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Bastar: मोबाइल नेटवर्क पहुंचते ही कोंडापल्ली में नाच उठे ग्रामीण, गांव में उत्सव का माहौल

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Bastar: Villagers in Kondapalli broke into a festive mood as soon as mobile network arrived

Bijapur: दूरसंचार, बिजली और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं जहां देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य जीवन का आधार बन चुकी हैं, वहीं बस्तर संभाग के कुछ सुदूर वनांचलों ने नक्सल गतिविधियों के खौफ के चलते दशकों तक इन सुविधाओं को कभी देखा ही नहीं था। ऐसे ही एक इलाके, बीजापुर जिले के ग्राम कोंडापल्ली, में अभूतपूर्व उत्सव का माहौल देखने को मिला जब गांव में पहली बार मोबाइल नेटवर्क आया। कोंडापल्ली तेलंगाना और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित एक घना वनांचल है, जहां वर्षों से सड़क, बिजली और पेयजल जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं। ऐसे में गांव में मोबाइल टॉवर स्थापित होना स्थानीय समुदाय के लिए केवल तकनीकी प्रगति नहीं, बल्कि दुनिया से जुड़ने का प्रतीक बन गया।

कोंडापल्ली गांव में जैसे ही टॉवर के सक्रिय होने की घोषणा हुई, ग्रामीणों में उत्साह की लहर दौड़ पड़ी। महिलाएं, पुरुष, बच्चे — सभी रैली के रूप में टॉवर स्थल तक पहुंचे। पारंपरिक विधि से टॉवर की पूजा-अर्चना की गई। मांदर की थाप पर लोग भावुक होकर नाच उठे। यह दृश्य किसी उत्सव से कम नहीं था। इस उत्सव में केवल कोंडापल्ली ही नहीं, बल्कि आसपास के गाँवों के लोग भी शामिल हुए। ग्रामीणों ने कहा कि यह उनके लिए केवल एक तकनीकी सुविधा नहीं, बल्कि “बाहरी दुनिया से पहला वास्तविक जुड़ाव” है। अब मोबाइल नेटवर्क ग्रामीणों के लिए बैंकिंग, आधार, राशन, स्वास्थ्य योजनाओं, पेंशन और शैक्षणिक सुविधाओं का प्रवेश-द्वार बनेगा। सुरक्षा बलों के जवानों ने भी ग्रामीणों की खुशी में शामिल होकर मिठाइयां वितरित कीं।

मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में संचालित नियद नेल्ला नार योजना का उद्देश्य संवेदनशील क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाकर लोगों में विश्वास बढ़ाना और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ना है। योजना के तहत सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, बैंकिंग, संचार सहित प्रशासनिक सेवाओं को तेजी से पहुंचाने का काम किया जा रहा है। योजना का दायरा व्यापक है — 69 नवीन कैम्पों के आसपास स्थित 403 ग्रामों में 09 विभागों की 18 सामुदायिक सेवाएं और 11 विभागों की 25 व्यक्तिमूलक योजनाएं पहुंचाई जा रही हैं, ताकि ग्रामीण किसी भी मूलभूत सुविधा से वंचित न रहें।

क्षेत्र में इस पूरी प्रक्रिया में संचार अधोसंरचना सबसे प्रभावी साबित हो रही है। पिछले दो वर्षों में इस क्षेत्र में 728 नए टॉवर स्थापित किए गए हैं — जिनमें 116 एलडब्ल्यूई कार्यक्रम से, 115 आकांक्षी जिलों में, और 467 टावर 4G नेटवर्क के रूप में लगाए गए हैं। इसके साथ ही 449 टॉवरों का 2G से 4G में उन्नयन किया गया है। कोंडापल्ली में नियद नल्ला नार योजना से तेजी से बदलाव आए हैं। दिसंबर 2024 में कैंप स्थापित होने के बाद पहली बार प्रशासन गांव तक नियमित रूप से पहुंचने लगा। यहा लंबे समय से बंद पड़ी सड़क का पुनर्निर्माण बार्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने अपने जिम्मे लिया है और 50 किलोमीटर सड़क का कार्य प्रगति पर है।

