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MP Cabinet: प्रदेश की 20,600 सुदूर बसाहटों को मुख्य सड़क से जोड़ा जाएगा, 30,900 किमी सड़क का होगा निर्माण

Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में संपन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा मुख्यमंत्री मजरा-टोला सड़क योजना अंतर्गत प्रदेश के सुदूर बसाहटों मजरा/टोला/धोनी/पुरा इत्यादि को बारहमासी संपर्कता प्रदान करने 21 हजार 630 करोड़ रुपए की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई। स्वीकृति अनुसार योजना का क्रियान्वयन 2 चरणों में किया जायेगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक पहले चरण एवं वित्तीय वर्ष 2030-31 से 2034-35 तक दूसरे चरण में कुल अनुमानित 30 हजार 900 कि.मी. मार्ग का निर्माण होगा। योजना का क्रियान्वयन राज्य मद से किया जायेगा। योजना के संबंध में मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की साधिकार समिति को निर्णय लिये जाने के लिए अधिकृत किया गया है।
स्वीकृति अनुसार न्यूनतम 20 आवास और 100 से अधिक जनसंख्या वाले 6 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले ऐसे क्षेत्र, जिसके 50 मीटर की दूरी में पूर्व से बारहमासी सड़क न हो, को बसाहट के अंतर्गत लिया जायेगा। इसके लिए बसाहट की जनसंख्या के घटते क्रम में विधानसभा क्षेत्रवार प्राथमिकता सूची तैयार की जायेगी। सांसद, क्षेत्रीय विधायक और जिला पंचायत सदस्यों के परामर्श पर ग्रामीणजनों की स्थानीय आवश्यकता जैसे – सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के आधार पर बसाहटों की प्राथमिकता में कलेक्टर द्वारा लिपिबद्ध कारणों से सूची में परिवर्तन किया जा सकेगा। अंतिम प्राथमिकता सूची का राज्य स्तर पर प्रकाशन किया जायेगा। योजना अंतर्गत 20 हजार 600 बसाहटों को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए लगभग 30 हजार 900 किलोमीटर मार्ग का निर्माण किया जायेगा।
प्रदेश के बाहर से आयातित तुअर पर मंडी फीस से पूर्णतः छूट दिए जाने का निर्णय
मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में तुअर दाल उद्योगों की आवश्यकता को देखते हुए प्रदेश में बाहर से आयातित तुअर पर मंडी शुल्क से पूर्णतः छूट दिए जाने का निर्णय लिया गया। छूट दिए जाने से प्रदेश में तुअर दाल की पर्याप्त उपलब्धता होगी। साथ ही परिवहन बढेगा और रोजगार में वृद्धि होगी।
झाबुआ, सिंगरौली, देवास, नर्मदापुरम में वर्किंग वूमन हॉस्टल निर्माण का सैद्धांतिक अनुमोदन
मंत्रि-परिषद द्वारा झाबुआ, सिंगरौली, देवास और नर्मदापुरम में कामकाजी महिलाओं के जीवन को आसान बनाने के उद्देश्य से SASCI (स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इनवेस्टमेंट) 2024-25 योजना अंतर्गत स्वीकृत 350 सीट्स की क्षमता वाले 4 वर्किंग वूमन हॉस्टल के निर्माण का सैद्धांतिक अनुमोदन दिया गया है। योजना पी.पी.पी मोड में संचालित की जायेगी। योजना पर 40 करोड़ 59 लाख रुपए खर्च होंगे।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में ”जिला विकास सलाहकार समिति” के गठन की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा जिले के विकास योजना के लिए रोडमेप तैयार करने और जिले की दीर्घकालीन विकास योजनाएं बनाने के लिए सभी जिलों में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में “जिला विकास सलाहकार समिति” का गठन किये जाने का अनुमोदन दिया गया। उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट भाषण में मध्यप्रदेश के समस्त जिलों में जिला विकास सलाहकार समिति का गठन किये जाने संबंधी निर्देश दिये गये थे।जिला विकास सलाहकार समिति में जिले के प्रभारी मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। सांसद, जिले के समस्त विधायक, जिला मुख्यालय के महापौर या नगरपालिका अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष, जिले के सभी जनपद अध्यक्ष के साथ उद्योग, व्यापार, प्रगतिशील किसान, समाज सेवी, चिकित्सा, विधि आदि क्षेत्रों के 20 प्रतिनिधियों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। कलेक्टर समिति के सदस्य सचिव होंगे।
