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CG Cabinet: मु्ख्यमंत्री साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक, पंचायत और नगरीय निकाय में अब OBC को 50% आरक्षण

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कैबिनेट में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु स्वीकृत शासकीय प्रत्याभूति राशि (14 हजार 700 करोड़ रूपए) की वैधता अवधि को एक वर्ष बढ़ाते हुए 31 अक्टूबर 2025 तक पुनवैधिकरण करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा मंत्रिपरिषद की बैठक में शिक्षक (पंचायत) संवर्ग के 97 शिक्षकों का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किये जाने का अनुमोदन किया गया। शेष शिक्षक (पंचायत) के प्रकरणों पर पंचायत विभाग से पात्रता की अनुशंसा प्राप्त होने पर संविलियन करने हेतु स्कूल शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया। स्कूल शिक्षा विभाग के प्राचार्याें को वर्ष 2007 से वर्ष 2019 तक प्रथम मतांकन के आधार पर प्रथम व द्वितीय समयमान वेतनमान स्वीकृत करने के लिए मात्र एक बार की छूट देने का निर्णय भी कैबिनेट में लिया गया।
कैबिनेट में त्रि-स्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय के चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के प्रथम प्रतिवेदन एवं अनुशंसा अनुसार आरक्षण प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया। इसके तहत स्थानीय निकायों में आरक्षण को एकमुश्त सीमा 25 प्रतिशत को शिथिल कर अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा तक आरक्षण प्रदान किया जाएगा। ऐसे निकाय जहां पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति का आरक्षण कुल मिलाकर 50 प्रतिशत या उससे अधिक है, वहां अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण उस निकाय में शून्य होगा।
इसी तरह यदि अनुसूचित जाति, जनजाति का आरक्षण निकाय में 50 प्रतिशत से कम है, तो उस निकाय में अधिकतम 50 प्रतिशत की सीमा तक अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण होगा, परंतु यह आरक्षण उस निकाय की अन्य पिछड़ा वर्ग के आबादी से अधिक नहीं होगा। निकाय के जिन पदों के आरक्षण राज्य स्तर से तय होते हैं जैसे जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निगम महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष इत्यादि, उन पदों के लिए ऐसे निकायों की कुल जनसंख्या के आधार पर उपरोक्त सिद्धांत का पालन करते हुए आरक्षित पदों की संख्या तय की जाएगी।
कैबिनेट में लिए गए अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
- मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य की नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 के प्रारूप एवं प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। यह नई औद्योगिक विकास नीति 01 नवम्बर 2024 से प्रारंभ होकर 31 मार्च 2030 तक प्रभावशील रहेगी। इस नीति में अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन@2047 की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रावधान किए गए हैं, इस नीति से प्रदेश में औद्योगिक विकास के नये आयाम स्थापित होंगे।
- नई औद्योगिक विकास नीति में कोर सेक्टर के उत्पादों जैसे स्टील, सीमेंट, ताप विद्युत एवं एल्यूमिनियम के लिए पृथक प्रावधान तथा राज्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर थ्रस्ट एवं सामान्य उद्योगों में विभाजित किया गया है। फार्मास्युटिकल, टेक्सटाईल, फूडप्रोसेसिंग, कृषि उत्पाद संरक्षण, एनटीएफपी प्रसंस्करण इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, आईटी एवं आईटीईएस आदि के लिए आकर्षक औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
