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CG News: पटवारी हड़ताल को देखते हुए मुख्यमंत्री का बड़ा फैसला, अब इनकी नहीं पड़ेगी जरूरत
CG News(Patwari Strike): पटवारियों की हड़ताल के चलते आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर पर ऐसे लोग जिन्हें आय एवं जाति प्रमाण पत्र या अन्य किसी दस्तावेज के लिए पटवारी प्रतिवेदन की जरूरत पड़ती है, उन्हें काफी दिक्कत हो रही है। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आय एवं जाति प्रमाण पत्र तैयार किए जाने के संबंध में अस्थायी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
आदेश में उल्लेखित है कि छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण एवं विच्छिन्नता अधिनियम 1979 लागू किए जाने के पश्चात् भी कतिपय पटवारी हड़ताल से वापस नहीं आए हैं, जिसके कारण जनसामान्य को आय एवं जाति प्रमाण-पत्र प्राप्त किए जाने में असुविधा हो रही है। चूंकि वर्तमान समय में शासकीय सेवाओं में भर्ती एवं शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश के लिए आय एवं जाति प्रमाण पत्र महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं, अतः आगामी आदेश पर्यंत आय एवं जाति प्रमाण पत्र तैयार किए जाने के संबंध में अस्थायी निर्देश प्रसारित किया गया है।
जारी आदेश में स्पष्ट है कि जाति प्रमाण पत्र के लिए वांछित भू-अभिलेख, मिसल, अभिलेख, जनगणना अभिलेख, दाखिल खारिज रजिस्टर, जमाबंदी एवं खसरे की नकल जिसमें आवेदक एवं उसके परिवार के किसी सदस्य की जाति अंकित है की आवश्यकता सामान्यतः होती है। उपरोक्त सभी दस्तावेज जिला कार्यालय के अभिलेखागार में एवं अन्य विभागों के विभागीय ऑनलाइन पोर्टल पर भी उपलब्ध है। अतः यह उचित होगा कि ऐसे दस्तावेज पटवारी से प्राप्त करने के लिए आवेदकों को बाध्य ना करते हुए उनके द्वारा ऑनलाइन या जिला रिकॉर्ड रूम से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जाए।
छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन) नियम, 2013 के नियम 3 के अनुसार आवेदक से वंशावली प्राप्त करने के निर्देश हैं। यदि यह वंशावली अभिलेखों से पुष्ट है, तो इसकी आवश्यकता भी नहीं है, तथापि फिर भी आवश्यक होने पर ऐसी वंशावली ग्राम पंचायत के सचिव अथवा ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के आधार पर स्वीकार करते हुए आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाए।
इसी तरह आय प्रमाण पत्र के लिए वांछित दस्तावेजों में नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए उनके द्वारा अंतिम वित्तीय वर्ष का आयकर रिटर्न लिया जा सकता है अथवा उनके नियोक्ता के द्वारा जारी वार्षिक आय की जानकारी को मान्य करते हुए आय प्रमाण पत्र जारी किए जा सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों खेतिहर मजदूरों, छोटे कृषकों को आय प्रमाणपत्र के लिए उनके द्वारा यदि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले सूची में नाम होने अथवा ऐसा राशन कार्ड होने अथवा मनरेगा जॉब कार्ड होने अथवा श्रमिक का कार्ड होने पर यदि आवश्यक हो तो सरपंच / पंचायत सचिव / पार्षद से भी आय के समर्थन के लिये प्रमाण पत्र प्राप्त कर इन दस्तावेजों के आधार पर आवेदकों को आय का प्रमाण पत्र जारी किया जावे।
आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी स्थिति में इन प्रमाण पत्र के लिये आवेदकों से ऐसे दस्तावेजों की मांग नहीं की जाए, जिसकी पूर्ति के लिये आवेदक को पटवारी के प्रतिवेदन पर निर्भर होना पड़े। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उपरोक्त निर्देशों के कड़ाई से पालन कराया जाना सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं। यह निर्देश आगामी आदेश पर्यंत प्रभावशील रहेगा।
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Chhattisgarh: पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को ED ने किया गिरफ्तार, कोर्ट ने दी 7 दिन की ED रिमांड