समिति के उद्देश्यों में जिले की जनता, जनप्रतिनिधियों व अन्य हितधारकों की जरूरतों और सुझावों के अनुसार जिले के दीर्घकालीन विकास की योजनाएं बनाना है। साथ ही समिति जिले के परंपरागत कौशल को चिन्हित कर प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल” के सिद्धांत के दृष्टिगत उन्हें राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देते हुए जिले की समृद्धि का रोडमैप तैयार करेगी। जिले की स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए शासकीय योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने के सुझावों पर समिति विचार करेगी।
जिले में स्थानीय प्रयासों से प्रचलित नवाचारों को एक योजना के रूप में मूर्त रूप देना। जिले में रोजगार सृजन एवं विकसित मध्यप्रदेश के लक्ष्यों के संबंध में सुझाव, उद्योग, व्यापार, जल संरचनाओं के संरक्षण, निर्यात, कृषि, खनिज आदि क्षेत्रों में जिले की कार्ययोजना के लिए सुझाव देना शामिल है।
एमबीबीएस के लिये मेधावी विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में दी जायेगी छात्रवृत्ति
मंत्रि-परिषद ने एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिये मध्यप्रदेश के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में निर्धारित अधिकतम शुल्क की राशि के समरूप राशि को मेधावी विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में छात्रवृत्ति दिए जाने की स्वीकृति दी है। यह अतिरिक्त शुल्क की पूर्ण प्रतिपूर्ति के लिये आवश्यक शेष धनराशि योजनातर्गत विद्यार्थियों को ब्याज रहित ऋण के रूप में शासन द्वारा दी जाएगी। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजनांतर्गत एमबीबीएस पाठ्यक्रम में लाभ के लिये NEET परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक डेढ़ लाख (1.5 लाख) के अंतर्गत प्राप्त करने वाले विद्यार्थी ही पात्र होंगे। मध्यप्रदेश के मूल निवासी विद्यार्थियों को NEET परीक्षा के माध्यम से मध्यप्रदेश के शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों और केंद्र सरकार के सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों के एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त करने पर यह लाभ दिया जा सकेगा। यह व्यवस्था शैक्षणिक सत्र 2025-26 से प्रवेशित विद्यार्थियों पर प्रभावशील होगी।
उल्लेखनीय है कि पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद आगामी 5 वर्षों के लिये राज्य शासन द्वारा निर्धारित ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करने पर सेवाकाल के अनुपात में ऋण की अतिशेष राशि को कम माना जा सकेगा। निर्णयानुसार ढाई वर्ष कार्य करने पर 50 प्रतिशत ऋण भुगतान किया हुआ माना जाएगा। पांच वर्ष की सेवा के बाद अतिदेय राशि को शून्य मान्य किया जा सकेगा। पांच वर्ष की ग्रामीण क्षेत्र की कार्य करने की सेवा संबंधी शर्त पूरी नहीं करने की स्थिति में अनुपातिक रूप से शेष ऋण की राशि शासन को वापस किया जाना आवश्यक होगा।
योजना के क्रियान्वयन में सही एवं पात्र हितग्राहियों को लाभ प्राप्त हो सके, इसके लिये योजना के पोर्टल अन्य समान योजनाओं के पोर्टल से समन्वित किए जाएंगे। इसके हितग्राही मध्यप्रदेश में ही 5 वर्ष के लिए कार्य करें, यह सुनिश्चित करने के लिए लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। स्व-प्रमाणीकरण से आय के प्रमाणन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश सामान्य प्रशासन विभाग एवं वित्त विभाग के साथ समन्वय कर तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार विभाग द्वारा जारी किए जाएंगे।
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MP News: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में राहत-बचाव कार्य प्रबंधन की समीक्षा की, अफसरों से बचाव कार्यों का लिया अपडेट

Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जान-माल की सुरक्षा सर्वोपरि है। जलमग्न क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित निकालना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में जिला एवं पुलिस प्रशासन सहित होमगार्ड, आपदा प्रबंधन दल सब मिल जुलकर पूरी सजगता और सतर्कता से कार्य करें। राहत एवं बचाव दल पूरी तैयारी से रहें और जरूरमंदों तक तत्काल सभी प्रकार की मदद पहुंचाई जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बुधवार को होमगार्ड मुख्यालय स्थित आपदा प्रबंधन कक्ष (स्टेट कमांड सेंटर) पहुंचकर प्रदेश के कई जिलों में भारी वर्षा के चलते उत्पन्न परिस्थितियों की जानकारी ली और जन सुरक्षा प्रबंधन के संबंध में अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा की।
समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव गृह जे.एन. कंसोटिया, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना, डीजी होमगार्ड प्रज्ञा श्रीवास्तव, एडीजी ए. सांई मनोहर, सचिव एवं आयुक्त जनसम्पर्क डॉ. सुदाम खाड़े सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बताया गया कि प्रदेश में बीते तीन दिनों से भारी वर्षा हो रही है। भारी वर्षा के चलते प्रदेश के कुछ जिलों में गांव और घरों में पानी भर जाने जैसी उत्पन्न परिस्थितियों में अब तक 2900 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। प्रदेश में जहां-जहां अतिवर्षा की सूचना और लोगों के बाढ़ के पानी फंस जाने की जानकारी मिली है, वहां पूरी क्षमता से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आपदा नियंत्रण कक्ष से जिलों में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों का लाइव ऑपरेशन का अवलोकन किया। उन्होंने आपदा बचाव दल में तैनात अधिकारियों से बात की और राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बचाव दल के अधिकारियों से पूछा कि बाढ़ से बचाव में किसी प्रकार के संसाधन की कमी तो नहीं है? अधिकारियों ने बताया कि सभी संसाधन उपलब्ध हैं और प्रशासन के साथ-साथ ग्रामीणों और सिविल सोसाइटी से भी मदद मिल रही है। मुख्यमंत्री ने जलमग्न इलाकों से सुरक्षित निकाले गए पीड़ितों से रू-ब-रू चर्चा की। मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ितों से कहा कि चिंता करने की कोई बात नहीं है, सरकार हर कदम पर आपके साथ है। पीड़ितों के घर, सामान, फसल, पशु जिसकी भी हानि हुई है, सरकार उसकी समुचित भरपाई करेगी।
जीवन बचाने में मददगारों को पुरस्कृत किया जायेगा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जिला कलेक्टर्स को निर्देशित किया कि वे सभी तरह का ऐहतियात बरतें। आपदा नियंत्रण के सभी इंतजाम तैयार रखें। बाढ़ आने की स्थिति में तत्काल लोगों का रेस्क्यू करें। उन्होंने कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि बाढ़ का पानी कम होते ही जल्द से जल्द नुकसान का सर्वे करा लें और अतिवर्षा तथा बाढ़ से जो भी नुकसान हुआ है, उन्हें समुचित मुआवजा देने के लिए विधिवत् प्रस्ताव तैयार कर लें। सरकार हर बाढ़ पीड़ित की भरपूर मदद करेगी। कलेक्टर्स ने बताया कि लोगों को बाढ़ प्रभावितों क्षेत्रों से सुरक्षित निकालने में सामाजिक संगठनों ने भी मदद की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावितों को सुरक्षित निकालकर उनका जीवन बचाने में मदद करने वाले लोगों की सूची तैयार कर लें, सरकार ऐसे साहसी, परोपकारी और मददगार लोगों को आगामी 15 अगस्त और अन्य अवसरों पर भी सम्मानित करेगी। इन्हें पुरस्कार भी दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्वालियर संभाग के गुना, शिवपुरी, दतिया और अशोकनगर, सागर संभाग के सागर, दमोह, छतरपुर, भोपाल संभाग के विदिशा एवं रायसेन जिले में बाढ़ राहत एवं बचाव कार्यों की विस्तार से जानकारी ली और यहां चल रहे रेस्क्यू कार्यों का लाइव अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री ने बचाव दल के अधिकारियों से लाइव चर्चा करते हुए कहा कि किसी की जान बचाना सेवा का काम है। इसी भाव और पूरे समर्पण से अपना कार्य करें। सरकार के स्तर से जिस प्रकार की मदद की आवश्यकता है वह बताएं, सरकार समुचित व्यवस्थाएं करेगी। उन्होंने कहा कि यदि नाव से किसी बाढ़ प्रभावित को सुरक्षित निकालना या बचा पाना संभव न हो, तो ऐसी स्थिति में सरकार हेलीकॉप्टर के जरिए प्रभावितों को एयरलिफ्ट करायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और अति वर्षा से नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आपदा प्रबंधन कक्ष से जिलों में मौजूद व्यवस्थाओं, अलर्ट सिस्टम्, निगरानी तंत्र और अब तक किए गए सभी प्रकार के रेस्क्यू ऑपरेशन्स का भी जायजा लिया। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जिलों में बाढ़ आपदा कंट्रोल रूम निरंतर सक्रिय रहें और प्रशासन के साथ बेहतर समन्वय बनाकर कार्य करें।
तेज बहाव वाले किसी भी पुल-पुलिया से आवागमन न करें
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे वर्षा थमने तक बेहद सतर्क रहें, सजग रहें। बाढ़ प्रभावितों को बचाने में मदद भी करें। उन्होंने कहा कि नागरिक बाढ़ वाले नदी-नाले में उतरने से बचें और तेज बहाव वाले किसी भी पुल-पुलिया से आवागमन कतई न करें। उन्होंने कहा कि बारिश में करंट फैलने की आशंका के चलते बिजली के तार खुले न छोड़े जाएं। उन्होंने कहा कि कच्चे मकान में रहने वाले सावधानी बरतें, क्योंकि अति वर्षा से इनके क्षतिग्रस्त होने की आशंका बनी रहती है। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स से कहा कि जिन लोगों का रेस्क्यू किया गया है, उनके सुरक्षित निवास, भोजन, स्वच्छ पेयजल, दवा, कपड़े और अन्य जरूरतों की भी समुचित व्यवस्था कर सभी पीड़ितों को उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा कि बाढ़ आपदा की स्थिति में सरकार हर पीड़ित के साथ है, किसी को भी असहाय नहीं रहने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जिलों में बचाव दल के अधिकारियों और कलेक्टर्स से चर्चा कर उनके क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति, रेसक्यू ऑपरेशन्स की अपडेट सहित पीड़ितों को प्रशासन द्वारा मुहैया कराई जा रही राहत के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। लोगों को बचाने में सरकार प्रशासन, सेना, आपदा प्रबंधन दल सब साथ हैं। बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित निकालने में कोई भी कमी न रखें। यदि उनके जिले में अतिवर्षा का अलर्ट आया है, तो आवश्यकता के अनुरूप स्कूली बच्चों की छुट्टी आदि भी घोषित कर दें, ताकि किसी प्रकार की अनहोनी की आशंका ही न रहे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मौसम विभाग की चेतावनी का जिक्र करते हुए कहा कि सभी जिलों के कलेक्टर्स हाई अलर्ट पर रहें और किसी भी क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित होने की जानकारी मिलते ही राहत एवं बचाव दल को तत्परतापूर्वक वहां पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि कलेक्टर्स अपने अलर्ट सिस्टम और निगरानी तंत्र को और मजबूत बना लें, क्योंकि बाढ़ की सूचनाएं जितनी जल्दी मिलेंगी, राहत और बचाव दल उतनी ही शीघ्रता से पहुंच पायेंगे।
उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग द्वारा अगले 24 घंटों में प्रदेश के नर्मदापुरम्, हरदा, गुना, शिवपुरी और रायसेन जिले में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा, विदिशा, सीहोर, राजगढ़, बैतूल, भोपाल खंडवा, देवास, शाजापुर, नरसिंहपुर, श्योपुर, आगर-मालवा, नीमच, अशोकनगर, पांढुरना और छिंदवाड़ा जिले अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी वर्षा और खरगोन, अलीराजपुर, धार, इन्दौर, रतलाम, उज्जैन, मंदसौर, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, जबलपुर,सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीमकगढ़ और निवाड़ी जिले में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने की चेतावनी जारी की गई है। राज्यस्तरीय स्टेट कमांड सेंटर और जिलों में स्थापित बाढ़ नियंत्रण कक्षों द्वारा सरकार, सेना और मौसम विभाग के सतत् संपर्क में रहकर सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
