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छत्तीसगढ़ बजट: मंदी के दौर में भी उम्मीद जगा रहा छत्तीसगढ़, गांव, गरीब, किसान और युवा पर जोर
रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बतौर वित्त मंत्री अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया। बजट भाषण में उन्होंने कहा, कि हमारा विकास का मॉडल समावेशी भी है। विकास की योजनाओं का लाभ समाज के सबसे कमजोर लोगों तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है। इसीलिये हम कर्ज से दबे किसानों और गरीबी के कारण कुपोषित महिलाओं और बच्चों के विकास की योजनाएं बनाते हैं।
मुख्यमंत्री बघेल ने राज्य की आर्थिक स्थिति का ब्यौरा सदन में रखते कहा, कि केंद्रीय बजट में राज्य के लिये अनुमानित केन्द्रीय करों में कमी आई है। हालांकि उन्होंने संतोष व्यक्त किया, कि राज्य सरकार की नीतियों एवं प्रयासों से स्वयं के संसाधन के बलबूते हम 11 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं। साथ ही उन्होंने बताया, कि राज्य के विगत वर्ष के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार स्थिर दर पर वर्ष 2018-19 में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 6.08 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान किया गया था। किंतु अद्यतन प्रस्तुत त्वरित अनुमान के अनुसार 7.06 प्रतिशत की वृद्धि संभावित है। मंदी के राष्ट्रीय आंकडों के बीच यह वृद्धि राज्य के लिये एक सुखद संकेत है। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया, कि 2020-21 के लिए कोई नया कर प्रस्ताव नहीं है।
बजट की 10 बड़ी घोषणाएं
- राज्य के 1 लाख 31 हजार शिक्षाकर्मियों का संविलियन हो चुका है। शेष बचे 16 हजार शिक्षाकर्मियों में से 2 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षाकर्मियों का 1 जुलाई 2020 से संविलियन किया जायेगा।
- मुख्यमंत्री लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना शुरू की जाएगी। इसके अंतर्गत परंपरागत नृत्य, गायन, रंगमंच एवं लेखन कार्य के लिये समर्पित लोक कलाकारों एवं उनके आश्रितों को पेंशन, छात्रवृत्ति, वाद्य यंत्र क्रय तथा लोक महोत्सव के आयोजन हेतु आर्थिक सहायता दी जायेगी। इस हेतु 25 करोड़ का प्रावधान है।
- आईआईटी-आईआईएम और एम्स का एंट्रेंस एग्जाम पास करने वाले प्रदेश के युवाओं के प्रवेश और पढ़ाई का खर्च सरकार उठाएगी।
- छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की पहचान का केन्द्र बन चुके रायपुर के गढ़-कलेवा की अन्य 27 जिला मुख्यालयों में स्थापना के लिये स्व-सहायता समूहों को 10 लाख का रिवॉल्विंग फंड उपलब्ध कराया जायेगा।
- सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा के लिये वाहनों की जीपीएस से ट्रैकिंग हेतु व्हीकल ट्रैकिंग प्लेटफार्म का निर्माण किया जायेगा। इसके लिए 14 करोड़ 40 लाख का प्रावधान किया गया है।
- उद्योगों के लिये आबंटित किये जाने वाले भू-खण्ड की दरों में 30 प्रतिशत तथा लीज रेन्ट की दर में 33 प्रतिशत कमी की गई है।
- दुर्ग, जगदलपुर एवं अंबिकापुर में 3 हजार 500 सीटर क्षमता के 3 नए इंडोर स्टेडियम का निर्माण किया जायेगा। इनके लिये नवीन मद में 54 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
- मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत प्रतिभावान खिलाड़ियों को उच्च स्तर का प्रशिक्षण, खेल-सामग्री एवं राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। इसके लिए नवीन मद में 10 करोड़ का प्रावधान है।
- अनुसूचित जनजाति बाहुल्य बस्तर क्षेत्र में निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये 20 एकड़ तक के निजी औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है।
- नवा रायपुर में झीरम घाटी के शहीदों की स्मृति में शहीद स्मारक का निर्माण किया जायेगा।
शिक्षा क्षेत्र के लिए ऐलान
- महान संत गुरू घासीदास की जन्मस्थली ग्राम गिरौदपुरी में गुरूकुल विद्यालय की स्थापना की जाएगी।
