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Varanasi: महाशिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रोटोकॉल दर्शन पर रोक, तीन दिन के लिए रहेगी व्यवस्था

Varanasi: महाशिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ मंदिर में उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए 3 दिनों तक प्रोटोकॉल दर्शन व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। 25 फरवरी से लेकर 27 फरवरी 2025 तक सभी प्रोटोकॉल दर्शन पर रोक रहेगी। ये फैसला पूज्य साधु-संतों एवं नागा साधुओं के दर्शन पूजन के दृष्टिगत मंदिर न्यास ने ये फैसला लिया है। मंदिर के सीईओ ने आम श्रद्धालुओं की सुविधा एवं सुरक्षा के लिए बनाई गई व्यवस्था में सहयोग की अपील की है।
महाकुंभ पहुंच रहे श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचे रहे वाराणसी
प्रयागराज के महाकुंभ में स्नान के बाद भक्तों की भारी भीड़ वाराणसी में काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए भी पहुंच रही है। ऐसे में कोई अव्यवस्था ना हो, इसलिए काशी विश्वनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि पर 3 दिनों तक प्रोटोकॉल दर्शन व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। महाकुंभ में भारी भीड़ की वजह से घटी कुछ घटनाओं के बाद अयोध्या और वाराणसी में प्रबंधन काफी सतर्क है और छोटी-छोटी बातों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। श्रद्धालुओं के हित को ध्यान में रखते हुए सभी फैसले लिए जा रहे हैं।
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UP News: यूपी पुलिस सिपाही भर्ती का फाइनल रिजल्ट जारी, यहां देखें अपना रिजल्ट

UP Police constable recruitment:उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती का फाइनल रिजल्ट जारी हो गया है। भर्ती बोर्ड में युवाओं को होली का तोहफा देते हुए आज यानी गुरुवार 13 मार्च को दोपहर करीब 1 बजे सिपाही भर्ती परीक्षा का फाइनल परिणाम घोषित कर दिया। उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आरक्षी नागरिक पुलिस के 60,244 पदों पर सीधी भर्ती-2023 का अंतिम परिणाम जारी कर दिया है। अभ्यर्थी बोर्ड की वेबसाइट https://uppbpb.gov.in/ पर जारी लिंक https://ctcp24.com/uppbpbcst23/homepage.aspx पर अपना रिजल्ट देख सकते हैं।
बता दें कि यूपी पुलिस में सिपाही के 60,244 पदों पर सीधी भर्ती के लिए लिखित परीक्षा बीते वर्ष 23, 24, 25, 30 व 31 अगस्त को संपन्न हुई थी। परीक्षा के बाद दस्तावेजों की स्क्रूटनी एवं शारीरिक मानक परीक्षण तथा शारीरिक दक्षता परीक्षा में सफल पाए गए अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा में प्राप्त नार्मलाइज स्कोर के श्रेष्ठताक्रम एवं आरक्षण के लम्बवत एवं क्षैतिज नियमों के अनुसार अंतिम परिणाम जारी किए गए हैं।
विज्ञापित रिक्तियों के सापेक्ष चयनित 60,244 अभ्यर्थियों की समेकित एवं श्रेणीवार चयन सूचियां एवं उससे संबंधित विज्ञप्ति बोर्ड की वेबसाइट पर जारी कर दी गई है। बोर्ड ने सभी प्रतिभागियों को शुचितापूर्ण एवं पारदर्शितापूर्ण भर्ती परीक्षा को आयोजित करने में सहयोग के आभार व्यक्त किया है। साथ ही एवं होली की शुभकामनाएं भी दी हैं।
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UP Cabinet: हार्ड कॉपी के स्टांप पेपर की जगह लेंगे ई-स्टांप, बंद पड़ी सहकारी कताई मिलों में लगेंगे नए उद्योग

