास और स्नेह से ही उन्हें जनसेवा का अवसर मिला है, और वे क्षेत्र के विकास एवं जनता की अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। सीएम साय ने दुलदुला क्षेत्रवासियों की मांग पर छठ घाट के सौन्दर्यीकरण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आगामी छठ पर्व तक दुलदुला छठ घाट का सौन्दर्यीकरण कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुनकुरी छठ घाट का सौन्दर्यीकरण लगभग ₹5 करोड़ 17 लाख की लागत से किया गया है, जहां इस वर्ष व्रती महिलाएं पूर्ण श्रद्धा-भाव से पूजा-अर्चना कर रही हैं।
इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, जनपद पंचायत दुलदुला अध्यक्ष रामकुमार सिंह, आईजी दीपक कुमार झा, कलेक्टर रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह सहित छठ व्रत करने वाली महिलाएं, जनप्रतिनिधिगण एवं ग्रामीणजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: कांकेर जिले में 21 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, AK-47, इंसास-SLR समेत कई हथियार पुुलिस को सौंपे

Raipur: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में रविवार को 21 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ सरेंडर कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सली नॉर्थ सब जोनल ब्यूरो में सक्रिय थे। सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने अपने AK-47, इंसास, SLR जैसे 18 ऑटोमैटिक हथियार भी पुलिस को सौंप दिये। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में माओवाद की समाप्ति अब वास्तविकता बनने की ओर अग्रसर है। “पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसी जनोन्मुख पहल ने बस्तर में शांति और विश्वास की नई बयार बहा दी है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज कांकेर जिले में 21 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया, जो प्रदेश में चल रही “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति – 2025” तथा “नियद नेल्ला नार योजना” की सफलता का सशक्त प्रमाण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि माओवाद की झूठी और भ्रामक विचारधारा से भटके युवा अब समझने लगे हैं कि बंदूक नहीं, विकास की राह ही भविष्य का सही विकल्प है।
सीएम साय ने कहा कि सरकार इन आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास, पुनर्प्रशिक्षण और सामाजिक पुनर्संस्थापन के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है, ताकि वे मुख्यधारा से जुड़कर समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के मार्गदर्शन और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर के लोगों का विश्वास जीता है। यही कारण है कि अब माओवादी संगठन तेजी से कमजोर पड़ रहे हैं और बड़ी संख्या में हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति को स्वीकार कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर अंचल में अब नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है और क्षेत्र तेजी से शांति, विकास और सशक्तिकरण की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक भारत को नक्सलमुक्त बनाना है और छत्तीसगढ़ इस दिशा में तेजी से अग्रसर है।
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Chhattisgarh: प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन देने वाली अनोखी पहल ‘गार्बेज कैफे’ को देशभर में मिली पहचान, प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ में सराहा

‘Mann Ki Baat’: प्रधानमंत्री मोदी ने आज मन की बात’ कार्यक्रम में अंबिकापुर नगर निगम की अनूठी पहल ‘गार्बेज कैफे’ की सराहना की। ‘गार्बेज कैफे’ में प्लास्टिक कचरा देने वालों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के नवाचारों और माओवाद उन्मूलन के संकल्प का उल्लेख होना प्रदेशवासियों के लिए गौरव की बात है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अंबिकापुर के ‘गार्बेज कैफे’ का उल्लेख किए जाने पर मुख्यमंत्री साय ने इसे पूरे प्रदेश के लिए सम्मान बताया। सीएम साय ने राजधानी रायपुर के शांति नगर में ‘मन की बात’ के 127वें संस्करण का श्रवण किया।
मुख्यमंत्री साय ने छठ पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ‘मन की बात’ देशभर में हो रहे नवाचारी, प्रेरणादायी और जनहितकारी कार्यों को जोड़ने वाला एक विशेष मंच है, जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने वालों प्रयासों को राष्ट्रीय पहचान दिलाता है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ का उल्लेख होना प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व का विषय है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अंबिकापुर नगर निगम की अनूठी पहल ‘गार्बेज कैफे’ की सराहना की, जिसने प्लास्टिक मुक्त शहर की दिशा में एक मिसाल कायम की है। यहां प्लास्टिक कचरा देने वालों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है। यह पहल स्वच्छता, पुनर्चक्रण और सामाजिक संवेदना का अद्भुत उदाहरण बन चुकी है। अंबिकापुर में शहर से प्लास्टिक कचरा साफ करने के लिए यह एक अनोखी पहल की गई है। अंबिकापुर में गार्बेज कैफे चलाए जा रहे हैं। ये ऐसे कैफे हैं, जहां प्लास्टिक कचरा लेकर जाने पर भरपेट खाना खिलाया जाता है। अगर कोई व्यक्ति एक किलो प्लास्टिक लेकर जाए उसे दोपहर या रात का खाना मिलता है और कोई आधा किलो प्लास्टिक ले जाए तो नाश्ता मिल जाता है। ये कैफे अंबिकापुर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन चलाता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने त्योहारों की बढ़ी रौनक, सामाजिक एकता के प्रतीक छठ पर्व और नए आत्मविश्वास से आगे बढ़ते भारत की भावना का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि माओवादी गतिविधियों के सिमटते प्रभाव पर गर्व का अनुभव होता है। डबल इंजन की सरकार के मजबूत संकल्प से देश में शांति और सुरक्षा की दिशा में उल्लेखनीय परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से अब मूलभूत सुविधाएं सुदूर गांवों तक पहुंच रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया है। इस बार उन इलाकों में भी खुशियों के दीप जले हैं, जहां कभी माओवादी आतंक का अंधेरा छाया रहता था। उन्होंने कहा कि लोग उस माओवादी आतंक का जड़ से खात्मा चाहते हैं जिसने उनके बच्चों के भविष्य को संकट में डाल दिया था।
साय ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों में भारतीय नस्ल के श्वानों को शामिल किए जाने के निर्णय की भी सराहना की। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित क्षेत्र में एक देशी श्वान ने 8 किलो विस्फोटक का पता लगाकर जवानों की जान बचाई। यह सिद्ध करता है कि भारतीय नस्ल के श्वान अधिक अनुकूल, दक्ष और विश्वसनीय हैं।
मुख्यमंत्री ने पुंगनूर नस्ल की गायों को खिलाया चारा
‘मन की बात’ कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री साय ने पुंगनूर नस्ल की गायों को चारा खिलाया और उनकी विशेषताओं की जानकारी ली। उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश में पाई जाने वाली यह विशेष नस्ल अपनी अनूठी शारीरिक बनावट और विशिष्ट गुणों के कारण प्रसिद्ध है।कार्यक्रम में विधायक पुरन्दर मिश्रा, छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, छत्तीसगढ़ माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष शंभूनाथ चक्रवर्ती, छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण भी उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने बस्तर ओलंपिक 2025 का किया शुभारंभ, तीन चरणों में आयोजित होगी प्रतियोगिता