- दूरस्थ आदिवासी अंचल के ग्राम तोंगपाल, जिला सुकमा एवं कुआकोंडा, जिला दंतेवाड़ा में छात्रावास की सुविधा सहित नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किया जायेगा।
- सुुकमा, कोण्डागांव, नारायणपुर, बीजापुर एवं तखतपुर में कन्या महाविद्यालय खोले जाएंगे।
- महात्मा गांधी के छत्तीसगढ़ आगमन की स्मृति में ग्राम कंडेल, जिला धमतरी में महाविद्यालय प्रारंभ किया जायेगा।
- औद्योगिक क्षेत्र सिरगिट्टी, नगरनार एवं तिल्दा में नवीन आई.टी.आई. खोले जाएंगे।
दंतेवाड़ा में 3 करोड़ 85 लाख की लागत से मल्टी स्किल सेंटर की स्थापना की जाएगी
मुख्यमंत्री पॉलीटेक्निक गुणवत्ता विकास योजना के तहत 9 पॉलीटेक्निक कॉलेजों का उन्नयन होगा।
राज्य के 3 इंजीनियरिंग कॉलेज एवं 5 पॉलीटेक्निक कॉलेजों में नव विकसित तकनीकों के अध्ययन एवं शोध हेतु इंटरनेट ऑफ थिंग्स एवं रोबोटिक्स की प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। - बेमेतरा, जशपुर, धमतरी एवं अर्जुन्दा, जिला बालोद में उद्यानिकी महाविद्यालय तथा लोरमी में कृषि महाविद्यालय की स्थापना के लिए नवीन मद में 5 करोड़ का प्रावधान है।
- बेमेतरा एवं तखतपुर में डेयरी डिप्लोमा महाविद्यालय की स्थापना की जायेगी। इसके लिए 2 करोड़ का प्रावधान है।
- मछली पालन के क्षेत्र में रोजगार की संभावना को देखते हुए युवाओं को डिप्लोमा पाठ्यक्रम के अध्यापन हेतु ग्राम राजपुर (धमधा) में फिशरीज पॉलिटेक्निक की स्थापना की जायेगी।
- इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना की जायेगी।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार के कदम
- डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना में प्राथमिकता एवं अंत्योदय राशन कार्डधारी परिवारों को 5 लाख रूपये एवं सामान्य राशन कार्ड वाले परिवारों को 50 हजार तक कैशलेस इलाज की सुविधा दी जायेगी। योजना में लगभग 65 लाख परिवारों को इलाज की पात्रता होगी। इसके लिए 550 करोड़ का प्रावधान है।
- मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत गंभीर बीमारियों के उपचार पर 20 लाख तक के व्यय हेतु 50 करोड़ का प्रावधान है।
- मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना में दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के हाट बाजार में आने वाले लोगों को स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार की सुविधा देने के लिये 13 करोड़ का प्रावधान है। 5 माह की अल्प अवधि में ही 11 लाख से भी अधिक मरीजों को लाभ प्राप्त हो चुका है।
- मुख्यमंत्री सुपोषण योजना प्रारंभ के लिए 60 करोड़ का प्रावधान
- आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के लिये ऊंचाई, लंबाई एवं भार मापक यंत्रों की व्यवस्था की जाकर पोषण के स्तर में सुधार की सतत निगरानी की जायेगी। इसके लिए 25 करोड़ का प्रावधान
- विशेष पोषण आहार योजना में 766 करोड़, महतारी जतन योजना में 31 करोड़ का प्रावधान है।
सुरक्षा, पुलिस आधुनिकीकरण और सुविधाओं का ध्यान
- समाज में बढ़ते हुए साइबर अपराधों की संख्या को देखते हुए इनसे संबंधित प्रकरणों में त्वरित कार्रवाई हेतु प्रत्येक पुलिस महानिरीक्षक रेंज में 1 साइबर पुलिस थाना की स्थापना की जायेगी।
- 03 स्मार्ट पुलिस थाना भवन, 5 नवीन थाना, 10 चौकी एवं 5 पुलिस अनुविभाग कार्यालय भवन, रायपुर एवं दुर्ग में पुलिस ट्रांजिट भवन तथा बस्तर रेंज में पुलिस कर्मचारियों के लिये 1 हजार आवास गृहों के निर्माण हेतु 22 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
- 5 नये थाने तथा 10 नयी चौकियां स्थापित की जाएंगी। 10 चौकियों का थाने में उन्नयन किया जायेगा।
- बेमेतरा, गरियाबंद, संजारी बालोद, बलौदाबाजार, सूरजपूर, मुंगेली, सुकमा एवं पेण्ड्रारोड के उपजेल को जिला जेल में उन्नयन किया जायेगा।
- जेलों की व्यवस्था में सुधार हेतु सुझाव प्रस्तुत करने के लिये जेल सुधार आयोग का गठन किया जायेगा।
राजस्व प्रशासन
