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Agni 5: 5000 किमी तक लक्ष्य भेदने वाली अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण, एक साथ कई टारगेट भेद सकेगी
Agni 5: मिसाइल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सोमवार का दिन देश के लिए बड़ी उपलब्धि भरा रहा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया। मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) टेक्नोलॉजी से लैस अग्नि-5 मिसाइल की मारक क्षमता 5000 किमी है और यह एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कामयबी पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन(DRDO) के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमें अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है।
अग्नि-5 मिसाइल की जद में पूरा चीन
अग्नि-5 मिसाइल 5,000 किलोमीटर तक लक्ष्य पर अचूक निशाना लगाने में सक्षम है। इस तरह से अग्नि-5 की मारक क्षमता चीन के सबसे उत्तरी हिस्से के साथ-साथ यूरोप के कुछ क्षेत्रों सहित लगभग पूरे एशिया तक मानी जा रही है। यह भारत के मिसाइल कार्यक्रम के इतिहास में सबसे दूर तक मार करने वाली मिसाइल है। मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक से लैस होने की वजह से एक ही मिसाइल अलग-अलग लोकेशंस पर कई वॉर हेड तैनात कर सकती है।
आवाज से 24 गुना तेज है मिसाइल की स्पीड
अग्नि- 5 बैलिस्टिक मिसाइल की स्पीड मैक 24 है, यानी आवाज की स्पीड से 24 गुना ज्यादा तेज रफ्तार से यह अपने लक्ष्य तक पहुंचती है। यह डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है। इसके लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस वजह से इस मिसाइल को कहीं भी आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है। इस्तेमाल में बेहद आसान होने की वजह से इसकी तैनाती देश में कहीं भी की जा सकती है।
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Manmohan Singh: पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का राजघाट पर कल होगा अंतिम संस्कार, पीएम मोदी समेत कई हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि
Manmohan Singh: पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का शनिवार यानी कल सुबह 10 बजे के बाद राजघाट पर अंतिम संस्कार होगा। आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने उनके परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी संवेदना भी व्यक्त की। प्रधानमंत्री मोदी ने भी पूर्व पीएम सिंह के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर कल 28 दिसंबर को कांग्रेस मुख्यालय लाया जाएगा, जहां लोग उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। उनका अंतिम संस्कार राजघाट के पास किया जाएगा।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उम्र संबंधी दिक्कतों की वजह से गुरुवार रात 8:06 बजे एम्स में भर्ती कराया गया था। रात 9:51 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मनमोहन सिंह प्रखर अर्थशास्त्री थे। 1991 में देश में शुरू किए गए आर्थिक उदारीकरण के वे शिल्पकार रहे। 2004 से 2014 तक वे प्रधानमंत्री रहे। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूर्व पीएम सिंह के निधन पर देश में सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।
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Delhi: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन, 92 साल की उम्र में दिल्ली AIIMS में ली अंतिम सांस
New Delhi: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया है। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 92 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में रात 9.51 बजे अंतिम सांस ली। उन्हें तबीयत बिगड़ने पर गुरुवार शाम करीब 8 बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया था। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह बीते 26 सितंबर को 92 साल के हुए थे और इस मौके पर उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत कई अन्य नेताओं ने बधाई दी थी। बता दें कि, 2004 के आम चुनावों के बाद 22 मई को डॉ. मनमोहन सिंह को भारत का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। उन्होंने 2009 में दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और 2014 तक इस पद पर रहे।
देश में बड़े आर्थिक सुधारों में अहम रोल
डॉ. मनमोहन सिंह ने देश में हुए आर्थिक सुधारों में अहम रोल निभाया था। वह साल 1991 में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री भी रहे। उन्होंने बजट के दौरान उदारीकरण, निजीकरण और वैश्विकरण से जुड़े कई ऐलान किए थे, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिली। मनमोहन सिंह को साल 1987 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से नवाजा गया। इसके अलावा उन्हें 1995 में जवाहरलाल नेहरू बर्थ सेंटेनरी अवॉर्ड ऑफ द इंडियन साइंस कांग्रेस, 1993 में वर्ष के सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री के लिए एशिया मनी अवॉर्ड, 1956 में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी का एडम स्मिथ पुरस्कार जैसे कई सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके साथ ही उन्हें कैम्ब्रिज और ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी सहित कई विश्वविद्यालयों की ओर से मानद उपाधियां दी गईं।
अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के गाह गांव में हुआ था जन्म
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गांव गाह में हुआ। एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले डॉ. सिंह ने अपने जीवन में असाधारण उपलब्धियां हासिल कीं। शिक्षा, अर्थशास्त्र और राजनीति के क्षेत्र में उन्होंने बुलंदियों को छुआ। डॉ. मनमोहन सिंह ने 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (यूके) से 1957 में अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नफील्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी. फिल की उपाधि अर्जित की।