गांव में दो महीने पहले ही पहली बार विद्युत लाइन पहुंची है। बिजली आने के बाद से बच्चों की पढ़ाई, छोटे व्यवसाय और ग्रामीण जीवन में अभूतपूर्व सकारात्मक बदलाव देखे जा रहे हैं। प्रशासन द्वारा लगातार सेचुरेशन शिविर आयोजित कर सभी योजनाओं का लाभ प्रत्येक परिवार तक पहुंचाया जा रहा है। कोंडापल्ली में मोबाइल नेटवर्क के आगमन से यह स्पष्ट हो गया है कि विकास की किरण अब उन इलाकों तक भी पहुंच रही है, जो वर्षों से प्रतीक्षा में थे। संचार सुविधा के इस नए सवेरे ने ग्रामीणों को भरोसा दिया है कि अब उनका गांव भी राज्य के अन्य हिस्सों की तरह आधुनिक सुविधाओं से जुड़कर आगे बढ़ेगा।

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बीजापुर जिले के कोंडापल्ली में मोबाइल नेटवर्क का पहुंचना सिर्फ एक टॉवर का खड़ा होना नहीं है, यह उन लोगों के सपनों का उठ खड़ा होना हैं, जो वर्षों से दुनिया से कटे हुए थे। हमारी सरकार का संकल्प है कि बस्तर का हर गांव–हर परिवार विकास की मुख्यधारा से जुड़े, डिजिटल सुविधाओं तक पहुंचे और अवसरों के नए द्वार उनके लिए खुलें। यह सिर्फ संचार की शुरुआत नहीं, बल्कि विश्वास, बदलाव और नई संभावनाओं के युग का आरंभ है। – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

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Chhattisgarh: रेलवे की देश के 48 प्रमुख शहरों में संचालन क्षमता दोगुनी करने की महत्वाकांक्षी योजना, रायपुर भी योजना में शामिल

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Chhattisgarh: Railways has an ambitious plan to double its operating capacity in 48 major cities across the country, and Raipur is also included in the plan

Raipur: भारतीय रेलवे द्वारा अगले पांच वर्षों में देश के 48 प्रमुख शहरों में रेलगाड़ियों की संचालन क्षमता को दोगुना करने की  महत्वाकांक्षी योजना तैयार की गई है। इसमें छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को भी शामिल किया गया है। इस निर्णय का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के करोड़ों यात्रियों के लिए बड़ा तोहफा है और इससे राज्य की कनेक्टिविटी, व्यापार, उद्योग तथा पर्यटन गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे का व्यापक आधुनिकीकरण हो रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा घोषित इस योजना से छत्तीसगढ़ जैसे उभरते हुए राज्य को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि रायपुर जंक्शन देश के प्रमुख रेल जंक्शनों में से एक है और यहां प्रतिदिन लाखों यात्री आवागमन करते हैं। संचालन क्षमता दोगुनी होने से लोगों को अधिक ट्रेनें, बेहतर आवृत्ति तथा कम भीड़भाड़ का लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रायपुर के साथ-साथ अन्य औद्योगिक और वाणिज्यिक नगरों के लिए भी यह योजना अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी। रेल संरचना के विस्तार से निवेश, रोजगार और लॉजिस्टिक्स की सुगमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी।

रेल मंत्रालय द्वारा जारी जानकारी के अनुसार वर्ष 2030 तक संचालन क्षमता दोगुनी करने के लिए मौजूदा टर्मिनलों पर अतिरिक्त प्लेटफार्म, पिट लाइन एवं स्टेबलिंग लाइन का निर्माण, शहरी क्षेत्र और आसपास नए टर्मिनलों की स्थापना, सिग्नलिंग, यार्ड आधुनिकीकरण और मल्टीट्रैकिंग के माध्यम से अनुभागीय क्षमता में वृद्धि और मेगा कोचिंग कॉम्प्लेक्स एवं आधुनिक रखरखाव सुविधाओं का विकास किया जाएगा।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि रायपुर में इन सुविधाओं के विकसित होने से आम यात्रियों के साथ-साथ छात्रों, मरीजों, उद्योगपतियों और व्यापारियों सभी वर्गों को राहत मिलेगी। राज्य सरकार रेलवे मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित कर इस योजना को तेज गति से धरातल पर उतारने के लिए हर संभव सहयोग देगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ देश के सर्वाधिक बेहतर रेल संपर्क वाले राज्यों में शामिल होगा और यह परिवर्तन “विकसित भारत @2047” के संकल्प को सशक्त करेगा।

