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Chhattisgarh: मुख्यमंत्री साय अब ट्रेन से भी करेंगे राज्य का दौरा, बिलासपुर के लिए अमरकंटक एक्सप्रेस से किया सफर

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Chhattisgarh: Chief Minister Sai will now tour the state by train, traveled by Amarkantak Express to Bilaspur

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय अब ट्रेन से भी प्रदेश के विविध क्षेत्रों का दौरा करेंगे। यह निर्णय सीएम साय ने उस वक्त अचानक लिया जब बिलासपुर में आयोजित कवि सम्मेलन में शामिल होने के लिए बिलासपुर जाने की तैयारियों की बात चली। मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रेन यात्रा मेरे लिए नई नहीं है। विधायक एवं सांसद रहते हुए मैने अनेक बार ट्रेन यात्रा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रेन से यात्रा करने का आनंद यह है कि बहुत से नए लोगों से परिचय होता है, उनसे आत्मीय मुलाकात होती है और ऐसा लगता है कि बहुत बड़े परिवार के साथ यात्रा पर जा रहे हों।

अमरकंटक एक्सप्रेस में किया बिलासपुर तक का सफर

मुख्यमंत्री ने आज शाम अमरकंटक एक्सप्रेस से रायपुर से बिलासपुर के लिए रवाना हुए। वे मुख्यमंत्री निवास से कार द्वारा रेल्वे स्टेशन पहुंचे। वहां बिना विशेष ताम झाम के प्लेटफार्म तक पहुंच गए। मुख्यमंत्री को अचानक प्लेटफार्म पर देखकर लोगों की खुशियों का ठिकाना न रहा। उन्होंने उत्साह के साथ मुख्यमंत्री का अभिवादन किया, साय ने भी गर्मजोशी से उनसे मुलाकात कर बातचीत की। मुख्यमंत्री साय अमरकंटक एक्सप्रेस से रायपुर से बिलासपुर की यात्रा को लेकर खासे उत्सुक दिखे। वे प्लेटफार्म पर बैटरी चलित कार छोड़ आम यात्रियों की तरह प्लेटफॉर्म पर पैदल चले और ट्रेन से अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए।

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मूंगफली खाते हुए लिया सफर का आनंद

मुख्यमंत्री ने कहा कि रेल यात्राओं की आम भारतीय के जीवन में खास जगह है। उन्होंने आम यात्री की तरह मूंगफली खाते हुए देशी अंदाज में कहा कि इसके बिना भारतीयों की रेल यात्रा पूरी नहीं हो सकती। सीएम साय ने कहा कि ट्रेन सार्वजनिक संपत्ति है और ट्रेन की स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही यात्रियों को जागरूकता का परिचय देते हुए ट्रेन में खाने के बाद मूंगफली के छिलके इधर उधर नहीं फेंकने चाहिए,  जिससे अन्य यात्रियों को परेशानी न हो। मुख्यमंत्री साय ने कहा मैंने ट्रेन से खूब यात्राएं की है और यात्रियों के साथ उन्होंने इससे जुड़े कुछ मजेदार किस्से और अनुभव भी साझा किए। मुख्यमंत्री के साथ यात्रा के दौरान विधायक अनुज शर्मा, भैयालाल राजवाड़े और गुरु खुशवंत साहेब भी उपस्थित थे।

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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ की फिजा में गूंजा राष्ट्र गीत, वंदे मातरम् के 150वें स्मरणोत्सव का अवसर बना खास

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Chhattisgarh: The national anthem resonated in Chhattisgarh, making the 150th anniversary of Vande Mataram a special occasion

Raipur:‘वंदे मातरम्’ राष्ट्रगीत की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर आज देशभर में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक दिन को छत्तीसगढ़ में भी बड़े उत्साह और गर्व के साथ मनाया गया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंत्रालय महानदी भवन में वरिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ सामूहिक रूप से ‘वंदे मातरम्’ का गायन किया। इस अवसर पर सभी ने “वंदे मातरम्” के उद्घोष के साथ आज़ादी की राष्ट्रीय चेतना का पुण्य स्मरण किया और अमर बलिदानियों को नमन किया। मुख्यमंत्री साय ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर नई दिल्ली में आयोजित स्मरणोत्सव में वर्चुअली शामिल हुए और प्रधानमंत्री का उद्बोधन भी सुना।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा कि वंदे मातरम् मां भारती की साधना और आराधना की प्रेरक अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ के सामूहिक गान का एक प्रवाह, एक लय और एक तारतम्य हृदय को स्पंदित कर देता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ का मूल भाव मां भारती है — यह भारत की शाश्वत संकल्पना, स्वतंत्र अस्तित्व-बोध और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ भारत की आज़ादी का उद्घोष था, जिसने गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने और स्वाधीन भारत के स्वप्न को साकार करने की प्रेरणा दी। स्वतंत्रता आंदोलन में यह गीत क्रांतिकारियों की आवाज़ बना और यह केवल प्रतिरोध का स्वर नहीं, बल्कि आत्मबल जगाने वाला मंत्र बन गया। पीएम मोदी ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ में भारत की हजारों वर्षों पुरानी सभ्यता, संस्कृति और समृद्धि की कहानी समाहित है। विदेशी आक्रमणों और अंग्रेज़ों की शोषणकारी नीतियों के बीच ‘वंदे मातरम्’ ने समृद्ध भारत के स्वप्न का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत के नए स्वरूप का उदय देख रही है, जो अपनी परंपरा, आध्यात्मिकता और आधुनिकता के समन्वय से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना स्वतंत्रता संग्राम के समय था, और यह गीत सदैव हमारे हृदयों में अमर रहेगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रगीत की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह गीत मातृभूमि के प्रति अगाध प्रेम, कृतज्ञता और राष्ट्रधर्म की भावना का शाश्वत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूरे देश ने एक स्वर में ‘वंदे मातरम्’ का सामूहिक गायन कर मातृभूमि की वंदना की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ के वर्षभर चलने वाले स्मरणोत्सव का आज माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा राष्ट्रव्यापी शुभारंभ इस कालातीत रचना के 150 वर्ष पूरे होने का गौरवपूर्ण अध्याय है। इस अवसर पर वंदे मातरम् के सामूहिक गायन के साथ ही माननीय प्रधानमंत्री द्वारा स्मारक सिक्के का जारी होना एक ऐतिहासिक स्मृति है। बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा रचित वंदे मातरम् गीत भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की प्रेरणा रहा है, जिसने सदैव राष्ट्रीय गौरव, एकता और आत्मसम्मान की ज्योति प्रज्वलित की है। यह मातृभूमि की शक्ति, समृद्धि और दिव्यता का प्रतीक है, साथ ही भारत की एकता और आत्मगौरव की काव्यात्मक अभिव्यक्ति है।

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि 7 नवंबर 1875 को बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने इस कालजयी रचना की सृष्टि की थी, जिसे बाद में उनके प्रसिद्ध उपन्यास ‘आनंद मठ’ में शामिल किया गया। मातृभूमि की स्तुति में रचा गया यह गीत स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देशभक्ति की सबसे प्रबल प्रेरणा बना। अनेक क्रांतिकारियों ने “वंदे मातरम्” कहते हुए हँसते-हँसते अपने प्राण न्योछावर कर दिए। वंदे मातरम भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक बन गया।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि 1905 में बंगाल विभाजन के समय ‘वंदे मातरम्’ ने स्वदेशी आंदोलन को नई ऊर्जा दी। उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक यह गीत सांस्कृतिक एकता और राष्ट्रभक्ति का मंत्र बन गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ सुनते ही हृदय में ऊर्जा, गर्व और देशभक्ति का संचार होता है। यह गीत हमें स्मरण कराता है कि हमारी भूमि, जल, अन्न और संस्कृति ही हमारी जीवनदायिनी शक्ति हैं। उन्होंने कहा, “यूरोप में भूमि को ‘फादरलैंड’ कहा जाता है, लेकिन भारत में हम अपनी भूमि को ‘मातृभूमि’ कहते हैं।” यह भाव रामायण के श्लोक “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी” में प्रकट होता है। ‘वंदे मातरम्’ भी इसी भाव से जन्मा हमारा ध्येय-वाक्य है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस पहल से भावी पीढ़ी को हमारे अतीत के संघर्षों और ‘वंदे मातरम्’ जैसी अमर रचनाओं की आज़ादी की लड़ाई में भूमिका के बारे में जानने का सुंदर अवसर मिलेगा। उन्होंने इस अवसर पर सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण का संकल्प लें और इसे भारत माता तथा छत्तीसगढ़ महतारी को समर्पित करें।

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ को समर्पित स्मारक सिक्का तथा डाक टिकट का विमोचन किया। साथ ही, इस अवसर पर ‘वंदे भारत पोर्टल’ (vandematram150.in) का शुभारंभ भी किया। इस पोर्टल के माध्यम से देशवासी अपनी आवाज़ में ‘वंदे मातरम्’ रिकॉर्ड कर इस ऐतिहासिक यात्रा से जुड़ सकते हैं। यह पहल लोगों को भारत की गौरवशाली विरासत का हिस्सा बनने का अवसर प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर छायाचित्र प्रदर्शनी का किया शुभारंभ

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मुख्यमंत्री साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित छायाचित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री साय ने प्रदर्शनी का विस्तार से अवलोकन करते हुए ‘वंदे मातरम्’ के सृजन से लेकर इसके राष्ट्रीय चेतना के प्रतीक बनने तक की ऐतिहासिक यात्रा का अवलोकन किया। उन्होंने प्रदर्शनी को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह भारत के गौरवशाली इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम के दौर की अनेक अनकही कहानियों को उजागर करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी प्रदर्शनी नई पीढ़ी को देश की आज़ादी के मूल भाव और ‘वंदे मातरम्’ की प्रेरक भूमिका से परिचित कराती है। इस अवसर पर सांसद चिंतामणि महाराज, मुख्य सचिव  विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, संस्कृति विभाग के सचिव रोहित यादव, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, मुकेश बंसल, पी. दयानंद, डॉ. बसवराजू एस. सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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‘वंदे मातरम्” के 150 वर्ष’: राष्ट्रगौरव और जनभागीदारी का वर्षभर चलने वाला उत्सव 7 नवंबर से होगा प्रारंभ

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150 Years of “Vande Mataram”: Year-long Celebration of National Pride and Public Participation to Begin on November 7

Raipur: वंदे मातरम्” की 150वीं वर्षगांठ पूरे देश के लिए गर्व और राष्ट्रभक्ति का अद्वितीय अवसर है। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के मार्गदर्शन में इस ऐतिहासिक पर्व को वर्षभर चलने वाले महाअभियान के रूप में मनाया जा रहा है। देश के साथ छत्तीसगढ़ में भी यह आयोजन जनभागीदारी के साथ चार चरणों में ग्राम पंचायत से लेकर राज्य स्तर तक भव्य रूप में संपन्न किया जाएगा।

पहला चरण 7 नवम्बर से होगा प्रारंभ

वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर कार्यक्रम का शुभारंभ 7 नवम्बर 2025 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया जाएगा। यह राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रातः 10 से 11 बजे तक दूरदर्शन पर प्रसारित होगा। प्रधानमंत्री के उद्बोधन के पश्चात पूरे देश में एक साथ वंदे मातरम् का सामूहिक गायन किया जाएगा। गीत के बोल और धुन पोर्टल vandemataram150.in पर उपलब्ध हैं।

चार चरणों में होगा वर्षभर आयोजन

कार्यक्रम चार चरणों में आयोजित होगा- प्रथम चरण 7 से 14 नवम्बर 2025, द्वितीय चरण 19 से 26 जनवरी 2026, तृतीय चरण 7 से 15 अगस्त 2026 (हर घर तिरंगा अभियान के साथ), और चतुर्थ चरण 1 से 7 नवम्बर 2026 तक चलेगा। इस दौरान राज्य के सभी जिलों, जनपदों, ग्राम पंचायतों, शैक्षणिक संस्थानों, कार्यालयों एवं सामाजिक संगठनों में राष्ट्रगीत के सामूहिक गायन के साथ विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे।

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जिलों में मंत्रीगण और जनप्रतिनिधियों की सहभागिता

राज्य के सभी जिलों में मंत्रीगण, सांसदगण, विधायकगण और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे।प्रत्येक जिले में स्थानीय कलाकारों, छात्रों, सामाजिक संस्थाओं और नागरिक समूहों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी, ताकि यह अभियान एक जनआंदोलन का रूप ले सके।

विद्यालयों में विशेष गतिविधियाँ और रचनात्मक आयोजन

प्रदेश के सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में “वंदे मातरम्” विषय पर विशेष सभाएँ, निबंध, वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी, पोस्टर निर्माण, एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताएँ होंगी। एनसीसी, एनएसएस, स्काउट-गाइड और स्कूल बैंड के माध्यम से वंदे मातरम से संबंधित संगीतमय प्रस्तुतियाँ दी जाएँगी। राज्य पुलिस बैंड भी सार्वजनिक स्थलों पर वंदे मातरम और देशभक्ति गीतों पर आधारित कार्यक्रमों से वातावरण को देशभक्ति के रंग में रंगेगा।

‘वंदे मातरम् ऑडियो-वीडियो बूथ’ एक अभिनव पहल

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राज्यभर में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत “वंदे मातरम् ऑडियो-वीडियो बूथ” स्थापित किए जाएंगे। इनमें नागरिक अपनी आवाज़ में वंदे मातरम् गाकर उसे पोर्टल पर अपलोड कर सकेंगे। पोर्टल पर गीत की मूल धुन और बोल की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। यह पहल लोगों को अपने तरीके से राष्ट्रप्रेम व्यक्त करने का अवसर देगी और आंदोलन को अधिक व्यक्तिगत और भावनात्मक बनाएगी।

“वंदे मातरम्” की 150वीं वर्षगांठ केवल एक स्मरणीय अवसर नहीं, बल्कि राष्ट्र की एकता, आत्मगौरव और मातृभूमि के प्रति समर्पण का जीवंत संदेश है। यह आयोजन छत्तीसगढ़ की नई पीढ़ी को भारत की सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ते हुए उनमें देशभक्ति, कर्तव्यनिष्ठा और राष्ट्रीय चेतना की भावना को और गहराई देगा। वंदे मातरम् केवल गीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का स्वर है, जिसकी गूंज हर नागरिक के हृदय में नई ऊर्जा और गर्व का संचार करेगी। – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

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Chhattisgarh Rajat Mahotsav 2025: उपराष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ के 34 अलंकरण से 37 विभूतियों एवं 4 संस्थाओं को किया सम्मानित

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Chhattisgarh Rajat mahotsav 2025: Vice President honoured 37 personalities and 4 institutions of Chhattisgarh with 34 decorations

Raipur: उप राष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने आज नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के राज्य अलंकरण समारोह में छत्तीसगढ़ के 34 अलंकरण से विभिन्न क्षेत्रों से उत्कृष्ट योगदान देने वाले 37 विभूतियों एवं 4 संस्थाओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय अलंकरण समारोह के अति विशिष्ट अतिथि तथा विशिष्टि अतिथि के रूप में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, मंत्रीगण, सांसद एवं विधायकगण उपस्थित थे।

राज्य अलंकरण समारोह में उप राष्ट्रपति राधाकृष्णन एवं मुख्यमंत्री साय ने शहीद वीरनारायण सिंह पुरस्कार हिरेश सिन्हा जिला कांकेर को प्रदान किया। यति यतनलाल सम्मान भारतीय कुष्ठ निवारक संघ, कात्रे नगर सोठी जिला जांजगीर-चांपा, गुण्डाधूर सम्मान ज्ञानेश्वरी यादव राजनांदगांव, मिनीमाता सम्मान ललेश्वरी साहू दुर्ग, गुरूघासीदास सम्मान संयुक्त रूप से भुवनदास जांगड़े बेमेतरा एवं शशि गायकवाड़ बलौदाबाजार-भाटापारा, ठाकुर प्यारेलाल सिंह पुरस्कार प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति डोमा जिला धमतरी, हबीब तनवीर सम्मान डॉ. कुंज बिहारी शर्मा जिला रायपुर, महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव सम्मान चांदनी साहू जिला बिलासपुर को प्रदान किया गया।

इसी प्रकार पंडित रविशंकर शुक्ल सम्मान राजेश अग्रवाल जिला रायपुर, पंडित सुंदरलाल शर्मा सम्मान डॉ. चिंतरंजन कर जिला रायपुर, चक्रधर सम्मान पंडित कीर्ति माधव लाल व्यास जिला दुर्ग, दाऊ मंदराजी सम्मान रिखी क्षत्रिय जिला दुर्ग, डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार संयुक्त रूप से थनेन्द्र कुमार साहू जिला धमतरी एवं वामन कुमार टिकरिहा जिला बलौदाबाजार, महाराजा अग्रसेन सम्मान राजेन्द्र अग्रवाल राजू जिला बिलासपुर, चन्दूलाल चन्द्राकर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार प्रिंट मीडिया हिन्दी डॉ. संदीप कुमार तिवारी रायपुर एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हिन्दी का पुरस्कार संयुक्त रूप से डॉ. सोमेश कुमार पटेल एवं अभिषेक शुक्ला रायपुर, मधुकर खेर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार प्रिंट मीडिया अंग्रेजी भावना पाण्डेय जिला दुर्ग, दानवीर भामाशाह सम्मान नीरज कुमार बाजपेयी जिला राजनांदगांव, धन्वन्तरि सम्मान डॉ. अजय कृष्ण कुलश्रेष्ठ, बिलासादेवी केंवट मत्स्य विकास पुरस्कार सुखदेव दास जिला रायपुर को प्रदान किया गया।

इसी तरह डॉ. भंवरसिंह पोर्ते आदिवासी सेवा सम्मान जंगो रायतार विद्या केतुल शिक्षण संस्था ग्राम दमकसा जिला कांकेर, रामानुज प्रताप सिंहदेव स्मृति श्रम यशस्वी पुरस्कार संयुक्त रूप से मिथलेश कुमार आदिल एवं अग्रसर टीम जिला दुर्ग तथा एनटीपीसी लिमि. लारा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट पुसौर जिला रायगढ़ , पंडित लखनलाल मिश्र सम्मान योगेश कुमार साहू जिला कांकेर, छत्तीसगढ़ अप्रवासी भारतीय सम्मान मनीष तिवारी जिला रायपुर, देवदास बंजारे स्मृति पंथी नृत्य पुरस्कार रोहित कुमार कोसरिया जिला महासमुंद, किशोर साहू सम्मान सुनील सोनी जिला रायपुर, लक्ष्मण मस्तुरिया सम्मान राकेश तिवारी जिला रायपुर, लाला जगदलपुरी साहित्य पुरस्कार डॉ. विनोद कुमार वर्मा जिला बिलासपुर, किशोर साहू राष्ट्रीय अलंकरण अनुराग बसु मुम्बई को प्रदान किया गया।

बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल सम्मान संयुक्त रूप से खेमचंद जैन राजनांदगांव, डॉ. सुरेश मणि त्रिपाठी, डॉ. भूपेन्द्र करवंदे एवं भरतलाल सोनी रायपुर को, वीरांगन अवंतिबाई लोधी स्मृति पुरस्कार प्रेमशीला बघेल महासमुंद को, माता बहादुर कलारिन सम्मान शिल्पा पाण्डेय सृष्टि जिला सरगुजा को, पंडित माधव राव सप्रे राष्ट्रीय रचनात्मकता सम्मान अवधेश कुमार नई दिल्ली तथा संस्कृत भाषा सम्मान डॉ. दादू भाई त्रिपाठी जिला रायपुर को प्रदान किया गया।

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Chhattisgarh: नवा रायपुर के आसमान में वायु सेना के विमानों ने दिखाई कलाबाजी, रोमांचक एयर शो देख मंत्रमुग्ध हुए लोग

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Chhattisgarh: Air Force planes performed acrobatics in the skies of Naya Raipur, people were mesmerized by the thrilling air show

Raipur: छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ पर आज नवा रायपुर के सेंध जलाशय के ऊपर भारतीय वायु सेना की प्रतिष्ठित एरोबेटिक “सूर्यकिरण” की टीम ने रोमांचक एयर शो का प्रदर्शन किया। देश के उप राष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन, राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के साथ हजारों लोगों ने अद्भूत और रोमांचक एयर शो का आनंद लिया। आज प्रदेशवासियों के लिए वायु सेना का एयर शो कमाल का अनुभव रहा।

सेंध जलाशय के ऊपर वायु सेना के फाइटर प्लेन्स ने एक के बाद एक कई हवाई करतब दिखाए। आसमान में पंछियों के झुंड की तरह बिल्कुल क्रम से उड़ने वाले फाइटर प्लेन्स के माध्यम से वायु सेना के जांबाजों ने अपने नियंत्रण और शौर्य का अद्भुत प्रदर्शन किया। विमानों के माध्यम से जब आकाश में तिरंगा लहराया तो सेंध जलाशय भारत माता की जय के नारे से गूंज उठा।

Chhattisgarh: Air Force planes performed acrobatics in the skies of Naya Raipur, people were mesmerized by the thrilling air showChhattisgarh: Air Force planes performed acrobatics in the skies of Naya Raipur, people were mesmerized by the thrilling air show

एयर शो के दौरान “सूर्यकिरण” टीम के लीडर ग्रुप कैप्टन अजय दशरथी ने आसमान से छत्तीसगढ़वासियों को रजत महोत्सव की बधाई दी। वहीं छत्तीसगढ़ निवासी भारतीय वायु सेना के स्क्वाड्रन लीडर गौरव पटेल ने सेंध जलाशय के ऊपर अपने कॉकपिट से ‘जय जोहार’ और ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ कहकर दर्शकों का अभिवादन किया। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, कौशल विकास मंत्री गुरू खुशवंत साहेब और सांसद बृजमोहन अग्रवाल सहित विभिन्न निगमों, मंडलों और आयोगों के पदाधिकारी भी एयर शो देखने पहुंचे थे।

“सूर्यकिरण” टीम ने अनुशासन, परस्पर विश्वास, सटीकता और उत्साह के साथ एक घंटे तक वायु सेना के विमानों के साथ कलाबाजी दिखाकर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। नवा रायपुर के सेंध जलाशय में मौजूद हजारों दर्शक पायलटों के हैरतअंगेज साहस और करतबों को देखकर मंत्रमुग्ध होते रहे। विंग कमांडर ए.व्ही. सिंह के नेतृत्व में वन-एफ-9 और वन-एफ-8 हेलीकॉप्टर यूनिट ने वी-17 और वी-5 हेलीकॉप्टरों से स्लीपरी और स्काई-ऑपरेशन के करतब दिखाए। ‘आदिदेव’ नाम के इन हेलीकॉप्टरों से केवल 15 मीटर ऊंचाई पर स्थिर रहकर 14 गरूड़ कमांडोज रस्सी के सहारे नीचे उतरे। वहीं स्काई-ऑपरेशन के दौरान आठ गरूड़ कमांडोज रस्सी पर लटककर हेलीकॉप्टर से दर्शकों के सामने से आकाश में उड़ते हुए गुजरे। इन दोनों ऑपरेशनों को लड़ाई और आपदा के दौरान जनसामान्य को बचाने के लिए किया जाता है।

एयर शो में “सूर्यकिरण” की टीम के नौ हॉक-मार्क-123 फाइटर विमानों ने आसमान में हार्ट, डायमंड, लूप, ग्रोवर, डान लाइट, कॉम्बैट तेजस जैसे शानदार फार्मेशन बनाकर लोगों को रोमांचित किया। नीले आसमान में उड़ते लाल-सफेद जेट विमानों द्वारा तिरंगे की आकर्षक ट्रेल छोड़ने पर सेंध जलाशय परिसर तालियों और जय-हिंद के नारों से गूंज उठा। हज़ारों की संख्या में मौजूद नागरिक, युवा और बच्चे लगातार विमानों की कलाबाजियों को अपने कैमरों और मोबाइलों में कैद करते रहे।

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वायु सेना के जाबांज फाइटर पायलटों ने आसमान में दिल की आकृति बनाकर 25वें राज्योत्सव की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने तिरंगे के तीन रंगों से डीएनए की आकृति बनाकर तिरंगे के प्रति अपना सम्मान प्रस्तुत किया। उन्होंने 360° में फाइटर जेट उड़ाते हुए उल्टा जेट भी उड़ाया। तेजस और युवाओं को समर्पित अंग्रेजी अक्षर ‘वाई’ की आकृति बनाने के साथ ही कई करतब दिखाए। टीम का प्रदर्शन केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि युवाओं में देशप्रेम, साहस और भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा की प्रेरणा जगाने का संदेश भी देता है।

एयर शो में छत्तीसगढ़ के स्क्वाड्रन लीडर गौरव पटेल का शामिल होना राज्यवासियों के लिए गर्व और भावनात्मक जुड़ाव का पल था। आसमान में अपने विमान को तेज गति से उड़ाते हुए पटेल ने अपने कॉकपिट से ‘जय जोहार’ और ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ का जय घोष किया। फ्लाइट लेफ्टिनेंट सुश्री कंवल संधू ने अपनी लाइव कमेंट्री के दौरान एयर शो के रोमांचक वर्णन के साथ ही पायलटों के अनुशासन, समर्पण, प्रशिक्षण और जोखिम प्रबंधन की बारीकियों की जानकारी दी।

‘सूर्यकिरण’ एशिया की एकमात्र नौ लड़ाकू विमानों वाली एरोबैटिक टीम, 1996 में हुई थी स्थापना

भारतीय वायु सेना की सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम (Surya Kiran Aerobatic Team) एशिया की एकमात्र नौ लड़ाकू विमानों वाली एरोबैटिक टीम है। यह विशिष्ट टीम भारत में ही निर्मित एचएएल (HAL) लाइसेंस प्राप्त हॉक एमके-132 (Mk-132) विमान उड़ाती है। इन विमानों के ज़रिए भारतीय वायु सेना की सटीकता, पेशेवर उत्कृष्टता और कौशल का अद्भुत प्रदर्शन करती है, जिसमें रोमांचक हवाई करतब और बेहद सटीक फॉर्मेशन शामिल होते हैं। सूर्यकिरण टीम को उसका मिशन विशेष बनाता है। देश के युवाओं को भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होकर देशसेवा के लिए प्रेरित करना इनका मिशन है।

सूर्यकिरण टीम की स्थापना वर्ष 1996 में की गई थी। तब से यह टीम एशिया की एकमात्र नौ-विमानों वाली एरोबैटिक टीम होने का गौरव रखती है और दुनिया की कुछ चुनिंदा शीर्ष एरोबैटिक टीमों में शामिल है। यह असाधारण टीम अब तक भारत भर में 700 से अधिक प्रदर्शन कर चुकी है। साथ ही चीन, श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जैसे कई देशों में भारत का प्रतिनिधित्व अंतरराष्ट्रीय एयर शोज़ में भी किया है। टीम मंं कुल 13 पायलट, 3 इंजीनियरिंग अधिकारी, 1 उद्घोषक (कमेन्टेटर) और 1 चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं।

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सूर्यकिरण टीम भारतीय वायुसेना की उस भावना को दर्शाती है जो उत्कृष्टता, अनुशासन और टीमवर्क पर आधारित है। टीम के सभी पायलट अत्यंत कठिन प्रशिक्षण से गुजरते हैं, जिसमें जटिल एरोबैटिक मूवमेंट्स का महीनों तक अभ्यास किया जाता है। उनका बेदाग़ तालमेल और नियंत्रण ही क्लोज़ फॉर्मेशन फ्लाइंग की नींव है जहाँ नौ विमान मानो एक ही आत्मा से संचालित प्रतीत होते हैं।

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Bilaspur Train Accident: मृतकों की संख्या बढ़कर 11 हुई, 20 घायल, परिचालन हुआ बहाल

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Bilaspur Train Accident: Death toll rises to 11, 20 injured, operations resumed

Bilaspur: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में मंगलवार को गेवरा मेमू पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी में हुई आमने-सामने की टक्कर में अब तक 11 यात्रियों की मौत हो चुकी है। मंगलवार रात तक यह आंकड़ा 8 था। वहीं 20 से अधिक यात्री गंभीर रूप से घायल हैं, जिनमें से कई की हालत नाजुक बनी हुई है। हादसा मंगलवार को उस समय हुआ, जब गेवरा मेमू लोकल ट्रेन बिलासपुर स्टेशन के आउटर पर अपनी रफ्तार से आगे बढ़ रही थी। इसी दौरान उसी ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से जाकर भिड़ गई।

राहत और बचाव दलों ने गैस कटर से बोगियां काटकर फंसे यात्रियों को बाहर निकाला। कुछ यात्रियों ने खिड़कियों से कूदकर अपनी जान बचाई। देर रात तक रेस्क्यू अभियान चलता रहा। घायल यात्रियों का इलाज के लिए रेलवे अस्पताल, सिम्स और अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन शुरुआती जानकारी के अनुसार ऑटो सिग्नल फेल होने की आशंका जताई जा रही है।

रेलवे ने कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) से हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। जांच रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा कि हादसा किन कारणों से हुआ। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए, गंभीर घायलों को 5 लाख रुपए और सामान्य घायलों को 50 हजार रुपए मुआवजा देने की घोषणा की। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने भी मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।

हादसे के बाद करीब 11 घंटे तक रेलवे, जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में लगी रही। इस दौरान एक-एक कर बोगी में फंसे मृतकों और घायल यात्रियों को बाहर निकाला गया। साथ ही रेलवे की सुरक्षा और टेक्निकल विभाग की टीम रेलवे ट्रैक को सुधारने में भी लगे रही। शाम करीब सात बजे से ही रेलवे ने एक ट्रैक पर परिचालन शुरू कर दिया था। जबकि, मिडिल लाइन को भी देर रात चालू कर लिया गया। बुधवार सुबह सभी लाइनों पर परिचालन बहाल हो गया।

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