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MP News: भोपालवासियों को जल्द मिलेगी मेट्रो ट्रेन की सौगात, ट्रायल रन के दौरान मुख्यमंत्री ने की सवारी

Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारी सरकार भोपालवासियों को बहुत जल्द (अक्टूबर 2025 तक) मेट्रो ट्रेन की सौगात देने के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इंदौर में यात्री मेट्रो सेवा शुरू हो चुकी है। जनता से इसे बहुत अच्छा रिस्पांस मिला है। भोपाल मेट्रो ट्रेन का काम भी तेजी से जारी है। कुछ काम शेष रह गया है, जो डेढ़ से दो महीने में पूरे कर लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भोपाल मेट्रो का टेस्ट रन चल रहा है। रिसर्च डिजाइन स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) द्वारा भोपाल मेट्रो निरीक्षण पूरा कर लिया गया है। शीघ्र ही कमिश्नर, मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) निरीक्षण के लिए आएंगे। कमिश्नर रेल सेफ्टी से अनुमति मिलते ही भोपाल मेट्रो ट्रेन का प्रायोरिटी कॉरीडोर आमजन के लिए खोल दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को भोपाल मेट्रो ट्रेन के कार्यों का बारीकी से मुआयना करने के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, अपर मुख्य सचिव, नगरीय विकास एवं आवास संजय दुबे, समाजसेवी रविन्द्र यति, राहुल कोठारी, सहित एमपी मेट्रो ट्रेन कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की मेट्रो ट्रेन की सवारी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रविवार को भोपाल मेट्रो ट्रेन की सवारी कर इसकी ट्रायल यात्रा (टेस्ट रन) की। मुख्यमंत्री ने तीन डिब्बों वाली मेट्रो ट्रेन में सुभाष नगर स्टेशन से एम्स तक और वापसी में एम्स से आरकेएमपी स्टेशन तक टेस्ट रन लेकर इसमें मौजूद सुविधाओं और खूबियों को जाना। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार नागरिक सुविधाएं बढ़ाने के लिए तेजी से अग्रसर है। पीएम मोदी ने इंदौर और भोपाल शहर को मेट्रो ट्रेन की सौगात दी है। उनके मार्गदर्शन में हमारी सरकार भोपाल मेट्रो ट्रेन का शीघ्र लोकार्पण करने की तैयारी कर रही है। उन्होंने मेट्रो ट्रेन के सफर को आनंददायक बताते हुए कहा कि हम जल्द से जल्द भोपाल के हर नागरिक को इस आनंदमयी यात्रा का उपहार देना चाहते हैं।
मेट्रो की यात्रा से पहले मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भोपाल मेट्रो रेल के प्रायोरिटी कॉरीडोर के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री सुभाष नगर मेट्रो स्टेशन के समीप स्थापित मेट्रो ट्रेन के सेंट्रल कंट्रोल रूम (कमांड सेंटर) भी पहुंचे और वहां से मेट्रो ट्रेन संचालन के बारे में तकनीकी जानकारी प्राप्त की। अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने मुख्यमंत्री को मेट्रो ट्रेन के लिए अबतक के विकास घटनाक्रम की विस्तार से जानकारी दी।
अक्टूबर 2025 तक मेट्रो ट्रेन शुरू कर देना हमारा लक्ष्य
मेट्रो ट्रेन की सवारी के उपरांत मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आरकेएमपी स्टेशन पर मीडिया को संबोधित कर भोपाल मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस परियोजना को कुल 6941.40 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया जा रहा है। सुभाष नगर स्टेशन से एम्स स्टेशन तक अनुमानित 2225 करोड़ रुपए की लागत से प्रायोरिटी कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इसका कार्य अंतिम चरण में है। अक्टूबर 2025 तक इस प्रायोरिटी कॉरीडोर में मेट्रो ट्रेन का संचालन शुरू कर देना हमारा लक्ष्य है। भोपाल मेट्रो के दोनों कॉरिडोर्स (ऑरेंज और ब्लू लाइन) वर्ष 2030 से पहले पूर्ण रूप से चालू कर देने का हमारा रोडमैप तैयार है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि भोपाल मेट्रो की डिजाइन स्पीड 90 किमी प्रति घंटा होगी। इसकी ऑपरेशनल स्पीड 40-60 किमी घंटा होगी। हर मेट्रो स्टेशन के बीच मात्र 2 मिनट का समय लगेगा। मेट्रो में यात्रियों के लिए एस्केलेटर, लिफ्ट, ब्रेल साईनेज, शुद्ध पेयजल, स्वच्छ शौचालय और त्वरित सूचनाएं