- राज्य के भू-नक्शों का जियो-रिफरेंशिंग कराने का निर्णय लिया गया है। इससे छोटे भू-खण्डों के बटांकन एवं सीमांकन में सुविधा होगी। भूमि कब्जा संबंधी विवादों में कमी आयेगी तथा गिरदावरी कार्य की विश्वसनीयता बढ़ेगी।
- नगर निगम क्षेत्रों के लिये 1 अनुपात 500 के बड़े स्केल वाले नक्शे तैयार किये जाएंगे। नगर निगम क्षेत्रों के सर्वेक्षण कार्य हेतु नवीन मद में 25 करोड़ का प्रावधान है।
- भूमि व्यपवर्तन की प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए अनुविभागीय राजस्व अधिकारी को पूर्ण अधिकार दिया गया है। 15 वर्ष का निर्धारित भू-भाटक एक साथ भुगतान करने पर आगामी 15 वर्ष के वार्षिक भू-भाटक के भुगतान में छूट दी गई है।
- कालोनी अथवा टाउनशिप के विकास की अनुज्ञा हेतु सभी प्रकार की अनुमति एवं अनापत्ति देने के लिये ‘‘सिंगल विण्डो’’ प्रणाली विकसित की गई है।
- तहसील कार्यालयों में आने वाले लोगों की सुविधा के लिये 5 तहसील कार्यालयों के मॉडल भवन बनाये जाएंगे तथा 25 नये तहसील कार्यालय एवं 4 नये राजस्व अनुविभाग की स्थापना की जायेगी। नवीन जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 17 करोड़ की लागत से जिला कार्यालय भवन निर्माण किया जायेगा। इन कार्याें हेतु 11 करोड़ 80 लाख का प्रावधान है।
शहर नागरिकों को मिलेंगी सुविधाएं और सहूलियतें
- 13 नगर निगम क्षेत्र के निवासियों के लिये मुख्यमंत्री मितान योजना प्रारंभ की जा रही है। इसके तहत नगरीय प्रशासन, राजस्व, श्रम एवं स्वास्थ्य आदि विभिन्न विभागों की 100 से अधिक सेवाओं का लाभ नागरिकों को उनके घर पर मितान के माध्यम से उपलब्ध कराने की योजना है। इस हेतु 10 करोड़ का प्रावधान है।
- शहरी नागरिकों की बुनियादी समस्याओं का निराकरण वार्ड स्तर पर करने के लिये मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना प्रारंभ की गई है। वार्ड कार्यालयों के द्वारा सड़क एवं नालियों का निर्माण एवं साफ सफाई, उद्यानों एवं सामुदायिक भवनांे का रख-रखाव तथा पेयजल से संबंधित समस्याओं का निराकरण किया जा सकेगा। साथ ही, भवन अनुज्ञा, दुकान पंजीयन, विद्युत अनापत्ति प्रमाण पत्र संबंधी आवेदन पत्र एवं अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी प्राप्त हो सकेगी। इस हेतु 5 करोड़ का प्रावधान है।
- नगरीय क्षेत्र में अधोसंरचना विकास के लिए 489 करोड़, स्मार्ट सिटी योजना के लिए 396 करोड़, अमृत मिशन के लिए 300 करोड़ एवं राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के लिए 50 करोड़ का प्रावधान है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर जोर
- प्रति इकाई 30 लाख की लागत से 255 पौनी-पसारी बाजारों का निर्माण किया जायेगा। इसके लिए 30 करोड़ का प्रावधान है।
- राज्य के हस्तशिल्पियों, बुनकरों, मिट्टी तथा कांसा धातुओं के लघु उद्यमियों/कलाकारों के उत्पादों को भी ई-मानक के द्वारा विपणन सुविधा देने का निर्णय लिया गया है।
- राज्य में उत्पादित सब्जी, फल एवं मोटे अनाजों को प्रसंस्कृत कर मूल्य संवर्धन वाले उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए नये फूड पार्क की स्थापना हेतु नवीन मद में 50 करोड़ का प्रावधान है।
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Chhattisgarh Assembly: विधानसभा का शीतकालीन सत्र संपन्न, चार दिन में सात विधेयकों को मिली मंजूरी
Chhattisgarh Assembly: छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को संपन्न हो गया। चार दिवसीय इस सत्र में सात विधेयकों को चर्चा करके पारित किया गया। शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध कामकाज पूरा करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी। सत्र के दौरान कुल चार बैठकें हुईं, जिनमें करीब 21 घंटे तक चर्चा की गई। स्पीकर सिंह ने कहा कि सत्र में कुल 288 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव मिले, जिनमें से 85 प्रस्ताव स्वीकार किए गए।
