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Central Cabinet: केंद्र सरकार ने 14 खरीफ फसलों की MSP बढ़ाई, धान की एमएसपी में 117रु, तुअर दाल में 550 की बढ़ोतरी

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Central Cabinet: Government increased the MSP of 14 Kharif crops, MSP of paddy increased by Rs 117, tur dal increased by Rs 550

Central Cabinet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल की दूसरी कैबिनेट बैठक में आज बुधवार को कई बड़े फैसले लिए गए। केंद्रीय कैबिनेट ने 14 खरीफ फसलों की मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) बढ़ा दी है। कैबिनेट के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि धान की नई MSP 2,300 रुपए तय की गई है, जो पिछली MSP से 117 रुपए ज्यादा है।

सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि तिलहन और दलहन के लिए की गई है, जिसमें नाइजरसीड (रामतिल) में 983 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि, उसके बाद तिल 632 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि और अरहर(तुअर) दाल 550 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि शामिल है।

उड़द दाल का एमएसपी 7400 रुपए प्रति क्विंटल होगा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 450 रुपए अधिक है। मूंग का एमएसपी 8682 रुपए प्रति क्विंटल होगा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 124 रुपए अधिक है। मूंगफूली का MSP 6783 रुपए प्रति क्विंटल होगा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 406 रुपए अधिक है।

कैबिनेट के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कपास की नई MSP 7,121 रुपए तय की गई है। इसकी एक दूसरी किस्म की नई MSP 7,521 रुपए कर दी गई है, जो पहले से 501 रुपए ज्यादा है। वैष्णव ने बताया ने कि देश में 2 लाख नए गोदाम भी बनाए जाएंगे।

बता दें कि न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) वो गारंटीड मूल्य है जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हो। इसके पीछे तर्क यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का असर किसानों पर न पड़े। उन्हें न्यूनतम कीमत मिलती रहे।

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Mohan Bhagwat: ’75 की उम्र में पद छोड़ देना चाहिए, दूसरों को मिले मौका’, मोहन भागवत ने किसकी ओर किया इशारा?

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Mohan Bhagwat: 'One should step down at the age of 75, others should get a chance', whom did Mohan Bhagwat point towards?

Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि नेताओं को 75 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ’75 साल का होने पर जब किसी नेता को शॉल ओढ़ाई जाती है, तो इसका एक मतलब है। ये मतलब यह है कि उनकी उम्र हो चुकी है। आपको बाकियों को मौका देना चाहिए।’ आरएसएस प्रमुख ने यह बयान 9 जुलाई को नागपुर में आरएसएस के एक विचारक दिवंगत मोरोपंत पिंगले को समर्पित एक किताब के विमोचन के मौके पर दिया है।

संघ प्रमुख ने ‘मोरोपंत पिंगले: द आर्किटेक्ट ऑफ हिंदू रिसर्जेंस’नाम के पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा कि एक बार पिंगले ने कहा था, ’75 वर्ष के होने के बाद अगर आपको शॉल देकर सम्मानित किया जाता है, इसका मतलब है कि आपको अब रुक जाना चाहिए, आपकी आयु हो चुकी है; हट जाइए और दूसरों को आगे आने दीजिए।’

दरअसल 2014 में जब से नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार बनी है, पार्टी ने एक अघोषित परंपरा रही है। परंपरा यह है कि 75 वर्ष के हो जाने पर इसके नेता रिटायरमेंट ले लेते हैं। लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर, जसवंत सिंह जैसे बड़े नेताओं के नाम इस लिस्ट में शामिल हैं। पार्टी के कई पूर्व सांसदों, राज्यपालों को इसी वजह से न तो टिकट मिला और ना ही उनका कार्यकाल बढ़ाया गया। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में इसी विचार के तहत एक ऐसी टिप्पणी कर दी है, जिसे पीएम मोदी के रिटायरमेंट से जोड़ा जा रहा है।

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Principal Murder: गुरु पूर्णिमा पर दो छात्रों ने चाकू मारकर प्रिंसिपल की हत्या की, बाल काटकर आने की दी थी सलाह

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Principal Murder: On Guru Purnima, two students stabbed the principal to death, he had advised them to come with their hair cut

Hisar: हरियाणा के हिसार के बास बादशाहपुर गांव में स्थित एक स्कूल के प्रिंसिपल की दो छात्रों ने कथित तौर पर चाकू मारकर हत्या कर दी। गुरु पूर्णिमा के दिन हुई इस घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। जानकारी के अनुसार, गुरुवार सुबह करतार मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब दो छात्रों ने प्रिंसिपल जगबीर सिंह पर चाकू से ताबड़तोड़ वार करना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि छात्रों के अचानक किए इस हमले में जगबीर सिंह को गंभीर चोटें आईं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी।