देने की सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाएं होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार मेट्रो ट्रेन में दिव्यांगजनों के लिए भी पूरी तरह से समावेशी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही है। सभी मेट्रो स्टेशन्स पर दिव्यांगजनों के लिए सुगम आवागमन की सुविधाएं होंगी। उन्होंने बताया कि भोपाल मेट्रो ट्रेन परियोजना के लिए कुल 27 अत्याधुनिक मेट्रो ट्रेन सेट होंगे इनमें से 7 ट्रेन सेट भोपाल पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि मेट्रो से न केवल सुविधाजनक यात्रा ही संभव होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण में भी इसकी प्रभावी भूमिका होगी।
इंदौर मेट्रो का पूरा सेक्शन इसी साल के अंत तक प्रारंभ करने की तैयारी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इंदौर मेट्रो ट्रेन के शेष कार्यों की प्रगति की जानकारी भी मीडिया को दी। उन्होंने कहा कि इंदौर में मेट्रो ट्रेन की सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इंदौर मेट्रो का पूरा सेक्शन, जो सुपर कॉरीडोर से मालवीय नगर चौराहा (रेडिसन चौराहा) तक इसी साल के अंत तक प्रारंभ हो जाए। इससे इंदौर शहरवासियों को पूर्ण मेट्रो ट्रेन सुविधा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि इंदौर और भोपाल में विश्वस्तरीय मेट्रो ट्रेन सेवा समय पर शुरू हो, जिससे आमजन को सार्वजनिक परिवहन का एक सरल, सहज, सुगम, बेहतर और सुरक्षित माध्यम मिल सके।
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MP Weather: मध्यप्रदेश में बारिश का स्ट्रांग सिस्टम एक्टिव, अगले 4-5 दिन जारी रह सकता है झमाझम बारिश का दौर

MP Rain Alert: मध्य प्रदेश में स्ट्रांग सिस्टम एक्टिव होने की वजह से पूरे प्रदेश में झमाझम बारिश का दौर जारी है। इससे प्रदेश के अधिकांश जिलों में नदी नाले ऊफान पर हैं। मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिकों का कहना है कि तीन ट्रफ, दो साइक्लोनिक सकुर्लेशन और एक डिप्रेशन की वजह से प्रदेश में स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। जिससे कहीं अति भारी तो कहीं भारी बारिश का दौर है। यह दौर अगले चार दिन तक बना रहेगा। शनिवार को इंदौर, रतलाम, सतना, छतरपुर, दतिया, उमरिया, नरसिंहपुर, उज्जैन, ग्वालियर, टीकमगढ़ और मंडला जिले बारिश से सराबोर रहे। वहीं भोपाल, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, सागर, सिवनी, सीधी, बालाघाट, गुना, खंडवा, रायसेन, बालाघाट, डिंडौरी, शिवपुरी, नरसिंहपुर, सीहोर, मंदसौर, राजगढ़, शाजापुर, नर्मदापुरम, बैतूल, विदिशा समेत कई जिलों में बारिश का दौर जारी रहा।
नदी-तालाब, डैम हुए लबालब, कई बांधों के गेट खोले गए
प्रदेश में हो रही लगातार बारिश के चलते नर्मदापुरम के तवा डैम के 9 गेटों को 10-10 फीट तक खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। बैतूल के सतपुड़ा डैम के 7 गेट खोले गए हैं। जबलपुर के बरगी और रायसेन के बारना डैम के गेटों से भी पानी छोड़ा जा रहा है। प्रदेश में मूसलाधार बारिश के बीच मौसम विभाग ने पूरे एमपी के लिए अलर्ट जारी किया है। लगातार बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। जिसके कारण प्रशासन अपील कर रहा है कि अगर बहुत जरूरी काम न हो तो घर से बाहर न निकलें।
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MP News: प्रदेश में अब पीडीएस में मिलेगा 3KG गेहूं और 2 KG चावल, केंद्र ने मानी राज्य की मांग

Bhopal: मध्यप्रदेश के पात्र पीडीएस हितग्राहियों को अब अधिक मात्रा में गेहूं मिलेगा। वर्षों से चली आ रही इस मांग को मानते हुए केंद्र सरकार ने राशन में चावल की जगह गेहूं ज्यादा देने की मांग को स्वीकार कर लिया है। अब प्रदेश में राशन के रूप में 75 प्रतिशत गेहूं और 25 प्रतिशत चावल का वितरण किया जाएगा, जबकि पहले यह अनुपात 60% चावल और 40% गेहूं था। प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने हाल ही में नई दिल्ली में केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात कर इस विषय को गंभीरता से उठाया था। इसके बावजूद अब तक का अनुपात व्यावहारिक जरूरतों के विपरीत था।