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उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में 41 हजार करोड़ रूपए की लागत से रेलवे सुविधाओं के विस्तार का काम तेजी से चल रहा है, जिसमें रेल्वे ट्रैक का विस्तार, रेलवे लाईन का दोहरीकरण, रेलवे फ्लाई ओवर एवं ब्रिज आदि का निर्माण शामिल है। केंद्र सरकार ने इस साल के बजट में छत्तीसगढ़ राज्य में रेल्वे सुविधा के विकास के लिए 6925 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। इससे राज्य में रेल परियोजनाओं के कामों को तेजी से पूरा करने में मदद मिलेगी।

छत्तीसगढ़ में रेलवे के उन्नयन और विकास के लिए 41,000 करोड़ रुपए के निवेश से नई रेल लाइनों, रेलवे फ्लाईओवर और अन्य बुनियादी सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य में रेलवे का शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हो गया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव जी को छत्तीसगढ़ की रेल कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ को अभूतपूर्व रेल परियोजनाओं की सौगात मिली है। ये परियोजनाएं राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगी और जनता को बेहतर रेल सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच बेहतर समन्वय के कारण छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क विस्तार की ऐतिहासिक पहल हो रही है। इससे यात्री सुविधाओं में सुधार के साथ-साथ औद्योगिक, खनिज और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। छत्तीसगढ़ में रेलवे नेटवर्क विस्तार से न केवल यात्री परिवहन बल्कि खनिज संपदा और औद्योगिक उत्पादों के निर्यात में तेजी आएगी। इससे राज्य में व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

छत्तीसगढ़ में रेलवे के दीर्घकालिक विकास के लिए रावघाट-जगदलपुर, धरमजयगढ़-लोहरदगा और खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा जैसी कई नई रेल परियोजनाओं पर काम चल रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ को ऐतिहासिक रेलवे बजट प्राप्त हुआ है। यह राज्य की अर्थव्यवस्था, औद्योगिक विकास और यात्री सुविधाओं को नया आयाम मिलेगा। उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार का आभार जताते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार इस विकास यात्रा को और आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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गौरतलब है कि रावघाट रेलवे लाइन के अन्तर्गत दल्लीराजहरा-अंतागढ़ (77 किमी) सेक्शन चालू, यात्री ट्रेनों का संचालन शुरू हो चुका है। रावघाट तक विस्तार कार्य प्रगति पर, जिससे भिलाई इस्पात संयंत्र को लौह अयस्क की आपूर्ति होगी और ग्रामीणों को किफायती यातायात सुविधा मिलेगी। इसके अलावा के.के. रेल लाइन दोहरीकरण के अन्तर्गत 170 किमी में से 148 किमी का कार्य पूर्ण हो चुका है। इससे बस्तर और दंतेवाड़ा जिले की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। आवागमन आसान और माल परिवहन सुविधाजनक हो सकेगा।

इसी तरह 4021 करोड़ रुपए की लागत वाली डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेल लाइन परियोजना की लंबाई 295 किमी है। इसके निर्माण से खनिज परिवहन, यात्री सुविधाएं और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। कोरबा-अंबिकापुर नई रेल लाइन से सरगुजा क्षेत्र को नए विकास की दिशा मिलेगी। गढ़चिरौली-बीजापुर-बचेली 490 किमी लंबी परियोजना के सर्वेक्षण के लिए 12.25 करोड़ रुपए मंजूर हुए हैं। सरडेगा-भालुमुडा डबल लाइन से ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच रेल कनेक्टिविटी बेहतर होगी।

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CGPSC: एसआई, सूबेदार और पीसी भर्ती के लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और PST के लिए प्रवेश पत्र जारी

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CGPSC: Admit cards issued for document verification and PST for SI, Subedar and PC recruitment

CGPSC: छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन (CGPSC) ने सूबेदार, सब-इंस्पेक्टर और प्लाटून कमांडर पदों के लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन (DV) और फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट (PST) के लिए प्रवेश पत्र जारी कर दिए हैं। यह भर्ती छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग के तहत हो रही है, जिसमें कुल 341 पदों के लिए चयन किया जाएगा। उम्मीदवार अपना एडमिट कार्ड CGPSC की ऑफिशियल वेबसाइट psc.cg.gov.in से डाउनलोड कर सकते हैं।

छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन (CGPSC) द्वारा डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन (DV) और फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट (PST) का आयोजन सरगुजा, बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर, रायपुर और राजनांदगांव जिलों में निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर किया जाएगा। यह प्रक्रिया 6 जनवरी से 6 फरवरी 2026 तक चलेगी। उम्मीदवारों को सुबह 7 बजे रिपोर्ट करना होगा, जबकि पीएसटी सुबह 8 बजे शुरू होगा।

एडमिट कार्ड पर इन विवरणों को जरूर करें चेक

आयोग किसी भी अभ्यर्थी को डाक या व्यक्तिगत रूप से एडमिट कार्ड या अन्य सूचना नहीं भेजेगा। सीजीपीएससी एडमिट कार्ड में उम्मीदवार का नाम, रोल नंबर, आवेदन संख्या, श्रेणी और जन्मतिथि जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां दर्ज होंगी।

परीक्षा के दिन इन दस्तावेजों का ले जाना है जरूरी
परीक्षा के दिन उम्मीदवारों को एडमिट कार्ड की प्रिंटेड कॉपी साथ लाना अनिवार्य होगा। इसके साथ एक वैध फोटो पहचान पत्र भी जरूरी है, जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस। बिना इन दस्तावेजों के परीक्षा केंद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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ऐसे डाउनलोड करें प्रवेश पत्र

1.छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन की आधिकारिक वेबसाइट psc.cg.gov.in पर जाएं।

2.Admit Card/Interview/ DV-PET से संबंधित लिंक पर क्लिक करें।

3.अब Police Recruitment – DV/PST Admit Card लिंक को चुनें।

4.लॉगिन पेज पर अपना रजिस्ट्रेशन नंबर/एप्लीकेशन नंबर और जन्मतिथि दर्ज करें।

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5.सबमिट करते ही आपका एडमिट कार्ड स्क्रीन पर दिखाई देगा।

6.एडमिट कार्ड को डाउनलोड करें और भविष्य के लिए प्रिंट आउट निकाल लें।

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Chhattisgarh: राज्य के 53 नगरीय निकायों में ऑनलाइन प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने की सुविधा, नगरीय प्रशासन विभाग की पहल

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Raipur: Online property tax payment facility available in 53 urban local bodies of the state, an initiative by the Urban Administration Department

Raipur: स्थानीय स्वशासन को आधुनिक बनाने और नागरिकों को घर बैठे सेवाएं मुहैया कराने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग लगातार नई पहल कर रहा है। शहरों में रहने वाले परिवारों की सुविधा के लिए 53 नगरीय निकायों में ऑनलाइन प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने की सुविधा प्रदान की जा रही है। इस सुविधा से लोग अपने घर या कार्यस्थल से किसी भी समय अपने संपत्ति कर का भुगतान कर सकते हैं। ऑनलाइन प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने की सुविधा वाले नगरीय निकायों के नागरिकों को संपत्ति कर जमा करने अब न तो किसी कार्यालय में जाने की जरूरत है और न ही लाइन लगने की। वे अपनी सुविधा से किसी भी समय इसे जमा कर सकते हैं।

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने लोगों को घर बैठे संपत्ति कर जमा करने की सुविधा प्रदान करने इस साल अगस्त में 46 नए नगरीय निकायों में यह सुविधा प्रारंभ की है। पहले केवल राज्य के सात नगर निगमों रायपुर, दुर्ग, रिसाली, भिलाई, बिलासपुर, कोरबा और रायगढ़ में ही ऑनलाइन प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने की सुविधा थी। अगस्त-2025 में तीन और नगर निगमों बीरगांव, भिलाई-चरोदा एवं धमतरी के साथ ही 43 नगर पालिकाओं में भी इस सुविधा को लॉन्च किया गया है। जीआईएस आधारित प्रॉपर्टी टैक्स लाइव पोर्टल के जरिए अब प्रदेशभर के 53 नगरीय निकायों में ऑनलाइन प्रॉपर्टी टैक्स जमा किए जा सकते हैं।

इन नगर पालिकाओं में है ऑनलाइन प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने की सुविधा