- नवा रायपुर अटल नगर में निवेश, रोजगार एवं बसाहट को प्रोत्साहन देने हेतु सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग, स्वास्थ्य सेवाएं, शैक्षणिक संस्थान, इलेक्ट्रानिक्स एवं इलेक्ट्रिकल उद्योगों के विकास हेतु रियायती प्रीमियम दर पर भूखण्ड आबंटन कीे व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया।
- नवा रायपुर परियोजना हेतु आपसी करार द्वारा निजी भूमि क्रय करने पर नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण को 31 मार्च 2026 तक मुद्रांक शुल्क में छूट दिए जाने का निर्णय लिया गया।
- मंत्रिपरिषद ने घोषणा पत्र के अनुरूप राज्य में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना प्रारंभ करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया। इस योजना के तहत राज्य के 60 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्ति, दिव्यांगजन, विधवा, परित्यक महिलाओं को उनके जीवनकाल में एक बार प्रदेश के बाहर स्थित चिंहिंत तीर्थ स्थानों में से एक या एक से अधिक स्थानों की निःशुल्क यात्रा कराई जाएगी। इसके लिए 2024-25 के प्रथम अनुपूरक में 25 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है।
- यहां यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत वर्ष 2019 तक 2 लाख 47 हजार हितग्राहियों को 272 यात्राओं के माध्यम से तीर्थ यात्रा कराई गई है। वर्ष 2019 में इस योजना का नाम बदलकर तीरथ बरत योजना कर दिया गया था, परंतु वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक इस योजना के तहत तीर्थ यात्राएं नहीं हुईं। मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के नाम से इसे पुनः शुरू करने का निर्णय लिया है।
- मंत्रिपरिषद की बैठक में जनहित को देखते हुए अचल सम्पत्ति के अंतरण संबंधी दस्तावेजों के रजिस्ट्रीकरण फीस के युक्तियुक्तकरण का निर्णय लिया गया है। बैठक में रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 (1908 का 16) से संबंधित रजिस्ट्रीकरण शुल्क सारणी में पुनरीक्षण संबंधित प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
- मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ के तकनीकी शिक्षा विभाग में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने का निर्णय लिया है। इससे छात्र-छात्राओं को समग्र एवं लचीले शिक्षा प्रणाली के साथ ही गुणवत्तायुक्त शिक्षण की सुविधा मिलेगी। शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अधिक संसाधन और सहयोग प्राप्त होंगे। उद्योगों को अधिक कुशल कार्य बल मिलेगा।
- ग्राम नियानार, जगदलपुर जिला बस्तर में एन.एम.डी.सी. के अधिकारियों/कर्मचारियों हेतु आवासीय परिसर के निर्माण हेतु छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल को आबंटित 118 एकड़ शासकीय भूमि, मण्डल द्वारा सी.एस.आई.डी.सी. को रजिस्ट्री के माध्यम से विक्रय की अनुमति प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
- छत्तीसगढ़ नगर पालिक अधिनियम 1956 (संशोधन) अध्यादेश-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
- छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 (संशोधन) अध्यादेश-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
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Chhattisgarh: रायपुर में अगले महीने होगा साहित्य उत्सव, देश भर के 100 से अधिक साहित्यकार जुटेंगे

