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Chhattisgarh: पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में बिल्हा की मातृशक्ति का किया उल्लेख, स्वच्छता पहल को राष्ट्रीय मंच पर मिली पहचान

Mann Ki Baat: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम का सामूहिक श्रवण किया। इस अवसर पर विकास मरकाम, नवीन मार्कण्डेय, अमित चिमनानी, हर्षिता पांडे, अमित साहू सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे। मुख्यमंत्री साय ने ‘मन की बात’ के 124वें संस्करण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ‘मन की बात’ न केवल जन संवाद का एक सशक्त माध्यम है, बल्कि यह देशभर के नवाचारों, जनप्रयासों और प्रेरणादायक कहानियों को सामने लाकर लोगों में नई ऊर्जा भरने का कार्य करता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज का दिन छत्तीसगढ़ के लिए विशेष गौरव का विषय है, क्योंकि बिलासपुर जिले के नगर पंचायत बिल्हा में स्वच्छता के क्षेत्र में मातृशक्ति द्वारा किए गए नवाचार का उल्लेख स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यक्रम में किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बिल्हा की महिलाओं को वेस्ट मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी गई और उन्होंने मिलकर शहर की तस्वीर बदल डाली। यह उल्लेख हम सभी छत्तीसगढ़वासियों के लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बिल्हा की महिलाओं ने दिखा दिया कि जब संकल्प और सहयोग एक साथ हों, तो कोई भी बदलाव असंभव नहीं होता। स्वच्छता की इस मिसाल ने पूरे देश में छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया है। बिल्हा की महिलाओं ने अपने संकल्प से इसे देश का सबसे स्वच्छ शहर बना दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की मातृशक्ति ने स्वच्छता के क्षेत्र में जो नवाचार किया है, उसे आज देश के प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में विशेष रूप से रेखांकित किया। यह दिखाता है कि स्वच्छता केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से बनता हुआ एक सशक्त जनांदोलन है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ के 7 शहरों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत माननीय राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है, जिनमें नगर पंचायत बिल्हा सहित अन्य नगरीय निकाय शामिल हैं। उन्होंने नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों, निगम आयुक्तों, सीएमओ, स्वच्छता दीदियों और सफाईकर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि यह सभी के समर्पण और मेहनत का परिणाम है कि छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय मंचों पर सम्मानित हो रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने यह भी बताया कि हाल ही में जशपुर जिले के दौरे के दौरान उन्हें जानकारी मिली कि जिले के पांचों नगरीय निकायों ने स्वच्छता रैंकिंग में अभूतपूर्व छलांग लगाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस उत्कृष्ट प्रदर्शन पर दो दिन पहले उन्होंने जशपुर में स्वच्छता दीदियों और कर्मियों को स्वयं सम्मानित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में एक सकारात्मक वातावरण बना है और हमारी सरकार ने जिस निष्ठा एवं संकल्प के साथ स्वच्छ भारत मिशन को लागू किया है, उसका परिणाम आज देश के सामने है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मन की बात’ आज देश के कोने-कोने की साधारण कहानियों को असाधारण प्रेरणा में बदलने वाला राष्ट्रीय अभियान बन गया है जो भारत के लोकतंत्र की जीवंतता का साक्षात प्रमाण है।
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Chhattisgarh: रायपुर में बनेंगे चार बड़े ब्रिज, जिलों से जोड़ने वाली सड़कें होंगी फोर लेन, 7000 करोड़ की सड़क परियोजनाओं को मिलेगी स्वीकृति

