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MP Cabinet: गौ-शालाओं को प्रति गाय मिलने वाली राशि डबल, पीपीपी मोड पर खुलेंगे मेडिकल कॉलेज

Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में संपन्न हुई। कैबिनेट द्वारा प्रदेश में निराश्रित गौवंश की समस्या के निराकरण के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अंतर्गत “मध्यप्रदेश राज्य में स्वावलंबी गौशालाओं की स्थापना की नीति : 2025” की स्वीकृति देने का निर्णय लिया गया हैं।
गौ-शालाओं को प्रति गाय 40 रुपए प्रति दिवस किए जाने का निर्णय
मंत्रि-परिषद द्वारा गौशालाओं की स्थापना को प्रोत्साहित करने और मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के अनुक्रम में गौ-शालाओं को 20 रुपए प्रति गौवंश प्रति दिवस से बढ़ाकर 40 रुपए प्रति गौवंश प्रति दिवस किए जाने का निर्णय लिया गया।
“मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना” को “डॉ. अम्बेडकर विकास योजना” किए जाने की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा राज्य में पशुपालन एवं डेयरी से संबंधित गतिविधियों में रोजगार के नवीन अवसर बढ़ाने, उत्पादकता बढाने, किसानों की आय बढने से जीएसडीपी में वृद्धि और राष्ट्र की जीडीपी में योगदान बढाने के लिए मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना की निरन्तरता (वर्ष 2024-25 तथा 2025-26) रखते हुए योजना का नाम “डॉ. अम्बेडकर पशुपालन विकास योजना” रखे जाने का निर्णय लिया गया। स्वीकृति अनुसार सहकारिता के माध्यम से पशुपालन गतिविधियों के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसान को क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए जायेंगे। नस्ल सुधार के लिए भ्रूण प्रत्यारोपण कार्यक्रम और बांझ निवारण शिविरों का आयोजन किया जायेगा। मुख्यमंत्री डेयरी प्लस कार्यक्रम, चारा उत्पादन कार्यक्रम, प्रदेश की मूल गौवंशीय नस्ल एवं भारतीय उन्नत नस्ल की दूधारू गायों के लिए पुरस्कार कार्यक्रम, मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम तथा पशुपालकों को योजनाओं की जानकारी प्रदाय करने एवं उन्मुखीकरण के लिए प्रचार-प्रसार कार्यक्रम की निरन्तरता पर स्वीकृती दी गयी।
प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए एडसिल (इण्डिया) लिमिटेड से एमओयू किए जाने का निर्णय
मंत्रि-परिषद द्वारा समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत भारत सरकार से संबद्ध संस्था एडसिल (इण्डिया) लिमिटेड के माध्यम से प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किए जाने के लिए एमओयू किए जाने का निर्णय लिया गया। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय से संबद्ध संस्था एडसिल (इण्डिया) लिमिटेड (भारत सरकार की मिनी रत्न श्रेणी-1) सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एन्टरप्राइजेज (सीपीएसई) संस्था है। संस्था के द्वारा म.प्र. में समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत गुणवत्ता सुधार, एलईपी (कक्षा VI-XII) के अंतर्गत स्वीकृत विभिन्न गतिविधियों को संचालित किया जायेगा। इसमें सीखने में वृद्धि कार्यशालाएं, सीखने के परिणाम आधारित मूल्यांकन, राज्य के बाहर वैज्ञानिक एक्सपोजर विजिट, शिक्षक विकास, सतत व्यावसायिक विकास और परिणाम शिक्षण रणनीतियों में सुधार शामिल हैं।
मल्हारगढ़ (शिवना) दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना अंतर्गत मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ (शिवना) दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना लागत राशि 2932 करोड़ 30 लाख रूपये, सैंच्य क्षेत्र 60 हजार हैक्टेयर की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। स्वीकृत परियोजना से मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ तहसील के 32 ग्राम एवं मंदसौर तहसील के 115 ग्राम लाभान्वित होंगे।