Raipur: नए वर्ष की शुरुआत के साथ छत्तीसगढ़ एक बार फिर साहित्यिक ऊर्जा से सराबोर होने को तैयार है। आगामी महीने रायपुर साहित्य उत्सव का आयोजन नवा रायपुर में जनजातीय संग्रहालय के समीप 23 से 25 जनवरी तक होगा। इस उत्सव में कुल 11 सत्र शामिल होंगे। इनमें 5 समानांतर सत्र, 4 सामूहिक सत्र, और 3 संवाद सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें साहित्यकारों एवं प्रतिभागियों के बीच सीधा संवाद और विचार-विमर्श होगा। साहित्य उत्सव में देश भर से 100 से अधिक प्रतिष्ठित साहित्यकार शामिल होंगे। राज्य स्थापना के रजत वर्ष पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा इस आयोजन की परिकल्पना की गई थी। उनकी यह परिकल्पना अब साकार रूप लेने जा रही है।
मुख्यमंत्री ने आज अपने निवास कार्यालय में रायपुर साहित्य उत्सव के लोगो का अनावरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा, छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष शंशाक शर्मा, जनसंपर्क विभाग के सचिव डॉ. रोहित यादव, वरिष्ठ साहित्यकार सुशील त्रिवेदी, डॉ. चितरंजन कर, गिरीश पंकज, डॉ. संजीव बक्शी, प्रदीप श्रीवास्तव और शकुंतला तरार उपस्थित थे।
लोगो अनावरण के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर पूरा प्रदेश रजत महोत्सव मना रहा है, और रायपुर साहित्य उत्सव उसी श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। उन्होंने कहा कि यह उत्सव न केवल छत्तीसगढ़ को, बल्कि पूरे देश के मूर्धन्य साहित्यकारों को एक साझा मंच प्रदान करेगा, जहाँ उनके अनुभव, विचार और रचनात्मक धारा से अवगत होने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह आयोजन छत्तीसगढ़ को साहित्यिक जगत में एक नई पहचान प्रदान करेगा तथा जनसमुदाय को साहित्य, लेखन और पठन-पाठन की ओर प्रेरित करेगा। साथ ही यह उत्सव राज्य की विकास योजनाओं के लिए भी सकारात्मक सामाजिक चेतना और विमर्श का मंच बनेगा।
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक-साहित्यिक विरासत का प्रतीक उत्सव का लोगो
रायपुर साहित्य उत्सव के लोगो में छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को एक प्रभावशाली प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया है। यह लोगो न सिर्फ राज्य की पहचान को दर्शाता है, बल्कि बस्तर की जैव-विविधता, जनजातीय परंपराओं, और छत्तीसगढ़ की आत्मा माने जाने वाले सल्फी पेड़ की सांस्कृतिक महत्ता को भी सशक्त रूप में उजागर करता है।
लोगो में सल्फी के पेड़ को छत्तीसगढ़ राज्य के नक्शे का रूप देकर यह संदेश दिया गया है कि राज्य की सभ्यता, संस्कृति और साहित्य सदियों से इसी भूमि की जड़ों से पोषित होते आए हैं। सल्फी का यह पेड़ आदिकाल से चली आ रही पौराणिक परंपराओं, भाईचारे और एकजुटता का प्रतीक माना जाता है। जनजातीय समाज के जीवन में गहराई से रचे-बसे इस पेड़ को साहित्य उत्सव के लोगो में शामिल करने से यह संदेश भी मिलता है कि छत्तीसगढ़ का जनजातीय साहित्य, लोकविश्वास और पारंपरिक ज्ञान-धारा आज भी समकालीन साहित्यिक प्रवाह के केंद्र में है।
लोगो में अंकित ‘आदि से अनादि तक’ वाक्य साहित्य की उस अटूट यात्रा को दर्शाता है, जिसमें आदिकालीन रचनाओं से लेकर निरंतर विकसित हो रहे आधुनिक साहित्य तक सभी रूप समाहित हैं। यह संदेश स्पष्ट रूप से प्रकट होता है कि साहित्य कालातीत है, वह समय, समाज, भाषा और पीढ़ियों को जोड़कर चलने वाली निरंतर धारा है। इसी प्रकार लोगो में शामिल ‘सुरसरि सम सबके हित होई’ वाक्य साहित्य को गंगा की तरह मुक्त, समावेशी और सर्वहितकारी शक्ति के रूप में स्थापित करता है। साहित्य सभी जाति, वर्ग, परंपरा और जीवन-रीतियों को अपनी व्यापकता में समाहित कर समाज को दिशा देता है और सबके हित का मार्ग प्रशस्त करता है।
रायपुर साहित्य उत्सव का यह लोगो पूरे छत्तीसगढ़ के लिए सांस्कृतिक गर्व का विषय है, क्योंकि इसमें राज्य की हजारों वर्षों पुरानी साहित्यिक जड़ें, जनजातीय परंपराएँ, सामाजिक समरसता और आधुनिक रचनात्मक दृष्टि-सभी का सुंदर, सार्थक और कलात्मक संगम दिखाई देता है। यह लोगो जनमानस तक यह सशक्त संदेश पहुँचाता है कि छत्तीसगढ़ की साहित्यिक यात्रा ‘आदि से अनादि’ तक अविचल, जीवंत और समृद्ध रही है और आगे भी इसी धारा में निरंतर विकास की नई कहानियाँ लिखती रहेगी। रायपुर साहित्य उत्सव के लोगो से छत्तीसगढ़ में आदि-अनादि काल से मजबूत साहित्य की जड़ों और उनसे जुड़ाव का सशक्त संदेश जनमानस तक पहुंचेगा।