खाद्य मंत्री राजपूत ने केंद्र को यह तथ्यात्मक जानकारी दी थी कि मध्यप्रदेश में गेहूं का अधिक उत्पादन होता है और आम उपभोक्ता चावल की अपेक्षा गेहूं को प्राथमिकता देते हैं। वहीं पीडीएस में चावल की अधिक मात्रा मिलने के कारण उसका दुरुपयोग या कम कीमतों पर बाजार में बिकने की संभावना बनी रहती है। वहीं यदि हितग्राहियों को उनकी आवश्यकता के अनुसार अधिक मात्रा में गेहूं मिले तो वितरण प्रणाली और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और व्यवहारिक बन सकती है।
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MP News: ‘खाद की कालाबाजारी, अवैध भंडारण पर करें कठोर कार्यवाही’, सीएम के निर्देश- किसानों को खाद उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें

Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि खरीफ 2025 के लिए किसानों को सुविधापूर्वक, व्यवस्थित ढंग से उर्वरक उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। यूरिया की मांग वाले जिलों में आगामी सात दिवस में प्राप्त होने वाले रैक और उर्वरक वितरण व्यवस्था संबंधी जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। राज्य स्तर से उर्वरक व्यवस्था की लगातार समीक्षा की जा रही है। उर्वरक की कालाबाजारी, अवैध भंडारण, टैगिंग, मिस ब्रांडिंग, अवैध परिवहन पर कठोर कार्यवाही की जाए। विक्रय केन्द्रों पर कृषकों की अधिक भीड़ होने पर अतिरिक्त काउंटर की व्यवस्था कर विक्रय प्रक्रिया संचालित की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह निर्देश मंगलवार को मंत्रालय में आयोजित सहकारिता, राजस्व और किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की संयुक्त समीक्षा बैठक में दिए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विपणन संघ के विक्रय केन्द्रों और पैक्स में निर्धारित अनुपात अनुसार उर्वरक का भंडारण सुनिश्चित किया जाए। जिला कलेक्टर डबल लॉक केन्द्रों, पैक्स और निजी विक्रय केन्द्रों का आकस्मिक रूप से निरीक्षण कर स्कंध का सत्यापन सुनिश्चित करें। अनुदानित यूरिया के उपयोग की पशुआहार, पोल्ट्री फीड, लेमिनेशन, रेसिन, प्लाईवुड, पेंट, शराब उद्योग, प्रिंटिंग और मिलावटी दुग्ध उत्पादन में उपयोग की संभावना रहती है। उन्होंने इन स्थानों का औचक निरीक्षण कर अनुदानित यूरिया पाए जाने पर कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नैनो यूरिया के उपयोग को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि किसानों की आवश्यकतानुसार उर्वरक की घर पहुंच सेवा आरंभ करने पर भी विचार किया जाना चाहिए। इससे अनुदानित यूरिया के दुरूपयोग को रोका जा सकेगा। बैठक में बताया गया कि उर्वरकों की कालाबाजारी, अवैध भंडारण या परिवहन और नकली उर्वरकों के संबंध में अब तक 30 एफ.आई.आर. की गईं, 56 लायसेंस निरस्त, 70 लाइसेंस निलंबन और 188 विक्रय प्रतिबंधित करने की कार्यवाही की गई है।
बैठक में राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना, सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव अनुराग जैन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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CG Cabinet: ऑनलाइन होगी रेत खदानों की नीलामी, नवा रायपुर के परसदा में खुलेगी इंटरनेशनल लेवल की क्रिकेट अकादमी
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MP News: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में राहत-बचाव कार्य प्रबंधन की समीक्षा की, अफसरों से बचाव कार्यों का लिया अपडेट
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US Tariffs On India: ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ का ऐलान किया, रूस के साथ व्यापार के लिए पैनेलटी भी लगाएगा
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Bihar: जमीन से जुड़े कागजातों में सुधार के लिए चलेगा राजस्व महा अभियान, 16 सितंबर से घर पर आएगी टीम