स्पीकर सिंह ने कहा कि सत्र के दौरान 420 तारांकित और 394 अतारांकित प्रश्नों समेत लगभग 814 प्रश्नों के जवाब दिए गए। बता दें कि अतारांकित वे प्रश्न होते हैं, जिनका उत्तर मंत्री लिखित देते हैं, जबकि ‘तारांकित प्रश्न’ वे होते हैं, जिनका जवाब प्रश्नकाल के दौरान सदन में मौखिक रूप से दिया जाता है। उन्होंने कहा कि विधानसभा का बजट सत्र फरवरी में आयोजित किया जा सकता है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि, ‘छत्तीसगढ़ विधानसभा की स्थापना का यह रजत जयंती वर्ष है, मुझे बहुत खुशी है कि छत्तीसगढ़ की वर्तमान छठी विधानसभा अपने अतीत में स्थापित संसदीय मूल्यों को मजबूत करने का निरंतर प्रयास कर रही है।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी (विधायकों) का संसदीय आचरण और व्यवहार लोकतंत्र के इस पवित्र मंदिर की गरिमा को बढ़ाने का सशक्त माध्यम साबित होगा।’
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Chhattisgarh: मुख्यमंत्री साय का बड़ा निर्णय, दलहन, तिलहन और गेहूं पर मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क में पूर्णतः छूट
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने दलहन, तिलहन तथा गेहूं पर मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क में 13 मार्च 2024 से 31 मार्च 2026 तक पूर्णतः छूट प्रदान की है। राज्य सरकार इस निर्णय से प्रदेश के लाखों किसानों और दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलों के संचालकों तथा व्यापारियों को सीधा लाभ मिलेगा। छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए मुख्यमंत्री साय का आभार व्यक्त किया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलों के संचालकों एवं व्यापारियों द्वारा प्रदेश के बाहर से प्रसंस्करण-विनिर्माण के लिए लाए गए दलहन, तिलहन एवं गेहूं पर मंडी शुल्क में छूट दिए जाने हेतू मुख्यमंत्री साय को आग्रह किया था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर 17 दिसंबर 2024 को अधिसूचना जारी कर 13 मार्च 2024 से 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ की सभी मंडियों में इन शुल्कों में पूर्ण छूट प्रदान की गई है।
छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कामर्स एसोशिएसन के अध्यक्ष अमर परवानी ने इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह निर्णय प्रदेश के व्यापारिक और कृषि क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक है। उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा है कि यह छूट प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी और व्यापारियों किसानों के हितों की रक्षा करेगी। मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क में छूट होने से व्यापारी पड़ोसी राज्यों से भी प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर व्यापार कर सकेंगे। इससे प्रदेश में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को भी उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा।
मुख्यमंत्री साय के इस फैसले का अभिनंदन करते हुए आमजनों व उद्योग जगत के लोगों ने आज मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर मुख्यमंत्री का आत्मीय अभिनंदन कर उन्हें हृदय से धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय चुनौतियां होने के बावजूद प्रदेश की आम जनता के हक में उनकी सरकार ने यह फैसला किया है। इस फैसले से प्रदेश के 30 हजार परिवारों का संरक्षण होगा व आम जनता को भी कम कीमत पर रोजमर्रा की वस्तुएं मिलती रहेंगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा प्रदेश में दलहन, तिलहन एवं गेहूं का उत्पादन मांग के अनुरूप कम है, जिससे प्रदेश के दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलों को अपने मिलों के संचालन के लिए अन्य प्रदेशों से दलहन, तिलहन एवं गेहूँ का आयात करना पड़ता है। मंडी शुल्क से छूट दिये जाने पर प्रदेश की दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलें अन्य राज्यों से प्रतिस्पर्धा कर पायेंगे और उपभोक्ताओं को कम कीमत पर दाले, तेल, आटा तथा मैदा प्राप्त होगा, जिससे घरेलू व्यय में बचत होगी और उपभोक्ता इस बचत से अपनी जीवनशैली में सुधार हेतु अन्य आवश्यक सामग्रियां क्रय करने में सक्षम हो सकेगा। साथ ही इन दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलों से लगभग 30 हजार परिवारों को रोजगार प्राप्त होता है, जिनका सीधा संरक्षण ये फैसला करता रहेगा।