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Chhattisgarh: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों ने की सौजन्य भेंट

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज शाम राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य भेंट की। भेंट के दौरान राज्य में प्रशासनिक व्यवस्था एवं कानून-व्यवस्था से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। मुख्यमंत्री साय ने अधिकारियों को कर्तव्यनिष्ठा, संवेदनशीलता और सजगता के साथ कार्य करने की सलाह दी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी एवं वनांचल क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था को सुचारू बनाए रखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। ऐसे क्षेत्रों में सेवा देते समय अधिकारियों को विशेष रूप से सतर्क रहते हुए त्वरित, जिम्मेदार और संवेदनशील तरीके से अपने दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए।
मुख्यमंत्री साय ने सभी प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए उन्हें राज्य की कानून-व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर आईजी अजय यादव, एसपी अभिषेक पल्लव, एएसपी पंकज शुक्ला तथा प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार, अंशिका जैन, प्रतिक दादा साहेब और मानषी उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना से बदलेगी शहरों की तस्वीर, 13 नगर निगमों में आइकॉनिक कार्यों के लिए 429.45 करोड़ के 26 कार्य मंजूर

Raipur: छत्तीसगढ़ के शहरों में आइकॉनिक (Iconic) विकास कार्यों के लिए राज्य शासन ने इस साल मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना शुरू की है। पहले चरण में इसे राज्य के सभी 14 नगर निगमों में लागू किया गया है। इसके तहत शहरों में मजबूत अधोसंरचना के विकास के बड़े काम मंजूर किए जा रहे हैं। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव के अनुमोदन के बाद योजना के अंतर्गत अब तक 13 नगर निगमों में 26 कार्यों के लिए 429 करोड़ 45 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इनमें मरीन ड्राइव विस्तार, ऑक्सीजोन-कम-स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, अंतरराज्यीय बस टर्मिनल, रोड जंक्शन, हाइटेक बस स्टैंड, ऑडिटोरियम, तालाब सौंदर्यीकरण, उद्यान विकास, जलापूर्ति सुदृढ़ीकरण, कॉरीडोर निर्माण, गौरव पथ निर्माण, सड़क बाइपास एवं चौड़ीकरण जैसे वृहद कार्य शामिल हैं। चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में योजना के लिए 500 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। स्वीकृत कार्यों में से पांच कार्यों के लिए संबंधित फर्म्स को कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं। वहीं पांच कार्यों का भूमिपूजन भी हो गया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य शासन की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना के बारे में कहा कि इस योजना से शहरों के अधोसंरचना विकास में बड़ा बदलाव आएगा। शहरों के सतत् विकास और नागरिक केंद्रित समाधानों को ध्यान में रखते हुए यह योजना तैयार की गई है। छत्तीसगढ़ के शहरों को आधुनिक, सुंदर और जीवंत बनाने में यह योजना प्रभावी साबित होगी। शहरों की सूरत और सीरत बदलने में इसकी अहम भूमिका होगी।