Raipur: छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी की टीम ने शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को अरेस्ट कर लिया है। पूर्व मंत्री लखमा बुधवार को तीसरी बार ED दफ्तर पूछताछ के लिए पहुंचे थे। पूछताछ के दौरान ही ईडी अफसरों ने उन्हें अरेस्ट कर लिया। कवासी लखमा का बेटा हरीश लखमा भी शराब घोटाला केस में आरोपी है, लेकिन फिलहाल उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है। वहीं, कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री साय ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। बिलासपुर में सीएम साय ने कहा- ईडी शराब घोटाले की जांच कर रही है और इसमें जो भी दोषी होगा, उसपर कार्रवाई होगी।
तीसरी बार में हुई पूर्व मंत्री लखमा की गिरफ्तारी
पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा आज तीसरी बार ईडी के सामने पूछताछ के लिए हाजिर हुए थे। इससे पहले 2 बार उसने आठ-आठ घंटे के लिए ईडी अफसरों ने पूछताछ की थी। आज तीसरी बार वे अपने बेटे हरीश लखमा के साथ ईडी दफ्तर पहुंचे थे। जहां उन्हें कुछ देर बाद गिरफ्तार कर लिया गया। बताया जा रहा है कि ईडी शराब घोटाला केस में जल्द नई गिरफ्तारी कर सकती है।
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Prayagraj: महाकुंभ मेला क्षेत्र में छत्तीसगढ़ पवेलियन तैयार, राज्य के लोगों के लिए हैं पूरे इंतजाम
Mahakumbh 2025: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर प्रयागराज महाकुंभ में राज्य के स्थानीय लोगों के लिए छत्तीसगढ़ पवेलियन तैयार है। महाकुंभ जाने वाले प्रदेश के लोगों के लिए छत्तीसगढ़ पवेलियन में ठहरने और भोजन करने की निःशुल्क व्यवस्था की है। छत्तीसगढ़ के जो भी श्रद्धालु महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाना चाहते हैं, उनके लिए मुख्यमंत्री साय के निर्देश पर विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
छत्तीसगढ़ पवेलियन तक कैसे पहुंचे?
छत्तीसगढ़ के जो भी श्रद्धालु महाकुंभ जा रहे हैं, उन्हें छत्तीसगढ़ पवेलियन ढूंढ़ने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी। छत्तीसगढ़ पवेलियन महाकुंभ मेला के सेक्टर 6 में भारत सरकार के कलाग्राम के सामने स्थित है। यह ठीक बघाड़ा मेला के पास स्थित है, जहां आने के लिए लक्ष्मी द्वार से प्रवेश करना है। यहां से निकटतम रेलवे स्टेशन प्रयाग है। सड़क अथवा हवाई मार्ग से आने वाले श्रद्धालु इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के रास्ते यमुना ब्रिज क्रॉस करके यहां पहुंच सकते हैं।
ऐसा है छत्तीसगढ़ पवेलियन
1.पवेलियन के प्रवेश द्वार को छत्तीसगढ़ की पहचान गौर मुकुट का रूप दिया गया है, जो दूर से ही श्रद्धालुओं को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। प्रवेश द्वार पर ही भारत के नियाग्रा कहे जाने वाले बस्तर के चित्रकोट वाटरफाल की तस्वीर लगी है।
2.पवेलियन के भीतर प्रवेश करते ही छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित की गयी है और प्रवेश द्वार के दाहिनी तरफ राज्य की चार ईष्ट देवियां मां महामाया, मां चंद्रहासिनी, मां दंतेश्वरी और मां बम्लेश्वरी की फोटो और उनकी जानकारी दी गयी है।
3.पवेलियन के भीतर प्रवेश करते ही बांयी तरफ छत्तीसगढ़ के जीवंत ग्रामीण परिवेश को दिखाया गया है। यहां पर परंपरागत ग्रामीण जीवन के साथ ही आदिवासी कला, संस्कृति, आभूषण, वस्त्र समेत एक संपूर्ण गांव का चित्रण स्थापित किया गया है।
4.छत्तीसगढ़ की प्रदर्शनी में प्रवेश करने के पहले बस्तर के ढोकरा शिल्प और राजकीय पशु तथा पक्षी को दर्शाया गया है। प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं विशेषतर मोर आवास मोर अधिकार योजना, 3100 रूपए प्रति क्विंटल धान खरीदी योजना की जानकारी दर्शायी गयी है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक विरासत के रूप में सिरपुर और जैतखाम की प्रतिकृति को बनाया गया है।
5.स्थानीय लोग और देश भर से आए श्रद्धालू छत्तीसगढ़ को ज्यादा से ज्यादा करीब से जान पाएं इसके लिए वर्चुअल रियेलिटी हेडसेट और डोम के भीतर 180 डिग्री वीडियो के माध्यम से शासन की योजनाओं और छत्तीसगढ़ राज्य की जानकारी साझा की जा रही है।