इस अवसर पर अमित चिमनानी, चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ,रायपुर दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीत गोयल ,सचिव श्याम सुंदर गोयल, हरिमल सचदेव, फ्लोर मिल एसोसिएशन के प्रदेश सचिव रमेश अग्रवाल, कोषाध्यक्ष धरम अग्रवाल, समीर अग्रवाल उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: नवा रायपुर बनेगा भविष्य का शहर, अगले 25 वर्षों के पेयजल सप्लाई की बनी योजना
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रयासों से नवा रायपुर अटल नगर अत्याधुनिक सुविधाओं वाला शहर बनने की तरफ अग्रसर है। राज्य के आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने नवा रायपुर अटल नगर को देश के आधुनिक शहरों में शुमार करने के लिए इसे भविष्य के शहर के रूप मे तैयार करने हेतु प्रयासरत हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक है आने वाले 25 वर्षों तक नवा रायपुर अटल नगर के लोगों को लिए निर्बाध पेयजल की सप्लाई। भविष्य में भूमिगत जल में कमी और बढ़ती जनसंख्या की मांग के अनुसार पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नवा रायपुर विकास प्राधिकरण ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
इसके लिए अभनपुर के पास कोड़ापार से थनौद टीला एनीकट तक एक नई पाइपलाइन बिछाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यह पाइप लाइन 16 किमी लंबी होगी और इसकी अनुमानित लागत लगभग 109 करोड़ रुपए होगी। नवा रायपुर अटल नगर में टीला एनीकट से पानी की सप्लाई होती है। लेकिन गर्मी के दिनों में पानी की कमी होने से एक प्राकृतिक खुली नहर के द्वारा कोड़ापार से थनौद तक पानी की आपूर्ति की जाती है। कोड़ापार तक पानी रविशंकर जलाशय से आता है। कोड़ापार से थनौद तक खुली नहर की दूरी लगभग 25 किमी है। इतनी लंबी दूरी तक खुली नहर के माध्यम से छोड़ने पर काफी मात्रा में पानी का नुकसान हो जाता है। खुली नहर की वजह से पानी की वास्तविक क्षमता का इस्तेमाल नहीं हो पाता है।
नवा रायपुर के लोगों को पानी की दिक्कत न हो और साथ ही पानी का नुकसान भी न हो इसके लिए प्राकृतिक नहर के स्थान पर पाईपलाइन के माध्यम से नहर का पानी नया रायपुर अटल नगर तक पहुंचाया जायेगा। पाइप लाइन बिछाने से कोड़ापार से थनौद तक की दूरी भी कम होगी और बिना किसी नुकसान से अपनी वास्तविक क्षमता में पानी थनौद तक पहुंचेगा। इस परियोजना के अमल में आने और पूर्ण हो जाने से भविष्य में शहर के नागरिकों को पेयजल से जुड़ी किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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Chhattisgarh: रायपुर-अंबिकापुर-बिलासपुर विमान सेवा का शुभारंभ, सीएम साय बोले- विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर-अंबिकापुर-बिलासपुर हवाई सेवा का स्वामी विवेकानंद विमानतल पर आज शुभारंभ किया।विमान टेकऑफ़ को वाटर सेल्यूट दिया गया। मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कहा कि आज छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। रायपुर-अंबिकापुर-बिलासपुर विमान सेवा का शुभारंभ हमारे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के विस्तार का प्रतीक है। इस सेवा का आरंभिक किराया मात्र 999 रुपए है, जो यह सुनिश्चित करता है कि आम जनता भी हवाई यात्रा का लाभ उठा सके।