उप मुख्यमंत्री \अरुण साव ने बताया कि जीवंत शहरों के निर्माण और इज ऑफ लीविंग के लिए इस साल के बजट में शामिल कार्ययोजना के अनुसार मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना प्रारंभ की गई है। पहले चरण में राज्य के सभी नगर निगमों को इसमें शामिल किया गया है। चरणबद्ध रूप से इसे सभी नगरीय निकायों में लागू किया जाएगा। योजना के माध्यम से शहरों में बढ़ती आबादी के मद्देनजर सुगम यातायात के लिए मुख्य सड़कों के निर्माण, चौड़ीकरण, बाइपास सड़क, फ्लाई-ओव्हर, सर्विस-लेन, अंडर-पास तथा अन्य बुनियादी ढांचों का विकास किया जाएगा। राज्य के शहरों को सुंदर, आधुनिक, व्यवस्थित और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए रिवर-फ्रंट डेवलपमेंट और भव्य उद्यानों का भी निर्माण योजना के तहत किए जाएंगे। योजना में ऐसे आइकॉनिक कार्य व परियोजनाएं ली जाएंगी जो शहर के विकास का उदाहरण बन सके।
मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना से होंगे ये काम
मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना से प्रमुख रूप से मुख्य सड़क निर्माण एवं मुख्य सड़क चौड़ीकरण कार्य, बाइपास रोड निर्माण, मुख्य सड़क में सर्विस रोड निर्माण कार्य, फ्लाई-ओव्हर निर्माण कार्य, अंडर-पास सड़क निर्माण कार्य, जलप्रदाय योजना के कार्य, सीवरेज नेटवर्क निर्माण कार्य, एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य, मुख्य सड़कों में रोटरी चौक निर्माण पुनर्व्यवस्था कार्य, स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स निर्माण, हाइटेक बस स्टैण्ड निर्माण, ऑडिटोरियम निर्माण, भव्य उद्यान विकास एवं रिवर-फ्रंट डेवलपमेंट कार्य तथा पर्यटन स्थलों के विकास के कार्य किए जाएंगे। इनके साथ ही शहर की जरूरत के अनुसार अन्य विशिष्ट कार्य भी किए जाएंगे।
कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी मॉनिटरिंग
मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना के कार्यों की मॉनिटरिंग और निगरानी कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति द्वारा की जाएगी। समिति प्रगतिरत कार्यों की नियमित समीक्षा कर समय-सीमा में गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करेगी। संबंधित नगर निगम के आयुक्त समिति के सदस्य-सह-सचिव होंगे। वहीं जिले में लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता समिति के अन्य सदस्य होंगे।
रायपुर में 91.27 करोड़, रायगढ़ में 64.66 करोड़ और बिलासपुर में 57.92 करोड़ के काम, कोरबा में गौरव पथ के लिए 36.55 करोड़
मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना से रायपुर नगर निगम में कुल 91 करोड़ 27 लाख रुपए के चार कार्यों की स्वीकृति दी गई है। इनमें नौ करोड़ दो लाख रुपए की लागत से 18 रोड जंक्शन्स (Road Junctions) के विकास, 23 करोड़ 38 लाख रुपए से जल आपूर्ति व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण, 18 करोड़ 86 लाख रुपए के महादेव घाट पुनरूद्धार योजना फेज-1 और तेलीबांधा में 40 करोड़ रुपए के टेक्नीकल टॉवर का निर्माण शामिल है। रायगढ़ नगर निगम में कुल 64 करोड़ 66 लाख रुपए के तीन कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इनमें 29 करोड़ 57 लाख रुपए का न्यू शनि मंदिर से छठघाट तक मरीन ड्राइव विस्तार, 12 करोड़ 81 लाख रुपए का एफ.सी.आई. के पास ऑक्सीजोन-कम-स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स विकास कार्य और 22 करोड़ 28 लाख रुपए का न्यू सारंगढ़ बस स्टैंड (अंतरराज्यीय बस टर्मिनल) का उन्नयन कार्य शामिल है।