तस्वीरों में देखिए छत्तीसगढ़ पवेलियन
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Chhattisgarh: मुख्यमंत्री साय ने किया तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव का शुभारंभ, 177 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का किया लोकार्पण-भूमिपूजन
Tatapani Mahotsav: प्रभु श्री राम छत्तीसगढ़ के कण-कण में बसे हुए हैं, जन-जन में बसे हुए हैं। भगवान श्रीराम हमारे भांचा राम हैं। पूरी दुनिया में छत्तीसगढ़ ही एक ऐसा राज्य है, जहां भांजे को भगवान स्वरूप में पूजते हैं, उनका चरण पखारते हैं। उन्हें दंडवत होकर प्रणाम करते हैं। हमारी सरकार की श्रीराम लला दर्शन योजना से राज्य के 20 हजार से अधिक लोग अयोध्या में भगवान श्रीराम का दर्शन कर चुके हैं। मुख्यमंत्री साय ने आज बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर ये बातें कही।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हम लोग तातापानी संक्रांति परब में हर साल यहां आते हैं। पिछले साल जब हम लोग यहां आए थे, तब इस पावन स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी। परिणाम आप सबके सामने है, आज तस्वीर बहुत कुछ बदली-बदली सी नजर आ रही है। यहां विकास के काम तेजी से हुए हैं और लगातार हो ही रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। खासकर सरगुजा और बस्तर जिले में अनेक ऐसे सुंदर स्थान हैं, जो पूरी दुनिया के आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं। ऐसे स्थलों को चिन्हित कर पर्यटन स्थलों का विकास तेजी से कराया जा रहा है। तातापानी भी ऐसी ही जगहों में से एक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम इन सभी दर्शनीय स्थलों को पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करेंगे। इससे रोजगार और आय के अवसर बढ़ेंगे। अभी हम लोगों ने 177 करोड़ रुपये के 198 विकास कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन किया है। इनमें करीब 134 करोड़ रुपये की लागत के 140 कार्यों का भूमिपूजन और 43 करोड़ रुपये के 58 कार्यों का लोकार्पण शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नालंदा परिसर के निर्माण के लिए हम लोगों ने आज भूमिपूजन किया है, जिसके निर्माण से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को विशेष लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बलरामपुर कॉलेज में ऑडिटोरियम निर्माण की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत 300 बेटियों के हाथ पीले हुए हैं। उन्होंने सभी नवदंपतियों को आशीर्वाद देते हुए सभी के सुखमय गृहस्थ जीवन की मंगल कामना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तातापानी संक्रांति परब बलरामपुर-रामानुजगंज जिले का गौरव है। तातापानी दुनिया के उन चुनिंदा स्थानों में से एक है, जहां गर्म-पानी के कुंड के रूप में प्रकृति की शक्ति को प्रत्यक्ष देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि तातापानी संक्रांति परब का यह आयोजन समाज में एकता और सौहार्द का संदेश भी देता है। इस महोत्सव में लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों के साथ ही पतंगबाजी और आरागाही हवाई पट्टी पर पैरासेलिंग का आनंद भी आप लोग उठा पाएंगे। यहां किसान संगोष्ठी और पंच-सरपंच सम्मेलन भी होगा।
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Chhattisgarh: सुकमा और कोंडागांव जिले को मिली 500 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात, मुख्यमंत्री बोले- माओवादी कैंसर को समाप्त करना है, तो इसकी जड़ पर प्रहार करना जरूरी
