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Ayodhya: 84 सेकंड के शुभ मुहूर्त में होगी श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा, जानिए पूरा कार्यक्रम
Ayodhya: अयोध्या में सोमवार (22 जनवरी) को को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। आध्यात्मिक रंग में डूबी अयोध्या पूरी तरह से राम रस में सराबोर हो चुकी है। पूरे मंदिर परिसर को किसी दुल्हन की तरह सजाया गया है। सोमवार 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अलग-अलग क्षेत्रों की दिग्गज हस्तियां, साधु-संत और विभिन्न देशों के राजनयिक भी अयोध्या पहुंचेंगे। इनमें से कई लोग अयोध्या पहुंच भी चुके हैं। अब सभी की नजरें सोमवार (22 जनवरी) को आने वाली उस ऐतिहासिक घड़ी पर टिकी हुई हैं, जब रामलला के अचल विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा अभिजीत मुहुर्त में संपन्न होगी।
प्राण प्रतिष्ठा का पूरा कार्यक्रम इस तरह रहेगा
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रातःकाल 10 बजे से ‘मंगल ध्वनि’ का भव्य वादन होगा। 50 से अधिक मनोरम वाद्ययंत्र, विभिन्न राज्यों से, लगभग 2 घंटे तक इस शुभ घटना का साक्षी बनेंगे। अयोध्या के यतीन्द्र मिश्र इस भव्य मंगल वादन के परिकल्पनाकार और संयोजक हैं, जिसमें केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली ने सहयोग किया है। यह भव्य संगीत कार्यक्रम हर भारतीय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर का प्रतीक है, जो प्रभु श्री राम के सम्मान में विविध परंपराओं को एकजुट करता है।
मेहमानों को 10:30 बजे तक परिसर में करना होगा प्रवेश
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले अतिथियों को 10:30 बजे तक रामजन्मभूमि परिसर में प्रवेश करना होगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने बताया कि उसके द्वारा जारी किए गए पास के जरिए ही प्रवेश संभव है। केवल निमंत्रण पत्र से मेहमानों को कार्यक्रम में प्रवेश नहीं मिल पाएगा। पास पर बने क्यूआर कोड के मिलान के बाद ही परिसर के प्रवेश मिलेगा। ट्रस्ट ने सोशल मीडिया पर पास(प्रवेशिका) का एक प्रारूप भी साझा किया है।
दोपहर 12:20 बजे से शुरू होगी प्राण प्रतिष्ठा की विधि
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की विधि 22 जनवरी को दोपहर 12:20 बजे शुरू होगी। प्राण प्रतिष्ठा की मुख्य पूजा अभिजीत मुहूर्त में की जाएगी। शुभ मुहूर्त दिन के 12 बजकर 29 मिनट और 08 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट और 32 सेकंड तक का रहेगा। यानि प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त केवल 84 सेकंड का है। पूजा-विधि के जजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी। यह अनुष्ठान काशी के प्रख्यात वैदिक आचार्य गणेश्वर द्रविड़ और आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में 121 वैदिक आचार्य संपन्न कराएंगे। इस दौरान 150 से अधिक परंपराओं के संत-धर्माचार्य और 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तटवासी, द्वीपवासी, जनजातीय परंपराओं की भी उपस्थिति होगी।
दोपहर 1 बजे संपन्न हो जाएगा प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम
प्राण प्रतिष्ठा का पूरा कार्यक्रम दोपहर एक बजे तक पूरा हो जाएगा। सभी पूजा-विधि समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत अपना संदेश देंगे। वहीं श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास आशीर्वाद देंगे।
अयोध्या समेत देश-दुनिया में राम ज्योति प्रज्ज्वलित कर मनेगा दीपोत्सव
प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पूरे हो जाने के बाद शाम को ‘राम ज्योति’ प्रज्ज्वलित कर राम भक्त देश-दुनिया में दीपोत्सव मनाएंगे। शाम को अयोध्या 10 लाख दीपों से जगमगाएगी। इसके साथ ही मकानों, दुकानों, प्रतिष्ठानों और पौराणिक स्थलों पर ‘राम ज्योति’ प्रज्ज्वलित की जाएगी। अयोध्या सरयू नदी के तटों की मिट्टी से बने दीपों से रोशन होगी। रामलला, कनक भवन, हनुमानगढ़ी, गुप्तारघाट, सरयू तट, लता मंगेशकर चौक, मणिराम दास छावनी समेत 100 मंदिरों, प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे।
प्राण प्रतिष्ठा और संबंधित आयोजनों का विवरण:
1. आयोजन तिथि और स्थल: भगवान श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा योग का शुभ मुहूर्त, पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी, विक्रम संवत 2080, यानी सोमवार, 22 जनवरी, 2024 को आ रहा है।