बिलासपुर नगर निगम में योजना के तहत कुल 57 करोड़ 92 लाख रुपए की लागत के नौ कार्य मंजूर किए गए हैं। इनमें 17 करोड़ रुपए का अशोक नगर-बिरकोनी रोड चौड़ीकरण, नौ करोड़ 74 लाख रुपए का अरपा इंद्रा सेतु से राम सेतु तक अटल पथ निर्माण, पांच करोड़ नौ लाख रुपए का मंगला चौक से आजाद चौक तक सड़क निर्माण, पांच करोड़ 26 लाख रुपए का गुरुनानक चौक से मोपका/राजकिशोर नगर तिराहा तक डामरीकरण एवं नाला निर्माण, दो करोड़ 22 लाख रुपए का रकबंधा तालाब उसलापुर का सौंदर्यीकरण, छह करोड़ 82 लाख रुपए का सिरगिट्टी क्षेत्र में सीसी रोड एवं नाली निर्माण तथा एक करोड़ 70 लाख रुपए का जोन-7 के अंतर्गत सीसी रोड विकास कार्य शामिल हैं। तिफरा में सीसी रोड और नाली निर्माण के लिए छह करोड़ 48 लाख रुपए तथा शहर में स्ट्रीट लाइट व विद्युत लाइट पोल के प्रतिस्थापन के लिए तीन करोड़ 62 लाख रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है। कोरबा में सीएसईबी चौक से जैन चौक – आईटीआई चौक से कोसाबाड़ी चौक तक गौरव पथ के निर्माण के लिए 36 करोड़ 55 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं।
धमतरी में बनेगा हाइटेक बस स्टैंड और ऑडिटोरियम, अंबिकापुर में मां महामाया कॉरीडोर के लिए 11.6 करोड़
योजना के तहत धमतरी नगर निगम में दो कार्यों के लिए कुल 24 करोड़ 64 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। इनमें 17 करोड़ 70 लाख रुपए का नवीन हाइटेक बस स्टैंड निर्माण और छह करोड़ 94 लाख रुपए का ऑडिटोरियम निर्माण शामिल है। जगदलपुर नगर निगम में भी दो कार्यों के लिए कुल 19 करोड़ 95 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इनमें दस करोड़ छह लाख रुपए का मुक्तिधाम से समुद्र चौक, पॉवर हाउस चौक, पंचपथ चौक होते हुए लालबाग आमागुड़ा चौक तक मार्ग चौड़ीकरण और नौ करोड़ 89 लाख रुपए का दलपत सागर विकास व सौंदर्यीकरण कार्य शामिल है। बीरगांव नगर निगम में दो कार्यों के लिए 24 करोड़ 75 लाख रुपए से अधिक की राशि मंजूर की गई है। इनमें सात करोड़ 90 लाख रुपए की लागत से उरला नाला निर्माण (5.08 किलोमीटर) तथा 16 करोड़ 85 लाख रुपए का शनि मंदिर से फिल्टर प्लांट होते हुए कन्हेरा मोड़ तक सड़क निर्माण शामिल है।
नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा योजना के तहत चिरमिरी नगर निगम में चार कार्यों के लिए कुल 14 करोड़ 84 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। इनमें आठ करोड़ 65 लाख रुपए का सोनामली नाका से दीनदयाल चौक पौढ़ी तक बाइपास निर्माण, तीन करोड़ 57 लाख रुपए का कोरिया कॉलरी शाखा शिवमंदिर के पास विकास एवं सौंदर्यीकरण, 69 लाख रुपए का पोड़ी वेस्ट चिरमिरी में अटल परिसर से मालवीय नगर तक सड़क चौड़ीकरण तथा एक करोड़ 93 लाख रुपए का अहिंसा चौक हल्दीवाड़ी से अग्रसेन चौक बड़ा बाजार तक सड़क चौड़ीकरण कार्य शामिल है। अंबिकापुर नगर निगम में दो कार्यों के लिए कुल 13 करोड़ 99 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इनमें दो करोड़ 39 लाख रुपए की लागत से पुष्पवाटिका सरगांव पार्क का विकास एवं जल आपूर्ति व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के साथ ही 11 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से मां महामाया कॉरीडोर का निर्माण शामिल है।
भिलाई-चरोदा में बनेगा केनाल रोड, रिसाली में तीन सड़कों के विकास और चौड़ीकरण के लिए 17.33 करोड़
दुर्ग नगर निगम में नौ करोड़ 84 लाख रुपए की लागत से धमधा मार्ग से आदित्य नगर होते हुए रायपुर नाका अंडर-ब्रिज की ओर तथा हनुमान नगर होते हुए जुनवानी रोड तक फोरलेन निर्माण, भिलाई-चरोदा नगर निगम में डभरा पारा से इन्द्रानगर तक केनाल रोड निर्माण के लिए 29 करोड़ 43 लाख रुपए और भिलाई नगर निगम में 24 कार्यों के लिए 24 करोड़ 30 लाख रुपए मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना से स्वीकृत किए गए हैं। रिसाली नगर निगम में तीन कार्यों के लिए कुल 17 करोड़ 33 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। इनमें मैत्री कुंज से मधुरिशा फेज-3 तक, आजाद चौक से कृष्णा टॉकीज रोड तक तथा श्रीराम चौक से बालाजी अपार्टमेंट (वार्ड क्रमांक-23) तक सड़क के विकास एवं चौड़ीकरण के लिए क्रमशः पांच करोड़ 21 लाख, सात करोड़ 97 लाख तथा चार करोड़ 15 लाख रुपए शामिल हैं।