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में देश में जो परिवर्तन आया है, उसका यह एक बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा था कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज की सवारी करेगा और आज वह सपना साकार हो रहा है। सरगुजा और बस्तर जैसे दूरस्थ क्षेत्रों की एयर कनेक्टिविटी से न केवल नागरिकों को सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि इन क्षेत्रों में टूरिज्म और आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि होगी। राज्य सरकार ने 80 करोड़ की लागत से अंबिकापुर के एयरपोर्ट का विकास किया है l मां महामाया एयरपोर्ट, अंबिकापुर को थ्री सी वीएफआर श्रेणी का लाइसेंस प्राप्त हुआ है। यह एयरपोर्ट 72-सीटर एटीआर-72 विमानों के संचालन के लिए उपयुक्त है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अंबिकापुर को वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, दिल्ली और कोलकाता से जोड़ने की योजना पर भी काम जारी है।हमारे छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक धरोहरें, और इको-टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व, रामगढ़ की पहाड़ियां, और एशिया का नियाग्रा कहे जाने वाले चित्रकोट जलप्रपात जैसे स्थलों तक अब देश-विदेश के पर्यटकों की पहुंच आसान होगी। इसके साथ ही, एयर कनेक्टिविटी के विस्तार से निवेश का माहौल भी बेहतर होगा। हमारी सरकार ने नई उद्योग नीति में होम स्टे और रिसॉर्ट्स जैसे उद्यमों को विशेष प्रोत्साहन दिया है, जिससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के बड़े अवसर पैदा हो रहे हैं। हमारी कोशिश है कि अगले चार वर्षों में छत्तीसगढ़ को विमानन के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाया जाए।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नया साल आने वाला है और मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि इस नई विमान सेवा का लाभ उठाएं और सरगुजा की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लें। फ्लाई बिग चार्टर कंपनी 19-सीटर ट्विन औटर विमानों के माध्यम से इन शहरों के लिए सेवाएं देगी। आज प्रारंभ हुई विमान सेवा के पहले यात्री के रूप में सांसद चिंतामणि महाराज सपत्नीक सवार हुए, जिनको मुख्यमंत्री साय ने बोर्डिंग पास देकर कहा कि आज आपने इतिहास बना दिया। आप इस रूट के पहले यात्री है, आपको शुभकामनाएं। इस अवसर विधायक राजेश अग्रवाल, प्रबोध मिंज, रामकुमार टोप्पो, मुख्यमंत्री के सचिव बसवराजु, संचालक विमानन विभाग संजीव झा, फ्लाई बिग कंपनी के सीएमडी संजय मांडविया उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: पद्मविभूषण तीजन बाई के इलाज में कोई कमी न हो, मुख्यमंत्री साय ने दिए निर्देश
Durg: प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, पंडवानी की लोक गायिका पद्मविभूषण तीजन बाई की हालत जानने आज उनके निवास गांव गनियारी (विकासखंड पाटन, जिला दुर्ग) पहुंचे। उन्होंने तीजन बाई और उनके परिजनों से मुलाकात कर हाल-चाल पूछा और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। मंत्री जायसवाल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के तरफ से 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि का चेक तीजन बाई को प्रदान किया। मंत्री जायसवाल ने परिवार में नौकरी की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा करने का भी आश्वासन दिया। साथ ही शासन स्तर से बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की बाते कही।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने निर्देश दिया है कि छत्तीसगढ़ की पहचान पद्म विभूषण तीजन बाई के इलाज में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। तीजन बाई के इलाज के लिए चिकित्सकों की एक टीम भी तैनात की गई है, जो लगातार उनका मेडिकल बुलेटिन भी जारी करते रहते हैं। मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने तीजन बाई को शॉल और श्रीफल भेंट कर सम्मान किया। इस अवसर पर विधायक डोमन लाल कोर्सेवाड़ा, ललित चंद्राकर और गजेंद्र यादव, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं, कलेक्टर, सीएमएचओ और स्वास्थ्य कर्मचारी भी मौजूद थे।