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस साल 12 अगस्त को नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा बिलासपुर में आयोजित ‘स्वच्छता संगम’ में 43 नगर पालिकाओं में जीआईएस आधारित प्रॉपर्टी टैक्स लाइव पोर्टल को लॉन्च किया था। अगस्त-2025 से तिल्दा-नेवरा, गोबरानवापारा, आरंग, गरियाबंद, बलौदाबाजार, भाटापारा, महासमुंद, बागबहरा, सराईपाली, कुम्हारी, अहिवारा, जामुल, बालोद, दल्लीराजहरा, बेमेतरा, डोंगरगढ़, खैरागढ़, कवर्धा, कोंडागांव, नारायणपुर, कांकेर, किरंदुल, बड़े बचेली, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, तखतपुर, रतनपुर, मुंगेली, दीपका, कटघोरा, जांजगीर-नैला, चांपा, सक्ती, अकलतरा, खरसिया, सारंगढ़, जशपुर नगर, बलरामपुर, सूरजपुर, मनेन्द्रगढ़, बैकुंठपुर और शिवपुर चर्चा नगर पालिकाओं में नागरिकों को ऑनलाइन प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने की सुविधा मिल रही है।

“छत्तीसगढ़ के सभी नागरिकों को पारदर्शी, सरल और सुविधाजनक सेवाएँ उपलब्ध कराना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। नगरीय निकायों में ऑनलाइन प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने की सुविधा इसी दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है। अब लोगों को कर जमा करने के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं और न ही लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है।

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हमें प्रसन्नता है कि कोंडागांव, नारायणपुर, कांकेर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जैसे दूरस्थ क्षेत्रों तक भी डिजिटल सुविधाएं पहुंच रही हैं और लोग घर बैठे ऑनलाइन टैक्स जमा कर रहे हैं। यह स्थानीय स्वशासन के आधुनिकीकरण के साथ-साथ ‘डिजिटल छत्तीसगढ़’ के हमारे संकल्प को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

हमारा लक्ष्य है कि शहरी सेवाओं को पूरी तरह ऑनलाइन और नागरिक-केंद्रित बनाया जाए, ताकि प्रत्येक परिवार को सुविधा, पारदर्शिता और समय की बचत—तीनों का लाभ मिल सके।”-मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

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Chhattisgarh: मुख्यमंत्री साय ने अटल जी की जयंती पर 115 शहरों में अटल परिसरों का लोकार्पण किया

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Chhattisgarh: Chief Minister Sai inaugurated Atal complexes in 115 cities on the birth anniversary of Atal Bihari Vajpayee

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर राज्य के 115 नगरीय निकायों में नवनिर्मित अटल परिसरों का लोकार्पण किया। उन्होंने राजधानी रायपुर में अटल एक्सप्रेस-वे के फुंडहर चौक पर स्थापित अटलजी की प्रतिमा का अनावरण तथा अटल परिसर का लोकार्पण करते हुए राज्यभर में आयोजित कार्यक्रमों से वर्चुअल रूप से जुड़कर अन्य 114 नगरीय निकायों में निर्मित अटल परिसरों का भी लोकार्पण किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह तथा तकनीकी शिक्षा मंत्री गुरू खुशवंत साहेब कार्यक्रम में उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री साय ने फुंडहर खेल मैदान में आयोजित कार्यक्रम में रायपुर नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत 186 करोड़ 98 लाख रुपये की लागत से स्वीकृत 23 कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इनमें 185 करोड़ 49 लाख रुपये के 17 कार्यों का भूमिपूजन तथा एक करोड़ 49 लाख रुपये के 6 कार्यों का लोकार्पण शामिल है। इस अवसर पर उन्होंने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा प्रकाशित अटल परिसरों पर आधारित कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के पाँच हितग्राहियों को भवन निर्माण अनुज्ञा-पत्र एवं पीएम स्वनिधि योजना के तहत पाँच महिला हितग्राहियों को 50-50 हजार रुपये के चेक वितरण किए गए।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने संबोधन में अटलजी की 101वीं जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उपस्थित नागरिकों को सुशासन दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि तीन करोड़ छत्तीसगढ़वासी आज अटलजी को कृतज्ञतापूर्वक नमन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अटलजी तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे, वे अजातशत्रु, प्रखर वक्ता, संवेदनशील कवि एवं श्रेष्ठ साहित्यकार थे। विरोधी दल भी उनके भाषणों को सुनने के लिए उत्सुक रहते थे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से अटलजी ने गांव-गांव तक पक्की सड़कों का जाल बिछाया और बारहमासी सड़कों से ग्रामीण भारत को जोड़ा, जिससे छह लाख से अधिक गांवों में विकास के द्वार खुले। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को सुलभ कृषि ऋण उपलब्ध कराया गया, जिसका लाभ आज करोड़ों किसान उठा रहे हैं। अटल जी ने आदिम जाति विकास मंत्रालय का गठन कर उन्होंने आदिवासी कल्याण की योजनाओं को नई दिशा दी।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज प्रदेश के 115 नगरीय निकायों में अटल परिसरों का लोकार्पण किया गया है। इससे पूर्व 60 स्थानों पर परिसरों का लोकार्पण हो चुका है। अटलजी के जन्म-शताब्दी वर्ष में सभी नगरीय निकायों में अटल परिसर निर्मित किए जा रहे हैं, ताकि छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता अटलजी की स्मृतियाँ चिरस्थायी बनी रहें। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के पश्चात छत्तीसगढ़ के विकास को नई गति मिली है। अटलजी की दूरदृष्टि और प्रधानमंत्री मोदी के दृढ़ संकल्प के साथ छत्तीसगढ़ विकसित राज्य बनने की दिशा में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के तहत रायपुर में 1023 आवासों की स्वीकृति दी गई है।