विद्युत कंपनियों के लिए कार्यशील पूंजी ऋण सुविधा के लिए शासकीय प्रत्याभूति प्रदान किये जाने की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश की विद्युत कंपनियों के लिए कार्यशील पूंजी ऋण या नगद साख सुविधा के लिए शासकीय प्रत्याभूति प्रदान किये जाने की स्वीकृति दी गयी।
लोक वित्त से वित्त पोषित कार्यक्रमों (योजनाओं) अन्तर्गत आने परीक्षण तथा प्रशासकीय अनुमोदन
मंत्रि-परिषद द्वारा लोक वित्त से वित्त पोषित कार्यक्रमों (योजनाओं) अन्तर्गत आने परीक्षण तथा प्रशासकीय अनुमोदन वाली परियोजनाओं के परीक्षण और प्रशासकीय अनुमोदन की प्रक्रिया का अनुमोदन किया गया हैं। इसे जारी करने के लिए वित्त विभाग को अधिकृत किया गया हैं।
चिकित्सा महाविद्यालयों को पीपीपी मोड पर स्थापित करने संशोधित निविदा प्रपत्र प्रारूप का कार्योत्तर अनुमोदन
मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में चिकित्सा महाविद्यालयों को पीपीपी मोड पर स्थापित करने संशोधित निविदा प्रपत्र प्रारूप को कार्योत्तर अनुमोदन दिया। साथ ही निविदा प्रपत्र में आवश्यक परिवर्तन करने एवं अन्य निराकरण किये जाने के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पी.पी.पी. परियोजनाओं के लिए गठित राज्य स्तरीय सशक्त समिति को अधिकृत किया गया है।
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MP Cabinet: 4.5 लाख पेंशनर्स की महंगाई राहत में 2% की वृद्धि, सोयाबीन के भावांतर को मंजूरी

Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। कैबिनेट द्वारा राज्य के शासकीय पेंशनरों परिवार पेंशनरों को देय मंहगाई राहत की दर में वृद्धि किये जाने का निर्णय लिया गया हैं। राज्य के पेंशनरों / परिवार पेंशनरों को वर्तमान में देय मंहगाई राहत सातवें वेतनमान अंतर्गत 53 प्रतिशत एवं छठवें वेतनमान अंतर्गत 246 प्रतिशत में 1 सितम्बर 2025 (भुगतान माह अक्टूबर, 2025) से वृद्धि की जाकर कुल मंहगाई राहत सातवें वेतनमान अंतर्गत 55 प्रतिशत एवं छठवें वेतनमान अंतर्गत 252 प्रतिशत किये जाने का निर्णय लिया गया हैं। शासकीय पेंशनरों / परिवार पेंशनरों को मंहगाई राहत में वृद्धि करने पर राज्य के कोष पर इस वितीय वर्ष में लगभग 170 करोड़ रूपये का अतिरिक्त व्यय भार आयेगा। छत्तीसगढ़ शासन के पत्र 25 अगस्त 2025 के अनुक्रम में सहमति प्रदान किये जाने के लिए निर्णय लिया गया है।
सोयाबीन किसानों के लिए भावांतर योजना की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा खरीफ वर्ष 2025 में प्रदेश के सोयाबीन के किसानों को लाभांवित किये जाने के लिए भारत सरकार की प्राईज डिफिसिट पेमेन्ट स्कीम लागू की गयी है, जो प्रदेश में भावांतर योजना कहलायेगी। प्रदेश में सोयाबीन भावांतर योजनांतर्गत 24 अक्टूबर, 2025 से 15 जनवरी, 2026 तक सोयाबीन का विक्रय, राज्य की अधिसूचित मंडियों में किया जायेगा। प्रदेश की मंडियों में 14 दिवस के सोयाबीन के विक्रय मूल्य के Weighted औसत के आधार पर सोयाबीन के मॉडल रेट की गणना की जायेगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य से विक्रय दर/मॉडल रेट अंतर की राशि पंजीकृत कृषकों के पोर्टल पर दर्ज बैंक खाते में डी.बी.टी. के माध्यम से अंतरित की जायेगी। एम.एस.पी 5328 रूपये है।
कोदो-कुटकी का पहली बार उपार्जन किये जाने का निर्णय
मंत्रि-परिषद द्वारा प्रमुख कोदो-कुटकी उत्पादक जिलों के कृषकों से पहली बार कोदो-कुटकी उपार्जन का किये जाने का निर्णय लिया, जिससे अधिक से अधिक जनजातीय कृषकों को फायदा होगा। इस के लिए रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना अंतर्गत प्रमुख कोदो-कुटकी उत्पादक जिलों जबलपुर, कटनी, मण्डला, डिंडोरी, छिंदवाडा, शहडोल, अनुपपुर, उमरिया, रीवा, सीधी एवं सिंगरौली के कृषकों से कोदो-कुटकी का उपार्जन किया जायेगा। साथ ही अन्य जिलों से मांग आने पर उन जिले के कृषकों से भी उपार्जन किये जाने पर विचार किया जायेगा।