Lucknow: राजधानी लखनऊ में सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोकभवन में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई। कैबिनेट में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि कुल 19 प्रस्तावों पर चर्चा हुई। सभी को सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की गई है। इन प्रस्तावों में बंद पड़ी कताई मिलों पर नए उद्योग लगाने को मंजूरी मिली। टैक्सफेड ग्रुप के अंतर्गत उप्र सहकारी कताई मिल्स संघ लिमिटेड कानपुर की बंद पड़ी कताई मिलों की 451.20 एकड़ भूमि के औद्योगिक प्रयोग के लिए यूपीसीडा को नि:शुल्क हस्तांतरित करने को स्वीकृति प्रदान की गई है।
10 हजार से लेकर 25 हजार तक के हार्ड कॉपी स्टांप की जगह लेंगे ई-स्टांप
कैबिनेट की बैठक में स्टांप पेपर को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। अब 10 हजार से लेकर 25 हजार मूल्य तक के हार्ड कॉपी के स्टांप पेपर चलन से बाहर कर दिए जाएंगे। इनकी जगह ई-स्टांप का उपयोग किया जाएगा। इसके लिए 5,630 करोड़ रुपये से अधिक के स्टांप को बीड आउट किया जाएगा। पुराने स्टांप 31 मार्च 2025 तक ही मान्य होंगे। स्टांप प्रणाली में पारदर्शिता और गड़बड़ियों को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
लखनऊ डिफेंस कॉरिडोर में डीटीआईएस की स्थापना के लिए भूमि हस्तांतरित
मंत्रिपरिषद की बैठक में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड के अंतर्गत डीटीआईएस की स्थापना के लिए एसपीवी को 0.8 हेक्टेयर भूमि नि:शुल्क हस्तांतरित करने को लेकर स्वीकृति प्रदान की गई है। डीटीआईएस फैसिलिटी का विकास एक कॉमन टेस्टिंग फैसिलिटी सेंटर के रूप में किया जाएगा। इसमें लखनऊ नोड के अंतर्गत स्थापित रक्षा इकाईयों द्वारा अपने उत्पादों का परीक्षण एवं सर्टिफिकेशन के लिए किया जाएगा।
आगरा मेट्रो रेल परियोजना के लिए भूमि हस्तांतरित
आगरा मेट्रो रेल परियोजना के प्रथम कॉरिडोर के लिए 8684.68 वर्ग मीटर भूमि को आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को नि:शुल्क हस्तांतरित किया गया है। यह जमीन उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की थी। वहीं, द्वितीय कॉरिडोर के लिए गृह विभाग की 20,753 वर्ग मीटर भूमि को भी आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को नि:शुल्क हस्तांतरित किया गया है। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग 90 वर्ष की लीज पर और 30-30 वर्ष के नवीनीकरण के प्राविधानों के सहित एक रुपये प्रतीक मूल्य पर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को भूमि हस्तांतरित करेगा। इसे लेकर कैबिनेट की स्वीकृति मिल गई है।
राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना को दो साल का विस्तार
मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य स्मार्ट सिटी योजना को दो साल के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया गया। यह योजना प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों के लिए लागू होगी। पहले यह योजना पांच साल के लिए थी। अब इसे राज्य स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विस्तार दिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने 2019-20 में प्रदेश में 10 स्मार्ट सिटी का चयन किया था। जबकि, प्रदेश सरकार ने सात शहर, गाजियाबाद, मेरठ, फिरोजाबाद, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, शाहजहांपुर और गोरखपुर को भी शामिल किया था। इस विस्तार से शहरी विकास को नई गति मिलेगी।
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UP News: ‘संभल की जामा मस्जिद अब विवादित ढांचा’, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान लिखवाया

Sambhal Jama Masjid: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को संभल की शाही जामा मस्जिद को सुनवाई के दौरान विवादित ढांचा लिखवाया है। विवादित ढांचे की रंगाई-पुताई की मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष की विवादित ढांचे को बार-बार मस्जिद कहने की आपत्ति के बाद जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने स्टेनो से विवादित ढांचा शब्द लिखने को कहा। अब इलाहाबाद हाईकोर्ट मस्जिद कमेटी की अर्जी पर 10 मार्च को सुनवाई करेगा।
जानकारी के लिए बता दें कि हिंदू पक्ष के वकील हरि शंकर जैन शुरू से ही अपनी याचिका में संभल की जामा मस्जिद को विवादित ढांचा बताते आए हैं। आज भी सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा – ये (मुस्लिम पक्ष) मस्जिद कहेंगे तो हम मंदिर कहेंगे, राम मंदिर के केस में भी उसे (बाबरी मस्जिद) विवादित ढांचा ही कहा जाता था। इसके बाद जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने स्टेनो से विवादित ढांचा शब्द लिखने को कहा।
हिंदू पक्ष कर रहा विवादित ढांचे के ‘हरि हर मंदिर’ होने का दावा
बता दें कि कथित रूप से मुगल शासक बाबर के समय में बनी संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि यह ‘हरि हर मंदिर’ था। जहां पर बाद में मुगलों के शासन के समय विवादित ढांचे का निर्माण किया गया। इसको लेकर हिंदू पक्ष की तरफ से एक वकील ने कोर्ट सर्वे की मांग के साथ स्थानीय कोर्ट में याचिका दायर की थी।
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BSP: मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से किया निष्कासित, बोलीं- ससुर के प्रभाव में कर रहे काम

