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Amritpal Singh: भगोड़ा अमृतपाल 36 दिन बाद गिरफ्तार, असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया

Amritpal Singh: वारिस पंजाब दे (Waris Punjab De) का प्रमुख अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) आज सुबह गिरफ्तार हो गया। भगोड़े अमृतपाल को पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने मोगा जिले के रोडे गांव से रविवार सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के समय अमृतपाल गुरुद्वारे में प्रवचन दे रहा था। पंजाब पुलिस उसे गिरफ्तार कर बठिंडा से सीधे फ्लाइट के जरिए असम के डिब्रूगढ़ जेल ले गई। उसके कुछ साथियों को भी डिब्रूगढ़ जेल में ही रखा गया है। पुलिस को सूचना मिली थी कि अमृतपाल रविवार को समर्थकों की भीड़ के बीच सरेंडर की प्लानिंग कर रहा है, जिससे माहौल बिगड़ने की आशंका थी। इसलिए पुलिस ने सुबह ही उसे गिरफ्तार कर असम भेज दिया।
36 दिन से फरार था भगोड़ा अमृतपाल
अमृतपाल पंजाब में खालिस्तानी विचारधारा को भड़काने की कोशिश कर रहा था। उसने 23 फरवरी 2023 को अपने एक समर्थक की रिहाई के लिए पंजाब के अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। 18 मार्च को पुलिस ने उसको गिरफ्तार करने के लिए घेराबंदी की थी, लेकिन वो उन्हें चकमा देकर फरार हो गया था और 36 दिन से एक जगह से दूसरी जगह भागता फिर रहा था। अमृतपाल पर NSA के तहत केस दर्ज है।
पत्नी को भी लंदन जाते समय एयरपोर्ट पर रोका गया था
अमृतपाल की एनआरआई पत्नी किरणदीप कौर को भी 20 अप्रैल को लंदन के लिए फ्लाइट पकड़ने से पहले अमृतसर एयरपोर्ट पर रोक लिया गया था। किरणदीप को 3 घंटे चली पूछताछ के बाद वापस उसके घर भेज दिया गया था। बताया जा रहा है कि अमृतपाल बैसाखी के दिन सरेंडर करना चाहता था, लेकिन पुलिस की कड़ी घेराबंदी के चलते वो ऐसा करने में कामयाब नहीं हो सका था।


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Parliament: संसद का विशेष सत्र 4 दिन में ही खत्म, महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में भी पास

Parliament: नारी शक्ति वंदन विधेयक 2023 (महिला आरक्षण बिल) गुरुवार को राज्यसभा में भी पास हो गया। सदन में उपस्थित सभी 214 सांसदों ने बिल का समर्थन किया और बिल पास हो गया। इसके बाद राज्यसभा और लोकसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक 5 दिन का विशेष सत्र बुलाया था। लेकिन नारी शक्ति वंदन विधेयक के दोनों सदनों में पास होने के बाद सत्र एक दिन पहले ही खत्म हो गया।
संसद का 4 दिन चला विशेष सत्र पूरी तरह नए संसद भवन और महिला आरक्षण बिल के नाम रहा। नारी शक्ति वंदन बिल (महिला आरक्षण बिल) नए संसद भवन में पास होने वाला पहला बिल बन गया। सत्र की शुरुआत संसद की पुरानी बिल्डिंग (नया नाम-संविधान सदन) से हुई। 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के दिन सत्र की कार्यवाही नए संसद भवन में शिफ्ट हो गई। इसी दिन लोकसभा में नारी शक्ति वंदन विधेयक (महिला आरक्षण बिल) संसद में पेश किया गया।
लोकसभा में 20 सितंबर को करीब 7 घंटे की चर्चा के बाद महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पास हो गया। इसके पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े। 21 सितंबर को बिल को राज्यसभा में पेश किया गया और सदन में मौजूद सभी 214 सदस्यों ने महिला आरक्षण बिल के समर्थन किया। राज्यसभा में बिल पास होने के बाद अब इसे राज्यों की विधानसभाओं में भेजा जाएगा। आधी विधानसभाओं से पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद लोकसभा और विधानसभाओं की 33 फीसदी सीटें रिजर्व हो जाएंगी। हालांकि सीटों की संख्या के निर्धारण के लिए नई जनगणना और परिसीमन तक का इंतजार करना पड़ेगा।