श्रीअन्न उत्पादक जिलों के कृषकों से श्रीअन्न कंसोर्टियम ऑफ फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (श्रीअन्न फेडरेशन) द्वारा कोदो-कुटकी का उपार्जन किया जायेगा। खरीफ 2025 में उत्पादित श्रीअन्न कुटकी 3500 रूपये प्रति क्विंटल एवं कोदो 2500 रुपये प्रति क्विंटल के मान से लगभग 30 हजार मेट्रिक टन का उपार्जन किया जायेगा। इसके लिए श्रीअन्न फेडरेशन को 80 करोड़ रूपये का ब्याज मुक्त ऋण शासन के मूल्य स्थिरीकरण कोष से प्रदाय किया जायेगा। इसके अतिरिक्त कृषको को प्रोत्साहन राशि के रूप में 1000 रुपये प्रति क्विंटल के मान से संबंधित कृषकों के खातों में डीबीटी के माध्यम से प्रदाय किये जायेंगे।
‘रेशम समृद्धि योजना” के क्रियान्वयन की सैद्धांतिक स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा भारत सरकार की सिल्क समग्र-2 योजना को 25% राज्यांश के साथ, राज्य में रेशम समृद्धि योजना के रूप में क्रियान्वयन की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई। योजना अंतर्गत हितग्राहियों को रेशम उत्पादन संबंधी 23 गतिविधियों में सहायता प्राप्त होगी, जिसमें सामान्य वर्ग के हितग्राही को इकाई लागत की 75 प्रतिशत और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को 90 प्रतिशत आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। इसमें क्रमशः 25 प्रतिशत एवं 10 प्रतिशत हितग्राही अंश रहेगा। योजना के क्रियान्वयन से मलबरी, वन्या और पोस्ट ककून क्षेत्रों में हितग्राहियों की सतत् रोजगार उपलब्ध होने के साथ उनकी आय में वृद्धि होगी।
वर्तमान में कुल लागत इकाई राशि रूपये 3.65 लाख होती थी जिसमें 2.0875 लाख राज्य शासन से राज्य सहायता प्राप्त होती थी। रेशम समृद्धि योजना में इकाई की कुल लागत राशि रूपये 5 लाख होगी। उसमें से सामान्य वर्ग के हितग्राहियों को केन्द्रांश राशि रूपये 2.50 लाख, राज्यांश राशि रूपये 1.25 लाख एवं हितग्राही का अंश राशि रुपये 1.25 लाख तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को केन्द्रांश राशि रूपये 3.25 लाख, राज्यांश राशि रूपये 1.25 लाख एवं हितग्राही का अंश राशि रूपये 0.50 लाख होगा। यह योजना रेशम किसानों के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होगी।
प्रदेश में (RAMP)” योजना को सैद्धांतिक स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा भारत सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, नई दिल्ली की “Raising and Accelerating MSME Performance” योजना को प्रदेश में सैद्धांतिक रूप से लागू किये जाने की स्वीकृति दी गयी हैं। योजनान्तर्गत प्रदेश के लिए स्वीकृत बजट 105 करोड़ 36 लाख रूपये अन्तर्गत राज्यांश की 30 प्रतिशत राशि 31 करोड़ 60 लाख रूपये की स्वीकृति दी गयी है।
”सरदार पटेल कोचिंग प्रशिक्षण योजना 2021 में नए प्रावधान सम्मिलित करने की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद् द्वारा प्रदेश के “सरदार पटेल कोचिंग प्रशिक्षण योजना वर्ष 2021” के विद्यमान प्रावधानों के साथ अन्य प्रावधानों को सम्मिलित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। योजना अंतर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 एवं आगामी वित्तीय वर्ष 2026-27 में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के 5 हजार युवाओं को विभिन्न रोजगारोन्मुखी प्रतियोगी परीक्षाओं का निःशुल्क परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
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MP News: एमपी के श्योपुर में कब्जाधारियों का बवाल, अतिक्रमण हटाने गए वनकर्मियों पर किया हमला

Sheopur: श्योपुर जिले के श्यामपुर वन परिक्षेत्र के मोरेका गांव में वन विभाग की टीम पर कब्जाधारियों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इस हमले में रेंजर सहित कई वनकर्मी घायल हो गए। जानकारी के अनुसार, टीम जंगल की भूमि पर हो रहे अवैध कब्जे को हटाने गई थी, तभी अतिक्रमणकारियों ने अचानक उन्हें घेर लिया और मारपीट शुरू कर दी।