Bastar News: माओवाद एक कैंसर की तरह है। कैंसर को समाप्त करना है, तो इसकी जड़ पर प्रहार करना जरूरी होता है। माओवादी बस्तर के कुछ इलाकों में जोंक की तरह चिपक गये थे और यहां के स्थानीय लोगों को डरा-धमका कर शोषण कर रहे थे। ये स्थल उनके सबसे सुरक्षित पनाहगाह थे। हमने माओवादियों की मांद में घुसकर उन पर हमले का निर्णय लिया। हमारे सुरक्षाबलों के जवानों के अदम्य साहस से हमने इन माओवादियों का मुकाबला किया और उनको धूल चटाई। बीते एक साल में विभिन्न मुठभेड़ों में हमारे सुरक्षाबलों ने 230 से अधिक माओवादियों को मार गिराया है। मुख्यमंत्री साय ने सुकमा जिले के मिनी स्टेडियम में विकास कार्यों के लोकार्पण शिलान्यास के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जिस पावन भूमि पर भगवान श्रीराम के पुण्य चरणों का स्पर्श हुआ। उस भूमि का मैं सादर अभिनंदन करता हूं।माओवादी हिंसा ने बस्तर संभाग के साथ ही सुकमा जिले को भी हिंसा की आग में झोंक दिया था। इससे सुकमा जिले का विकास बुरी तरह प्रभावित हुआ था। एक साल में हमारी सरकार ने सुकमा जिले के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये और इस पर तेजी से क्रियान्वयन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी कड़ी में आज हमने यहां 205 करोड़ रुपए के 137 कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन किया है। इन कार्यों में 39 करोड़ रुपए की राशि के 82 कार्यों का लोकार्पण एवं 166 करोड़ रुपए के 55 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है। इन कार्यों में सबसे महत्वपूर्ण कार्य सुकमा नगरपालिका में 83 करोड़ रुपए की लागत से जल प्रदाय योजना का भूमिपूजन है। इसके साथ ही 14 करोड़ रुपए की राशि से केरलापाल से पोंगाभेज्जी मार्ग के निर्माण का भूमिपूजन भी हमने किया। उन्होंने कहा कि सुकमा में खेल अधोसंरचना बेहतर हो, इसके लिए 11 करोड़ रुपए की लागत से हम स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बनाने जा रहे हैं। इसका भी हमने आज भूमिपूजन किया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुनियोजित रणनीति के तहत हमने माओवाद प्रभावित इलाकों में कैंपों का विस्तार किया और सुरक्षा का नेटवर्क विस्तृत किया। अब माओवादी बहुत सीमित इलाके में सिमट गये हैं और बौखलाहट में हैं। इसके चलते वे कायराना हरकत कर रहे हैं। माओवादियों द्वारा हमारे जवानों के काफिले पर आईईडी ब्लास्ट की घटना में जो जवान शहीद हुए, वे बस्तर के माटीपुत्र ही थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सुकमा की इस धरती पर हम सब पुनः संकल्प लेते हैं कि माओवाद को जड़ से नष्ट करेंगे। हमारे शहीद जवानों की शहादत का बदला लेंगे।
मुख्यमंत्री साय की मौजूदगी में दो एमओयू भी किए गए जिसमें पहला एमओयू जिला प्रशासन ने लाइवलीहुड कालेज में कौशल विकास हेतु आईटीसी प्रथम संस्था के साथ किया, जबकि दूसरा एमओयू जिला पंचायत द्वारा वेस्ट मैनजमेंट के लिए बस्तर जिले के एमआरएफ वेस्ट मैनेजमेंट के साथ किया गया। सुकमा की महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की मार्केटिंग हेतु आकांक्षा ब्रांड के नाम से नामकरण किया गया।
मुख्यमंत्री ने कोंडागांव जिले को दी 2 अरब 88 करोड़ 18 लाख रुपए के 168 विकास कार्यों की सौगात
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज कोंडागांव जिला मुख्यालय में आयोजित विकास कार्यों के लोकार्पण शिलान्यास समारोह में 288 करोड़ रुपए के 168 कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन किया है। इन कार्यों में 208 करोड़ रुपए की राशि के 130 कार्यों का लोकार्पण एवं 80 करोड़ रुपए के 38 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है। साथ ही इस मौके पर हम 58 लाख रुपए की राशि के हितग्राहीमूलक कार्यों के चेक और सामग्री भी वितरण भी किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में महिलाओं के बीच लोकप्रिय महतारी वंदन योजना के आने से 5 लाख महिलाओं ने डाकघर में मासिक बचत खाते आरंभ कर दिये हैं। यह केवल डाकघर के आंकड़े हैं। कुछ माताएं-बहनें अपनी राशि बैंक में जमा कर रही हैं। कुछ अपने बच्चों की शिक्षा में निवेश कर रही हैं। साथ ही अपने सपनों को भी पूरा कर रही हैं। यह महिलाओं की आर्थिक आजादी की योजना है। महिलाओं को आर्थिक ताकत देने से समाज का तेजी से विकास होता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारी सरकार की कृषि हितैषी नीतियों की वजह से किसान फिर से खेती में लौट आये हैं। इस बार 27 लाख से अधिक