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Parliament: नारी शक्ति वंदन विधेयक लोकसभा में पास, विरोध में पड़े सिर्फ 2 वोट

LokSabha: संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन बुधवार 20 सितंबर को नारी शक्ति वंदन बिल (महिला आरक्षण बिल) पास हो गया। पर्ची से हुई वोटिंग में बिल के समर्थन में 454 और विरोध में सिर्फ 2 वोट पड़े। अब कल 21 सितंबर गुरुवार को ये बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इसमें कोई शक नहीं कि वहां भी यह आसानी से पास हो जाएगा। इसके बाद बिल को राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलते ही यह कानून बन जाएगा।
बता दें कि विशेष सत्र के दूसरे दिन और नए संसद भवन में गणेश चतुर्थी पर कामकाज शुरू होने के पहले दिन 19 सितंबर को ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ को लोकसभा में पेश किया गया। बिल के मुताबिक, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण लागू किया जाएगा। वर्तमान आंकड़ों के हिसाब से लोकसभा की 543 सीटों में सेे 181 सीटें 15 साल के लिए महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। संसद चाहेगी, तो इस समय सीमा को आगे भी बढ़ा सकती है।
लोकसभा में बिल पर चर्चा के दौरान 60 सांसदों ने अपने विचार रखे। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि- ‘सामान्य, एससी, एसटी सभी पर समान रूप से यह आरक्षण लागू होगा। चुनाव के तुरंत बाद ही जनगणना और परिसीमन होगा और महिलाओं की भागीदारी सदन में बढ़ेगी। विरोध करने पर आरक्षण जल्दी नहीं आएगा।’
नारी शक्ति वंदन बिल (महिला आरक्षण बिल) के लागू होने में जो सबसे बड़ा रोड़ा है, वो है कि यह परिसीमन (डीलिमिटेशन) के बाद ही लागू होगा। परिसीमन के लिए जनगणना के पूरा होने तक इंतजार करना पड़ेगा। फिलहाल जो हालात हैं उसमें 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले जनगणना और परिसीमन पूरा हो पाना नामुमकिन तो नहीं, लेकिन इतना आसान भी नहीं है।

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Anantnag: कोकरनाग क्षेत्र में 146 घंटे बाद एनकाउंटर खत्म, उजैर खान समेत दो आतंकी ढेर

Anantnag: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकरनाग क्षेत्र में पहाड़ी पर एक गुफा में छिपे आतंकियों के साथ सुरक्षाबलों की करीब सात दिनों चली मुठभेड़ खत्म हो गई है। ऑपरेशन गडूल करीब 146 घंटे तक चला और इसे हाल के वर्षों में सबसे लंबा ऑपरेशन कहा जा रहा है। इस ऑपरेशन में लश्कर आतंकी उजैर खान का मार गिराया गया। जबकि एक आतंकी का जला हुआ शव मिला है। उसकी अभी पहचान नहीं हुई है। इस ऑपरेशन की शुरुआत में ही कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष ढोंचक और जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट शहीद हो गए थे। जबकि बाद में एक और सेना के जवान प्रदीप सिंह की शहादत हुई थी। बताया जा रहा है कि सुरक्षाबलों का बड़े क्षेत्र में सर्चिंग ऑपरेशन अब भी जारी है।

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JK News: अनंतनाग में सेना का ऑपरेशन 7वें दिन भी जारी, एक और शहीद जवान का शव मिला