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कार्यक्रम में सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायकगण राजेश मूणत, सुनील सोनी, पुरंदर मिश्रा, इंद्रकुमार साहू, अनुज शर्मा, नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष नंदकुमार साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष नवीन अग्रवाल, कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह, निगम आयुक्त विश्वदीप, राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) के सीईओ शशांक पाण्डेय सहित नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग एवं रायपुर नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी एवं जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

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Chhattisgarh: सीएम साय ने की मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार 2025–26 की घोषणा, छत्तीसगढ़ के श्रेष्ठ प्रशासनिक नवाचारों को मिलेगा सम्मान

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Chhattisgarh: CM Sai announces Chief Minister's Excellence Awards 2025-26; Chhattisgarh's best administrative innovations to be honored

Raipur: छत्तीसगढ़ में सुशासन की दिशा में हो रहे परिवर्तन और प्रशासनिक संस्कृति के सुदृढ़ होते स्वरूप को रेखांकित करते हुए आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार 2025–26 की घोषणा की । यह पुरस्कार राज्य के विभिन्न जिलों और विभागों द्वारा लागू किए गए उन नवाचारों को सम्मानित करने हेतु दिए जाएंगे, जिन्होंने शासन व्यवस्था को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित बनाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सुशासन एवं अभिसरण विभाग द्वारा स्थापित ये पुरस्कार इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि राज्य शासन सार्वजनिक प्रशासन के केंद्र में नवाचार, ठोस परिणाम और नागरिक हित को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। उन्होंने कहा कि शासन की गुणवत्ता को केवल मंशा या व्यय के आधार पर नहीं, बल्कि उसके वास्तविक, मापनीय प्रभाव, विस्तार-योग्यता और जमीनी समस्याओं के समाधान की क्षमता के आधार पर आंका जाना चाहिए। मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार इस नई प्रशासनिक सोच को संस्थागत रूप देने का प्रयास हैं, जहां तकनीक, संवेदनशीलता और संस्थागत सुधार मिलकर सार्वजनिक सेवा को सशक्त बनाते हैं।

उन्होंने कहा कि सुशासन केवल नीतियों से नहीं, बल्कि निरंतर हो रहे नवाचारों से साकार होता है। अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर मनाए जा रहे सुशासन दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ में जनहित को केंद्र में रखकर विकसित किए गए उत्कृष्ट प्रशासनिक नवाचारों को सम्मानित करने के लिए मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार 2025–26 के विजेताओं की घोषणा की गई है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि शासन में नवाचार कोई विकल्प नहीं, बल्कि समय की आवश्यकता और प्रशासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक प्रणालियों को नागरिकों की अपेक्षाओं के अनुरूप गति, पारदर्शिता और विश्वसनीयता के साथ निरंतर स्वयं को ढालना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन नवाचारों के सम्मान की आज घोषणा की गई है, वे केवल व्यक्तिगत उपलब्धियां नहीं, बल्कि भविष्य-उन्मुख शासन के लिए अनुकरणीय और दोहराने योग्य मॉडल हैं। मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार 2025–26 के लिए एक सुदृढ़ और बहु-स्तरीय मूल्यांकन प्रक्रिया अपनाई गई है, जिसका उद्देश्य समावेशिता और गुणवत्ता के बीच संतुलन स्थापित करना था। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कुल 312 नवाचार प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें 275 जिलों से और 37 राज्य स्तरीय विभागों से थे। यह व्यापक सहभागिता इस बात का प्रमाण है कि शासन के प्रत्येक स्तर पर समस्या-समाधान की नवाचारी सोच विकसित हो रही है। यह प्रवृत्ति समाधान-केंद्रित प्रशासन की ओर हो रहे सांस्कृतिक बदलाव को भी दर्शाती है।

मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार हेतु दो-स्तरीय चयन प्रक्रिया के अंतर्गत पहले चरण में 55 नवाचारों को शॉर्टलिस्ट किया गया। इसके बाद 13 नवाचारों को फाइनलिस्ट के रूप में चुना गया और अंततः 10 विजेता नवाचारों का चयन किया गया, जिनमें जिला और विभागीय श्रेणियों से समान संख्या में प्रविष्टियाँ शामिल रहीं। मूल्यांकन के दौरान परिणामों को 50 अंक, विस्तार-योग्यता को 40 अंक और नवाचार को 10 अंक का भार दिया गया, जिससे यह सुनिश्चित किया गया कि सम्मान केवल विचारों पर नहीं, बल्कि वास्तविक और प्रभावशाली परिणामों पर आधारित हो।

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जिला श्रेणी के विजेताओं में दंतेवाड़ा जिले की “ब्लॉकचेन आधारित भूमि अभिलेख डिजिटलीकरण” पहल एक प्रमुख उदाहरण के रूप में सामने आई। इस नवाचार के माध्यम से मैनुअल और कागजी प्रक्रियाओं को समाप्त कर ब्लॉकचेन आधारित छेड़छाड़-रोधी प्रणाली लागू की गई, जिससे भूमि अभिलेख प्राप्त करने का समय हफ्तों से घटाकर कुछ ही मिनटों में संभव हो सका। इस पहल से दस्तावेज़ी धोखाधड़ी पूरी तरह समाप्त हुई और सेवा प्रदाय में अभूतपूर्व तेजी आई, जिसने आदिवासी और दूरस्थ क्षेत्रों में राजस्व प्रशासन के लिए एक नया मानक स्थापित किया।

जशपुर जिले की “निर्माण जशपुर” पहल ने यह दर्शाया कि एकीकृत डिजिटल मॉनिटरिंग किस प्रकार बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के क्रियान्वयन को प्रभावी बना सकती है। 16 विभागों की 7,300 से अधिक परियोजनाओं और 444 ग्राम पंचायतों को कवर करने वाली इस प्रणाली ने रियल-टाइम निगरानी, जियो-टैग्ड सत्यापन और GIS आधारित योजना को संभव बनाया, जिससे कार्यों की गुणवत्ता में सुधार हुआ और विलंब में उल्लेखनीय कमी आई।

मोहला–मानपुर–अंबागढ़ चौकी में लागू संवर्धित टेक-होम राशन (A-THR) नवाचार ने गंभीर कुपोषण जैसी चुनौती का प्रभावी समाधान प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के सहयोग से विकसित इस पोषण-घन आहार के माध्यम से गंभीर कुपोषित बच्चों में 77.5 प्रतिशत सुधार दर दर्ज की गई। यह पहल इस बात का उदाहरण है कि साक्ष्य-आधारित पोषण हस्तक्षेप बड़े पैमाने पर जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।

गरियाबंद जिले की “हाथी ट्रैकिंग एवं अलर्ट ऐप” ने मानव–वन्यजीव संघर्ष को कम करने में तकनीक की भूमिका को सशक्त रूप से सामने रखा। AI आधारित ट्रैकिंग और रियल-टाइम अलर्ट व्यवस्था के माध्यम से मानव हताहतों की संख्या लगभग शून्य तक लाई गई, साथ ही फसल क्षति और मुआवजा बोझ में भी उल्लेखनीय कमी आई। राज्य के बाहर भी अपनाई जा चुकी यह पहल संघर्ष-संवेदनशील शासन का एक प्रभावी मॉडल बन चुकी है।

नारायणपुर जिले का “इंटिफाई इंटेलिजेंस टूल” आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में डेटा एकीकरण की उपयोगिता को दर्शाता है। रियल-टाइम, जियो-स्पेशियल और पूर्वानुमान आधारित इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से 100 से अधिक नियोजित अभियानों का संचालन संभव हुआ, विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय बेहतर हुआ और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में परिस्थितिजन्य जागरूकता को मजबूती मिली।