2. शास्त्रीय पद्धति और समारोह-पूर्व परंपराएं: सभी शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए, प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में संपन्न किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व शुभ संस्कारों का प्रारंभ 16 जनवरी 2024 से शुरू होकर 21 जनवरी, 2024 तक चलेगा।
द्वादश अधिवास
-16 जनवरी: प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन
-17 जनवरी: मूर्ति का परिसर प्रवेश
-18 जनवरी (सायं): तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास
-19 जनवरी (प्रातः): औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास
-19 जनवरी (सायं): धान्याधिवास
-20 जनवरी (प्रातः): शर्कराधिवास, फलाधिवास
-20 जनवरी (सायं): पुष्पाधिवास
-21 जनवरी (प्रातः): मध्याधिवास
-21 जनवरी (सायं): शय्याधिवास
3. अधिवास प्रक्रिया एवं आचार्य: सामान्यत: प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में सात अधिवास होते हैं और न्यूनतम तीन अधिवास अभ्यास में होते हैं। समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे। श्री गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे, तथा काशी के श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे।
4. विशिष्ट अतिथिगण: प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में होगी।
5. विविध प्रतिष्ठान: भारतीय आध्यात्मिकता, धर्म, संप्रदाय, पूजा पद्धति, परंपरा के सभी विद्यालयों के आचार्य, 150 से अधिक परंपराओं के संत, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत, नागा सहित 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तातवासी, द्वीपवासी आदिवासी परंपराओं के प्रमुख व्यक्तियों की कार्यक्रम में उपस्थिति रहेगी, जो श्री राम मंदिर परिसर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दर्शन हेतु पधारेंगे।
6. ऐतिहासिक आदिवासी प्रतिभाग: भारत के इतिहास में प्रथम बार पहाड़ों, वनों, तटीय क्षेत्रों, द्वीपों आदि के वासियों द्वारा एक स्थान पर ऐसे किसी समारोह में प्रतिभाग किया जा रहा है। यह अपने आप में अद्वितीय होगा।
7. समाहित परंपराएं: शैव, वैष्णव, शाक्त, गाणपत्य, पात्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंकर, रामानंद, रामानुज, निम्बार्क, माध्व, विष्णु नामी, रामसनेही, घिसापंथ, गरीबदासी, गौड़ीय, कबीरपंथी, वाल्मीकि, शंकरदेव (असम), माधव देव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, चिन्मय मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, गायत्री परिवार, अनुकूल चंद्र ठाकुर परंपरा, ओडिशा के महिमा समाज, अकाली, निरंकारी, नामधारी (पंजाब), राधास्वामी और स्वामीनारायण, वारकरी, वीर शैव इत्यादि कई सम्मानित परंपराएँ इसमें भाग लेंगी।
8. दर्शन और उत्सव: गर्भ-गृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पूर्ण होने के बाद, सभी साक्षी महानुभावों को दर्शन कराया जाएगा। श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए हर जगह उत्साह का भाव है। इसे अयोध्या समेत पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाने का संकल्प किया गया है। समारोह के पूर्व विभिन्न राज्यों के लोग लगातार जल, मिट्टी, सोना, चांदी, मणियां, कपड़े, आभूषण, विशाल घंटे, ढोल, सुगंध इत्यादि के साथ आ रहे हैं। उनमें से सबसे उल्लेखनीय थे मां जानकी के मायके द्वारा भेजे गए भार (एक बेटी के घर स्थापना के समय भेजे जाने वाले उपहार) जो जनकपुर (नेपाल) और सीतामढ़ी (बिहार) के ननिहाल से अयोध्या लाए गए। रायपुर, दंडकारण्य क्षेत्र स्थित प्रभु के ननिहाल से भी विभिन्न प्रकार के आभूषणों आदि के उपहार भेजे गए हैं।
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Mpox: क्या भारत पहुंच गया मंकीपॉक्स?, संदिग्ध को किया गया आइसोलेट, हालत स्थिर