New Delhi: छत्तीसगढ़ की अधोसंरचना को रफ्तार देने के लिए आज एक अहम क़दम उठाया गया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की, जिसमें राज्य की कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं को मंज़ूरी मिली। बैठक में केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 7000 करोड़ से ऊपर के नियोजित कार्यों की वित्तीय स्वीकृति को शीघ्र करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया। इसके साथ ही केंद्रीय सड़क निधि (CRF) के तहत 600 करोड़ रुपये की मंज़ूरी दी गई। इसके ज़रिए छत्तीसगढ़ में कई सड़कों के निर्माण और उन्नयन का रास्ता साफ़ होगा।
रायपुर शहर की भीड़भाड़ को कम करने के लिए चार बड़े ब्रिज बनाए जाएंगे, जिनका भूमि पूजन शीघ्र ही होगा। वहीं, राजधानी रायपुर से अन्य ज़िलों तक की सड़कें दो लेन से चार लेन में बदली जाएंगी, जिससे आवागमन तेज और सुरक्षित हो जाएगा। बैठक में यह भी तय हुआ कि राज्य की सड़क योजनाएं की प्लानिंग में अब केंद्र के ‘गति शक्ति पोर्टल’ का उपयोग किया जाएगा, ताकि जल्द मंजूरी मिल सके। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने रायपुर-आरंग-बिलासपुर-दर्री के बीच करीब 95 किमी लंबी छह लेन सड़क के लिए डीपीआर जल्दी बनाने के लिए आदेशित किया, जो औद्योगिक, कृषि और शैक्षिक क्षेत्रों को जोड़ेगी। साथ ही, समृद्धि एक्सप्रेसवे का विस्तार रायपुर तक भी किया जाएगा।
इसके अलावा कुछ जरूरी योजनाओं को आज मंजूरी भी मिल गई। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 130 ए में उन्नयन कार्य, राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 में रेजिंग का कार्य एवं राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 में मजबूतीकरण के कुल 115.95 करोड़ के कार्यों की स्वीकृति मिली है। इनमें बिलासपुर शहर के भीतर 15 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण शामिल है, जिससे शहर में ट्रैफिक आसान होगा। कटनी-गुमला मार्ग के हिस्से में 11 किलोमीटर सड़क बनेगी जो गांवों को जोड़ने में मदद करेगी। वहीं, केशकाल के 4 किलोमीटर हिस्से की सड़क को मज़बूत किया जाएगा, जिससे पहाड़ी क्षेत्र के लोगों को राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सड़कें केवल यात्रा का साधन नहीं हैं, बल्कि विकास, रोज़गार और सामाजिक बदलाव का रास्ता हैं। अँजोर विजन 2047’ के तहत छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य है कि हर गांव, हर नागरिक तक बेहतर और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन पहुंचे। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉक्टर कमलप्रीत सिंह भी उपस्थित थे।
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New Delhi: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिले मुख्यमंत्री साय, राज्य की सड़कों और विकास योजनाओं पर हुई चर्चा

New Delhi: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज शाम केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से उनके आधिकारिक निवास पर मुलाक़ात की। इस अवसर पर दोनों नेताओं के बीच छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण, सड़क परियोजनाओं की प्रगति और भविष्य की अधोसंरचना योजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने गडकरी को राज्य में चल रही प्रमुख सड़क परियोजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार निर्माण कार्यों को समयबद्ध ढंग से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य के दूरस्थ और वनवासी क्षेत्रों को मुख्य सड़कों से जोड़ने का प्रयास तेज़ी से किया जा रहा है, ताकि वहां के लोगों को भी बेहतर कनेक्टिविटी और आर्थिक अवसर मिल सकें।
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि औद्योगिक क्षेत्रों, नए जिलों में सड़क नेटवर्क को मज़बूत करना राज्य के समग्र विकास के लिए जरूरी है। मुख्यमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सड़कें केवल यात्रा का ज़रिया नहीं, बल्कि रोज़गार, निवेश और सामाजिक बदलाव की आधारशिला हैं।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकताओं की सराहना करते हुए भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार राज्य को हर संभव सहयोग देती रहेगी। उन्होंने कहा कि आदिवासी अंचलों तक सड़कें पहुंचने से न केवल विकास तेज़ होगा, बल्कि उन इलाकों में स्थायी परिवर्तन भी आएगा।