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विभागीय श्रेणी में शिक्षा विभाग का “विद्या समीक्षा केंद्र (VSK)” डेटा-आधारित शिक्षा शासन का एक मजबूत स्तंभ बनकर उभरा। यह AI सक्षम प्लेटफॉर्म 56,000 से अधिक विद्यालयों, 2.83 लाख शिक्षकों और 57.5 लाख विद्यार्थियों की निगरानी करता है, जिससे ड्रॉपआउट की प्रारंभिक पहचान, संसाधनों का बेहतर उपयोग और साक्ष्य-आधारित निर्णय लेना संभव हो सका है।

वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की “वन क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम” ने व्यवसाय सुगमता सुधार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। 16 विभागों की 136 सेवाओं को एकीकृत करते हुए इस प्रणाली ने अनुमोदन, प्रोत्साहन, शिकायत निवारण और निरीक्षण प्रक्रियाओं को सरल बनाया, जिससे विलंब कम हुआ और पारदर्शिता के साथ निवेशकों का विश्वास बढ़ा।

वाणिज्य कर (आबकारी) विभाग की समग्र ई-गवर्नेंस सुधार पहल ने राजस्व संग्रह और अनुपालन व्यवस्था को सुदृढ़ किया। एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण, ट्रैक एंड ट्रेस प्रणाली और रियल-टाइम डैशबोर्ड के माध्यम से विभाग ने ₹5,425 करोड़ का राजस्व अर्जित किया और पारदर्शिता तथा नियामक निगरानी के नए मानक स्थापित किए।

वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की “FDS 2.0 – ई-कुबेर डिजिटल भुगतान प्रणाली” ने मैनुअल चेक आधारित प्रक्रियाओं को समाप्त कर पूर्णतः कैशलेस, RBI एकीकृत भुगतान व्यवस्था लागू की। इसके माध्यम से ₹1,776 करोड़ से अधिक के 18 लाख लेन-देन पूर्ण हुए, जिससे दूरस्थ और नक्सल प्रभावित वन क्षेत्रों में भी समय पर मजदूरी भुगतान, आजीविका सुरक्षा और पारदर्शी फंड प्रवाह सुनिश्चित हुआ।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा अंतर्गत लागू QR कोड आधारित सूचना स्वप्रकटिकरण व्यवस्था ने नागरिक-केंद्रित शासन को नई मजबूती दी। QR कोड के माध्यम से ग्रामीणों को वास्तविक समय की योजना जानकारी उपलब्ध कराकर इस पहल ने मध्यस्थों पर निर्भरता कम की और 11,000 से अधिक ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता को सुदृढ़ किया।

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इस अवसर पर मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि ये पुरस्कार छत्तीसगढ़ में जनकल्याण केंद्रित नवाचारों और सुशासन को प्रोत्साहन देने की एक नई शुरुआत हैं। यह इस बात का संकेत है कि छत्तीसगढ़ का भविष्य विस्तार-योग्य, नागरिक-केंद्रित और तकनीक-सक्षम शासन में निहित है। पुरस्कार प्राप्त करने वाले अधिकारी एवं टीमें एक प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थान में नेतृत्व विकास कार्यक्रम में भाग लेंगी, जिससे आज के नवाचार आने वाले समय में शासन के मानक बन सकें।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि लोक प्रशासन में नवाचार का अर्थ केवल नई तकनीक अपनाना नहीं, बल्कि नागरिकों को समयबद्ध, पारदर्शी और परिणाम-उन्मुख सेवाएँ प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर की जटिल चुनौतियों से निपटने के लिए शासन को निरंतर विकसित होना होगा और मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार की पहल यह सिद्ध करती हैं कि किस प्रकार विस्तार-योग्य, डेटा-आधारित और नागरिक-केंद्रित समाधान सार्वजनिक संस्थानों में विश्वास को मजबूत करते हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी दोहराया कि छत्तीसगढ़ शासन सार्वजनिक सेवा के मूल मूल्य के रूप में नवाचार को निरंतर प्रोत्साहित करता रहेगा, ताकि शासन व्यवस्था को भीतर से रूपांतरित करते हुए प्रत्येक नागरिक तक मापनीय और सकारात्मक प्रभाव सुनिश्चित किया जा सके।

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