Mpox: अफ्रीकी देशों में कहर मचाने के बाद मंकीपॉक्स का संक्रमण दुनिया के कई देशों में फैल चुका है। अमेरिका-ब्रिटेन सहित कई एशियाई देशों में भी मंकीपॉक्स का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। इस बीच, भारत में भी मंकीपॉक्स के एक संदिग्ध रोगी की पहचान हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। हालांकि संदिग्ध रोगी के बारे में बहुत ज्यादा नहीं बताया गया है। लेकिन मंत्रालय ने जानकारी दी है कि संदिग्ध ने हाल ही में मंकीपॉक्स का संक्रमण झेल रहे एक देश की यात्रा की थी। फिलहाल उसे मंकीपॉक्स के लिए तय किए गए एक अस्पताल में आइसोलेट किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि फिलहाल संदिग्ध रोगी की हालत स्थिर है। एमपॉक्स की मौजूदगी की पुष्टि के लिए उसके नमूनों का परीक्षण किया जा रहा है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि उसके लक्षण एनसीडीसी द्वारा पहले से बताए गए लक्षणों के अनुरूप ही हैं। मंत्रालय ने यह भी साफ किया कि इसे लेकर पर्याप्त सावधानी बरती जा रही है और सभी प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जा रहा है। देश ऐसे अलग यात्रा-संबंधी मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
बता दें कि मंकीपॉक्स से मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के देश सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कांगो में अब तक 18 हजार से अधिक संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जबकि कम से कम 610 लोगों की इससे जान जा चुकी है। मंकीपॉक्स संक्रमण को चूंकि कई मामलों में गंभीर और जानलेवा माना जाता है इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे ‘ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित’ कर दिया था। मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत में भी बीते दिनों अलर्ट जारी किया गया था।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स संक्रमण?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक पोस्ट में बताया था, एमपॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो संक्रमित वस्तुएं, निकट संपर्क, और शरीर के तरल पदार्थों से फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई वस्तुएं जैसे कपड़े, चादर, तौलिए आदि के इस्तेमाल से बचें। संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थ या घाव के संपर्क में आने से भी संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। सामुदायिक तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
कितने दिनों तक रहता है असर?
मंत्रालय ने कहा था, कुछ स्थितियों में संक्रमण का असर दो-चार सप्ताह तक रह सकता है। हालांकि अगर मरीजों का समय पर निदान होकर सहायक उपचार मिल जाए तो उनके ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा यदि किसी में लक्षण दिखाई दें या संक्रमित रोगियों के संपर्क में आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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Waqf Bill: राज्यसभा में भी वक्फ बोर्ड संशोधन बिल आसानी से होगा पास, इस वजह से राह हुई आसान
New Delhi: केंद्र की एनडीए सरकार ने संसद के मॉनसून सत्र में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल लोकसभा में पेश किया था। इसके बाद इस बिल को संसद की जेपीसी के पास भेज दिया गया। जेपीसी के पास से बिल लौटने के बाद उसे राज्यसभा में भी बहुमत से पास कराना होगा। राज्यसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को पास कराना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती थी, लेकिन अब एनडीए के पास राज्यसभा में भी बहुमत हो गया है। दरअसल छह नामांकित सदस्यों के समर्थन के बाद राज्यसभा में अब एनडीए के पास बहुमत के लिए पर्याप्त नंबर हैं।
राज्यसभा का गणित एनडीए के पक्ष में
हाल में संपन्न हुए राज्यसभा उपचुनाव के बाद संसद के ऊपरी सदन में कुल सदस्यों की संख्या 234 हो गई है, जबकि 11 सीटें रिक्त हैं। भाजपा के राज्यसभा में अपने 96 सदस्य हैं, जबकि एनडीए के सदस्यों की संख्या 113 है। इसमें छह नामांकित सदस्यों को जोड़ दें, तो एनडीए का कुल संख्याबल 119 हो जाता है। जो बहुमत के मौजूदा आंकड़े 117 से दो अधिक है। जबकि राज्यसभा में विपक्षी गठबंधन के कुल सदस्यों की संख्या 85 है।
राज्यसभा में 11 सीटें हैं रिक्त
संसद के उच्च सदन में जम्मू-कश्मीर से चार सीट खाली हैं, क्योंकि केंद्र-शासित प्रदेश में अभी तक विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं। इसके अलावा राज्यसभा में आंध्र प्रदेश की चार, चार नामांकित सदस्य और ओडिशा की एक सीट शामिल है। वाईएसआर कांग्रेस के दो सदस्यों और बीजद के एक सदस्य ने हाल में राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया। बीजद सदस्य सुजीत कुमार इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल हो गए, जिसके इस सीट पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी की जीत की पूरी संभावना है।