मुख्यमंत्री नेअँजोर “विजन 2047” के तहत राज्य की लंबी अवधि की रणनीति से भी अवगत कराया, जिसमें एकीकृत और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन व्यवस्था विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण और सीमावर्ती इलाकों में सड़क संपर्क को प्राथमिकता दे रही है, ताकि हर नागरिक तक विकास की पहुंच सुनिश्चित की जा सके।
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Chhattisgarh: कृषि भूमि के बाजार मूल्य निर्धारण के नियमों में बदलाव को मंजूरी, किसानों के हित में ऐतिहासिक साबित होगा साय कैबिनेट का फैसला

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित मंत्रीपरिषद की बैठक में वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग के एक महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह प्रस्ताव राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि के बाजार मूल्य निर्धारण से संबंधित है, जिसमें किसानों, भू-अर्जन से प्रभावित हितग्राहियों और राजस्व से जुड़े मामलों में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने का प्रयास किया गया है।
अनुमोदित प्रस्ताव के तहत ग्रामीण कृषि भूमि के बाजार मूल्य की गणना के लिए 500 वर्गमीटर तक के भू-खण्ड की दर को समाप्त करते हुए सम्पूर्ण रकबा की गणना हेक्टेयर दर से की जाएगी। भारतमाला परियोजना और बिलासपुर के अरपा भैंसाझार में जिस तरह की अनियमितताएं सामने आई थीं, उनसे बचने के लिए यह व्यवस्था मददगार होगी। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र की परिवर्तित भूमि का मूल्यांकन सिंचित भूमि के ढाई गुना करने के प्रावधान को विलोपित करने के साथ ही शहरी सीमा से लगे ग्रामों की भूमियों और निवेश क्षेत्र की भूमियों के लिए वर्गमीटर में दरों का निर्धारण किया जाएगा। इस प्रस्ताव के लागू होने से भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामलों में विवादों की संख्या घटेगी और किसानों को पारदर्शी और न्यायसंगत मुआवजा मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि यह निर्णय नीति निर्माण की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है। उन्होंने इस निर्णय को किसानों और भूमि अधिग्रहण से प्रभावित हितग्राहियों के हित में एक ऐतिहासिक कदम बताया है। उनका मानना है कि गाइडलाइन दरों की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाकर हम न सिर्फ किसानों को न्याय दिलाएंगे बल्कि राज्य की विकास परियोजनाओं की रफ्तार को भी गति देंगे। यह बदलाव राज्य में भूमि मूल्य निर्धारण की प्रणाली को अधिक पारदर्शी, सरल और विवाद-मुक्त बनाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास होगा।
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Chhattisgarh: दिल्ली में मुख्यमंत्री साय ने प्रदेश के सांसदों से की मुलाकात, रात्रि भोज में हुई सार्थक चर्चा

New Delhi: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली स्थित 17, छत्तीसगढ़ सदन में राज्य के सांसदों से सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर आयोजित रात्रि भोज के दौरान मुख्यमंत्री ने सांसदों के साथ राज्य और राष्ट्र के समसामयिक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।मुख्यमंत्री ने सभी सांसदों को छत्तीसगढ़ के समग्र विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों की सक्रिय उपस्थिति और सहभागिता से राज्य के हित और ज़मीनी ज़रूरतें राष्ट्रीय फलक पर बेहतर ढंग से प्रस्तुत हो पाती हैं।
इस सौहार्दपूर्ण मुलाक़ात में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में हो रहे व्यापक परिवर्तनों की चर्चा भी हुई। सांसदों ने छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार की योजनाओं की प्रगति को लेकर फीडबैक साझा किया और राज्य के जमीनी अनुभवों से अवगत कराया।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति, निवेश आकर्षण, युवाओं को मिल रहे नए अवसर, किसानों की आर्थिक सशक्तिकरण योजनाओं और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हो रहे परिवर्तनकारी विकास कार्यों की भी विस्तार से जानकारी दी।