BSP: बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को बीएसपी के नेशनल कोआर्डिनेटर सहित सभी पद छीनने के बाद अब पार्टी से ही निष्कासित कर दिया है। सोमवार को मायावती ने ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी। उन्होंने एक्स पर लिखा बीएसपी की आल-इण्डिया की बैठक में कल आकाश आनन्द को पार्टी हित से अधिक पार्टी से निष्कासित अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने के कारण नेशनल कोआर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, जिसका उसे पश्चताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी। लेकिन इसके विपरीत आकाश ने जो अपनी लम्बी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी है।
ससुर बने आकाश की सजा की वजह
मायावती ने फैसले को लेकर आगे लिखा- आकाश ने परिपक्वता दिखाने की बजाय जो अपनी लम्बी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी है वह उसके पछतावे व राजनीतिक मैच्युरिटी का नहीं बल्कि उसके ससुर के ही प्रभाव वाला ज्यादातर स्वार्थी, अहंकारी व गैर-मिशनरी है, जिससे बचने की सलाह मैं पार्टी के ऐसे सभी लोगों को देने के साथ दण्डित भी करती रही हूं। अतः परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट के हित में तथा मान्यवर कांशीराम की अनुशासन की परम्परा को निभाते हुए आकाश आनन्द को, उनके ससुर की तरह, पार्टी व मूवमेन्ट के हित, में पार्टी से निष्कासित किया जाता है।
आकाश आनंद ने ये दिया था बयान
आकाश आनंद ने अपनी सफाई में कहा था कि मैं मायावती जी का कैडर हूं, और उनके नेतृत्व में मैने त्याग, निष्ठा और समर्पण के कभी ना भूलने वाले सबक सीखे हैं, ये सब मेरे लिए केवल एक विचार नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य हैं। आदरणीय बहन जी का हर फैसला मेरे लिए पत्थर की लकीर के समान है, मैं उनके हर फैसले का सम्मान करता हूं उस फैसले के साथ खड़ा हूं।
मायावती जी द्वारा मुझे पार्टी के सभी पदों से मुक्त करने का निर्णय मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भावनात्मक है, लेकिन साथ ही अब एक बड़ी चुनौती भी है, परीक्षा कठिन है और लड़ाई लंबी है। ऐसे कठिन समय में धैर्य और संकल्प ही सच्चे साथी होते हैं। बहुजन मिशन और मूवमेंट के एक सच्चे कार्यकर्ता की तरह, मैं पार्टी और मिशन के लिए पूरी निष्ठा से काम करता रहूंगा और अपनी आखिरी सांस तक अपने समाज के हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा।
कुछ विरोधी दल के लोग ये सोच रहे हैं कि पार्टी के इस फैसले से मेरा राजनीतिक करियर समाप्त हो गया, उन्हें समझना चाहिए कि बहुजन मूवमेंट कोई करियर नहीं, बल्कि करोड़ों दलित, शोषित, वंचित और गरीबों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की लड़ाई है। यह एक विचार है, एक आंदोलन है, जिसे दबाया नहीं जा सकता। इस मशाल को जलाए रखने और इसके लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने के लिए लाखों आकाश आनंद हमेशा तैयार हैं।
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BSP: मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी में सभी पदों से हटाया, बोलीं- मेरे जिंदा रहते कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा

Lucknow: बहुजन समाज पार्टी में अंदर मचा हुआ घमासान जारी है। रविवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया। आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ के निष्कासन के बाद उनका यह दूसरा बड़ा फैसला है। मायावती ने एक साल में दूसरी बार आकाश आनंद को उत्तराधिकारी और नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटाया है। वहीं आकाश के पिता आनंद कुमार और राज्यसभा सांसद रामजी गौतम को नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया गया है। इस मौके पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि अब मेरे जिंदा रहने तक मेरा कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। पार्टी और मूवमेंट के हित में रिश्ते नातों का उनके लिए कोई महत्व नहीं है। मायावती ने यह ऐलान लखनऊ में बसपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में दिया।
मेरे जिंदा रहते मेरा कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा- मायावती
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि अब मैंने खुद भी यह फैसला लिया है कि मेरे जीते जी व मेरी आखिरी सांस तक भी अब पार्टी में मेरा कोई भी उत्तराधिकारी नहीं होगा। जिस फैसले का पार्टी के लोगों ने दिल से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मेरे लिए पार्टी व मूवमेन्ट पहले है। भाई-बहन व उनके बच्चे तथा अन्य रिश्ते नाते आदि सभी बाद में हैं।
बैठक में नहीं पहुंचे आकाश आनंद
लखनऊ में हुई बैठक में बसपा के कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष शामिल हुए। हालांकि आकाश आनंद मीटिंग में नहीं पहुंचे। मंच पर अकेले मायावती ही बैठी रहीं। मायावती इससे पहले भी 7 मई 2024 को गलतबयानी की वजह से भतीजे आकाश आनंद से सारी जिम्मेदारियां छीन चुकी हैं। हालांकि 47 दिन बाद ही उन्होंने अपना फैसला पलट दिया था। 3 जून 2024 को उन्होंने भतीजे आकाश को फिर से अपना उत्तराधिकारी बनाया और नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी भी सौंप दी थी।
आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ को ठहराया जिम्मेदार
मायावती ने पूरे घटनाक्रम के लिए भतीजे आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पार्टी व मूवमेन्ट के हित में आकाश आनन्द को पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से अलग कर दिया गया है। जिसके लिए पार्टी नहीं बल्कि पूर्ण रूप से इसका ससुर अशोक सिद्धार्थ ही जिम्मेदार है, जिसने पार्टी को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ आकाश आनन्द के पोलिटिकल कैरियर को भी खराब कर दिया है।