हांसी के एसपी ने जानकारी दी है कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि प्रिंसिपल जगबीर सिंह ने दोनों छात्रों को स्कूल में बाल काटकर आने और अनुशासन में रहने की सलाह दी थी। इस बात से नाराज होकर दोनों नाबालिग छात्रों ने प्रिंसिपल पर चाकू से हमला कर उनकी हत्या कर दी। उन्होंने आगे कहा कि दोनों आरोपी छात्र नाबालिग हैं और अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं की गई है।

पुलिस ने स्कूल परिसर के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। एसपी ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और विस्तृत जांच के बाद ही हत्या के सटीक कारणों और परिस्थितियों का खुलासा हो पाएगा।

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SC: बिहार में वोटर लिस्ट में रिवीजन पर रोक नहीं, आधार, राशन कार्ड और वोटर आईडी को प्रूफ मानने का सुझाव

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SC: No ban on revision of voter list in Bihar, suggestion to consider Aadhaar, ration card and voter ID as proof

New Delhi: बिहार में वोटर लिस्ट के रिवीजन का काम जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह सुझाव भी दिया है कि वह इस प्रक्रिया में आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आई को भी प्रूफ माने। जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। अब अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, ‘‘हमारा प्रथम दृष्टया मानना है कि मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान आधार, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड पर दस्तावेज के तौर पर विचार किया जा सकता है।’’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 10 विपक्षी दलों के नेताओं सहित किसी भी याचिकाकर्ता ने चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया पर अंतरिम रोक की मांग नहीं की है। उसने संबंधित याचिकाओं पर जवाब मांगा और सुनवाई की अगली तारीख 28 जुलाई तय की।

विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) यानी वोटर लिस्ट रिवीजन पर अदालत में करीब 3 घंटे सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि वोटर लिस्ट रिवीजन नियमों को दरकिनार कर किया जा रहा है। वोटर की नागरिकता जांची जा रही है। ये कानून के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्वाचन आयोग 21 जुलाई तक इन याचिकाओं पर जवाबी हलफनामा दाखिल करे और इन पर प्रत्युत्तर 28 जुलाई तक दाखिल किए जाएं। शीर्ष अदालत की बेंच ने कहा कि उसे चुनाव आयोग की विश्वसनीयता और ईमानदारी पर संदेह नहीं है, क्योंकि यह एक संवैधानिक दायित्व है, लेकिन इस प्रक्रिया का समय संदेह पैदा कर रहा है।

हमें आपकी ईमानदारी पर संदेह नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी से कहा, ‘‘हमें आपकी ईमानदारी पर संदेह नहीं है, लेकिन कुछ धारणाएं हैं। हम आपको रोकने के बारे में नहीं सोच रहे हैं क्योंकि यह एक संवैधानिक दायित्व है।’’ द्विवेदी ने कहा कि 60 प्रतिशत मतदाताओं ने अपनी पहचान सत्यापित कर दी हैं और उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि किसी को भी अपनी बात रखने का अवसर दिए बिना मतदाता सूची से बाहर नहीं किया जाएगा। पीठ ने कहा, ‘‘हम किसी संवैधानिक संस्था को वह करने से नहीं रोक सकते जो उसे करना चाहिए। साथ ही, हम उन्हें वह भी नहीं करने देंगे जो उन्हें नहीं करना चाहिए।’’

वोटर लिस्ट रिवीजन के समय पर सवाल

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इससे पहले, पीठ ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के समय पर सवाल उठाते हुए निर्वाचन आयोग से कहा कि आपको पहले ही कदम उठाना चाहिए था, अब थोड़ी देर हो चुकी है। हालांकि, उसने इस दलील को खारिज कर दिया कि आयोग के पास इस कवायद को करने का कोई अधिकार नहीं है। अदालत ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण की कवायद महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो लोकतंत्र की जड़ों से जुड़ा है और यह मतदान के अधिकार से संबंधित है। चुनाव आयोग ने इस कवायद को न्यायोचित ठहराया और कहा कि आधार कार्ड ‘‘नागरिकता का प्रमाण’’ नहीं है।

इस बीच, अदालत ने याचिकाकर्ताओं के वकीलों की इस दलील को खारिज कर दिया कि चुनाव आयोग के पास बिहार में ऐसी किसी कवायद का अधिकार नहीं है। पीठ ने कहा कि निर्वाचन आयोग जो कर रहा है वह संविधान के तहत आता है और पिछली बार ऐसी कवायद 2003 में की गयी थी। याचिकाकर्ताओं की दलीलों का उल्लेख करते हुए पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग को तीन प्रश्नों का उत्तर देना होगा, क्योंकि बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया ‘‘लोकतंत्र की जड़ से जुड़ी है और यह मतदान के अधिकार से संबंधित है।’’