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Ravindra Jadeja: क्रिकेटर रवींद्र जडेजा शुरू करेंगे राजनीतिक पारी, बीजेपी में हुए शामिल
Ravindra Jadeja: भारतीय क्रिकेटर रवींद्र जड़ेजा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए हैं। उनकी पत्नी और गुजरात की जामनगर नॉर्थ सीट से बीजेपी की विधायक रिवाबा जाडेजा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर नए सदस्य के रूप में उनकी तस्वीरें पोस्ट करते हुए इसकी जानकारी दी। एक्स हैंडल पर अपने पोस्ट में रिवाबा ने बीजेपी सदस्यता कार्ड के साथ अपनी और अपने पति की तस्वीरें भी साझा कीं। बता दें कि जडेजा ने जून में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत की ऐतिहासिक टी20 विश्व कप 2024 जीत के बाद टी20 से संन्यास का ऐलान किया था।
रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा 2019 में भाजपा में शामिल हुई थी और उन्हें 2022 में पार्टी ने जामनगर विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था। इस सीट से जीत दर्ज कर रिवाबा विधायक बनीं थीं। उनके चुनाव प्रचार में भी जडेजा नजर आए थे। अब रिवाबा के बाद रवींद्र जड़ेजा भी भाजपा के साथ राजनीति में नई पारी शुरू करने जा रहे हैं। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बीजेपी में उनकी क्या भूमिका होगी।
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Weather Update: सितंबर माह में उत्तर भारत के कई हिस्सों में होगी भारी बारिश, इस साल पड़ेगी कड़ाके की ठंड
Weather Update: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सितंबर में बारिश की भविष्यवाणी की है और उत्तर भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। मौसम विभाग ने अक्टूबर महीने तक बारिश होने की संभावना व्यक्त की है और उसके बाद भयंकर सर्दी पड़ने का अनुमान भी लगाया है। आईएमडी ने चेतावनी दी कि सितंबर में ला नीना इफेक्ट की शुरुआत हो सकती है। जिससे इस साल कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है।
आमतौर पर मानसून के मौसम के आखिरी में होने वाले ला नीना प्रभाव के चलते तापमान में तेजी से गिरावट देखी जाती है। इसके साथ ही अक्सर बारिश भी बढ़ जाती है और फिर आगे भयंकर सर्दी की संभावना बढ़ जाती है। भारत में मानसून अक्सर 15 अक्टूबर तक खत्म हो जाता है, लेकिन इस बार ला नीना की वजह से यह काफी लेट हो सकता है। इसका असर अक्टूबर के आखिरी में दक्षिण भारत में आने वाले उत्तर पूर्वी मानसून पर भी पड़ सकता है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि हालांकि सितंबर में मानसून के वापस लौटने की उम्मीद है, लेकिन ला नीना के प्रभाव से बंगाल की खाड़ी में जोरदार “चक्रवाती गतिविधि” होने की संभावना है और इसके परिणामस्वरूप महीने के अधिकांश समय में बारिश की कई घटनाएं हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि सितंबर में मानसून की बारिश महीने के लिए सामान्य से 9% अधिक (16.8 सेमी) होने की उम्मीद है।
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Vaishno Devi: जम्मू में मां वैष्णो देवी मार्ग पर लैंडस्लाइड, 2 महिला श्रद्धालुओं की मौत, 1 गंभीर
Vaishno Devi: जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में माता वैष्णो देवी मंदिर के नए मार्ग पर सोमवार दोपहर करीब 2.35 बजे लैंडस्लाइड की बड़ी घटना हुई है। भूस्खलन की घटना में तीन महिला श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए। इसमें से 2 की मौत हो गई। जबकि एक घायल का इलाज जारी है। मौके पर रेस्क्यू अभियान चल रहा है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, हादसा माता वैष्णो देवी भवन मार्ग पर पंची हेलीपैड के पास हुआ है। हादसे में दो महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। वहीं, एक लड़की गंभीर रूप से घायल है। जिसका अस्पताल में इलाज चल रही है। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ ने जानकारी देते हुए बताया कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन मार्ग पर पत्थर गिरने और भूस्खलन की घटना हुई है। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की आपदा प्रबंधन टीम मौके पर पहुंच गई है।
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