घटना के समय रेंजर अपने स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे थे। जैसे ही टीम ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की, कब्जाधारियों ने विरोध करते हुए लाठी-डंडों से हमला कर दिया। हमले में रेंजर और कई कर्मचारी घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।
सख्त कार्रवाई की मांग
बताया जा रहा है कि हमलावरों ने टीम को खदेड़ दिया और सरकारी वाहन को भी निशाना बनाने की कोशिश की। किसी तरह वन अमले ने जान बचाकर रघुनाथपुर थाने पहुंचकर पुलिस को घटना की जानकारी दी और हमलावरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। वन विभाग ने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, मोरेका गांव के आसपास की वन भूमि पर लंबे समय से अवैध कब्जे किए जा रहे हैं। विभाग द्वारा कई बार नोटिस देने के बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाया गया। इसी सिलसिले में कार्रवाई के लिए टीम गई थी।
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Cough Syrup Death: छिंदवाड़ा के सिविल सर्जन हटाए गए, पीड़ितों से मिलने परासिया आएंगे राहुल

Cough Syrup Death: मध्यप्रदेश में जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौत का आंकड़ा 20 तक पहुंच गया है। जबकि नागपुर में भर्ती 5 बच्चों की हालत भी गंभीर है। वहीं इस मामले में सही समय पर ठोस कदम न उठाने के विपक्ष के आरोपों में घिरी डॉ. मोहन यादव सरकार एक के बाद एक अधिकारियों पर एक्शन ले रही है। डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने बुधवार को छिंदवाड़ा जिला अस्पताल के सिविल सर्जन नरेश गोन्नाड़े को हटा दिया है। उनकी जगह डॉ. सुशील दुबे नए सिविल सर्जन बनाए गए हैं। हालांकि नरेश गोन्नाड़े सीएमएचओ बने रहेंगे। उन्हें सिर्फ सिविल सर्जन के प्रभार से मुक्त किया गया है।
इससे पहले बुधवार को डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कलेक्ट्रेट में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। स्वास्थ्य मंत्री शुक्ल ने मृतक बच्चों के परिजन से भी मुलाकात की। इससे पहले डिप्टी सीएम मंगलवार रात को नागपुर पहुंचे थे। उन्होंने यहां अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती बीमार बच्चों की हालत और इलाज के बारे में जानकारी ली। इसके बाद शुक्ल छिंदवाड़ा पहुंचे। इस बीच खबर है कि राहुल गांधी 11 या 12 अक्टूबर को छिंदवाड़ा आएंगे। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष परासिया में कफ सिरप पीने से मृत बच्चों के परिजन से मुलाकात करेंगे।
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Cough Syrup: छिंदवाड़ा के दो और बच्चों की मौत, नागपुर में 9 बच्चे भर्ती, CM मोहन ने दिए मुफ्त इलाज के निर्देश

Cough Syrup Death: छिंदवाड़ा में कफ सिरप की वजह से बच्चों की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा है। मंगलवार को नागपुर में इलाज के दौरान दो और बच्चों की मौत हो गई है। पहला मामला तामिया ब्लॉक के भरियाढना गांव का है, जहां की ढाई साल की बच्ची धानी डेहरिया की नागपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। धानी के परिजनों का कहना है कि उसे भी डॉक्टर सोनी ने कोल्ड्रिफ सिरप लिखा था, जिसके सेवन के बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ गई और उसकी किडनी फेल हो गईं। वहीं दो साल की जेयूशा यदुवंशी की भी नागपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। छिंदवाड़ा के जुन्नारदेव की रहने वाली जेयूशा का भी प्राथमिक उपचार प्रवीण सोनी ने किया था। जेयूशा का इलाज भी नागपुर के GMC हॉस्पिटल में चल रहा था।
अब तक कफ सिरप से 19 बच्चों की मौत हुई