JK News: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के खिलाफ अब तक का सबसे लंबा ऑपरेशन 7वें दिन भी जारी है। अनंतनाग के गडोल पहाड़ी और फॉरेस्ट एरिया में एक गुफा में छिपे आतंकियों को सेना ने चारों तरफ से घेर रखा है। ऑपरेशन के दौरान एक और जवान का शव मिलने से शहीद जवानों की संख्या बढ़कर 4 हो गई है। शहीद जवान प्रदीप सिंह 13 सितंबर को गोलीबारी शुरू होने के बाद से ही लापता थे। उनका शव 18 सितंबर की शाम 5 बजे कोकेरनाग मुठभेड़ स्थल से मिला। बता दें कि इससे पहले अनंतनाग ऑपरेशन में कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोंचक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं मुजामिल भट्ट अपनी शहादत दे चुके हैं।
ऑपरेशन स्थल से एक और शव बरामद
सुरक्षाबलों को मुठभेड़ स्थल से जली हालत में एक शव मिला है। फिलहाल जले हुए शव की पहचान नहीं हुई है। इस कारण शव का डीएनए टेस्ट कराया जा सकता है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि बरामद हुआ शव किसी आतंकी का हो सकता है। सेना और आतंकियों के बीच अभी भी रुक-रुक कर गोलीबारी हो रही है। सेना के अफसरों के मुताबिक सर्चिंग ऑपरेशन अब भी जारी है। सेना ने तलाशी का दायरा पास के जंगलों और गांवों तक फैला दिया है। ऑपरेशन में ड्रोन और हेलिकॉप्टर को भी लगाया गया है।

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Special Parliament Session: संसद का विशेष सत्र शुरू, पीएम मोदी बोले- ऐतिहासिक निर्णयों का ये सत्र है

Special Parliament Session Live: संसद का विशेष सत्र आज शुरू हो गया। संसद के पुराने भवन में संसदीय कार्यवाही का आज आखिरी दिन है। 22 सितंबर तक चलने वाले विशेष सत्र के पहले दिन को छोड़कर बाकी दिन की कार्यवेाही नए संसद भवन में होगी। मंगलवार 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के दिन से संसद की कार्यवाही नए संसद भवन में होगी। पीएम मोदी ने आज सुबह संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रेस से बातचीत के दौरान चंद्रयान-3 मिशन पर कहा कि, ‘भारत के लिए यह गौरव का विषय है। चंद्रयान-3 मिशन नई प्रेरणा का स्रोत बना। भारत चांद पर भी तिरंगा फहरा रहा है। शिव शक्ति पॉइंट भारत के लिए प्रेरणा का केंद्र बना है।’
प्रधानमंत्री ने जी-20 आयोजन पर भी बात की। उन्होंने कहा कि ‘जी-20 समिट की अभूतपूर्व सफलता देश के लिए गर्व का विषय है। पूरे विश्व में इस प्रकार की उपलब्धि को आधुनिकता, विज्ञान और तकनीक से जोड़कर देखा जाता है और जब ये सामर्थ्य विश्व के सामने आता है, तो अनेक संभावना, अनेक अवसर हमारे दरवाजे पर आकर खड़े हो जाते हैं। अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता और सर्वसम्मति से G20 का डिक्लेरेशन, ये सारी बातें भारत के उज्ज्वल भविष्य का संकेत दे रही हैं।’
ऐतिहासिक निर्णयों वाला होगा विशेष सत्र
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रेस से बातचीत में कहा कि इस समय पूरे देश में उत्साह और उमंग का माहौल है। हम एक नए आत्मविश्वास को महसूस कर रहे हैं। उसी समय संसद का विशेष सत्र हो रहा है। उन्होंने कहा कि ये सत्र छोटा जरूर है, लेकिन समय के हिसाब से बहुत बड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सत्र ऐतिहासिक निर्णयों का है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2047 तक देश को विकसित करना है, इसके लिए जितने भी निर्णय होने वाले हैं, वो नए संसद भवन में होंगे। पीएम मोदी ने कहा कि मैं सभी आदरणीय सांसदों से आग्रह करता हूं कि छोटा सत्र है। वो उमंग और उत्साह के साथ अपना ज्यादा से ज्यादा समय यहां दें।”
प्रधानमंत्री के संबोधन से हुई सत्र की शुरूआत
विशेष सत्र की शुरूआत प्रधानमंत्री के संबोधन से हुई। पीएम मोदी ने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक की सराहना करते हुए लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए उनके योगदान को याद किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सब इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं। आजादी से पहले ये सदन काउंसिल का स्थान हुआ करता था। आजादी के बाद इस भवन को संसद भवन की पहचान मिली। ये सही है कि इस इमारत का निर्माण करने का फैसला विदेशी शासकों का था, लेकिन इसके निर्माण में पसीना, परिश्रम और पैसा मेरे देशवासियों के लगे थे।

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