किसान भाइयों ने धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। पिछले साल यह आंकड़ा 24 लाख 75 हजार का था। कोंडागांव जिले में अब तक 40 हजार से अधिक किसान भाई अपना धान बेच चुके हैं और अब तक हम 552 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुके हैं। हमने कैबिनेट की पहली ही बैठक में 18 लाख प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये। लाखों लोगों का मकान का सपना पूरा हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोंडागांव जिले का विकास हम पूरी प्रतिबद्धता के साथ कर रहे हैं। दो महीने पहले जब मैं बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक में जगदलपुर आय़ा था तो क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने केशकाल घाटी में सड़क के जीर्णोद्धार की मांग रखी। दो महीने के भीतर ही इसका जीर्णोद्धार कराया गया। पहले केशकाल धूलों की घाटी बन गई थी, अब यह पुनः फूलों की घाटी बन गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोंडागांव जिला अपनी शिल्प कला के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है। यहां 1300 से अधिक शिल्पकार अपनी अद्वितीय कलाकृतियों का निर्माण करते हैं। इन कलाकृतियों को वैश्विक बाजार से जोड़ने आधुनिक तकनीक आवश्यक हैं। इसके लिए जिला प्रशासन ने इन्हें 3-डी प्रिंटिंग तकनीक से जोड़ने आईआईटी भिलाई के साथ एमओयू किया है। जिला प्रशासन द्वारा यूपीएससी, पीएससी एवं व्यापम जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग सुविधा प्रदान की जा रही है। यह बहुत अच्छी पहल है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारे कोंडागांव की बिटिया कुमारी हेमबती नाग को जूडो खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया, जो हम सभी के लिए गौरव की बात है।
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Dantewada: जहां कभी गोलियों की गूंज थी, वहां अब सुनाई देता है विकास का शंखनाद – मुख्यमंत्री साय
Dantewada: माओवादी खून खराबे और आतंक के पक्षधर हैं, हम विकास और सद्भाव के लिए काम कर रहे हैं। अब बस्तर की तस्वीर तेजी से बदल रही है। जहां कभी गोलियों की गूंज थी, वहां अब विकास का शंखनाद सुनाई देता है। जहां कभी बेकारी और लाचारी थी, वहीं इस जिले के ग्रामीण युवाओं को उच्च शिक्षा और रोजगार उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। हम माओवाद को जड़ से खत्म करके ही दम लेंगे। हमारे शहीद जवानों की शहादत बेकार नहीं जाने देंगे। मुख्यमंत्री साय ने आज दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल बचेली में आयोजित विभिन्न विकास कार्यों के लोकार्पण-शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में विकास का पहिया तेजी से घूम रहा है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी के विकसित भारत के सपनों को साकार करने के लिए हम विजन 2047 छत्तीसगढ़ के अंतर्गत विकासशील छत्तीसगढ़ को विकसित छत्तीसगढ़ बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल, बड़े बचेली में हमने 160 करोड़ रुपए के 501 कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन किया है। इनमें 49 करोड़ रुपए के 367 कार्यों का लोकार्पण और 112 करोड़ रुपए के 134 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है। साथ ही इस मौके पर हमने 114 करोड़ रुपए के हितग्राही मूलक कार्यों का चेक और सामग्री का वितरण भी कर रहे हैं। आज जिन बड़े विकास कार्यों का लोकार्पण हुआ है, उनमें गीदम ब्लाक के छिन्दनार से बड़ेकरका मार्ग पर 33 करोड़ रुपए का पुल, जिले के सभी विकासखंडों में एक करोड़ रूपये से बने पुल-पुलिया, गीदम, कुआकोंडा, कटेकल्याण मार्ग का चौड़ीकरण और मजबूतीकरण शामिल है।