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DGP/IG Conference: प्रधानमंत्री मोदी ने पुलिस के बारे में जनता की धारणा बदलने, युवाओं तक पहुंच बढ़ाने पर दिया जोर

Raipur: प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय प्रबंधन संस्थान, रायपुर में पुलिस महानिदेशकों/महानिरीक्षकों के 60वें अखिल भारतीय सम्मेलन में भाग लिया। तीन दिवसीय इस सम्मेलन का विषय ‘विकसित भारत: सुरक्षा आयाम’ है। प्रधानमंत्री ने खासकर युवाओं के बीच पुलिस के प्रति जनता की धारणा बदलने की तत्काल जरूरत पर बल दिया, जिसके लिए दक्षता, संवेदनशीलता और जवाबदेही को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने शहरी पुलिस व्यवस्था को मज़बूत करने, पर्यटक पुलिस को फिर से सक्रिय करने और औपनिवेशिक काल के आपराधिक कानूनों के स्थान पर लागू किए गए नए भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस और व्यापक प्रशासन को निर्जन द्वीपों को एकीकृत करने के लिए नवीन रणनीतियां अपनाने, राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड (नेटग्रिड) के अंतर्गत एकीकृत डेटाबेस का प्रभावी उपयोग करने और कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी प्राप्त करने के लिए इन प्रणालियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से जोड़ने का निर्देश दिया। उन्होंने विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों को पुलिस जांच में फोरेंसिक के उपयोग पर केस स्टडी करने के लिए प्रोत्साहित करने का आह्वान किया, और कहा कि फोरेंसिक के बेहतर अनुप्रयोग से आपराधिक न्याय प्रणाली और मजबूत होगी।
प्रधानमंत्री ने प्रतिबंधित संगठनों की नियमित निगरानी के लिए तंत्र स्थापित करने, वामपंथी उग्रवाद से मुक्त क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित करने और तटीय सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए नवोन्मेषी मॉडल अपनाने के महत्व पर ज़ोर दिया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने के लिए एक समग्र सरकारी दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें प्रवर्तन, पुनर्वास और सामुदायिक स्तर पर हस्तक्षेप एक साथ किया जाए।
सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा के विविध मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। विजन 2047 की दिशा में पुलिस व्यवस्था के दीर्घकालिक रोडमैप, आतंकवाद-निरोध और कट्टरपंथ-निरोध में उभरते रुझान, महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने में तकनीक का लाभ उठाने, विदेशों में रह रहे भारतीय भगोड़ों को वापस लाने की रणनीतियों और प्रभावी जांच एवं अभियोजन सुनिश्चित करने के लिए फोरेंसिक क्षमताओं को मज़बूत करने पर चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री ने मज़बूत तैयारियों और समन्वय की आवश्यकता पर ज़ोर दिया और पुलिस प्रमुखों से चक्रवात, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपात स्थितियों, जिनमें चक्रवात दित्वा की मौजूदा स्थिति भी शामिल है, के लिए प्रभावी आपदा प्रबंधन तंत्र को मज़बूत करने का आग्रह किया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ऐसी घटनाओं के दौरान जीवन की रक्षा और न्यूनतम व्यवधान सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय योजना, तत्क्षण समन्वय, त्वरित प्रतिक्रिया और समग्र सरकारी दृष्टिकोण आवश्यक हैं।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने पुलिस नेतृत्व से आह्वान किया कि वे विकासशील राष्ट्र की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पुलिस व्यवस्था को फिर से व्यवस्थित करें, ताकि विकसित भारत बनने की राह पर साफ हो सके।