कफ सिरप की वजह से छिंदवाड़ा में अब तक 16 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं बैतूल में दो और पाढुर्ना में एक बच्चे की मौत हुई है। एमपी में बच्चों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। अभी तक कुल 19 बच्चों की मौत हुई है। वहीं राजस्थान में तीन बच्चों की मौत हो चुकी है।
लगातार हो रही मौतों से अभिभावकों में दहशत का माहौल है। कई परिवार अपने बच्चों को बाजार से खरीदी जाने वाली सिरप देसे बच रहे हैं। गांवों में चर्चा है कि बच्चों की बीमारी मामूली सर्दी-खांसी से शुरू होकर कुछ ही दिनों में जानलेवा बन रही है।
CM मोहन यादव ने दिए मुफ्त इलाज के निर्देश
मध्य प्रदेश में जहरीले कैमिकल वाले कोल्ड्रिफ सिरप के कारण किडनी संक्रमण से ग्रस्त कुल 9 बच्चे नागपुर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें छिंदवाड़ा के 7 और बैतूल के 2 बच्चे शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी बच्चों के उपचार का पूरा खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने नागपुर के अस्पतालों में बच्चों के बेहतर इलाज में मदद और समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कार्यपालिक दंडाधिकारी और डॉक्टरों की संयुक्त टीम तैनात की है। यह टीम लगातार अस्पतालों और प्रभावित परिवारों से संपर्क में रहकर बच्चों की स्थिति पर नजर रख रही है।
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Cough Syrup Death: ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप पीने से अब तक 16 बच्चों की मौत, सीएम पहुंचे छिंदवाड़ा, 3 अफसरों पर कार्रवाई

Chhindwara: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप ‘कोल्ड्रिफ’ पीने से 16 बच्चों की मौत के मामले की जांच अब एसआईटी करेगी। एसडीओपी जितेंद्र सिंह जाट के नेतृत्व में 12 सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। मामले में डॉ. प्रवीन सोनी को पहले ही गिरफ्तार कर निलंबित किया जा चुका है। आरोप है कि प्रवीण ने ही ज्यादातर बच्चों को ये कफ सिरप लिखा था। साथ ही कफ सिरप बनाने वाली कंपनी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने डॉक्टर और कंपनी पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 276 (दवा में मिलावट) और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 27A के तहत केस दर्ज किया है। दोष सिद्ध होने पर इसमें 10 साल से उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव पहुंचे छिंदवाड़ा, 3 अफसरों को सस्पेंड करने के निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को परासिया पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर हर संभव मदद का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री ने परिजनों से मिलने के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन के उपसंचालक शोभित कोष्टा, छिंदवाड़ा के ड्रग इंस्पेक्टर गौरव शर्मा और जबलपुर ड्रग इंस्पेक्टर शरद जैन सस्पेंड करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों के परिवारों को मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा घोषित 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता ट्रांसफर कर दी गई है।
सिरप में जहरीले कैमिकल डायएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा 46.2% मिली
कप सिरप की जांच रिपोर्ट शनिवार रात को सामने आ चुकी है। जांच में पता चला कि इस सिरप में खतरनाक जहरीला रसायन मौजूद है। तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट की लैब की जांच में कोल्ड्रिफ (Coldrif) सिरप में 46.2% डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) पाया गया।डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) ऐसा जहरीला रसायन जो आमतौर पर एंटी-फ्रीज और ब्रेक फ्लूइड में इस्तेमाल होता है। ये मानव शरीर में पहुंचते ही किडनी को पूरी तरह तबाह कर देता है। मध्यप्रदेश सरकार ने तत्काल प्रभाव से कोल्ड्रिफ सिरप और कंपनी की सभी दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी।