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Odisha Train Firing: ओडिशा में चलती ट्रेन पर फायरिंग, भद्रक में हुई घटना, जांच में जुटी पुलिस
Odisha Train Firing: ओडिशा के पुरी से दिल्ली आ रही नंदनकानन एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर-12815) पर फायरिंग से हड़कंप मच गया। वारदात भद्रक के पास की है। स्थानीय पुलिस जांच में जुट गई है। पुलिस ने बताया कि मंगलवार को पुरी से दिल्ली के आनंद विहार आ रही नंदन कानन एक्सप्रेस में गोली चलने के कारण शौचालय का कांच टूट गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना ओडिशा के भद्रक-बौदपुर खंड में सुबह 9.30 बजे के आसपास हुई। सूत्रों ने कहा कि ट्रेन सुबह 9.25 बजे भद्रक स्टेशन से रवाना हुई और और कथित गोलीबारी इसके पांच मिनट बाद हुई। घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी का माहौल देखा गया। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय रेलवे और पुलिस पदाधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मामले की जानकारी ली।
घटना की जांच के लिए चार टीमों का गठन
पुरी की सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) पुलिस स्टेशन प्रभारी एसके बहिनीपति ने नंदन कानन एक्सप्रेस में गोली चलने की घटना पर कहा कि मंगलवार सुबह 9 से 9.30 बजे के बीच हमें सूचना मिली कि भद्रक पार करने के बाद नंदनकानन एक्सप्रेस ट्रेन पर गोलीबारी हुई। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जीआरपी और आरपीएफ की निगरानी में ट्रेन को रवाना किया गया। आरपीएफ और स्थानीय पुलिस समेत 4 टीमें पूरे मामले की जांच कर रही हैं।
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SC: बुलडोजर एक्शन से 15 दिन पहले देना होगा नोटिस, मनमानी कार्रवाई पर अधिकारी दंडित होंगे
Supreme Court:बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई शख्स आरोपी है तो केवल इस आधार पर उसका घर गिराना कानून का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि जो सरकारी अधिकारी कानून को अपने हाथ में लेकर इस तरह के अत्याचार करते हैं, उन्हें जवाबदेही के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कार्यपालिका (सरकारी अधिकारी) किसी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहरा सकती और न ही वह जज बन सकती है, जो किसी आरोपी की संपत्ति तोड़ने पर फैसला करे।
कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर किसी व्यक्ति को अपराध का दोषी ठहराने के बाद उसके घर को तोड़ा जाता है, तो यह भी गलत है, क्योंकि कार्यपालिका का ऐसा कदम उठाना अवैध होगा और कार्यपालिका अपने हाथों में कानून ले रही होगी। कोर्ट ने कहा कहा कि आवास का अधिकार एक मौलिक अधिकार है और किसी निर्दोष व्यक्ति को इस अधिकार से वंचित करना पूरी तरह असंवैधानिक होगा।
बुलडोजर एक्शन से 15 दिन पहले देना होगा नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि किसी भी संपत्ति का विध्वंस तब तक नहीं किया जा सकता, जब तक उसके मालिक को पंद्रह दिन पहले नोटिस न दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि यह नोटिस मालिक को रजिस्टर्ड डाक के जरिए से भेजा जाएगा और इसे निर्माण की बाहरी दीवार पर भी चिपकाया जाएगा। नोटिस में अवैध निर्माण की प्रकृति, उल्लंघन का विवरण और विध्वंस के कारण बताए जाएंगे। इसके अलावा, विध्वंस की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जाएगी और अगर इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन होता है तो यह कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी। वहीं अधिकारियों को यह भी साबित करना होगा कि यह कदम उठाने का उनके पास एकमात्र विकल्प था।
इन मामलों में लागू नहीं होगा कोर्ट का आदेश
बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देश सड़क, फुटपाथ, रेलवे लाइन या जल निकाय पर अनाधिकृत कब्जे पर लागू नहीं होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम साफ करते हैं कि ये निर्देश उन मामलों में लागू नहीं होंगे, जहां सड़क, गली, फुटपाथ, रेलवे लाइन से सटे या किसी नदी या जल निकाय जैसे किसी सार्वजनिक स्थान पर कोई अनाधिकृत संरचना है।” इसके अलावा कोर्ट ने आगे कहा कि आज का फैसला उन मामलों में भी लागू नहीं होंगा, जहां न्यायालय द्वार ध्वस्तीकरण का आदेश दिया गया है।
अधिकारियों को करना होगा इन दिशानिर्देशों का पालन
1. यदि ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया जाता है, तो इस आदेश के विरुद्ध अपील करने के लिए समय दिया जाना चाहिए
2. बिना कारण बताओ नोटिस के ध्वस्तीकरण नहीं।
3. मालिक को पंजीकृत डाक द्वारा नोटिस भेजा जाएगा और संरचना के बाहर चिपकाया जाएगा।
4.नोटिस से 15 दिनों का समय नोटिस तामील होने के बाद का होगा।
5.तामील होने के बाद कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट द्वारा सूचना भेजी जाएगी।
6.कलेक्टर और डीएम नगरपालिका भवनों के ध्वस्तीकरण आदि के प्रभारी नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे।
7.नोटिस में उल्लंघन की प्रकृति, व्यक्तिगत सुनवाई की तिथि और किसके समक्ष सुनवाई तय की गई है, निर्दिष्ट डिजिटल पोर्टल उपलब्ध कराया जाएगा, जहां नोटिस और उसमें पारित आदेश का विवरण उपलब्ध होगा।
8.प्राधिकरण व्यक्तिगत सुनवाई करेगा और सारे मिनट को रिकॉर्ड किया जाएगा
9.आदेश डिजिटल पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाएगा।
10.आदेश के 15 दिनों के भीतर मालिक को अनधिकृत संरचना को ध्वस्त करने या हटाने का अवसर दिया जाएगा और केवल तभी जब अपीलीय निकाय ने आदेश पर रोक नहीं लगाई है, तो विध्वंस स्टेप वाइज होंगे।
11.विध्वंस की कार्यवाही की वीडियोग्राफी की जाएगी। वीडियो को संरक्षित किया जाना चाहिए। उक्त विध्वंस रिपोर्ट नगर आयुक्त को भेजी जानी चाहिए।
12.सभी निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए और इन निर्देशों का पालन न करने पर अवमानना और अभियोजन की कार्रवाई की जाएगी।
13.अधिकारियों को मुआवजे के साथ ध्वस्त संपत्ति को अपनी लागत पर वापस करने के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा।
14.सर्वोच्च अदालत ने कहा कि इस मामले का सभी मुख्य सचिवों को निर्देश दिए जाने चाहिए।
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SC: बुलडोजर एक्शन के भविष्य पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला, तय हो सकती है गाइडलाइन
Delhi: सुप्रीम कोर्ट बुधवार 13 नवंबर को देशभर में राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे बुलडोजर एक्शन को लेकर गाइडलाइन तय कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच सुबह 10:30 बजे अपना फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट में जमीयत उलेमा-ए-हिंद समेत कई याचिकाकर्ताओं ने बुलडोजर एक्शन के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। इसी मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट कल फैसला सुनाने वाला है।
सुनवाई के दौरान अवैध निर्माण को लेकर की थी सख्त टिप्पणी
बुलडोजर एक्शन पर पिछले दिनों सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है। ऐसे में सार्वजनिक जगहों पर अवैध निर्माण पर बुलडोजर एक्शन नहीं रुकेगा। चाहे वो धार्मिक स्थल ही क्यों ना हो। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कोई भी शख्स आरोपी या दोषी है। यह ध्वस्तीकरण का आधार नहीं हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाए जाने पर रोक लगा दी थी।
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Manipur: सीआरपीएफ का बड़ा एक्शन, कैंप पर हमला करने वाले 11 कुकी उग्रवादी ढेर
Manipur:मणिपुर में सीआरपीएफ ने जिरीबाम के बोरो बेकरा स्थित CRPF कैंप पर हमला करने वाले 11 कुकी उग्रवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया है। वहीं इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ के एक जवान के भी घायल होने की सूचना है, जिसे इलाज के लिए एयरलिफ्ट किया गया है। सूत्रों के मुताबिक सोमवार दोपहर करीब 3:30 बजे कुकी उग्रवादियों ने जिरीबाम के बोरोबेकरा स्थित सीआरपीएफ कैंप पर हमला कर दिया। जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में 11 उग्रवादी मारे गए। बता दें कि पिछले साल मई से इंफाल घाटी में मैतेई और कुकी लोगों के बीच जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
भारी मात्रा में हथियार बरामद
मारे गए उग्रवादियों के पास से 4 एसएलआर (Self Loaded Rifle), 3 एके-37, एक आरपीजी (Rocket-Propelled Grenade) समेत भारी मात्रा में अन्य हथियार बरामद किए गए हैं। इस मुठभेड़ से पहले मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह ने कहा कि वे राज्य में शांति और सामान्य स्थिति चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत चुनौतीपूर्ण समय है और वे इसे सर्वोत्तम संभव ताकत के साथ निपटने की कोशिश कर रहे हैं।
सुरक्षाबलों की कार्रवाई लगातार जारी
मणिपुर के पहाड़ी और घाटी जिलों में पिछले तीन दिनों के भीतर तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने कई हथियार, गोला-बारूद और आईईडी जब्त किए हैं। असम राइफल्स ने सोमवार को एक बयान में कहा गया है कि शनिवार को असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस की एक संयुक्त टीम ने चुराचांदपुर जिले के एल खोनोमफाई गांव से सटे जंगल में एक अभियान के दौरान एक .303 राइफल, दो नौ एमएम पिस्तौल, छह 12 सिंगल बैरल राइफल, एक .22 राइफल, गोला-बारूद और अन्य युद्ध संबंधी सामान जब्त किया। असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस के एक अन्य अभियान में एक 5.56 मिमी इंसास राइफल, एक प्वाइंट 303 राइफल, दो एसबीबीएल बंदूकें, दो 0.22 पिस्तौल, दो इंप्रोवाइज्ड प्रोजेक्टाइल लांचर, ग्रेनेड, गोला-बारूद भी जब्त किया गया।
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SC: ‘कोई भी धर्म प्रदूषण को बढ़ावा नहीं देता’, पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर SC की फटकार
Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को पटाखों पर प्रतिबंध के उसके आदेश को गंभीरता से न लेने के लिए कड़ी फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लागू नहीं किया, सिर्फ इसका दिखावा किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आपने सिर्फ कच्चा माल जब्त करके महज दिखावा किया। पटाखों पर प्रतिबंध को गंभीरता के साथ लागू नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने उसके आदेश के पूर्ण पालन के लिए स्पेशल सेल बनाने का निर्देश दिया। साथ ही यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि बिना लाइसेंस के कोई भी पटाखों का उत्पादन और उनकी बिक्री न कर सके।
‘कोई भी धर्म प्रदूषण को बढ़ावा नहीं देता’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘ऐसा माना जाता है कि कोई भी धर्म किसी भी ऐसी गतिविधि को बढ़ावा नहीं देता, जो प्रदूषण को बढ़ाती है या लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचाती है।’ जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की सदस्यता वाली पीठ ने कहा कि अगर पटाखे इसी तरह से फोड़े जाते रहे तो इससे नागरिकों का सेहत का मौलिक अधिकार प्रभावित होगा।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर को हलफनामा दाखिल करने के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिए, जिसमें ये बताने के लिए कहा गया है, कि उन्होंने पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के लिए क्या-क्या कदम उठाए। अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी राज्यों से भी ये बताने को कहा है कि उन्होंने प्रदूषण को कम करने के लिए क्या-क्या कदम उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से भी कहा कि वह हितधारकों से परामर्श के बाद 25 नवंबर से पहले पटाखों पर ‘स्थायी’ प्रतिबंध लगाने पर फैसला करे।
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JK News: किश्तवाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में एक अफसर शहीद, 3 पैरा कमांडो घायल, 3-4 आतंकी घिरे
Kishtwar Encounter: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में रविवार को एक आतंकवाद विरोधी अभियान में सेना का एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) शहीद हो गया। वहीं 3 पैरा कमांडो घायल हुए हैं। सेना ने शहीद की पहचान 2 पैरा के नायब सूबेदार राकेश कुमार के रूप में की है और उनके सर्वोच्च बलिदान को सलाम किया है। किश्तवाड़ के केशवान में 3-4 आतंकवादियों के घिरे होने की भी संभावना है। माना जा रहा है कि यह आतंकियों का वही समूह है, जिसने 7 नवंबर को कुंतवाड़ा के एक गांव के 2 ग्राम रक्षा गार्डों (VDG) की हत्या की थी।
अधिकारियों ने बताया कि केशवान के जंगलों में रविवार सुबह करीब 11 बजे उस समय मुठभेड़ शुरू हो गई, जब सेना और पुलिस की जॉइंट सर्चिंग पार्टी ने छिपे हुए आतंकवादियों की केशवान के जंगलों में घेराबंदी की। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ स्थल उस स्थान से कुछ किलोमीटर दूर है, जहां पर वीडीजी नजीर अहमद और कुलदीप कुमार के गोलियों से छलनी शव मिले थे।
सेना की जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कोर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि शुरुआती गोलीबारी में JCO सहित सेना के चार जवान घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां तीन की हालत गंभीर बताई गई। बाद में JCO ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सेना ने अपने नए ट्वीट में कहा कि GOC (जनरल ऑफिसर कमांडिंग) व्हाइट नाइट कोर और सभी रैंक 2 पैरा (SF) के बहादुर नायब सूबेदार राकेश कुमार के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं।
तीन जवानों की हालत गंभीर
अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती गोलीबारी में सेना के चार जवान घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां तीन की हालत ‘गंभीर’ बताई गई। इनमें से एक की मौत हो चुकी है। इससे पहले, एक पुलिस प्रवक्ता ने भी पुष्टि की थी कि दो वीडीजी की हत्या के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ चल रही है। अधिकारी ने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि इलाके में तीन या चार आतंकवादी घिरे हुए हैं। अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच भारी गोलीबारी जारी है तथा अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है।
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