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CG Cabinet: ऑनलाइन होगी रेत खदानों की नीलामी, नवा रायपुर के परसदा में खुलेगी इंटरनेशनल लेवल की क्रिकेट अकादमी

Raipur: मुख्यमंत्री साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।मंत्रिपरिषद द्वारा साधारण रेत के उत्खनन और परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण तथा रेत के उत्खनन एवं नियमन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत (उत्खनन एवं व्यवसाय) नियम 2019 एवं छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत उत्खनन एवं व्यवसाय (अनुसूचित क्षेत्र हेतु) नियम 2023 को निरसित करते हुए नवीन नियम ‘‘छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत (उत्खनन एवं व्यवसाय) नियम-2025‘‘ का अनुमोदन किया गया।
नए नियमों से रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे, जिससे आम जनता को उचित दरों पर रेत उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही रेत उत्खनन में पर्यावरण और सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा। प्रस्तावित नियमों में रेत खदान आवंटन की कार्यवाही इलेक्ट्रॉनिक नीलामी के माध्यम से की जाएगी। इससे राजस्व में भी वृद्धि होगी।
कृषि भूमि के बाजार मूल्य की गणना हेक्टेयर दर से होगी
कृषि भूमि के बाजार मूल्य दरों के निर्धारण के संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के वाणिज्य कर पंजीयन विभाग से प्राप्त प्रस्ताव का मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन किया गया, जिसके तहत ग्रामीण कृषि भूमि के बाजार मूल्य की गणना के लिए 500 वर्गमीटर तक के भू-खण्ड की दर को समाप्त करते हुए सम्पूर्ण रकबा की गणना हेक्टेयर दर से की जाएगी। भारतमाला परियोजना और बिलासपुर के अरपा भैंसाझार में जिस तरह की अनियमितताएँ सामने आई थीं, उनसे बचने के लिए यह व्यवस्था मददगार होगी। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र की परिवर्तित भूमि का मूल्यांकन सिंचित भूमि के ढाई गुना करने के प्रावधान को विलोपित करने के साथ ही शहरी सीमा से लगे ग्रामों की भूमियों और निवेश क्षेत्र की भूमियों के लिए वर्गमीटर में दरों का निर्धारण किया जाएगा।
नवा रायपुर(अटल नगर) के परसदा में बनेगी अंतरराष्ट्रीय स्तर की अकादमी
मंत्रिपरिषद् की बैठक में छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ (cscs) को नवा रायपुर (अटल नगर) के सेक्टर-3, ग्राम परसदा में क्रिकेट अकादमी की स्थापना के लिए 7.96 एकड़ भूमि आबंटित किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। नवा रायपुर में अत्याधुनिक क्रिकेट अकादमी की स्थापना से राज्य के प्रतिभावान खिलाड़ियों को उनके कौशल और प्रतिभा को निखारने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मिलेगी।छत्तीसगढ़ राज्य में क्रिकेट के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। राज्य के कई युवा खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता अर्जित की है। क्रिकेट अकादमी की स्थापना से राज्य के खिलाड़ियों को क्रिकेट के क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा वहीं छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान मिलेगी।
छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम, 2015 में संशोधन का निर्णय
मंत्रिपरिषद द्वारा भारत सरकार के खान मंत्रालय के नवीन दिशा-निर्देश और प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY)-2024 के संशोधित गाईडलाईन्स के अनुसार छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम, 2015 में आवश्यक संशोधन किये जाने का निर्णय लिया गया है। इससे न्यास के पास उपलब्ध राशि का न्यूनतम 70 प्रतिशत राशि का व्यय उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र जैसे पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, महिला एवं बाल कल्याण, वृद्ध एवं निःशक्तजन के कल्याण के साथ ही कौशल विकास एवं रोजगार, स्वच्छता, आवास, पशुपालन के समग्र विकास पर किया जाएगा।
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