प्रधानमंत्री ने खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक प्रदान किए। उन्होंने शहरी पुलिस व्यवस्था में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले तीन शहरों को भी पुरस्कार प्रदान किए। यह सम्मान शहरी पुलिस व्यवस्था में नवाचार और सुधार को प्रोत्साहित करने के लिए पहली बार स्थापित किया गया है।
इस सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, गृह राज्य मंत्री और केंद्रीय गृह सचिव ने भाग लिया। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक, साथ ही केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों ने प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया, जबकि देश भर से विभिन्न रैंकों के 700 से अधिक अधिकारी वर्चुअल माध्यम से इस सम्मेलन में शामिल हुए।
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Chhattisgarh: सख्त मॉनिटरिंग का असर, धमतरी में धान खरीदी तेज रफ्तार पर

Dhamtari: धमतरी जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के तहत समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन पूरी पारदर्शिता, सुगमता और मजबूत प्रशासनिक निगरानी के साथ सुचारू रूप से जारी है। जिले की 74 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों एवं आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों के अंतर्गत संचालित 100 उपार्जन केन्द्रों में कुल 1,27,851 किसानों द्वारा 1,19,541.09 हेक्टेयर रकबा पंजीकृत किया गया है, जिनमें 76,046 सीमांत, 49,493 लघु और 2,312 दीर्घ किसान शामिल हैं।
तेज़ी से हो रही खरीदी, किसानों को हर दिन भुगतान
15 से 28 नवम्बर 2025 के बीच 17,580 किसानों से 81,704.52 मीट्रिक टन धान खरीदा गया है। खरीदी गई उपज का कुल मूल्य 193.86 करोड़ रुपये है, जिसका निर्वहन प्रतिदिन नियमित रूप से किसानों के खातों में किया जा रहा है।
100 केन्द्रों पर नोडल अधिकारी—व्यवस्था और पारदर्शिता पर पैनी नजर
जिले ने खरीदी व्यवस्था को मजबूत करने प्रत्येक उपार्जन केंद्र पर जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है। अधिकारी हर सप्ताह स्थल निरीक्षण कर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रक्रिया पारदर्शी, व्यवस्थित और किसानों के अनुकूल रहे।
कोचियों पर नकेल—अवैध भंडारण व परिवहन पर बड़ी कार्रवाई
अवैध धान भंडारण एवं परिवहन पर रोक के लिए राजस्व, कृषि, खाद्य, सहकारिता और मंडी विभाग का संयुक्त उड़नदस्ता दल सक्रिय है। उड़ीसा सीमा से सटे बोराई (घुटकेल), बांसपानी, बनरौद और सांकरा चेकपोस्ट पर 24×7 निगरानी की व्यवस्था की गई है।अब तक अवैध परिवहन/भंडारण के 28 प्रकरण दर्ज, कुल 1,253 मीट्रिक टन धान और दो वाहन जप्त किए गए हैं। कार्रवाई निरंतर जारी है।
कस्टम मिलिंग में गति
विपणन वर्ष 2024-25 में अर्जित धान की मिलिंग हेतु जिले में 102 राइस मिलों का पंजीयन हुआ है। इनमें से 55 मिलों को 2,51,552 मीट्रिक टन धान उठाव की अनुमति दी गई है, जबकि 1,99,248 मीट्रिक टन का अनुबंध पूरा किया जा चुका है।
शिकायतों के लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर सक्रिय
कलेक्टोरेट के कक्ष क्रमांक 11 में जिले का कमांड एवं कंट्रोल सेंटर स्थापित है। अभी तक प्राप्त 17 में से 14 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है तथा शेष 3 पर कार्यवाही जारी है।इसके लिए 07722-232808 पर सम्पर्क किया जा सकता है। धमतरी जिला प्रशासन किसानों को सुविधा, सुरक्षा और पारदर्शिता के साथ धान खरीदी उपलब्ध कराने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्यरत है।
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