Narayanpur: छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहित करने, बस्तर संभाग के जनजातीय बहुल एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में युवाओं की खेल प्रतिभा को पहचानने और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से ‘बस्तर ओलंपिक 2025’ का आयोजन किया जा रहा है। जिसका नारायणपुर के सुदूर वनांचल ग्राम कच्चापाल में शुभारंभ आज उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर ईरकभट्टी और कच्चापाल की ग्रामीण महिलाओं के मध्य रस्साकसी प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें ईरकभट्टी के महिलाओं ने बाजी मारी।
उपमुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों से मुलाकात कर सभी का उत्साहवर्धन भी किया। उन्होंने खिलाड़ियों में उत्साह को देखते हुए सभी को बस्तर ओलंपिक 2025 की टीशर्ट का वितरण किया। यह प्रतियोगिता विकासखंड, जिला और संभाग स्तर पर तीन चरणों में आयोजित होगी। बस्तर ओलंपिक 2025 में बस्तर संभाग में 03 लाख 80 हजार से अधिक प्रतिभागियों ने भाग ले रहे हैं, जिसमें नारायणपुर में 47 हजार से अधिक प्रतिभागी शामिल हैं।
इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री शर्मा ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि बस्तर ओलंपिक केवल खेल नहीं है यह बस्तर की समरसता, बंधुत्व, विश्वास और एकता का प्रतीक भी है। यह ओलंपिक बस्तर के युवाओं को अपनी नैसर्गिक प्रतिभा के प्रदर्शन का एक मंच प्रदान करने के साथ उनमें आत्मविश्वास जगाने और खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने का एक माध्यम भी है। हमें पूरा भरोसा है कि इस ओलंपिक के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भी प्रदेश को मिलेंगे जो प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में बस्तर का नाम ऊंचा करेंगे।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष नारायण मरकाम, उपाध्यक्ष प्रताप सिंह मंडावी, एडीजी विवेकानंद सिन्हा, कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी, कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं, एसपी रॉबिंसन गुड़िया, एसडीएम ओरछा डॉ. सुमित गर्ग, जनपद उपाध्यक्ष ओरछा मंगडूराम नूरेटी, सरपंच कच्चापाल रजमा नूरेटी, जनपद सदस्य जनप्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि बस्तर ओलंपिक का आयोजन 25 अक्टूबर से 30 नवम्बर तक विकासखंड स्तर, जिला स्तर एवं संभाग पर किया जाएगा। जिसमें एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, कराटे, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल, रस्साकसी, हॉकी और वेटलिफ्टिंग जैसी खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। जहां जूनियर वर्ग (14 से 17 वर्ष) और सीनियर वर्ग (17 वर्ष से अधिक) के साथ दिव्यांग खिलाड़ी और आत्मसमर्पित नक्सली भी सीधे संभाग स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे।
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