इसके अलावा मोर मकान-मोर आवास के अंतर्गत सवा सात करोड़ रूपये की लागत से 321 हितग्राहियों के लिए बने पक्के मकानों की चाबी भी हमने सौंपी है। जलावर्धन और जलशोधन संयंत्र स्थापना के लिए किरंदुल में करीब 45 करोड़ और बारसूर में 15 करोड़, दंतेवाड़ा में अंतरराज्यीय बस स्टैंड और दंतेवाड़ा जिले के सभी विकासखंडों में आश्रम भवन निर्माण कार्यों के लिए हमने अभी भूमिपूजन किया है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आप सबको पता है कि हमारी सरकार ने सुशासन के एक साल पूरे कर लिये हैं। इस एक साल के दौरान मोदी जी की गारंटी को हमने पूरी गारंटी के साथ पूरा किया है। हमारी सरकार ने पहली बार बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया जिसमें करीब 1 लाख 65 हजार लोगों ने भाग लिया। इस आयोजन की सराहना यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने मन की बात में भी की। हमारी सरकार गांव-गरीब और किसानों के हित में लगातार काम कर रही है। तेंदूपत्ता संग्राहकों को हमारी सरकार 4 हजार रुपए से बढ़ाकर साढ़े 5 हजार रुपए प्रति मानक बोरा दे रही है। इससे वनवासियों के जीवन स्तर में बदलाव दिखने लगा है। नियद नेल्लानार योजना अंतर्गत जिले के चिन्हित सभी 765 किसानों को 48 लाख रूपये का पावर स्प्रेयर, 1 करोड़ 70 लाख रुपए की लागत से पॉवर ट्रिलर जल्द ही वितरण करने की तैयारी कृषि विभाग ने की है। नियद नेल्लानार योजना के तहत 1200 परिवारों को निःशुल्क मोबाइल फोन का वितरण किया जा रहा है। इससे दूरस्थ अंचल के ग्रामीण मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे। सुदूर अंचल के क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए जन सुविधा एक्सप्रेस अभियान के तहत करीब 4 करोड़ रुपए की लागत से 37 वाहन महिला समूहों और युवा संगठनों के माध्यम से संचालित हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यहां माता-बहनों की बड़ी संख्या में उपस्थिति है। यह इस बात का प्रमाण है कि इनके खाते में हर महीने एक-एक हजार रूपये सांय-सांय जा रहा है। अभी हाल ही में हमने इस साल के पहले दिन ही माता-बहनों के खाते में रूपये जमा कराया। इससे महिला सशक्तिकरण को बल मिला है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारी सरकार गांव-गरीब और किसानों के हित में लगातार काम कर रही है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने अंत्योदय के विकास का जो सपना देखा था। उसे हम सब मिलकर पूरा करने में जुटे हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी का सपना है कि कोई भी भारतीय खुले आसमान के नीचे नहीं सोएगा। हर नागरिक का पक्का मकान होगा। इसी कड़ी में हमारी सरकार बनते ही हमने 18 लाख से अधिक प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति दी। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 3 लाख 88 हजार आवासों की स्वीकृति पुनः प्रदान की है।
मुख्यमंत्री साय ने आवास प्लस का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2024 में बहुत से लोग आवास योजना के लाभान्वित होने से वंचित हुए थे इसके साथ ही वाहन, आय और भूमि संबंधी अन्य संसाधनों होने के साथ ही वे आवास योजना के दायरे से बाहर में थे उनके लिए आवास प्लस योजना के तहत सर्वे कार्य प्रारंभ किया गया हैं। और शीघ्र ही उन्हें सूची में जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि वहीं 2.5 एकड़ सिंचित एवं 5 एकड़ असिंचित भूमि वाले किसान भी आवास योजना के लाभार्थी होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई संसाधन और सड़कों के रखरखाव पर फोकस करते हुए अंतिम छोर के व्यक्ति तक सुशासन पहुंचाने प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि दन्तेवाड़ा जिला खनिज सम्पदा और जैविक कृषि में अग्रणी जिला है। अतः क्षेत्र के सर्वांगीण विकास हेतु राज्य शासन प्रतिबद्ध है। शीघ्र ही जिले में वन्य प्राणी के संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से ’’जू पार्क” (चिड़ियाघर ) का निर्माण भी किया जाएगा। इसके अलावा जैविक कृषि को महत्व देने के लिए सभी लेम्पस और राशन दुकानों में जैविक खाद उपलब्ध किए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री साय ने दान-पुण्य के महापर्व छेरछेरा और मकर संक्रांति की सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
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