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New Governor: तीन राज्यों को मिले नए राज्यपाल, अब बिहार के गवर्नर होंगे आरिफ मोहम्मद खान, केरल भेजे गए राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर
New Governor: देश के पांच राज्यों में मंगलवार शाम को नए राज्यपालों की नियुक्तियां की गई हैं। राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसार, जिन राज्यों में ये नियुक्तियां की गई है, उसमें केरल, बिहार, ओडिशा, मिजोरम और मणिपुर शामिल हैं। इसमें से 3 राज्यों (ओडिशा, मिजोरम और मणिपुर) में नए राज्यपाल नियुक्ति किए गए हैं, जबकि दो राज्यों (बिहार और केरल) में राज्यपालों की अदला-बदली की गई है।
राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसार, पूर्व गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को मणिपुर का राज्यपाल और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह को मिजोरम का नया राज्यपाल बनाया गया है। इसके अलावा मिजोरम के गवर्नर डॉ. हरि बाबू कंभमपति को ओडिशा का राज्यपाल नियुक्त किया है। बिहार और केरल के राज्यपालों की अदल-बदली की गई। केरल के मौजूदा राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को बिहार का और बिहार के मौजूदा राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को केरल भेजा गया है।
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Pannu threat: पीलीभीत में खालिस्तानियों के एनकाउंटर पर आतंकी पन्नू की धमकी, कुंभ में लेंगे बदला
Pannu threat: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के पूरनपुर थाना क्षेत्र में सोमवार सुबह पंजाब और उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुठभेड़ में तीन खालिस्तानी आतंकियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। इस मुठभेड़ के बाद अमेरिका में बैठा खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू बौखला गया है। उसने जारी कर गीदड़भभकी दी है। पन्नू ने प्रयागराज महाकुंभ में पीलीभीत एनकाउंटर का बदला लेने की बात कही है। साथ गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पीलीभीत मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों को शहीद बताते हुए उनके परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए देने का ऐलान किया।
महाकुंभ में तीन तारीखों में हमले की धमकी
प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने प्रधानमंत्री मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और पंजाब के सीएम भगवंत मान पर खुलेआम निशाना साधा है। उसने कहा है कि यह महाकुंभ 2025 इस हिंदुत्व का आखिरी महाकुंभ कर देंगे। पन्नू ने तीन तारीखों पर बदला लेने की धमकी दी है। उसने 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के दिन पहला शाही स्नान, 29 जनवरी, 2025 को मौनी अमावस्या (दूसरा शाही स्नान) और 3 फरवरी, 2025 को बसंत पंचमी (तीसरा शाही स्नान) पर हमले की धमकी दी है।
अमेरिका में बैठ कर रच रहा भारत के खिलाफ साजिश
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू अमेरिका में रहकर भारत के खिलाफ लगातार जहर उगलता रहता है। भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पन्नू के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी 6 मामलों की जांच कर रही है। पन्नू पर आरोप है कि वो खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में शामिल हैं और भारत सरकार के खिलाफ साजिश रच रहा है। अमेरिका में रह रहा पन्नू पहली बार 2015 में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की नजर में आया था जब उसने सिख प्रवासियों के बीच ‘रेफरेंडम 2020’ का मुद्दा उठाया था। उसी दौरान पंजाब में खालिस्तान समर्थक एलिमेंट बढ़े थे, जिन पर रंगदारी और धार्मिक और राजनीतिक नेताओं की हत्या का आरोप था।
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RTE: केंद्र ने ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ खत्म की, राज्य अब कक्षा 5वीं और 8वीं के छात्रों को कर सकेंगे फेल
New Delhi: स्कूली शिक्षा में एक बड़ा बदलाव करते हुए केंद्र सरकार ने अपने द्वारा शासित स्कूलों में कक्षा 5वीं और 8वीं के लिए ‘नो-डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म कर दिया है। अब 5वीं और 8वीं क्लास की परीक्षा में फेल होने वाले स्टूडेंट्स को पास नहीं किया जाएगा। पहले ‘नो-डिटेंशन पॉलिसी’ के तहत फेल होने वाले स्टूडेंट्स को दूसरी क्लास में प्रमोट कर दिया जाता था।
सरकार के नए गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक, नियमित परीक्षा के आयोजन के बाद, यदि कोई बच्चा समय-समय पर अधिसूचित पदोन्नति मानदंडों को पूरा करने में विफल रहता है, तो उसे दो महीने की अवधि के भीतर अतिरिक्त निर्देश और पुन: परीक्षा का अवसर दिया जाएगा। अगर वो दोबारा फेल होता है, तो उसे प्रमोट नहीं किया जाएगा, बल्कि जिस क्लास में वो पढ़ रहा था उसी में दोबारा पढ़ेगा। सरकार ने इसमें एक प्रावधान भी जोड़ा है कि 8वीं तक के ऐसे बच्चों को स्कूल से निकाला नहीं जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, अधिसूचना केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और सैनिक स्कूलों सहित केंद्र सरकार द्वारा संचालित 3,000 से अधिक स्कूलों पर लागू होगी। चूंकि स्कूली शिक्षा एक राज्य का विषय है, इसलिए राज्य इस संबंध में अपना निर्णय ले सकते हैं। दिल्ली सहित 16 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही इन दो कक्षाओं के लिए नो-डिटेंशन पॉलिसी को खत्म कर दिया है।
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