तीन मुद्दों पर जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से तीन मुद्दों पर जवाब मांगा कि क्या उसके पास मतदाता सूची में संशोधन करने, अपनायी गयी प्रक्रिया और कब यह पुनरीक्षण किया जा सकता है, उसका अधिकार है। द्विवेदी ने कहा कि समय के साथ-साथ मतदाता सूची में नामों को शामिल करने या हटाने के लिए उनका पुनरीक्षण आवश्यक होता है और SIR ऐसी ही कवायद है। उन्होंने पूछा कि अगर चुनाव आयोग के पास मतदाता सूची में संशोधन का अधिकार नहीं है तो फिर यह कौन करेगा? बहरहाल, निर्वाचन आयोग ने आश्वस्त किया कि किसी को भी अपनी बात रखने का अवसर दिए बिना मतदाता सूची से बाहर नहीं किया जाएगा।

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Gujrat Bridge Collapse: वडोदरा में महिसागर नदी पर बना ब्रिज ढहा, पांच गाड़ियां नदी में गिरीं, 9 लोगों की मौत

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Gujrat Bridge Collapse: The bridge built on Mahisagar river in Vadodara collapsed, five vehicles fell into the river, 9 people died

Gujrat Bridge Collapse: गुजरात के वडोदरा जिले में बुधवार सुबह करीब 7.30 बजे महिसागर नदी पर बना ब्रिज का एक हिस्सा ढह गया। हादसे के समय ब्रिज से गुजर रहीं पांच गाड़ियां (दो ट्रक, दो कार और एक रिक्शा) नदी में गिर गईं। एक टैंकर टूटे सिरे पर फंस गया। इस हादसे में 9 लोगों की मौत हुई है, जबकि 8 लोगों को स्थानीय लोगों ने बचा लिया। बता दें कि 900 मीटर लंबा गंभीरा पुल वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ता है और करीब चार दशक पुराना है। फायर ब्रिगेड की तीन टीमें रेस्क्यू के लिए भेजी गई हैं।

पुल टूट जाने की वजह से वडोदरा और आणंद के बीच संपर्क प्रभावित हुआ है। दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लगी है। पुलिस ने यातायात को डायवर्ट कर दिया है। अब भरूच, सूरत, नवसारी, तापी और वलसाड जैसे दक्षिण गुजरात के शहरों से सौराष्ट्र पहुंचने में ज्यादा समय लगेगा। अब इसके लिए अहमदाबाद होते हुए लंबा रास्ता लेना पड़ेगा।

वडोदरा में हुए हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है और PMNRF (प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष) से मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए और घायलों को 50,000 रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।

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Fighter Plane Crashed: राजस्थान के चुरु में IAF का जगुआर फाइटर प्लेन क्रैश, दोनों पायलट की मौत

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Fighter Plane Crashed: IAF's Jaguar fighter plane crashes in Churu, Rajasthan, one body also found

Fighter Plane Crashed: राजस्थान के चुरु जिले में रतनगढ़ कस्बे के पास भारतीय वायुसेना का जगुआर ट्रेनिंग फाइटर प्लेन एक खेत में क्रैश हो गया है। इस हादसे में विमान में सवार दोनों पायलटों की मौत हो गई। भारतीय वायुसेना ने हादसे पर दुख जताते हुए जगुआर क्रैश की वजह पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (आंतरिक जांच) के आदेश दे दिए गए हैं। भारतीय वायुसेना ने X पर एक पोस्ट के जरिए कहा कि वह इस कठिन समय में शोकाकुल परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है। वायुसेना ने कहा कि हम बहादुर पायलटों की शहादत को सलाम करते हैं और उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। वहीं, भारतीय वायुसेना ने कहा कि हादसे के वक्त विमान ट्रेनिंग पर था।

साल 2025 में तीसरा जगुआर फाइटर जेट क्रैश

चिंता की बात ये है कि आज हुए हादसे को मिलाकर इस साल भारतीय वायुसेना के कुल तीन जगुआर फाइटर जेट क्रैश हो चुके हैं। सबसे पहले 7 मार्च 2025 को IAF का एक जगुआर लड़ाकू विमान नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान हरियाणा के अंबाला एयरबेस से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। फाइटर जेट के सिस्टम में खराबी आने के कारण ये दुर्घटना हुई थी। वहीं, इसी साल दो अप्रैल को गुजरात के जामनगर जिले में भी भारतीय वायुसेना का एक जगुआर फाइटर प्लेन क्रैश हुआ था। इस हादसे में फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव की मौत हो गई थी।

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